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- नयी दिल्ली/ दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि विवाह के समय दी गई हर वस्तु को स्त्रीधन नहीं कहा जा सकता। अदालत ने साथ ही एक कार समेत अन्य वस्तुएं वापस मांगने वाली महिला की याचिका खारिज कर दी। न्यायिक मजिस्ट्रेट सोनिका घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। स्त्रीधन चल या अचल संपत्ति होती है, जो किसी महिला को उसके जीवनकाल में, विवाह से पहले, विवाह के समय या बच्चे के जन्म के समय प्राप्त होती है।बारह जुलाई को दिए आदेश में अदालत ने कहा, ‘‘वर्तमान याचिका के साथ संलग्न दस्तावेजों सहित रिकार्ड के अवलोकन के बाद, इस स्तर पर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि वर्तमान याचिका के साथ संलग्न दहेज सामग्री की सूची में उल्लिखित कार सहित सभी वस्तुएं याचिकाकर्ता को स्त्रीधन सामग्री के रूप में दी गई थीं।' अदालत ने कहा कि स्वामित्व साबित करने के लिए कोई प्रथम दृष्टया सबूत, जैसे बिल, तस्वीरें या गवाहों के हलफनामे, उपलब्ध नहीं हैं। आदेश में कहा गया, "इसके अलावा, विवाह के समय दी गई प्रत्येक वस्तु को याचिकाकर्ता का स्त्रीधन नहीं कहा जा सकता, क्योंकि कुछ वस्तुएं उपहार की श्रेणी में आती हैं।'' अदालत ने कहा कि जब मामले में मुकदमा अभी शुरू होना बाकी है, तो स्त्रीधन की वस्तुओं को वापस करने का आदेश एक असत्यापित सूची के आधार पर पारित नहीं किया जा सकता, खासकर स्वामित्व को लेकर लंबित विवाद के दौरान। महिला की याचिका खारिज करते हुए, अदालत ने कहा कि वह अपने दावों के समर्थन में उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने के अधीन, अंतिम निर्णय के समय राहत का अनुरोध कर सकती है।
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नयी दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि विवाह के समय दी गई हर वस्तु को स्त्रीधन नहीं कहा जा सकता। अदालत ने साथ ही एक कार समेत अन्य वस्तुएं वापस मांगने वाली महिला की याचिका खारिज कर दी। न्यायिक मजिस्ट्रेट सोनिका घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। स्त्रीधन चल या अचल संपत्ति होती है, जो किसी महिला को उसके जीवनकाल में, विवाह से पहले, विवाह के समय या बच्चे के जन्म के समय प्राप्त होती है। बारह जुलाई को दिए आदेश में अदालत ने कहा, ‘‘वर्तमान याचिका के साथ संलग्न दस्तावेजों सहित रिकार्ड के अवलोकन के बाद, इस स्तर पर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि वर्तमान याचिका के साथ संलग्न दहेज सामग्री की सूची में उल्लिखित कार सहित सभी वस्तुएं याचिकाकर्ता को स्त्रीधन सामग्री के रूप में दी गई थीं।' अदालत ने कहा कि स्वामित्व साबित करने के लिए कोई प्रथम दृष्टया सबूत, जैसे बिल, तस्वीरें या गवाहों के हलफनामे, उपलब्ध नहीं हैं। आदेश में कहा गया, "इसके अलावा, विवाह के समय दी गई प्रत्येक वस्तु को याचिकाकर्ता का स्त्रीधन नहीं कहा जा सकता, क्योंकि कुछ वस्तुएं उपहार की श्रेणी में आती हैं।'' अदालत ने कहा कि जब मामले में मुकदमा अभी शुरू होना बाकी है, तो स्त्रीधन की वस्तुओं को वापस करने का आदेश एक असत्यापित सूची के आधार पर पारित नहीं किया जा सकता, खासकर स्वामित्व को लेकर लंबित विवाद के दौरान। महिला की याचिका खारिज करते हुए, अदालत ने कहा कि वह अपने दावों के समर्थन में उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने के अधीन, अंतिम निर्णय के समय राहत का अनुरोध कर सकती है।
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नई दिल्ली। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता वेलिक्ककतु शंकरन अच्युतानंदन का तिरुवनंतपुरम में सोमवार को निधन हो गया। वह 101 वर्ष के थे और लंबी बीमारी के कारण महीने भर से से तिरुवनंतपुरम के एसयूटी अस्पताल में भर्ती थे।
वीएस के नाम से प्रसिद्ध अच्युतानंदन माकपा के संस्थापक सदस्य थे और 2006 से 2011 तक वह केरल के मुख्यमंत्री रहे। वह 1985 से 2009 तक तक माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे और उसके बाद पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य बने। केरल विधान सभा के इतिहास में वह सबसे अधिक 15 वर्ष तक नेता प्रतिपक्ष रहे। वह सात बार विधान सभा के लिए चुने गए। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को आलप्पुबा ले जाया जाएगा और बुधवार को उनका अंतिम संस्कार होगा। अच्युतानंद का जन्म 1923 में आलप्पुबा जिले के पुन्नपरा के एक खेतिहर मजदूर परिवार में हुआ था। पिछले आठ दशक से वह केरल में श्रमिकों के अधिकारों, भूमि सुधारों और सामाजिक न्याय के लिए काम करते रहे। एस्पिनवॉल कंपनी में काम करते समय उन्होंने कॉयर मजदूरों को संगठित कर पहली बार मजदूर संघ बनाया।वीएस 1940 मे कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए, जब वह केवल 17 साल के थे। उन्होंने त्रावणकोर कार्षका थोषिलाली संघ की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। अच्युतानंदन ने कुट्टनाड में जमींदारों के हाथों बुरी तरह शोषित हो रहे कृषि श्रमिकों के उत्थान में भी अहम किरदार अदा किया। त्रावणकोर के दीवान के खिलाफ चलाए गए पुन्नपरा-वयलर विद्रोह के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा भयानक यातनाएं दी गईं। माकपा ने एक बयान में कहा, ‘सार्वजनिक वक्ता के तौर पर वीएस को श्रोताओं को साथ सीधे जुड़ने में महारत हासिल थी। बेहद कम खर्च वाली जीवनशैली और सामाजिक न्याय के लिए अडिग प्रतिबद्धता वाले अच्युतानंदन केरल की राजनीति पर अमिट छाप छोड़ गए हैं। उनके निधन से पार्टी और कम्युनिस्ट आंदोलन को बहुत क्षति पहुंची है।’ - नयी दिल्ली। अपने मुखर व्यक्तित्व के लिए जाने जाने वाले जगदीप धनखड़ ने शक्तियों के पृथक्करण के मुद्दे पर न्यायपालिका पर तीखा प्रहार किया और उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लगभग हर दिन राज्यसभा में विपक्ष के साथ उनका टकराव होता था। धनखड़ (74) ने सोमवार को सभापति के रूप में राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण दिन बिताने के बाद स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इसी महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि "ईश्वर" ने चाहा तो वह "सही समय" पर सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस वर्ष मार्च में कुछ दिनों के लिए उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था और कुछ अवसरों पर उनकी हालत ठीक नहीं दिखी थी, लेकिन संसद सहित सार्वजनिक कार्यक्रमों में वह अक्सर ऊर्जावान ही दिखे। कार्यकाल समाप्त होने से लगभग दो वर्ष पहले धनखड़ ने ऐसे वक्त इस्तीफा दे दिया, जब दिन में राज्यसभा में सरकार के लिए घटनाक्रम आश्चर्यजनक रहा, क्योंकि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए विपक्ष द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव का नोटिस उन्हें सौंपा गया और उन्होंने सदन में इसका उल्लेख किया। यह घटनाक्रम सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक झटका है, जिसने लोकसभा में इसी तरह का नोटिस प्रायोजित किया था और विपक्ष को भी इसमें शामिल किया था।धनखड़ 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार थे। वह वीवी गिरि और आर वेंकटरमन के बाद, अपने कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। गिरि और वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था।