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- -समय-सीमा की बैठक में विभाग प्रमुखों को दिए निर्देशबालोद। कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने सभी विभाग प्रमुखों को अपने-अपने विभागों के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। जिससे कि शिक्षित युवाओं को शासकीय सेवाओं में अधिक से अधिक रोजगार का अवसर प्रदान करने हेतु भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरी की जा सके। कलेक्टर श्री शर्मा आज संयुक्त जिला कार्यालय बालोद के सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में जिले के सभी विभाग प्रमुखों को उक्ताशय के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को जिला स्तर पर भर्ती की जाने वाली रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया तत्काल शुरू कर इसे निर्धारित समयावधि में पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि जिले में कुछ विभागों के द्वारा रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही शेष विभागों को भी शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की आवश्यकता है। कलेक्टर ने कहा कि भर्ती हेतु अभ्यर्थियों से आॅनलाईन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों को भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया के संबंध में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर इसके लिए विभाग प्रमुख जिम्मेदार होंगे। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रेणुका श्रीवास्तव सहित जिले के सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों एवं विभाग प्रमुखगण उपस्थित थे।बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न विभागों के कार्याें की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। इसके अंतर्गत उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से मुख्यमंत्री श्री सुपोषण अभियान के तहत एनेमिक गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन प्रदान करने हेतु घर पहुंच टिफीन पहुंचाने के कार्य के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने जिले के प्राकृतिक पेंट ईकाईयों में गोबर पेंट के उत्पादन कार्य के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने विभाग प्रमुखों से गोबर पेंट के खरीदी एवं उपयोग के संबंध में जानकारी ली। श्री शर्मा ने गोठानों में चल रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए जिले के सभी गोठानों में मवेशियों के लिए चारे के साथ-साथ पानी की भी समूचित उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए। राजस्व प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा करते हुए समय-सीमा में लंबित सभी राजस्व प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करने को कहा। इसके अंतर्गत उन्होंने तहसीलवार अविवादित नामंतरण, खाता विभाजन आदि राजस्व प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री जन चैपाल के अलावा शासन के विभिन्न विभागों तथा संभाग आयुक्त कार्यालय से प्राप्त पत्रों के निराकरण की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को प्राप्त पत्रों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित कराने को कहा।श्री शर्मा ने मत्स्य विभाग कार्यालय में निर्माणाधीन हेचरी के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए जून माह के अंत तक इसके निर्माण कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने हेचरी के निर्माण कार्य के पूरा होने के तत्काल बाद यहां पर उत्पादन कार्य भी शुरू कराने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने आगामी विधानसभा निर्वाचन से संबंधित कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्वाचन संबंधी कार्यों को शत प्रति
- - महेश्वरी राम यादव ने बाड़ी योजना के तहत प्राप्त आय से खरीदा एक जोड़ी बैलदुर्ग / ग्राम पोटिया में साग सब्जी एवं फलदार वृक्षों से भी किसान खेती कर व्यवसाय कर रहे हैं। इससे पहले किसानों के लिए इस तरह की योजनाएं नहीं थी। अब बाड़ी योजना के अंतर्गत किसानों को खेतों में सब्जी एवं फलदार वृक्ष उगाने पर अतिरिक्त आय हो रही है।ग्राम पोटिया निवासी श्री महेश्वरी राम यादव बाड़ी योजना का लाभ लेकर अपने घर का पालन पोषण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाड़ी योजना के तहत उनके पास खेती लायक उपयुक्त जमीन के लिए उद्यानिकी विभाग से व्यावसायिक जानकारी एवं मार्गदर्शन लेकर वे खेती बाड़ी का कार्य करने लगे। उन्होंने बताया कि शासन की बाड़ी योजना का लाभ लेकर अतिरिक्त आय के साथ-साथ पोषण स्तर में सुधार आया। इस कार्य को श्री यादव ने 2022 में प्रारंभ किया और आज वह 45 से 46 हजार रूपए की आय अर्जित कर चुके हैं। शासन की ओर से समय-समय पर उन्हें खेती बाड़ी के लिए खाद, बीज उपलब्ध कराया जाता है। बाड़ी योजना के तहत अपने बाड़ी में भिंड्डी, पत्ता गोभी, प्याज भाजी एवं अन्य सब्जी-भाजी को स्थानीय बाजारों में बेचकर प्राप्त आय से उन्होंने खेती किसानी के लिए एक जोड़ी बैल खरीदा है। कार्य का विस्तार करते हुए वे एक एकड़ में नेपीयर घास की खेती भी कर रहे हैं। श्री महेश्वरी राम यादव बहुत ही मेहनती व्यक्ति है। वह खेती बाड़ी के साथ-साथ राजमिस्त्री का कार्य भी करते हैं। श्री यादव कठोर परिश्रम कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हुए बेहतर स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
- बिलासपुर /जिला स्तरीय पर्यटन समिति की बैठक 2 जून को दोपहर 12 बजे जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में आयोजित की गई है। कलेक्टर श्री सौरभ कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में पर्यटन विकास के कार्यों एवं गतिविधियों में तेजी लाने सहित अन्य बिन्दुओं पर चर्चा की जाएगी।
- बिलासपुर, /कोरबा के सतरेंगा रिसोर्ट में 31 मई आयोजित होने वाले संभागीय कलेक्टर्स कांफ्रेंस अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है। कमिश्नर डॉ. संजय अलंग अब 14 जून को सवेरे 11 बजे से जिला कार्यालय बिलासपुर के मंथन सभाकक्ष में कलेक्टर्स कान्फ्रेंस लेंगे। इस बैठक में संभाग में शामिल जिले बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, सक्ती, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, कोरबा, मुंगेली तथा जीपीएम जिले के कलेक्टर व जिला पंचायत के सीईओ शामिल होंगे।
