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हर बारिश में पानी निकासी की होती थी समस्या, इस बारिश में नहीं होगी समस्या
भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत गदा चौक के पास पुल का निर्माण किया जा रहा है, ताकि बारिश के दिनों में जलभराव की स्थिति आसपास की बस्तियों तथा मोहल्ले में निर्मित न हो और बारिश के पानी का फ्लो बना रहे। गदा चौक के पास का पुल छोटा होने तथा पूरी तरीके से जाम होने के कारण वैशाली नगर, खुर्सीपार केनाल, राजीव नगर की तरफ से आने वाले पानी को निकलने में प्रत्येक बारिश में समस्या होती है। जिसके चलते समीपस्थ बस्तियों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। लेकिन अब नगर पालिक निगम भिलाई के द्वारा पुल को व्यवस्थित तरीके से निर्माण किया जा रहा है ताकि इस बारिश में जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो और पानी निकासी आसानी से हो सके। पुल निर्माण का काम तेज गति से किया जा रहा है और निगम के अधिकारी इसकी लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं। महापौर नीरज पाल एवं निगम आयुक्त ने जलभराव की समस्या से निजात दिलाने बड़े नालों की सफाई और नालियों की सफाई सघन रूप से करने के निर्देश सभी जोन आयुक्तों के दिए हैं। इसी तारतम्य में नालों की सफाई का काम लगभग पूर्ण हो चुका है तथा नालियों की सफाई भी निरंतर की जा रही है। मानसून को देखते हुए भिलाई निगम अलर्ट हो गया है। निगम क्षेत्र में जहां-जहां पर जलभराव की समस्या निर्मित होती थी उन क्षेत्रों में नालों की सफाई की जा चुकी है। -
निगम दफ्तर आने की आवश्यकता नहीं
भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र प्राप्त करने अनावश्यक भटकने से मिला छुटकारा
भिलाई नगर/ भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए निगम दफ्तर आने की आवश्यकता नहीं है घर बैठे ही ऑनलाइन भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है और वह भी महज कुछ ही समय में 1 रुपए शुल्क के साथ। ऐसे हितग्राही जो भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाह रहे हैं वह सीधे निगम के पंजीकृत वास्तुविद के माध्यम से समस्त आवश्यक दस्तावेज के साथ www.bpms.sudacg.in में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। दस्तावेज की प्रविष्टि भी ऑनलाइन करनी होगी। भवन मानचित्र का परीक्षण मानव हस्तक्षेप रहित सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा। प्राप्त आवेदनों पर विभाग के द्वारा आवश्यक दस्तावेजों का परीक्षण कर समस्त दस्तावेज सही पाए जाने पर 14 दिवस के भीतर आवासीय भवन निर्माण अनुज्ञा हेतु नियम अनुसार राशि की गणना कर ऑनलाइन डिमांड नोट आवेदक को जारी किया जाएगा जिसे वह दिए गए वेबसाइट पर सिटीजन पे के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान कर तुरंत रसीद प्राप्त कर सकते हैं। अब तक प्राप्त आवेदनों का निराकरण कर आवेदकों को डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली के माध्यम से भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। भवन अनुज्ञा की जरूरतों को देखते हुए तथा लोगो को अनावश्यक इसके लिए न भटकना पड़े इसलिए माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने जनवरी 2022 में इस योजना की शुरुवात की थी, अब इस योजना का लाभ हितग्राही ले पा रहे है। प्रत्यक्ष भवन अनुज्ञा प्रणाली के प्रारंभ होने से निगम दफ्तरों के अनावश्यक चक्कर काटने एवं भटकने से छुटकारा मिल रहा है। वहीं जहां भवन अनुज्ञा के लिए आवेदन करने के बाद पहले उप अभियंता, सहायक अभियंता कार्यपालन अभियंता, जोन आयुक्त एवं भवन अनुज्ञा अधिकारी से होकर प्रकिया गुजरती थी, वह प्रक्रिया अब समाप्त हो गई है और सीधे भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र ऑनलाइन के माध्यम से मिल रहा है। इस प्रणाली की खास बात यह है की इस योजना से पारदर्शिता भी बनी रहेगी वहीं गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार के लिए यह और अधिक लाभदायक साबित होगा, नौकरी पेशा लोगो को भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अवकाश लेकर दफ्तरों में आने की जरूरत नहीं होगी। महापौर नीरज पाल एवं निगम आयुक्त ने इस योजना से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। -
बिलासपुर/भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पद्म पुरस्कार श्रृंखला के तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्म श्री पुरस्कार के लिए वर्ष 2024 हेतु 12 जुलाई तक नामांकन प्रस्ताव आमंत्रित की गई है। ऑनलाईन नामांकन डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पद्म अवार्ड डॉट जीओवी डॉट इन (www.padmaawards.gov.in) के माध्यम किया जा सकता है। यह पुरस्कार कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि क्षेत्रों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों एवं सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। कोई भी व्यक्ति, किसी जाति, व्यवसाय, लिंग के भेदभाव के बिना इन पुरस्कारों के लिए महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गाें जैसे अनुसूचित जातियां, जनजातियां, दिव्यांग व्यक्तियों आदि में से प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान कर पुरस्कार के लिए विचार किये जा सकते हैं।
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बिलासपुर/जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के ऐसे युवकों को जिन्हें राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है, उन्हें फोर व्हीलर, हल्का वाहन एवं भारी वाहन चलाने का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इच्छुक युवक 26 जून 2023 तक अपना आवेदन पुराना कम्पोजिट बिल्डिंग स्थित अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कार्यालय कक्ष क्र. 17 एवं अंत्यावसायी प्रशिक्षण केंद्र रतनपुर में कार्यालयीन समय में जमा कर सकते है।
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बिलासपुर/जिला कार्यालय में विगत 1 जून को निकाली गई भरती विज्ञापन नियम में आंशिक संशोधन किया गया है। अतिरिक्त कलेक्टर श्री आरए कुरूवंशी ने बताया कि विज्ञापित पद शीघ्रलेखक वर्ग-3 वेतनमान-28700-91300 वेतन मेट्रिक्स लेबल-8 के स्थान पर वेतन मेट्रिक्स लेबल-7 प्रतिस्थापित किया जाता है। इसी प्रकार विज्ञापित समस्त पदों के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के प्राप्तांक के मेरिट के आधार पर उस क्रम के अनुपात रिक्त पदों के प्रवर्गवार 1 अनुपात 15 के मान से के स्थान पर 1 अनुपात 25 के मान से प्रतिस्थापित किया जाता है। समस्त आवेदक उक्त संशोधन को ध्यान में रखें।
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एसटी, एससी वर्ग के विद्यार्थी 21 जून तक कर सकते हैं आवेदन
बिलासपुर/राज्य के प्रतिभावान अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के ऐसे विद्यार्थी जो ड्राप लेकर इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे विद्यार्थियों को विभाग द्वारा प्रतिष्ठित संस्थान से कोचिंग करने का लाभ दिया जाएगा। विद्यार्थियों का चयन प्राक्चयन परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा। जिसके लिए आवेदन 21 जून शाम 4 बजे तक आमंत्रित किये गये है। आवेदन के संबंध में विस्तृत जानकारी एवं आवेदन पत्र का प्रारूप विभाग की वेबसाईट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ट्रायबल डॉट सीजी डॉट जीओवी डॉट इन (www.tribal.cg.gov.in) एवं डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट बिलासपुर डॉट जीओवी डॉट इन (bilaspur.gov.in) से प्राप्त एवं डाउनलोड कर सकते है।
