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 ट्रेनों में पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिये उपयुक्त योजना बनाए सरकार : संसदीय समिति

 नयी दिल्ली। संसद की एक समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह ट्रेनों में रेल नीर की आपूर्ति बढ़ाने के लिये एक उपयुक्त योजना बनाए ताकि बोतलबंद पेयजल के नकली ब्रांडों के विक्रेताओं पर लगाम लगाई जा सके और यात्रियों के स्वास्थ्य को नुकसान नहीं हो। लोकसभा में मंगलवार को पेश ‘रेलवे के आधुनिकीकरण सहित यात्री सुविधाएं' के संबंध में रेल संबंधी स्थायी समिति के छठे प्रतिवेदन पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें कहा गया है, ‘‘समिति ने कहा कि वह पाती है कि स्टेशनों और रेल गाड़ियों में पेयजल की सबसे अधिक जरूरत होती है और यह एक आवश्यक सुविधा है। यद्यपि रेलवे ने पेयजल की आपूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किए हैं, फिर भी विशेष रूप से व्यस्त समय के दौरान पेयजल की कमी को दूर करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। '' रिपोर्ट के अनुसार, समिति को सूचित किया गया है कि जब पेयजल के मौजूदा स्रोत अपर्याप्त पाए गए हैं, तो पानी के टैंकरों और बोरवेल, नगर पालिका, नदियों/बांध जैसे विभिन्न स्रोतों के माध्यम से जल आपूर्ति बढ़ाई जाती है। समिति को यह भी बताया गया कि मंत्रालय ने रेलवे स्टेशनों में वाटर वेंडिंग मशीनों की संख्या को बढ़ाने का प्रयास किया है ताकि यात्रियों को सस्ती दरों पर सुरक्षित एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। समिति यह नोट करती है कि नि:शुल्क पेयजल की आपूर्ति नलों के माध्यम से ही की जाती है। इसके अलावा, नाममात्र दरों पर पेयजल की बिक्री के लिए रेलवे स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीन लगाई गई है तथापि, बोतलबंद पीने का पानी यात्रियों के बीच सबसे बेहतर और लोकप्रिय पेय रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘समिति यह चाहती है रेलवे को अनिवार्य रूप से बोतलबंद पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए। लेकिन समिति इस बात को लेकर क्षुब्ध है कि रेलवे में बोतलबंद पेयजल यानी रेल नीर की भारी कमी है।'' रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 18 लाख लीटर प्रतिदिन की मांग की तुलना में 14 संयंत्रों से 11.22 लाख लीटर यानी 62 प्रतिशत रेल नीर का उत्पादन किया जा रहा है और 6.78 लाख लीटर रेल नीर की कमी को बोतलबंद पेयजल (पीडीडब्ल्यू) के भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा अनुमोदित ब्रांडों से पूरा किया जाता है। इसमें कहा गया है कि यद्यपित, रेलवे ने सात और संयंत्रों को चालू किया है, फिर भी समिति रेलवे की अपर्याप्त और अपूर्ण व्यवस्थाओं से खुश नहीं है जिसके कारण निरपवाद रूप से अनधिकृत विक्रता रेलवे में बोतलबंद पेयजल के नकली ब्रांड की बिक्री कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ये राजकोष को क्षति पहुंचाने के अलावा यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरे पैदा कर रहे हैं।'' समिति ने मंत्रालय को सुझाव दिया कि वह ट्रेनों में रेल नीर की आपूर्ति बढ़ाने के लिये एक उपयुक्त योजना लाए ताकि बोतलबंद पेयजल के नकली ब्रांडों की बिक्री करने वाले अनधिकृत विक्रेताओं से बचा जा सके, साथ ही यात्रियों के स्वास्थ्य को बचाने में भी मदद मिल सके।

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