- बिलासपुर /भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान कोनी बिलासपुर में 30 दिवसीय महिला सिलाई मशीन प्रशिक्षण का समापन किया गया। इसके साथ ही बकरी पालन हेतु 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण में महिलाओं ने सिलाई के साथ ही व्यवसाय के गुर, बाजार सर्वेक्षण आदि विषयों की जानकारी ली।महर्षि यूनिवर्सिटी की योग प्रभारी डॉ. गरिमा ने योग के गुर सिखाये। नेशनल अकेडमी ऑफ रूडसेटी के छत्तीसगढ़ राज्य के असिस्टेंट कंट्रोलर अरुण कुमार सोनी के निर्देश पर प्रतिनियुक्त मूल्यांकन अधिकारी श्री अभिजीत भट्टाचार्य एवं राजेश्वरी अग्रवाल किया गया। मूल्यांकन प्रक्रिया में लिखित, मौखिक और प्रायोगिक परीक्षा ली गई। जिसमें सभी 32 प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सफलता प्राप्त किया गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि डीडीएम नाबार्ड श्री अशोक कुमार साहू ने विभिन्न ऋण योजना पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षणार्थियों को बचत करने की प्रेरणा दी गई। विशिष्ट अतिथि बिल्हा एडीओ ने श्री राजेश राठौर ने प्रशिक्षण में महिलाओं को बधाई दी एवं उन्हें प्रयत्न करते रहने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि रीवा अंतर्गत और अधिक एवं बेहतर तरीके से सिलाई का कार्य करना है समस्त छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य की कामना दी। उन्होंने निरंतर प्रयास करने की सलाह दी। प्रमुख संकाय श्रीमती दीप्ति मंडल द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। file photo
- बिलासपुर, /राजकिशोर नगर स्थित कर्मचारी पुत्र बालक छात्रावास में नवीन शासकीय पोस्ट मैट्रिक पिछड़ा वर्ग बालक छात्रावास का संचालन 16 जून से प्रारंभ किया जाएगा। इस नये छात्रावास में 11 वीं से लेकर महाविद्यालय तक के छात्रों को प्रवेश की पात्रता होगी। छात्रों का प्रवेश मेरिट के आधार पर छात्रावास चयन समिति द्वारा किया जाएगा। आवेदन पत्र छात्रावास अधीक्षक से प्राप्त किये जा सकेंगे। आवेदन के साथ जाति, निवास, आय एवं दूरी प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा।
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बिलासपुर /कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने आज साप्ताहिक जनदर्शन में जिले के विभिन्न क्षेत्र से आए लोगों की समस्याओं को सुना। उन्होंने आम नागरिकों की समस्याओं और आवश्यकताओं को गंभीरता से सुना और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक जांच कर निराकरण के निर्देश दिए। जनदर्शन में आज राशन कार्ड, पेंशन, आवास, राशन, पानी की समस्या, रोजगार सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर कलेक्टर से मुलाकात कर लगभग 113 आवेदन दिए।
जनदर्शन में ग्राम निपनिया निवासी श्री शिवचरण पाटले ने मई 2022 से किसान पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को उनके आवेदन पर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। अकलतरा निवासी श्रीमती रामेश्वरी विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पति करड़ी पंचायत के सचिव थे और स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनका निधन हो गया है। उनके द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत करने के बाद भी नियुक्ति नहीं हो पाई है। उन्होंने कलेक्टर को आवेदन देते हुए अनुकंपा नियुक्ति की मांग की। इस प्रकरण को टीएल में लेते हुए कलेक्टर ने सीईओ जनपद बिल्हा को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। अटल आवास, अशोक नगर निवासियों ने ब्लाक 45 एवं 47 में पानी की समस्या को लेकर आवेदन प्रस्तुत किया। इसी प्रकार कुदुदण्ड वार्ड क्रमांक 16 के निवासियों ने भी पानी की समस्या की जानकारी दी। इन दोनों प्रकरण को टीएल में लेते हुए उनके समस्याओं के निराकरण के लिए नगर निगम को निर्देश दिया गया। नगर पालिका रतनपुर में कार्यरत 25 आशा मितानिनों ने माह जनवरी 2022 का मानदेय नहीं मिलने की शिकायत करते हुए लंबित मानदेय शीघ्र दिलाने के लिए निवेदन किया। कलेक्टर ने इस पर आवश्यक कार्यवाही के लिए सीएमएचओ को निर्देशित किया। ग्राम पंचायत मेण्ड्रा के वार्ड क्रमांक 15 के निवासियों ने बताया कि पूरे गांव में टेपनल की सुविधा है, लेकिन जूनीपारा में पीने के पानी की समस्या है। यहां के लोगों को पानी लाने के लिए ग्राम सैदा में जाना पड़ता है। कलेक्टर ने आवेदन को टीएल में लेते हुए वहां पानी की समस्या को दूर करने के लिए ईई पीएचई को निर्देशित किया। ग्राम आमामुड़ा के ग्रामवासियों ने प्राथमिक शाला भवन अत्यंत जर्जर होने की जानकारी दी और भविष्य में दुर्घटना की आशंका जताते हुए भवन के शीघ्र मरम्मत करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। कलेक्टर ने उनके आवेदन पर कार्यवाही के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को भेजा। - बिलासपुर /त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन के लिए जिले में 5 सरपंच एवं 12 पंच पद के रिक्त पदों पर 27 जून को मतदान होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव कार्यक्रम की घोष्णा कर दी गई है। इसके साथ ही संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श संहिता प्रभावशील हो गई है। स्थानीय निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के बिल्हा के ग्राम पंचायत पेण्डरवा (द), भरारी एवं मंजुरपहरी, कोटा के ग्राम पंचायत केन्दाडाड़ एवं तखतपुर के ग्राम पंचायत जूनापारा के सरपंच पद हेतु मतदान होगा। इसी प्रकार पंच पद के रिक्त पदों में बिल्हा के अंतर्गत ग्राम पंचायत धुमा के वार्ड क्र. 06, नेवसा के वार्ड क्र. 12, पोंड़ी स के वार्ड क्र. 12, लखराम के वार्ड क्र. 13, बिटकुली द के वार्ड क्र. 1, मस्तूरी के ग्राम पंचायत सुलौनी के वार्ड क्र 10 एवं पचपेड़ी (3), कोटा के ग्राम पंचायत मझवानी के वार्ड क्र 3, मझगवां के वार्ड क्र. 01, बेलगहना के वार्ड क्र. 17 एवं मेलनाडीह के वार्ड क्र. 6 तथा तखतपुर के जूनापारा में निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की गई है। मतदान केन्द्रों की सूची के प्रकाशन के साथ ही 2 जून को नाम निर्देशन पत्र लिये जाएंगे। नाम निर्देशन की अंतिम तिथि 9 जून है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सौरभ कुमार ने आदेश जारी कर निर्वाचन प्रक्रिया के समाप्ति तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सभी प्रकार के अवकाश प्रतिबंधित किया गया हैं। चुनाव प्रचार सभाओं के आयोजन, लाउडस्पीकर का उपयोग, जुलूस के मार्ग निर्धारण एवं जुलूस निकालने के लिए एवं संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में होर्डिंग्स लगाने हेतु सक्षम अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी।
