शरीर को उर्जा प्रदान करने में ग्लूकोज़ का अहम रोल होता है। ग्लूकोज़ की संतुलित मात्रा का होना हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। ग्लूकोज़ को शुगर भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है, जिसके साथ मोनोसेकेराइड फ्रक्टोज (Monosaccharide Fructose), गैलेक्टोज (Galactose) और राइबोज (Ribose) भी पाए जाते हैं। हमारे शरीर को मिलने वाली उर्जा का सबसे अहम स्रोत ग्लूकोज़ होता है। ग्लूकोज़ शरीर में कार्बोहाइड्रेट के रूप में जाता है जिसके बाद हमारे शरीर का पाचन तंत्र इसे ग्लूकोज़ के रूप में ब्लड तक पहुंचाता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि हमारे शरीर में ग्लूकोज़ का क्या काम है? शरीर में ग्लूकोज़ कैसे बनता है? स्वस्थ शरीर के लिए ग्लूकोज़ की कितनी मात्रा जरुरी है? ग्लूकोज़ की कमी से किस प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं और शरीर में इसका स्तर बढ़ने से क्या समस्याएं जन्म लेती हैं?
शरीर में ग्लूकोज का काम
जैसा कि आप जानते हैं कि शरीर को सही ढंग से काम करने के लिए इसे एनर्जी की आवश्यकता होती है। शरीर को हेल्दी रखने के लिए ब्लड शुगर यानि ग्लूकोज़ का स्तर संतुलित होना बेहद जरुरी होता है। हम जब कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो शरीर का पाचन तंत्र इंसुलिन की सहायता से ग्लूकोज़ बनाता है और इसे खून में भेज देता है। शरीर में ब्लड शुगर (ग्लूकोज़) ही हमें हमेशा उर्जावान बनाये रखने में मदद करता है। शरीर को उर्जावान बनाये रखने के अलावा ग्लूकोज़ का उपयोग शरीर में कई अन्य मॉलिक्यूल्स के निर्माण में भी होता है। ग्लाइकोप्रोटीन कोलेजन जैसे मॉलिक्यूल्स के निर्माण में भी ग्लूकोज़ का उपयोग हमारा शरीर करता है। हमारे शरीर में ग्लूकोज़ के कई प्रकार के ट्रांसपोर्टर्स होते हैं जिन्हें सोडियम-निर्भर ट्रांसपोर्टर्स (SGLTs) और सोडियम-इंडिपेंडेंट ट्रांसपोर्टर्स (GLUT) के नाम से जाना जाता है। इनका काम शरीर के अलग-अलग अंगों तक ग्लूकोज़ को पहुंचाना होता है। शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा कम या अधिक होने पर कई प्रकार की बीमारियां भी होने लगती हैं।
हमारे शरीर में ग्लूकोज़ के कुछ प्रमुख काम इस प्रकार हैं-
-कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज्म (Carbohydrate Metabolism)- कार्बोहाइड्रेट में ग्लूकोज़, फ्रक्टोज और गैलेक्टोज पाए जाते हैं। इसमें ग्लूकोज का स्तर लगभग 80 प्रतिशत होता है। कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज्म को संतुलित बनाये रखने में ग्लूकोज़ की अहम भूमिका होती है।
-एनर्जी और स्टेमिना (Energy and Stamina)- शरीर में एनर्जी और स्टेमिना बनाये रखने के लिए ग्लूकोज़ यानि कि ब्लड शुगर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ग्लाइकोजिन की मांशपेशियों में मौजूदगी हमारे शरीर की स्टेमिना को बनाये रखती है।
-हार्ट (Heart)- शरीर की तमाम आवश्यक प्रक्रियाओं जैसे हृदयगति, श्वसन प्रणाली को सुचारु रूप से काम करने के लिए ग्लूकोज़ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
-शरीर का तामपान (Body Temperature)- मांशपेशियों में पाया जाने वाला ग्लाइकोजिन शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। इसकी मौजूदगी शरीर के तापमान को संतुलित बनाए रखती है।
-यकृत (Kidney)- किडनी का ग्लूकोज़ के स्तर को नियंत्रित करने में अहम रोल होता है। ग्लूकोज़ के स्तर को नियंत्रित रखने के साथ ही यह ग्लूकोज़ की संतुलित मात्रा होने पर सही तरीके से काम करता है।
कैसे बनता है शरीर में ग्लूकोज़ (Glucose Production in Body)
