जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर अब नहीं लगेगा जीएसटी
नयी दिल्ली. व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम अब सस्ते हो जाएंगे क्योंकि इन बीमा उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट दे दी गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक के बाद ऐलान किया कि सभी तरह की व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी और उनके पुनर्बीमा पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। इनमें टर्म लाइफ, यूलिप या एंडोमेंट पॉलिसी शामिल हैं।
इसी तरह सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी और उनका पुनर्बीमा भी जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इनमें फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी भी शामिल हैं। जुलाई, 2017 में जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद से अब तक जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूला जाता था। सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बीमा कंपनियां जीएसटी से दी गई राहत का लाभ उपभोक्ताओं को दें और बीमा आम आदमी के लिए किफायती बने और देश में बीमा कवरेज बढ़े।” जीएसटी की नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो जाएंगी।
सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर लगाए गए जीएसटी से 16,398 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसमें 8,135 करोड़ रुपये जीवन बीमा और 8,263 करोड़ रुपये स्वास्थ्य बीमा से आए थे। इसके अलावा 2,045 करोड़ रुपये पुनर्बीमा पर उपकर के रूप में मिले, जिनमें 561 करोड़ रुपये जीवन बीमा और 1,484 करोड़ रुपये स्वास्थ्य बीमा से जुड़े थे। वित्त वर्ष 2022-23 में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर लगाए गए जीएसटी से कुल 16,770 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। जीएसटी परिषद ने जीएसटी ढांचे को सरल बनाते हुए चार की जगह सिर्फ दो दरें ही रखने पर सहमति जताई। अब उत्पादों पर पांच एवं 18 प्रतिशत की दर से कर लगेगा जबकि कुछ चुनिंदा उत्पादों पर विशेष 40 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा.
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