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- -9.34 लाख रुपये का वर्मी कम्पोस्ट बेचा, महिलाओं का सामूहिक लाभांश 3.06 लाख रूपए, साथ ही बटेर और मुर्गी पालन, अंडा उत्पादन से भी कर चुकी हैं 3.85 लाख रुपये से ज्यादा की कमाईबेहतर ग्रामीण अर्थव्यवस्था तैयार करने पर आधारित योजना के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का महिलाओं ने जताया आभाररायपुर । सरगुजा जिले के जनपद पंचायत लुण्ड्रा अंतर्गत ग्राम बटवाही के गौठान में वर्मी कंपोस्ट निर्माण करने वाली प्रगति समूह की महिलाएं लगातार लाभ अर्जित कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। इन महिलाओं ने ना केवल वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का काम किया, बल्कि साथ ही साथ बटेर, मुर्गी, मछली पालन और अंडा उत्पादन से 3.85 लाख रुपये की आय भी हासिल कर चुकी है।आमदनी से मिली कुछ राशि को फिर काम में इन्वेस्ट किया और इससे भी इन्हें 1.85 लाख रूपए तक का लाभ मिला.।गोधन न्याय योजना के तहत इस महिला समूह ने 934 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया है जिसका मूल्य लगभग 9 लाख 34 हजार रुपये है। समूह द्वारा तैयार वर्मी खाद का विक्रय सहकारी सोसायटी के माध्यम से किया गया है। विक्रय के बाद महिला स्व सहायता समूह को 3 लाख 06 हजार रुपये की शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई है। इसके अतिरिक्त महिला स्व सहायता समूह द्वारा बटेर और मुर्गी पालन सहित अंडा उत्पादन जैसे आजीविका भी चलाई जा रही हैं जिससे समूह की महिलाओं को लाभ मिला. ।प्रगति महिला स्व सहायता समूह की सचिव एंजिला कहती है कि हमारे समूह में 6 से 8 महिलाएं काम करती हैं। हम लोग लगभग दो साल से लगातार वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन कर रहे हैं। इसके साथ ही अन्य आजीविका में भी शामिल रहे। गौठान के माध्यम से हमें यह मौका मिला कि हम अपने परिवार के लिए आर्थिक मजबूती के स्तंभ बन सके। वर्मी कंपोस्ट के लाभांश से हमने अपने लिए परिवार और घर के लिए बहुत सा सामान खरीदा। इसके साथ ही हमने गौठान में बटेर और मुर्गी पालन का काम किया। अंडा उत्पादन का भी काम किया जिससे आर्थिक लाभ मिला।समूह की अन्य सदस्य रामेश्वरी दीदी ने अपने बच्चे के इलाज के लिए 5 हजार रुपये का उपयोग किया। समूह की ही सदस्य इलीना तिग्गा भी प्राप्त लाभांश से अपने परिवार में वैवाहिक कार्यक्रम में आर्थिक योगदान कर पाई जिसपर वे बेहद खुश हैं। समूह की सदस्य श्रीमती जुगनी ने गांव की बेहतर अर्थव्यवस्था तैयार करने पर आधारित इस योजना के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है।
- - कुमरावंड स्थित शहीद गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय परिसर में किया गया मूर्ति की स्थापनाजगदलपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान कुमरावंड स्थित शहीद गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय परिसर में भूमपाल विद्रोह के जननायक रहे वीर गुंडाधुर की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि बस्तर के आदिवासी जननायक में से एक रहे वीर गुंडाधुर ने भूमकाल जैसे महान विद्रोह का नेतृत्व किया। आज उनकी प्रतिमा स्थापित कर उनके योगदान को चिरस्थाई बनाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय परिसर में प्रतिमा स्थापित होने से हमारे युवा भी उनके अदम्य साहस और वीरता से परिचित हो सकेंगे। बस्तर क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आदिवासी संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए बस्तर के आदिवासी नायक सदैव मुखर रहे और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। सरकार भी बस्तर सहित समूचे छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति को सहेजने लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है।मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण मद से स्वीकृत राशि दस लाख से निर्मित शहीद वीर गुण्डाधुर की मूर्ति के अनावरण के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल ग्राम नेतानार से पहुंचे वीर गुंडाधुर के परिजनों में उनके परपोते जयदेव नाग, पुनु नाग, दुलारू नाग, परदेसी नाग से भी मुलाकात की।इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, बस्तर सांसद श्री दीपक बैज, बविप्रा के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, बविप्रा के उपाध्यक्ष श्री विक्रम मंडावी,पूर्व सांसद श्री नंद कुमार साय, संसदीय सचिव श्री रेखचन्द जैन, विधायक नारायणपुर श्री चंदन कश्यप, संजरी बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा,महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू,इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, संभागायुक्त श्री श्याम धावड़े, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।शहीद वीर गुण्डाधुर-शहीद वीर गुंडाधुर ने आदिवासियों की धरती को बचाने के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध ‘भूमकाल’ आंदोलन 1910 का नेतृत्व किया था । भूमकाल आंदोलन भूमकाल का अर्थ भूमि में कम्पन या भूकंप से है। भूमकाल एक ऐसा आंदोलन था जिसने सम्पूर्ण बस्तर को हिलाकर रख दिया था। इस आंदोलन के पीछे अनेक कारण थे इनमें वन नीति, अनिवार्य शिक्षा, धर्म परिवर्तन, बेगारी प्रथा, नौकरशाही आदि प्रमुख था। भूमकाल विद्रोह की इतनी सूक्ष्म योजना तैयार की गई थी कि आदिवासियों ने तीर-धनुष और भाला-फरसा के साथ अंग्रेजी सेना का डटकर मुकाबला किया। यही कारण है आज छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरा देश वीर गुंडाधुर के शौर्य को जानने लगा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वीर गुण्डाधुर की स्मृति में साहसिक कार्य और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गुण्डाधुर सम्मान स्थापित किया है।
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रायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 25 मई को बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के लाल बाग मैदान स्थित झीरम घाटी मेमोरियल में झीरम घाटी शहादत दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल रायपुर पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड से पूर्वान्ह 11.30 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर दोपहर 12.40 बजे जगदलपुर स्थित मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट पहुंचेंगे और झीरम शहादत दिवस पर लाल बाग मैदान स्थित झीरम स्मृति उद्यान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री इसके बाद दोपहर 1.25 बजे शहीद गुण्डाधुर कृषि महाविद्यालय कुम्हरावंड पहुंचेंगे और वहां शहीद गुण्डाधुर की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद यहां परिसर में आयोजित ग्रामीण औद्योगिक पार्क की संभाग स्तरीय कार्यशाला में शामिल होंगे। श्री बघेल दोपहर 2.10 बजे जगदलपुर कलेक्टोरेट कार्यालय परिसर पहुंचकर वहां छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे तथा पत्रकारों से चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री शाम 4.30 बजे रायपुर लौट आएंगे। - रायपुर, / मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की शीर्ष समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों सहित वार्षिक कार्य योजना 2023-24 पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिन योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है, उनकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू भी शामिल हुये। बैठक में समूह जल प्रदाय योजनाओं के लिए आमंत्रित निविदाओं पर प्री-बिड में वेंडर्स से प्राप्त सुझाव के उपरांत संशोधन किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।वीडियों कॉन्फेंसिंग के जरिये आयोजित इस बैठक में जल जीवन मिशन के संचालक श्री आलोक कटियार, मिशन संचालक स्वच्छ भारत मिशन सुश्री इफ्फत आरा सहित वित्त विभाग एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग और जनसम्पर्क विभाग और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुये।
