ब्रेकिंग न्यूज़

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की दी शुभकामनाएं
 रायपुर ।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि हम प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं। यह दिन मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य और बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। प्रकृति के अनियंत्रित दोहन से पर्यावरण के साथ-साथ जीवन के लिए भी संकट उत्पन्न हो रहा है। अब समय आ गया है कि अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए हम संजीदगी से पर्यावरण को बचाने की दिशा में सोचें और अधिक काम करें, अन्यथा आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ हवा मिलना भी दुष्कर हो जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि यह गर्व और खुशी की बात है कि पिछले साढ़े चार सालों में लगातार छत्तीसगढ़ ने देश के स्वच्छतम राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है। हरित छत्तीसगढ़ का गठन करने वाला यह देश का पहला राज्य है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ बेहद जागरूक और गंभीर है। राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई कदम उठायें हैं। जंगलों को बचाए रखने के लिए लगातार वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में वृक्षारोपण को शामिल कर किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। नदियों के किनारे, जंगलों, गौठानों में बड़े स्तर पर पेड़ लागए गए हैं। शहरी क्षेत्रों में वृक्षारोपण को जन अभियान बनाने के लिए कृष्ण-कुंज विकसित करने की पहल की गई है। वनांचल में वनवासियों की जरूरत के मुताबिक पौध रोपण कराने का निर्णय लिया गया है। वनाधिकार पट्टे, फलदार वृक्ष, और लघु वनोपजों के संग्रहण को प्राथमिकता दी जा रही है जिससे जंगल भी सुरक्षित रहें।
श्री बघेल ने कहा है कि धरती की उर्वरता और भूजल स्तर को बचाए रखने के लिए सुराजी गांव योजना संचालित की जा रही है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे रासायनिक खेती की जगह जैविक खेती को बड़े स्तर में लोग अपनाने लगे हैं। जैविक खेती सेे पौष्टिक आहार लोगों को मिलने लगा है और मिट्टी की गुणवत्ता भी संरक्षित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक जल स्त्रोतों और नालों के संरक्षण के लिए नरवा विकास का काम किया जा रहा है, जिससे भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है। अरपा और इंद्रावती जैसी नदियों को बचाए रखने के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है। शहरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं ताकि प्रदूषित पानी शुद्ध होकर नदियों तक पहुंचे। उद्योगों पर निगरानी के लिए ऑनलाईन व्यवस्था बनाई गई है। राज्य में अब पराली नहीं जलाई जाती बल्कि चारे के रूप में उसका उपयोग किया जाता है। ठोस अपशिष्टों को खुले में जलाना प्रतिबंधित किया गया है। जैव विविधता के संरक्षण के लिए जैव विविधता बौर्ड का गठन कर अनेक नवाचार किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें वृक्षों को कटने से बचाने के साथ-साथ अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। जिससे हम प्रदूषण रहित स्वस्थ छत्तीसगढ़ और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दे सकें।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english