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नयी दिल्ली। विश्व की प्रतिष्ठित हाफ मैराथन में शामिल वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन के 17वें सत्र का आयोजन यहां 16 अक्टूबर को किया जाएगा। कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में हाफ मैराथन का आयोजन नहीं किया गया था। दिल्ली हाफ मैराथन में हाफ मैराथन, ओपन 10के (10 किमी), ग्रेट दिल्ली रन (पांच किमी), सीनियर सिटिजन रन (तीन किमी) और द चैंपियन विद द डिसेबिलिटी (तीन किमी) स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा। इन सभी स्पर्धाओं के लिए पंजीकरण की शुरुआत दो सितंबर सुबह सात बजे होगी और चार अक्टूबर या फिर सभी स्थान भरे जाने तक पंजीकरण कराया जा सकता है। पंजीकरण वेबसाइट ‘वेदांतादिल्लीहाफमैराथन.प्रोकैम.इन' के जरिए किए जा सकते हैं। वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन वर्चुअल रन का भी आयोजन होगा। प्रतिभागी इसमें वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन ऐप के जरिए हिस्सा ले सकते हैं। इस वर्ग में हाफ मैराथन, ओपन 10के और ग्रेट दिल्ली रन (पांच किमी) रेस होंगी। वर्चुअल वर्ग के लिए पंजीकरण दो सितंबर को सुबह सात बजे शुरू होंगे और 11 अक्टूबर तक जारी रहेंगे।
कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के कम से कम दो टीके लगाने वालों को ही आवेदन करने की स्वीकृति होगी। उन्हें आवेदन करते समय टीकाकरण प्रमाणपत्र की प्रति अपलोड करनी होगी। प्रतियोगिता की कुल इनामी राशि दो लाख 68 हजार डॉलर होगी। स्पर्धाओं की शुरुआत जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से होगी।File phto -
नयी दिल्ली। सड़क परिवहन मंत्रालय ने बैटरी सुरक्षा मानकों में अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधान शामिल किया है। ये मानक एक अक्टूबर से प्रभाव में आएंगे। दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं को लेकर चिंता के बीच मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, संशोधनों में बैटरी, ‘ऑन-बोर्ड चार्जर', ‘बैटरी पैक' का डिजाइन और आंतरिक सेल शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण थर्मल प्रसार से संबंधित अतिरिक्त सुरक्षा आवश्यकताएं शामिल है। विज्ञप्ति के अनुसार, एक अक्टूबर, 2022 से संबंधित श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये संशोधित मानकों को अनिवार्य करने की अधिसूचना का कार्य प्रगति पर है। उल्लेखनीय है कि इस साल अप्रैल में ओला इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक और प्योर जैसे दोपहिया वाहन विनिर्माताओं के इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के मामले सामने आए थे। इन घटनाओं को देखते हुए सरकार ने एक समिति गठित की थी। विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में की गयी सिफारिशों के आधार पर मंत्रालय ने 29 अगस्त, 2022 को एआईएस (वाहन उद्योग मानक) 156 में संशोधन जारी किये हैं।'' इन संशोधनों में इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन (इंजन) के साथ एल श्रेणी के मोटर वाहनों के लिये विशिष्ट आवश्यकताएं और एम श्रेणी और एन श्रेणी के मोटर वाहनों की इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन के लिये जरूरतें शामिल हैं। एल श्रेणी के मोटर वाहन वे हैं जिसमें चार से कम पहिये हैं जबकि एम श्रेणी के वाहन वे हैं जिनमें कम-से-कम चार पहिये होते हैं और जिनका उपयोग यात्रियों को लाने-ले जाने के लिये किया जाता है। वहीं एन श्रेणी के वाहन वे हैं जिनमें कम-से-कम चार पहिये होते हैं और जिनका उपयोग माल ढुलाई के अलावा व्यक्तियों को लाने-ले जाने में भी किया जा सकता है। -
नयी दिल्ली। देश में प्रतिदिन विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के खातों में औसतन 90 लाख प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) का भुगतान किया जा रहा है। बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में 28.4 करोड़ डिजिटल लेनदेन हो रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘भारत आज दुनिया में डिजिटल भुगतान की अगुवाई कर रहा है। इसके अलावा भारत नागरिकों के जीवन में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने वाला भी प्रमुख देश है। भारत डिजिटल की अगुवाई कर रहा है और डिजिटल भारत की। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को धन्यवाद।''
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भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य सरकार की आजीविका एवं आय संवर्धन (केएएलआईए) योजना के तहत बृहस्पतिवार को 41.85 लाख किसानों को 869 करोड़ रुपये वितरित किये। एक अधिकारी के मुताबिक, ओडिशा में रबी की फसल के लिए इस योजना के तहत 41 लाख छोटे एवं सीमांत किसानों और अन्य 85,000 भूमिहीन किसानों के बैंक खातों में दो-दो हजार रुपये भेजे गये। राज्य सरकार ने 2018 में यह योजना शुरू की थी जिसके तहत किसानों को दो समान किस्तों में कुल 4,000 रुपये दिये जाते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आज गुरुवार (कृषि पर्व) नुआखाई के अवसर पर किसानों को दूसरी किस्त भेजी गई।''
उन्होंने बताया कि योजना के तहत पहली किस्त अक्षय तृतीया के अवसर पर किसानों के बैंक खातों में भेजी गई थी। -
