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छात्रों की भलाई के लिए विश्वविद्यालयों में ‘‘हैप्पीनेस सेंटर'' खोलने की जरूरत: राज्यपाल

आगरा । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को यहां डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 86वें दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को आत्मविश्वास से काम लेने और सकारात्मक सोच में विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में "हैप्पीनेस सेंटर" खोलने पर भी जोर दिया और शिक्षकों से बेहतर भविष्य के लिए छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा करने को कहा। पटेल ने पिछले शिक्षा की गुणवत्ता, फर्जी डिग्री और तीन-चार साल से डिग्रियों के लंबित रहने पर भी असंतोष जताया। उन्होंने उन शिक्षकों की भी आलोचना की, जो पिछले 30 वर्षों से विश्वविद्यालय में काम कर रहे हैं और विश्वविद्यालय और उसके छात्रों के उत्थान में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने शैक्षणिक सत्र 2019-20 के दीक्षांत समारोह में शिक्षकों, छात्रों और अन्य को संबोधित करते हुए कहा, "छात्रों को आत्मविश्वास से भरा होना चाहिए और सकारात्मक सोच में विश्वास करना चाहिए। उन्हें नकारात्मक सोच में विश्वास नहीं करना चाहिए और ईमानदारी से काम करना चाहिए।" इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि आज के छात्र शिक्षकों की तुलना में प्रौद्योगिकी को अपनाने में बेहतर हैं, राज्यपाल ने कहा, "शिक्षक ऐसे छात्रों से प्रौद्योगिकी में मदद क्यों नहीं लेते और उन्हें समितियों में शामिल क्यों नहीं करते हैं?" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एक "हैप्पीनेस सेंटर" होना चाहिए, जहां छात्र कुछ समय बिता सकें और अपने सकारात्मक या नकारात्मक विचारों को अन्य छात्रों के साथ साझा कर सकें। यहां तक कि शिक्षकों को भी इन केंद्रों पर जाकर छात्रों से चर्चा करनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा, ‘‘छात्र और शिक्षकों के बीच में सकारात्मक संवाद होना चाहिये। छात्रों को ऐसा माहौल दिखे कि वे अपने मन की बात शिक्षकों से साझा कर सकें।'' उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ बनना चाहिये। पटेल ने यमुना नदी की सफाई पर जोर देते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन एवं अन्य को माह में एक बार घाटों पर जाकर क्षेत्र की सफाई करने और पौधे लगाने को कहा, ताकि शहर में आने वाले पर्यटकों को एक अच्छा संदेश दिया जा सके। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से पूछा कि विवि में पिछले तीन-चार साल से डिग्रियां क्यों लंबित हैं।
अधिकारियों को केंद्र के ‘डिजिलॉकर' का उपयोग करके और वहां अपलोड करके छात्रों को मुफ्त में डिग्री प्रमाण पत्र प्रदान करने का आदेश दिया गया था। राज्यपाल ने फर्जी डिग्री के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि भविष्य में कोई भी फर्जी डिग्री नहीं होगी।'' पटेल ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों और पदोन्नति में पारदर्शिता का भी समर्थन किया। पटेल ने कहा, "अनियमितताओं से बचने के लिए समितियों का गठन किया जाता है और इस पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए।'' अपने गृह राज्य गुजरात में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, "हमें उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ऐसे और एसएचजी को प्रोत्साहित करना चाहिए और उनकी बेहतरी की दिशा में काम करना चाहिए।'' पटेल ने कहा कि इन दिनों ग्रामीण महिलाएं भी ऑनलाइन संसाधनों का लाभ उठा रही हैं और वहां कारोबार कर रही हैं। उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालयों को कम से कम पांच गांवों को गोद लेना चाहिए और ग्राम प्रधानों को राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों के बारे में शिक्षित करना चाहिए।" दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के मेधावी छात्रों को 109 पदक प्रदान किए गए। इनमें से 95 स्वर्ण पदक विजेता और 14 रजत पदक विजेता थे। आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस अंतिम वर्ष की छात्रा शिवानी सिंह को 13 मेडल प्रदान किए गए। सिंह को इस अवसर पर 12 स्वर्ण और एक रजत पदक प्रदान किया गया। सिंह ने  बात करते हुए कहा, "मैं पदक प्राप्त करने के बाद बहुत खुश हूं। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए मुझे अपने माता-पिता, भाइयों और दोस्तों से पूरा समर्थन मिला।
 

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