ब्रेकिंग न्यूज़

भारत सेमीकॉन मिशन अगले चरण में, डीएलआई योजना पर सुधार जारी: मोदी

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 18 अरब डॉलर से अधिक की 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाएं जारी हैं और देश अब ‘भारत सेमीकंडक्टर मिशन' के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि 1,000 अरब डॉलर के वैश्विक चिप बाजार का दोहन करने के लिए उसको (चिप) तैयार करने से जुड़ी प्रोत्साहन (डीएलआई) योजना के अगले चरण पर सरकार काम कर रही है। मोदी ने कहा, ‘‘ वह दिन दूर नहीं जब भारत में बनी सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगी। वह दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी ‘भारत में तैयार, भारत में निर्मित, दुनिया के लिए विश्वसनीय' ।'' सेमीकॉन इंडिया-2025 के उद्घाटन के अवसर पर मोदी ने यह बात कही। इसमें दुनिया भर से करीब 50 देशों के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञों ने शिरकत की। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की नवाचार और युवा शक्ति भी इस कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से मौजूद है। उन्होंने कहा कि यह अनूठा संयोजन एक स्पष्ट संदेश देता है, ‘‘ दुनिया, भारत पर भरोसा करती है। दुनिया, भारत में विश्वास करती है और दुनिया, भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर की दुनिया में अक्सर कहा जाता है कि ‘‘ तेल काला सोना था लेकिन चिप डिजिटल हीरा है।'' उन्होंने कहा कि जहां तेल ने पिछली सदी को आकार दिया, वहीं 21वीं सदी की शक्ति अब छोटी चिप में केंद्रित है। आकार में छोटा होने के बावजूद इन चिप में वैश्विक प्रगति को तेजी से बढ़ाने की क्षमता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार पहले ही 600 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है और आने वाले वर्ष में इसके 1,000 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘ सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत जिस गति से आगे बढ़ रहा है उसे देखते हुए इस 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर के बाजार में भारत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी।'' निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत खुले दिल से उनका स्वागत करने को इच्छुक है। मोदी ने कहा, ‘‘ डिजाइन तैयार है। मास्क तैयार है। अब सटीक क्रियान्वयन और बड़े पैमाने पर आपूर्ति का समय है।'' उन्होंने कहा कि भारत की नीतियां अल्पकालिक संकेत नहीं बल्कि दीर्घकालिक प्रतिबद्धताएं हैं। मोदी ने आश्वासन दिया कि प्रत्येक निवेशक की जरूरतें पूरी की जाएंगी। प्रधानमंत्री ने 2021 में सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के आरंभ का उल्लेख करते हुए कहा कि 2023 तक देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्वीकृत किया गया था। 2024 में कई और संयंत्रों को मंजूरी मिली और 2025 में पांच अतिरिक्त परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। मोदी ने कहा, ‘‘ कुल मिलाकर 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाएं अभी जारी हैं, जिनमें 18 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश शामिल है। यानी 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक... यह भारत में बढ़ते वैश्विक भरोसे को दर्शाता है।'' सेमीकंडक्टर क्षेत्र में गति के महत्व पर उन्होंने कहा, ‘‘ दस्तावेजों से फैक्टरी तक का समय जितना कम होगा और कागजात जितने कम होंगे, ‘वेफर' का काम उतनी ही जल्दी शुरू हो सकेगा।'' उन्होंने कहा कि सरकार इसी दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है।
राष्ट्रीय एकल-खिड़की प्रणाली लागू की गई है। इससे केंद्र और राज्य सरकारों दोनों से सभी स्वीकृतियां एक ही मंच पर प्राप्त की जा सकेंगी। देश भर में ‘प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर मॉडल' के तहत सेमीकंडक्टर पार्क विकसित किए जा रहे हैं जो भूमि, बिजली आपूर्ति, बंदरगाह एवं हवाई अड्डा संपर्क और कुशल श्रमिकों के एक समूह तक पहुंच जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि जब इस तरह के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहनों के साथ जोड़ा जाता है, तो औद्योगिक विकास अपरिहार्य है। पीएलआई प्रोत्साहनों या ‘डिजाइन' से जुड़े अनुदान के माध्यम से भारत शुरू से अंत तक क्षमताएं प्रदान कर रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘ इसीलिए निवेश प्रवाह जारी है। भारत ‘बैकएंड ऑपरेशंस' से आगे बढ़कर एक ‘फुल-स्टैक सेमीकंडक्टर' राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। वह दिन दूर नहीं जब भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया के सबसे बड़े बदलाव की नींव रखेगी।" उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सुधार, प्रदर्शन एवं परिवर्तन के मंत्र पर चलकर इस मुकाम पर पहुंचा है। अगली पीढ़ी के सुधारों का एक नया चरण जल्द ही शुरू किया जाएगा।'' मोदी ने यह भी घोषणा की कि ‘‘ डिजाइन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को उसके उद्देश्यों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए पुनर्गठित किया जा रहा है।'' मोदी ने कहा कि भारत की यात्रा देर से शुरू हुई, लेकिन अब इसे कोई नहीं रोक सकता।
 प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए सीजी पावर का संयंत्र प्रायोगिक आधार पर 28 अगस्त को शुरू कर दिया और केन्स टेक्नोलॉजी का प्रायोगिक संयंत्र भी जल्द ही शुरू होने वाला है। वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इन चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। मोदी ने कहा कि जहां इस्पात ऊंची इमारतों एवं शहरों में दिखाई देने वाले प्रभावशाली भौतिक बुनियादी ढांचे का आधार है। वहीं भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे की नींव महत्वपूर्ण खनिजों पर टिकी है। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत वर्तमान में राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन पर काम कर रहा है और दुर्लभ खनिजों की अपनी मांग को घरेलू स्तर पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।'' मोदी ने कहा कि पिछले चार वर्ष में महत्वपूर्ण खनिज परियोजनाओं पर उल्लेखनीय प्रगति हुई है और सरकार इस क्षेत्र में भारतीय बौद्धिक संपदा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english