शरीर में ग्लूकोज़ कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा वाले पदार्थों के सेवन से बनता है। जब हम इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो हमारा शरीर इसे पचा कर ग्लूकोज़ के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करता है। हमारे पेट में मौजूद एसिड की सहायता से पाचन तंत्र भोजन से स्टार्च और शुगर को ग्लूकोज़ में परिवर्तित करने का काम करता है। आंतों द्वारा इसे अवशोषित कर ब्लड में भेजा जाता है जिसके बाद यह शरीर के सभी अंगों में पहुंचता है।
स्वस्थ शरीर में ग्लूकोज़ की सही मात्रा
शरीर में ब्लड शुगर या ग्लूकोज़ का स्तर सामान्य, अधिक या कम हो सकता है। हमारे शरीर में ग्लूकोज़ का स्तर कई चीजों पर निर्भर करता है, ग्लूकोज़ के स्तर या शरीर में उसकी मात्रा हमारे खानपान पर निर्भर करती है। सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में ग्लूकोज़ का स्तर 90 to 130 mg/dL होना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में ग्लूकोज़ का स्तर 140 mg/dL (7.8 mmol/L) से कम होना सामान्य माना जाता है। बॉडी में ग्लूकोज़ का स्तर कई वजह से कम या ज्यादा हो सकता है लेकिन इसका लगातार कम या ज्यादा हो जाना कई बीमारियों को जन्म देने वाला होता है। सामान्य रूप से शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा इन कारणों से प्रभावित हो सकती है
असंतुलित भोजन
शारीरिक गतिविधि
दवाएं
उम्र
तनाव
पानी की कमी
बीमारी का होना
मासिक धर्म
शराब का सेवन
शरीर में ग्लूकोज़ की कमी से होने वाली समस्याएं
शरीर में ग्लूकोज़ की कमी की स्थिति को हाइपोग्लाइकेमिया (hypoglycaemia) कहा जाता है। यह स्थिति आमतौर पर ज्यादा खतरनाक मानी जाती है। हाइपोग्लाइकेमिया अधिकतर पहले से डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ही होता है।
ब्लड शुगर या ग्लूकोज़ के कम होने के कारण
दवा के प्रभाव (बहुत अधिक इंसुलिन लेने पर)
भोजन की अनियमितता
पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट वाका सेवन न करना
शराब का अधिक सेवन
शरीर में ग्लूकोज़ की कमी होने से कई प्रकार की समस्याएं जन्म लेने लगती हैं। ग्लूकोज़ की कमी होने पर इसके लक्षण समय के साथ बदलते रहते हैं। शुरुआत में लोगों को कुछ इस प्रकार की समस्याएं होती हैं
पसीना आना
थकान महसूस करना
सिर चकराना
झुनझुनाहट या कंपकपी होना
दिला की धड़कन का अचानक बढ़ना
व्यवहार में परिवर्तन
पीलापन
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
नींद अधिक आना
शरीर में ग्लूकोज़ की कमी दूर करने के तरीके
शरीर में ब्लड शुगर या ग्लूकोज़ की कमी होने पर चिकित्सक की देखभाल में इलाज करना बेहद जरुरी होता है। इसके अलावा हमारे खानपान का भी असर ग्लूकोज़ की मात्रा पर पड़ता है। कार्बोहाइड्रेट और सुगर की अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से इस समस्या को कम किया जा सकता है। शरीर में ग्लूकोज़ की कमी दूर करने के लिए आप इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं-
रोटी, चावल
पास्ता
हरी सब्जियां
मछली, मांस
पनीर और पीनट बटर
अंडा
आम
अंगूर
शहद
खजूर
खीरा
चुकंदर
शरीर में ग्लूकोज़ की अधिकता के नुकसान
शरीर में ग्लूकोज़ या ब्लड शुगर की मात्रा अधिक हो जाने की स्थति को हाइपरग्लाइसेमिया (Hyperglycemia) कहते हैं। इस स्थिति में हमारे शरीर के अन्दर कई गंभीर समस्याएं जन्म ले सकती है। शरीर में ग्लूकोज़ लेवल बढ़ने के निम्न कारण हो सकते हैं
समय पर इंसुलिन न लेना
अधिक कार्बोहाइड्रेट का सेवन
इन्फेक्शन या बीमारी के समय
चिंता और अवसाद
शारीरिक गतिविधि का कम होना
असंतुलित खानपान
अधिक शराब का सेवन
शरीर में ग्लूकोज़ की अधिकता होने पर आपके शरीर में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं
प्यास का बढ़ना
लगातार पेशाब आना
थकान
उल्टी
साँसों की कमी
पेट दर्द
गला सूखना
दिल की धड़कन बढ़ जाना
इस तरह आप सही खानपान, सही लाइफस्टाइल के साथ-साथ अपने ग्लूकोज लेवल पर नजर रखकर एक स्वस्थ और सेहतमंद जीवन जी सकते हैं।
Leave A Comment