- बिलासपुर /प्रधानमंत्री कृशि सिंचाई योजना-जलग्रहण विकास घटक-2.0 में स्वीकृत परियोजना अंतर्गत डब्ल्यूडीटी के रिक्त पदों जैसे डब्ल्यूडीटी यांत्रिकी, डब्ल्यूडीटी आजीविका, डब्ल्यूडीटी समूह विकास, लेखापाल सह डाटा एण्ट्री ऑपरेटर की पात्र-अपात्र की सूची जारी की गई है। यदि किसी अभ्यर्थी को उक्त सूची में दावा आपत्ति हो तो वह मय अभिलेख सहित स्वयं या पंजीकृत डाक से 25 मई से 31 मई तक प्रस्तुत कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी जिले की वेबसाईट https://bilaspur.gov.in पर उपलब्ध है।
- बिलासपुर /जिले के मस्तूरी विकासखंड के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पचपेड़ी में कक्षा पहली से बारहवीं तक के रिक्त सीटों में प्रवेश हेतु 25 मई तक आवेदन मंगाए गए थे। प्राप्त आवेदनों के आवश्यक परीक्षण के बाद पात्रता सूची के अनुसार 25 मई को सवेरे 10.30 बजे लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों का चयन किया जाएगा। प्राचार्य श्री सी.के. राठौर ने बताया कि लॉटरी प्रक्रिया नोडल अधिकारी, शाला प्रबंधन एवं विकास समिति, विद्यालय के शैक्षणिक स्टाफ, जनप्रतिनिधियों एवं पालकों की उपस्थिति में नियमानुसार किया जाएगा।
- बिलासपुर /जिले की 7 स्वामी आत्मानंद विद्यालयों में संविदा आधार पर 168 विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित तिथि तक 11002 आवेदन प्राप्त हुए है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ऑनलाईन तरीके से 23 मई तक आवेदन लिए गये। जिले में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय दयालबंद, चिंगराजपारा, पचपेड़ी, सीपत, बेलपान, करगीकला एवं सकरी में स्कूल शुरू किये जाने है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदनों के परीक्षण उपरांत 31 मई को पात्र-अपात्र आवेदकों की प्रारंभिक सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इस पर दावा-आपत्ति 31 मई से 4 जून तक लिये जाएंगे। प्रमाण पत्रों का सत्यापन 6 जून से 10 जून तक किया जाएगा। पात्र अभ्यर्थियों की अंतिम वरिष्ठता सूची का प्रकाशन 11 जून को होगा। अंतिम सूची पर दावा-आपत्ति 11 जून से 13 जून तक लिया जाएगा तथा चयन सूची और प्रतिक्षा सूची 15 जून को प्रकाशित की जाएगी। भरती का कार्य कलेक्टर द्वारा गठित जिला स्तरीय चयन समिति की देखरेख में किया जा रहा है।
- बिलासपुर /कमिश्नर डॉ. संजय अलंग इस बार 31 मई को कोरबा में कलेक्टर्स कांफ्रेंस लेंगे। कोरबा के सतरेंगा रिसॉर्ट में सवेरे 11 बजे से बैठक शुरू होगी। संभाग में शामिल जिले-बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, सक्ती, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, कोरबा, मुंगेली तथा जीपीएम जिले के कलेक्टर व जिला पंचायत के सीईओ बैठक में शामिल होंगे।संभाग स्तरीय कलेक्टर्स कांफ्रेंस के लिए निर्धारित एजेण्डों में राजस्व न्यायालयों की स्थिति, राजस्व रिकार्डों के शुद्धता, भू-राजस्व एवं विविध राजस्व संबंधी पंजियों का संधारण, भू-राजस्व एवं विविध राजस्व की वसूली, आर.आर.सी. वसूली, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक, जल जीवन मिशन, सड़क मरम्मत कार्य, वर्ष 2022-23 के बजट में शामिल सड़क, भवन एवं पुल कार्य, वर्ष 2023-24 के बजट में शामिल सड़क एवं भवन कार्य, उचित बीज चयन समिति स्तर पर वितरण, उचित खाद चयन समिति स्तर पर वितरण, जिला साख योजना निर्माण, स्वच्छ भारत मिशन, स्वच्छ भारत मिशन की अद्यतन प्रगति (ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन), मनरेगा अंतर्गत कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति एवं कार्यों की जानकारी, प्रति परिवार प्रदाय किये गये औसत मानव दिवस की जानकारी, अमृत सरोवर कार्य चिन्हांकन एवं प्रगति की जानकारी, रीपा योजना का त्वरित क्रियान्वयन, एफआरए ग्रामों में आदर्श ग्राम विकसित किये जाने की जानकारी, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ठ विद्यालय अंग्रेजी/हिंदी माध्यम की प्रगति एवं भवनों की स्थिति, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय अंग्रेजी/हिंदी माध्यम में कुल स्वीकृत/प्रतिनियुक्ति/संविदा एवं रिक्त पदों की स्थिति, नये स्वामी आत्मानंद विद्यालय का प्रस्ताव, कलेक्टर द्वारा अपने जिले में किये गये किसी एक नवाचार की प्रस्तुति एवं आगामी आम निर्वाचन की तैयारी की समीक्षा के साथ अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी।
- -गौठानों में पशुओं को आराम तो महिला समूहों को मिल रहा कामरायपुर। पूरे प्रदेश की तरह ही रायपुर जिले में भी गौठान अब ग्रामीणों की आय बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के सक्रिय केन्द्र के रूप में स्थापित हो गये है। गौठानों में पशुओं को आराम तो मिल ही रहा है, गांव के महिला समूहों की सदस्यों को रोजगार का साधन भी मिल गया है। गौठानों के संचालन में गौठान समितियों के साथ-साथ महिला समूहों की सक्रिय भागीदारी है। गौठानों में भरपूर पानी की उपलब्धता के लिए नलकूप और कुएं तो खोदे ही गए है। गर्मी के मौसम में भी पानी के कमी को पूरा करने के लिए निचले या गहरे भू-जल स्तर वाले इलाकों के गौठानों में बाहर से टैंकरों द्वारा भी पानी पहुंचाया जा रहा है, जिससे गौठानों में आने वाले पशुओं को पीने का भरपूर पानी मिल रहा है साथ ही रोजगार मूलक गतिविधियों के लिए महिलाओं को भी पर्याप्त पानी उपलब्ध हो रहा है। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे ने गर्मी के मौसम को देखते हुए पहले ही सभी जनपद पंचायतों को निर्देश जारी कर गौठानों में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था समय रहते पूरी करने के निर्देंश भी दिए थे। कई गौठानों में क्रेडा द्वारा सोलर पंपों से भी नलकूप से पानी निकालने की व्यवस्था की गई है।जिले के अभनपुर विकासखण्ड के जामगांव गौठान में मवेशियों के लिए पानी की भरपूर व्यवस्था है। गौठान में बोरवेल के द्वारा पानी की आपूर्ति लगातार हो रही है। दस कोटनों में सुबह-शाम पानी भरने के लिए एक व्यक्ति भी समिति द्वारा नियोजित किया गया है। गिरौला गौठान में पानी की समस्या होने पर टैंकर के माध्यम से आपूर्ति की जा रही है। डोंगीतराई गौठान में कुआं बनाकर पानी की व्यवस्था की गई है, वहीं पिपरौद, सुन्दकेरा, उमरपोटी के गौठानों में भी पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। गौठानों में मुर्गी पालन, बकरी पालन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के कामों में महिला समूहों के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी है। आरंग विकासखण्ड के गिधवा गौठान में गर्मी में बोरवेल का जल स्तर भी काफी नीचे चले जाने के कारण बाहर से पानी की आपूर्ति की जा रही है।