आवेदक को छ.ग. राज्य का मूल निवासी, अनुसूचित जाति, जनजाति का स्थायी जाति प्रमाण होना आवश्यक है। आवेदक द्वारा 12 वीं मे कम से कम 70 प्रतिशंत अंक या समतुल्य ग्रेड गणित एवं जीव विज्ञान विषय में प्राप्त किया होना चाहिए। आवेदक के पालक की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 2.50 लाख रूपए से अधिक न हो। आवेदन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय में जमा किये जा सकते है। -
बिलासपुर/एकीकृत बाल विकास परियोजना तखतपुर द्वारा ग्राम पंचायत टिकरी के आंगनबाड़ी केंद्र धवैंहा में आंगनबाड़ी सहायिका के एक पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 से 29 जून 2023 तक है। इच्छुक अभ्यर्थी 29 जून तक कार्यालयीन समय में एकीकृत बाल विकास परियोजना तखतपुर में स्वयं उपस्थित होकर या पंजीकृत डाक द्वारा आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।
आंगनबाड़ी सहायिका पद हेतु 8वीं उत्तीर्ण, आयु 18 से 44 वर्ष, संबंधित ग्राम या वार्ड की निवासी होना अनिवार्य है। गरीबी रेखा, अनुसूचित जाति, जनजाति, विधवा, परित्यकता, तलाकशुदा, अनुसूचित जाति, जनजाति विभाग द्वारा संचालित विद्यालय से अध्ययनरत, पूर्व कार्यकर्ता एवं सहायिका होने पर अतिरिक्त अंक प्रदान किया जाएगा। आवेदन करने के समय सीमा पश्चात बने दस्तावेज मान्य नहीं किये जायेंगे। -
मुख्यमंत्री की मंशानुरूप शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पूर्व ही जारी हुए जाति प्रमाण पत्र
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में स्कूली छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र मिलना शुरू हो गया है। नारायणपुर जिले के सुदूर ओरछा विकासखण्ड के अबूझमाड़ के पहली से 12वीं कक्षा तक के सभी छात्रों को जाति प्रमाण पत्र वितरित किए गए। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश पर शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहले ही जिला प्रशासन ने जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के कार्य को प्राथमिकता से पूरा किया है। आबकारी मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा और विधायक श्री चंदन कश्यप ने स्कूली बच्चों को आज जाति प्रमाण पत्र का वितरण किया। -
सद्गुरू कबीर स्मृति महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का दिया आमंत्रण
रायपुर/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज शाम राजधानी स्थित उनके निवास कार्यालय में सद्गुरू कबीर विश्व शांति मिशन, छत्तीसगढ़ संत संगठन के प्रतिनिधि मण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री को प्रतिनिधि मण्डल द्वारा 18 जून को रायपुर स्थित मेकाहारा के अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में आयोजित सद्गुरू कबीर स्मृति महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया। प्रतिनिधि मण्डल ने इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल को सद्गुरू श्री अभिलाष साहेब द्वारा लिखित योग दर्शन की पुस्तिका भी भेंट की।
सद्गुरू कबीर विश्व शांति मिशन (छत्तीसगढ़ संत संगठन) के तत्वाधान में सद्गुरू कबीर स्मृति महोत्सव के पावन अवसर पर दृष्टि-विजन एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया है, जिसमें सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के 100 से भी अधिक आश्रमों से संत गुरूजनों एवं साध्वियों का आगमन होगा। उल्लेखनीय है कि सद्गुरू कबीर साहेब की वाणी को जन-जन पहुंचाने के लिए साहेब के मानने वाले विभिन्न परंपरा दामाखेड़ा, खरसिया, पारख सिद्धांत, नादवंश, जागु साहेब, दयानाम साहेब एवं अन्य परंपरा सभी को जोड़कर सद्गुरू कबीर विश्व शांति मिशन का गठन किया गया है।
महोत्सव में उत्तर प्रदेश के पूज्य संत श्री निष्ठा साहेब, खरसिया के पूज्य संत श्री सुधाकर शास्त्री, कबीरमठ नादिया के आचार्य श्री मंगल साहेब, दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास, दामाखेड़ा परम्परा प्रतिनिधि संतजन, जागु साहेब परम्परा प्रतिनिधि संतजन, दयानाम साहेब परम्परा प्रतिनिधि संतजन, सद्गुरू कबीर विश्व शांति मिशन से संत गुरूजन एवं साध्वीजन शामिल होंगे। महोत्सव में पद्मश्री श्री मदन सिंह चौहान भजन प्रस्तुत करेंगे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ संत संगठन के प्रतिनिधि मण्डल में अध्यक्ष संत श्री रविकर साहेब, संत श्री घनश्याम साहेब, संत श्री बलवान साहेब, संत श्री हेमेन्द्र साहेब, संत श्री भुनेश्वर साहेब, संत श्री शोधकर साहेब, संत श्री क्षेमेन्द्र साहेब, संत श्री जितेन्द्र साहेब, संत श्री पूर्णेन्द साहेब आदि शामिल थे। -
दूरस्थ इलाकों तक एक कॉल पर पहुंच रहे हैं डॉक्टर
घर पर ही निःशुल्क उपचार मिलने से ग्रामीणों में खुशी
पायलेट प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए जिला प्रशासन की हो रही सराहना
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कोण्डागांव में की थी ‘डॉक्टर तुमचो दुआर‘ अभियान की शुरूआत
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों कोण्डागांव जिले के बेड़मा प्रवास के दौरान ‘डॉक्टर तुमचो दुआर‘ अभियान की शुरूआत की थी। अभियान अपने उद्देश्य के अनुरूप सफल हो रहा है और दुर्गम इलाकों तक स्वास्थ्य सुविधाएं एक फोन कॉल के माध्यम से पहुंच रही हैं। जनजातीय बहुल सुदूर गांवों में घर पर ही डॉक्टरों की सेवा मिलने से लोग बहुत खुश है और जिला प्रशासन के इस पहल की सराहना भी कर रहे है।
दुर्गम इलाकों में जरूरतमंद ग्रामीणों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन कोण्डागांव की इस पहल को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। पिछले हफ्ते ही शुरू किए गए इस अभियान के बेहतर क्रियान्वयन से दूरस्थ इलाकों के मरीजों को समय पर प्रशिक्षित चिकित्सकों की घर पहुंच सुविधा मिल रही है। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ जरूरतमंद मरीज के घर पहुंचकर निःशुल्क जांच, उपचार और दवाईयां दे रहे हैं। मरीज की बीमारी और उसकी स्वास्थ्यगत स्थिति को देखते हुए टीम बेहतर इलाज के लिए रिफर भी करती है। विशेष रूप से उम्रदराज और आने-जाने में असमर्थ मरीजों को इसका बड़ा फायदा मिला है।
डॉक्टर तुमचो दुआर परियोजना को जिले के दो ब्लॉक बड़ेराजपुर एवं फरसगांव के पहुंचविहीन क्षेत्रों को ध्यान में रखकर पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रारंभ किया गया है। डॉक्टर तुमचो द्वार के माध्यम से दोनों विकासखंडों के बड़ेडोंगर, आलोर, फुपगांव, कबोंगा, कुम्हारबड़गांव, लंजोड़ा, कोकोड़ा जुगानार, बीरापारा, पेण्ड्रावन, खलारी, खरगांव, बालेंगा, सलना इत्यादि गांवों के मरीजों को इसका लाभ भी मिलने लगा है।
डॉक्टर तुमचो दुआर के बेहतर क्रियान्वयन के लिए एक कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे क्रियाशील है। इसके माध्यम से पहुंचविहीन ग्रामों के मरीज सीधे संपर्क कर चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर सकते है। कॉल प्राप्त होते ही डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ मरीज के घर पहुंचकर उसका इलाज करती है। -
दुर्ग । स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में संविदा नियुक्ति (सहायक शिक्षक, व्याख्याता एवं शिक्षक) पद हेतु प्राप्त दावा आपत्ति उपरांत पात्र एवं अपात्र आवेदकों की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी गई है। उक्त सूची में पात्र अभ्यर्थी को मेरिट के आधार पर चयन कर साक्षात्कार हेतु 15 एवं 16 जून 2023 को आमंत्रित किया गया है। 15 जून 2023 को सहायक शिक्षक एवं शिक्षक- हिन्दी/संस्कृत, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कला तथा 16 जून 2023 को व्याख्याता हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, गणित, रसायन, भौतिक, जीव विज्ञान, वाणिज्य, सा. विज्ञान का साक्षात्कार लिया जायेगा। जिसकी सूचना पृथक से वेबसाईट पर प्रकाशित की गई हैं।
