भारत का भविष्य स्टार्टअप-लिंक्ड इकोनाॅमी पर निर्भर : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की भविष्य की आर्थिक वृद्धि अब स्टार्टअप-लिंक्ड इकोनाॅमी पर आधारित होगी, जिसे मजबूत उद्योग साझेदारी के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने यह बातें चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित कैम्पस टैंक के लॉन्च कार्यक्रम के दौरान कहीं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ने इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार किया है, लेकिन स्टार्टअप्स की लंबी उम्र और सफलता तभी संभव है जब शुरुआती दौर से ही उन्हें उद्योग जगत का साथ और निवेश मिले। उन्होंने कहा, “कैम्पस टैंक की शुरुआत उद्योग-स्टार्टअप साझेदारी को मजबूत करेगी। यह केवल स्टार्टअप फंडिंग नहीं, बल्कि उद्योग-आधारित स्टार्टअप इकोनॉमी की दिशा में एक कदम है।”
उन्होंने जोर दिया कि केवल विचार और रिसर्च से स्टार्टअप्स लंबे समय तक नहीं टिक सकते, इसके लिए उद्योगों का वित्तीय सहयोग, बाजार तक पहुंच और स्केलेबिलिटी जरूरी है। उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी, कृषि और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों का उदाहरण दिया, जहां सरकार और उद्योग की साझेदारी से ठोस नतीजे देखने को मिले हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम सिर्फ मेट्रो शहरों या टेक्नोलॉजी हब तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहर और विविध सेक्टर भी इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। यह दर्शाता है कि नया भारत नवाचार को अपनाकर विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
उन्होंने भारत की बढ़ती वैश्विक साख का जिक्र करते हुए बताया कि देश ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में अपनी रैंकिंग 81 से बढ़ाकर 39 कर ली है। यह कम समय में एक बड़ी उपलब्धि है। साथ ही, उन्होंने बताया कि लगभग 60% पंजीकृत स्टार्टअप्स महिलाओं के नेतृत्व में हैं। महिलाएं अब सिर्फ भागीदार ही नहीं, बल्कि बड़े प्रोजेक्ट्स की कमान संभाल रही हैं। जितेंद्र सिंह ने इस दौरान महिला वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का भी जिक्र किया, जिन्होंने आदित्य L1 और चंद्रयान-3 जैसे राष्ट्रीय अभियानों का नेतृत्व किया। उन्होंने यह भी बताया कि अब अधिकांश पेटेंट भारतीय इनोवेटर्स द्वारा फाइल किए जा रहे हैं, जबकि पहले विदेशी कंपनियां इस क्षेत्र में आगे थीं।-
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