नई दिल्ली। देश में बिजली की खपत अगस्त माह में सालाना आधार पर करीब दो प्रतिशत बढ़कर 130.35 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गई। विद्युत मंत्रालय से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले वर्ष अगस्त में बिजली की खपत 127.88 अरब यूनिट रही थी, जबकि 2020 के इसी महीने में यह 109.21 अरब यूनिट थी।एक दिन में बिजली की अधिकतम पूरी की गई मांग अगस्त 2022 के दौरान घटकर 194.94 गीगावॉट रही। अगस्त, 2021 में बिजली की अधिकतम आपूर्ति 196.27 गीगावॉट और अगस्त, 2020 में 167.52 गीगावॉट थी।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण अगस्त, 2020 में बिजली की खपत और मांग प्रभावित हुई थी। वहीं महामारी से पहले की अवधि अगस्त, 2019 में बिजली की अधिकतम मांग 177.52 गीगावॉट थी।विशेषज्ञों के अनुसार, अगस्त में मानसून के सक्रिय होने के कारण देशभर में बिजली की खपत और मांग कम रही। उन्होंने कहा कि सामान्य आर्थिक गतिविधियों और त्योहारी सीजन के मद्देनजर आने वाले महीनों में बिजली की खपत और मांग में वृद्धि होगी। - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश में निर्मित पहला विमानवाहक पोत आई एन एस विक्रान्त राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने भारतीय नौसेना के नये ध्वज का भी अनावरण किया। उपनिवेश काल के ध्वज को हटाकर प्रतिस्थापित यह ध्वज भारतीय नौसेना की समृद्ध विरासत का प्रतीक है।समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज प्रत्येक भारतीय नये भविष्य के उदय का साक्षी है और आई एन एस विक्रांत विश्व के क्षितिज पर नये भारत के उदय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सक्षम और सशक्त भारत का स्वतंत्रता सेनानियों का स्वप्न साकार हो रहा है। श्री मोदी ने कहा कि यह विशाल पोत कई मायनों में विशिष्ट है। यह केवल एक युद्धपोत नहीं बल्कि कठिन परिश्रम, प्रतिभा और 21वीं सदी में भारत की प्रतिबद्धता और बढ़ते प्रभाव का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यदि लक्ष्य दूर हो, यात्रा लम्बी हो, समुद्र का विस्तार और चुनौतियां अंतहीन हों तो इन पर विजय का समाधान है- विक्रांत। प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्धपोत विक्रांत आजादी के अमृत महोत्सव का अतुल्य अमृत है और आत्मनिर्भर भारत का प्रतिबिम्ब है।प्रधानमंत्री ने नौसेना, कोचीन शिपयार्ड के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और विशेष रूप से इस परियोजना पर काम करने वालों के योगदान की सराहना की। उन्होंने आई एन एस विक्रांत को लाल किले के प्राचीर से घोषित पांच प्रण का जीवंत प्रतिमान बताया।प्रधानमंत्री ने कहा कि जब विक्रांत समुद्री सुरक्षा के लिए तैनात होगा तो अनेक महिला नौसैनिक भी देश की सुरक्षा में योगदान देंगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में मौजूदा व्यवधान हटाये जा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि यदि देश का प्रत्येक नागरिक वोकल फॉर लोकल के मंत्र को अपने जीवन में उतार ले तो आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य प्राप्त करना दूर नहीं होगा।इस अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सर्बानन्द सोनोवाल, वी0 मुरलीधरन, अजय भट्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और नौसेना प्रमुख आर0 हरि कुमार भी मौजूद थे।
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गाजीपुर। जिले के भुड़कुड़ा थाना क्षेत्र के सोफीपुर गांव में बृहस्पतिवार की शाम खेत में काम कर रहे पति-पत्नी और पुत्र की बिजली गिरने से मौत हो गई। पुलिस क्षेत्राधिकारी रविंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि सोफीपुर गांव के रहने वाले हीराराम (63) अपनी पत्नी फूलमती (60) और पुत्र रमेश कुमार (31) के साथ आज शाम खेत में धान की निराई कर रहे थे, उसी दौरान अचानक बादल गरजने के साथ बिजली गिरी जिसकी चपेट में आकर तीनों बुरी तरह घायल हो गये। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग उन्हें तत्काल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उपजिलाधिकारी जखनिया आशुतोष कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से इस संबंध में तय अनुग्रह राशि मृतकों के परिजन को दी जाएगी। -
नई दिल्ली। सुरक्षा मामलों से संबंद्ध कैबिनेट समिति ने तेजस मार्क-2 परियोजना को मंजूरी दे दी है। सी.सी.एस. ने प्रोटोटाइप्स के साथ तेजस मार्क-2 फाइटर जेट के डिजाइन और विकास, उड़ान परीक्षण और प्रमाणन के लिए साढे छह हजार करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह धनराशि हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड को पहले दी गई दो हजार पांच सौ करोड़ रुपये की राशि से अलग है।
हलके लड़ाकू विमान तेजस के अत्याधुनिक संस्करण में कई विशेषताएं शामिल की गई हैं जो इसकी युद्धक और मारक क्षमताओं में वृद्धि करती हैं। तेजस के दूसरे संस्करण में शक्तिशाली जी.ई-एफ 414 इंजन लगाया गया है जो इसकी फ्लाइट रेंज का विस्तार करेगा और उसे मौजूदा विमान की तुलना में अधिक पेलोड और हथियार ले जाने में सक्षम बनाएगा। तेजस मार्क-2 की पेलोड क्षमता मौजूदा विमान की तीन टन क्षमता की तुलना में चार टन होगी।वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा कि तेजस मार्क-2 के आने से क्षमता संबंधी एक महत्वपूर्ण कमी दूर होगी। उन्होंने कहा कि इस विमान के भारतीय वायु में समय पर शामिल किए जाने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।वायु सेना अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान के देश में डिजाइन और विकास को बढा़वा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे विमान वि-निर्माण के क्षेत्र में आत्म-निर्भर भारत के तहत किए जा रहे प्रयासों को भी बल मिलेगा। -
नई दिल्ली। कर्नाटक में मुरुगा मठ के मुख्य महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू को .गुरुवार को रात पॉस्को कानून के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया। शिवमूर्ति को नाबालिगों के यौन उत्पीड़न मामले में पॉस्को कानून के अंतर्गत एफआईआर दर्ज होने के छह दिन बाद गिरफ्तार किया गया। शिवमूर्ति पर चित्रदुर्ग जिले में उनके मठ द्वारा संचालित उच्च विद्यालय में लड़कियों के छात्रावास में दो नाबालिग छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है। पुलिस ने बताया कि शिवमूर्ति को हिरासत में लेने से पहले उनकी चिकित्सीय जांच के लिए उन्हें जिले के अस्पताल ले जाया गया। शिवमूर्ति को .गुरुवार को रात न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां उन्हें चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद उन्हें चित्रदुर्ग जिला कारागार ले जाया गया।
