जानिए कितनी उम्र के बाद महिलाओं को जरूर करना चाहिए ये योगासन
महिलाओं को बढ़ती उम्र के साथ उन्हें तरह-तरह की समस्याएं होने लगती हैं। 35 की उम्र के बाद जोड़ों का दर्द, कमर दर्द होना बहुत सामान्य बात है लेकिन समस्या की बात यह है कि शरीर में हो रही इन समस्याओं को महिलाएं नजरअंदाज करती जाती हैं जो कि आगे चलकर किसी बड़ी बीमारी का रूप ले लेती हैं लेकिन यदि आप चाहती हैं कि 35 के बाद भी आप एकदम फीट रहें तो बहुत जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली में योग को शामिल कर लें। अगली स्लाइड्स से जानिए किन आसनों को करने से महिलाएं बढ़ती उम्र के साथ भी रहती हैं एकदम स्वस्थ।
अर्ध हलासन
पीठ के बल सीधे लेट जाएं। दोनों हाथ छाती की बगल में हथेली के बल जमीन पर रखें। अब पैरों को आपस में मिलाकर धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। इन्हें 90 डिग्री के कोण पर रखें। कोशिश करें कि पैर ना मुड़ें। सांस सामान्य रूप से लें। कुछ देर इसी स्थिति में रूकें और फिर धीरे-धीरे पैर जमीन पर लाएं। यह क्रिया 3 से 4 बाद दोहराएं।
लाभ-
इससे पैर में सूजन और झनझनाहट कम होती है7
कमर की अतिरिक्त चर्बी को कम करता है तथा वजऩ घटाने में सहायक है।
यह रक्तसंचार बढ़ाता है, साथ ही भूख बढ़ाने में भी सहायक है।
धनुरासन
पेट के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों को मोड़कर ऊपर की ओर लाएं। अब दोनों हाथों से पैरों के पंजों को पकड़ें। फिर सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की ओर खींचें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
लाभ-
मेरूदंड को लचीला एवं स्वस्थ बनाता है। सर्वाइकल, स्पोंडोलाइटिस, कमर दर्द एवं उदर रोगों में लाभदायक आसन है।
सूर्यकेंद्र (नाभि) के खिसकने से बचाता है।
मासिक धर्म सम्बंधी विकृतियों में लाभदायक है।
पश्चिमोत्तानासन
रीढ़ को सीधा कर बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को सामने की ओर ले आएं। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हुए अपने पैरों के पंजों को छूने की कोशिश करें। जितना मुड़ सकें उतनी ही कोशिश करें, जबरदस्ती आगे न झुकें।
लाभ-
लिवर, गुर्दे, अंडाशय और गर्भाशय की कार्यक्षमता में सुधार लाता है।
मस्तिष्क को शांत रखता है और तनाव को से राहत दिलाता है।
रजोनिवृत्ति और मासिक धर्म की असुविधा से बचाता है।
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