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  कुंदरू के सेवन से बढ़ती है इम्युनिटी, कई रोगों के उपचार में भी है सहायक
 कुंदरू एक ऐेसी सब्जी है  जो बड़े ही चाव से खाई जाती है। कुंदरू कई औषधीय गुणों से भरपूर है। इस सब्जी के सेवन से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है।  इसमें कफ और पित्त को नियंत्रित करने वाले गुण होते हैं। त्वचा रोगों और डायबिटीज जैसी बीमारियों में इसके सेवन को फायदेमंद बताया गया है।  
  प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने पर कई तरह के रोग उत्पन्न होने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में कुंदरू का सेवन कर शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए कुंदरू में मौजूद विटामिन-ए फायदेमंद हो सकता है। विटामिन-ए सकारात्मक रूप से इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। इसलिए, कुंदरू के फायदे इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं।
  किडनी स्टोन- किडनी स्टोन को दूर करने के लिए कुंदरू का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, कुंदरू में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। कैल्शियम पाचन तंत्र में स्टोन के बनने की सभी आशंकाओं को कम कर सकता है।
 हृदय के लिए -कुंदरू अनेक पौष्टिक गुणों से समृद्ध होता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। कुंदरू में विभिन्न प्रकार के फ्लेवोनोड्स पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और मुख्य रूप से कार्डियो प्रोटेक्टिव गतिविधि की तरह काम करते हैं। ये ह्रदय रोग का कारण बनने वाले फ्री-रेडिकल्स को जड़ खत्म करते हैं ।
 वजन घटाने में फायदेमंद -वजन को घटाने के लिए कुंदरू का उपयोग किया जा सकता है। कुंदरू में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो वजन को कम करने में सहायक हो सकता है फाइबर भोजन को पचाने के साथ-साथ भूख को शांत रख सकता है । इसलिए, कुंदरू के फायदे वजन कम करे में नजर आ सकते हैं।
-थकान- कई लोगों को किसी भी तरह का काम करने पर जल्दी थकान महसूस होने लगते है। थकान की समस्या से राहत पाने में आयरन सहायक हो सकता है । वहीं, कुंदरू में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है, इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि कुंदरू थकान को दूर करने का काम कर सकता है  ।
  सिरदर्द - से आराम पाने में आप कुंदरू का उपयोग कर सकते हैं। जब भी सिरदर्द हो तो कुंदरू की जड़ को पीसकर माथे पर लगाएं। यह सिरदर्द दूर करने में मदद करता है। 
 कान दर्द  -  आयुर्वेद के अनुसार कुंदरू में मौजूद औषधीय गुण कान के दर्द से आराम दिलाने में सहायक है। विशेषज्ञों का कहना है कि कान दर्द होने पर कुंदरू के पौधे के रस में सरसों का तेल मिलाकर 1-2 बूँद कान में डालें। इससे कान दर्द से आराम मिलता है। 
 जीभ के घाव- आयुर्वेद में जीभ पर छाले होने की समस्या को ठीक करने के लिए कई घरेलू उपाय बताए हैं उनमें से कुंदरू का उपयोग करना भी एक है। अगर आपकी जीभ पर छाले निकल आए हैं तो कुंदरू के हरे फलों को चूसें। इससे छाले जल्दी ठीक होते हैं। 
 सांस की नली की सूजन - कुंदरू की पत्तियां और तने का काढ़ा बनाकर पीने से सांस की नली की सूजन दूर होती है। इसके अलावा इसे पीने से सांस से जुड़ी बीमारियां में भी लाभ मिलता है।  
 आंत के कीड़े-  आंतों में कीड़े पडऩा एक आम समस्या है और बड़ों की तुलना में बच्चे इस समस्या से ज्यादा परेशान रहते हैं। कुंदरू के पेस्ट से पकाए हुए घी की 5 ग्राम मात्रा का सेवन करने से आंतों के कीड़े खत्म होते हैं।  
 डायबिटीज-  कुंदरू के सेवन से डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
 गठिया का  दर्द -  गठिया के मरीज, जो घुटनों या जोड़ों में दर्द और सूजन से अक्सर परेशान रहते हैं तो कुंदरू का उपयोग करें। कुंदरू की जड़ को पीसकर जोड़ों पर लगाएं। ऐसा करने से दर्द और सूजन में लाभ मिलता है। 
  बुखार -  बुखार होने पर तुरंत दवा खाने की बजाय पहले घरेलू उपाय अपनाने चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि कुंदरू की जड़ और पत्तियों को पीसकर इसका रस निकाल लें। इस रस को पूरे शरीर पर लेप के रूप में लगाने से  बुखार में आराम मिलता है।
(नोट- कोई भी उपाय करने से पहले एक बार योग्य चिकित्सक की अवश्य सलाह लें) 
  

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