धनखड़ इतिहास में एकमात्र ऐसे उपराष्ट्रपति के रूप में भी जाने जाएंगे, जिनके खिलाफ विपक्ष ने उच्च सदन के सभापति के रूप में "पक्षपातपूर्ण" आचरण अपनाने का आरोप लगाया और उन्हें हटाने के लिए नोटिस लाया। नोटिस को उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था। नोटिस को नज़रअंदाज़ करते हुए, धनखड़ ने इसे "जंग लगा हुआ" सब्जी काटने वाला चाकू बताया था, जिसका इस्तेमाल बाईपास सर्जरी के लिए किया गया। जनता दल और कांग्रेस से जुड़े रहे धनखड़ लगभग एक दशक के अंतराल के बाद 2008 में भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा देने सहित पिछड़ा वर्ग से संबंधित अन्य मुद्दों की वकालत की। वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में उनकी आश्चर्यजनक नियुक्ति ने उन्हें राजनीतिक सुर्खियों में वापस ला दिया, लेकिन वह राजनीति की हलचल से दूर नहीं रहे और राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ उनका अक्सर टकराव होता रहा। धनखड़ ने राज्यसभा में व्यवधान से लेकर बिना चर्चा के विधेयक पारित होने के आरोपों तक, कई मुद्दों पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने खास तौर पर उन शीर्ष वकीलों पर निशाना साधा, जो विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यसभा सदस्य भी हैं। पेशे से वकील, धनखड़ ने न्यायपालिका पर भी निशाना साधा, खासकर शक्तियों के पृथक्करण के मुद्दे पर।उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले की कड़ी आलोचना की, जिसमें उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली को पलटने की कोशिश की गई थी। भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की उपस्थिति में उन्होंने दोनों सदनों द्वारा लगभग सर्वसम्मति से पारित कानून को रद्द करने के लिए शीर्ष अदालत पर सवाल उठाया था। उन्होंने सांसदों की भी आलोचना करते हुए कहा था कि जब कानून को रद्द किया गया, तो सांसदों की तरफ से विरोध का एक स्वर तक नहीं उभरा। वर्ष 1990 में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित धनखड़ ने मुख्य रूप से उच्चतम न्यायालय में वकालत की थी और उनके मुकदमेबाजी के क्षेत्र में इस्पात, कोयला, खनन और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता शामिल थे। वकील के रूप में, वह अभिनेता सलमान खान से जुड़े काला हिरण मामले से जुड़े थे और उन्हें ज़मानत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का पद संभालने तक, उन्होंने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में विभिन्न मामलों में पैरवी की। अध्यात्म और ध्यान में भी गहरी रुचि रखने वाले धनखड़ ने जनता दल के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 1989 में बोफोर्स घोटाले के मुद्दे के तूल पकड़ने के बीच आयोजित लोकसभा चुनाव में राजस्थान के झुंझुनू से जीत दर्ज की। धनखड़ ने प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल में संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में काम किया।धनखड़ राजनीति में अपने शुरुआती सफर में देवीलाल से प्रभावित थे और बाद में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्यकाल खत्म होने के बाद, धनखड़ ने अपने कानूनी करियर पर ध्यान केंद्रित किया और उच्चतम न्यायालय में वकील के रूप में प्रैक्टिस की। उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार के रूप में उनका नाम घोषित करते हुए, भाजपा ने उन्हें "किसान पुत्र" बताया था। राजनीतिक हलकों में यह कदम राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जाट समुदाय तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से देखा गया था, जिसने जून 2020 में शुरू किए गए कृषि सुधार उपायों के खिलाफ साल भर चले किसानों के प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाग लिया था। उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद, धनखड़ ने राष्ट्रीय राजधानी, हरियाणा और राजस्थान में किसानों के कई समूहों से मुलाकात की और उनसे कृषि से आगे बढ़कर खाद्य प्रसंस्करण और विपणन क्षेत्र में कदम रखने का आग्रह किया ताकि उनकी आय बढ़े। एक मौके पर, उनके शब्द मोदी सरकार की तीखी आलोचना जैसे लग रहे थे।दिसंबर 2024 में मुंबई में आईसीएआर-सीआईआरसीओटी के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए धनखड़ ने कहा था, "कृषि मंत्री जी, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे बताएं कि किसान से क्या वादा किया गया था? वादा पूरा क्यों नहीं किया गया? वादा पूरा करने के लिए हमें क्या करना चाहिए?" उन्होंने कहा, "पिछले साल भी एक आंदोलन हुआ था, इस साल भी एक आंदोलन हुआ है।"धनखड़ ने कहा, "समय का पहिया घूम रहा है, हम कुछ नहीं कर रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते देखा है। पहली बार मुझे एहसास हो रहा है कि भारत का विकास हमारा सपना नहीं, बल्कि हमारा लक्ष्य है। भारत दुनिया में इतनी ऊंचाई पर कभी नहीं था।" धनखड़ ने किसानों से बात करते हुए कहा था, "जब ऐसा हो रहा है, तो मेरा किसान क्यों परेशान और पीड़ित है? किसान ही असहाय है।"राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में 18 मई, 1951 को जन्मे धनखड़ ने चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में छात्रवृत्ति पर शिक्षा प्राप्त की।
- नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में जानकारी दी कि सरकार की विभिन्न पहलों के चलते देश में बेरोजगारी दर 6 वर्षों में 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है। वहीं महंगाई दर भी 6 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। वित्त मंत्री ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि महंगाई को नियंत्रित करने और खासकर गरीबों, युवाओं के बीच रोजगार बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। इनमें जरूरी खाद्य वस्तुओं का बफर स्टॉक बढ़ाना, खुले बाजार में अनाज की रणनीतिक बिक्री, आपूर्ति में कमी के समय आयात को बढ़ावा और निर्यात पर रोक, स्टॉक लिमिट लागू करना, भारत ब्रांड के तहत सस्ती दरों पर खुदरा बिक्री और 81 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण जैसे कदम शामिल हैं।इसके साथ ही सरकार ने कर छूट की सीमा बढ़ाकर व्यक्तियों की आय में बढ़ोतरी की है। अब सालाना 12 लाख रुपये तक की आय (और वेतनभोगी के लिए ₹12.75 लाख तक) कर-मुक्त कर दी गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि इन उपायों से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर खुदरा महंगाई दर 2023-24 में 5.4% से घटकर 2024-25 में 4.6% हो गई है, जो पिछले छह वर्षों में सबसे कम है। 2025-26 की पहली तिमाही में CPI और गिरकर औसतन 2.7% रही और जून 2025 में यह 2.1% पर पहुंच गई।वहीं रोजगार सृजन के लिए सरकार ने कई योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, उद्योगों को रोजगार आधारित प्रोत्साहन, राष्ट्रीय शहरी/ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा, कौशल विकास योजनाएं लागू की हैं। 2025-26 के बजट में ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन’ कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में महिलाओं, युवाओं और सीमांत किसानों के लिए कौशल, निवेश और तकनीक के जरिए रोजगार अवसर बढ़ाना है।-
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र में विभिन्न मुद्दों पर सार्थक चर्चा का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि सभी दलों का अलग-अलग एजेंडा है और दल हित में उनके मत भले ही न मिलें, लेकिन देश हित में मन जरूर मिलने चाहिए। प्रधानमंत्री ने सत्र की शुरूआत से पहले संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मानसून सत्र को ‘विजयोत्सव' बताया। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति देखी और आतंकवाद के आका बेनकाब हुए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने 100 फीसदी लक्ष्य हासिल किए और करीब 22 मिनट में ही आतंकवादियों के ठिकानों को जमींदोज कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमारे सांसदों ने पूरी दुनिया में जा कर ‘आतंकवाद के आका' पाकिस्तान को बेनकाब किया। विश्व ने भारत की बात को स्वीकार करने की दिशा में अपने मन के द्वार खोले और इसके लिए हमारे राजनीतिक दल एवं सांसद सराहना के पात्र हैं।'' मोदी ने आह्वान किया कि सेना के सामर्थ्य की सराहना की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा लहरा चुका है और प्रगति की राह में आगे बढ़ रहे देश में विज्ञान के प्रति उमंग एवं उत्साह है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘नक्सलवाद का दायरा आज सिकुड़ रहा है और कल तक तो ‘‘रेड कॉरिडोर'' थे, वे आज ‘‘ग्रीन, ग्रोथ जोन'' में परिवर्तित हो रहे हैं।'' उन्होंने कहा ‘‘भारत आज दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। कभी देश में महंगाई दर दोहरे अंकों में थी लेकिन आज यह दो फीसद के आसपास आ चुकी है और आम आदमी को राहत मिली है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की विकास यात्रा एवं प्रगति को बल देने वाले तथा नागरिकों के हितों से जुड़े अनेक विधेयक प्रस्तावित हैं और इस सत्र में उन्हें चर्चा कर पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘सभी दलों का अलग-अलग एजेंडा है लेकिन दल हित में मत भले ही न मिलें, लेकिन देश हित में मन जरूर मिलें।'' मोदी ने कहा ‘‘देश ने एकता की ताकत देखी है और यह देखा है कि एक स्वर का सामर्थ्य क्या होता है। संसद में भी यही बात नजर आनी चाहिए।'' -