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण-एन.आई.ए. ने अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के बारे में जानकारी देने पर 25 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है। एन.आई.ए. ने दाऊद के सहयोगी छोटा शकील पर भी 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। तीन अन्य सहयोगियों पर 15-15 लाख रुपये का इनाम रखा गया है।
एन.आई.ए. ने कहा है कि दाऊद इब्राहिम और कुछ अन्य तत्व अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी गुट लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल कायदा के साथ मिलकर सक्रिय हैं। वे विभिन्न आतंकी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं जिनमें हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी, अंडरवर्ल्ड से आपराधिक गुटों का संचालन, धन की अवैध आवाजाही और आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के लिए प्रमुख संपत्तियों पर अवैध कब्जा शामिल है। -
नयी दिल्ली. सरकार की प्रमुख फसल बीमा योजना (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-पीएमएफबीवाई) में कुछ बीमा कंपनियों द्वारा मुनाफा कमाने की खबरों के बीच केंद्र प्रीमियम दर को युक्तिसंगत बनाने और अधिक बीमाकर्ताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए इसमें सुधार की योजना बना रहा है। सूत्रों के अनुसार, योजना में संभावित महत्वपूर्ण बदलाव फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) से केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद लागू किए जाएंगे। फरवरी, 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल के नुकसान/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, किसानों द्वारा देय अधिकतम प्रीमियम खरीफ (गर्मी) के मौसम में उगाई जाने वाली सभी खाद्य और तिलहन फसलों के लिए दो प्रतिशत, रबी (सर्दियों) के मौसम में उगाई जाने वाली समान फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए पांच प्रतिशत है। किसानों द्वारा देय प्रीमियम और बीमा शुल्क की दर के बीच का अंतर केंद्र और राज्यों द्वारा समान रूप से साझा किया जाता है। किसानों की स्वैच्छिक भागीदारी को संभव बनाने और किसी भी घटना के 72 घंटे के भीतर फसल के नुकसान की रिपोर्ट करने के लिए इस योजना को अंतिम बार वर्ष 2020 में संशोधित किया गया था। सरकारी सूत्रों के अनुसार, योजना में और सुधार की आवश्यकता महसूस की गई क्योंकि पीएमएफबीवाई में बीमा कंपनियों की भागीदारी घट रही थी। इसके कारण प्रतिस्पर्धा की कमी हो रही थी जिसकी वजह से मौजूदा बीमाकर्ता अधिक प्रीमियम दर वसूलने के लिए बाध्य हुए। नीति के अनुसार, बीमा कंपनियों को एक निविदा प्रक्रिया के माध्यम से तीन फसल वर्षों के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 तक की अवधि के लिए लगभग 18 बीमा कंपनियों को पैनल में रखा गया था। हालांकि, उनमें से आठ कंपनियां बाहर हो गई और 10 कंपनियां अब इस योजना में भाग ले रही हैं। सूत्रों ने कहा कि उच्च दावा अनुपात के बाद भारी नुकसान के कारण आठ बीमा कंपनियों फसल वर्ष 2021-22 में कारोबार से बाहर हो गईं, जिनमें सरकारी और निजी क्षेत्र से चार-चार कंपनियां शामिल थीं। हालांकि, प्रतिस्पर्धा के अभाव में जो बीमा कंपनियां मैदान में रह गई थीं, उन्होंने उच्च प्रीमियम तय किया। नतीजतन, कुछ कंपनियों ने पिछले फसल वर्ष के दौरान भारी मुनाफा कमाया क्योंकि फसल के नुकसान के दावे कम थे। सूत्रों ने कहा कि इससे कुछ राज्य सरकारों को यह भरोसा हो गया कि पीएमएफबीवाई से केवल बीमा कंपनियों को फायदा हो रहा है, किसानों को नहीं। सूत्रों ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा 2021 में गठित एक कार्यसमूह ने पूरे मुद्दे की जांच की और एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। सूत्रों ने कहा कि कार्यसमूह ने पीएमएफबीवाई को लागू करने के लिए दो दृष्टिकोणों की सिफारिश की है।
एक ‘जोखिम हस्तांतरण दृष्टिकोण' है, जिसका वर्तमान में पालन किया जा रहा है, जिसमें पूरा जोखिम, लागू करने वाली बीमा कंपनियों को स्थानांतरित किया जाता है। इसमें बीमा कंपनी द्वारा संपूर्ण दावा देयता वहन करना शामिल है। दूसरा ‘जोखिम भागीदारी दृष्टिकोण' है, जिसके तहत राज्यों को अपनाने के लिए तीन वैकल्पिक मॉडल की सिफारिश की जाती है। इसमें दावों के साथ-साथ अधिशेष प्रीमियम राशि (दावे को मंजूरी देने के बाद अर्जित) को इसे लागू करने वाले राज्यों और बीमाकर्ता के बीच पारस्परिक रूप से सहमत फॉर्मूले के अनुसार साझा किया जाता है। तीन मॉडल हैं: लाभ और हानि साझा करने वाला मॉडल; कप और कैप मॉडल (60:130); और कप और कैप मॉडल (80-110)। सूत्रों ने कहा कि लाभ और हानि के बंटवारे के मॉडल के तहत बीमा कंपनियों और सरकार के बीच लाभ और हानि को साझा करने के लिए एक राज्य विशिष्ट जोखिम दायरा बनाया जाएगा। उदाहरण के लिए, बिहार के लिए यह दायरा महाराष्ट्र से अलग होगा। कप और कैप मॉडल (60:130) के तहत, बीमा कंपनियां तब भुगतान करेंगी जब दावा सकल प्रीमियम के 60 से 130 प्रतिशत के बीच होगा। मान लीजिए कि दावा, सकल प्रीमियम के 60 प्रतिशत से कम का है, तो इसे सरकार द्वारा भुगतान किया जायेगा। अगर यह दावा सकल प्रीमियम के 130 प्रतिशत से ऊपर राशि के लिए है तो सरकार बीमा कंपनियों के जरिये दावा राशि का भुगतान करेगी। सूत्रों ने कहा कि तीसरा मॉडल कप और कैप मॉडल (80:110) का सुझाव दिया गया है जो ऊपर जैसा ही है। लेकिन यदि यह दावा सकल प्रीमियम के 80 से 110 प्रतिशत के बीच का है, तो बीमा कंपनियां दावों को मंजूरी दे देंगी। सूत्रों ने कहा कि यह मॉडल मौजूदा समय में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लागू किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार कार्यदल ने फसल नुकसान के त्वरित आकलन और किसानों के दावों के शीघ्र भुगतान के लिए ड्रोन जैसी नवीनतम तकनीक के इस्तेमाल का भी सुझाव दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020-21 में दावा अनुपात सकल प्रीमियम का 62.3 प्रतिशत रहा। रिपोर्ट किए गए दावे 19,022 करोड़ रुपये के लिए थे, जिसमें से अब तक 17,676 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। आंकड़ों से पता चलता है कि फसल वर्ष 2022-23 के दौरान पीएमएफबीवाई के तहत दावे 9,867 करोड़ रुपये के लिए थे, जिसमें से अबतक 8793 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने खाद्य तेल आयात पर रियायती सीमा शुल्क को मार्च, 2023 तक और छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। इस कदम का उद्देश्य खाद्य तेलों की घरेलू आपूर्ति को बढ़ाना और कीमतों को नियंत्रण में रखना है। एक अधिसूचना में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि निर्दिष्ट खाद्य तेलों पर मौजूदा रियायती आयात शुल्क की समयसीमा को 31 मार्च, 2023 तक बढ़ाया जाएगा। