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  क्या दोपहर की नींद शुगर बढ़ा सकती है?

   दोपहर की नींद यानी नैपिंग जहां शरीर को आराम देती है वहीं ये ब्रेन को ब्रेक देने का काम करती है। इतना ही नहीं, ऑफिस में भी ली गई 15 मिनट की नींद आपको बेहतर महसूस करा सकती है और इसकी वजह से आपका स्ट्रेस कम होता है और बीपी मैनेज रहता है लेकिन तब क्या जब आपको डायबिटीज हो? डायबिटीज के मरीजों के लिए हर एक चीज शुगर से जुड़ी होती है और कई बार लापरवाही शुगर स्पाइक की वजह बन सकती है। ऐसे में जरूरी है कि डायबिटीज के मरीज हर काम को सोच समझकर करें और इसमें डॉक्टर की राय ले लें। ऐसे में एक सवाल ये आता है कि क्या डायबिटीज के मरीजों के लिए दोपहर की नींद शुगर बढ़ाने का काम कर सकती है? जानते हैं इस बारे -
 NIH की इस रिपोर्ट के अनुसार झपकी लेना डायबिटीज के जोखिम को प्रभावित कर सकता है। अध्ययन नियमित रूप से दिन में झपकी लेने और T2D विकसित होने की अधिक संभावना के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध दर्शाते हैं। 30 मिनट की छोटी झपकी तो ठीक है लेकिन लंबी झपकी लेने से जोखिम काफी बढ़ जाता है। दोपहर की नींद से शुगर बढ़ने का जोखिम विशेष रूप से उन व्यक्तियों में और भी बढ़ जाता है जो बार-बार झपकी लेते हैं और रात में कम नींद लेते हैं। इससे बीपी बढ़ सकता है, मोटापे की समस्या हो सकती है और डायबिटीज असंतुलित हो सकता है।
 दोपहर में लंबा सोने का नुकसान
दोपहर में लंबी झपकी सूजन और मोटापे की समस्या पैदा कर सकती है जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक झपकी लेने से रात की नींद में बाधा आ सकती है और शरीर के नेचुरल नींद लेने और जागने के चक्र में व्यवधान आ सकता है, जो डायबिटीज के जोखिम का एक प्रमुख कारक है।
 शुगर पेशेंट को दिन में लगभग 7 से 8 घंटे की पूरी और नियमित नींद लेने की सलाह दी जाती है।NIH की इस रिपोर्ट के अनुसार पर्याप्त नींद शरीर को स्वयं की मरम्मत करने और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है जिससे ब्लड शुगर स्थिर हो जाता है। नींद की कमी से शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाती हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। नियमित और गुणवत्तापूर्ण नींद शरीर को स्वस्थ चयापचय क्रिया बनाए रखने में मदद करती है, जो डायबिटीज की रोकथाम और प्रबंधन दोनों के लिए जरूरी है। कम नींद भूख और चयापचय को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के स्तर को बाधित कर सकती है, जिससे वजन बढ़ता है और डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है।
 इस प्रकार से पर्याप्त और अच्छी नींद से शरीर का मेटाबोलिज्म सही रहता है और ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। इसलिए, दोपहर की नींद को नियंत्रित रखें और रात की नींद को प्राथमिकता दें। नींद संबंधी कोई समस्या हो तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

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