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- बलौदाबाजार, /विकसित क़ृषि संकल्प अभियान के तहत शनिवार को विकासखंड भाटापारा के सहकारी समिति धनेली एवं मोपका, विकासखण्ड सिमगा के मनोहरा एवं डोंगरिया एवं विकासखण्ड पलारी के दतान-प व पलारी में विकसित कृषि संकल्प अभियान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 689 कृषक एवं 55 जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी की उपस्थिति रहे। शिविर में किसानों को धान बुवाई के पूर्व बीजोपचार का लाईव प्रदर्शन कराया गया एवं धान की कतार बोनी (डीएसआचे पेडी ट्रांसप्लांटर से रोपाई तथा सोयाबीन की बीबीएफ पद्धति एवं उन्नत फार्म मशीनरी का उपयोग जैसे विषयों में किसानों को प्रशिक्षित किया गया। किसानों को प्राकृतिक व जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार संतुलित उर्वरक के उपयोग, कृषि ड्रोन के माध्यम से उर्वरक छिड़काव, और आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग की जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केंद्र एवं इफको के सहयोग से ड्रोन का लाइव प्रदर्शन कर किसानों को इसकी कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया। शिविर में विशेष रूप से फसल चक्र परिवर्तन, फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड ऑयल पाम एग्रीस्टैक योजना, पराली प्रबंधन एवं जल संरक्षण तकनीकों पर विस्तार से जानकारी दी गई। शिविर में किसानों को बीज, उर्वरक और अन्य कृषि आदान सामग्री का वितरण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया।शिविर में कृषि विभाग, समवर्गीय विभाग, कृषि महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग, उद्यान विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
- बलौदाबाजार, / जिले में खरीफ 2025 हेतु फसल का रकबा 206250 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें धान्य फसल का 201160 हेक्टेयर, मक्का 220 हेक्टेयर, दलहन फसल 680 हेक्टेयर एवं तिलहन 520 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष 11 जून 2025 को मानसून के छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना है। इस दृष्टि से कृषकों द्वारा खरीफ फसल की तैयारी हेतु खेत की जुताई, बीज, उर्वरक, जैविक खाद की व्यवस्था की जा रही है। फसलों के उत्पादन में रासायनिक उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चूंकि राज्य स्तर पर डीएपी उर्वरक की कमी की आशंका व्यक्त की गई है। पौधों क़ो फास्फोरस एवं नत्रजन पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु अन्य उर्वरकों की वैकल्पिक व्यवस्था करना आवश्यक है। कृषक सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से अधिकांश मात्रा में उर्वरकों का अग्रिम उठाव कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा इस परिप्रेक्ष्य में किसानों को यदि डीएपी की कमी होने पर अन्य उर्वरकों का उपयोग कर फसलों का अधिकतम उपज प्राप्त करने तकनीकी सलाह दी गई है।क़ृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि धान की जल्दी पकने वाली व देशी किस्म हेतु 24 किलोग्राम नाइट्रोजन, 16 किलोग्राम स्फूर एवं 8 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है।जिसकी पूर्ति 52 किलोग्राम यूरिया, 100 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 50 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 39 किलोग्राम यूरिया या 80 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स कॉम्प्लेक्र उर्वरक एनपीकेएस (20: 20 : 0 : 13), 18 किलोग्राम यूरिया एवं 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।धान की बौनी किस्में 141 दिन से अधिक हेतु 32 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम स्फूर एवं 12 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 70 किलोग्राम यूरिया, 125 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 62 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 54 किलोग्राम यूरिया व 4 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 100 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20: 20:0:13), 26 किलोग्राम यूरिया एवं 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।धान की बौनी किस्में मध्यम अवधि 126-140 दिन हेतु 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम स्फूर एवं 16 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 87 किलोग्राम यूरिया, 150 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 27 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 75 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 67 किलोग्राम यूरिया व 7 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 120 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 35 किलोग्राम यूरिया एवं 27 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में नैनो उर्वरकों पर किये गये प्रयोग के आधार पर धान की फसल में नैनो डीएपी 5 मिली प्रति किलो बीज से बीज उपचार या जड़ उपचार तथा बोवाई व रोपाई के 30 दिन बाद एक बार 2 मिली प्रति लीटर पानी की दर से पत्तियों पर छिड़काव करने से पारम्परिक डीएपी की अनुशंसित मात्रा में 25 प्रतिशत की बचत की जा सकती है। धान फसल में नैनो यूरिया 4 मिली प्रति लीटर पानी की दर से दो बार बोवाई व रोपाई के 30 से 35 दिन एवं 55 से 60 दिन की अवस्था में छिड़काव करने से पारम्परिक यूरिया की अनुशंसित मात्रा में 25 प्रतिशत की बचत की जा सकती है।मक्का संकुल किस्में हेतु 32 किलोग्राम नत्रजन, 16 किलोग्राम स्फूर एवं 12 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 70 किलोग्राम यूरिया, 100 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 50 किलोग्राम एनकेपीके (12:32:16), 56 किलोग्राम यूरिया 7 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ म्यूरेट ऑफ पोटाश या 80 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 35 व 7 किलोग्राम यूरिया एवं 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।मक्का संकर किस्में हेतु 40 किलोग्राम नत्रजन, 24 किलोग्राम स्फूर एवं 16 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 87 किलोग्राम यूरिया, 150 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 27 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 75 किलोग्राम एनकेपीके (12:32:16), 67 किलोग्राम यूरिया व 7 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 120 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20: 20:0:13), 35 किलोग्राम यूरिया एवं 27 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।सोयाबीन, मूंगफली हेतु 8 किलोग्राम नत्रजन, 32 किलोग्राम स्फूर एवं 8 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 17 किलोग्राम यूरिया, 200 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश या 100 किलोग्राम एनकेपीके (12:32:16) या 160 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 13 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।अरहर, मूंग एवं उड़द हेतु 10 किलोग्राम नत्रजन, 20 किलोग्राम स्फूर एवं 4 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 63 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 5 किलोग्राम यूरिया या 100 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20 : 20 : 0 : 13), 7 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।रागी, कोदो हेतु 20 किलोग्राम नत्रजन, 16 किलोग्राम स्फूर एवं 8 किलोग्राम म्यूरेट ऑप पोटाश की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति 50 किलोग्राम एनकेपीके (12 : 32 : 16), 30 किलोग्राम यूरिया या 80 किलोग्राम कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनपीकेएस (20:20:0:13), 9 किलोग्राम यूरिया व 13 म्यूरेट ऑफ पोटाश की जा सकती है।