गर्मी के मौसम में खेतों में फसल नहीं होने के कारण पूरे प्रदेश में पशुओं की छुट्टा चराई की प्रथा है ऐसे में गौठानों में सुबह पशुओं को चरवाहों द्वारा लाया जाता है। चारा-पानी देकर पशुओं को चरवाहों द्वारा खुले में चराने ले जाया जाता है और शाम को अपने-अपने गौ पालकों के घर तक वापस पहुंचाया जाता है। गौठानों में चारे की भी पर्याप्त व्यवस्था है। गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने के साथ-साथ गोबर खरीदी, बकरी पालन, मुर्गी पालन, सब्जी बाड़ी जैसे काम भी हो रहें है जिससे गांव स्तर पर महिला समूहों को पर्याप्त आमदनी हो रही है। धरसीवां विकासखण्ड के दतरेंगा गौठान में ही स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने ढाई लाख रूपये से अधिक का वर्मी कम्पोस्ट बनाकर बेंचा है। गौठान में ही महिलाएं रोजाना लगभग दो सौ किलो गोबर खरीद रही है। तिल्दा-नेवरा विकासखण्ड के अड़सेना के गौठान में 4 लाख 71 हजार किलो से अधिक गोबर की खरीदी की जा चुकी है, जिससे महिला समूहों को लगभग 10 लाख रूपये का व्यवसाय मिला है। इसी तरह गनियारी गौठान में भी गोबर खरीदी का काम जारी है अभी तक गौठान में लगभग ढाई लाख रूपये का 1 लाख 12 हजार किलो गोबर खरीदा जा चुका है। बे-मौसम बरसात और तेज अंधर के कारण एक दो गौठानों में पशु शेड क्षतिग्रस्त हुए है। जिनकी रिपेयरिंग का काम तेजी से किया जा रहा है।
- -रोजगार कार्यालय में पानी, टैंट, कूलर, कुर्सी की पर्याप्त व्यवस्थारायपुर /रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराने के लिए शिक्षित बेरोजगार युवाओं को दफ्तर के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। राज्य शासन ने रोजगार पंजीयन और नवीनीकरण के लिए आवेदन करने ऑनलाइन व्यवस्था की है। शिक्षित बेरोजगार युवा वेबसाइट www.exchange.cg.nic.in/exchange पर लाॅगिन कर रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। जिले के रोजगार कार्यालय के उप संचालक ने बताया कि रोजगार पंजीयन और नवीनीकरण संबंधित सभी आवेदन केवल ऑनलाइन ही लिए जाते है। इन आवेदनों को तीन महिनें की समय अवधि में सत्यापन कराना होता है। पंजीयन और नवीनीकरण के आवेदनों को रोजगार कार्यालयों में ऑफलाइन स्वीकार नहीं किया जाता है इसलिए ऐसे आवेदन करने युवाओं को रोजगार कार्यालय में उपस्थित होना जरूरी नहीं है।उप संचालक ने बताया कि ऑनलाइन किए गए आवेदन अनुसार दस्तावेजों का सत्यापन कराने की अवधि तीन महिनें की है। युवाओं का आवेदन तीन महिनें तक वैध होता है। युवा अपने सुविधा अनुसार कार्यालयीन समय में तीन महीने में किसी भी दिन रोजगार कार्यालय आकर सत्यापन करा सकते है। उप संचालक ने यह भी बताया कि जिला रोजगार कार्यालय में पंजीयन और नवीनीकरण के लिए बड़ी संख्या में युवाओं की भीड़ को देखते हुए गर्मी के मौसम में पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है। आवेदकों के लिए कूलर से लेकर पीने के पानी तक की व्यवस्था कार्यालय परिसर में है। धूप से बचने के लिए टेंट और बैठने के लिए कुर्सियों की भी व्यवस्था की गई है। आवेदकों की सुविधा के लिए टोकन सिस्टम से पंजीयन सत्यापन का काम किया जा रहा है।
- -17 जून को बी.एड, डी.एड, 24 जून को होगी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षारायपुर /छत्तीसगढ़ में व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा प्री बी.एड, प्री डीएलएड, बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग और पोस्ट बेसिक नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा आवेदन 28 मई तक ऑनलाईन भरे जाएंगे। भरे गए आवेदनों में अगले तीन दिन 29, 30 और 31 मई तक त्रुटि सुधार किया जा सकेगा। बीएड एवं डीएड की परीक्षा 17 जून 2023 को होगी। इन परीक्षाओं के लिए वेबसाइट परीक्षा मंडल द्वारा 9 जून को प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे। बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग और पोस्ट बेसिक नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा 24 जून को होगी। इन परीक्षाओं के लिए प्रवेश पत्र 16 जून को जारी किए जाएंगे। परीक्षाओं में शामिल होने के इच्छुक अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की वेबसाइट vyapam.cgstate.gov.in पर लाॅगिन कर आवेदन कर सकते है। राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार इन परीक्षाओं के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासी प्रतिभागियों से किसी भी प्रकार का परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा।ऑनलाईन आवेदन के साथ अभ्यर्थी की जाति, जन्मतिथि, स्थानीय निवासी आदि संबंधित प्रमाण-पत्र नहीं लिए जाएंगे। अभ्यर्थी के दस्तावेजों का परीक्षण काॅउसलिंग के दौरान होगा। अभ्यर्थी द्वारा दी गई गलत जानकारी के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल जवाबदार नहीं होगा। ऑनलाईन आवेदन में हुई त्रुटि को फार्म जमा करने की निर्धारित समय सीमा के दौरान भी सुधारा जा सकेगा। इसके अलावा आॅनलाईन फार्म भरने की अंतिम तिथि के बाद तीन दिन की समय अवधि में भी त्रुटि सुधार की सुविधा उपलब्ध रहेगी। परीक्षा के दिन किसी भी प्रकार की त्रुटि सुधार सुविधा नहीं दी जाएगी।
- -मुख्यमंत्री श्री बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में मृदा-जल संरक्षण पर हो रहे कार्यों की तारीफ-केन्द्रीय विशेष सचिव तथा महानिदेशक श्री गोयल ने अन्य राज्यों के लिए बताया अनुकरणीय-कार्यशाला में मिट्टी और नमी संरक्षण के लिए विभिन्न उपायों पर विस्तार से हुई चर्चारायपुर / छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास कार्यक्रम‘ अंतर्गत वन क्षेत्रों में स्थित 6 हजार 395 नालों को पुरर्जीवित किया जा चुका है। इसके तहत इन नालों में 774 करोड़ रूपए की राशि से अब तक एक करोड़ 19 लाख 84 हजार भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया गया है, जिससे 22 लाख 92 हजार हेक्टेयर क्षेत्र उपचारित हुआ है।वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तत्वाधान में मृदा-जल संरक्षण पर राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार में यह जानकारी दी गई। 25 मई तक आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 23 मई को किया गया। सेमीनार में मुख्यमंत्री श्री बघेल की मंशा के अनुरूप नरवा विकास कार्यक्रम अंतर्गत कैम्पा मद के तहत राज्य के वनांचल में मृदा एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की तारीफ केन्द्रीय विशेष सचिव तथा महानिदेशक श्री चन्द्रप्रकाश गोयल ने भी की और इसे देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया। कार्यशाला में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, महानिदेशक एवं केन्द्रीय विशेष सचिव, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री चन्द्रप्रकाश गोयल, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, केन्द्रीय कैम्पा के सीईओ श्री सुभाष चन्द्र, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव तथा वानिकी विशेषज्ञ और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास कार्यक्रम के तहत कैम्पा मद अंतर्गत वनांचल स्थित नालों में काफी तादाद मेें भू-जल संरक्षण संबंधी कार्याे का तेजी से क्रियान्वयन जारी है। इससे वन क्षेत्रों के भू-जल स्तर में काफी सुधार दिखाई देने लगा है और वनवासियों सहित क्षेत्रवासियों को पेयजल, सिंचाई तथा निस्तारी आदि सुविधाओं का भरपूर लाभ मिलने लगा है। साथ ही साथ इससे वन संरक्षण तथा संवर्धन के कार्यों को भी बढ़ावा मिला है। राज्य में इसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को ’स्कॉच अवार्ड’ के पर्यावरण श्रेणी के लिए स्वर्ण पुरस्कार भी मिल चुका है।