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कहा, ‘‘कच्चे पाम तेल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल, रिफाइंड सोयाबीन तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर मौजूदा शुल्क संरचना 31 मार्च, 2023 तक अपरिवर्तित रहेगी।'' फिलहाल कच्चा पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल किस्मों पर आयात शुल्क शून्य है। हालांकि, पांच प्रतिशत के कृषि उपकर और 10 प्रतिशत के सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए इन तीन खाद्य तेलों की कच्ची किस्मों पर प्रभावी शुल्क 5.5 प्रतिशत है। पामोलिन और पाम तेल की रिफाइंड किस्मों पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत है, जबकि सामाजिक कल्याण उपकर 10 प्रतिशत है। अतः प्रभावी शुल्क 13.75 प्रतिशत बनता है। रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर मूल सीमा शुल्क 17.5 प्रतिशत है और 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए प्रभावी शुल्क 19.25 प्रतिशत बैठता है। एसईए के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि सरकार ने उपभोक्ता हित में रियायती शुल्क की समयसीमा को मार्च तक बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सोयाबीन जैसी खरीफ तिलहन की फसल घरेलू बाजार में आने के बाद सरकार को अक्टूबर में शुल्क ढांचे पर फिर से विचार करने की जरूरत होगी। मेहता ने कहा कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण खाद्य तेल कीमतों में गिरावट का रुख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘किसान अपनी तिलहन फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम से कम 15-20 प्रतिशत अधिक मूल्य पाना चाहते हैं। इसलिए यदि थोक मूल्य एमएसपी से नीचे जाते हैं या एमएसपी के आसपास रहते हैं तो सरकार को खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।'' वैश्विक बाजार में खाद्य तेल कीमतों में गिरावट और आयात शुल्क कम होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में काफी कमी आई है। हालांकि, आम आदमी के लिए कीमतें अब भी अधिक हैं। पिछले कुछ महीनों में खाद्य मंत्रालय ने खाद्य तेल कंपनियों को वैश्विक कीमतों में गिरावट का लाभ घरेलू उपभोक्ताओं को देने का निर्देश दिया था। उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, एक सितंबर की स्थिति के अनुसार, मूंगफली तेल का औसत खुदरा मूल्य 188.04 रुपये प्रति किलोग्राम, सरसों का तेल 172.66 रुपये प्रति किलोग्राम, वनस्पति 152.52 रुपये प्रति किलोग्राम, सोयाबीन तेल 156 रुपये प्रति किलोग्राम, सूरजमुखी तेल 176.45 रुपये प्रति किग्रा और पाम तेल 132.94 रुपये प्रति किग्रा है। पिछले साल भर में खाद्य तेल की कीमतों के उच्चस्तर पर बने रहने के साथ, सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई मौकों पर पाम तेल पर आयात शुल्क में कटौती की थी। चूंकि भारत अपनी खाद्य तेल की आवश्यकता का 60 प्रतिशत से अधिक आयात करता है, ऐसे में वैश्विक बाजार के अनुरूप पिछले कुछ महीनों में खुदरा कीमतें दबाव में आ गईं। अक्टूबर को समाप्त होने वाले तेल विपणन वर्ष 2020-21 में भारत ने 1.17 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया।
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नयी दिल्ली. बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय परिसंचरण क्षेत्र बनने के संकेत मिलने के बाद मौसम वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि उत्तर प्रदेश एवं बिहार के उन हिस्सों में मानसून के लौटने से पहले अभी और वर्षा हो सकती है जिनमें इस मौसम में अभी तक पर्याप्त वर्षा नहीं हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में दक्षिणपूर्व मानसून के शीघ लौट जाने के पिछले सप्ताह के अनुमान को खारिज कर दिया तथा मौसम की वर्षा अधिक समय तक होने की घोषणा की। महापात्रा ने कहा, ‘‘ वैसे तो हमें दक्षिणपश्चिम मानसून के शीघ्र वापसी की उम्मीद थी लेकिन पश्चिम मध्य तथा उसके निकटवर्ती बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम हिस्से के ऊपर बना चक्रवातीय परिसंचरण मानसून को सात सितंबर के आसपास दक्षिण की ओर धकेलेगा। इससे मध्य और उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा में वृद्धि होगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘ अत: मानसून की शीघ्र वापसी के लिए अनुकूल स्थितियां नहीं हैं। '' उन्होंने कहा कि मौसम विभाग स्थिति पर नजर बनाये रखेगा। मौसम विभाग ने 25 अगस्त को दक्षिणपश्चिम मानसून की शीघ्र वापसी का अनुमान व्यक्त किया था जबकि उसका निर्धारित समय 17 सितंबर है। भारत में इस मानसून में छह प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मणिपुर, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के व्यापक हिस्से में कम वर्षा होने की सूचना है जिससे इस खरीफ मौसम में धान की फसल पर बुरा असर पड़ा है। महापात्रा ने कहा कि सितंबर में वर्षा में संभावित वृद्धि से पश्चिम और दक्षिण उत्तर प्रदेश तथा उत्तर-पश्चिोत्तर बिहार के कई हिस्सों में बारिश में कमी की भरपाई में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सितंबर में औसत वर्षा 109 प्रतिशत रहने की संभावना है, इस माह के लिए दीर्घावधि औसत वर्षा 167.9 मिलीमीटर है। महापात्रा ने कहा, ‘‘ पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों तथा पूर्व एवं पश्चिमोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य और सामान्य से अधिक वर्षा रहने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों तथा पूर्व एवं पश्चिमोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा की संभावना है।'' उन्होंने कहा कि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।