- - अग्निकर्म द्वारा 40 रोगियों, स्नेहन द्वारा 2030, स्वेदन द्वारा 1532 और पंचकर्म द्वारा 554 मरीजों का किया गया इलाजराजनांदगांव। जिले के शासकीय आयुष पॉली क्लीनिक में आयुर्वेद पद्धति से जनसामान्य बड़ी संख्या में उपचार का लाभ ले रहे हैं। शासकीय आयुष पॉली क्लीनिक राजनांदगांव की आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सक्सेना ने भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में वर्णित अग्निकर्म चिकित्सा के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में औषधि, पंचकर्म सहित विभिन्न चिकित्सा कर्मों का वर्णन है। अग्निकर्म को थर्मल माइक्रोकॉटरी भी कह सकते हैं। यह एक प्राचीन चिकित्सा तकनीक है। आयुर्वेद में इसका व्यापक उल्लेख है। महर्षि सुश्रुत जिन्हें आधुनिक सर्जरी का जनक कहा जाता है, उन्होंने लगभग 2000 वर्ष पूर्व सुश्रुत संहिता में मांसपेशियों, स्नायु, संधि एवं अस्थियों या मस्कुलोस्केलेटल रोगों से सम्बंधित पीड़ा में अग्निकर्म के संबंध में बताया है। मांसपेशियों, जोड़ों की पीड़ा, एड़ी की पीड़ा, कदर रोगों में पीड़ा का स्तर जीवन की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। अग्निकर्म इन व्याधियों की पीड़ा में बिना किसी दुष्प्रभाव के राहत पहुँचाता है । कदर पैरों के तलवे में होने वाली मामूली सी तकलीफ इतनी पीड़ादायक होती है कि रोगी का चलना भी मुश्किल कर देती है। ऐसे में आयुर्वेद के अग्निकर्म चिकित्सा के उत्तम परिणाम मिलते हैं। रोगी को चिकित्सा कर्म के दौरान किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है।डॉ. प्रज्ञा सक्सेना ने बताया कि अग्निकर्म वैज्ञानिक एवं शास्त्रोक्त है, अग्निकर्म कई स्तरों पर कार्य करता है। इसके लिए कई सिद्धांत दिए गए हैं। आयुर्वेद के अनुसार अग्निकर्म अग्नि के उष्ण गुण के कारण वात एवं कफ दोषों का शमन, तीक्ष्ण, सूक्ष्म, व्यवायी, विकासी गुण वात और कफ के कारण उत्पन्न स्रोतों अवरोध को दूर कर स्थानिक पीड़ा व सूजन को कम कर देता है । अग्निकर्म से प्रभावित स्थान का रक्त संचार बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त पैरों के तलवे की नर्व एन्डिंग्स को प्रभावित करता है। जिससे पीड़ा कम हो जाती है। अग्निकर्म में एक विशेष अग्निकर्म शलाका धातु उपकरण द्वारा उस स्थान के मर्म स्थानों को ध्यान में रखते हुए बिंदुओं को चिन्हित किया जाता है। तत्पश्चात शलाका द्वारा सिंकाई के पश्चात वहाँ आयुर्वेद औषधियों का स्थानिक प्रयोग किया जाता है। प्रथम बार में ही अधिकांश रोगी को पीड़ा में 40 से 50 प्रतिशत तक का आराम हो जाता है एवं 3 से 4 सिटिंग्स की आवश्यकता होती है । कुछ में रोग एवं रोगी के अनुसार पूर्णत: आराम मिल जाता है। अग्निकर्म प्रक्रिया यदि अनुचित रूप से की जाती है तो जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए प्रशिक्षित चिकित्सक के द्वारा ही इसका उपयोग किया जाना चाहिए।शासकीय आयुष पॉली क्लिनिक की आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सक्सेना ने बताया कि शासकीय आयुष पॉली क्लीनिक में अग्निकर्म द्वारा रोगी लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में आयुर्वेद चिकित्सा के द्वारा ओपीडी स्तर पर 13490 रोगियों को उपचार दिया गया। अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 के मध्य, वर्ष में स्नेहन द्वारा 2030, स्वेदन द्वारा 1532 और पंचकर्म द्वारा 554 रोगियों को लाभ प्राप्त हुआ। वर्ष 2022-23 में वृद्धावस्था रोगियों की संख्या आयुर्वेद पद्धति से 2842 रही। अग्निकर्म द्वारा लगभग 40 रोगियों को लाभ प्राप्त हुआ। अर्श एवं गुद रोगियों की संख्या लगभग 1150 रही जिन्हें आयुर्वेद औषधि के अतिरिक्त मात्रा वस्ति एवं अन्य उपचारों के द्वारा उपचारित किया गया।
- भिलाई नगर । सोमवार रात भिलाई इस्पात संयंत्र में सीनियर स्टॉफ असिस्टेंट के पद पर कार्यरत दिगंबर साहू अपने परिवार के साथ बाइक से घर लौट रहे थे। अचानक रास्ते में बाइक का संतुलन बिगड़ गया और वो पोल से टकरा गए। गंभीर रूप से घायल होने से उन्हें सेक्टर-9 अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई है। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है। मृतक की बेटी उर्मी साहू का हाल ही में आर्मी में लेफ्टिनेंट के लिए चयन हुआ था और पुणे में उसकी ट्रेनिंग चल रही है। उनका एक बेटा क्लास 9 में पढ़ रहा है तथा पत्नी सेक्टर 9 अस्पताल में नर्स है।
- बिलासपुर | रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की बेहतर यात्रा सुविधा व अधिकाधिक यात्रियों को कंफर्म बर्थ उपलब्ध कराने हेतु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली 04 जोड़ी एक्सप्रेस गाड़ियों में एक-एक अतिरिक्त एसी-03 कोच की सुविधा अस्थायी रूप से उपलब्ध कराई जा रही है | इस सुविधा की उपलब्धता से इन गाड़ियों के एसी श्रेणी में यात्रा करने वाले अधिकाधिक यात्री लाभान्वित होंगे |विवरण इस प्रकार है –-- गाड़ी संख्या 20971/20972 उदयपुर-शालीमार-उदयपुर एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त एसी-03 कोच की सुविधा उदयपुर से 03 जून 2023 से 24 जून 2023 तक तथा शालीमार से 04 जून 2023 से 25 जून 2023 तक उपलब्ध रहेगी ।-गाड़ी संख्या 20471/20472 बीकानेर-पुरी-बीकानेर एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त एसी-03 कोच की सुविधा बीकानेर से 04 जून 2023 से 29 जून 2023 तक तथा पुरी से 07 जून 2023 से 30 जून 2023 तक उपलब्ध रहेगी ।-गाड़ी संख्या 18518/18517 विशाखापटनम-कोरबा-विशाखापटनम लिंक एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त एसी-03 कोच की सुविधा विशाखापटनम से 31 मई 2023 से 11 जून 2023 तक तथा कोरबा से 01 जून 2023 से 12 जून 2023 तक उपलब्ध रहेगी ।-⏩ गाड़ी संख्या 20917/20918 इंदौर-पुरी-इंदौर एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त एसी-03 कोच की सुविधा इंदौर से 30 मई 2023 को तथा पुरी से 01 जून 2023 को उपलब्ध रहेगी ।
- -टेलिस्कोप से स्काई वाचिंग के अनुभव को असोगा गांव के लोगों ने सराहा-छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा, सोशल जस्टिस लीगल फाउंडेशन एवं सतनामी आसरा पाटन के संयुक्त तत्वावधान में शानदार आयोजनभिलाई ।आमतौर पर लोग अपने नग्न आंखों से या चित्र-चलचित्र के माध्यम से चांद तारों को देखते आएं हैं तथा पुस्तक पत्रिकाओं में अंतरिक्ष से संबंधित जानकारियां प्राप्त करते रहे हैं। पाटन तहसील क्षेत्र के लोगों के लिए सोमवार 29 मई का दिन चांद तारों को देखने के मामले में एक अलग ही अनुभूति लिए हुए रहा जहां आयोजकों ने खगोलीय न्यूटोनियन टेलिस्कोप के माध्यम से खगोलीय पिंडो को साक्षात दिखाने का प्रयोग किया। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को आमंत्रित भी किया गया । विज्ञान से संबंधित इस इलाके के अपने तरह के इस अभिनव आयोजन में बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी - कर्मचारी, पत्रकार, बच्चे युवा बुजुर्ग महिला पुरूषों और जन प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की ।छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा, सोशल जस्टिस लीगल फाउंडेशन एवं सतनामी आसरा पाटन के संयुक्त तत्वावधान में लोगों को हमारे यूनिवर्स से परिचित कराने के उद्देश्य से पाटन तहसील क्षेत्र के असोगा गांव में 29 मई सोमवार को शाम 7 बजे से शुक्र ग्रह और चंद्रमा के क्रेटर्स का रिफ्लेक्टर टेलिस्कोप से स्काई वाचिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्रोत व्यक्ति, पूर्व अपर कलेक्टर तथा कार्यकारी अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा विश्वास मेश्राम के मार्गदर्शन में यह रात्रिकालीन आकाश दर्शन का कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर विज्ञान सभा की टीम ने विभिन्न तारामंडलों और नक्षत्रों की पहचान भी कराई और विद्यार्थियो व लोगों के ढेर सारे सवालों के जवाब दिए। आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक शिक्षादूत राजेन्द्र मारकण्डे ने बताया कि इस आयोजन में भूगोल, खगोल विज्ञान भौतिक विज्ञान और मानविकी के विषय पढ़ने वाले बच्चे एवं अंतरिक्ष से संबंधित जानकारी प्राप्त करने वाले युवा एवं महिला व बड़े बुजुर्ग ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर स्काई वाचिंग का आनंद लिया। उन्होने अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित अपने पूर्व जानकारी व पढ़ें हुए तथ्यों को पुष्ट किया और सवालों की झड़ी लगा कर अपने भ्रम दूर किए । उन्होने आने वाले समय में लोगों में वैज्ञानिक सोच के साथ व्यापक प्रचार प्रसार के लिए, अपनी भागीदारी के साथ, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की पाटन इकाई का गठन की मांग की।