छत्तीसगढ़ में गत चार वर्षों के दौरान राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास‘ योजना के तहत वनांचल स्थित 6 हजार 395 नालों के लगभग 23 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्रों को उपचारित करते हुए विभिन्न जल संरचनाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत एक करोड़ 61 लाख से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं। इन संरचनाओं में ब्रश वुड चेक डैम, लूज बोल्डर चेक डैम, गेबियन संरचना, मिट्टी चेक डैम, कंटूर ट्रेंच, वाटर अब्जॉर्प्शन ट्रेंच तथा स्टेगर्ड कंटूर ट्रेंच का निर्माण शामिल है। इसके अलावा गली प्लग, चेक डैम, स्टॉप डैम, परकोलेशन टैंक तथा तालाब, डबरी और वाटरहोल आदि भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।इनमें वर्ष 2019-20 में 863 नालों का चयन कर लगभग 5 लाख हेक्टेयर भूमि को उपचारित करने के लिए 12 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण शामिल है। जिसमें 160 करोड़ 55 लाख रूपए की राशि से 25 जिलों के अंतर्गत कुल 32 वनमंडल, 01 राष्ट्रीय उद्यान, 2 टायगर रिजर्व, 01 सामाजिक वानिकी तथा 01 एलीफेंट रिजर्व में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है।इसी तरह वर्ष 2020-21 में 2 हजार 055 नालों का चयन कर 6 लाख हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए 46 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इनमें 421 करोड़ रूपए की अधिक राशि से 32 वन मंडल, 2 राष्ट्रीय, 3 टायगर रिजर्व एवं 01 एलीफेंट रिजर्व में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है। वर्ष 2021-22 में एक हजार 974 नालों का चयन कर 5 लाख 70 हजार हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए 73 लाख से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं। इनमें 407 करोड़ रूपए की अधिक राशि से 32 वन मंडल, 2 राष्ट्रीय उद्यान, 2 टायगर रिजर्व, 01 सामाजिक वानिकी तथा 01 एलीफेंट रिजर्व भूजल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है।इसके अलावा वर्ष 2022-23 में एक हजार 503 नालों का चयन कर 6 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि के उपचार के लिए 29 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण जारी है। इनमें 300 करोड़ रूपए की अधिक राशि से 32 वनमंडल, 2 राष्ट्रीय उद्यान, 3 टायगर रिजर्व तथा 01 एलीफेंट रिजर्व में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है।
- -‘‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’’ का तीन दिवसीय आयोजन 25 मई से प्रतिदिन विषयानुसार किया जाएगा वाचन-जनजातीय वाचिक परंपरा के संरक्षण एवं अभिलेखीकरण में मिलेगी मददरायपुर / आदिवासी जीवन से संबंधित वाचिक परंपरा के संरक्षण, संवर्धन और उनके अभिलेखीकरण के उददेश्य से तीन दिवसीय ‘‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’’ का आयोजन 25 मई से नवा रायपुर स्थित आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (TRTI) में किया जा रहा है। मंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के मुख्य आतिथ्य और संसदीय सचिव श्री द्वारिकाधीश यादव के अध्यक्षता में 25 मई को ‘‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’’ का शुभारंभ होगा। तीन दिवसीय यह आयोजन 25 मई से 27 मई तक चलेगा, जिसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के जनजातीय वाचकों द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा की विभिन्न विधाओं के अंतर्गत अपनी प्रस्तुति दी जाएगी। यह आयोजन आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं राज्य शासन के सहयोग से किया जा रहा है।जनजातीय वाचिकोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम के निर्धारित विषयानुसार प्रथम दिवस 25 मई को जनजातीय देवी-देवता एवं मड़ई मेला के संबंध में वाचिक ज्ञान, जनजातियों में प्रचलित लोक कहानियाँ, कहावतें एवं लोकोक्तियां, जनजातीय लोकगीत, उनका अभिप्राय एवं भावार्थ विषय पर जनजातीय वाचन किया जाएगा। द्वितीय दिवस 26 मई को ‘‘जनजातीय तीज-त्यौहार एवं वाचिक परम्परा, जनजातीय जीवन संस्कार (जन्म, विवाह, मृत्यु इत्यादि) संबंधी वाचिक परम्परा एवं जनजातीय समुदाय की उत्पत्ति संबंधी धारणा एवं वाचिक परंपरा विषय पर जनजातीय वाचन किया जाएगा। अंतिम दिन 27 मई को जनजातीय समुदाय में गोत्र व्यवस्था एवं गोत्र चिन्हों की अवधारणा संबंधी वाचिक ज्ञान, जनजातियों में प्रचलित विशिष्ट परम्परा (गोदना, लाल बंगला, घोटूल, धनकूल, जगार, जात्रा, धुमकुरिया आदि) रीति-रिवाज तथा परम्परागत ज्ञान एवं विश्वास’’ विषय पर जनजातीय वाचन किया जाएगा।विभाग के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में शामिल होने जनजातीय प्रबुद्धजन विभिन्न जिलों से रायपुर पहुंचने शुरू हो गए हैं। देर शाम तक सभी के पहुचने की संभावना है। इस संबंध में हर प्रकार की उचित व्यवस्था बनाए रखने हेतु आयुक्त सह संचालक, ज्त्ज्प् श्रीमती शम्मी आबिदी के निर्देश अनुसार अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाकर व्यवस्था की गई है।इस तीन दिवसीय आयोजन के उपरांत संस्थान द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा के संरक्षण एवं अभिलेखीकरण के दृष्टिगत पुस्तक का प्रकाशन भी किया जाएगा, जिसमें कार्यक्रम में प्रस्तुत किए गए विषयों के साथ-साथ राज्य के अन्य जनजातीय समुदाय के व्यक्तियों से भी जनजातीय वाचिक परंपरा के क्षेत्र में प्रकाशन हेतु आलेख आमंत्रित किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि पूरा आयोजन टी.आर.टी.आई. संस्थान के नवनिर्मित भवन में ही होगा।
- -वर्मी कम्पोस्ट, जैविक कीटनाशक, सब्जी उत्पादन सहित अनेक कार्य कर सशक्त हो रही हैं महिलाएंरायपुर ।महासमुंद जिले के से ग्राम बिरकोनी में शासन की महत्वपूर्ण योजना गोधन न्याय योजना अंतर्गत निर्मित गौठान में महिला स्व सहायता समूह अपने आर्थिक स्थिति में बदलाव की सकारात्मक कहानियां लिख रही हैं। यहां गौठान न केवल पशुओं के रखने की एक जगह है, बल्कि आजीविका गतिविधियों का एक सशक्त माध्यम भी है। यहां समूहों द्वारा द्वारा विभिन्न आय जनित गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से वे अपना और अपने परिवार की आजीविका को समृद्ध और मजबूत बना रही है।गौठान में जय मां दुर्गा एवं राम जानकी महिला स्व सहायता समूह द्वारा वर्मी खाद का उत्पादन किया जा रहा है। समूहों द्वारा अब तक कुल 31,367 किलोग्राम खाद का निर्माण किया जा चुका है तथा 3 लाख रुपए की राशि का लाभ प्राप्त कर चुकी है। समूह की सदस्य बताती है कि वर्मी खाद से प्राप्त आय से कमर करधन, पति के लिये मोटरसायकल एवं बच्चों के पढ़ाई में पैसा का उपयोग किया गया है।