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कोच्चि(केरल). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को ‘‘आदि शंकर जन्म भूमि क्षेत्रम'' में प्रार्थना की, जो केरल के एर्णाकुलम जिला स्थित कलाडी गांव में आदि शंकराचार्य की जन्म स्थली है। केरल की दो दिनों की यात्रा पर आए मोदी की कलाडी स्थित मंदिर के पदाधिकारियों ने अगवानी की, जहां प्रधानमंत्री ने 45 मिनट बिताये और पूजा अर्चना की। मोदी ने मंदिर में प्रार्थना की। इससे पहले, उन्होंने नेदुम्बासरी में कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के पास एक जनसभा को संबोधित करते हुए भारत के इन दार्शनिक संत के योगदान को याद किया और कहा कि आदि शंकर की धरोहर को श्री नारायण गुरु, चट्टम्पी स्वामीकल और अय्यंकाली जैसे कई संत एवं समाज सुधारक केरल से बाहर ले गये। आदि शंकर अपने ‘अद्वैत' दर्शन को लेकर जाने जाते हैं।
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गुरुग्राम. हरियाणा में गुरुग्राम के सदर बाज़ार इलाके में हथियारबंद हमलावरों ने दिन दहाड़े भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक स्थानीय नेता की बृहस्पतिवार को गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि मृतक के बेटे ने एक रिश्तेदार और उसके साथियों पर अपने पिता की हत्या करने का आरोप लगाया गया है। मृतक के बेटे सोहना बाज़ार समिति के उपाध्यक्ष हैं। पुलिस के मुताबिक, ‘रैमंड शोरूम' में लगे सीसीटीवी कमरों में हमलावरों की तस्वीरें कैद हो गई हैं। इसी शोरूम में हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। फुटेज में दिख रहा है कि भाजपा नेता की हत्या करने के बाद पांच हमलावर शोरूम से बाहर जा रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि चार हमलावरों ने मास्क लगाया हुआ था जबकि पांचवां शख्स तौलिए से अपना चेहरा छुपा रहा था। पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान सुखबीर खटाना उर्फ सुखी के तौर पर हुई है जो रिठोज गांव के रहने वाले थे। खटाना के साथ शोरूम में मौजूद राजेंद्र ने एक न्यूज़ एजेंसी को बताया, “ सुखबीर ने कुछ कपड़े खरीदे और कार्ड के जरिए भुगतान किया। इसी दौरान चार-पांच हथियारबंद बदमाश शोरूम में घुसे और सुखबीर पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी।” उन्होंने बताया, “ कई गोलियां मारने के बाद, आरोपी भाग गए।”
गंभीर रूप से घायल खटाना को पास के आरवी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पश्चिमी गुरुग्राम के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) दीपक सहराण के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम ने मौके का मुआयना किया। उनके साथ फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की टीम भी थी। सूत्रों ने बताया कि खटाना हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी थे और सोहना से जिला परिषद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। उनके फेसबुक अकाउंट के मुताबिक, खटाना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता थे। हत्या से तीन घंटे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पेज पर अपनी ‘प्रोफाइल पिक्चर' अपडेट की थी। खटाना के बेटे अनुराग ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि खटाना के करीबी रिश्तेदार ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनके पिता की गोली मारकर हत्या की है। इस मामले में सिविल लाइंस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) और सशस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम शुक्रवार को कराया जाएगा।
सहराण ने कहा, 'हमने कई दल गठित किए हैं जिसमें अपराध ईकाई की टीम भी शामिल है जो आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। उन्होंने कहा, "ज्यादातर आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। -
सागर (मप्र). मध्य प्रदेश के सागर शहर में पिछले 72 घंटों में अलग-अलग घटनाओं में तीन चौकीदारों की हत्या कर दी गई, जिससे यहां दहशत फैल गई है। हत्याओं के तरीके से एक ही व्यक्ति द्वारा घटनाओं को अंजाम दिए जाने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है, लेकिन सागर पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह जांच का विषय है और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। पुलिस ने संदिग्ध हत्यारे का स्केच भी जारी किया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह कुशवाहा ने बताया कि कैंट थाना क्षेत्र में 28-29 अगस्त की दरमियानी रात एक कारखाने में तैनात चौकीदार कल्याण लोधी (50) की सिर पर हथौड़ा मारकर हत्या कर दी गई, जबकि दूसरी घटना में सिविल लाइन थाना क्षेत्र में 29-30 अगस्त की दरमियानी रात कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में ड्यूटी पर तैनात एक अन्य चौकीदार शंभू नारायण दुबे (60) की सिर पर पत्थर मार कर हत्या कर दी गई। उन्होंने बताया कि तीसरी घटना में मोती नगर थाना इलाके में 30-31 अगस्त की दरमियानी रात अज्ञात आरोपी ने एक मकान की रखवाली करने वाले मंगल अहिरवार के सिर पर प्रहार कर हत्या कर दी। कुशवाहा ने कहा कि घटनाक्रम की अवधि व तरीका किसी एक व्यक्ति की संलिप्तता का संकेत देता है, लेकिन आरोपी एक से ज्यादा या अलग अलग भी हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने संदिग्ध हत्यारे का स्केच जारी किया है और उम्मीद है कि उसे जल्द पकड़ लिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक तरुण नायक ने कहा कि कैंट और सिविल लाइन थाना क्षेत्रों में हुई हत्याएं एक जैसी प्रकृति की थीं और ऐसा प्रतीत होता है कि घटना को एक ही व्यक्ति ने अंजाम दिया होगा। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और जुटाए गए वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर पुलिस हत्यारे को पकड़ने के लिए काम कर रही है। नायक ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि अपराधी 'साइको या सीरियल किलर' है।
