गर्म दूध में करें मिश्री का सेवन, तनाव से मिलेगी राहत और भी हैं फायदे
हम अक्सर मिश्री यूं ही खा लेते हैं। मिश्री का स्वाद अधिकतर लोगों को पसंद भी होता है क्योंकि यह मुंह में मिठास घोल देता है। मिश्री का सेवन बच्चों के साथ ही बड़े भी करते हैं। कई सारे लोग तो मिठाइयों में शक्कर की जगह मिश्री डालना ज्यादा उचित समझते हैं। मिश्री खाने के लिए कोई मना भी नहीं करता क्योंकि मिश्री में ओषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कि कई सारी समस्याओं का उपचार करते हैं। मिश्री की तासीर शीतल होती है, शरीर में जब भी गर्मी महसूस हो तो इसका सेवन करने से शरीर का तापमान खुद-ब- खुद सामान्य हो जाता है। अगली स्लाइड्स से जानिए मिश्री खाने से होने वाले फायदों के बारे में।
डायरिया की समस्या में मिश्री खाना बहुत लाभकारी होता है। डायरिया की समस्या से यदि आप छुटकारा पाना चाहते हैं और सोचते हैं कि आगे भी आपको ये बार- बार न हो तो 10 ग्राम मिश्री लें, उसका पाउडर बना लें और उसमें 10 ग्राम धनिया पाउडर मिलाएं। फिर इन दोनों चीजों को एक ग्लास पाउडर में डाल दें। इस मिश्रण को दिन में 3 बार पानी में डाल-डालकर पिएं, जल्द ही आपकी समस्या जड़ से ठीक हो जाएगी।
कई सारे लोगों को नाक में से खून आता है। गर्मियों में तो ये समस्या बहुत ही बढ़ जाती है। इसलिए जब भी यह समस्या हो तो मिश्री का सेवन करें। मिश्री की तासीर शीतल होती है, जो कि इस समस्या में राहत दिलाने से सहायता करती है। इसलिए गर्मियों के आते ही मिश्री का सेवन शुरू कर दें। भले ही पाउडर बनाकर पानी में लें या ऐसे ही खा लें। धीरे- धीरे आपके शरीर में खुद- ब- खुद ठंडक आ जाएगी।
मानसिक सेहत को अच्छा रखने के लिए गर्म दूध में मिश्री का सेवन करें। यदि आपकी याद्दाश्त कमजोर है तो हर रात मिश्री को गर्म दूध में डालकर पिएं। मानसिक सेहत को बेहतर बनाने के लिए जो गिनी- चुनी औषधियां हैं, उनमें से मिश्री एक है। पढऩे वाले बच्चों को नियमित रूप से मिश्री का सेवन करना चाहिए। अवसाद की स्थिति में भी इसका सेवन करते रहना चाहिए। परिणाम आप खुद देख सकेंगे।
यदि आप बहुत अधिक कंप्यूचर पर काम करते हैं, तब तो बहुत जरूरी है कि आप मिश्री का सेवन भी नियमित रूप से करें। मिश्री खाने से आंखों की रोशनी खराब नहीं होती है। कहा जाता है कि मोतियाबिंद जैसी समस्याओं में भी मिश्री खाना लाभदायक है। मिश्री खाने से आंखें न तो कमजोर होती है और न ही चश्मा लगने की नौबत आती है। इसलिए दिन में दो से तीन बार इसका सेवन अवश्य करें।
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