श्री सांई महिला स्वसहायता समूह द्वारा गौदान में 1720 लीटर गौ मूत्र का क्रय कर जैविक कीटनाशक दवाई को बनाकर 22 हजार रूपये का जैविक कीटनाशक का विक्रय किया गया है। समूह की दीदी बताती है कि जैविक कीटनाशक के उपयोग से फसलों में अच्छा उत्पादन देखने को मिला है। इसके साथ-साथ समूह सब्जी उत्पादन का कार्य भी करती है जिसे आंगनबाड़ी एवं स्कूलों में विक्रय कर अब तक 65 हजार रुपए की आय प्राप्त कर चुकी है।भाग्यलक्ष्मी महिला स्वसहायता समूह ने मुर्गीपालन कर 48 हजार रूपए की आय प्राप्त की है। श्री गणेश महिला स्वसहायता समूह द्वारा दोना पत्तल निर्माण एवं लड्डू निर्माण का कार्य भी किया जाता है। ओम महिला स्वसहायता समूहों के द्वारा बिहान केन्टीन एवं छत्तीसगढ़ी व्यंजन एवं विभिन्न प्रकार का मिठाई बनाकर 2 लाख 50 हजार रुपए की आय प्राप्त कर चुकी है, जिसे ग्रामीण बाजारों में एवं शादी एवं अन्य कार्यक्रम में विक्रय कर अच्छा लाभ प्राप्त की है.माया महिला स्वसहायता समूह द्वारा मशरूम उत्पादन का कार्य भी किया जा रहा है जिससे 28 हजार रुपए की आय हो चुकी है इसके अतिरिक्त कपड़ा सिलाई एवं हर्बल गुलाल का निर्माण कर अच्छा आय प्राप्त कर चुकी है।समूह की दीदियां बताती है कि समूह से जुड़ने के बाद उनको कई प्रकार से लाभ एवं आर्थिक सहायता प्राप्त हुआ है। घर से कभी बाहर ना जाने वाली दीदी आज गौठान से जुड़कर आत्मनिर्भर बनी। इसके अतिरिक्त उक्त समूहों को बिहान योजना अंतर्गत चक्रिय निधि 15 हजार रूपये, सामुदायिक निवेश निधि 60 हजार रूपये एव बैंक से बैंक ऋण आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु प्रदान किया गया है।
- - फ़ुंडहर में गायों को गर्मी से बचाने शेड व फ़ॉगर की सुविधा, सब्ज़ी मार्केट से लाकर खिला रहे ताजी तरकारीरायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की गौठान योजना का क्रियान्वयन करते हुए रायपुर नगर निगम द्वारा फुंडहर, गोकुल नगर, जरवाय के गौठानों में गौवंशीय पशुओं के बेहतर रख-रखाव के साथ ही आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में अभिनव पहल की जा रही हैं। गोकुल नगर गौठान में महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं गौमूत्र का अर्क तैयार करने के साथ ही साथ ब्रम्हास्त्र जैविक कीटनाशक, पौधों के पोषण में उपयोगी जीवा अमृत, गौकाष्ठ और गोबर से 32 तरह के उत्पाद तैयार कर अपने आर्थिक स्तर में बड़ा बदलाव ला रही है। जरवाय गौठान में दीवारों की पुताई के लिए पेंट तैयार किया जा रहा है, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अब नगर निगम सहित शासकीय भवनों को इस पेंट से ही पुताई की जा रही है।फुन्डहर गौठान, जहाँ परित्यक्त, घायल ,बीमार व सड़कों पर विचरण करते लावारिस गौ वंशियों को रखने की सभी व्यवस्थायें की गई है,इस गौठान में 281 गायें है।गर्मी के मौसम में इन्हें ठंडक देने फ़ॉगर की व्यवस्था के साथ ही सब्ज़ी बाज़ार से चारे , तरकारी आदि भी नगर निगम द्वारा ख़रीदकर दिए जा रहे हैं।इस गौठान में 24 घंटे पशु चिकित्सक की सेवा उपलब्ध है तथा 10 कर्मचारी गौठान में नियमित साफ-सफाई, चारे, पानी हेतु शिफ्ट में काम करते हैं। गायों की संख्या बढ़ने पर इन पशुओं को ग्रामीण गौठानॉ में स्थानांतरित किया जाता है और सड़कों पर लावारिस हालत में यहाँ लाए गये पशु की पहचान कर पशु मालिक नियत जुर्माना अदा कर वापस भी ले जाते हैं।रायपुर नगर निगम द्वारा इस समय शहर में तीन गौठानों का संचालन किया जा रहा है। इन गौठानों में परित्यक्त व दुर्घटना में घायल गौधन के देखभाल की व्यवस्था की जाती है। इन गौठानों के बेहतर प्रबंधन से न केवल गौवंशीय पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है, बल्कि गौ सेवा में जुटे स्व-सहायता समूहों का जीवन स्तर भी बदला है। गोकुल नगर में “एक पहल महिला स्व-सहायता समूह“ की महिलाएं अर्क निकालने 4 रूपये लीटर पर गौमूत्र क्रय कर रही हैं। समूह द्वारा उत्पादित जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र की भी अत्यधिक मांग है और 50 रूपये लीटर में इस कीटनाशक की बिक्री इस गौठान से की जा रही है। पौधों के लिए उपयोगी जीवा अमृत नामक पोषक भी इस गौठान में उत्पादित हो रहा है। महिलाएं बताती है कि 50 रूपये लीटर बिकने वाले इस जीवा अमृत में पौधों को जीवन प्रदान करने की अद्भुत शक्ति है। इन महिलाओं ने बरसों पुराने मोटे ठूंठ को इसी गौठान में ही वृक्ष के रूप में पुनर्जीवित करने का कार्य भी किया है। महिला समूह द्वारा निर्मित गोबर से बने सूटकेश, दीये, मूर्तियां, पूजन सामग्री, सजावटी सामान की मांग भी बहुतायत है। इसके अलावा वैदिक पद्धति से तैयार बिलौना घी, पनीर, दूध, दही से गौठान की अपनी अलग पहचान बनी है।महिला समूह की सचिव श्रीमती नोमिल पाल बताती है कि कई घायल गौवंशीय के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार के बाद अब इन पशुओं के लिए गौठान अब स्थायी बसेरा है। घायल अवस्था में दो साल पहले गौठान पहुंचे मुर्रा नस्ल की भैंस अब बच्चे को जन्म देने वाली है। गौवंशीय के वंश वृद्धि के लिए गौठान में कृत्रिम गर्भाधान पद्धति अपनायी जाती थी, किन्तु अब इनके जोड़े भी गौठान में तैयार हो चुके हैं। इस गौठान में छत्तीसगढ़ की कोसली नस्ल के गाय, बछड़ों के अलावा, साहीवाल, थारपार, गिर नस्ल के गौधन भी हैं, जो घायल अवस्था में पशु पालकों द्वारा सड़कों पर छोड़ दिए गए थे, यही गौधन अब स्वस्थ्य होकर दुग्ध व अन्य उत्पादों से महिला समूहों के लिए नये आर्थिक स्त्रोत सृजित करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।जरवाय के गौठान में दीवारों को रंगने के लिए गोबर से पेंट का उत्पादन किया जा रहा है। इस उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भी स्वयं पहल की है। उनके निर्देश पर रायपुर नगर निगम मुख्यालय सहित अन्य भवनों की दीवारों को गोबर से बने पेंट से ही रंगने की शुरूआत की जा चुकी है। समूह की महिलाएं बताती है कि यह पेंट किसी भी रसायनिक पेंट से ज्यादा उपयोगी है। गोबर पेंट किफायती होने के साथ ही साथ एंटीबैक्टीरियल, एंटी फंगल, नॉन टॉक्सिक और इको फ्रेंडली पेंट के रूप में जाना जाता है, जो कि कैमिकल पेंट की तुलना में अधिक आकर्षक और प्रभावशाली है। समूह की महिलाएं इसे गौठान योजना का बेहतर उत्पाद मानते हुए इसे कृषि आधारित उद्योगों में एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखती है।इन सब प्रयासों से गौठानों की आत्म निर्भरता बढ़ रही है एवं इससे जुड़े स्व-सहायता समूह के जीवन में भी बड़े बदलाव की आहट है।
- रायपुर / छत्तीसगढ़ शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार एकीकृत बाल विकास परियोजना रायपुर शहरी - 02, जिला रायपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए आठ एवं सहायिका के लिए 23 रिक्त पदों पर 25 मई से 08 जून तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। परियोजना अधिकारी रायपुर ने बताया कि निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र परियोजना कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है । पूर्णरूप से भरे गये आवेदन निर्धारित तिथि व कार्यालयीन समय पर एकीकृत बाल विकास परियोजना रायपुर शहरी - 02, एच.आई.जी 82 सेक्टर - 01,डी.डी. नगर स्थित कार्यालय में सीधे जमा किया जा सकता है। अर्हता संबंधी विस्तृत जानकारी के लिए परियोजना कार्यालय, नगर निगम रायपुर तथा वार्ड पार्षद कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है ।