इस अवसर पर विश्वास मेश्राम पूर्व अपर कलेक्टर एवं कार्यकारी अध्यक्ष विज्ञान सभा, एल उमाकांत पूर्व महाप्रबंधक भिलाई इस्पात संयंत्र, विज्ञान कार्यकर्ताओ इंजी. अशोक धवले, चित्रसेन कोसरे, रचना व भूमिका ने लोगों के सामने खगोल विज्ञान से संबंधित रोचक तथ्य रखें।पाटन तहसील क्षेत्र के अंतर्गत असोगा गांव में सोमवार 29 मई को अपनी तरह के पहले कार्यक्रम में रमन टिकरिहा वरिष्ठ उपाध्यक्ष सहकारिता विभाग छत्तीसगढ़ शासन व जनपद सभापति, अशोक साहू उपाध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग, अमोलदास टंडन देवादास बंजारे स्मृति सम्मानित, संदीप मिश्रा पत्रकार,वेद प्रकाश वर्मा पत्रकार, कौशल रात्रे सचिव तहसील सतनामी समाज पाटन,दानेश मारकण्डे संयोजक युवा प्रकोष्ठ, अशोक रिंगवानी सरपंच ग्राम पंचायत असोगा, रमेश टंडन उपसरपंच, इंद्र कुमार बंजारे पंच, भूषण साहू पंच विशेष रूप से उपस्थित होकर ऐसे कार्यक्रमों के लिए हौसला अफजाई की।इस अवसर पर राजेन्द्र प्रसाद मारकण्डे, स्वाति मारकण्डे, देवशरण कोसले, खूब लाल, जीवन धृतलहरे,भोजराम महिलवार, राजकुमार मारकण्डे, टुम्मन जोशी,शशी महिलवार,मूशन धृतलहरे, गजेन्द्र मारकण्डे, गंगा राम साहू,पूरब साहू,उमा जोशी, कामिनी मारकण्डे, हिमानी,मरियम, कुणाल, अभिषेक नारखड़े,विनय साहू सहित पाटन तहसील क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
- -चेरवापारा गौठान में फेंसिंग पोल निर्माण कार्य से जुड़कर सपने साकार कर रहीं मां अम्बे समूह की महिलाएं, 9 लाख रुपए का हुआ शुद्ध लाभरायपुर ।कोरिया जिले के विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के ग्राम पंचायत चेरवापारा में समूह की महिलाओं के जीवन में अब सकारात्मक बदलाव आया है। शासन की नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना से जुड़कर इन्हें गांव में ही काम मिला और आत्मनिर्भर जीवन की शुरुआत हुई। आज ये महिलाएं बहुत सी आजीविकामूलक गतिविधियों का संचालन कर अपने सपने साकार कर रहीं हैं। ग्राम गौठान चेरवापारा के मल्टीएक्टिविटी सेंटर में मां अम्बे समूह की पांच महिलाएं फेंसिंग पोल बनाने का काम कर रही हैं।बीते 3 वर्षों में महिलाओं ने 8 हज़ार से भी अधिक फेंसिंग पोल का निर्माण किया है, महिलाएं सिर्फ पोल बना ही नहीं रही, बड़े ही कुशल व्यवसायी की तरह उनका विक्रय भी कर रही हैं। समूह की दीदियों ने बताया कि उन्होंने अब तक 8 हज़ार 600 पोल का विक्रय किया है, जिससे उन्हें 26 लाख रुपये की आय हुई। जिससे समूह को 9 लाख रुपए का शुद्ध लाभ हुआ। महिलाओं ने बताया कि 1 दिन में वे लगभग 60 पोल बना लेती हैं। एक पोल की लागत 210 रुपये तक रहती है और विक्रय में 270 से 300 रुपये तक में एक पोल बेचते हैं। एक पोल पर 80-90 रुपये मुनाफा रहता है।विमला दीदी ने धूमधाम से की बेटे की शादी, स्वयं के इलाज में भी मिली मददसमूह की सदस्य विमला राजवाड़े शासन का धन्यवाद देते हुए बताती हैं कि इस आजीविका से उन्हें जो राशि मिली उससे उन्होंने अपने बेटे की शादी बड़े ही धूमधाम से की तथा स्वयं के इलाज में भी उन्हें सहारा मिला। इसी प्रकार समूह की अन्य महिलाओं ने भी अपने परिवार को आर्थिक सहारा दिया। समूह की सदस्य राजकुमारी, फुलेश्वरी, किस्मत बाई और लीलावती ने फेंसिंग पोल निर्माण से अपनी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ कई सपनों को पूरा किया है।
- -रूरल इंडस्ट्रियल पार्क पुहपुटरा में महिला उद्यमी चला रहीं बेकरी यूनिट, टसर रेशम धागाकरण का काम भी जारीरायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा रोजगार के नए अवसर सृजन और लघु उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में रीपा यानी महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की शुरुआत की गई है। गांव में ही महिलाओं और युवाओं को रोजगार मिलने से लोगों के पलायन में कमी आ रही है। सरगुजा जिले में प्रत्येक विकासखंड में 2-2 रीपा की स्थापना की गई है जहां लघु उद्यम के रूप में गतिविधियां शुरू की गई हैं।इसी क्रम में सरगुजा जिले के विकासखंड लखनपुर अंतर्गत पुहपुटरा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में जया महिला समूह बेकरी यूनिट का संचालन कर रहा है। यहां महिलाएं ब्रेड, टोस्ट और क्रीम रोल बना रही है, जिनकी आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों तक की जा रही है। इस योजना से ग्रामीण महिला समूह आर्थिक लाभ कमा रहे हैं। जया महिला स्व सहायता समूह की सदस्य सुमित्रा राजवाड़े ने बताया कि इस समूह में 10 महिलाएं काम कर रही हैं। हमने रीपा में बेकरी यूनिट के संचालन की शुरुआत की है जिसमें जिला प्रशासन का सहयोग मिला है।उन्होंने बताया कि काम शुरू करने से पहले उन्हें जिला प्रशासन द्वारा गुणवत्तापूर्ण ब्रेड निर्माण की विशेष ट्रेनिंग दी गई थी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद औद्योगिक पार्क में ब्रेड बनाने की मशीन लगाई गई है जहां उत्पादन जारी है। आपूर्ति और विक्रय की चैन को समझ रहे हैं जिससे बेहतर तरीके उद्यम चला सकें। शासन ने हम ग्रामीण महिलाओं पर भरोसा जताया है और रोजगार देने का नवाचार शुरू किया। सभी महिलाएं पूरी मेहनत से काम कर रही हैं जिससे इस उद्यम को सफल बनाया जाए। सुमित्रा ने छत्तीसगढ़ शासन की योजना की सराहना करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शिता ही है जो महिलाओं को उद्यमी बनाने का काम किया जा रहा है। सुमित्रा ने काम मिलने पर अपनी खुशी जाहिर की।रीपा के अंतर्गत महिलाएं कर रही टसर धागाकरण का काममहात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के तहत पुहपुटरा में रेशम विभाग के सहयोग से टसर धागाकरण की गतिविधि भी शुरू की गई है। जिसमें 20 महिलाओं के द्वारा बुनियाद मशीन से टसर धागाकरण कार्य किया जा रहा है जिसके प्रथम चरण में 10 महिलाओं का समूह तैयार कर प्रशिक्षण शुरु किया गया है। प्रशिक्षण के प्रथम चरण में ही इन महिलाओं द्वारा गुणवत्तायुक्त धागा तैयार किया जा रहा है। रेशम धागाकरण से वर्षभर लाभ लिया जा सकता है। रेशम धागाकरण के काम में न्यूनतम 2-2.5 किलोग्राम का धागा उत्पादन करने पर प्रति हितग्राही 5000-6500 रुपये की आमदनी हो सकती है। रीपा के माध्यम से धागाकरण की गतिविधि से स्थायी रोजगार सृजन करने की दिशा में सशक्त कदम लिया गया है।