चंडीगढ़. प्रतिष्ठित विद्वान असीम कुमार घोष ने सोमवार को हरियाणा के 19वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उन्होंने बंडारू दत्तात्रेय का स्थान लिया है। घोष (81) को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने यहां राजभवन में आयोजित एक समारोह में पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कोलकाता के एक कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर एवं राजनीति विज्ञान के विशेषज्ञ घोष को लंबे समय से ऐसी पार्टी में एक प्रतिभा के रूप में देखा जाता रहा है जहां पश्चिम बंगाल में भाजपा के उथल-पुथल वाले दौर के दौरान वक्तृत्व, अनुशासन और वैचारिक स्पष्टता को महत्व दिया जाता था। वैसे तो घोष का सक्रिय राजनीतिक जीवन लगभग दो दशक पहले समाप्त हो गया था फिर भी वह पार्टी के भीतर एक सम्मानित आवाज बने रहे। राज्यपाल के रूप में उनकी पदोन्नति को उनके लंबे राजनीतिक सफर और भाजपा नेताओं की पुरानी पीढ़ी के प्रति सम्मान के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने पश्चिम बंगाल में पार्टी की नींव रखी। राज्य में पार्टी लंबे समय तक हाशिये पर रही थी। पश्चिम बंगाल में 1999 से 2002 तक प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल राज्य में भाजपा के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ने एवं पार्टी संगठन को मजबूत करने के काल के रूप गिना जाता है।
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नयी दिल्ली. राज्यसभा में सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन एक भाजपा सदस्य ने प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी वीडी सावरकर, विख्यात समाज सुधारक स्वामी सहजानंद सरस्वती और फील्ड मार्शल मानेक शॉ को भारत रत्न देने की मांग की। भारतीय जनता पार्टी के भीम सिंह ने विशेष उल्लेख के जरिये यह मांग उठायी। उन्होंने कहा कि इन तीनों विभूतियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में राष्ट्र को एक नयी दिशा दी और गौरव दिलवाया। उन्होंने कहा, ‘‘वीर सावरकर वो विभूति हैं जिन्हें दो आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी।'' उन्होंने कहा कि सावरकर केवल एक क्रांतिकारी ही नहीं एक विचारक, लेखक और भविष्यदृष्टा भी थे जिनसे भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी भी प्रभावित हुए। सिंह ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती एक ऐसे संन्यासी थे जिन्होंने हिमालय की गुफाओं में नहीं बल्कि गांवों के खेतों में, किसानों के आंसुओं में और शोषित की पीड़ा में ईश्वर को देखा। उन्होंने किसानों को संगठित किया और जमीदारी उन्मूलन आंदोलन को दिशा दी तथा जय किसान के नारे को आगे बढ़ाते हुए एक मिशन बनाया। फील्ड मार्शल मानेक शॉ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनके नेतृत्व में भारत ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में देश को न केवल सैन्य विजय दिलवायी बल्कि बांग्लदेशा के निर्माण में अहम भूमिका निभायी। उन्होंने कहा कि फील्ड मार्शल शॉ के नेतृत्व, दूरदर्शिता और रणनीतिक कौशल ने भारत को सैन्य इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया। सिंह ने कहा कि आज आवश्यकता है कि भारत अपने इन तीन महान सपूतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करे और इन्हें भारत रत्न से अलंकृत किया जाए।
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नयी दिल्ली. सफदरजंग अस्पताल में चिकित्सकों की टीम ने एक मरीज की सर्जरी कर उसके पेट से 10.6 किलोग्राम वजन के ‘गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर' को सफलतापूर्वक बाहर निकाला। यह ट्यूमर उसके कई भीतरी अंग प्रणालियों पर अत्यधिक दबाव डाल रहा था। ‘गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर' पाचन तंत्र में होने वाले दुर्लभ कैंसरयुक्त ट्यूमर हैं।
अस्पताल द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ट्यूमर मरीज के पेट और उसके आस पास के अंगों के आवरण समेत लगभग सभी हिस्सों तक फैल गया था। मरीज आठ महीने से इस बीमारी से पीड़ित था। इस प्रक्रिया के लिए असाधारण सर्जिकल विशेषज्ञता की आवश्यकता थी क्योंकि सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान इसे बाहर निकालना और सर्जरी के बाद की स्थिति में मरीज को संभालना बेहद जटिल प्रक्रिया थी। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के निदेशक डॉ. संदीप बंसल ने कहा, ‘‘सर्जरी के क्षेत्र में यह उल्लेखनीय उपलब्धि अस्पताल में उत्कृष्ट सहयोगात्मक चिकित्सा पद्धति को दर्शाती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘10.6 किलोग्राम वजन के इस बड़े आकार के ट्यूमर को सर्जरी कर निकालना काफी जटिल था, क्योंकि इसमें कई अंग प्रणालियां शामिल थीं। सर्जरी की सफलता हमारी टीम की रोगी देखभाल और सर्जिकल नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।'' निदेशक ने कहा कि ऐसे जटिल मामलों में न केवल उन्नत सर्जिकल कौशल की आवश्यकता होती है, बल्कि विशेषज्ञ सर्जिकल टीम से लेकर कुशल एनेस्थेसियोलॉजिस्ट (एनेस्थेसिया विशेषज्ञों) और समर्पित नर्सिंग स्टाफ से लेकर अन्य विभागों के बीच बेहतर समन्वय की भी आवश्यकता होती है। अस्पताल ने अपने बयान में कहा कि सर्जरी के बाद चिकित्सा कैंसर विज्ञान विभाग की टीम मरीज के स्वास्थ्य पर नजर रख रही है। -
जम्मू/ दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 3,700 से अधिक तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था सोमवार को दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह यात्रा तीन जुलाई को शुरू हुई थी और इसके शुरू होने के बाद से अब तक तीन लाख से अधिक तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस कर्मियों की सुरक्षा में 3,791 तीर्थयात्रियों का जत्था रविवार देर रात तीन बजकर 33 मिनट से सोमवार तड़के चार बजकर छह मिनट के बीच 148 वाहनों में सवार होकर यहां भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ। इस जत्थे में 3,067 पुरुष, 522 महिलाएं, नौ बच्चे, 192 साधु और साध्वियां तथा एक ट्रांसजेंडर शामिल था। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों का पहला काफिला 52 वाहनों में 1,208 तीर्थयात्रियों को लेकर गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर के छोटे लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाले बालटाल मार्ग के लिए रवाना हुआ, जिसके बाद 96 वाहनों में 2,583 तीर्थयात्रियों का दूसरा काफिला अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से यात्रा पर निकला। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। अठारह जुलाई को 7,908 तीर्थयात्री अमरनाथ के लिए रवाना हुए थे जबकि 19 जुलाई को यह संख्या 6,365 और 20 जुलाई को 4,388 थी। सोमवार को तीर्थयात्रियों का जत्था अब तक का सबसे कम तीर्थयात्रियों वाला जत्था है। पिछले कुछ दिनों में मौके पर पंजीकरण के लिए काउंटर पर आने वालों की संख्या में भी कमी आई है।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक चार लाख से अधिक लोगों ने तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। पिछले साल 5.10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन किए थे। - नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेज दिया और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा, "स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।" धनखड़ (74) ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था।