- बलौदाबाजार / इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर एवं संचालनालय उद्यानिकी के संयुक्त तत्वाधान में 6 से 8 जून तक राष्ट्रीय आम महोत्सव वर्ष 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में देश एवं प्रदेश के विभिन्न आम किस्मों की प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव में शासकीय, अशासकीय महिला समूह, स्वसहायता समुह, व्यक्तिगत कृषक, महिला, विद्यार्थी एवं समस्त आम नागरिक निः शुल्क पंजीयन कराकर प्रतियोगिता में सम्मिलित हो सकते है।इस महोत्सव में आम के प्रदर्शन के साथ उन्नतशील प्रजाति के आम पौधे एवं आम से बने उत्पादों का विक्रय सह प्रदर्शन भी किया जायेगा । इसके साथ ही कृषक संगोष्ठि एवं आम उत्पादन के नवीन तकनीक पर विशेषज्ञों की परिचर्चा,किसानों एवं आम उद्यमियों के साथ विचार विमर्श तथा आम का प्रवर्धन तकनीकों का जीवंत प्रदर्शन किया जायेगा। प्रतियोगिता में पंजीयन हेतु न्यूनतम आमफल 10 नग प्रति किस्म, खाद्य उत्पादन न्यूनतम 250 ग्राम होना अनिवार्य है। अधिक जानकारी हेतु विकासखंड सिमगा से अमन राठौर मो.8827814234,भाटापारा में बालकृष्ण राठौर मो.9589574685,बलौदाबाजार एवं कसडोल हीरासिंग पैकरा मो.9993321127,पलारी पी.आर.टैगर मो.7000412324 से संपर्क कर सकते हैं।
- बलौदाबाजार, /जल संरक्षण व प्रबंधन की जानकारी देने मोर गांव मोर पानी महाभियान अंतर्गत सभी विकासखंडो में क्लसटरवार प्रशिक्षण कार्यक्रम क़ा आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार क़ो रसेड़ी, निपनिया, बोरसी, अमेरा एवं सुहेला में क्लसटरवार प्रशिक्षण आयोजन किया गया।प्रशिक्षण में ग्रामीण क्षेत्र में जल संचयन और प्रबंधन के सम्बन्ध में जागरूकता, समुदायो क़ो जल संसाधनों के संरक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। प्रशिक्षण में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, ग्राम संगठन प्रतिनिधि, जनपद प्रतिनिधि तथा जल संरक्षण से सम्बंधित विभागों के मैदानी अमले उपस्थित थे।
- रायपुर, । आगामी मानसून सत्र 2025 के दौरान संभावित अतिवृष्टि और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देशानुसार जिला कार्यालय रायपुर में जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जो 24 घंटे सतत रूप से कार्य करेगा।बाढ़ नियंत्रण कक्ष जिला कार्यालय रायपुर के कक्ष क्रमांक-6 में स्थापित किया गया है। आम नागरिक आपात स्थिति में दूरभाष क्रमांक 0771-2413233 पर संपर्क कर सकते हैं।इस नियंत्रण कक्ष के सफल संचालन हेतु श्री मनीष मिश्रा, अपर कलेक्टर (मोबाइल: 9424281408) को नोडल अधिकारी तथा श्री एस. के. पटले, जिला समन्वयक, राजीव गांधी शिक्षा मिशन (मोबाइल: 9926615200) को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिला प्रशासन नागरिकों से अपील करता है कि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल बाढ़ नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें, ताकि समय रहते राहत और सहायता पहुँचाई जा सके।
- -देर रात तक काउंसलिंग जारीमहासमुंद / महासमुंद जिले में शासन के निर्देशानुसार विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण के तहत समायोजन किया जा रहा है। आज काउंसलिंग के दूसरे दिन कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह की मौजूदगी में पूर्णतः पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है। आज कुल 447 शिक्षकों का काउंसलिंग होना था जिसमें से समाचार लिखे जाने तक 305 शिक्षकों की काउंसलिंग की गई तथा उन्हें पदस्थापना आर्डर जारी कर दिया गया। अनुपस्थित शिक्षकों को जिला स्तरीय समिति के सर्वानुमति से पदस्थापना आदेश जारी किया जाएगा। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रविराज ठाकुर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय लहरे, डीएमसी रेखराज शर्मा सहित जिला स्तरीय समिति के सभी सदस्य मौजूद थे।काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान अतिशेष शिक्षकों को सबसे पहले कंप्यूटरिकृत प्रोजेक्टर के माध्यम से रिक्त स्थानों की सूची प्रदर्शित की गई, जिसमें उन्हें यह पूर्ण अवसर दिया गया कि वे अपने इच्छा अनुसार स्कूल का चयन कर ले। सहमति पत्र जमा करने के पश्चात उन्हें तत्काल पद स्थापना आदेश भी जारी किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय लंगेह एवं जिला पंचायत सीईओ श्री एस आलोक पूरे काउंसलिंग के दौरान मौजूद रहे।
- -सबसे तेज और सटीक समाचार देना आज की सबसे बड़ी चुनौती – केंद्रीय मंत्री श्री चिराग पासवान-आईबीसी 24 के नए स्टूडियो के शुभारंभ समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव सायरायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर स्थित आईबीसी 24 के नए स्टूडियो का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लंबे समय तक विश्वसनीयता के साथ खबरें देना किसी भी मीडिया संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को इस हाईटेक स्टूडियो से मीडिया जगत में नई पहचान मिलेगी।मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर राज्य एवं केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम आदमी तक अधिक से अधिक पहुंचाने का आग्रह किया। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान ने कहा कि सबसे तेज और सटीक समाचार देना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने अपने उद्योग, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। अब मीडिया क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय पटल पर अंकित होगा।समारोह को उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा तथा वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, विधायक सर्वश्री अजय चंद्राकर, पुरंदर मिश्रा, संपत अग्रवाल, गोयल ग्रुप के चेयरमैन श्री सुरेश गोयल, डायरेक्टर श्री राजेंद्र गोयल और आईबीसी मीडिया एडिटर श्री रविकांत मित्तल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
- महासमुंद // राज्य शासन के विभिन्न विभागों के लिए आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की शासकीय खरीदी जेम (Gem) पोर्टल के माध्यम से किया जाना आवश्यक है। इस हेतु जेम (Gem) पोर्टल प्रक्रिया के संबंध में दिनांक 03 एवं 04 जून 2025 तक दो दिवसीय संभाग स्तरीय प्रशिक्षित शिविर रायपुर में आयोजित किया जा रहा है। इसमें प्रथम दिवस का प्रशिक्षण राज्य स्तरीय क्रेताओं के लिए तथा द्वितीय दिवस का प्रशिक्षण राज्य स्तरीय विक्रेता और स्टार्टअप आदि के लिए नियत है। उक्त प्रशिक्षण में जिले के विक्रेता, जो जेम (Gem) के माध्यम से विक्रय करना चाहते है 04 जून 2025 को प्रातः 11.00 बजे स्थान रेड कॉस मीटिंग हॉल, कलेक्ट्रेट परिसर, रायपुर में उपस्थित होकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है।
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- खुशियों की धनक कुछ इस तरह से आई, चेहरों पर मुस्कान और उल्लास लेकर आई..
