कालमेघ में छिपा है कई बीमारियों का इलाज
कालमेघ एक बहुवर्षीय औषधीय पौधा है। इसका स्वाद कसैला होता है। यह कई बीमारियों के इलाज में फायदेमंद है।
यह पौधा खास तौर पर भारत और श्रीलंका में पाया जाता है। भारत में यह बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल में सबसे ज्यादा होते हैं। कालमेघ का इस्तेमाल पेट संबंधी समस्याओं के लिए बहुत लाभकारी है। इसके उपयोग से पेट में गैस, अपच, मिचली, एसिडिटी की समस्या को दूर होती है। इस औषधीय पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल पेचिस, ज्वर नाशक, जांडिस, सिरदर्द समेत अन्य पेट की बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
ब्रोंकाइटिस में सांस लेने वाली नली में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से श्वासनली कमजोर होने लगती है, इस बीमारी की वजह से फेफड़े बहुत प्रभावित होते हैं। इस बीमारी के इलाज में कालमेघ का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं कालमेघ पौधे में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता पाई जाती है। यह मलेरिया और अन्य प्रकार के बुखार के लिए भी रामबाण औषधि है।
इन रोगों में भी कालमेघ पौधे का होता है इस्तेमाल
- इसका उपयोग लीवर और कब्ज से संबन्धित रोगों को दूर करने में होता है।
-इस पौधे की जड़ का इस्तेमाल भूख लगने वाली औषधी के रूप में भी किया जाता है।
-कालमेघ का पौधा पित्तनाशक है, अत: पित्त से संबन्धित बीमारियों में इसका उपयोग किया जाता है।
- इसकी ताजी पत्तियों से हैजा रोग का इलाज किया जाता है।
-यह रक्तविकार सम्बन्धी रोगों के उपचार में भी लाभदायक है। कालमेघ के नियमित रूप से सेवन करने से खून साफ होता है।
-कालमेघ में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं। इसलिए जोड़ों के दर्द या सूजन को कम करने में ये पौधा सहायक है।
- चर्म रोग को दूर करने के लिए सरसों के तेल के साथ मिलाकार इसे त्वचा पर लगाने से आराम मिलता है। ऐसा करने से दाद, खुजली आदि रोगों में फायदा होता है।
- सर्दी के कारण नाक बहने की परेशानी आम है जिसे दूर करने के लिए 1200 मिलीग्राम कालमेघ का रस नाक में डालने से नाक का बहना ठीक हो जाता है.
- पीलिया रोग को दूर करने के लिए आधा लीटर पानी में 1 ग्राम कालमेघ, 2 ग्राम भुना हुआ आंवला चूर्ण, 2 ग्राम मुलेठी डाल कर उबालें और एक चौथाई पानी बचने पर इसे छान कर प्रयोग करें।
-शारीरिक दुर्बलता या कमजोरी को मिटाने के लिए कालमेध का उपयोग किया जाता है, इसके लिए 10-20 मिली पत्तों का काढ़ा बना कर सेवन करना चाहिए। इसका तना भी एक शक्तिशाली टॉनिक होता है।
(नोट- किसी भी उपाय का इस्तेमाल करने से पहले किसी योग्य चिकित्सक से अवश्य सलाह ले लें।)
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