ब्रेकिंग न्यूज़

अत्यधिक अमीर लोगों पर ‘धन कर' लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं: सरकार

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि आयकर अधिनियम के तहत परिवार की सामूहिक आय निर्धारित करने की कोई अवधारणा नहीं है और उसके पास अत्यधिक अमीर लोगों पर ‘धन कर' लगाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन भी नहीं है। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
दरअसल, सरकार से पूछा गया था कि अनुमानों के मुताबिक यदि भारत के 954 सबसे धनी परिवारों पर एक प्रतिशत कर लगा दिया जाता तो इससे कोविड-19 रोधी पूरे टीकाकरण कार्यक्रम का खर्च निकल जाता और पेट्रोल व अन्य ईंधन उत्पादों से अर्जित मूल्य वर्धित कर (वैट) राजस्व इकट्ठा करने के मौजूदा वित्त पोषण तंत्र को अपनाने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके जवाब में चौधरी ने कहा, ‘‘आयकर अधिनियम के तहत परिवार की सामूहिक आय निर्धारित करने की कोई अवधारणा नहीं है।'' यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार भारत के अत्यधिक अमीर लोगों पर धन कर लगाने पर विचार कर रही है, उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।'' अत्यधिक अमीरों पर धन कर ना लगाने के कारणों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कर प्रक्रियाओं को सरल बनाने और व्यापार को आसान बनाने के लिए वित्त अधिनियम, 2015 द्वारा संपत्ति कर को समाप्त कर दिया गया था, क्योंकि इसे संग्रह की उच्च लागत वाला तथा कम प्रतिफल वाला कर पाया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई राजस्व हानि नहीं हुई, क्योंकि एक करोड़ रुपये से अधिक की कुल आय वाले सभी व्यक्तियों (एक विदेशी कंपनी के अलावा) के मामले में संपत्ति कर को मौजूदा अधिभार की दर में दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ बदल दिया गया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘वित्त अधिनियम (द्वितीय संशोधन) 2019 ने अधिभार की दर को और बढ़ा दिया है।''
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल व डीजल सहित अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की लगातार बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल लगातार हमले करते रहे हैं। हाल ही में सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पेट्रोल, डीजल सहित पेट्रोलियम पदार्थो से उपकर समेत कुल 3,72,970 करोड़ रुपये के उत्पाद शुल्क का संग्रह किया गया। चौधरी ने यह जानकारी देते हुए कहा था कि 2019-20 में पेट्रोल, डीजल पर उपकर समेत 2,23,057 करोड़ रुपये के उत्पाद शुल्क का संग्रह हुआ था और 2020-21 में कुल 3,72,970 करोड़ रुपये के उत्पाद शुल्क का संग्रह किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में 3,35,000 करोड़ रुपये के संग्रह का अनुमान है।
हालांकि सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिये इस साल दीवाली की पूर्व संध्या पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये तथा 10 रुपये की कटौती की थी।
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english