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दुर्ग/ कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने आज अधिकारीयों की समय-सीमा बैठक में जिले के बेरोजगारों के लिए रोजगार के प्रबंध पर अधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत् स्कूल मरम्मत, शासकीय स्वामी आत्मानंद स्कूल में भर्ती प्रक्रिया, जल-जीवन मिशन, कुपोषण मुक्ति अभियान, स्वास्थ्य मिशन के कार्यों और सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। कलेक्टर ने नगरीय निकायों में वृक्षारोपण कार्ययोजना पर भी अधिकारियों से चर्चा की। कलेक्टर श्री मीणा ने अधिकारियों कोे अवगत कराया कि शासन की मंशानुसार बेरोजगारों के लिए रोजगार हेतु विभागवार जानकारी एकत्र किया जाना है। उन्होंने निर्माण कार्य एजेंसी विभागों के अधिकारियों को संबंधित कॉन्टैक्टर/ निविदाकारों से उनकी आवश्यकताएं संग्रह करने बैठक आयोजित करने कहा। साथ ही कार्यों के अनुरूप कुशल, अर्धकुशल, टेक्निकल, ड्राईवर आदि पद पूर्ति हेतु सूची जिला रोजगार कार्यालय को उपलब्ध कराने निर्देशित किया। इसी प्रकार प्राईवेट मेडिकल संस्थान की आवश्यकताएं, नगरीय निकाय अंतर्गत शॉपिंग मॉल और सभी दुकानों में सर्वे कराकर आवश्यकता के मुताबिक रोजगार का प्रबंध किया जाये। उन्होंने जिला रोजगार अधिकारी को प्लेसमेंट एजेंसियों की नियुक्ति पर विशेष फोकस करते हुए प्रशिक्षण हेतु शासकीय व्हीटीपी के माध्यम से बेरोजगारों को प्रशिक्षण सुनिश्चित करने कहा। ताकि प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराया जा सके।
कलेक्टर ने स्कूल जतन योजना की समीक्षा करते हुए निर्माण कार्य एजेंसी विभाग आरईएस से प्रारंभ एवं अप्रारंभ कार्यों की जानकारी ली। साथ ही स्वीकृत कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने कहा। उन्होंने स्वामी आत्मानंद स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लेने के निर्देश दिए। जल जीवन मिशन अंतर्गत कार्यपूर्णता पर जोर देते हुए हर घर शुद्ध जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने कहा। कुपोषण मुक्ति अभियान के तहत् आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानों की प्रशिक्षण निर्धारित रोस्टर अनुसार संपन्न कराने तथा सुपोषित बच्चों के लिए निर्धारित रोस्टर उपलब्ध कराने डीपीएम को निर्देशित किया। कलेक्टर ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों को पेंशन राशि का भुगतान समय पर हो, सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने उपसंचालक पंचायत को इस संबंध में आवश्यक पहल करने निर्देशित किया। कलेक्टर ने वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को जिले में प्रस्तावित कार्ययोजना अनुरूप विशेषकर नगरीय निकायों को बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करने निर्देशित किया।
बैठक में सीइओ जिला पंचायत श्री अश्वनी देवांगन, दुर्ग नगर निगम आयुक्त श्री लोकेश चंद्राकर, रिसाली नगर निगम आयुक्त श्री आशीष देवांगन, संयुक्त कलेक्टर श्री गोकुल रावटे, श्री विपिन सोनी, श्री एच.एस. मिरी, एवं श्रीमती योगिता देवांगन, डिप्टी कलेक्टर श्री जागेश्वर कौशल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जयसवाल, उपसंचालक जिला रोजगार श्री राजकुमार कुर्रे एवं समस्त जिला अधिकारी उपस्थित थे।
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- कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश
दुर्ग/ कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर जमीन से जुड़े सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, राजस्व वसूली, नक्शा बटांकन, डायवर्सन की गहन समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभागीय प्रकरणों के निराकरण में लेटलतीफी करने वाले वाले अधिकारियों को फटकार लगाई और सभी अधिकारियों को अपने दायित्वों का निर्वहन सर्वोच्च प्राथमिकता से करने को कहा।
उन्होंने जनदर्शन में प्राप्त आवेदनों पर हुई कार्यवाही के बारे अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। साथ ही सभी अधिकारियों को आगामी विधानसभा निर्वाचन को ध्यान में रखते हुए गंभीरतापूर्वक कार्य करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से मतदाता सूची पुनरीक्षण हेतु बीएलओ घर घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन से संबंधित एवं मतदान केन्द्र में रेम्प, शौचालय एवं पानी की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर ने आयुष्मान कार्ड बनाने से छूटे हुए लोगों की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि छूटे हुए लोगों के आयुष्मान कार्ड अनिवार्य रूप से बन जाए, इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से बेहतर कार्ययोजना के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
सारथी ऐप का उपयोग करते हुए जनदर्शन, जनचौपाल और जन शिकायतों के प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने पंचायत विभाग से संबंधित कार्यो की समीक्षा करते हुए जिले के सभी गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं विक्रय की जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने क्रय किए गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट कंवर्जेंस का प्रतिशत बढ़ाने तथा वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय में बढ़ोतरी लाने के निर्देश दिए। बैठक में सभी अनुविभाग के एसडीएम तहसीलदार व जनपद सीईओ उपस्थित थे।
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दुर्ग/ स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, सहायक शिक्षक विज्ञान एवं ग्रंथपाल पद पर संविदा नियुक्ति हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरान्त पात्र एवं अपात्र की सूची प्रकाशित की गई है। आवेदक 15 जून 2023 तक कार्यालयीन समय सुबह 10 बजे से 05 बजे के मध्य दावा आपत्ति कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग में प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्धारित तिथि के पश्चात प्राप्त दावा आपत्ति पर विचार नही किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार यदि किसी आवेदक का नाम दावा आपत्ति सूची में नही है तथा उन्होंने आवेदन डाक के माध्यम से प्रेषित किया था, ऐसी स्थिति में आवेदक से आवेदन के साथ रजिस्ट्री अथवा स्पीड पोस्ट के रसीद की मूल प्रति प्रस्तुत किए जाने पर जांच उपरांत आवेदन स्वीकार किए जाने के संबंध में विचार किया जायेगा। दावा आपति हेतु आवेदन प्राप्त होने के उपरान्त 17 जून तक मेरिट सूची प्रकाशित की जाएगी। जिसका अवलोकन वेबसाईट durg.nic.in में किया जा सकता है। साक्षात्कार हेतु सूचना पृथक से वेबसाईट पर प्रकाशित की जाएगी। दावा आपति मूल आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों से अंकित जानकारी में त्रुटि के संबध की जा सकेगी। नए दस्तावेज स्वीकार नहीं किये जायेंगे।
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सरगुजा जिला बेरोजगारी भत्ता प्रकरणों के निराकरण में राज्य में अव्वल
पढ़ाई कर रहे युवाओं के लिए मददगार बनी बेरोजगारी भत्ता योजना