- समर्पित एवं प्रतिबद्ध सरकार आम जनता के हित के लिए कर रही निरंतर कार्य
- जिले में 1 लाख 28 हजार 92 आवेदन पत्र हुए प्राप्त, 1 लाख 26 हजार 75 आवेदनों का किया गया निराकरण
- जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशीलता एवं तत्परतापूर्वक समस्याओं का किया गया निराकरण
- आम जनता के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए किए गए प्रभावी कार्य
राजनांदगांव । खुशियों की धनक कुछ इस तरह से आई है, चेहरों पर मुस्कान और उल्लास लेकर आई है। यह सुशासन तिहार बहुत सी यादें देकर गया। किसी के ख्वाब पूरे हुए, कुछ बात बनी तो कहीं किसी की दिक्कत दूर हुई। सुशासन तिहार सफलता की इबारत लिख गया है। जो प्रेरक एवं लोककल्याणकारी है। इसके बहुत मायने हैं, जनमानस की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एक बेहतरीन पहल की। लोकतंत्र एक अलग स्वरूप में अभिव्यक्त हुआ और दूर दराज तक आम जनता ने अपने सुख-दुख बांटे। जिले में जनसामान्य में अपनी समस्याओं को बताने के प्रति जागृति और जज्बा दिखाई दिया। प्रथम चरण में बड़ी संख्या में लोगों ने अपना आवेदन समाधान पेटी में जमा किया। गांव-गांव, मोहल्ले, चौक चौराहे पर सुशासन तिहार की चर्चा रही। वहीं शहरी क्षेत्रों में भी नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर सुशासन तिहार में हिस्सा लिया। आम जनता के द्वार तक पहुँचकर उनकी समस्या के समाधान की शिद्दत से कोशिश की गई। सकारात्मक निदान खोजे गए और आम जनता को राहत मिली है। मुख्यमंत्री ने गांव-गांव में जाकर आम जनता के दुख-तकलीफ को जाना और समझा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने समाधान शिविर में आम जनता के बीच पहुंच कर उनके सुख- दुख को जाना। उन्होंने पूछा कि कोई परेशानी तो नहीं है और यह भरोसा दिलाया कि सरकार आपके साथ है। लगातार सुशासन तिहार में शामिल होकर उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस बीच जिले को विभिन्न तरह की सौगात भी मिली। जिले में नालंदा परिसर के लिए भूमिपूजन किया गया। वहीं शासकीय प्रेस, मातृ छाया, फिश एक्वेरियम जैसी सौगात मिली। परिणाममूलक कार्य किए गए। जिले में 1 लाख 28 हजार 92 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। जिनमें 1 लाख 26 हजार 75 आवेदनों का निराकरण किया गया है। समर्पित एवं प्रतिबद्ध सरकार आम जनता के हित के लिए निरंतर कार्य कर रही है। जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशीलता एवं तत्परतापूर्वक समस्याओं का निराकरण किया गया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सुशासन तिहार को गति प्रदान की। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की सक्रिय सहभागिता रही।
एक माह तक उत्सव के माहौल में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिला स्तरीय शिविर का आयोजन किया गया। ग्रीष्म ऋतु के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने इन शिविरों में शिरकत की। आम जनता के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रभावी कार्य किए गए। सर्वाधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए प्राप्त हुए। दूरस्थ अंचलों तक आवास की बहुतायत मांग रही। शिविरों में हितग्रहियों को उनके पक्के आवास की खुशियों की चाबी सौंपी गई। बड़ी संख्या में पात्र व्यक्तियों का आवास के लिए चिन्हांकन किया गया। सुशासन तिहार में लाभ हेतु 27648 हितग्राहियों को चिन्हांकित किया गया। इसी तरह बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास योजना, महतारी वंदन योजना, वृद्धा पेंशन, आयुष्मान कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, श्रमिक कार्ड, किसान किताब, राशन कार्ड, सड़क निर्माण, राजस्व प्रकरण, जॉब कार्ड, नि:शुल्क बीज वितरण, दिव्यांगजनों को मोटराईज ट्रायसायकल, मछली जाल, आईस बाक्स, किसान क्रेडिट कार्ड, नोनी सशक्तिकरण योजना के तहत चेक वितरण, लखपति दीदी को प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नन्हें बच्चों का अन्नप्राशन का आयोजन किया गया तथा गर्भवती माताओं की गोदभराई की गई। शिविरों में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई और पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। जनमानस के द्वार तक पहुंच कर शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया गया। नीतिगत निर्णय के लिए पत्र भी प्रेषित किए गए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नागरिकों का स्वास्थ्य जांच किया गया और आवश्यकता अनुसार मरीजों को नि:शुल्क दवाईयां दी गई। सुशासन तिहार अंतर्गत आयोजित समाधान शिविर में प्रस्तुत शिकायतों एवं मांगों के आवेदनों का निराकरण होने से ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी और शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास देखने को मिला। - *खेती - किसानी के उन्नत तकनीक से अवगत हुए किसान*बिलासपुर /तखतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत भरनी में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय एवं छत्तीसगढ़ शासन के समन्वय से विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह अभियान किसानों को नवीन वैज्ञानिक खोजों, आधुनिक कृषि तकनीकों एवं कृषि विभाग तथा संबद्ध क्षेत्रों की योजनाओं से अवगत कराने हेतु प्रारंभ किया गया है।कार्यक्रम में जनपद अध्यक्षा डॉ. माधवी वस्त्रकार जी ने विशेष रूप से सहभागिता की। उन्होंने उपस्थित किसान भाइयों को फसल चक्र अपनाने, ग्रीष्मकालीन धान की फसल न लगाने तथा वर्षा ऋतु में वृक्षारोपण करने की अपील की। कृषि विज्ञान केंद्र के पादप रोग विशेषज्ञ डॉ. जयंत साहू ने किसानों को बीज उपचार, रोग प्रबंधन, एवं आगामी फसलों से संबंधित नवीन वैज्ञानिक जानकारियाँ प्रदान कीं। वहीं, जिला नोडल अधिकारी एवं सहायक मृदा परीक्षण अधिकारी मांझी मैडम ने मृदा परीक्षण व मृदा स्वास्थ्य के महत्व पर किसानों को जागरूक किया। कार्यक्रम में मत्स्य पालन, उद्यानिकी, पशुपालन तथा फसल बीमा से संबंधित विभागों के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे एवं अपनी-अपनी योजनाओं की जानकारी किसानों को दी।इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अश्विन सतपाल, क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी श्री ओ.पी. डहरिया तथा श्रीमती अंशु वासनिक की गरिमामयी उपस्थिति रही।कार्यक्रम का सफल संचालन श्री अशोक प्रसाद द्वारा किया गया।
