अच्छी नींद के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स
बेहद व्यस्त लाइफस्टाइल में हम अपनी नींद पर ध्यान नहीं देते हैं. जबकि एक अच्छी नींद लेना स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरूरी है. विशेषज्ञों का मानना है कि एक इंसान को 24 घंटे में 8 घंटे की नींद लेनी ही चाहिए. ऐसे में समस्या उन लोगों को आती है जिन्हें नींद आती ही नहीं है, या आती भी है तो बिस्तर पर लेटने के बहुत देर बाद.
=आइये आपको बताते हैं जल्दी नींद लाने के पांच आसान टिप्स.
नींद के 5 आसान टिप्स
रिपोर्ट में नींद विशेषज्ञ एंड्रिया ग्रेस ने कहा है कि वयस्क कभी-कभी अपनी नींद की जरूरतों की उपेक्षा कर सकते हैं, विशेष रूप से सोने के समय तक. ऐसे में जरूरी है कि बिस्तर पर लेटते ही नींद आ जाए, नींद का इंतजार न करना पड़े. अच्छी नींद और बिस्तर पर लेटते ही नींद के लिए हम ये पांच आसान टिप्स आजमा सकते हैं.
1. सोने से आधा घंटा पहले स्क्रीन बंद कर दें
इससे आपके शरीर को सोने से पहले आराम करने का समय मिल जाएगा. यह नियम बच्चों के लिए बेहद जरूरी है. वयस्कों को भी यह आदत डाल लेनी चाहिए. इसके लिए आप अपने बेडरूम से टीवी या कंप्यूटर स्क्रीन हटा सकते हैं. यहां यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि आप सोने के समय अपना मोबाइल बिल्कुल न देखें.
2. बिस्तर पर जाने से पहले सीधे गर्म स्नान या शॉवर लें
स्लीप फाउंडेशन के अनुसार सोने से पहले नहाने से हाथों और पैरों में रक्त का प्रवाह तेज होता है. नहाने के बाद आप सीधे बेड पर चले जाएं. लेकिन अगर आप नहाने के बाद फिर लिविंग रूम में वापस आते हैं और टीवी देखना शुरू करते हैं, तो आप अपने आप को फिर से सक्रिय कर देंगे.
3. बेडरूम में अंधेरा और शांति जरूरी
अतिरिक्त लाइट आपके शरीर के मेलाटोनिन उत्पादन (स्लीप हार्मोन) में दिक्कत करेगा. सुनिश्चित करें कि आपकी खिड़कियों पर पर्दे पड़े हैं. अगर आपके कमरे में फिर भी रोशनी आती है, तो आई मास्क पहनकर सोएं.
4. बिस्तर पर फोन, कंप्यूटर या टीवी से बचें
बहुत से लोगों के लिए उनका फोन ही आखिरी चीज है जो वे सोने से पहले देखते हैं और फोन ही सबसे पहली चीज है जो वे सुबह देखते हैं. तमाम स्टडी में पाया गया है कि सोने से पहले स्क्रीन टाइम सोने में लगने वाले समय को बढ़ा सकता है, नींद की गुणवत्ता को कम कर सकता है और अगले दिन ध्यान को प्रभावित कर सकता है.
5. अपने कैफीन के सेवन पर नजर रखें
स्लीप एजुकेशन के अनुसार सोने से छह घंटे पहले कैफीन का सेवन करने से नींद एक घंटे कम हो जाती है. वृद्ध और वयस्कों में ये दिक्कतें ज्यादा देखने को मिलती हैं. क्योंकि कैफीन कैफीन को संसाधित करने में उनके शरीर को अधिक समय लगता है.
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