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना पढ़ाई कर रहे एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए मददगार साबित हो रही है। योजना का लाभ लेकर बेरोजगार युवा खुद को प्रशिक्षित कर रहे हैं और प्रशिक्षण उपरांत नौकरी हासिल कर आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बन रहे हैं। अंबिकापुर में रहने वाली सुभद्रा मिंज व स्टेला लकड़ा किराए में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। बेरोजगारी भत्ता मिलने से पुस्तक, कॉपी, पेन ,प्रतियोगी पुस्तकें व परीक्षा फॉर्म भरने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमें अब आर्थिक रूप से परिजनों पर आश्रित नहीं रहना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बेरोजगारी भत्ता का प्रयोग वो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कर रही हैं ।
इसी तरह उमेश चौधरी लखनपुर निवासी ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता मिलने से वह अपने हिसाब से पढ़ाई लिखाई की सामग्री खरीदने में प्रयोग कर रहा है जिससे उसे पढ़ाई में परेशानी नहीं हो रही है।
आज इनके जैसे ही 50 युवाओं को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हाथों प्रशिक्षण पूरा करने के बाद नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ है और अब ये अपनी स्वयं की आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए सक्षम हो चुके हैं। नियुक्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद प्रशिक्षित युवाओं ने कहा कि वो अपने स्किल में और सुधार लाएंगे ताकि आगे चलकर वो और भी बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकें।
गौरतलब है कि बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत सरगुजा जिले के 3 हजार 76 आवेदक बेरोजगारी भत्ता हेतु पात्र पाये
गये हैं जिन्हें 1 करोड़ 42 लाख 15 हजार का भुगतान किया गया है। सरगुजा जिला 92.4 फीसदी बेरोजगारी भत्ता आवेदनों के निराकरण के साथ पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।
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मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत 23 जिलों में होगी मलेरिया की जांच
अभियान के आठवें चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर 22 लाख लोगों की करेगी जांच
रायपुर। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के साथ ही 15 जून से राज्य में सघन कुष्ठ रोग अभियान और राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान भी शुरू होगा। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के आठवें चरण में 23 जिलों में मलेरिया की जांच की जाएगी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा करीब 22 लाख लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी। प्रदेश के सभी 33 जिलों के 146 विकासखंडों में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान व सघन कुष्ठ खोज अभियान भी संयुक्त रूप से चलाया जाएगा। इस दौरान कुष्ठ के संदेहास्पद रोगियों की पहचान कर जांच व उपचार किया जाएगा। अभियान के दौरान नेत्र रोगियों की पहचान कर समुचित इलाज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि मलेरिया नियंत्रण की दिशा में राज्य सरकार लगातार बेहतर लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। राज्य को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए 15 जून से 10 जुलाई तक मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का आठवां चरण शुरू किया जा रहा है जिससे मलेरिया के मामलों को निम्नतम स्तर तक ले जाकर पूर्ण मलेरिया मुक्त राज्य के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों सहित प्रदेश के कुल 23 जिलों में 25 दिनों तक यह अभियान संचालित किया जाएगा।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के आठवें चरण में प्रदेश के लगभग 22 लाख लोगों की मलेरिया जांच का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रदेश भर में 2854 टीमों का गठन किया गया है। मलेरिया से ज्यादा प्रभावित बस्तर संभाग में 1539 और अन्य 16 जिलों में 1315 टीमें बनाई गई हैं। अभियान के दौरान 274 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 904 उप स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत मलेरिया की जांच व उपचार के लिए दल सक्रिय रहेंगे। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम और मितानिनें घर-घर जाकर मलेरिया की जांच करेंगी।
सर्वे दलों द्वारा मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक कर उन्हें मच्छरदानी के नियमित उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस दौरान गांवों में घरों के आसपास जमा पानी और नालियों में बीटीआई व जले हुए तेल का छिड़काव भी किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी घरों में कुष्ठ और नेत्र रोगों के संभावित मरीजों की भी जानकारी लेंगी।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले सात चरणों में 1.41 करोड़ मलेरिया जांच, 1.49 लाख पीड़ितों का तत्काल इलाज
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले सात चरणों में कुल एक करोड़ 41 लाख मलेरिया जांच की गई हैं। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए एक लाख 49 हजार मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हजार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हजार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हजार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हजार, पांचवें चरण में 14 लाख 36 हजार, छटवें चरण में 43 लाख 61 हजार और सातवे चरण में नौ लाख 34 हजार लोगों की मलेरिया जांच की है। इस दौरान पहले चरण में पॉजिटिव पाए गए 64 हजार 646, दूसरे चरण में 30 हजार 076, तीसरे चरण में 16 हजार 148, चौथे चरण में 11 हजार 363, पांचवे चरण में 11 हजार 321, छटवें चरण में 7479 एवं सातवें चरण में 7974 मलेरिया पीड़ितों का तत्काल उपचार किया गया।
23 जिलों में इतनी आबादी की जांच का लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में दो लाख 87 हजार 567, दंतेवाड़ा में दो लाख 51 हजार 627, कांकेर में 84 हजार 469, कोंडागांव में दो लाख आठ हजार 514, नारायणपुर में एक लाख 52 हजार 552, बस्तर में तीन लाख 93 हजार 366 और सुकमा में दो लाख 75 हजार 483 लोगों की जांच का लक्ष्य रखा है। वहीं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 17 हजार 692, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 52 हजार 985, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 71 हजार 283, सक्ती में 11 हजार 635 और कबीरधाम जिले में 54 हजार 850 लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी।
अभियान के तहत बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 55 हजार 980, दुर्ग में 5535, बिलासपुर में दस हजार 716, कोरबा में 33 हजार 136, गरियाबंद में 48 हजार 563, कोरिया में 19 हजार 893, राजनांदगांव में 50 हजार 317, बालोद में 33 हजार 611, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 27 हजार 955, सूरजपुर में 12 हजार 742 तथा जशपुर में 79 हजार 110 लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया है। -
स्वामी आत्मानंद के शिक्षकों ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया
सरगुजा में अब आत्मानंद स्कूलों की संख्या हुई 16
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव पहल करते हुए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना शुरू की है। योजना के अंतर्गत सरगुजा जिले में 11 स्वामी आत्मानंद स्कूल संचालित थे। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान स्थानीय लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री ने 5 नए स्वामी आत्मानंद स्कूल घोलने की घोषणा की थी। घोषणा पूरी होने के बाद अब जिले में कुल 16 स्वामी आत्मानंद स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 39 शिक्षकों की भर्ती की गयी है। आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इन 39 नव नियुक्त शिक्षकों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
