स्व. महेंद्र कर्मा के बेटे दीपक कर्मा का कोरोना से निधन
रायपुर। बस्तर टाइगर स्व. महेंद्र कर्मा के बड़े बेटे और कांग्रेस नेता दीपक कर्मा का निधन हो गया। देर रात रायपुर के निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। दीपक कर्मा 44 साल के थे। कोरोना संक्रमित होने के बाद दीपक कर्मा का इलाज रायपुर में चल रहा था। दीपक की मां देवती कर्मा कांग्रेस पार्टी की दंतेवाड़ा से विधायक हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीपक कर्मा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया-आज कोरोना ने कांग्रेस के सिपाही दीपक कर्मा जी को हमसे छीन लिया है। यह खबर कांग्रेस परिवार समेत पूरे प्रदेश के लिए पीड़ादायक है। वे बस्तर टाईगर स्व. महेंद्र कर्मा जी के पुत्र थे। ईश्वर इस दुख की घड़ी में देवती कर्मा जी एवं कर्मा परिवार को हिम्मत दें। ओम शांति।
राज्यसभा सदस्य फूलोदेवी नेताम ने ट्वीट किया- बेहद दु:ख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि बस्तर टाईगर शहीद महेंद्र कर्मा के पुत्र दीपक कर्मा कोरोना से जंग हार गए हैं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। परिवारजनों को संबल दें।
पिछले महीने कोरोना संक्रमित होने पर दीपक कर्मा ने खुद फेसबुक पर इसकी जानकारी दी थी। कांग्रेस नेता दीपक कर्मा ने 12 अप्रैल को फेसबुक पोस्ट के जरिए बताया था कि कोविड एंटीजन टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों से निवेदन है कि वे अपना ख्याल रखें। किसी भी प्रकार का लक्षण दिखने पर अपना टेस्ट जरूर करा लें। हालांकि हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें बाद में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। तबीयत बिगड़ती देख उन्हें 3-4 दिन पहले रायपुर रेफर कर दिया गया था। वहां अस्पताल में वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उनकी तबीयत को लेकर मंगलवार को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉक्टरों से बात की थी। हालांकि रात करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। दीपक कर्मा दंतेवाड़ा नगर पालिका के लगातार 3 बार अध्यक्ष रहे। उन्होंने बस्तर लोकसभा से चुनाव भी लड़ा।
दीपक कर्मा ने छात्र जीवन से राजनीति में कदम रखा। पहली बार वह 1993 से 1995 तक बस्तर डिवीजन में एनएसयूआई के उपाध्यक्ष बने। उनके कार्यों को देखते हुए 1996 में बस्तर के ट्राइबर विंग का अध्यक्ष बनाया गया। साल 1999 में दंतेवाड़ा नगर पंचायत में पार्षद चुने गए। 2010 में दंतेवाड़ा ओलंपिक एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाया गया। 2013 में प्रदेश कांग्रेस महासचिव बने। तीन बार लगातार दंतेवाड़ा नगर पंचायत के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने 2014 में लोकसभा चुनाव भी लड़ा। हालांकि उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।
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