उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आज भारतीय जन संघ के संस्थापक और प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की।
उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने एक ट्वीट में कहा कि डॉक्टर मुखर्जी भारत के होनहार सपूत और निष्ठावान राष्ट्रवादी थे। उन्होंने कहा कि डॉक्टर मुखर्जी ने ज?मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने का विरोध किया और अपनी अंतिम सांस तक इसके लिए अथक संघर्ष करते रहे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे प्रसिद्ध बैरिस्टर और शिक्षाविद् भी थे। डॉक्टर मुखर्जी 33 वर्ष की उम्र में कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे युवा कुलपति थे। श्री नायडू ने कहा कि डॉक्टर मुखर्जी ने स्वतंत्र भारत के प्रथम उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में अमिट छाप छोड़ी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को देश का महान सपूत बताया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि डॉक्टर मुखर्जी ने देश की एकता और अखड़ता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। श्री शाह ने कहा कि डॉक्टर मुखर्जी ने बंगाल, पंजाब और कश्मीर को भारत का आंतरिक अंग बनाए रखने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने देश और देशवासियों के हित से कोई समझौता किए बिना सरकार से त्यागपत्र देने में एक क्षण भी नहीं लगाया। श्री शाह ने कहा कि उनकी विचारधारा मेरे जैसे करोड़ों कार्यकर्ताओं और देशवासियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भी डॉक्टर मुखर्जी को श्रद्धाजंलि अर्पित की।
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी मुख्यालय में डॉक्टर मुखर्जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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