- वाराणसी . केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को कहा कि आध्यात्मिक संस्थाओं को 'विकसित भारत के लिए नशा मुक्त युवा' बनाने में अग्रणी भूमिका निभाते हुए नशा मुक्ति अभियान का आधार बनना चाहिए। मांडविया वाराणसी में 'विकासशील भारत के लिए नशा मुक्त युवा' विषय पर आयोजित युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में 'काशी घोषणापत्र' को औपचारिक रूप से अंगीकार किया गया। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 600 से अधिक युवा नेता, 120 से अधिक आध्यात्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों और क्षेत्र विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय मंत्री मांडविया ने इस अवसर पर कहा, "भारत की आध्यात्मिक शक्ति ने हमेशा संकट के समय में भारत का मार्गदर्शन किया है। इसलिए आध्यात्मिक संस्थाओं को अब विकसित भारत के लिए नशा मुक्त युवा बनाने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। वे इस महाअभियान का आधार बनेंगे।" उन्होंने कहा, "हमने पिछले तीन दिनों में विविध विषयगत सत्रों में गहन चिंतन किया है। इस सामूहिक चर्चा के आधार पर काशी घोषणापत्र का जन्म हुआ है, जो न केवल एक दस्तावेज़ के रूप में, बल्कि भारत की युवा शक्ति के लिए एक साझा संकल्प के रूप में भी है।" बयान के मुताबिक, औपचारिक रूप से स्वीकृत काशी घोषणापत्र इस बात की पुष्टि करता है कि मादक द्रव्यों का सेवन एक बहुआयामी जन स्वास्थ्य और सामाजिक चुनौती है, जिसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सहमति बन चुकी है। साथ ही समग्र सरकार और समग्र समाज दृष्टिकोण का आह्वान करता है। यह व्यसन निवारण, पुनर्वास में सहायता और राष्ट्रीय स्तर पर संयम की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और तकनीकी प्रयासों के एकजुटता पर ज़ोर देता है। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने इस आयोजन स्थल की सांस्कृतिक पवित्रता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "काशी की यह पावन भूमि सनातन चेतना का उद्गम स्थल है, जहां अनुशासन और मूल्य जीवन को मोक्ष की ओर ले जाते हैं। हम केवल एकत्रित नहीं हो रहे हैं; हम ऐसे बीज बो रहे हैं जो एक दिन राष्ट्रीय परिवर्तन के एक सशक्त वृक्ष के रूप में विकसित होंगे।" उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ''अगर एक ऐसा राष्ट्र जहां 65 प्रतिशत युवा आबादी मादक पदार्थों का शिकार हो जाती है, उसमें जो नौजवान इससे मुक्त होंगे केवल वे ही भविष्य का निर्माण कर पाएंगे।'' काशी घोषणापत्र एक मार्गदर्शक चार्टर के रूप में काम करेगा और इसकी प्रगति की समीक्षा विकासशील भारत युवा नेता संवाद 2026 के दौरान की जाएगी, जिससे निरंतरता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
- पुरी. ओडिशा के पुरी जिले में कुछ लोगों द्वारा अपहृत और आग के हवाले की गई 15 वर्षीय लड़की की जान बचाने वाले व्यक्ति ने रविवार को उन पलों को याद किया जब लड़की ने "मुझे बचाओ, मुझे बचाओ" चिल्लाते हुए उसका दरवाजा खटखटाया था। बलंगा गांव के निवासी दुक्षिष्यम सेनापति ने बताया कि जब उन्होंने दस्तक और चीखें सुनकर दरवाज़ा खोला तो उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। सेनापति ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया को बताया, "लड़की जल रही थी और दर्द से चीख रही थी।" डीजीपी शनिवार सुबह इस गांव में घटी घटना को समझने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे। सेनापति ने बताया, "सुबह करीब साढ़े आठ बजे वह लड़की चिल्लाती हुई मेरे घर आई। मैंने अपनी पत्नी की मदद से आग बुझाई और उसे पानी दिया क्योंकि वह बहुत प्यासी थी। बाद में मेरे परिवार की महिलाओं ने उसके कपड़े बदले।" सेनापति ने बताया कि उन्होंने लड़की से पूछा कि क्या हुआ था, और उन्हें बताया गया कि तीन अज्ञात लोगों ने उसे आग लगा दी थी। सेनापति ने कहा, "उसने बताया कि वह एक दोस्त से मिलने के बाद घर लौट रही थी, तभी मोटरसाइकिल पर आए तीन लोगों ने उसे उठा लिया। इन लोगों के चेहरे आधे ढके हुए थे, और वे उसे भार्गवी नदी के किनारे एक जगह ले गए। वह उनके नाम नहीं बता सकी। वह सिर्फ़ इतना बता सकी कि उन्होंने उसके चेहरे को रूमाल से ढक दिया और आग लगाने से पहले उस पर कोई पदार्थ डाल दिया।" उन्होंने डीजीपी को बताया, "मैंने ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया क्योंकि वह कांप रही थी।"सेनापति ने बताया कि आरोपियों ने लड़की का अपहरण करते समय उसके हाथ बांध दिए थे। उन्होंने कहा, "लेकिन, जब वह मेरे घर पहुंची, तो उसके हाथ खुले थे।" सेनापति ने बताया कि वह भी अपराध में शामिल लोगों की तलाश में अपने घर से बाहर भागे, लेकिन वे नहीं मिले। उन्होंने कहा, "लड़की ने मुझे बताया कि उसे आग लगाने के तुरंत बाद वे भाग गए। हमलावरों ने सोचा होगा कि वह मौके पर ही मर जाएगी, लेकिन बहादुर लड़की भागकर हमारे घर पहुंच गई।" उन्होंने डीजीपी को यह भी बताया कि 108 एम्बुलेंस उनके घर देर से पहुंची, जिससे उन्हें लड़की को अस्पताल ले जाने के लिए ऑटो रिक्शा ढूंढना पड़ा। सेनापति ने कहा, "जब हम उसे ऑटो रिक्शा में ले जा रहे थे, उसी समय एम्बुलेंस आ गई। लड़की हमारे घर लगभग 90 मिनट तक रुकी।" लड़की 70 प्रतिशत तक जल चुकी थी। उसे बेहतर इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली ले जाया गया।
- गुरुग्राम. हरियाणा के नूंह जिले के एक गांव के पास रविवार को सात वर्षीय एक लड़के की कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामला तब प्रकाश में आया जब कलवाड़ी गांव के कुछ निवासियों ने कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर बच्चे का खून से लथपथ शव देखा और पुलिस को सूचित किया। शव के पास एक चाकू भी मिला। संदेह है कि हत्या में इसी चाकू का इस्तेमाल किया गया था।मृतक बच्चे की पहचान एक निजी कंपनी में काम करने वाले कमल के बेटे आशीष के रूप में हुई है।परिवार में बच्चे की मां, एक बड़ा भाई और बहन है। परिवार मूल रूप से राजस्थान के अलवर के पालकरी गांव का रहने वाला था, लेकिन पिछले तीन महीनों से फतेहपुर गांव में किराए के मकान में रह रहा था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के हर मंडल में 'आदर्श गोशाला' बनाने का फैसला किया है। राज्य सरकार द्वारा रविवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक इसके तहत प्रथम चरण में आठ मंडलों में एक गोशाला को आत्मनिर्भर और एक ब्लॉक को प्राकृतिक खेती के लिये चयनित कर मॉडल क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। यह योजना गौ-संवर्द्धन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बयान के अनुसार प्रथम चरण में प्रदेश के आठ मंडलों की आठ गोशालाओं को 'आदर्श गोशाला' के रूप में चुना जा रहा है। इनमें अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर, चित्रकूट, बरेली, आगरा, कानपुर और झांसी शामिल हैं। इन गोशालाओं को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि बरेली मंडल के मझगवां ब्लॉक स्थित 'खंगवा श्याम सृष्टि मंगलम् गोशाला' को प्रदेश की पहली आदर्श गोशाला घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें ‘इंटर-लॉक्ड वेस्ट-फ्री शेड डिजाइन' अपनाया जाएगा, जिससे चारे की बर्बादी में कमी आएगी। यहां से मंडल-स्तरीय आत्मनिर्भर गोशाला मॉडल की शुरुआत हुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'ग्राम-ऊर्जा मॉडल' के तहत गोशालाओं को ग्रामीण विकास का केंद्र बनाया जाएगा। मझगवां ब्लॉक को पूरी तरह गो-आधारित प्राकृतिक कृषि क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे किसानों को रासायनिक खादों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। सरकार की योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को गोशालाओं से जोड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के विशेष कार्याधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि गोशालाओं के माध्यम से ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत गोशालाओं को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा और इन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि गो-संवर्धन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन हो और गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार, निवेश और रक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, अपनी यात्रा के पहले चरण में, मोदी लंदन जाएंगे और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। रविवार को दोनों देशों की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी, स्टॉर्मर के साथ भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर व्यापक चर्चा करेंगे, साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेंगे। मोदी की 23-24 जुलाई की ब्रिटेन यात्रा, इस देश की उनकी चौथी यात्रा होगी।विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के महाराजा चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यात्रा के दौरान दोनों पक्ष व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान देते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे।" लंदन से मोदी मालदीव जाएंगे। वह मुख्य रूप से 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होने मालदीव जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर 25 से 26 जुलाई तक मालदीव की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और 'व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी' के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लेंगे। यह संयुक्त दृष्टिकोण पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान अपनाया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह यात्रा भारत द्वारा अपने समुद्री पड़ोसी, मालदीव को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है, जो भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और विजन महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) में एक विशेष स्थान रखता है।" मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा दोनों पक्षों को घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।
- मुजफ्फरनगर/हरिद्वार/ कांवड़ यात्रा के अंतिम चरण के दौरान रविवार को कांवड़ यात्रा मार्गों, विशेषकर दिल्ली-देहरादून राजमार्ग और गंग नहर मार्ग पर अलग-अलग सड़क हादसों में छह तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और लगभग 20 अन्य घायल हो गए। उत्तराखंड के हरिद्वार से गंगाजल लेकर वापस लौट रहे हजारों कांवड़ियों (भगवान शिव के भक्तों) का मुजफ्फरनगर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। अधिकारियों ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए हैं। यात्रा 23 जुलाई को समाप्त होगी, जब तीर्थयात्री रास्ते में पड़ने वाले शिव मंदिरों में गंगाजल चढ़ाने के बाद घर लौटेंगे। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए दावा किया कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने प्रत्येक कांवड़ संघ से ऐसे उपद्रवियों को बेनकाब करने का आग्रह किया। योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘उपद्रवियों ने इस पवित्र तीर्थ को बदनाम करने का सहारा लिया है... हमारे पास उन सभी की सीसीटीवी फुटेज है। हम इसके (कांवड़ यात्रा) समाप्त होने के बाद उनके पोस्टर चस्पा करने जा रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह ध्यान रखना है कि जहां उत्साह और उमंग है, जहां आस्था और भक्ति है, कुछ तत्व उस उत्साह को भंग करने और इस भक्ति और आस्था को बदनाम करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं।'' मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर दोपहर करीब 12 बजे शोभित विश्वविद्यालय परिसर में उतरा, जिसके बाद उन्होंने मोदीपुरम क्षेत्र में दुल्हेड़ा चौकी के पास बनाए गए मंच से कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कल से देश के विभिन्न राज्यों से लाखों शिवभक्त कांवड़ के रूप में जल लेकर विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक करेंगे। इस अवसर पर मैं हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर आ रहे सभी शिवभक्तों का हार्दिक स्वागत करता हूं।'' इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी और उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर ने मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया। इस बीच, एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन टिकट को लेकर हुए विवाद के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान पर हमला करने के आरोप में तीन कांवड़ियों को गिरफ्तार किया गया है। सीआरपीएफ का जवान ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस पर सवार होने जा रहा था, जबकि कांवड़िये भी झारखंड के बैद्यनाथ धाम जाने के लिए उसी ट्रेन का टिकट खरीदना चाहते थे। काउंटर पर पहले टिकट खरीदने को लेकर उनके बीच बहस हो गई थी। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने बताया कि मौके पर तैनात जीआरपी जवानों ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया और बाद में सीआरपीएफ जवान की मदद के लिए और बल भेजा गया। जीआरपी ने बताया कि सीआरपीएफ जवान अपनी ड्यूटी के लिए मणिपुर जा रहा था और उसने ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस में उसकी यात्रा की व्यवस्था की। जीआरपी ने कांवड़ियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और रेलवे अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। जीआरपी ने बताया कि बाद में कांवड़ियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया।उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में दो कांवड़ियों की मौत हो गई और आठ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार देर रात छपार थाना अंतर्गत बरला पुल के पास दो मोटरसाइकिल की टक्कर में कैराना निवासी कावंड़िये अभिषेक (28) की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। यह दुर्घटना उस समय हुई जब अभिषेक और उनके दोस्त मनीष कटारिया गंगा नदी से जल लेने के लिए कैराना से हरिद्वार जा रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य घटना में सलीमपुर बाईपास के निकट दो मोटरसाइकिल की टक्कर में अनिल (23) नामक एक अन्य कांवड़िये की मौत हो गई तथा चार अन्य घायल हो गए। थाना प्रभारी जयवीर सिंह ने बताया कि अनिल और उनका दोस्त घनश्याम गंगा जल लेने के लिए नोएडा से हरिद्वार जा रहे थे, तभी उनकी बाइक एक अन्य मोटरसाइकिल से टकरा गई। पुलिस ने रविवार को बताया कि गाजियाबाद में एक तेज रफ्तार एम्बुलेंस ने एक मोटरसाइकिल और एक स्कूटी को टक्कर मार दी, जिससे तीन कांवड़ियों की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। गाजियाबाद के पुलिस उपायुक्त (ग्रामीण) सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि दुर्घटना शनिवार रात करीब 11:45 बजे कादराबाद के पास दिल्ली-मेरठ रोड पर एक रेस्तरां के सामने हुई। उन्होंने बताया कि चारों कांवड़िये हरिद्वार जा रहे थे, जबकि एम्बुलेंस मेरठ के एक अस्पताल में मरीज को छोड़कर विपरीत दिशा से आ रही थी। तिवारी ने बताया कि मृतकों की पहचान गाजियाबाद निवासी ऋतिक (23), अभिनव (25) और सचिन (38) के रूप में हुई है। घायल व्यक्ति की पहचान अजय (30) के रूप में हुई है। अधिकारी ने बताया कि एम्बुलेंस को जब्त कर लिया गया है और चालक को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस ने बताया कि उत्तराखंड के नयी टिहरी में गंगोत्री से लौटते समय ट्रक पलटने से 14 कांवड़िये घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, कांवड़िये हरियाणा से आये थे और गंगा जल लेकर लौट रहे थे।