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 कोरोना काल में  अमृत  के समान है ये 4 औषधि, इम्यूनिटी बढ़ाकर कम करती है रोगों के होने की संभावना
दुनिया में कोरोना वायरस महामारी फैली है। इस वायरस से लडऩे का एक मुख्य उपाय है कि सेहतमंद रहा जाए और और संक्रमण के खिलाफ अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाए। आयुर्वेद चिकित्सा की प्राचीन व भरोसेमंद पद्धति है। यह उन तरीकों पर बल देती है, जिनसे एक सेहतमंद प्रतिरक्षा प्रणाली बनाए रखने के लिए शरीर को मजबूत करते हैं। औषधियों व प्राकृतिक अवयवों से प्राप्त किए गए तत्व न केवल आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, अपितु आपकी रोगों से लडऩे की शक्ति बढ़ाते हैं।
 आयुर्वेद के अनुसार शरीर की संपूर्ण शक्ति (बल और ओजस) को पर्याप्त व्यायाम, पूरी नींद, सेहतमंद जीवनशैली व अच्छे पोषण द्वारा मजबूत किया जा सकता है। आयुर्वेदिक लेख शुद्ध औषधियों एवं जड़ी-बूटियों तथा शरीर की संक्रमण से लडऩे की प्राकृतिक क्षमता को मजबूत करने के लिए दिए जाने वाले रसायनों को लेने का परामर्श देते हैं। इन दवाईयों के स्वास्थ्य को अतिरिक्त फायदे होते हैं। ये शरीर को नई उर्जा प्रदान करती हैं, तनाव को कम करती हैं, स्मरण शक्ति, समझ-बूझ को बढ़ाती हैं तथा शरीर में बल, ऊर्जा व शक्ति का संचार करती हैं।
 मौजूदा समय में जड़ी बूटियों से बनी औषधियों को लिया जाना जरूरी है, जो संपूर्ण सेहत में प्राकृतिक तरीके से सुधार करती हैं। यहां हम आपको ऐसी 5 औषधियों के बारे में बता रहे हैं, जो कोरोना काल में आपको संक्रमण से बचाएंगी।
 1. गिलोय- 
गिलोय या गुडुची (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) को 'अमृत' भी कहते हैं। यह अनेक तरह के संक्रमण एवं बुखार को रोकने के लिए आयुर्वेद का बृह्मास्त्र है। यह औषधि तनाव, बार-बार बीमार पडऩे एवं संक्रमण के कारण कमजोर हो चुके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर रोगों से लडऩे की शक्ति बढ़ाती है। इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण शरीर को इन्फ्लेमेशन से आराम देते हैं, जो पैथोजंस के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा कमजोर होने का मुख्य कारण होता है।
 2. तुलसी- 
तुलसी (ओकिमम सैंक्टम) इसे 'जड़ी बूटियों की रानी' भी कहते हैं। यह आयुर्वेद में एक बहुत ही सम्माननीय औषधि है। इसके अनेक चिकित्सीय फायदे हैं। आधुनिक शोध से पता चलता है कि तुलसी आम पैथोजंस, जैसे बैक्टीरिया, वायरस एवं फंगस को दूर करती है। तुलसी संक्रमण करने वाले इन तत्वों के खिलाफ शरीर को मजबूत करती है और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनाती है। तुलसी सांस प्रणाली के अंगों को मजबूत करती है और कोशिकाओं द्वारा उत्सर्जित किए जाने वाले प्रो-इन्फ्लेमेटरी पदार्थों को संतुलित कर इन्फ्लेमेशन को कम करती है।
 3. आंवला 
आंवला या आमला (एम्ब्लिका ऑफिशिनलिस) इसे वंडरबेरी भी कहते हैं। यह आयुर्वेद के सर्वश्रेष्ठ रसायनों में एक है। पूरी दुनिया में सुपरफूड के रूप में सम्मानित आमला में विटामिन सी एवं अन्य प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एंटीऑक्सीडेंट वायरस को बढऩे से रोकते हैं, वायरस का तेजी से प्रसार रोकते हैं तथा वायरस के कारण होने वाले ऑक्सीडेसिव नुकसान को कम करते हैं। आमला सर्वश्रेष्ठ एंटीऑक्सीडेंट्स में से एक है, जो आपको सेहतमंद एवं वायरल संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद करता है।
 4. अश्वगंधा- 
अश्वगंधा (विदानिया सॉम्नीफेरा) को भारतीय जिनसंग भी कहते हैं। आयुर्वेद के विशेषज्ञ इसे बलवर्धक टॉनिक एवं प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने वाला रसायन मानते हैं। अश्वगंधा संक्रमण व बीमारियों से लडऩे की शरीर की शक्ति को मजबूत करता है। यह शरीर के ऊतकों व ओजस को पोषण प्रदान करता है। क्लिनिकल अध्ययनों में सामने आया है कि अश्वगंधा वजन बढ़ाने, शरीर का पोषण बढ़ाने, हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने, पेशियों की शक्ति बढ़ाने व सामथ्र्य बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत कर संक्रमण व संक्रमण से उत्पन्न समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
 सदियों से आयुर्वेद शुद्ध जड़ी बूटियां एवं विभिन्न जड़ी-बूटियों के मिश्रण रसायन के रूप में लेते रहने का सुझाव देता आया है। इन प्राचीन, जांची परखी एवं भरोसेमंद औषधियों को लेने से आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी और आपको संक्रमण से लडऩे में मदद मिलेगी।

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