दस्त और खूनी बवासीर में सेमल का सेवन है फायदेमंद
बसंत के आगमन के साथ ही सेमल के पेड़ों पर लाल- लाल दहकते अंगारों की तरह बड़े-बड़े फूल आते हैं। ये न केवल देखने में खूबसूरत होते हैं, बल्कि इसका कई बीमारियों के उपचार में भी उपयोग किया जाता है।
सेमल या कॉटन ट्री एक औषधीय पेड़ है, जिसकी छाल, जड़ और फूल कई बीमारियों को दूर करने में सहायक है। सेमल को सिल्क कॉटन ट्री और शाल्मली भी कहा जाता है। इसके अलावा इससे रूई भी प्राप्त होती है, जिसका इस्तेमाल तकिया या गद्दे बनाने में किया जाता है।
सेमल के स्वास्थ्य के लिए कई फायदे हैं-
1.दस्त - सेमल के पत्तों और डंठल का काढ़ा बनाकर पीने से राहत मिलती हैं। .
2. मुंह के घालों और घाव भरने में सेमल के तने से निकलने वाला गोंद या जिसे मोचरत कहते हैं, के चूर्ण का सेवन फायदेमंद होता है।
3. खूनी बवासीर में सेमल के फूल, मिश्री, खसखस को बराबर मात्रा में दूध में मिलाकर और उसे गर्म किया जाता है। फिर इसे ठंडा कर पीने से राहत मिलती है।
4. ल्यूकोरिया या व्हाइट डिसचार्ज में भी सेमल फायेदमंद है।
5. सेमल एक ऐसा औषधीय पेड़ है, जो खांसी से लेकर पित्त की पथरी में भी फायदेमंद है।
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