- -बरही एवं जेवतरला गोठानों में ग्रामीणों एवं स्वसहायता समूह की महिलाओं को मिला रोजगार का बेहतर स्त्रोत-गोमूत्र की खरीदी एवं कीटनाशक दवाईयों का निर्माण तथा उसकी बिक्री कर स्वसहायता समूह ने अर्जित की कुल 70 हजार 444 रुपये का शुद्ध लाभबालोद । छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा पशुधन के समूचित देखभाल के साथ-साथ उसके संरक्षण एवं संवर्धन सुनिश्चित करने के अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु शुरू की गई राज्य शासन की विशेष प्राथमिकता वाले नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना कई मायने में बहुपयोगी साबित हो रहा है। राज्य में इस योजना के फलस्वरूप धरातल पर इसका प्रत्यक्ष लाभ भी देखने को मिल रहा है। इसके अंतर्गत राज्य शासन द्वारा शुरू की गई गोधन न्याय योजना गौ माता की भाँति शुरू से लेकर अंत तक राज्य के लोगों, कृषकों एवं पशुपालकों के लिए संजीवनी साबित होकर निरंतर लाभ एवं उन्नति का द्वार खोल रहा है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के आदर्श गोठान जेवरतला एवं बालोद विकासखण्ड के आदर्श गोठान बरही में गोमूत्र की खरीदी एवं गोमूत्र से विभिन्न प्रकार के कीटनाशक दवाईयों एवं वृद्धिवर्धक का निर्माण कार्य के फलस्वरूप पशुपालकों एवं कृषकों के लिए आमदनी का कारगर स्त्रोत बन गया है।उल्लेखनीय है कि गोमूत्र खरीदी एवं फसलों में होने वाले रोकथाम हेतु कीटनाशक दवाईयों एवं वृद्धिवर्धक के निर्माण की जिम्मेदारी आदर्श ग्राम गोठान में माधव कृष्ण स्वसहायता समूह को एवं आदर्श गोठान जेवरतला में शक्ति स्वसहायता समूह को दी गई है। इसके अंतर्गत आदर्श गोठान बरही में माधव कृष्ण स्वसहायता समूह के द्वारा 04 रुपये लीटर की दर से अब तक कुल 05 हजार 09 लीटर गोमूत्र की खरीदी की जा चूकी है। इससे स्वसहायता समूह के द्वारा 02 हजार 544 लीटर कीट नियंत्रक एवं वृद्धिवर्धक का निर्माण कर किसानों को कुल 01 लाख 21 हजार 830 रुपये में इसकी बिक्री भी की गई है। जिससे माधव कृष्ण स्वसहायता समूह बरही को कुल 49 हजार 194 रुपये की शुद्ध आमदनी भी हुई है। इसी तरह आदर्श ग्राम जेवरतला में शक्ति महिला स्वसहायता समूह के द्वारा अब तक 03 हजार 106 लीटर गोमूत्र की खरीदी कर 01 हजार 627 लीटर कीट नियंत्रक एवं वृद्धिवर्धक का निर्माण किया गया है। स्वसहायता समूह के द्वारा इस कीट नियंत्रक को 68 हजार 170 रुपये में किसानों को बिक्री कर 21 हजार 250 रुपये की आमदनी प्राप्त की गई है। इसके अलावा आदर्श ग्राम जेवरतला में महिला स्वसहायता समूह के द्वारा डेयरी पालन का भी कार्य किया जा रहा है। समूह की महिलाओं ने आदर्श गोठान जेवरतला में पशुपालन व्यवसाय से 10 हजार लीटर दुध का बिक्री भी देवभोग सोसायटी को की गई है। जिले के आदर्श ग्राम बरही एवं जेवरतला में निर्मित की गई जैविक कीट नियंत्रक एवं वृद्धिवर्धक खेती में लागत को कम करने तथा रासायनिक खाद एवं दवाईयों के उपयोग से प्रकृति एवं मानव शरीर पर पड़ने वाली प्रभाव को कम कर जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने का कार्य कर रहा है। इस प्रकार से गोधन न्याय योजना राज्य के किसानों, पशुपालकों सहित सभी वर्गों के लोगों के लिए हर तरह से उपयोगी बनकर कल्पतरू साबित हो रहा है।राज्य शासन के गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोमूत्र की खरीदी एवं इसके माध्यम से कीटनाशक दवाईयों के निर्माण शुरू करने पर शक्ति सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती भगवती साहू, सचिव श्रीमती अनिता साहू एवं समूह की सदस्य कुमारी ललिता कौर ने भूरी-भूरी सराहना की है। उन्होंने कहा कि गोमूत्र की खरीदी प्रारंभ कर राज्य सरकार के द्वारा गोबर के अलावा गोमूत्र के माध्यम से भी हमें स्व रोजगार प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है, वह वास्तव में सराहनीय है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से हम पशुपालकों एवं कृषकों को हर दृष्टि से लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं छत्तीसगढ़ सरकार को हृदय से धन्यवाद देते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है।
- -वर्मी कम्पोस्ट निर्माण से गोठान समिति को 68 हजार 573 रुपये एवं महिला स्वसहायता समूह को हुआ 03 लाख 86 हजार 612 रुपये का लाभ-गांव के आर्थिक सशक्तिकरण एवं समृद्धि का बना आधारबालोद । राज्य शासन की गोधन न्याय योजना कई दृष्टि से उपयोगी साबित होकर ग्रामीणों एवं पशुपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए कामधेनू साबित हो रहा है। यह योजना ग्रामीणों को गोबर की उचित मूल्य दिलाने के साथ-साथ इसके माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण तथा इसकी बिक्री आदि से रोजगार की सृजन होने से ग्रामीणों के लिए रोजगार की वृहद अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। इस योजना के फलस्वरूप जिले के डौण्डी विकासखण्ड के अवारी गोठान में गोबर खरीदी के कार्य की बेहतर क्रियान्वयन होने से इस योजना से अवारी में रोजगार के सुगम एवं बेहतर द्वार खुल गए हैं। गोधन न्याय योजना के कारण ग्राम अवारी में खुले रोजगार की बेहतर अवसर के संबंध में जानकारी देते हुए गोठान प्रबंधन समिति अवारी के अध्यक्ष श्री हीरामन ठाकुर ने बताया कि हमारा गांव मूलतः कृषि प्रधान गांव है। ग्रामवासी अपने पैतृक जमीन में खेती किसानी के अलावा मेहनत मजदूरी कर जीविकोपार्जन करते हैं। गोधन न्याय योजना के शुरू होने के पूर्व गांव में रोजगार के उचित साधन के अभाव मंे हमारे गांव के युवाओं को मजदूरी हेतु आसपास के अन्य गांवों में जाना पड़ता था। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा राज्य में गोधन न्याय योजना प्रारंभ करने के तुरंत पश्चात् हमारे ग्रामवासियों ने गोबर इकट्ठा कर गोठान में इसकी बिक्री शुरू कर दी थी। जिससे समय पर पशुपालकों और कृषकों को गोबर बिक्री की राशि मिलने से अच्छी खासी आमदनी हो रही है और हम ग्रामीणों के आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है। इसके अलावा इस योजना के शुरू होने के बाद गांव के युवकों को रोजगार की तलाश में गांव से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। प्रतिदिन गोबर इकट्ठा कर बेचने के अलावा स्वसहायता समूह की महिलाओं को वर्मी कम्पोेस्ट के निर्माण कार्य में भी अच्छी खासी आमदनी हो रही है। श्री हीरामन ठाकुर ने बताया कि ग्राम अवारी के गोठान समिति के वर्मी कम्पोस्ट निर्माण से 68 हजार 573 रुपये एवं महिला स्वसहायता समूह को 03 लाख 86 हजार 612 रुपये की आमदनी हुई है। इस तरह से राज्य सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना ग्रामीणों एवं पशुपालकों के लिए बहु उपयोगी साबित होकर स्वरोजगार के स्थायी द्वार खोल दिया है। यह योजना वास्तव में ग्रामीणों को मुश्किल वक्त में आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें संबल प्रदान करने का कार्य कर रहा है। गोठान प्रंबधन समिति के अध्यक्ष श्री हीरामन ठाकुर ने कहा कि गोधन न्याय योजना से हम ग्रामीणों को रोजगार के कारगार साधन प्राप्त होने के साथ ही हमारे आर्थिक समृद्धि का भी आधार बन गया है। श्री ठाकुर ने राज्य सरकार की इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा गोधन न्याय योजना लागू कर हम किसानों एवं पशुपालकों के मेहनत को उचित सम्मान करने का कार्य किया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके प्रति विनम्र आभार माना हैै।
- भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई के सभागार में सोमवार को क्रेडा से आए ट्रेनर ने निगम के अभियंताओं को एनर्जी कंजर्वेशन को लेकर प्रशिक्षण दिया। दो दिवसीय प्रशिक्षण में एनर्जी सेविंग के बारे में निगम के अभियंताओं को जानकारी दी जाएगी। आज प्रशिक्षण के प्रथम दिन ट्रेनर प्रीति गुप्ता एवं साउमेन जाएन ने अभियंताओं को प्रशिक्षण में बताया कि पहले रौशनी के लिए बल्ब का उपयोग किया जाता था, फिर इसके स्थान पर एलईडी लाइट का उपयोग किया जाने लगा, इस प्रकार धीरे-धीरे परिवर्तन आने लगा है और एनर्जी कंजर्वेशन की ओर आगे बढ़ोतरी हो रही है। इसी प्रकार बिल्डिंग के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण में जानकारी दी गई। सूर्य की दिशा के हिसाब से इसका आउटसाइड की दीवार की मोटाई कितनी होनी चाहिए, छत की मोटाई कितनी होनी चाहिए, घरों में खिड़की होना कितना आवश्यक है और इसकी साइज क्या होनी चाहिए, बिल्डिंग में सिंगल ग्लास एवं डबल ग्लास का क्या महत्व है तथा डबल ग्लास क्यो होना चाहिए। इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदाय की गई। प्रशिक्षण में ट्रेनर ने बताया की भवन में जितना ही हिट कम होगा उतना ही एनर्जी सेविंग की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा, जैसे की हिट कम होने पर एयर कंडीशनर का उपयोग कम होगा। सर्वप्रथम ट्रेनिंग में छत्तीसगढ़ के जलवायु के बारे में जानकारी दी गई इसके मुताबिक एनर्जी सेविंग को विस्तार से समझाया गया। उल्लेखनीय है कि निगमायुक्त रोहित व्यास के निर्देश पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का कार्यक्रम भिलाई निगम के सभागार में रखा गया है जिसमें एनर्जी कंजर्वेशन के बारे में अभियंताओं को जानकारी दी जा रही है। आज के प्रशिक्षण में अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी सहित निगम के उप अभियंता, सहायक अभियंता आदि मौजूद रहे।
- भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत स्वविवरणी की औचक जांच की जा रही है। खुर्सीपार जोन क्षेत्र के अधिकारियों ने आरएसएस मार्केट एवं टी मार्केट के क्षेत्रों में करदाताओं द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वविवरणी के आधार पर मौके पर जांच की। खुर्सीपार जोन के अधिकारियों की टीम ने पावर हाउस चौक के समीप स्थित ईस्टर्न हाईवे पेट्रोल पंप तथा दुकानों की जांच की। यह देखा गया कि प्रस्तुत की गई स्वविवरणी के आधार पर टैक्स जमा किया जा रहा है या नहीं, स्वविवरणी कहीं गलत तो भरकर नहीं दी गई है, मौके पर क्षेत्रफल की नाप जोक कर एरिया भी देखा गया तथा कितने क्षेत्र में कंट्रक्शन का कार्य किया गया है इसकी भी जांच की गई। जांच में यह पाया गया कि प्रस्तुत स्वविवरणी के आधार पर ही टैक्स जमा किया जा रहा है। बता दें कि करदाता के द्वारा टैक्स जमा करने के पूर्व स्वयं के द्वारा अपनी संपत्ति से संबंधित विवरणी प्रस्तुत की जाती है और इसी आधार पर टैक्स जमा किया जाता है। अगर प्रस्तुत की गई स्वविवरणी जिसके आधार पर करदाता के द्वारा टैक्स जमा किया जा रहा है यह गलत पाए जाने पर शास्ती की राशि करदाता को देनी होगी। जांच में गलती पाई जाती है और 10% से अधिक का अंतर आता है तो टैक्सपेयर को अंतर की राशि का 5 गुना शास्ति निगम में जमा करना होगा। इसलिए करदाता के द्वारा विवरणी सही दी गई है या नहीं इसकी जांच आवश्यक है। गौरतलब है कि निगम आयुक्त रोहित व्यास ने संपत्तिकर की समीक्षा बैठक के दौरान असेसमेंट की रेंडम जांच के निर्देश सभी जोन आयुक्त को दिए हैं। इसी तारतम्य में खुर्सीपार जोन क्षेत्र के अधिकारियों ने टीम बनाकर रैंडम जांच की है। जांच के दौरान जोन आयुक्त पूजा पिल्ले, प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी बालकृष्ण नायडू तथा निगम के अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे।
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-पादुका पूजन कर ग्रहण किया आशीर्वाद
रायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सोमवार को यहां अपने निवास में पधारे शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज और ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज का सपरिवार विधि विधान से पादुका पूजन कर आशीर्वाद ग्रहण किया और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना की।इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, संसदीय सचिव श्री पारसनाथ राजवाड़े व श्री चन्द्रदेव राय, विधायक श्री खेल साय सिंह, श्री रामपुकार सिंह, श्री विनय जायसवाल, श्री गुलाब कमरो, श्री विनय भगत, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री प्रदीप शर्मा व श्री विनोद वर्मा उपस्थित रहे। - -ईवीएम से संबंधित प्रशासनिक एवं तकनीकी प्रकियाओं के बारे में भी दी गई जानकारी-भारत निर्वाचन आयोग और ईसीआईएल के अधिकारियों ने राज्य स्तरीय कार्यशाला में दिया प्रशिक्षणरायपुर। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, छत्तीसगढ़ द्वारा सोमवार को रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों और एफएलसी सुपरवाइजर्स को ईवीएम/वीवीपीएटी की एफएलसी (First Level Checking) के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में उन्हें कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपीएटी से संबंधित प्रशासनिक एवं तकनीकी प्रकियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली और ईसीआईएल, हैदराबाद के अधिकारियों ने ईवीएम/वीवीपीएटी की एफएलसी के साथ ही ईवीएम की हैंडलिंग और जरूरी प्रक्रियाओं के बारे में बताया। जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों और एफएलसी सुपरवाइजर्स को ईवीएम व वीवीपीएटी के साथ इनका व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। भारत निर्वाचन आयोग के सचिव श्री बी.सी. पात्रा के मार्गदर्शन में उत्तराखंड के सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं ईवीएम नोडल अधिकारी श्री मस्तु दास तथा भारत निर्वाचन आयोग के अनुभाग अधिकारी श्री विभोर अग्रवाल ने ईवीएम एवं वीवीपैट के तकनीकी एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। ईसीआईएल (Electronics Corporation of India Limited) के उप वरिष्ठ निदेशक श्री पी.सी. मंडल ने ईवीएम के तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने एफएलसी के लिए उपयोग में आने वाले जरूरी उपकरणों और कनेक्टर्स (Connectors) के बारे में भी बताया।छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने कार्यशाला में बताया कि राज्य में उपलब्ध कुल एक लाख 27 हजार 444 ईवीएम एवं वीवीपीएटी की प्रथम स्तरीय जांच का कार्य प्रत्येक जिला मुख्यालय में आगामी 10 जून से 27 जून तक किया जाएगा। आज हुई कार्यशाला में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं एफएलसी पर्यवेक्षकों को एफएलसी की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है, ताकि वे अपना कार्य जिला स्तर पर उत्कृष्ट तरीके से संपादित कर सकें। छत्तीसगढ़ की अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री बिपिन माझी और डॉ. के.