इस दौरान स्वामी आत्मानंद स्कूलों में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षकों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में हमें अध्यापन कार्य के लिए नियुक्ति मिली है जिसे हम पूरी तन्मयता से से पूरा करेंगे। -
‘‘स्कूल जतन योजना’’: स्कूल आकर्षक एवं सीखने के प्रभावी केन्द्र के रूप में होंगे विकसित
कक्षाओं में नवीन, रोचक एवं प्रभावी शिक्षण प्रक्रियाओं को लागू किया जाएगा
अधिक से अधिक गांव होंगें शून्य ड्राप आउट घोषित
रायपुर/ राज्य में इस साल शाला प्रवेशोत्सव 16 जून से 15 जुलाई तक मनाया जाएगा। प्रवेश उत्सव के आधार पर स्कूलों में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा। इस वर्ष अधिक से अधिक सरकारी स्कूलों को ‘सुघ्घर पढ़वैय्या योजना’ के निर्धारित मानदंडो में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप ‘‘स्कूल जतन योजना’’ शालाओं को आकर्षक एवं सीखने के प्रभावी केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। शिक्षकों के सतत् क्षमता विकास के माध्यम से कक्षाओं में नवीन, रोचक एवं प्रभावी शिक्षण प्रक्रियाओं को लागू किया जाएगा। अधिक से अधिक गांवों को शून्य ड्राप आउट गांव के रूप में घोषित किया जा सकेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री आलोक शुक्ला ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश सभी कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जारी किए हैैं।
प्रवेशोत्सव के दौरान ट्रेकिंग के लिए सूचकांक निर्धारित किए गए हैं। यह ट्रेकिंग बसाहट, ग्राम, वार्ड, शाला संकुल, विकासखण्ड, जिला एवं राज्य स्तर पर प्रतिदिन करने के प्रावधान प्रस्तावित किए गए हैं। शाला से बाहर रहने वाले बच्चों और अनियमित उपस्थिति वाले बच्चों की पहचान कर उनकी सूची बनाना एवं संख्या से अवगत करवाना। ऐसे बच्चों की सूची एवं संख्या से अवगत करवाना जिन्हें प्रवेशोत्सव के दौरान मुख्यधारा में शामिल करने में सफलता मिल गई हो। ऐसे गांव, वार्ड जहां शून्य ड्राप आउट हों एवं सभी बच्चे शाला में नियमित रूप से उपस्थित हो रहे हों। ऐसे स्कूलों की संख्या जिन्होंने ‘सुघ्घर पढ़वैय्या योजना’ में अपना पंजीयन करवाया हो। इसके साथ ही ऐसे स्कूलों की संख्या जिन्होंने सुघ्घर पढ़वैय्या योजना में अपना थर्ड पार्टी आंकलन करवाया हो। ऐसे स्कूलों की संख्या जिन्होंने ‘सुघ्घर पढ़वैय्या योजना’ में प्लेटिनम, गोल्ड, सिल्वर प्राप्त किया हो और ऐसे स्कूलों की संख्या जिन्होंने अपने बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता के लक्ष्यों को प्राप्त करने की चुनौती देकर समुदाय के सहयोग से अपना स्व-आकलन कर लिया हो। ट्रेकिंग के लिए इन सभी सूचकांकों को शामिल किया गया है।
इस वर्ष शिक्षा सत्र में कक्षाओं में कुछ नयापन और बदलाव लाने के सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें शालाओं में संकुलों के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। प्रत्येक शाला में उसके फीडर शाला एवं पिछली कक्षा के सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश लेने की स्थिति एवं बच्चों से शाला जाने योग्य सभी बच्चे एवं शाला त्यागी, अप्रवेशी बच्चों की पहचान की जाए। सभी शाला अप्रवेशी बच्चों को इस सत्र में प्रत्येक बच्चे की ट्रेकिंग करते हुए उनका नियमित प्रवेश एवं सीखना सुनिश्चित करवाया जाए। कक्षा 1 से 3 तक उपलब्ध करवाए गए होलिस्टिक रिपोर्ट के आधार पर उन कक्षाओं के लिए निर्धारित सभी लर्निंग आउटकम को अगली कक्षा में प्रवेश लेने के पूर्व अच्छे से हासिल किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि शिक्षकों को कक्षा अनुरूप दक्षताओं पर पूरे सत्र में कार्य करने का अवसर मिल सके। शाला परिसर में प्रिंट रिच वातावरण एवं शाला की बाहरी दीवार पर सभी कार्यरत शिक्षकों के फोटोग्राफ एवं उनका विवरण प्रत्येक प्राथमिक शाला के कक्षा 1 के बच्चों के साथ 90 दिनों का शाला हेतु तैयारी कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना है। प्रत्येक बच्चे को अभ्यास पुस्तिकाएं देते हुए उन पर नियमित अभ्यास कर उनके कार्यों में सुधार हेतु नियमित फीडबैक देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का सुझाव दिया गया है।
इसी प्रकार विद्यार्थियों को एक दूसरे से सीखने के लिए प्रत्येक विद्यार्थी को छोटे-छोटे समूहों में एक दूसरे के साथ मिलकर सीखने-सिखाने के नियमित अनुभव को साझा करेंगें। बच्चों को प्रदत्त पाठ्यपुस्तकों में कव्हर डलवाएं ताकि उन्हें सुरक्षित रखा जा सके। प्रारंभ से ही बच्चों के पठन कौशल विकास पर फोकस करते हुए उनकी समझ के साथ पढ़ने की गति में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रत्येक बच्चे को कक्षा तीन तक पढ़ने के कौशल के विकास एवं उसके बाद समझ एवं गति के साथ पढने में निरंतर सुधार लाने की दिशा में प्रत्येक बच्चे पर ध्यान देते हुए आगे बढ़ने कहा गया है। शिक्षक कक्षा शिक्षण में नवीन प्रविधियों का अधिकाधिक उपयोग करते हुए बच्चों के बेहतर सीखने की दिशा में काम करना जारी रखें। खिलौनों से सीखना, स्थानीय भाषा में सीखने में सहयोग करना, खेल-खेल में सीखना, अनुभवों से सीखना, बड़े एवं छोटे समूह बनाकर एक दूसरे से सीखना, समुदाय से सीखने में सहयोग लेने जैसे रणनीतियों का पूरी कड़ाई से अपनी अपनी कक्षाओं में पालन करवाएं। आंकलन को प्रभावी बनाने हेतु सीखने का आंकलन के बदले में सीखने के लिए आंकलन को उपयोग में लाएं। -
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उप स्वास्थ्य केन्द्र मझगांव, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दुल्ला, पीपरोल, पीथमपुर, शिवप्रसादनगर, ससहा, दकई को जारी किया एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन
रायपुर।उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के आठ और स्वास्थ्य केन्द्रों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने विगत अप्रैल से मई माह के बीच इन आठ अस्पतालों का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिलासपुर जिले के मझगांव उप स्वास्थ्य केंद्र, गरियाबंद के दुल्ला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, बस्तर के कलचा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, बलरामपुर जिले के पीपरोल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के पीथमपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सरगुजा के शिवप्रसाद नगर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, बलौदाबाजार के ससहा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तथा सरगुजा के दकई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से नवाजा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में मझगांव उप स्वास्थ्य केंद्र को 81 प्रतिशत, दुल्ला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 82 प्रतिशत, कलचा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 89 प्रतिशत, पीपरोल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 73 प्रतिशत, पीथमपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 89 प्रतिशत, शिवप्रसाद नगर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 93 प्रतिशत, ससहा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 96 प्रतिशत एवं दकई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 88 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के स्टॉफ को बधाई दी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे। दूरस्थ अंचलों में स्थित शासकीय अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सभी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं। -
ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित हुई प्रतियोगिता में 18 राज्यों के खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा
रायपुर/ ओडिशा के भुवनेश्वर में 9 से 12 जून तक आयोजित प्रथम जनजातीय राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने 1 स्वर्ण, 6 रजत, 8 कांस्य मिलाकर कुल 15 पदक अपने नाम किया है। स्पर्धा में 18 राज्यों के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा और खेल कौशल का प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 50 मीटर तैराकी में रजत और 100 मीटर में कांस्य पदक जीता।
छत्तीसगढ़ की फुटबॉल बालिका टीम ने गोल्ड मैडल जीतकर अपना लोहा मनवाया। इस बड़ी जीत की हीरो रायपुर के बालिका फुटबॉल अकादमी में अभ्यासरत खिलाड़ी किरण पिस्दा रहीं। खो-खो बालिका टीम और कबड्डी बालिका टीम को कांस्य पदक मिला। एथलेटिक्स के ऊंची कूद इवेंट में तानिया ने कांस्य पदक, 5000 मीटर दौड़ पुरुष में मनीष मांडवी ने रजत पदक, 100 मीटर दौड़ में बिलासपुर के बहतराई आवासीय खेल अकादमी की तर्नीका टेटा ने रजत पदक और लंबी कूद में कांस्य पदक प्राप्त किया। 5000 मीटर दौड़ बालिका में प्रमिला मांडवी ने रजत पदक हासिल किया।
तीरंदाजी में बिलासपुर के बहतराई आवासीय खेल अकादमी के कुबेर सिंह जगत ने व्यक्तिगत 30 मीटर में रजत पदक तथा व्यक्तिगत ओवर ऑल में रजत पदक अपने नाम किया। मिक्स इवेंट में कुबेर सिंह और बुंदेश्वरी मरावी ने कांस्य पदक जीता। वहीं, तीरंदाज़ी में टीम चौंपियनशिप बलिका ने कांस्य पदक और बालक तीरंदाजी टीम ने रजत पदक हासिल किया।
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं खेल तथा युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन पर उन्हें बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। -
स्कूलों में मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री के संदेश का होगा वाचन
‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ पुस्तक में लिखी कहानियों एवं चित्रों पर बच्चे करेंगे चर्चा
शाला प्रवेश उत्सव के शुरूआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विशेष कार्यक्रम
आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी
रायपुर/राज्य में इस साल शाला प्रवेश उत्सव 16 जून से 15 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान बच्चों के प्रवेश के साथ ही विभिन्न गतिविधियों का आयोजन होगा। एक माह तक चलने वाले शाला प्रवेश उत्सव के शुरूआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रथम दिवस सभी स्कूलों में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के संदेश का वाचन होगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत, बच्चों को मिलने वाले विभिन्न सुविधाओं का वितरण किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा स्कूल के विकास हेतु शपथ एवं विचार व्यक्त किए जाएंगे। बच्चों द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। शाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान और पालकों का स्कूल के बारे में अभिमत और मुख्य अतिथि का उद्बोधन होगा। शाला प्रवेश उत्सव आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शाला प्रवेश उत्सव को जन-जन का अभियान बनाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेते हुए इसे सभी स्तर पर सफल बनाएं ताकि शत्-प्रतिशत बच्चों को शाला में प्रवेश एवं ठहराव सुनिश्चित करते हुए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर समग्र शिक्षा की लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। सत्र प्रारंभ होने से पहले शाला प्रबन्धन समिति की विशेष बैठक का आयोजन करने कहा गया है। शाला प्रवेश उत्सव आयोजन के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवेश उत्सव के दौरान प्रथम दिवस राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सभी शालाओं में आयोजन किया जाए। शाला प्रवेश उत्सव के द्वितीय दिवस- शाला में बड़े कक्षाओं के विद्यार्थी, शिक्षा में रूचि लेने वाले युवाओं, माताओं एवं सेवानिवृत्त व्यक्तियों की बैठक लेकर अपने क्षेत्र को शून्य ड्राप आउट गाँव घोषित करने आवश्यक कार्यवाहियों, प्रतिदिन प्रभात फेरी निकाले जाने की प्रक्रिया एवं रूट चार्ट, घर-घर संपर्क की प्रक्रिया का विवरण एवं अभ्यास, नुक्कड़ नाटक का अभ्यास, शाला से बाह्य बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने के प्रयास आदि पर चर्चा एवं बच्चों को तैयार किया जाएगा।
तृतीय दिवस-बड़ी कक्षाओं के बच्चों को घर-घर संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत कैसे प्रत्येक घर मैं जाकर पालकों से संपर्क कर उन्हें अपने बच्चों को नियमित शाला भेजने प्रेरित किया जाएगा। घरों में यदि अप्रवेशी, प्रवेश योग्य बच्चे एवं अनियमित उपस्थिति वाले बच्चे हैं तो उन्हें शाला में प्रवेश दिलवाते हुए नियमित शाला आने के लिए आवश्यक वातावरण तैयार करेंगे। बड़ी कक्षा के बच्चे यह कार्य प्रतिदिन तब तक करेंगे जब तक कि शाला जाने योग्य आयु के सभी बच्चों को ये शाला नियमित आने के लिए सहमत न कर लेवें एवं प्रवेश प्रक्रिया पूरी न कर लें।
चतुर्थ दिवस-बच्चों में आकांक्षा स्तर विकसित कर उनके लिए आगे जीवन में विकास के क्षेत्रों की पहचान करने, विभिन्न रोजगार के अवसर से परिचित करवाने एवं आसपास का भ्रमण कर विभिन्न रोजगारों से परिचित करवाएंगे। विगत वर्षों में सभी शालाओं में ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ नामक पुस्तक बच्चों को एवं स्कूल में उपलब्ध करवाई गयी है। इस पुस्तक को सभी बच्चों को पढ़वाएं एवं इस पुस्तक में लिखी गयी कहानियों एवं चित्रों पर आगामी दो तीन दिनों तक बच्चों को दिखाते हुए चित्रों एवं कहानियों पर चर्चा आयोजित करें।
पंचम दिवस-बच्चों को साधारण गणित के सवाल देकर बनाने का अभ्यास करवाया जाएगा। शाला में उपलब्ध गणित किट गणित की सहायक सामग्री एवं गणित के रोचक खेल आदि का संकलन कर बच्चों से दिन भर अकेले एवं समूह में रहकर विभिन्न सवालों को हल करवाएं। बच्चों से कुछ मौखिक गणित के सवाल भी हल करवाते हुए उन्हें गणित में रूचि विकसित करने का प्रयास किया जाए।
छठवां दिवस-प्रत्येक शाला में खेलगढ़िया के अंतर्गत खेल सामग्री उपलब्ध करवाई गयी है। प्रवेशोत्सव के छठवें दिवस सभी शालाओं में बच्चों को आमंत्रित कर उन्हें विभिन्न खेलकूद में शामिल करते हुए उनका उत्साहवर्धन करें। छोटी कक्षा में बच्चों को सीखने में सहयोग करने हेतु खिलौने बनाने की प्रतियोगिता भी आयोजित कर स्कूल के लिए समुदाय की मदद से खिलौने एकत्र करने एवं स्थानीय संसाधनों से विभिन्न खिलौने बनाए जाने का कार्य भी करवाएं। पुस्तकालय संचालन के सम्बन्ध में रंगोत्सव सामग्री का अध्ययन कर लिया जाए।
सातवां दिवस-सभी शालाओं में संचालित मुस्कान पुस्तकालय से बच्चों को अपनी इच्छा से पुस्तकें लेकर उन्हें पढ़ने, समझने एवं जोड़ी में पढ़ी गयी पुस्तकों पर आपस में चर्चा करने के अवसर दिया जाए। बच्चों में पढ़ने में रूचि विकसित करने के साथ-साथ पढ़ने के स्पीड का भी आकलन करने की व्यवस्था की जाए। बच्चों को पूरे सत्र में समझ के साथ-साथ अधिक से अधिक स्पीड में पुस्तकों को पढ़ने का अभ्यास करने हेतु प्रेरित किया जाए।
आठवां दिवस-कुछ दिन पहले से ही आसपास के समुदाय के बड़े-बुजुर्गों को किसी एक स्थल में आमंत्रित कर बच्चों के छोटे-छोटे समूह में कहानी सुनाने का अवसर दिया जाए। बड़े कक्षाओं के बच्चों को इन कहानियों को सुनकर कागज में लिखने की जिम्मेदारी दी जाए। स्थानीय युवाओं को ऐसी बेहतर कहानियों को मोबाइल से रिकार्ड कर उनका पोडकास्ट बनाने हेतु प्रेरित करें। इन पोडकास्ट को जिले एवं राज्य स्तर पर भिजवाते हुए व्यापक स्तर पर उपयोग करने के अवसर प्रदान किया जाए।
