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  सूक्ष्मजीव-रोधी और 5 परतों वाला फेस मास्क विकसित, जो देगा अधिक सुरक्षा

-मास्क के बाहरी परत पर हाइड्रोफोबिक सतह है, जो वायरस-युक्त पानी की बूंदों को दूर हटा देगी
 नई दिल्ली।  नावेल कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब तक कोई वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं है। मास्क का उपयोग, एक-दूसरे से दूरी बनाये रखना और लगातार हाथ धोना ही ऐसे उपाय हैं, जिससे लोगों की जान बच सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी ऐसे मास्क की सिफारिशें की हैं जो कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए सबसे उपयुक्त हों। लेकिन लंबे समय तक मास्क पहनने से घुटन हो सकती है और मास्क के सही इस्तेमालमें भी मुश्किलें आती हैं। 
इन समस्याओं के समाधान के लिए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी -बीएचयू) के स्कूल ऑफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के डॉ मार्शल और उनकी टीम ने एक ऐसा फेस मास्क विकसित किया है जो सूक्ष्मजीव-रोधी है और पांच परतों से युक्त है।
दावा किया जा रहा है कि  यह फेस मास्क रोगाणुओं को ख़त्म कर सकता है जो इसकी बाहरी सतह से चिपके रहते हैं और यह द्वितीयक संक्रमण को फलने से रोकता है। इंडिया साइंस वायर के साथ बात करते हुए (आईआईटी -बीएचयू) के स्कूल ऑफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मार्शल ने कहा,  बाजार में उपलब्ध मास्क मुंह और नाक में रोगाणुओं के प्रवेश को रोकने के लिए एक फिल्टर के रूप में काम करते हैं, लेकिन मास्क के बाहरी सतह से चिपके रोगाणुओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
 मास्क की बाहरी सतह पर अधिक मात्रा में वायरल या जीवाणु की उपस्थिति, चिकित्सा और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए खतरनाक हो सकती है। डॉ मार्शल की टीम ने मास्क की इस कमी को दूर किया है। इसके लिए प्रोटॉनेटेड अमीन मैट्रिक्स के साथ संयुग्मित नैनोमेटल की विभिन्न परतें दी गयी हैं।
 मास्क की पहली परत किसी भी प्रकार के आरएनए को विघटित कर सकती है, दूसरी परत सूक्ष्मजीव-रोधी (एंटी-माइक्रोबियल) है, तीसरी हवा के फि़ल्टर के लिए है, और चौथी और पांचवीं परत  आरामदायक परतें  हैं, जो नाक और मुंह के करीब रहती हैं। डॉ. मार्शल ने कहा,.तांबा और चांदी डी-ट्रांजीशन तत्व हैं और हमारे ज्ञान के अनुसार वे इस वायरस और सार्स वायरस के अन्य सभी सदस्यों को विघटित कर सकते हैं। हमने तांबा, कॉपर ऑक्साइड, चांदी और आवेशित चांदी का मिश्रण लिया, जो आरएनए को विघटित करने में मदद कर सकता है।
 विघटन-परीक्षण के लिए, शोधकर्ताओं ने फेफड़ों की कोशिकाओं से आरएनए को लिया क्योंकि नावेल कोरोना वायरस फेफड़ों में तेजी से फैलता है। अन्य कोशिकाओं के आरएनए को भी लिया गया। शोधकर्ता ने कहा, हमने कैंसर और गैर-कैंसर,दोनों कोशिकाओं को लिया है। हमने इन अणुओं के विघटन की जांच की है। हमने इसका द्रव में और कोटिंग बेस विधियों से परीक्षण किया है। इस परीक्षण से पता चला कि आरएनए का विघटन हो रहा था। इसके बाद, हमने इसे और उन्नत किया है। मास्क के बाहरी परत पर हाइड्रोफोबिक सतह है, जो वायरस-युक्त पानी की बूंदों को दूर हटा देती है। उत्पाद के पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है।
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