आर.आर सिंह, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री विनय अग्रवाल तथा सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री रूपेश वर्मा और श्रीमती शारदा अग्रवाल भी कार्यशाला में उपस्थित थीं। केरल के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनीस टी., बिहार के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री धीरज कुमार और झारखंड की विशेष कार्य पदाधिकारी श्रीमती गीता चौबे ने भी कार्यशाला में हिस्सा लिया।10 जून से 27 जून तक राज्य के सभी 33 जिलों में होगी ईवीएम/वीवीपीएटी के एफएलसीछत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा राज्य के सभी जिलों में ईवीएम/वीवीपीएटी की प्रथम स्तरीय जांच के लिए कार्यक्रम जारी किया गया है। इसके लिए इंजीनियरों के 26 दलों का गठन किया गया है। ये दल निर्धारित तिथियों में संबंधित जिलों का भ्रमण कर जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी और एफएलसी सुपरवाइजर्स के सहयोग से एफएलसी की प्रक्रिया पूर्ण करेंगी।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार बालोद, बलौदाबाजार-भाटापारा, बलरामपुर-रामनुजगंज, बस्तर, बेमेतरा, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग, गरियाबंद, जशपुर, कबीरधाम, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव, सूरजपुर, सरगुजा, कांकेर, जांजगीर-चांपा और महासमुंद जिले में 10 जून से 27 जून के बीच ईवीएम/वीवीपीएटी की एफएलसी की जाएगी। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 10 जून से 15 जून, मुंगेली में 16 जून से 23 जून, सक्ती में 10 जून से 17 जून, सांरगढ़-बिलाईगढ़ में 18 जून से 24 जून, कोरिया में 10 जून से 14 जून, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 15 जून से 23 जून, नारायणपुर में 10 जून से 13 जून, सुकमा में 14 जून से 17 जून, दंतेवाड़ा में 18 जून से 22 जून, बीजापुर में 23 जून से 26 जून, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 10 जून से 17 जून तथा मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में 18 जून से 23 जून तक एफएलसी की प्रकिया संपादित की जाएगी।
- -पर्यावरण संरक्षण के महाअभियान में जनभागीदारी की अपील-वॉट्सएप नम्बर 7415781776, 9109028361, 7415796619 में भेजें शपथ लेकर फोटो एवं वीडियोरायपुर / छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में 01 जून को पर्यावरण संरक्षण के लिये शपथ का कार्यक्रम रखा गया है। इसके तहत शपथ हिन्दी या अंग्रेजी में समूह या व्यक्तिगत रूप से लेकर उसका वीडियो व फोटो वॉट्सएप नम्बर 7415781776, 9109028361, 7415796619 पर 01 जून को प्रातः 8 बजे से भेजी जा सकेगी।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 01 जून को एक दिन में पांच लाख लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए शपथ लेंगे। प्रदेश में मिशन लाईफ कार्यक्रम के अंतर्गत लाईफ स्टाईल फॉर इन्वायरमेंट कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। लाईफ प्लेज के अंतर्गत पूरे राज्य में एक साथ पांच लाख लोगों द्वारा प्लेज लिये जाने का निर्णय लिया गया है, जिससे कि व्यापक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता लायी जा सके।
- -सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के वृक्षों का रोपणरायपुर, / छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज का विकास कर रही है।मात्र में एक वर्ष में ही इन कृष्ण कुंजो ने हरे-भरे वृक्षों के रूप में अपना आकार लेना शुरू कर दिया है। योजना के तहत प्रदेश में अब-तक 169 नगरीय निकायों में लगभग 224 एकड़ रकबा में 55 हजार 781 पौधों का रोपण किया गया हैं।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा स्थित कृष्ण कुंज में स्वयं वृक्षारोपण कर कृष्ण कुंज की महत्वाकांक्षी योजना की पूरे प्रदेश में शुरूआत की थी। इसी दिन प्रदेश के नगरीय निकायों में बनाए गए कृष्ण कुंज में जनभागीदारी से वृक्षारोपण किया गया।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप कृष्ण कुंज में वृक्षारोपण से जन-जन को जोड़ना और सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के वृक्षों के रोपण करने का कार्य किया जा रहा है। जहां पर पर्यावरण संतुलन बनाए रखने वाले और भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन देने वाले चंदन, रूद्राक्ष, बरगद, पीपल, कदम्ब जैसे वृक्षों का रोपण शामिल है। कृष्ण कुंज में आम, ईमली, बेर, गंगा ईमली, जामुन, शहतुत, तेंदू, चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, पलाश, बेल, आंवला जैसे फलदार वृक्ष भी लगाएं जा रहे हैं।
- भिलाईनगर/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत नालों की सफाई कराई जा रही है ताकि बारिश होने पर जल का प्रवाह तीव्र गति से बना रहे एवं जलजमाव व जलभराव की स्थिति न बने। कई बड़े नालों की सफाई हो चुकी है और कुछ नालों की सफाई की जा रही है। महापौर नीरज पाल एवं निगमायुक्त रोहित व्यास के निर्देश पर छोटे, बड़े सभी प्रकार के नालों की सफाई निगम क्षेत्र में हो रही है। बड़े नाले की सफाई के लिए चैन माउंटेन तथा जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है, तो वही छोटे नालों की सफाई स्वच्छता कर्मचारी नाली से सभी प्रकार के कचड़े व मलबे को निकाल रहे हैं। सर्वप्रथम नेहरूनगर के कोसानाला के सामने से गुजरने वाले नाले की सफाई से शुरुआत की गई थी, इसके बाद वैशाली नगर क्षेत्र के बड़े नालों की सफाई की जा रही है, इस क्षेत्र में छोटे-बड़े बहुत से नाले हैं, इसमें से अधिकतर नालों की सफाई की जा चुकी है, शेष नालों की सफाई भी अति शीघ्र हो जाएगी। ऐसे क्षेत्र जहां पर जलजमाव की स्थिति बन सकती है उन इलाकों के छोटे नालियों को व्यवस्थित करने का कार्य किया जा रहा है। जहां आवश्यकता पड़ रही है वहां पर चैन माउंटेन एवं जेसीबी के जरिये बड़े नाला के किनारे पटे हुए मलबे को निकालकर साफ किया जा रहा है, सकरी नालों की अच्छी से सफाई की जा रही है, जिससे बारिश के समय में पानी बिना कोई अवरोध के प्रवाहित हो सकेगा और जलभराव की स्थिति निर्मित नहीं होगी। नाला की सफाई के दौरान मलबा निकालने का कार्य किया जा रहा है। नाला में कंटीली झाड़ियों व मलबे की सफाई की जा रही है। इसी प्रकार जोन में छोटे, बड़े नालियों की सफाई का कार्य जारी है, जहां निगम के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कंटीली झाड़ियां, झिल्ली, पन्नी व अन्य कचरे को निकाल कर सफाई कर रहे है। नालों की सफाई के लिए निगम युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। प्रतिदिन अलग-अलग क्षेत्रों में नालों की सफाई किया जा रहा है। छोटे नालों के अलावा बड़े नालों का वृहद सफाई हो रहा है।