छाम थाना प्रमुख सुखपाल मान ने बताया कि यह दुर्घटना ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर वैलधार के पास हुई। घायलों में से चार की हालत गंभीर है। पुलिस के मुताबिक, ओडिशा के नयागढ़ जिले में दारापाड़ा के पास रविवार सुबह एक पिकअप वैन कांवड़ियों से भरे एक ऑटोरिक्शा से टकरा गई। हादसे में एक महिला कांवड़िये की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। नयागढ़ जिला मुख्यालय अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया, ‘‘ऑटोरिक्शा दुर्घटना में घायल हुए सात लोगों को हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिनमें से एक की मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल छह लोगों को भुवनेश्वर रेफर कर दिया गया है।'' इस बीच, उत्तर प्रदेश के मेरठ में कुछ महिला स्वयंसेवकों ने सरधना क्षेत्र में गंगा नहर पुल पर एक कांवड़ सेवा शिविर में तीन पुलिसकर्मियों पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है। मेरठ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश कुमार मिश्रा ने आरोपों पर कहा कि घटनास्थल से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज की जांच में कोई आपत्तिजनक गतिविधि सामने नहीं आई है। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इन तीनों पुलिसकर्मियों ने अभद्र व्यवहार किया और मोबाइल से वीडियो भी बनाई तथा विरोध करने पर उनके साथ कथित रूप से गाली-गलौज भी की। सेवा शिविर में मौजूद स्वयंसेवकों ने तत्काल तीनों पुलिसकर्मियों को पकड़कर निकटवर्ती पुलिस चौकी को सौंप दिया। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि चौकी प्रभारी ने बिना विधिक कार्रवाई के तीनों को वहां से जाने दिया, जिससे गुस्साए लोगों ने चौकी परिसर में धरना दिया और दोषियों के निलंबन की मांग की। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो गया है । सत्र की शुरुआत से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों और सांसदों से सदन को शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चलाने में सहयोग की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि सभी सदस्य लोकतंत्र की गरिमा और जनहित को ध्यान में रखते हुए रचनात्मक चर्चा करें।
ओम बिरला ने लिखा, “18वीं लोकसभा का पांचवां सत्र (मानसून सत्र) प्रारंभ हो रहा है। लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर में जनाकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हम सभी प्रतिनिधियों की सामूहिक भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने सभी दलों के नेताओं और सांसदों से आग्रह किया कि वे स्वस्थ लोकतांत्रिक संवाद, समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आर्थिक प्रगति के लिए रचनात्मक विमर्श में सहयोग करें। लोकसभा अध्यक्ष को उम्मीद है कि यह सत्र लोकतंत्र, विविधता में एकता और संविधान के मूल्यों को सशक्त बनाने की दिशा में सार्थक योगदान देगा।मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा और कुल 32 दिनों में 21 बैठकें होंगी। वहीं स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते संसद के दोनों सदन 12 अगस्त से 17 अगस्त तक स्थगित रहेंगे। इसके बाद 18 अगस्त को सत्र दोबारा शुरू होगा। सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद को संबोधित करेंगे। इस बार सत्र में कई अहम मुद्दों पर बहस और कानून पेश किए जाएंगे। इसके अलावा विपक्ष ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान शांति वार्ता में मध्यस्थता की पेशकश पर भी सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर भी बहस की संभावना है। विपक्ष ने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता और समय को लेकर सवाल उठाए हैं। सरकार इस सत्र के दौरान 8 महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी में है, जिनमें जीएसटी सुधार, टैक्स कानूनों में संशोधन, सार्वजनिक विश्वास नियमन, खेल प्रशासन सुधार, बंदरगाह नीति, खनिज कानून, और भू-विरासत स्थलों के संरक्षण से संबंधित विधेयक शामिल हैं।- -
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। सदन की कार्यवाही से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए इस सत्र को विजयोत्सव का नाम दिया। उन्होंने कहा- मानसून नवीनता और नवसर्जन का प्रतीक है। अब तक जो खबरें मिलीं हैं। देश में मौसम बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है। कृषि को लाभदायक की खबरें हैं।
मानसून नया कुछ करने और नई शुरुआत का प्रतीकउन्होंने कहा कि मानसून नवीनता और सृजन का प्रतीक है, और इस बार देश में बारिश ने किसानों और अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक योगदान दिया है। पीएम ने बताया कि पिछले दस वर्षों की तुलना में इस बार जल भंडारण तीन गुना बढ़ा है, जिसका लाभ देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इस सत्र को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताते हुए कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा लहराकर विश्व में अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों का परचम लहराया है। यह उपलब्धि देशवासियों के लिए गर्व का क्षण है और विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार करेगी।लोकसभा और राज्यसभा- से इस गौरवमयी पल को एक स्वर में गौरवान्वित करने का किया आह्वानउन्होंने संसद के दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा- से इस गौरवमयी पल को एक स्वर में गौरवान्वित करने का आह्वान किया, ताकि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में और ऊंचाइयों को छू सके।पीएम मोदी ने भारतीय सेना की ताकत की भी सराहना की।‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सेना ने जो लक्ष्य तय किया था, उसे 100% हासिल कियाउन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों को 22 मिनट के भीतर नष्ट कर अपनी सैन्य क्षमता का परिचय दिया। यह ऑपरेशन पूरी तरह से स्वदेशी सैन्य उपकरणों के साथ किया गया, जिसने विश्व का ध्यान आकर्षित किया।देश में शांति और प्रगति के एक साथ बढ़ने पर दिया जोरप्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र सैन्य शक्ति के इस विजय उत्सव को समर्पित है, जो देशवासियों और सशस्त्र बलों को प्रेरित करेगा। स्वदेशी रक्षा उपकरणों के निर्माण से न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने देश में शांति और प्रगति के एक साथ बढ़ने पर जोर दिया।देश ने आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी चुनौतियों का सामना कियाउन्होंने कहा कि देश ने आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन आज नक्सलवाद का दायरा तेजी से सिकुड़ रहा है। सैकड़ों जिले नक्सल प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं, और सुरक्षाबलों की तत्परता से यह समस्या जड़ से खत्म होने की दिशा में बढ़ रही है।बम, बंदूक और पिस्तौल के सामने भारत का संविधान हो रहा है विजयीपीएम ने गर्व से कहा कि बम, बंदूक और पिस्तौल के सामने भारत का संविधान विजयी हो रहा है। पहले जो क्षेत्र ‘रेड कॉरिडोर’ के नाम से जाने जाते थे, वे अब ‘ग्रीन ग्रोथ जोन’ में बदल रहे हैं, जो देश के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।आज भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाआर्थिक प्रगति पर बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में दसवें स्थान पर था, लेकिन आज यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने इस प्रगति को देश की मेहनत और नीतियों का परिणाम बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सत्र केवल कानून बनाने का अवसर नहीं, बल्कि देश की प्रगति और गौरव को विश्व पटल पर स्थापित करने का उत्सव है। -
नई दिल्ली। सावन की दूसरी सोमवारी पर झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में भक्तों का तांता लगा हुआ है। सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर 108 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए लाखों कांवड़िये बाबा की नगरी पहुंच चुके हैं।