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बिलासपु /एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से (RSETI) ग्रामीण क्षेत्रे के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के अवसर मिल रहे हैं। केन्द्र से विभिन्न विधाओं में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर युवा स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। प्रशिक्षण के पश्चात् बैंक लिंक के माध्यम से उन्हें ऋण की सुविधा भी दी जा रही है। विशेषकर बीपीएल कार्डधारी परिवारों के लिए यह संस्थान वरदान बनकर सामने आया है जहां उन्हें सभी सुविधाएं निःशुल्क मिल रही है। संस्थान में इन दिनों राज मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें 22 महिलाएं शामिल है, स्व सहायता समूह की ये महिलाएं न सिर्फ दीवारें बना रही हैं, बल्कि अपने भविष्य की नींव भी मजबूत कर रही हैं। महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा कि शासन की योजनाओं से अब ग्रामीण महिलाएं भी आगे बढ़ रही है।
कोनी स्थित प्रशिक्षण केंद्र में एक माह के राज मिस्त्री प्रशिक्षण के लिए आई ग्राम तुर्काडीह की श्रीमती ममता यादव और गायत्री खांडे ने बताया कि उन्हें यहां न सिर्फ व्यावसायिक ज्ञान मिल रहा है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम जैसे ग्रामीण महिलाएं भी तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकती हैं और कुछ कर सकती हैं, ममता ने कहा। अब हम खुद भी काम कर सकेंगे और दूसरों को भी सिखा सकेंगे। ग्राम मानिकपुरी की श्रीमती शांता मरावी ने बताया कि वह स्वयं की आजीविका कमाना चाहती थीं, उन्हें जब स्व सहायता समूह से इस प्रशिक्षण की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत भाग लेने का निर्णय लिया। शांता कहती हैं, यहां रहने और खाने की बहुत अच्छी व्यवस्था है और वह भी पूरी तरह मुफ्त। इससे हम पूरे ध्यान से प्रशिक्षण ले पा रहे हैं,जिसके बाद हमें अपने गांव में ही प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बनने वाले आवास में काम मिल सकेगा।
एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक श्री नरेंद्र साहू ने बताया कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे बीपीएल परिवारों को व्यावसायिक रूप से दक्ष बनाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यहां 18 वर्ष से ऊपर के बीपीएल परिवारों के ग्रामीण युवा और महिलाएं, जो बेरोजगार हैं, उन्हें विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें बैंकों से जोड़ा जाता है, जिससे वे स्वरोजगार के लिए ऋण ले सकें। साथ ही हम तकनीकी सहयोग प्रशिक्षण के बाद भी जारी रखते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान हर साल 1000 से अधिक लाभार्थियों को प्रशिक्षण देता है। यहां प्रशिक्षण लेने वाले युवक और महिलाएं दर्जी, ब्यूटी पार्लर, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, जैविक खेती, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, बेकिंग, कुकिंग, बागवानी, ज्वेलरी मेकिंग, मोबाइल रिपेयरिंग जैसे अनेक क्षेत्रों में दक्षता हासिल कर रहे हैं।
सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्य को सार्थक करता यह संस्थान ग्रामीण समुदायों को नई दिशा दे रहा है। महिलाएं, जो कभी घरेलू कामों तक सीमित थीं, अब ईंट-गारे से लेकर निर्माण योजनाओं में योगदान दे रही हैं। इससे न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि गांवों में भी महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। संस्थान द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण से ग्रामीण महिलाएं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के अवसर मिल रहे है जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है साथ ही देश की आर्थिक तरक्की में भी वे अब अहम भूमिका निभा रहे हैं। -
बिलासपुर /राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली की अध्यक्ष महोदया श्रीमती विजया राहटकर 4 जून को बिलासपुर प्रवास पर पहुंच रही हैं। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्रीमती राहटकर नई दिल्ली से विमान से रवाना होकर 10.05 बजे बिलासपुर पहुचेंगी। सवेरे 10.30 बजे रेलवे ऑडिटोरियम में मानव तस्करी विरोधी विषय पर आयोजित वर्कशॉप में शामिल होंगी। आरपीएफ पर्सनल के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। दोपहर 12.30 बजे गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में पॉश एवं सायबर सेक्यूरिटी जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होंगी। अपरान्ह 3 बजे बिलासपुर संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेंगी। शाम 5 बजे सर्किट हाउस में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों से मुलाकात करेंगी। इसके बाद शाम 7 बजे राजधानी रायपुर के लिए सड़क मार्ग से होकर रवाना हो जायेंगी।
