पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन, एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार की दोपहर निधन हो गया। अरुण जेटली बीते कई दिनों से नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें एम्स में लाइफ सपोर्ट पर कई दिनों तक रखा गया था। एम्स ने प्रेस रिलीज जारी कर जेटली के निधन की जानकारी दी। कुछ दिन पहले ही अरुण जेटली की तबीयत जानने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आदि ने एम्स में पहुंच कर उनका हाल जाना था। बता दें कि अरुण जेटली 9 अगस्त से एम्स में भर्ती थे।
गौरतलब है कि मई 2018 में जेटली का अमेरिका में किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। इसके बाद जेटली के बाएं पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया था, जिसके इलाज के लिए वह इसी साल अमेरिका भी गए थे। लोकसभा चुनाव में भाग न लेने और मंत्रालय का प्रभार छोडऩे के पीछे तबीयत ही वजह रही।
रविवार को होगा अंतिम संस्कार
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि रविवार सुबह 10 बजे तक जेटली का पार्थिव शरीर उनके घर पर रहेगा। इसके बाद पार्थिव देह को पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा। दोपहर बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
राष्ट्रपति बोले- देश को बनाने में उनका अहम योगदान
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, जेटली के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। वे गजब के वकील, सुलझे हुए सांसद और उत्कृष्ट मंत्री थे। देश को बनाने में उन्होंने अहम योगदान दिया। उनके जाने से राजनीति और बुद्धिजीवियों की दुनिया में एक खालीपन आ गया है।
पीएम मोदी ने जेटली के परिवार से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुण जेटली की पत्नी और बेटे से बात कर संवेदनाएं प्रकट कीं। दोनों ने ही पीएम मोदी से अपना विदेशी दौरा रद्द न करने को कहा। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि अरुण जेटली जी एक राजनीतिक दिग्गज थे, जो बौद्धिक और कानूनी रूप से जीवंत थे। वह एक मुखर नेता थे जिन्होंने भारत में स्थायी योगदान दिया। उनका निधन बहुत दुखद है। अपनी पत्नी संगीता जी के साथ-साथ बेटे रोहन से भी बात की और संवेदना व्यक्त की।
2000 में बने थे कैबिनेट मंत्री
अरुण जेटली अटल बिहारी वाजपेयी कैबिनेट में साल 2000 में कैबिनेट मंत्री बने थे. इसके बाद वह राज्यसभा में साल 2009 में नेता विपक्ष भी बने। जब मोदी सरकार साल 2014 में आई तब उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया।
संवेदनाएं जताई
गृह मंत्री अमित शाह ने संवेदना जताई है। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली जी के निधन से अत्यंत दु:खी हूं, जेटली जी का जाना मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम में से कई लोगों के लिए एक मार्गदर्शक, नैतिक समर्थन और हिम्मत, उससे बहुत कुछ सीखा है। उसकी बुद्धिमत्ता, शिथिलता, कसैलेपन का कोई मेल नहीं है। वरिष्ठ कांगे्रस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर जेटली के निधन पर शोक जताया।
1973 में ग्रेजुएट, एक साल बाद छात्र संघ के अध्यक्ष बने
जेटली के पिता महाराजा किशन जेटली और मां रतन प्रभा थीं। जेटली के पिता भी वकील थे। जेटली ने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से पूरी की। 1973 में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया। अरुण जेटली 1973 में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के लिए गठित राष्ट्रीय समिति के संयोजक थे। 24 मई 1982 को उनका विवाह संगीता से हुआ। उनका एक बेटा रोहन और बेटी सोनाली है। जेटली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना और प्रसारण, कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें अमृतसर लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद मोदी सरकार में उन्हें वित्त और रक्षा मंत्री बनाया गया। उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी संभाला। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लडऩे का फैसला लिया।
जेटली की उपलब्धि
जन्म: 28 दिसंबर, 1952
1973 : दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से स्नातक।
1974 : दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष बने।
1975 : आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए।
1977 : दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली। वकालत शुरू की। एबीवीपी के अखिल भारतीय सचिव बनाए गए।
1980 : भाजपा में शामिल हुए।
1990 : एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बने। बोफोर्स केस में दलीलें दीं।
1991 : भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल।
1998 : यूएन आमसभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए।
1999 : वाजपेयी सरकार में सूचना एवं प्रसारण (स्वतंत्र प्रभार) के साथ विनिवेश मंत्रालय भी संभाला।
2000 : राज्यसभा पहुंचे। इसके साथ ही कानून मंत्रालय का प्रभार भी संभाला।
2006 : पुन: राज्यसभा सांसद निर्वाचित किए गए।
2009 : राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने। वकालत छोड़ी।
2012 : तीसरी बार राज्यसभा सांसद बने।
2014 : मोदी सरकार में वित्त के साथ रक्षा मंत्रालय का प्रभार भी संभाला।
2018 : किडनी ट्रांसप्लांट हुआ।
24 अगस्त 2019 : दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन।
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