उन्होंने बताया कि पुलिस को अपराधी के बारे में कुछ ठोस सुराग मिले हैं और उसे पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। वर्ष 2018 में पुलिस ने एक दशक में 34 ट्रक चालकों और परिचालकों की हत्या के आरोप में मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के मंडीदीप से आदेश खामरा को गिरफ्तार किया था। सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) बिट्टू शर्मा ने बताया कि आरोपी खामरा फिलहाल राज्य की राजधानी भोपाल की जेल में बंद है और मामले की सुनवाई चल रही है। इसी बीच, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में मीडिया से कहा, ‘‘हमने घटना का संज्ञान लिया है। पुलिस अलर्ट मोड पर है। इसके अलावा, रात्रि गश्त पर तैनात चौकीदारों को भी सतर्क किया गया है। पूरे सागर शहर से सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज में एक-दो जगह एक व्यक्ति मौके से भागता नजर आ रहा है। बहुत जल्द हम इन घटनाओं के निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।'' मिश्रा ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इन घटनाओं के पीछे एक ही व्यक्ति का हाथ है, लेकिन जब तक पुलिस उसे पकड़ नहीं लेती, तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है क्योंकि इससे भ्रम की स्थिति पैदा होगी।
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- - पणजी। निश नितेश नाइक अभी सिर्फ दो साल के हैं, लेकिन उनकी दिनचर्या में गोवा में उनके गांव के एक मंदिर में नियमित रूप से जाना शामिल है, जहां वह और अन्य बच्चे मिट्टी के बर्तन से बनने वाले वाद्ययंत्र ‘घूमत' को बजाना सीख रहे हैं। दक्षिण गोवा जिले के शिरोडा इलाके के तारवलेम गांव के ये बच्चे मोबाइल फोन गेम खेलने के बजाय, बुधवार से शुरू हुए 10 दिवसीय गणेश उत्सव के दौरान विशेष रूप से गाए जाने वाले भक्ति गीतों के लोक रूप ‘घूमत आरती' सीख रहे हैं। गांव के गायक और संगीतकार राहुल कृष्णानंद लोटलीकर ने इन बच्चों की संगीत प्रतिभा को निखारने और सम्मानित करने का बीड़ा उठाया है।ग्रामीण मयूर नाइक ने बताया कि कैसे लोटलीकर ने अन्य स्थानीय लोगों के सहयोग से बच्चों को मोबाइल फोन पर गेम खेलने और सोशल मीडिया मंच पर रील बनाने में व्यस्त होने के बजाय घूमत जैसे वाद्ययंत्र बजाने में रुचि पैदा की है। घूमत बजाना सीखने वाले बच्चों के समूह में मयूर का भतीजा निश सबसे छोटा है। मयूर ने कहा, ‘‘निश अभी दो साल का है। जब मैं घर पर बैठकर घूमत बजाता था तो उसने घूमत में दिलचस्पी दिखाई थी। इसलिए हमने उसे इन कक्षाओं से परिचित कराया और वह अब नियमित रूप से इसमें शमिल होता है।'' तारावले में रत्नदीप कल्चरल एंड स्पोर्ट्स क्लब इस मिशन में लोटलीकर को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। करीब 30 साल के लोटलीकर ने कहा ‘‘ मुझे याद है कि कैसे मैं बचपन में अन्य बच्चों के साथ घूमत आरती गाता था, लेकिन पिछले एक दशक में यह परंपरा बंद हो गई।'' उन्होंने कहा ‘‘दस साल पहले मैंने बच्चों का एक समूह बनाया जो घूमत आरती प्रतियोगिता में हिस्सा लेता था। लेकिन बड़े हो कर वह अन्य गतिविधियों में जुट गए। पांच छह साल बाद यह हालत हो गई कि गांव में किसी भी बच्चे ने घूमत आरती सीखने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।'' गांव के निवासी दीपक सावर्डेकर ने हाल ही में लोटलीकर से संपर्क कर बच्चों को घूमत आरती फिर से सिखाने का आयडिया दिया। लोटलीकर ने कहा ‘‘मैंने बच्चों को घूमत आरती सिखाना शुरू किया इस साल जून के दूसरे सप्ताह से। शुरू में केवल सात आठ बच्चे आए और आज 24 बच्चे घूमत आरती सीख रहे हैं। इनमें 12 लड़के और 12 लड़कियां हैं।'' लोटलीकर ने बताया कि वह उन लड़कियों को प्रेरित करते हैं जो स्कूल में समूह में गाती हैं।गांव की भरतनाट्यम शिक्षिका मानिला शिरोडकर ने बताया कि उनका 15 साल का बेटा समूह में घूमत वाद्य यंत्र बजा कर बहुत खुश होता है। उन्होंने कहा ‘‘दिन में स्कूल में वह संगीत की कक्षा में घूमत बजाता है और शाम को घूमत आरती की कक्षा में जाता है। इन बच्चों के लिए अब मोबाइल फोन पुरानी बात हो गई है। file photo
- नयी दिल्ली। भारत में कोविड-19 के 7,946 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,44,36,339 हो गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 62,748 रह गयी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के गुरुवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 37 और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,27,911 हो गयी है। मौत के इन मामलों में केरल द्वारा पुनर्मिलान किए गए 12 मामले भी शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.14 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 98.67 प्रतिशत हो गयी है। बीते 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,919 की कमी दर्ज की गयी है। गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को संक्रमण के मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
- लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद समेत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 16 वरिष्ठ अधिकारियों के दायित्वों में बदलाव कर दिया है। प्रसाद द्वारा हाल में विभाग में किए गए तबादलों पर स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने सवाल उठाए थे।राज्य सरकार द्वारा बुधवार देर रात जारी सूची के मुताबिक, अमित मोहन प्रसाद को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से हटाकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग और निर्यात प्रोत्साहन तथा खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। इस सूची में एक और प्रमुख नाम सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत कुमार सहगल का भी है, जिन्हें स्थानांतरित कर इसी पद पर खेलकूद विभाग में भेजा गया है। संजय प्रसाद की जिम्मेदारियों में कटौती करते हुए उनके पास मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, गृह, गोपन, वीजा पासपोर्ट तथा सतर्कता विभाग की जिम्मेदारियां रखी गई है, जबकि उनसे धर्मार्थ कार्य ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग तथा यूपीडा उपशा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा कारागार महानिदेशक की जिम्मेदारियां वापस ले ली गई हैं। समाज कल्याण अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ विभाग के प्रमुख सचिव हिमांशु कुमार को ग्राम्य विकास एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है। तैनाती की प्रतीक्षा कर रहे पार्थसारथी सेन शर्मा को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पद पर भेजा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव डॉक्टर हरिओम को समाज कल्याण विभाग का प्रमुख सचिव तथा जनजाति विकास का निदेशक नियुक्त किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग को अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता को इसी पद पर ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग में भेजा गया है। उनके स्थान पर खेलकूद एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी को नयी तैनाती दी गई है। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं पर्यटन महानिदेशक मुकेश कुमार मेश्राम को वर्तमान पद के साथ धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स तथा एनआरआई विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार को वर्तमान पद के साथ यूपीडा तथा उपशा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह को इसी पद पर कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं विभाग में नई तैनाती दी गई है। कृषि उत्पादन आयुक्त और ग्रामीण विकास विभाग तथा पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी लेकर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। राजस्व परिषद मुख्यालय के सदस्य सुधीर महादेव बोबडे को उच्च शिक्षा विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार को वर्तमान पद के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला को इसी पद पर आयुष विभाग में नई तैनाती दी गई है।
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नयी दिल्ली. मध्य दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में बुधवार तड़के पुलिस की वर्दी पहने एक शख्स समेत चार लोगों ने दो व्यक्तियों की आंखों में मिर्ची पाउडर डाल कर करीब दो करोड़ रुपये के गहने कथित रूप से लूट लिये। पुलिस ने बताया कि कूरियर सेवा का मालिक तड़के अपने एक साथी के साथ पहाडगंज में खड़ी अपनी गाड़ी के पास जा रहा था तभी यह वारदात हुई। पुलिस के अनुसार पहाड़गंज थाने को सुबह चार बजकर करीब 49 मिनट पर घटना की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि आभूषणों को पहुंचाने की कूरियर सेवा चलाने वाले इस शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पहाड़गंज में चार लोगों ने उसके साथ लूटपाट की। पुलिस के मुताबिक, एक आरोपी पुलिस की वर्दी पहना हुआ था। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि चार व्यक्तियों ने यह कहते हुए उससे और उसके साथी से रुकने को कहा कि वे यह जांच करना चाहते थे कि दोनों क्या ले जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके बाद आरोपियों ने उनकी आंखों में मिर्ची पाउडर झोंक दिया और वे उनके दो बैग लेकर चंपत हो गए जिनमें ज़ेवरात थे और इन बैगों को चंडीगढ़ और लुधियाना ले जाना था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लूटे गए आभूषणों की कीमत करीब दो करोड़ रुपये आंकी गई है और सटीक मूल्य का पता लगाया जा रहा है। उनके अनुसार इस तरह के खेप मुंबई, अहमदाबाद, सूरत आदि जैसे अलग-अलग स्थानों से आते हैं। मध्य दिल्ली की पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) श्वेता चौहान ने कहा, “भारतीय दंड संहिता की धाराओं 392 (लूट), 34 (साझा इरादा) और 506 (धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। हमें अहम सुराग मिले हैं और जांच जारी है।” पुलिस ने कहा कि मौका-ए-वारदात के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद सीमा मौजूदा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने को मंजूरी दी। आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में इस्तेमाल के लिए बफर स्टॉक से रियायती दरों पर 15 लाख टन चना जारी करने की मंजूरी भी दी गई। कृषि मंत्रालय की मूल्य समर्थन योजना उस समय परिचालन में आती है जब कृषि उपज का मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ जाता है। दूसरी तरफ, खाद्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले कीमत स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के अंतर्गत जिंसों की खरीद बाजार मूल्य पर की जाती है। बयान के अनुसार, ‘‘सीसीईए ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद सीमा मौजूदा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने को मंजूरी दी।'' इसके साथ सीसीईए ने मूल्य समर्थन योजना तथा कीमत स्थिरीकरण कोष के तहत खरीदे गये विभिन्न दालों के भंडार में से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को रियायती दरों पर 15 लाख टन चना जारी करने का निर्णय किया। राज्यों को ‘पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर स्रोत वाले राज्यों के निर्गम मूल्य पर आठ रुपये प्रति किलो की छूट के साथ 15 लाख टन चना उठाने की पेशकश की जाएगी। बयान के अनुसार, सरकार इस योजना के क्रियान्वयन पर 1,200 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
