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 नवीन आपराधिक कानूनों को लेकर पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र राजनांदगांव में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
 
-नवीन कानून को लेकर पुलिस कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण 
- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में हुये बदलाओं के संबंध में दी गई जानकारी। 
- पुलिस पदाधिकारियों को नये कानून की बारीकियों से प्रशिक्षण में कराया अवगत
-1 जुलाई 2024 से कानून में हो रहे बदलाव पर पुलिसकर्मियों को दी गई ट्रेनिंग 
- पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव श्री मोहित गर्ग के निर्देशन पर दिया गया प्रशिक्षण 
- राजनांदगांव जिले के लगभग 150 अधिकारी/कर्मचारी रहे उपस्थित  
  - राजनांदगांव  । एक जुलाई 2024 से देश में लागू होने जा रहा है तीन नए क्रिमिनल लॉ यानी इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएंगे. इन सभी धाराओं से संबंधित मामलों को लेकर दिनांक 05  जून एवं 16 जून को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र राजनांदगांव में किया गया।
 पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव श्री मोहित गर्ग के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) श्री मुकेश ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव श्री राहुल देव शर्मा के मार्गदर्शन में जीपी श्री नारायण कनौजे, सिनियर एडीपीओं श्री निखिल शुसमुकर, एफएसएल दुर्ग से आये शशांक द्विवेदी, आईरेड डिस्टिक मैनेजर श्री अरूण सोनी, राजनांदगांव सीसीटीएनएस से प्रधान आरक्षक हिरेन्द्र साहू, डीसीआरबी शाखा फिंगरप्रिंट से आर0 कमलजीत सिंह, सायबर सेल से सउनि. सुमन कर्ष, आर0 हेमंत साहू द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में पुलिस को सशक्त करने के लिये प्रक्रियाओं में लाये गये सुदृढ़ता को बताया गया जिसके तहत एफआईआर से लेकर ऑनलाईन शिकायत जांच, गिरफ्तारी अन्य प्रक्रियाओं को भी बताया गया। भारतीय संहिता में हुये मूल परिर्वतन को बताते हुये कहा की भारतीय न्याय संहिता सभी वर्गो के लिये न्याय सुनिश्चित करेगी जिसमें नवीन अपराध, झपटमारी, देशद्रोह, संगठित अपराध जैसे विभिन्न अपराधों को समावेश पर प्रकाश डाला और पहली बार किसी अपराध में सामुदायिक सेवाओं को न्याय में शामिल करने पर किया जाना बताया गया। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में साक्ष्यों के रूप में इलेक्ट्रानिक दस्तावेज, इलेक्ट्रानिक उपकरण एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों पर अधिक बल देने हेतु न्याय की प्रक्रिया को प्रमुखता से सुनिश्चित करने वाला पहल बताये, तीनों नये कानून में पुलिस को सुदृढ़ करने के लिये उदाहरण के माध्यम से प्रक्रियाओं को पीपीटी के माध्यम से अनुसंधानकर्ताओं को नए आपराधिक कानूनों को धाराओं और सजा से अवगत कराया गया एवं उनको जागरूक कर उनकी क्षमता को विकसित कर प्रभावी कार्य करने के लिए समस्त अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। 
   उपरोक्त कार्यक्रम में अतिरित पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) राजनांदगांव श्री मुकेश ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राहुल देव शर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेन्द्र नायक, रक्षित निरीक्षक श्री लोकेश कुमार कसेर एवं थाना/चौकी प्रभारीगण सहित लगभग 150 अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

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