नवम दिवस-इस दिन समुदाय में बोले जाने वाली प्रचलित स्थानीय भाषा में सामग्री तैयार करने हेतु आवश्यक प्रक्रियाएं अपनाएं। बड़े-बुजुगों द्वारा सुनाई गयी कहानियों एवं प्रचलित कहानियों पर स्थानीय भाषा में कहानी पुस्तकें तैयार कर प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालय में रखवाएं। प्रवेशोत्सव के दौरान प्रत्येक स्कूल में कम से कम दस कहानी की पुस्तकें जनसहयोग से तैयार करवाते हुए उपयोग में लाई जाए। इन पुस्तकों को बाद में एक दूसरे के स्कूलों में बदलकर पढ़ने के अवसर दिए जा सकते हैं, शालाओं को प्रदाय की गई स्थानीय सामग्री का उपयोग एवं अध्ययन करें।
दसवां दिवस-इस दिन अवकाश के अवसर पर अधिक से अधिक समुदाय के सदस्यों को पहले से आमंत्रित करते हुए कम से कम आधे दिन का कार्यक्रम आयोजित किया जाए। समुदाय के साथ शाला विकास योजना, शाला एवं परिसर का सुरक्षा ऑडिट बच्चों का सामाजिक अंकेक्षण, अनियमित उपस्थिति एवं रोजगार के लिए लंबी अवधि तक बाहर रहने वाले बच्चों के पालकों से संपर्क कर उन्हें नियमित उपस्थिति के लिए प्रेरित किया जाए। पालकों एवं समुदाय को निपुण भारत शपथ लेकर सभी बच्चों को सीखने-सिखाने के लिए जागरूक करना एवं घर पर बच्चों की पढ़ाई पर नियमित रूप से विशेष ध्यान देने हेतु पालकों को तैयार किया जाना होगा। इस दौरान शाला सुरक्षा योजना एवं शाला संकुल योजना से संबंधित सामग्री का उपयोग एवं अध्ययन कर लिया जाए। -
बिलासपुर/कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने साप्ताहिक जनदर्शन में जिले के विभिन्न क्षेत्र से आए लोगों की समस्याओं को सुना। उन्होंने आम नागरिकों की समस्याओं और आवश्यकताओं को गंभीरता से सुनकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक जांच कर निराकरण के निर्देश दिए। जनदर्शन में आज राशन कार्ड, पेंशन, आवास, राशन, पानी की समस्या, रोजगार सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर कलेक्टर से मुलाकात कर लगभग 98 आवेदन दिए।
जनदर्शन में तखतपुर ब्लाक के ग्राम जुनसरी निवासी श्रीमती शांति बाई ने दिव्यांग पेंशन एवं वृद्धा पेंशन दिलाने की मांग की। कलेक्टर ने इस मामले पर सीईओ जनपद तखतपुर को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। तखतपुर जनपद के ग्राम राजपुर निवासी श्री दुकालुराम मरावी ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने और उनका मकान जर्जर होने की जानकारी देते हुए पक्का मकान के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। वहीं ग्राम बीजा निवासी श्री हेमंत कुमार साहू ने भी कच्चा मकान होने की जानकारी देते हुए पक्का आवास दिलाने की मांग की। उनके आवेदन पर आवश्यक कार्यवाही हेतु सीईओ जनपद तखतपुर को निर्देश दिया गया। कतियापारा निवासी श्रीमती ललिता पांडेय ने बताया कि पूर्व में उन्हें दिव्यांगता पेंशन मिल रहा था, लेकिन वर्तमान में नहीं मिल रहा है। उन्होंने पुनः पेंशन की राशि दिलाने की मांग की। इस पर कार्यवाही हेतु नगर निगम को निर्देशित किया गया। ग्राम सिंघरी निवासी श्रीमती सर्वमंगला देवी कौशिक ने बताया कि उनका पति बालक छात्रावास में पदस्थ था, लेकिन मार्च में उनके पति का निधन हो गया है। उनकेे स्थान पर कन्या छात्रावास में कार्य पर रखने की मांग की। कलेक्टर ने इसे टीएल में लेते हुए आदिम जाति कल्याण विभाग को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। छत्तीसगढ़ झेरिया यादव समाज के प्रतिनिधियों ने मस्तूरी तहसील के ग्राम कुकुर्दीकला यादव समाज के लिए सामुदायिक भवन निर्माण हेतु भूमि आबंटित करने की मांग की। कलेक्टर ने उनकी मांग पर कार्यवाही के लिए एसडीएम मस्तूरी को निर्देशित किया। ग्राम गनियारी के ग्रामीणों ने बरसात के पानी के निकासी हेतु नाला निर्माण करने की मांग की, जिस पर सिंचाई विभाग को कार्यवाही हेतु निर्देश दिया गया। ग्राम रानीगांव निवासी श्रीमती शशि सोनी ने आंगनबाड़ी केन्द्र 01 रानीगांव में कार्यकर्ता पद के लिए जारी चयन सूची में आपत्ति दर्ज करते हुए आवश्यक जांच की मांग की। इसके लिए सीईओ जनपद पंचायत को निर्देश दिया गया। ग्राम पंचायत भैंसाझार के सरपंच श्रीमती अलका राज द्वारा गौठान निर्माण के निए वन भूमि प्रदाय करने की मांग की। इस पर आवश्यक कार्यवाही हेतु एसडीएम कोटा को निर्देश दिया। -
*खाद-बीज उठाने में किसानों को दिक्कत नहीं होने चाहिए*
बिलासपुर/कलेक्टर सौरभ कुमार ने गैर ऋणि किसानों के शतप्रतिशत फसल बीमा सुनिश्चित कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि ऋणि किसानों का फसल बीमा तो बैंक द्वारा स्वतः कर लिया जाता है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। हमें बैंक से लोन न लेकर अपनी निजी संसाधनों से खेती किसानी करने वाले सभी किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा दिलाना है। ऐसे सभी किसान हमारे लक्ष्य में शामिल हैं। मानसून आधारित खेती होने के कारण फसलों की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने ऐसे सभी किसानों से बीमा करा लेने की अपील की है। उन्होंने इस संबंध में कृषि, राजस्व एवं बैंक अधिकारियों को किसानों का आवश्यक सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर आज टीएल की बैठक में राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा करते हुए इस आशय के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने मानसून के आगमन को ध्यान में रखते हुए खेती-किसानी की तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। किसानों को इन्हें उपलब्ध कराने में कोई दिक्कत नहीं होने चाहिए। उन्होंने गोठानों में निर्मित वर्मीकम्पोस्ट खाद की समितियों में निरंतर उपलब्धता बनाये रखने को कहा है। कलेक्टर ने वन विभाग द्वारा कराये गये काम की मजदूरी भुगतान में अत्यधिक विलंब किये जाने पर नाराजगी प्रकट की और एक सप्ताह में भुगतान करके पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा। राजस्व मामलों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने समय-सीमा के बाहर हो चुके मामलों के निराकरण पर ज्यादा जोर दिया। कलेक्टर ने कहा कि स्कूलों के मरम्मत काम में और ज्यादा तेजी लाया जाये। स्कूल अब खुलने वाले हैं। जरूरत पड़े तो मनरेगा के इंजीनियरों की सेवाएं भी इस कार्य में लिये जाएं। उन्होंने कहा कि स्कूलों की मरम्मत के लिए फण्ड की कोई कमी नहीं हैं। मांग पर और राशि आवंटित की जायेगी। कलेक्टर ने अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट के काम में भी तेजी लाकर जल्द पूर्ण करने को कहा है। कलेक्टर ने बेरोजगारी भत्ता योजना की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अजय अग्रवाल, निगम आयुक्त श्री कुणाल दुदावत, एडीएम आरए कुरूवंशी सहित जिला स्तरीय तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। - -129 पदों से अधिक पदों पर भर्ती पर मिलेगा अवसररायपुर / जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र द्वारा आज प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यह जिला रोजगार कार्यालय पुराना पुलिस मुख्यालाय में प्रातः 11 बजे से 2 बजे तक आयोजित होगा। इस प्लेसमेंट कैम्प का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है।जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र के उपसंचालक ने बताया कि इस कैम्प के माध्यम से Pinea Matering Lab & Robo Automation Pvt. Ltd.,PNG Products, CR Capital, Zenix Naukri & Consultancy इत्यादि संस्थानों द्वारा भर्ती की जाएगी। कैम्प में 12 वीं, स्नातक, आई.टी.आई., डिप्लोमा, इंजीनियरिंग शैक्षणिक योग्यता वाले अभ्यर्थियों की भर्ती होगी। विभिन्न संस्थाओं द्वारा भ़र्ती किए जाने वाले पदांे में इंजीनियर, क्लस्टर हेड, सेल्स मैनेजन, टेक्नििशयन, ड्राइवर, डिलीवरी बाय, एंकाउटेंट, रिशेप्सनीस्ट, आपरेशन हेड, डिजिटल मैनेजर, टेलीकालर, हिन्दी टायपिस्ट, विडियो एडिटर इत्यादि 129 पद शामिल है। इन पदों पर अनुभव न्यूनतम 01 वर्ष से 20 वर्ष तक होगी जिनका वेतन अधिकतम 45 हजार रूपए होगी।