राज्यों को इस चने का उपयोग मध्याह्न भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम (आईसीडीपी) जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में करने की जरूरत होगी। सरकार ने कहा, ‘‘यह एकबारगी व्यवस्था 12 महीने की अवधि के लिये या चने के 15 लाख टन के भंडार के पूर्ण निपटान तक, जो भी पहले हो, तक के लिये होगी।'' बयान के अनुसार, चने के निपटान से गोदामों में दूसरे अनाज के लिये जगह उपलब्ध होगी। आने वाले रबी मौसम में पीएसएस के तहत खरीदे गये ताजा भंडार के लिये जगह की जरूरत पड़ेगी। उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में खासकर पिछले तीन साल में देश में चने का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है।
पीएसएस के तहत केंद्र ने फसल वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के रबी मौसम के दौरान चने की रिकॉर्ड खरीद की है। इससे सरकार के पास पीएसएस और पीएसएफ के तहत 30.55 लाख टन चना उपलब्ध है। सरकार के अनुसार, आने वाले रबी मौसम में भी सरकार चना उत्पादन अच्छा रहने की उम्मीद कर रही है। -
दमोह. मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एंबुलेंस नहीं मिलने पर गर्भवती पत्नी को हाथ ठेले पर लेकर उसका पति अस्पताल पहुंचा। घटना की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने मामले की जांच शुरु कर दी है।
घटना दमोह जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्नेह गांव में मंगलवार की है। सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो सार्वजनिक हुआ है जिसमें कैलाश अहिलवाल अपनी पत्नी को ठेले पर अस्पताल ले जाता दिखाई दे रहा है। अहिलवाल ने कहा कि मंगलवार को उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी तो उन्होंने सरकारी एंबुलेंस सेवा को फोन किया लेकिन दो घंटे तक कोई एंबुलेंस नहीं आई,जिसके बाद उन्होंने पत्नी को ठेले पर बिठाया और स्थानीय आरोग्य केंद्र ले गया जहां कोई डॉक्टर या नर्स मौजूद नहीं थी। हट्टा ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारी आर पी कोरी ने कहा कि उन्हें वीडियो मिला है और इसकी जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा कि संबंधित कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जाएगा कि गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया क्यों नहीं कराई गई। कोरी कहा कि बाद में महिला को सरकारी एंबुलेंस में हट्टा ले जाया गया जहां उचित इलाज नहीं मिलने पर उसे दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, अब वह चिकित्सकीय देखरेख में है। -
गोंडा (उत्तर प्रदेश). गोंडा जिले के खोंडारे क्षेत्र में आपसी विवाद के लेकर एक दम्पति ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। मनकापुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी संजय तलवार ने बुधवार को बताया कि जिले के खोंडारे थाना क्षेत्र में स्थित मकोइया इलाके के निवासी चंद्रभान सिंह ने आज सुबह स्थानीय पुलिस को सूचना दी कि उसके पौत्र संजीव सिंह (45) और पौत्रवधु वंदना सिंह (42) ने आत्महत्या कर ली है। संजीव का शव कमरे की छत पर पंखे से बंधे फांसी के फंदे पर लटका पाया गया, जबकि वंदना का शव फर्श पर मिला। उन्होंने बताया कि चंद्रभान का कहना है कि संजीव और वंदना मंगलवार रात खाना खाकर घर की दूसरी मंजिल पर बने अपने कमरे में चले गये थे। रात में दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ, जिसके बाद दोनों ने आत्महत्या कर ली। तलवार ने बताया कि वंदना जिले के बभनान स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कर्मचारी थी। परिजन का कहना है कि संजीव शराब का आदी था। उन्होंने बताया कि सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा करवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच की जा रही है। -
जम्मू. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रियासी जिले के त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णोदेवी मंदिर के तीर्थयात्रियों के लिए बुधवार को रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) प्रणाली की शुरुआत की। आरएफआईडी प्रणाली नये साल के दिन इस धर्मस्थल पर भगदड़ मचने के बाद तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मंजूर की कई नयी परियोजनाओं का हिस्सा है। इस भगदड़ में 12 लोगों की जान गयी थी तथा 16 अन्य घायल हो गये थे। सिन्हा ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के 37 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा कि आरएफआईडी से यात्रियों तक आसानी से पहुंच बनी रहेगी और उन्हें कम से कम असुविधा होगी । उन्होंने कहा कि ‘स्काई वाक' का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। -
भोपाल. मध्य प्रदेश के खरगोन और दमोह जिलों में बुधवार को हुए दो अलग-अलग सड़क हादसों में दो दंपति समेत चार लोगों की मौत हो गयी। खरगोन जिले में अनुविभागीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि बलवाड़ा थाना क्षेत्र के ओखला में एक तेज रफ्तार ट्रक के पलटने से घर के बाहर बैठे 60 वर्षीय एक व्यक्ति और 55 साल की उनकी पत्नी की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शिवकुमार सिंह ने बताया कि दमोह जिले के मांडियाडो थाना क्षेत्र के कुआ चौराहा में सुबह ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आने से 55 वर्षीय एक व्यक्ति और उसकी पत्नी की मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि ईंट ले जा रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली पर बैठी तीन महिलाएं हादसे में घायल हो गईं। उन्होंने बताया कि चालक मौके से फरार हो गया।

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