- -154 आदिवासी ग्राम होंगे विकास की मुख्यधारा में शामिलकोरिया । भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा कोरिया जिले को ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान‘ के अंतर्गत जिले के 154 आदिवासी बहुल ग्रामों का चयन किया गया है, जिन्हें समग्र विकास की मुख्यधारा में लाने का लक्ष्य रखा गया है।यह अभियान कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी के मार्गदर्शन में संचालित होगा, जिसके तहत ग्राम स्तर पर जागरूकता शिविर, सरकारी सेवाओं की उपलब्धता और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार को प्राथमिकता दी जाएगी। सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अंतराल की पहचान कर अभिसरण और संतृप्तिकरण के माध्यम से विकास सुनिश्चित करना है।15 जून से 30 जून तक चलेगा विशेष शिविर अभियानअभियान के अंतर्गत जिले में 15 जून से 30 जून 2025 तक ग्राम और क्लस्टर स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें दस्तावेज संबंधी सेवाएं, आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे। आजीविका एवं कृषि से सम्बंधित किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, मुद्रा ऋण, पीएम विश्वकर्मा, सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग पेंशन, बीमा कवरेज, जन-धन खाते का लाभ दिया जाएगा। महिला एवं बाल कल्याण द्वारा टीकाकरण, पीएम मातृत्व वंदना योजना, आईसीडीएस सेवाएं, बुनियादी सुविधाएं के तहत सड़क, बिजली, पानी, मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, पक्के मकान और शिक्षा और कौशल विकास के तहत आवासीय विद्यालय, छात्रावास, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर आदि लाभ इन आदिवासी ग्रामीणों को मुहैया कराया जाएगा।कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने बताया कि भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देश पर यह कार्य किया जा रहा है। ‘धरती आबा अभियान‘ जिले के लिए एक सुखद परिवर्तनकारी पहल साबित हो सकती है, जो आदिवासी गांवों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जिला प्रशासन ने जनजातीय समुदाय से विशेष अनुरोध किया है कि वे इन शिविरों में भाग लें और योजनाओं का लाभ उठाकर अपने गांव और जीवन को सशक्त बनाएं।
- रायपुर / मेसर्स अरिहंत स्टील नारायणपुर जिला नारायणपुर के व्यवसाय स्थल पर स्टेट जीएसटी विभाग जगदलपुर द्वारा 31 मई को जांच की कार्यवाही की गई है। जब मौके पर जांच टीम पहुंची तो, देखा कि उनके व्यवसाय स्थल पर व्यवसाय से संबंधित कोई भी लेखा पुस्तक या सॉफ्टवेयर जैसे कि टैली का संधारण नहीं पाया गया, जबकि जीएसटी के प्रावधानों के अनुरूप व्यवसाय स्थल पर समस्त लेखा पुस्तकें रखा जाना अनिवार्य है। व्यवसायी ने बताया कि समस्त बिल, कर सलाहकार द्वारा जारी किया जाता है। इस कारण कर अपवंचन की संभावना और भी प्रबल हो गई। आगे जांच में पाया गया कि वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्न ओव्हर लगभग 16 करोड़ रुपये से अधिक किन्तु उस पर कर का नगद भुगतान मात्र 43 हजार रुपये का वर्तमान अवधि तक किया गया है।साथ ही साथ जब ई-वे बिल की जांच की गई तो पता चला कि वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 तक माल की खरीदी 8.21 करोड़ रुपये की गई किंतु माल की सप्लाई के लिए कोई ई-वे बिल जारी नही किया गया। जिससे यह पता चलता है कि माल का विक्रय आम उपभोक्ता को किया गया है किन्तु बिल को अन्य व्यवसायियों को बेचकर बोगस इनपुट टैक्स का लाभ दिया गया है, जिससे कि केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकार को कर राजस्व की अत्यधिक हानि हुई है। जांच के दौरान व्यवसायी के द्वारा अपनी गलती / त्रुटि स्वीकार करते हुए स्वैच्छिक रूप से 10लाख रुपये का कर भुगतान करने की मंशा जाहिर की, किंतु जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने व्यवसाय स्थल पर उपलब्ध स्टॉक की मात्रा (अनुमानित कीमत 90 लाख रुपये ) के समर्थन में व्यवसायी से लेखा पुस्तकें एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की। व्यवसायी की ओर से कोई भी जानकारी एवं दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। व्यवसायी द्वारा अपने परिचित कुछ मीडियाकर्मियों एवं व्यवसायियों को एकत्रित कर जांच टीम पर दबाव डालने का प्रयास किया गया। व्यवसायी के असहयोगात्मक रवैये एवं कर अपवंचन की विस्तृत जांच हेतु स्थानीय पुलिस की उपस्थिति में आगामी कार्यवाही तक व्यवसाय स्थल सील बंद किया गया है।
- रायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान श्री साय ने श्री पासवान को कोसा वस्त्र एवं बेल मेटल से बने स्मृति चिन्ह भेंटकर आत्मीय स्वागत किया। गौरतलब है कि केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान आज एक दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ पहुंचे थे।
- -अब बच्चों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएंरायपुर, ।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के उद्देश्य से शालाओं के युक्तियुक्तकरण की दिशा में एक सार्थक पहल की जा रही है। इस पहल के तहत बस्तर संभाग के सात जिलों में कुल 1611 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इससे विद्यालयों की गुणवत्ता, संसाधनों की उपलब्धता और शैक्षणिक वातावरण में व्यापक सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक शिक्षा से प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर संभाग के बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और सुकमा जिलों में ऐसी शालाओं को चिन्हित किया गया, जहाँ या तो छात्र संख्या बहुत कम थी या एक ही परिसर में अथवा निकट में दो से अधिक शालाएं संचालित हो रही हैं, इन शालाओं को एकीकृत कर उन्हें बेहतर सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। संयुक्त संचालक शिक्षा ने बताया कि बस्तर संभाग के बस्तर जिले में 274, बीजापुर जिले की 65, कोण्डागांव जिले की 394, नारायणपुर की 80, दंतेवाड़ा जिले की 76, कांकेर जिले की 584 तथा सुकमा जिले की 138 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इससे शिक्षक विहीन एकल शिक्षकीय एवं आवश्यकता वाली अन्य शालाओं मेें अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना हो सकेगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। साथ ही बच्चों को बेहतर शैक्षणिक संसाधन जैसे पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, कम्प्यूटर लैब और खेल सामग्री भी उपलब्ध हो सकेंगी।संयुक्त संचालक, शिक्षा, बस्तर संभाग, जगदलपुर ने बताया कि एकीकृत शालाओं में एक ही परिसर में पढ़ाई होने से बच्चों को नियमित स्कूल आना आसान होगा, जिससे छात्रों की उपस्थिति दर में वृद्धि और ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी। इसके अलावा, प्रशासनिक खर्च में भी कमी आएगी और बचत को शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने में उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया नियोजित और चरणबद्ध रूप से संपन्न की जा रही है, जिसका उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और विद्यालय परिसरों को संसाधनयुक्त बनाना है। इस पहल को शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है, जिससे बस्तर संभाग के हजारों बच्चों को लाभ मिलेगा और छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान बना सकेगा।