- -‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ पुस्तक में लिखी कहानियों एवं चित्रों पर बच्चे करेंगे चर्चा-शाला प्रवेश उत्सव के शुरूआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विशेष कार्यक्रम-आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारीरायपुर /राज्य में इस साल शाला प्रवेश उत्सव 16 जून से 15 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान बच्चों के प्रवेश के साथ ही विभिन्न गतिविधियों का आयोजन होगा। एक माह तक चलने वाले शाला प्रवेश उत्सव के शुरूआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रथम दिवस सभी स्कूलों में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के संदेश का वाचन होगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत, बच्चों को मिलने वाले विभिन्न सुविधाओं का वितरण किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा स्कूल के विकास हेतु शपथ एवं विचार व्यक्त किए जाएंगे। बच्चों द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। शाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान और पालकों का स्कूल के बारे में अभिमत और मुख्य अतिथि का उद्बोधन होगा।शाला प्रवेश उत्सव आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शाला प्रवेश उत्सव को जन-जन का अभियान बनाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेते हुए इसे सभी स्तर पर सफल बनाएं ताकि शत्-प्रतिशत बच्चों को शाला में प्रवेश एवं ठहराव सुनिश्चित करते हुए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर समग्र शिक्षा की लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। सत्र प्रारंभ होने से पहले शाला प्रबन्धन समिति की विशेष बैठक का आयोजन करने कहा गया है। शाला प्रवेश उत्सव आयोजन के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवेश उत्सव के दौरान प्रथम दिवस राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सभी शालाओं में आयोजन किया जाए।शाला प्रवेश उत्सव के द्वितीय दिवस- शाला में बड़े कक्षाओं के विद्यार्थी, शिक्षा में रूचि लेने वाले युवाओं, माताओं एवं सेवानिवृत्त व्यक्तियों की बैठक लेकर अपने क्षेत्र को शून्य ड्राप आउट गाँव घोषित करने आवश्यक कार्यवाहियों, प्रतिदिन प्रभात फेरी निकाले जाने की प्रक्रिया एवं रूट चार्ट, घर-घर संपर्क की प्रक्रिया का विवरण एवं अभ्यास, नुक्कड़ नाटक का अभ्यास, शाला से बाह्य बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने के प्रयास आदि पर चर्चा एवं बच्चों को तैयार किया जाएगा।तृतीय दिवस-बड़ी कक्षाओं के बच्चों को घर-घर संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत कैसे प्रत्येक घर मैं जाकर पालकों से संपर्क कर उन्हें अपने बच्चों को नियमित शाला भेजने प्रेरित किया जाएगा। घरों में यदि अप्रवेशी, प्रवेश योग्य बच्चे एवं अनियमित उपस्थिति वाले बच्चे हैं तो उन्हें शाला में प्रवेश दिलवाते हुए नियमित शाला आने के लिए आवश्यक वातावरण तैयार करेंगे। बड़ी कक्षा के बच्चे यह कार्य प्रतिदिन तब तक करेंगे जब तक कि शाला जाने योग्य आयु के सभी बच्चों को ये शाला नियमित आने के लिए सहमत न कर लेवें एवं प्रवेश प्रक्रिया पूरी न कर लें।चतुर्थ दिवस-बच्चों में आकांक्षा स्तर विकसित कर उनके लिए आगे जीवन में विकास के क्षेत्रों की पहचान करने, विभिन्न रोजगार के अवसर से परिचित करवाने एवं आसपास का भ्रमण कर विभिन्न रोजगारों से परिचित करवाएंगे। विगत वर्षों में सभी शालाओं में ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ नामक पुस्तक बच्चों को एवं स्कूल में उपलब्ध करवाई गयी है। इस पुस्तक को सभी बच्चों को पढ़वाएं एवं इस पुस्तक में लिखी गयी कहानियों एवं चित्रों पर आगामी दो तीन दिनों तक बच्चों को दिखाते हुए चित्रों एवं कहानियों पर चर्चा आयोजित करें।पंचम दिवस-बच्चों को साधारण गणित के सवाल देकर बनाने का अभ्यास करवाया जाएगा। शाला में उपलब्ध गणित किट गणित की सहायक सामग्री एवं गणित के रोचक खेल आदि का संकलन कर बच्चों से दिन भर अकेले एवं समूह में रहकर विभिन्न सवालों को हल करवाएं। बच्चों से कुछ मौखिक गणित के सवाल भी हल करवाते हुए उन्हें गणित में रूचि विकसित करने का प्रयास किया जाए।छठवां दिवस-प्रत्येक शाला में खेलगढ़िया के अंतर्गत खेल सामग्री उपलब्ध करवाई गयी है। प्रवेशोत्सव के छठवें दिवस सभी शालाओं में बच्चों को आमंत्रित कर उन्हें विभिन्न खेलकूद में शामिल करते हुए उनका उत्साहवर्धन करें। छोटी कक्षा में बच्चों को सीखने में सहयोग करने हेतु खिलौने बनाने की प्रतियोगिता भी आयोजित कर स्कूल के लिए समुदाय की मदद से खिलौने एकत्र करने एवं स्थानीय संसाधनों से विभिन्न खिलौने बनाए जाने का कार्य भी करवाएं। पुस्तकालय संचालन के सम्बन्ध में रंगोत्सव सामग्री का अध्ययन कर लिया जाए।सातवां दिवस-सभी शालाओं में संचालित मुस्कान पुस्तकालय से बच्चों को अपनी इच्छा से पुस्तकें लेकर उन्हें पढ़ने, समझने एवं जोड़ी में पढ़ी गयी पुस्तकों पर आपस में चर्चा करने के अवसर दिया जाए। बच्चों में पढ़ने में रूचि विकसित करने के साथ-साथ पढ़ने के स्पीड का भी आकलन करने की व्यवस्था की जाए। बच्चों को पूरे सत्र में समझ के साथ-साथ अधिक से अधिक स्पीड में पुस्तकों को पढ़ने का अभ्यास करने हेतु प्रेरित किया जाए।आठवां दिवस-कुछ दिन पहले से ही आसपास के समुदाय के बड़े-बुजुर्गों को किसी एक स्थल में आमंत्रित कर बच्चों के छोटे-छोटे समूह में कहानी सुनाने का अवसर दिया जाए। बड़े कक्षाओं के बच्चों को इन कहानियों को सुनकर कागज में लिखने की जिम्मेदारी दी जाए। स्थानीय युवाओं को ऐसी बेहतर कहानियों को मोबाइल से रिकार्ड कर उनका पोडकास्ट बनाने हेतु प्रेरित करें। इन पोडकास्ट को जिले एवं राज्य स्तर पर भिजवाते हुए व्यापक स्तर पर उपयोग करने के अवसर प्रदान किया जाए।नवम दिवस-इस दिन समुदाय में बोले जाने वाली प्रचलित स्थानीय भाषा में सामग्री तैयार करने हेतु आवश्यक प्रक्रियाएं अपनाएं। बड़े-बुजुगों द्वारा सुनाई गयी कहानियों एवं प्रचलित कहानियों पर स्थानीय भाषा में कहानी पुस्तकें तैयार कर प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालय में रखवाएं। प्रवेशोत्सव के दौरान प्रत्येक स्कूल में कम से कम दस कहानी की पुस्तकें जनसहयोग से तैयार करवाते हुए उपयोग में लाई जाए। इन पुस्तकों को बाद में एक दूसरे के स्कूलों में बदलकर पढ़ने के अवसर दिए जा सकते हैं, शालाओं को प्रदाय की गई स्थानीय सामग्री का उपयोग एवं अध्ययन करें।दसवां दिवस-इस दिन अवकाश के अवसर पर अधिक से अधिक समुदाय के सदस्यों को पहले से आमंत्रित करते हुए कम से कम आधे दिन का कार्यक्रम आयोजित किया जाए। समुदाय के साथ शाला विकास योजना, शाला एवं परिसर का सुरक्षा ऑडिट बच्चों का सामाजिक अंकेक्षण, अनियमित उपस्थिति एवं रोजगार के लिए लंबी अवधि तक बाहर रहने वाले बच्चों के पालकों से संपर्क कर उन्हें नियमित उपस्थिति के लिए प्रेरित किया जाए। पालकों एवं समुदाय को निपुण भारत शपथ लेकर सभी बच्चों को सीखने-सिखाने के लिए जागरूक करना एवं घर पर बच्चों की पढ़ाई पर नियमित रूप से विशेष ध्यान देने हेतु पालकों को तैयार किया जाना होगा। इस दौरान शाला सुरक्षा योजना एवं शाला संकुल योजना से संबंधित सामग्री का उपयोग एवं अध्ययन कर लिया जाए।