- -जिले के 411 गौठानो में की जा रही है गोबर की नियमित खरीद-01 लाख 40 हजार 699 क्विंटल खाद का विक्रय महिलाओं ने कमाए 04 करोड़ 60 लाखबालोद। जिला प्रशासन द्वारा जिले के जनप्रतिनिधियों के द्वारा जिले के गोठान अवलोकन के संबंध में प्रकाशित खबर पर तत्काल संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के निर्देशानुसार अधिकारियों द्वारा तत्काल संबंधित गौठानों का जांच कर वस्तु स्थिति की जानकारी ली गई। जांच में गोठानों में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित पाई गई। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना से ग्रामीण क्षेत्रो में एक जागृति आयी है और किसानो के जीवन में परिवर्तन एवं खुशहाली आया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के जिला नोडल अधिकारी श्री सूर्य नारायण ताम्रकार ने बताया कि बालोद जिला क्षेत्रान्तर्गत कुल 437 ग्राम पंचायतो में 405 ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 10 शहरी क्षेत्र में, इस प्रकार कुल 415 गौठान जिले में स्वीकृत है। सभी गौठानो में राज्य शासन की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत् नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है।श्री ताम्रकार ने बताया कि अब तक कुल 22 हजार 573 गोबर विक्रेताओ से कुल 5 लाख 82 हजार 749 क्विंटल गोबर का क्रय गौठानो में किया गया है तथा क्रय किये गये गोबर के अनुपात में कुल 1 लाख 68 हजार 4 सौ 75 क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन किया जाकर 1 लाख 40 हजार 6 सौ 99 क्विंटल खाद का विक्रय किया जा चुका है। वर्मी कम्पोस्ट विक्रय से अब तक स्व-सहायता समुहो को कुल 4 करोड़ 80 लाख रू. से अधिक लाभांश राशि का भुगतान किया गया है। वर्तमान स्थिति में जिले में कुल 249 गौठान स्वावलंबी हो चुके है। जिले में कुल 415 गौठानो हेतु चार चरणो में स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसके अंतर्गत 411 गौठानों में मूलभूत सुविधाओं के साथ गोबर खरीदी कार्य आगामी खरीफ में खाद की पूर्ति हेतु जोर शोर से चल रहा है।सुराजी गांव योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में आयी जागृति, समुहों को दिया जा रहा प्रशिक्षणजैविक खाद निर्माण हेतु कृषि विभाग को नोडल है, विभाग द्वारा स्व-सहायता समूहो को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है एवं आवश्यकता अनुरूप समय-समय पर मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। खाद की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु सैम्पल समय-समय पर प्रयोगशाला में प्रेषित किया जाता है। जिले के गौठानो में बिजली एवं पानी की उपलब्धता हेतु विद्युत विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं समस्त जनपद पंचायतो को निर्देशित किया गया है, जिसके अनुसार संबंधित विभागो द्वारा इस हेतु समुचित प्रयास करते हुए कार्य कराया जा रहा है।ग्रामीण अर्थव्यवस्था बन रही मजबूत, किसानो को किया जा रहा पैरा दान हेतु प्रेरितगौठानो में पशुओं की सुखे चारे की उपलब्धता हेतु किसानो को प्रेरित कर जिले में कुल 65 हजार 2 सौ 03 क्विंटल पैरा दान कराया गया है साथ ही पैरा के संरक्षण हेतु बेलर मशीन से बंडल तथा पशु विभाग द्वारा पैरा उपचार भी कराया गया है। गौठानो में समूहों के द्वारा सामुदायिक बाड़ी, मत्स्यपालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन एवं अन्य आय मूलक आजिविका गतिविधि विभागीय सहयोग से संचालित की जा रही है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है।
- -डाॅक्टरों एवं चिकित्सा कर्मियों की पूरे समय उपस्थिति सुनिश्चित कराने के दिए निर्देशबालोद। कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने आज जिला मुख्यालय बालोद स्थित जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण कर अस्पताल के व्यवस्थाओं का पड़ताल किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के रजिस्ट्रेशन कांउटर, आपातकालीन चिकित्सा कक्ष सहित अस्पताल के विभिन्न वार्डो एवं रसोई कक्ष आदि में पहुंचकर व्यवस्थाओं का मुआयना किया। श्री शर्मा ने अस्पताल के विभिन्न वार्डो एवं ओपीडी कक्ष में पहुंचकर मरीजों एवं उनके परिजनों से बातचीत कर उन्हें अस्पताल में मिलने वाली सुविधा एवं डाक्टरों की नियमित उपस्थिति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने सिविल सर्जन डाॅ. श्रीमाली को डाॅक्टरों एवं अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी चार्ट बनाकर रोस्टर अनुसार पूरे समय उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। जिससे की डाॅक्टर एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए उन्होंने सिविज सर्जन को प्रत्येक माह ड्यूटी चार्ट बनाने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने कहा कि बिना विधिवत छुट्टी स्वीकृति के कोई भी डाॅक्टर एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी अपने कार्य से अनुपस्थित न रहे। यदि वाजिब कारणों से डाॅक्टर एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने पर उनके कक्ष के बाहर इसकी जानकारी भी प्रदर्शित कराने को कहा।कलेक्टर श्री शर्मा ने अस्पताल के रजिस्ट्रेशन कांउटर में पहुंचकर रजिस्ट्रेशन के कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने मरीजों से बातचीत कर रजिस्ट्रेशन पर्ची हेतु उनसे लिए गए कुल शुल्क के संबंध में भी जानकारी ली। मरीजों ने कलेक्टर को रजिस्ट्रेशन पर्ची के लिए 10 रुपये की राशि जमा करने की जानकारी दी। इस दौरान श्री शर्मा ने अस्पताल के ओपीडी, मेडीसिन विशेषज्ञ कक्ष आदि का निरीक्षण कर अस्पताल के व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने डाॅक्टरों एवं अन्य चिकित्सा कर्मीयों की उपस्थिति पंजी का भी अवलोकन किया एवं नियमित रूप से पंजी संधारित करने तथा डाॅक्टरों की अनुपस्थिति में अन्य डाॅक्टरों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने एनसीडी कक्ष में पहुंचकर ड्यूटी में तैनात चिकित्सक डाॅ. बीएल रात्रे से बातचीत कर प्रतिदिन जाँच के लिए आने वाले मरीजों के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बी.पी. जाँच करा रहे मरीजों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना और डाॅक्टरों के द्वारा दिए गए पर्ची को संभाल कर रखने को कहा। श्री शर्मा ने स्वास्थ्य जाँच के लिए अस्पताल पहुंचे गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्राम चीचबोड़ के बुजुर्ग व्यक्ति श्री कृपाराम साहू से बातचीत कर उनका हालचाल पूछा। श्री शर्मा ने बुजुर्ग कृपाराम को अस्पताल में मरीजों को निःशुल्क दवाईयां मिलने की भी जानकारी दी। कलेक्टर ने मौके पर उपस्थित चिकित्सकों को कृपाराम का ईसीजी एवं शूगर जाँच करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर के मधुर एवं आत्मीय व्यवहार से मरीज एवं उनके परिजन अभिभूत हो गए।इस दौरान कलेक्टर ने अस्पताल के स्पर्श क्लीनिक, शिशु रोग विशेषज्ञ कक्ष, फिजियो थेरेपी कक्ष, नैदानिक मनोविज्ञान कक्ष, अस्थि रोग विभाग आदि का भी निरीक्षण किया। श्री शर्मा ने अस्पताल के महिला एवं पुरुष शौचालय का निरीक्षण कर सिविज सर्जन एवं अधिकारियों को साफ-सफाई समूचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने पैथालाॅजी लैब, एक्स-रे कक्ष का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सिविल सर्जन एवं चिकित्सकों को डीजीटल एक्स-रे के कार्य को सक्रिय करने के निर्देश दिए। श्री शर्मा ने अस्पताल के रसोई कक्ष का भी निरीक्षण कर मरीजों के लिए बनाए जा रहे भोजन की गुणवत्ता का पड़ताल किया। उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों से मरीजों को प्रतिदिन प्रदान की जाने वाली भोजन एवं नाश्ता के संबंध में भी जानकारी ली। कलेक्टर ने मरीजों को प्रतिदिन गर्म एवं ताजा पौष्टिक भोजन एवं नाश्ता प्रदान करने के निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम श्रीमती शीतल बंसल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