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- एक वर्ष के लिए खंड कार्यालय राजनांदगांव में कार्य करने हेतु किया गया प्रतिबंधित
राजनांदगांव । कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत चल रहे कार्यों के तहत विभागीय तकनीकी जांच के बाद कार्यरत ठेकेदार मेसर्स सिंग एसोसिएट भिलाई एवं ठेकेदार मेसर्स दास कंस्ट्रक्शन राजनांदगांव के अनुबंध को निरस्त कर दिया है। कलेक्टर डॉ. भुरे ने डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम झंडातलाब, नवागांव में कार्यरत ठेकेदार मेसर्स सिंग एसोसिएट भिलाई द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने और कार्य में किसी प्रकार की रूचि नहीं प्रदर्शित करने पर कार्य को निरस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने अनुबंध निरस्त कर अनुबंध की कंडिका 3 के तहत निविदा के लिए जमा अमानत राशि को शासन के पक्ष में राजसात करते हुये आगामी 1 वर्ष के लिये खंड कार्यालय राजनांदगांव में कार्य करने हेतु प्रतिबंधित किया है।
इसी तरह कलेक्टर डॉ. भुरे ने डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम पैरीटेका में कार्यरत ठेकेदार मेसर्स दास कंस्ट्रक्शन राजनांदगांव को बारम्बार पत्राचार पश्चात भी कार्य करने में कोई रूचि नहीं दिखाने के कारण निरस्तीकरण के निर्देश दिए। निरस्तीकरण के पहले ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कार्य में अनियमितता पाए जाने और ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत पत्र को अमान्य करते हुये अनुबंध निरस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने अनुबंध की कंडिका 3 के तहत निविदा हेतु जमा अमानत राशि को शासन के पक्ष में राजसात करते हुये आगामी 1 वर्ष के लिये खंड कार्यालय राजनांदगांव में कार्य करने हेतु प्रतिबंधित करते हुये निरस्तीकरण के निर्देश दिए। - रायपुर।, छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने रियल एस्टेट क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक अहम फैसला सुनाया है। रेरा ने आशीर्वाद अपार्टमेंट परियोजना (कोहका, जिला दुर्ग) से जुड़े एक मामले में प्रमोटर को निर्देश दिया है कि वह आवंटी को 28.71 लाख रुपये की राशि ब्याज सहित तत्काल लौटाए।यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब यह पाया गया कि आवंटी और प्रमोटर के बीच अनुबंध होने के दो साल बाद भी फ्लैट का पजेशन नहीं दिया गया। निर्माण कार्य लंबे समय तक अधूरा रहा, जिससे आवंटी को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा।रेरा के आदेशानुसार, प्रमोटर द्वारा मूलधन 23 लाख 71 हजार रुपये और उस पर 5 लाख रुपये ब्याज सहित कुल 28 लाख 71 हजार रुपये की राशि लौटाई जाएगी। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि प्रमोटर की लापरवाही ने उपभोक्ता का विश्वास तोड़ा है और साथ ही रेरा कानून का उल्लंघन किया है ।रेरा रजिस्ट्रार ने इस संदर्भ में कहा कि रेरा का उद्देश्य है कि प्रत्येक होमबायर को समय पर उसका अधिकार मिले। यह आदेश उसी दिशा में एक मजबूत संदेश है कि कोई भी प्रमोटर उपभोक्ता के साथ धोखाधड़ी या देरी नहीं कर सकता। रेरा के इस निर्णय से न केवल पीड़ित उपभोक्ता को राहत मिली है, बल्कि यह अन्य खरीदारों के लिए भी एक सकारात्मक संदेश बनेगा। रेरा ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे सजग रहें और समय पर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए इस मंच पर शिकायत दर्ज करें।
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राजनांदगांव । कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में प्रत्येक शनिवार स्वच्छता त्यौहार अभियान के अंतर्गत जिले के सभी ग्रामों में व्यापक स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह के निर्देश पर विश्व पर्यावरण दिवस की थीम को समर्पित करते हुए शरिवार को स्वच्छता त्यौहार का आयोजन किया गया। स्वच्छता त्यौहार के अंतर्गत गांवों में नालियों की सफाई, तालाबों एवं सरोवरों की सफाई तथा सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई की गई। ग्रामीणों को पर्यावरण की सुरक्षा और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।
स्वच्छता त्यौहार कार्यक्रम के अंतर्गत घर-घर जाकर कचरा संग्रहण की प्रक्रिया को सुदृढ़ किया गया और लोगों को नियमित रूप से यूजर चार्ज जमा करने के लिए जागरूक किया गया, ताकि यह प्रणाली आत्मनिर्भर और सतत बनी रहे। इस दौरान स्वच्छता मित्रों एवं स्वच्छग्राहियों का सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया। उन्हें प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। स्वच्छता त्यौहार में पंच-सरपंच, स्व-सहायता समूह की महिलाएं, ग्रामवासियों तथा जनप्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर इस अभियान को जनांदोलन का रूप दे दिया। स्वच्छता रैलियों, जन संवाद और दीवार लेखन के माध्यम से स्वच्छता के संदेश को घर-घर तक पहुँचाया गया। स्वच्छता के प्रति सकारात्मक सोच को बल दिया गया। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और सामुदायिक सहभागिता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं के संबंध में जानकारी दी। -
