*धान प्रसंस्करण और कृषि अपशिष्ट से बायोफ्यूल निर्माण तकनीकों पर आधारित प्रदर्शनी में फ़ूड टेक्नोलॉजी कॉलेज, रायपुर के छात्रों ने की सहभागिता
-इंडिया ग्रैंड मेक एक्सपो 2025 में विद्यार्थियों ने जानी आधुनिक तकनीकें और नवाचार के अवसर
रायपुर । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कॉलेज ऑफ़ फ़ूड टेक्नोलॉजी, रायपुर के छात्र-छात्राओं ने 7-8 नवम्बर 2025 को आयोजित India Grand Mech Expo 2025 में भाग लेकर खाद्य प्रसंस्करण, धान प्रसंस्करण तकनीक तथा कृषि अपशिष्ट से जैव ईंधन (बायोफ्यूल) उत्पादन की अत्याधुनिक तकनीकों का अवलोकन किया। यह प्रदर्शनी श्री राम बिज़नेस पार्क, विधानसभा रोड, रायपुर में आयोजित की गई थी, जिसमें देशभर से अनेक प्रतिष्ठित कंपनियों, तकनीकी संस्थानों और नवाचार स्टार्टअप्स ने भाग लिया।
इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य किसानों, वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों को कृषि-आधारित उद्योगों की नई तकनीकों से परिचित कराना तथा कृषि अपशिष्ट के उपयोग से स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन जैसे विषयों पर जागरूकता बढ़ाना था। एक्सपो में धान प्रसंस्करण (Paddy Processing Technology), खाद्य गुणवत्ता नियंत्रण, मशीनरी स्वचालन, ऊर्जा दक्षता, और कृषि अपशिष्ट से बायोफ्यूल उत्पादन (Biofuels from Agri Waste) जैसे विषयों पर विशेष प्रदर्शनियां लगाई गईं।
खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने आधुनिक मिलिंग यूनिट्स, पैडी क्लीनिंग एवं पॉलिशिंग मशीनें, ड्रायर सिस्टम, खाद्य अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकें तथा बायोफ्यूल निर्माण संयंत्रों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। उन्होंने विशेषज्ञों से इन तकनीकों की कार्यप्रणाली, लागत, ऊर्जा बचत और पर्यावरणीय लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने तकनीकी कंपनियों के प्रतिनिधियों और स्टार्टअप संस्थापकों से संवाद किया तथा कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उपलब्ध नए रोजगार एवं उद्यमिता के अवसरों पर चर्चा की। कई विद्यार्थियों ने इस विज़िट को अपने भविष्य के करियर निर्धारण के लिए प्रेरणादायक बताया।
पूरे आयोजन में कॉलेज के संकाय सदस्यों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें विभिन्न तकनीकी प्रदर्शनों की विस्तृत जानकारी दी। प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक के विद्यार्थियों ने इस विज़िट में सक्रिय भागीदारी की और पूरे अनुशासन के साथ कार्यक्रम को सफल बनाया।
कार्यक्रम के समापन पर विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस तरह के भ्रमण ने उन्हें कृषि एवं खाद्य उद्योग की व्यावहारिक आवश्यकताओं की समझ दी। उन्होंने विशेष रूप से कृषि अवशिष्ट पदार्थों से जैव ईंधन निर्माण जैसी तकनीकों को भविष्य के लिए अत्यंत उपयोगी और पर्यावरण-अनुकूल बताया। यह शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति और तकनीकी दृष्टिकोण के विस्तार के लिए एक लाभप्रद होगी।










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