- दुर्ग /भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु श्री लक्ष्मण तिवारी (सहायक कलेक्टर) को जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत् प्रशासनिक व्यवस्था की बारिकीयों का अध्ययन व प्रशासनिक व्यवस्था से अवगत होने के लिए जिले के पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ और प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ संलग्न किया गया है। प्रशिक्षण हेतु जिला पंचायत में 22 मई से 4 जून, जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों में 5 जून से 11 जून तथा पुलिस अधीक्षक व जिला स्तरीय पुलिस अंतर्गत 12 जून से 18 जून तक प्रशिक्षण की तिथि तय की गई है ताकि एडमिस्ट्रेशन, पुलिसिंग व गवर्नेंस से संबंधित हर सेक्टर की जानकारी प्राप्त कर सके।
- - स्थानीय लोगों को रोजगार के समुचित अवसर मिलने से ग्रामीण बन रहे हैं आत्मनिर्भर एवं आर्थिक रूप से सशक्त-करकाभाट के युवाओं ने कूलर एवं आलमारी निर्माण कर कमाए 65 हजार रुपए-बालोद जिले के 11 औद्योगिक पार्क में 26 से अधिक गतिविधियां संचालितबालोद।, राज्य शासन के महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क अपने स्थापना के उद्देश्यों पर सफलीभूत होकर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का अत्यंत सुगम एवं कारगार माध्यम बन गया है। बालोद जिले में संचालित कुल 11 महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों को उनके गांव एवं गांव के आसपास ही सहज रूप से रोजगार मिलने से ग्रामीण आत्मनिर्भर एवं आर्थिक रूप से सशक्त बन रहे हैं। जिले के सभी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के माध्यम से ग्रामीणों को समूचित रोजगार मिलने से पलायन की समस्या से मुक्ति मिल रही है। वास्तव में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों इस योजना का बहुत ही अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। इस योजना के फलस्वरूप जिले के बालोद विकासखण्ड के ग्राम करकाभाट में संचालित महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में आलमारी एवं कूलर निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है। यहां पर 11 उद्यमी कार्यरत् है जिन्होंने प्रारंभिक प्रशिक्षण के दौरान ही 70 कूलर एवं 72 आलमारी का निर्माण कर कुल 65 हजार रुपये का आय अर्जित की है। वास्तव में इतने कम अवधि में इतनी बड़ी आय अर्जित करना इस योजना के सफलता को बयां करती है। जिससे ग्रामीण औद्योगिक करकाभाट में कार्यरत् उद्यमी काफी उत्साहित है।ग्रामीण औद्योगिक पार्क करकाभाट में कार्यरत् उद्यमी विजय कुमार ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि हमारे द्वारा पिछले एक माह से कूलर एवं आलमारी का प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है। यहां हमें प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार का भी साधन प्राप्त हो रहा है। जिससे हमें अपने कौशल से संबंधित कार्य करने हेतु अन्य स्थानों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है, अब हमें गांव में ही रोजगार मिल रहा है। उन्होंने अपने ग्राम करकाभाट में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके प्रति विनम्र आभार व्यक्त किया है। इसके अलावा उन्होंने उनकेे द्वारा निर्मित किए जा रहे सामग्रियों के बिक्री के लिए सतत् सहयोग, प्रोत्साहन एवं जरूरी मदद प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन के प्रति भी आभार व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि बालोद जिले के अन्य महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में भी ग्रामीणों को रोजगार प्रदान करने हेतु विभिन्न कार्य संचालित किए जा रहे है। जिसमें से प्रमुख रूप से मिलेट, चिक्की, अपेरल पार्क (रेडिमेट वस्त्र), कूलर आलमारी निर्माण, नॉन वूवेन बैग, बेकरी उत्पाद, राइस वैल्यू एडेड प्रोडक्ट एवं कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई के साथ-साथ एलोविरा जूस, लेमन ग्रास ऑइल केला तना रेशा के अलावा क्लीनिंग मटेरियल झाडू मोप, फिनाईल डिटर्जेंट केक एवं पावडर आदि 26 गतिविधियाँ संचालित है। वर्तमान में यहाँ पर 206 उद्यमी कार्यरत है जिसमें 140 महिला एवं 66 पुरुष शामिल है। इन सभी स्थानों पर 01 माह के अल्प अवधि में निर्माण कार्य प्रारंभिक स्तर के दौरान ही 12 लाख रुपये का आय अर्जित किया गया है। जिससे प्रतिव्यक्ति 4800 रुपये औसत आमदानी प्राप्त हो रही है। इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा कार्यरत उद्यमियों के दक्षता बढ़ने के साथ-साथ आय में वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
- बिलासपुर /ग्रामोद्योग विभाग द्वारा जिला हाथकरघा कार्यालय के माध्यम से 25 मई से 1 जून तक आठ दिवसीय कोसा एवं कॉटन ऑफ छत्तीसगढ़ हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी सह विक्रय का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ एसईसीएल के बसंत विहार कॉलोनी के बसंत क्लब में 25 मई को दोपहर 1 बजे से होगा। यह प्रदर्शनी 1 जून तक प्रतिदिन सवेरे 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुली रहेगी।इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हाथकरघा बुनकरों को विपणन हेतु उचित माध्यम उपलब्ध कराना, बुनकरों के बुनाई कला को आम नागरिक तक सीधे पहुचाना तथा उपभोक्ता के माध्यम से हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी में नित नवीन डिजाईनों के विकास हेतु सुझाव प्राप्त करना, राज्य स्तरीय हथकरघा वस्त्र उत्पादन को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराकर आम उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचना, बुनकरों के लिए नियमित रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। छत्तीसगढ़ में हथकरघा पर वस्त्र उत्पादन का कार्य महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और कई हुनरमंद महिलाएं बुनकर सामने आ रही हैं।छत्तीसगढ़ राज्य की कोसा वस्त्र बुनाई कला राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। कोसा वस्त्र बुनाई कला में मुख्यतः रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, चन्द्रपुर, छुरी, सिवनी आदि क्षेत्र के बुनकरों को राष्ट्रपति एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त है। ऐसे पुरस्कृत बुनकरों के द्वारा कोसा एवं सूती वस्त्रों की कलात्मक डिजाईनर साड़ियों का उत्पादन कर प्रदर्शन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के लगभग 25 बुनकर सहकारी समिति एवं बुनकर प्रतिनिधि के माध्यम से आकर्षक कोसा एवं कॉटन वस्त्र जैसे उत्कृष्ट कलात्मक कोसा साडियॉ, कोसा मलमल, कोसा ड्रेस मटेरियल, कोसा सलवार सूट, कोसा बाफ्ता, सूती साडियॉ आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। यहां की हस्तशिल्प कला भी देश-विदेश में प्रख्यात है। प्रदर्शनी में हस्तशिल्प के बेलमेटल, टेराकोटा, आयरन, काष्ट कला की आकर्षक सामग्रियां आकर्षण का केंद्र होंगी। file photo