सोमवार सुबह 4:07 बजे पारंपरिक पूजा के बाद मंदिर के कपाट खुलते ही जल चढ़ाने की प्रक्रिया शुरूसोमवार सुबह 4:07 बजे पारंपरिक पूजा के बाद मंदिर के कपाट खुलते ही जल चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। सुबह आठ बजे तक श्रद्धालुओं की लाइन 10 किलोमीटर तक लंबी हो चुकी थी। दूसरी सोमवारी पर तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु जल चढ़ा सकते हैं।धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु ने स्वयं बाबा बैद्यनाथ पर जल चढ़ाकर दुनिया के कल्याण की प्रार्थना की थीबाबा धाम के तीर्थ पुरोहित लंबोहर परिहस्त ने बताया कि इस बार सावन की दूसरी सोमवारी के साथ कामदा एकादशी का संयोग है, जिससे आज जल चढ़ाने का महत्व और बढ़ गया है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु ने स्वयं बाबा बैद्यनाथ पर जल चढ़ाकर दुनिया के कल्याण की प्रार्थना की थी। इसलिए आज जल चढ़ाना विशेष रूप से पुण्य देने वाला माना जाता है।कांवड़ियों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा- व्यवस्था को और पुख्ता कर दिया हैसोमवार रात 10 बजे विशेष बेलपत्र पूजा होगी, जिसमें मंदिर के पुजारी बेलपत्र चढ़ाकर बाबा का रुद्राभिषेक करेंगे। कांवड़ियों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा- व्यवस्था को और पुख्ता कर लिया है।श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इस बार वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया हैदेवघर के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने सोमवार सुबह राजकीय श्रावणी मेले को लेकर कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को पूरी सतर्कता के साथ काम करने का निर्देश दिया। भीड़ प्रबंधन के लिए इस बार वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन पर रोक, आउट ऑफ टर्न दर्शन पर पाबंदी और स्पर्श दर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया है। सभी श्रद्धालुओं के लिए अरघा के माध्यम से ही जलार्पण की व्यवस्था की गई है। बता दें कि वैद्यनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। -
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। मानसून सत्र प्रारंभ होने से पहले रविवार को केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना होगा। राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं, मगर सदन का अच्छी तरह चलना सभी की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को तैयार है।किरेन रिजिजू ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों के फ्लोर नेताओं की एक बैठक हुई। इस सत्र में कुल 51 राजनीतिक दल और निर्दलीय सांसद भाग लेंगे। इन 51 दलों के 54 सदस्य आज बैठक शामिल हुए। 40 लोगों ने अपनी पार्टियों की ओर से अपनी राय रखी। बहुत सकारात्मक बैठक हुई । सभी राजनीतिक नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी की स्थिति बताई और इस सत्र में लाने वाले मुद्दे उठाए। हमने सरकार की ओर से सभी प्वाइंट लिखे हैं। हमने कहा है कि सदन अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर अच्छे से काम करना होगा। राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं, मगर सदन का अच्छी तरह चलना सभी की जिम्मेदारी है। यह सरकार के साथ विपक्ष की भी जिम्मेदारी है।”उन्होंने आगे बताया कि छोटे-छोटे दल है, विशेषकर जिस पार्टी के एक या दो सदस्य होते है, उनको सदन में बोलने का कम समय मिलता है, क्योंकि संख्या के हिसाब से संसद का सिस्टम चलता है। इसको हमने संज्ञान में लिया है। छोटी पार्टियों के नेता को बोलने का पर्याप्त समय कैसे दें, इसको सुनिश्चित करने पर भी हमने सहमति जताई है।संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कई अहम मुद्दे है, जिस पर सभी दलों ने अपने विचार रखे हैं कि इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। हम तो खुले दिल से इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। हम नियम और परंपरा के तहत चलते है और इन चीजों को बहुत अहमियत देते हैं।किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विभिन्न दलों के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की बैठकें बहुत अच्छी और प्रभावी रहीं और उन सभी अच्छे अनुभवों को राष्ट्र के सामने शेयर किया जाना चाहिए। हमें इसका स्वागत करना चाहिए। - भुवनेश्वर. ओडिशा के पुरी जिले में तीन बदमाशों द्वारा आग के हवाले की गई 15 वर्षीय लड़की को रविवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भुनवेश्वर से विमान के जरिए दिल्ली ले जाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। लड़की को दिल्ली ले जाए जाने के तुरंत बाद, ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया पुरी जिले के बलंगा इलाके में भार्गवी नदी के किनारे स्थित घटनास्थल का दौरा करने गए। खुरानिया ने बलंगा में संवाददाताओं से कहा, "जांच एक संवेदनशील चरण में पहुंच गई है और हम जल्द ही घटना का ब्यौरा दे पाएंगे।" विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) द्वारा 48 घंटे के भीतर अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए बलंगा थाने का घेराव करने तथा भुवनेश्वर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने की चेतावनी देने के बाद डीजीपी ने घटनास्थल का दौरा किया। महिला बीजद नेता और पूर्व मंत्री तुकुनी साहू ने आरोप लगाया कि घटना के 36 घंटे बाद भी पुलिस आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं लगा पाई है। इससे पहले, लड़की को एम्स भुवनेश्वर से बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक ले जाने के लिए हरित गलियारा बनाया गया और पुलिस बल की एक प्लाटून तैनात की गई थी। भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जगमोहन मीणा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘एम्बुलेंस एम्स भुवनेश्वर से मरीज को लेकर 12 मिनट में हवाई अड्डे पहुंच गई। उसे एक विशेष मेडिकल टीम के साथ उन्नत उपकरणों से लैस एक एम्बुलेंस में ले जाया गया।'' स्वास्थ्य सेवा के संदर्भ में हरित गलियारे का मतलब प्रतिरोपण के लिए अंगों या गंभीर रूप से बीमार मरीजों को लेकर जा रही एम्बुलेंस के मार्ग से वाहनों एवं अन्य अवराधकों को हटाना है ताकि ये एम्बुलेंस कम से कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। नाबालिग लड़की 70 प्रतिशत तक झुलस गई थी। उसे एम्स भुवनेश्वर के ‘बर्न सेंटर' विभाग के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में कृत्रिम तरीके से ऑक्सीजन दी जा रही थी। एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक आशुतोष बिस्वास ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘मरीज की हालत स्थिर है और उसका रक्तचाप, जो कल कम था, उसमें सुधार हुआ है। उसे अस्पताल में स्थानांतरित करना सुरक्षित है।'' मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार नाबालिग लड़की को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाने की योजना बना रही है। हालांकि, माझी ने कहा कि एम्स भुवनेश्वर के अधिकारी उसकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए निर्णय लेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि पीड़िता के शनिवार को बोलने की स्थिति में आने के बाद पुलिस ने एम्स भुवनेश्वर के आईसीयू में एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उसका बयान दर्ज किया। उन्होंने कहा कि उसका बयान जांच के लिए महत्वपूर्ण है। सेंट्रल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक एस प्रवीण कुमार और पुरी के पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा के साथ घटनास्थल का दौरा करने के बाद, डीजीपी भार्गवी नदी के तट पर गए और उस स्थान का मुआइना किया जहां तीन आरोपियों ने लड़की पर ज्वलनशील पदार्थ डाला था और उसे आग लगा दी थी। डीजीपी ने कहा, "पुलिस के अलावा, दो वैज्ञानिक टीम, एक राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से और दूसरी एम्स फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी से, ने घटनास्थल का दौरा किया है और अपराध से संबंधित कई साक्ष्य एकत्र किए हैं। जांच जारी है और पुलिस को जल्द ही विस्तृत जानकारी मिल जाएगी।" सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने पिछले 36 घंटों के दौरान कम से कम 10 लोगों से पूछताछ की है, जिनमें कुछ महिलाएं और पीड़िता के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मोटरसाइकिल पर सवार तीन अज्ञात युवकों ने लड़की को रोका, उसे जबरन भार्गवी नदी के किनारे ले गए और उस पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि लड़की को आग लगाने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। इसने बताया कि स्थानीय लोग आग बुझाकर उसे पिपिली सरकारी अस्पताल ले गए जहां से उसे एम्स भुवनेश्वर भेज दिया गया। बाद में उसे एम्स दिल्ली भेज दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि लड़की की मां ने बलंगा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि पीड़िता ने आठवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी थी और उसके पिता एक मोटर गैराज में काम करते हैं।
