ब्रेकिंग न्यूज़

वलयाकार सूर्यग्रहण ने लोगों को किया रोमांचित

नई दिल्ली। वलयाकार सूर्य ग्रहण ने देश के विभिन्न हिस्सों में खगोलीय घटना देखने की चाहत रखने वाले लोगों को रविवार को रोमांचित कर दिया। वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के उत्तरी हिस्से में स्थित कुछ राज्यों में ही देखा जा सका, जिनमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के इलाके शामिल हैं।
 
 
देश के शेष हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से देखा गया। कई स्थानों पर सूर्यग्रहण देखे जाने में मौसम ने खलल डाला  । इस बार सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना साल के सबसे बड़े दिन 21 जून को हुई। वलयाकार सूर्यग्रहण में सूर्य अग्नि वलय जैसा नजर आता है। दिल्ली में सूर्यग्रहण सुबह 10 बज कर 19 मिनट पर शुरू होकर दोपहर एक बजकर 58 मिनट तक रहा। भौगोलिक स्थिति के कारण देश के अन्य राज्यों में इसके समय में थोड़ा अंतर रहा। दिल्ली में नेहरू तारामंडल की निदेशक एन. रत्नाश्री ने कहा कि यहां बादलों के कारण सूर्यग्रहण की दृश्यता बाधित हुई।  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में वैज्ञानिक अरविंद रानाडे भी दिल्ली से 150 किलोमीटर दूर कुरुक्षेत्र गए। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्पष्ट रूप से सूर्य ग्रहण देखा। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सूर्य ग्रहण देखने के लिए लोगों ने तरह-तरह के इंतजाम किए थे, लेकिन राज्य के अनेक हिस्सों में कल रात से शुरू हुई बारिश और दिन भर बादल छाए रहने की वजह से ज्यादातर लोग यह दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं देख सके। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के मौके पर रविवार को ब्रह्म सरोवर के तट पर सिर्फ सामान्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। उत्तराखंड में कई जगह लोगों ने सूर्यग्रहण देखा, जबकि देहरादून और टिहरी में लोगों ने वलयाकार ग्रहण देखने का भी दावा किया। सूर्यग्रहण के दौरान चारधाम सहित समस्त मंदिरों के कपाट बंद रहे। चारों धाम, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, सहित प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट सूर्यग्रहण शुरू होने से पहले सूतक काल लगते ही शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे बंद कर दिये गये, जिन्हें रविवार को ढाई बजे दोबारा खोला गया। करीब 16 घंटे बाद खुले इन मंदिरों में पहले साफ-सफाई की गयी और फिर नियमित पूजा- अर्चना की गयी। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में रविवार को लगभग 39 सेकंड तक सूर्य ग्रहण वलयाकार रूप में देखा गया, जहां देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में शौकिया और पेशेवर लोग दुर्लभ खगोलीय घटना देखने के लिए एकत्र हुए। अमेच्योर एस्ट्रोनॉमर्स सोसाइटी जयपुर के खगोलविद गोविंद दाधीच ने बताया कि यहां सूर्यग्रहण की शुरुआत सुबह 10:15 बजे हुई। दोपहर 11:48 बजे सूर्य ग्रहण ने अपनी अधिकतम अवस्था प्राप्त की। मात्र 39 सेकंड तक वलयाकार रूप में दिखाई दिया। बेंगलुरु में जारी एक बयान में अधिकारियों ने कहा कि सूर्यग्रहण ऑनलाइन दिखाने के इंतजाम किये थे। अहमदाबाद में एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात में सूर्यग्रहण 72 प्रतिशत दिखा। हालांकि, आसमान में बादल छा जाने और बारिश ने राज्य के कुछ हिस्सों में इस खगोलीय घटना को देखे जाने में खलल डाला।  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर गुजरात परिषद ने इस अवसर पर छात्रों एवं अन्य के लिये विशेष इंतजाम किये थे। परिषद के सलाहकार नरोत्तम साहू ने कहा, कोविड-19 महामारी के कारण कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया। सीमित कार्यक्रम ही आयोजित किये गये। गोवा में मॉनसून के घने बादलों के कारण कई स्थानों पर लोग स्पष्ट रूप से सूर्यग्रहण नहीं देख पाए।

 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english