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मीराबाई के नक्शेकदम पर चलकर उनको पीछे छोड़ना चाहती हैं ज्ञानेश्वरी

ग्रेटर नोएडा. मीराबाई चानू कई खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं लेकिन ज्ञानेश्वरी देवी के लिए वह प्रतिस्पर्धी भी हैं और यह प्रतिभाशाली भारोत्तोलक तोक्यो ओलंपिक पदक विजेता की तरह सफलता हासिल करने का ही नहीं बल्कि प्रतिस्पर्धा में उन्हें पीछे छोड़ने का भी सपना देखती है। ज्ञानेश्वरी भी मीराबाई की तरह 49 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करती हैं। पिछले साल रैंकिंग सीरीज में 20 साल की यह खिलाड़ी पूर्व विश्व चैंपियन मीराबाई के बाद दूसरे स्थान पर रही थी। ज्ञानेश्वरी ने कहा, ‘‘मीरा दीदी मेरी प्रेरणा हैं और वह प्रतिस्पर्धी भी हैं (49 किग्रा वर्ग में)। इसलिए मुझे हमेशा से यकीन है कि एक दिन मैं उन्हें पीछे छोड़ दूंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें प्रतिस्पर्धा करते हुए देखना काफी प्रेरणादायी है। उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में विश्व रिकॉर्ड बनाया है और मैं भी ऐसा ही करना चाहती हूं।'' अपनी आदर्श मीराबाई से पहली बार मुलाकात को बयां करने के लिए 2022 जूनियर विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता ज्ञानेश्वरी के पास शब्द नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं 2021 में एनआईएस पटियाला में शिविर में उनसे मिली। यह ओलंपिक के बाद की बात है। उन्हें देखकर मुझे बेहद खुशी हुई। मैं उनसे गले मिली और फिर उनसे बात की। यह अनुभवी अविश्वसनीय था। मैं इससे शब्दों में बयां नहीं कर सकती।'' ज्ञानेश्वरी मीराबाई के साथ एनआईएस पटियाला में प्रशिक्षण लेती हैं। मीराबाई अभी अमेरिका के सेंट लुई 65 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब, मैं उनसे हर दिन मिलती हूं और वह हमेशा मुझसे बहुत अच्छे से मिलती हैं। मैंने उन्हें ट्रेनिंग करते हुए, उनके पेशेवरपन और समर्पण को देखकर बहुत कुछ सीखा है।'' ज्ञानेश्वरी ने कहा, ‘‘वह भारतीय भारोत्तोलन को ओलंपिक स्तर तक ले गईं और यह बहुत बड़ी बात है। मैं भी ओलंपिक में अपने देश के लिए इतिहास बनाना चाहती हूं।'' ज्ञानेश्वरी इस महीने जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी लेकिन वह एशियाई खेलों में भाग लेने से चूक गईं जहां मीराबाई 49 किग्रा भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार एशियाई खेलों में मीरा दीदी वहां हैं लेकिन अगले सत्र में मैं निश्चित रूप से वहां रहूंगी।'' छत्तीसगढ़ के भोंडिया गांव की रहने वाली ज्ञानेश्वरी ने बुधवार को यहां राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में 178 किग्रा (78 किग्रा और 98 किग्रा) के कुल प्रयास के साथ 49 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।

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