राजनांदगांव । जिले के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने एवं खेती को लाभप्रद बनाने के उद्देश्य से 29 मई से 12 जून 2025 तक विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने जिले के किसानों से विकसित कृषि संकल्प अभियान में सक्रिय सहभागिता कर उन्नत खेती अपनाने और शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने की अपील की है। विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत कृषि एवं संबंधित समवर्गी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जिले के गांव-गांव तक पहुंच रही है, जहां वैज्ञानिकों एवं कृषि के जानकारों के तीन दल अलग-अलग विकासखंडों में किसानों के उन्नयन हेतु उन्नत कृषि तकनीक, आधुनिक कृषि उपकरणों, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी दे रहे है। साथ ही अभियान के दौरान खरीफ मौसम की प्रमुख फसलों की उन्नत एवं वैज्ञानिक तकनीक, प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों का जीवंत प्रदर्शन, बीज उपचार, धान की सीधी बुआई विधि, पशुपालन एवं उन्नत पशु नस्ल की जानकारी, कृषि ड्रोन तकनीक, मत्स्य पालन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार फसल में संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग एवं नवाचारों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। जिले के किसान अभियान का लाभ पूर्ण सहभागिता के साथ ले रहे हैं। अभियान प्रारम्भ होने के पूर्व जिले के सभी ग्राम पंचायतों मे इस कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार किया गया था एवं मुनादी के माध्यम से अधिक से अधिक किसान विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत आयोजित शिविर में पहुंच रहे है।
जिले में विकसित कृषि संकल्प अभियान के सफल संचालन वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों के दल के साथ एक कृषि रथ एवं पशुधन विकास रथ भी गांव-गांव में चलाए जा रहे है। जिनमें नवाचारी तकनीकी जानकारी वीडियो के माध्ये से भी दी जा रही है। दल प्रति दिन 6 ग्राम पंचायतों में आयोजित शिविरों में किसानों के साथ सीधा संवाद कर रहे है। 12 जून तक जिले के कुल 156 ग्राम पंचायतों में यह अभियान निरंतर चलाया जाएगा। प्रत्येक दल में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक, कृषि विभाग, बैंक, उद्यानिकी महाविद्यालय के प्राध्यापक, मत्स्य पालन, उद्यानिकी एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ- साथ जनप्रतिनिधि, प्रगतिशील कृषक, एफपीओ कार्यकर्ता, कृषि सखियों का समूह एवं गणमान्य नागरिक भी उपस्थित हो रहे है। अभियान के प्रभावी निगरानी हेतु उप संचालक कृषि कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जिसके माध्यम से अभियान की जानकारी केंद्र एवं राज्य शासन को प्रेषित की जाती है। -
- सोलर प्लांट लगाने के लिए 30 हजार से 78 हजार रूपए तक का अनुदान
- योजना से लाभान्वित होने ऑनलाईन कर सकते हैं आवेदन
राजनांदगांव । प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से अपने घर के छत पर ही 300 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली उत्पादन किया जा सकता हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं को सस्ते ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध किया जा रहा है। इसके साथ ही अधिकतम 78 हजार रूपए का अनुदान भी किया जाता है। हमारे सौर मंडल में ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य है। सौर ऊर्जा को ग्रीन एनर्जी भी कहते हैं, क्योंकि इससे बिजली उत्पादन में प्रदूषण नहीं होता। यदि लोगों के घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाए तो यह बिजली आम जनता को नि:शुल्क मिलेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। जिसके तहत मार्च 2027 तक देश के एक करोड़ घरों में रूफ टॉप सोलर प्लांट लगवाने का संकल्प लिया गया है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ में 5 लाख रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा है। एक से तीन किलोवॉट तक का सोलर प्लांट लगाने के लिए 30 हजार से 78 हजार रूपए तक का अनुदान दे रही है। तकनीकी रूप से तीन किलोवॉट के सोलर प्लांट में हर माह औसतन 300 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। छत पर उत्पादित पूरी बिजली, यदि आपके घर में उसी माह उपयोग नहीं होती तो वह सीएसपीडीसीएल के ग्रिड में संरक्षित कर आगामी माह के उपयोग हेतु उपलब्ध रहेगी। जिसका फायदा लाभार्थी घरेलू उपभोक्ता को निरंतर प्राप्त होता रहेगा। उपभोक्ता पीएम सूर्यघर योजना के पोर्टल या मोबाइल ऐप में जाकर पंजीयन कराएं और इस योजना के सभी लाभ ले सकते हैं। यह योजना बिजली बिल हाफ नहीं बल्कि बिजली बिल समाप्त कर देगी। यानी आपको 3 किलोवॉट के सोलर प्लांट पर 300 यूनिट बिजली हर माह मुफ्त मिलेगी। आप खुद बिजली के उत्पादक भी हैं और उपभोक्ता भी।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत लाभार्थियों को 78 हजार रूपए तक अनुदान सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इस योजना से बिजली बिल कम और नवीन रोजगार सृजन होगा तथा अक्षय ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। योजनांतर्गत औसत मासिक विद्युत खपत 0-105 यूनिट के लिए 1-2 किलो वॉट के रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 30 हजार रूपए से 60 हजार रूपए तक का अनुदान दिया जाएगा। औसत मासिक विद्युत खपत 150-300 यूनिट के लिए 2-3 किलो वॉट के रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 60 हजार रूपए से 78 हजार रूपए तक का अनुदान। औसत मासिक विद्युत खपत 300 से अधिक यूनिट के लिए 3 किलो वॉट से अधिक रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 78 हजार रूपए तक का अनुदान। ग्रुप हाऊसिंग सोयायटी एवं निवासी कल्याण संघ के लिए 18 हजार रूपए प्रति किलोवाट अनुदान का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से लाभान्वित होने आवेदन करने की प्रक्रिया -
