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आईटीसी के लाभ के साथ उच्च जीएसटी दर की रेस्तरां उद्योग की मांग पर विचार करेंगे: राजस्व सचिव

नयी दिल्ली। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बुधवार को कहा कि सरकार इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के लाभ के साथ माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की उच्च दर पर वापस जाने की रेस्तरां उद्योग की मांग पर विचार करने को तैयार है। वर्तमान में रेस्तरां सेवाओं पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है। यह दर एसी और गैर-एसी दोनों ही तरह के रेस्तरां पर समान है। हालांकि, इस दर के साथ आईटीसी का लाभ नहीं मिलता है। इसके अलावा सितारा यानी स्टार का दर्जा प्राप्त होटलों के रेस्तरां जिनका प्रतिदिन का कमरे का किराया 7,500 रुपये या अधिक है उन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है और उन्हें आईटीसी का लाभ भी मिलता है। हालांकि जिन होटलों के रेस्तरां में कमरे का किराया कम होता है उन पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है और उन्हें आईटीसी का लाभ नहीं मिलता। बजाज ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘रेस्तरां उद्योग से यह सुझाव मिला है। वे चाहते हैं कि केवल पांच फीसदी कर के बजाय आईटीसी की सुविधा के साथ उनपर कर की उच्च दर लगाई जाए। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। इस पर विचार करने को हम तैयार हैं।'' रेस्तरां उद्योग के लिए कर दर में परिवर्तन के बारे में अंतिम फैसला जीएसटी परिषद की बैठक में लिया जाएगा। एक जुलाई, 2017 को जब जीएसटी को लागू किया गया था, तब गैर-एसी रेस्तरां के मामले में खाद्य बिल पर 12 प्रतिशत और वातानुकूलित रेस्तरां में 18 प्रतिशत कर लगाया गया था। इन सभी को आईटीसी का लाभ मिला। हालांकि, जीएसटी परिषद ने नवंबर, 2017 में आईटीसी सुविधा वापस ले ली और सभी रेस्तरां पर समान पांच प्रतिशत कर लगा दिया। आईटीसी वस्तु या सेवा पर चुकाए जा चुके कर को अंतिम देय कर के साथ समायोजित करने की सुविधा है।

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