कार्बाइड केमिकल से पकाया केला तो नहीं खा रहे आप? इन तरीकों से करें पहचान
त्योहारों के मौसम में जैसे-जैसे चीजों की मांग बढ़ती है, वैसे ही मिलावट भी तेजी से की जाती है। त्योहारी मौसम में लोग व्रत रखते हैं, तो फलों की मांग ज्यादा होती है। खासकर हर व्रत में केला जरूर खाया जाता है। क्योंकि केला एक सुपरफूड है और इसे खाने से पूरा दिन शरीर को एनर्जी मिलती है। लेकिन समस्या यह है कि मांग बढ़ने के कारण केले को जल्दी पकाने के लिए कार्बाइड केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। कार्बाइड केमिकल से पकाए गए केले का सेवन किया जाए, तो कई बीमारियों की वजह बन सकता है। यही कारण है आज इस लेख के माध्यम हम आपको बताने जा रहे हैं बाजार में मिलने वाले केले को कार्बाइड केमिकल से पकाया गया है या नहीं इसकी पहचान कैसे की जा सकती है, ताकि आप अपने परिवार और खुद को मिलावट से जहर से बचा सकें।
-पहला तरीका
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केले को कार्बाइड केमिकल से पकाया गया है या नहीं इसे समझने के लिए रंग पर ध्यान देना जरूरी होता है। अगर केले का छिलका पूरी तरह से चिकना और हल्के पीले रंग का और उस पर हल्का हरा रंग नजर आ रहा है, तो यह कार्बाइड या अन्य किसी केमिकल से पकाए गए केले की पहचान का पहला तरीका है। वहीं, प्राकृतिक तरीके से केले के Carbide-banana-inside छिलके गाढ़े पीले रंग का होता है और उस पर काले धब्बे दिखाई देते हैं।
दूसरा तरीका
कार्बाइड केमिकल से पकाए गए केले काफी ठोस और आंखों लुभाने वाले होते हैं। वहीं, प्राकृतिक तरीके से पकने वाले केले थोड़े डल नजर आते हैं।
तीसरा तरीका
- केले को कार्बाइड केमिकल से पकाया गया है इसकी जांच आप पानी से भी कर सकते हैं।
- इसके लिए एक बाल्टी भर पानी लें। पानी में एक साबुत केला डालें।
- अगर आपका केला पानी में डूब जाता है, तो समझ लीजिए यह प्राकृतिक तरीके से पका हुआ है।
- वहीं, अगर केला पानी में तैरने लगता है, तो यह कार्बाइड केमिकल से पके हुए केले की पहचान है।
चौथा तरीका
कार्बाइड केमिकल से पकाए गए केले हर तरफ से एक नहीं होते हैं। अगर आपको बाजार में मिलने वाला केला कहीं से कच्चा और कहीं से ज्यादा पका हुआ नजर आता है, तो समझ लीजिए कि इसे कार्बाइड या अन्य प्रकार के केमिकल से पकाया गया है। वहीं, प्राकृतिक तरीके से पके हुए केले चारों तरफ से एक जैसे ही पके हुए होते हैं।
पांचवां तरीका
केमिकल वाले केले की पहचान करने का एक तरीका, उसे छूकर देखना भी है। जब कोई केला प्राकृतिक तरीके से पकता है, तो उसे छूने पर हाथों को एक मुलायम पन महसूस होता है। वहीं, कार्बाइड केमिकल से पकाए गए केले बाहर से पूरा पका हुआ दिखने के बावजूद छूने पर सख्त महसूस होता है।
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