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया 5 स्टेप में की जा सकती है। पहले स्टेप में सबसे पहले पोर्टल 222.श्चद्वह्यह्वह्म्4ड्डद्दद्धड्डह्म्.द्दश1.द्बठ्ठ पर रजिस्टर व पंजीयन कराना होगा। अपने राज्य का चुनाव कर इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी, इलेक्ट्रिसिटी कन्ज्यूमर नंबर का चुनाव करना होगा। अपना मोबाईल नंबर और मेल आईडी प्रविष्ट करना होगा। स्टेप-2 में कन्ज्यूमर नंबर और मोबाईल नंबर से लाग-इन कर रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्टेप-3 में अब अपू्रवल के लिए इंतजार करना होगा एवं विद्युत विभाग में पंजीकृत वेंडर से ही सौर संयंत्र लगवायें। स्टेप-4 में एक बार इंस्टालेशन पूरा हो जाने पर प्लांट का विवरण जमा करना होगा और नेट मीटर के लिए ओवदन करना होगा। स्टेप 5 में नेट मीटर की स्थापना और डिस्कॉम द्वारा निरीक्षण के बाद पोर्टल से प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। स्टेप-6 में कमिशनिंग रिपोर्ट प्राप्त कर, अपना बैंक खाता विवरण तथा निरस्त चेक पोर्टल के माध्यम से जमा करना होगा। इसके बाद तीन दिनों के भीतर आपको सब्सिडी प्राप्त हो जायेगी। -
- शिविर में कृषि समसामयिक विषय पर किसानों को किया गया जागरूक
राजनांदगांव । भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की सहभागिता से विकसित कृषि संकल्प अभियान खरीफ पूर्व राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में आज विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत जिले के विभिन्न स्थानों में किसानों को जागरूक करने के लिए शिविर का आयोजन किया गया। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम गठुला एवं भेड़ीकला में शिविर का आयोजन किया गया। इसी तरह छुरिया विकासखंड के ग्राम जोब, पंडरापानी तथा डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम खैरा एवं सहसपुर में विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत शिविर का आयोजन किया गया। विकसित कृषि संकल्प अभियान शिविर में किसानों को बीज उपचार, जैविक उत्पाद निर्माण की जानकारी दी गई। इसके साथ ही मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं विभिन्न प्रकार के प्रचार-प्रसार सामग्री का वितरण किया गया। शिविर में कृषि जागरूकता के संबंध में प्रचार-प्रसार सामग्री का वितरण करते हुए कृषि की समसामयिक विषय पर चर्चा कर किसानों की समस्याओं का निराकरण किया गया। किसानों को 17 प्रतिशत नमक घोल से धान बीज उपचार जैविक उत्पाद निर्माण एवं कृषि तकनीक की जानकारी दी गई। रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर अन्य जैविक उर्वरकों तथा सूक्ष्म तत्वों के उपयोग को बढ़ावा देने के संबंध में किसानों को जागरूक किया गया। जैविक खाद से मृदा उर्वरता बढ़ती और बनी रहती है। इससे किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक दशा में सुधार आता है। फसलों की उत्पादकता बढ़ती है। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। शिविर में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती हीरम बाई मंडावी, जनपद सदस्य श्रीमती सुनीता दुग्गा, श्रीमती राधिका सहित कृषि विभाग, केवीके, उद्यानिकी विभाग, पशुधन विभाग एवं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, सरपंच, सचिव एवं बड़ी संख्या में किसान तथा ग्रामीणजन उपस्थित थे। - -खाद्य एवं औषधि प्रशासन की कार्रवाई, 249 दुकानदारों पर कोटपा एक्ट के तहत जुर्माना-अमानक औषधियां बेचने या वितरित करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी: स्वास्थ्य मंत्रीरायपुर। छत्तीसगढ़ में आमजन को गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे निरीक्षण अभियान के तहत राज्य के विभिन्न जिलों से एकत्र किए गए औषधि नमूनों की जांच में पांच दवाएं अमानक पायी गई हैं।विभागीय जानकारी के अनुसार, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सक्ति, राजनांदगांव, कोंडागांव, सूरजपुर सहित अन्य जिलों से कुल 34 औषधि नमूनों को एकत्र कर रायपुर स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया था। मई 2025 में जांच उपरांत इनमें से 03 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं।अमानक घोषित दवाएं:विल्डमेड टैबलेट (बैच नं. VGT 242068A) – निर्माता: वृंदावन ग्लोबल, सोलन (हि.प्र.)रिफलीवे एम टैबलेट (बैच नं. HG 24080598) – निर्माता: आई हील फार्मास्युटिकल्स, बद्दी (हि.प्र.)डोंलोकैर डी एस सस्पेंशन (बैच नं. DCN-002) – निर्माता: क्विक्सोटिक फार्मा, मोहाली (पंजाब)इन दवाओं का उपयोग मधुमेह, बुखार व संक्रमण जैसे रोगों के उपचार में किया जाता है। विभाग द्वारा संबंधित उत्पादकों एवं वितरकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, "जनस्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अमानक औषधियां बेचने या वितरित करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारी सरकार राज्य में उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। सभी औषधि विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे केवल मान्यता प्राप्त व प्रमाणित दवाएं ही विक्रय करें।"नशीली दवाओं के विरुद्ध सख्ती:राज्यभर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए औषधि निरीक्षकों की टीमों द्वारा मेडिकल स्टोर्स पर लगातार छापेमारी की जा रही है। शासन के निर्देश पर सभी मेडिकल प्रतिष्ठानों को सीसीटीवी कैमरे से युक्त किए जाने की दिशा में भी तेजी से कार्य जारी है।तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष अभियान:विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) के अवसर पर राज्य में विशेष अभियान चलाया गया। औषधि निरीक्षकों द्वारा कोटपा अधिनियम, 2003 की धारा 4 व 6 के तहत शिक्षण संस्थानों के समीप पान दुकानों और सार्वजनिक स्थलों पर 249 चालान जारी किए गए। प्रत्येक पर ₹100 की दर से जुर्माना लगाया गया।खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे दवाओं की खरीद करते समय गुणवत्ता और वैधता की जांच अवश्य करें तथा संदिग्ध औषधियों की सूचना विभाग को दें।
- रायपुर ।राज्यपाल श्री रमेन डेका ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले रायपुर निवासी स्वर्गीय श्री दिनेश अग्रवाल के परिजनों को आज यहां राजभवन में 2 लाख रूपए की सहायता राशि संबंधी चेक प्रदान किया। इस अवसर पर विधायक श्री सुनील सोनी एवं श्री पुरंदर मिश्रा उपस्थित थे।
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रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ राज्य केश शिल्प कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन ने सौजन्य भेंट की।