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नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होगा और 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार 8 नए विधेयक पेश करेगी और अन्य लंबित विधेयकों पर भी चर्चा होगी। सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था।
आयकर विधेयक को भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा की अध्यक्षता वाली संसद की चयन समिति ने संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया है। अब इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद संसद में पारित करने के लिए लाया जाएगा।अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों में मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल है। इसके अलावा, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को हर छह महीने में संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी, इसलिए इसके विस्तार के लिए भी एक विधेयक लाया जाएगा।जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक 2025 भी इस सत्र में पेश किया जाएगा, जिसका उद्देश्य कारोबारी सुगमता और नियामक अनुपालन में सुधार करना है। इसके अलावा, अन्य सात विधेयकों पर भी चर्चा होगी, जो पहले पेश किए जा चुके हैं।मानसून सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों में लदान विधेयक 2024, समुद्री माल ढुलाई विधेयक 2024, तटीय नौवहन विधेयक 2024, गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों का प्रतिनिधित्व विधेयक 2024, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025, आयकर विधेयक 2025, मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक 2025, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक 2025 शामिल हैं। यह सत्र सरकार और विपक्ष के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा का केंद्र होगा। विपक्ष ने भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग की है। -
नई दिल्ली। छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने वाले “Income Tax Bill, 2025” पर गठित संसद की चयन समिति की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश की जाएगी। यह समिति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा गठित की गई थी और इसकी अध्यक्षता भाजपा नेता बैजयंत पांडा कर रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी को लोकसभा में यह नया आयकर विधेयक पेश किया था, जिसके बाद इसे 31 सदस्यीय चयन समिति को सौंपा गया था। समिति ने विधेयक में 285 सुझाव दिए हैं और 16 जुलाई को हुई बैठक में रिपोर्ट को मंजूरी दी।सरलीकृत ढांचा: नया आयकर विधेयक पुराने अधिनियम की तुलना में काफी सरल और संक्षिप्त है। इसका उद्देश्य कर निर्धारण में पारदर्शिता और निश्चितता लाना है, जिससे मुकदमेबाजी और अस्पष्ट व्याख्याओं की गुंजाइश कम हो।-आकार में आधा: नए बिल में शब्दों की संख्या 2.6 लाख है, जबकि पुराने अधिनियम में 5.12 लाख शब्द थे।-अनुभागों में कटौती: पुराने कानून में जहां 819 प्रभावी अनुभाग थे, वहीं नए बिल में केवल 536 अनुभाग हैं।-अध्यायों की संख्या घटाकर 23: पहले 47 अध्याय थे, अब केवल 23 होंगे।-सरल भाषा का उपयोग: गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए अध्याय को आम समझ वाली भाषा में विस्तृत किया गया है।-1,200 उपवाक्यों (provisos) और 900 स्पष्टीकरणों को हटाया गया है जिससे शब्द संख्या में 34,547 की कमी आई है।नया कर वर्ष:नए विधेयक में “पिछला वर्ष” (Previous Year) और “मूल्यांकन वर्ष” (Assessment Year) की जगह केवल “कर वर्ष” (Tax Year) की अवधारणा लागू की गई है। अब आयकर उसी वर्ष के लिए देय होगा जिसमें आय अर्जित की गई हो, जिससे करदाताओं के लिए प्रक्रिया और अधिक सहज हो जाएगी।टैक्स दर, छूट और टीडीएस/टीसीएस:छूट और TDS/TCS से जुड़े प्रावधानों को सारणीबद्ध (tabular format) कर अधिक स्पष्ट और संक्षिप्त बनाया गया है।तालिकाओं की संख्या बढ़ाकर 57 कर दी गई है, जो कि वर्तमान कानून में मात्र 18 थी।वित्त मंत्री सीतारमण ने विधेयक पेश करते समय कहा था कि यह एक “सारगर्भित और ऐतिहासिक परिवर्तन” है। समिति की रिपोर्ट अब मानसून सत्र के पहले दिन, 21 जुलाई 2025 को लोकसभा में पेश की जाएगी। मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा।नया आयकर विधेयक न केवल कर प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह करदाताओं की सुविधा और पारदर्शिता को भी प्राथमिकता देता है। अब नजर लोकसभा की कार्यवाही पर टिकी है, जहां विधेयक पर चर्चा के बाद इसे पारित किए जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। -
नई दिल्ली। यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 से 24 जुलाई तक यूनाइटेड किंगडम की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी की यूके की चौथी यात्रा होगी। यात्रा के दौरान, पीएम मोदी भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर प्रधानमंत्री स्टारमर के साथ व्यापक चर्चा करेंगे।वह क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर 25-26 जुलाई तक मालदीव की राजकीय यात्रा करेंगे।
पीएम मोदी के दो देशों की राजकीय यात्रा की जानकारी देते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के राजा चार्ल्स तृतीय से भी मिलने की उम्मीद है। इस यात्रा के दौरान, दोनों पक्ष व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी) की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे, जिसमें व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।अपनी यात्रा के दूसरे चरण में, प्रधानमंत्री मोदी मालदीव 25 से 26 जुलाई तक मालदीव की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह पीएम मोदी की मालदीव की तीसरी यात्रा होगी। वहीं, डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपतित्व काल में यह किसी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष की मालदीव की पहली यात्रा होगी।आपको बता दें, प्रधानमंत्री मोदी 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के समारोह में ‘मुख्य अतिथि’ होंगे। इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात करेंगे और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। दोनों नेता अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान अपनाए गए ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का भी जायजा लेंगे।विदेश मंत्रालय ने कहा, यह यात्रा भारत द्वारा अपने समुद्री पड़ोसी मालदीव को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है, जो भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और विजन ‘महासागर’ में विशेष स्थान रखता है। यह यात्रा दोनों पक्षों को घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक गहरा एवं मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।