- -रायपुर जिले में प्राकृतिक पेंट से हो रही सरकारी भवनो की पुताई-दीवारों को गर्म होने बचाती है और तापमान भी नियंत्रित करती है प्राकृतिक पेंटरायपुर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप गौठानों में गोबर से विभिन्न उत्पाद बनाए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्राकृतिक पेंट एवं पुट्टी निर्माण की इकाईयां तेजी से स्थापित की जा रही हैं। जिससे आत्मनिर्भर गांव की कल्पना साकार हो रही हैं साथ ही गौठानों से गांव के लोगों को रोजगार के साथ ही उनकी तरक्की के लिए नए-नए अवसरों का निर्माण हो रहा है। जिले के जरवाय गौठान में डिस्टेंपर, इमल्शन पेंट के साथ ही पुट्टी का भी निर्माण हो रहा है।बाजार में उपलब्ध रासायनिक पेंट लोगों के जेब के साथ साथ पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी असर डालती है। गोबर पेंट की उपयोगिता और गुणवत्ता को जन जन तक पहुंचने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी शासकीय विभाग, निगम, मंडल एवं स्थानीय निकायों में भवनों के रंग रोगन के लिए गोबर पेंट का उपयोग अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए है। उनके निर्देश का पालन करते हुए रायपुर नगर निगम भवनों की पुताई भी प्राकृतिक पेंट से की गई है। इस पेंट की खास बात यह है की इसकी कीमत बाजार में उपलब्ध रासायनिक पेंट से कम है साथ ही गोबर से निर्मित होने के कारण रासायनिक पेंट की तुलना में इसमें महक भी नहीं की आती जिससे यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है।गुणवत्तापूर्ण और सस्ता है प्राकृतिक पेंटयह पेंट भारत सरकार की संस्था राष्ट्रीय प्रशिक्षण शाला के द्वारा प्रमाणित भी किया गया है। साथ ही यह एन्टी बैक्टीरिया, एंटीफंगल, इको-फ्रेंडली, नॉन टॉक्सिक है। इस पेंट में हैवी मेटल्स का उपयोग नहीं किया गया है साथ ही गोबर से निर्मित होने की वजह से यह नेचुरल थर्मल इन्सुलेटर की तरह कार्य करता है। यह पेंट पर्यावरण के अनुकूल है साथ ही इसकी कीमत बाजार में उपलब्ध प्रीमियम क्वालिटी के पेंट की तुलना में 30 से 40 फीसदी कम है। यह बड़ी मल्टीनेशनल कम्पनियों के पेंट की तरह लगभग 4 हजार रंगों में भी उपलब्ध है।रायपुर के जरवाय गौठान में तैयार किया जा रहा प्राकृतिक पेंटरायपुर के जरवार गौठान में गोवर्धन स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर से प्राकृतिक पेंट बना रही हैं। यहां के गोबर से बने पेंट का उपयोग सबसे पहले रायपुर नगर निगम के भवन की पुताई के लिए किया गया था। सरकारी भवनों के अलावा आम लोगों के द्वारा भी यह पेंट पसंद किया जा रहा है। रायपुर के अलावा 0अन्य जिलों में भी स्थानीय लोगों ने इस पेंट का उपयोग किया है वहीं राजधानी में भी बहुत से लोग इस पेंट से अपने घरों की पुताई कर चुके है।जरवाय गौठान की स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती धनेश्वरी रात्रे बताती है की उनके समूह में 22 महिलाएं काम करती है। कुछ नया करने की सोच से उन्होंने गोबर से पेंट बनाने का काम शुरू किया। गोबर से पेंट बनाने के लिए महिलाओं ने विधिवत प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। पेंट बनाने की शुरुआत अप्रैल 2022 से हुई और अब तक गौठान में 25 हजार लीटर का निर्माण किया जा चुका है जिसमे से 20 हजार लीटर पेंट बेच चुकी है। जिससे लगभग 8 लाख का मुनाफा समूह को हुआ है। गोबर से निर्मित पेंट आधा लीटर, एक, चार, और दस लीटर के डिब्बों में उपलब्ध है।ऐसे तैयार होता है गोबर से प्राकृतिक पेंटप्राकृतिक पेंट बनाने के लिये गोबर को पहले मशीन में पानी के साथ अच्छे से मिलाया जाता है फिर इस मिले हुए घोल से गोबर के फाइबर और तरल को डी-वाटरिंग मशीन के मदद से अलग किया जाता है। इस तरल को 100 डिग्री तापमान में गरम करने से बने अर्क को पेंट के बेस की तरह इस्तेमाल किया जाता है। जिसके बाद इसे प्रोसेस कर पेंट तैयार होता है। गोबर से प्राकृतिक पेंट के निर्माण का मुख्य घटक कार्बाेक्सी मिथाइल सेल्यूलोज (सीएमसी) होता है। सौ किलो गोबर से लगभग 10 किलो सूखा सीएमसी तैयार होता है। कुल निर्मित पेंट में 30 प्रतिशत मात्रा सीएमसी की होती है। गोवर्धन स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित यह पेंट महिलाओं की आय का जरिया तो है ही साथ ही महिलाओं की अलग पहचान बना रहा है।बाजार में मिलने वाले अधिकतर पेंट में ऐसे पदार्थ और हैवी मेटल्स मिले होते है जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं गोबर से निर्मित पेंट प्राकृतिक पदार्थों से मिलकर बनता है इसलिए इसे प्राकृतिक पेंट भी कहते है। केमिकल युक्त पेंट की कीमत 350 रुपए प्रति लीटर से शुरू होती है पर गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट की कीमत 150 रुपए से शुरू है। गोबर से बने होने के कारण इसे बहुत से फायदे भी है जैसे यह पेंट एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल है साथ ही घर के दीवारों को गर्मी में गर्म होने से भी बचाती है और तापमान नियंत्रित करती है।
- रायपुर / कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे के मार्गदर्शन में नगर निगम रायपुर के आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित जन चौपाल में जिले के नागरिकों से उनकी समस्याएं सुनी। श्री चतुर्वेदी ने जन चौपाल में पहुंचे आमजनों से उनकी समस्यों से संबंधित आवेदन प्राप्त किए एवं नियमानुसार त्वरित निराकरण के लिए आधिकारियों को निर्देशित किया। जन चौपाल में आज लगभग 60 आवेदन प्राप्त हुए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री आकाश छिकारा, सहायक कलेक्टर श्री जयंत नहाटा, अपर कलेक्टर बी.सी. साहू सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।जन चौपाल में आज ग्राम धरमपुरा निवासी महेश साहू ने उच्च शिक्षा के लिए अनुदान राशि हेतु, उरकुरा निवासी मलीन कुमार डे ने निशक्तजन पेंशन राशि का लाभ दिलाने, ग्राम निमोरा निवासी नेतराम ने अपने पैतृक भूमि के नक्शे में त्रुटि सुधार कराने, आरंग निवासी सरिता तिवारी ने पेंशन प्रदान करने, जनपद पंचायत तिल्दा की सभापति तोषी सुनील मनहरे ने ग्राम पाथराकुंडी के प्राथमिक शाला में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कराने और शाला में समतलीकरण का कार्य कराने आवेदन दिया।इसी प्रकार माना निवासी बसंत कुमार शर्मा ने अपने मकान से अवैध कब्जा हटाकर आधिपत्य दिलाने, ग्राम बेंद्री के महेंद्र सिंह ठाकुर ने गांव की शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाने, ग्राम खोरसी निवासी भानसिंग साहु, भगतु राम, देवकी यादव और शहीद चूडामणि नायक वार्ड-38 के निवासियों, ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश दीवान ने चरौदा से दोंदेकला मार्ग पर वृक्षारोपण कराने, ग्राम अकोली के शा.पूर्व मा. शाला में प्रधानपाठक कक्ष एवं शौचालय का निर्माण कराने आवेदन दिया। इसी तरह अन्य आवेदकों ने जनचौपाल में राजस्व प्रकरणों के निराकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पट्टा, नक्शा-खसरा, आदि से संबंधित आवेदन दिया।श्री चतुर्वेदी ने जनचौपाल में प्राप्त आवेदनों का समय-सीमा के भीतर निराकरण करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी शासकीय योजनाओं का उचित क्रियान्वयन कर योजनाओं का लाभ आम लोगों को समय पर दिलाना सुनिश्चित करें।