- -अरण्यकाण्ड के प्रसंगों पर विशेष मंचन-कला-संस्कृति की समृद्ध परंपरा का दिखेगा संगम-मशहूर कलाकार महोत्सव में करेंगे शिरकतरायपुर / आगामी 1 से 3 जून तक छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के रामलीला मैदान में होन जा रहे राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में नेपाल, कंबोडिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड सहित 14 राज्यों की रामायण मंडलियों की विशेष प्रस्तुतियां देखने को मिलेगी। महोत्सव में अरण्यकाण्ड के प्रसंगों पर विशेष प्रस्तुतियां होंगी। इस मौके पर छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति और समृद्ध आतिथ्य का संगम दिखेगा। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के लिए रायगढ़ में जोर-शोर से तैयारियां चल रही है। रायगढ़ कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में विधायक श्री प्रकाश नायक, संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य, पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार भी उपस्थित थे।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर रायगढ़ में 1 से 3 जून तक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। देश-विदेश की मंडलियां इस भव्य आयोजन में भाग लेंगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कार्यक्रम के शुभारंभ और समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे। संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य ने बताया कि राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के मंच में नेपाल, कंबोडिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड सहित देश के 14 राज्यों के कलाकार विशेष रूप से अरण्यकांड के प्रसंगों पर प्रस्तुति देंगे।बैठक में बताया गया कि तीन दिवसीय इस राष्ट्रीय आयोजन में पहले दिन 1 जून को महोत्सव की शुरुआत होगी। जिसमें प्रतिभागी दलों का मार्च पास्ट होगा। दोपहर 3 बजे से रामायण मंडलियों की प्रस्तुति शुरू होगी। शाम में इंडियन आइडल फेम प्रसिद्ध सिंगर शन्मुख प्रिया और शरद शर्मा की परफॉर्मेंस होगी। दूसरे दिन 02 जून को दोपहर तीन बजे से रामायण मंडलियां प्रस्तुति देंगी। शाम को प्रसिद्ध गायक बाबा रघुवंशी और भजन गायक श्री लखबीर सिंह लक्खा का कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम का समापन 03 जून को दोपहर 03 बजे मंडलियों की अंतिम प्रस्तुतियां होंगी। शाम 6 बजे केलो महाआरती और दीपदान का कार्यक्रम होगा। जिसके पश्चात प्रख्यात कवि कुमार विश्वास रामकथा कहेंगे और प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर के भजनों की प्रस्तुति होगी। रामायण महोत्सव में सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाएगा। बैठक में विधायक श्री प्रकाश नायक ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल से रायगढ़ में यह विराट आयोजन होने जा रहा है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है।
- -सक्ती जिला प्रशासन ने ओडिशा प्रशासन से समन्वय कर दर्ज कराया एफआईआर, 4 गिरफ्ताररायपुर / ओडिशा से लौट रहे तीर्थयात्रियों से कटक जिले में मंगोली के पास बैरियर में अवैध वसूली तथा मारपीट की शिकायत मिलते ही सक्ती जिला प्रशासन ने ओडिशा प्रशासन से संपर्क किया। सक्ती के अधिकारियों ने ओडिशा के अधिकारियों से कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर दर्जकर आरोपियों पर कार्रवाई की जाए। इसके बाद कटक जिले के अतरगढ़ थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।उल्लेखनीय है कि मल्दा छत्तीसगढ़ की श्री कृष्णलीला मंडली के सदस्य रामेश्वरम यात्रा के लिए निकले थे। भुवनेश्वर के नंदन कानन घूमने के बाद संबलपुर के रास्ते यह घर के लिए निकले। कटक जिले में मंगोली के पास महानदी टोल में इनसे अवैध वसूली हुई और महिलाओं के साथ भी मारपीट की गई। इसकी सूचना मिलते ही सक्ती जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ओडिशा पुलिस के साथ संपर्क किया।
- दुर्ग / आयुष मंत्रालय के तात्वाधान में 9 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन 21 जून को होना है। योग के लाभ से लोगों को अवगत कराने व जन जागरूकता हेतु विभिन्न स्तरों पर अनेक गतिविधियों के माध्यम से इस दिवस को मनाया जाना है। त्रि-स्तरीय पंचायत व्यवस्था के अंतर्गत आयोजन के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला पंचायत सीईओ श्री अश्वनी देवांगन द्वारा जनपद पंचायत दुर्ग, धमधा व पाटन के सीईओ को पंचायत भवन व कार्यालय परिसर में बैनर का प्रदर्शन करने, योग प्रशिक्षण आयोजित करने, योग विशेषज्ञों द्वारा योग पर व्याख्यान करने, योग के महत्व के बारे में प्रचार-प्रसार करने के लिए कार्याशाला आयोजित करने, प्रधानमंत्री के योग संदेश का प्रचार प्रसार करने, योगकिट उपलब्ध कराकर योग सत्र संचालित करने (ग्राम पंचायत की स्वयं की व्यय क्षमता के आधार पर) व योग के अभ्यास व लाभ की जानकारी का प्रचार- प्रसार करने हेतु निर्देशित किया गया है।
- -समूह द्वारा 01 लाख 08 हजार 275 बोरियां निर्माण कर अर्जित किया गया 04 लाख रुपयेबालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम पंचायत गब्दी में स्वसहायता समूह की महिलाओं ने वर्मी खाद हेतु बोरी निर्माण कर बनाया अपना आय का साधन। श्री गणेशाय स्वसहायता समूह जो वर्ष 2018 से समूह में जुड़कर 50-50 रू. बचत राशि इकट्ठा कर आपसी लेनदेन का कार्य कर रही थीं। वर्ष 2020 में गोधन न्याय योजना की शुरूआत हुई और गौठानो में वर्मी खाद का उत्पादन जोरो-शोरो से प्रारंभ हुआ तथा गौठानों में बोरियों की जरूरत पड़ने लगी तथा बोरियों को अधिक मूल्य में क्रय करना पड़ता था। तब महिला समूह ने सोचा कि क्यों न वर्मी खाद के लिए बोरी निर्माण किया जाये। बोरी निर्माण के लिए मशीन की आवश्यकता थी जो जिला प्रशासन के सहयोग से मिला तथा कच्चे माल एवं अन्य अतिरिक्त खर्च के लिए बिहान के माध्यम से पैसों की व्यवस्था हुई जिससे समूह द्वारा बोरी निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। समूह की सदस्य श्रीमती संतोषी सिन्हा ने बताया कि अब तक कुल 01 लाख 08 हजार 275 बोरियों का निर्माण कर 14 लाख रू. का विक्रय कर 04 लाख रुपये आय प्राप्त हुआ है, समूह में 07 सदस्य कार्यरत् है। उन्होंने बताया कि उनकी बोरियां बालोद जिले सहित अन्य जिलों में भी आपूर्ति की जा रही है। जिससे समूह के सदस्यों को प्रतिमाह 20 से 25 कार्य दिवस के आधार पर 05 से 06 हजार रुपये मासिक आय प्राप्त हो रहा है। पहले खुले बाजारों में यह बोरी 18 से 20 रुपये में मिलती थी परन्तु हम इसे 12.50 रुपये में विक्रय करते है। समूह की महिलाओं ने बताया कि यह गतिविधि प्रारंभ करने से पहले उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, कर्ज लेकर आवश्यकताओं की पूर्ति करने पड़ती थी परन्तु अब हमें पूर्णकालिक रोजगार की प्राप्त हो गई है। जिससे हमारी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है और हमें कार्य करने के लिए गांव से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती और हमारे समूह की आय में वृद्धि हो रही है जिससे वे अपने परिवार की जिम्मेदारियों में सहभागी बन पा रहे हंै।