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- बांदा/प्रतापगढ/ उत्तर प्रदेश के बांदा और प्रतापगढ़ जिलों में शनिवार को सड़क हादसों में चार युवकों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार बांदा जिले की देहात कोतवाली क्षेत्र के करहिया गांव के मोड़ के पास शनिवार को एक तेज रफ्तार डीसीएम (छोटा ट्रक) ने साइकिल सवार दो युवकों को कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। देहात कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अनूप दुबे ने बताया कि शनिवार दोपहर करहिया गांव के मोड़ के पास कानपुर से मिर्च लादकर महाराष्ट्र जा रहे एक तेज रफ्तार वाहन ने एक ही साइकिल पर सवार दो युवकों नंदकिशोर कोरी (25) और समर सिंह (18) को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि वाहन मालिक दीपनारायण और चालक को पकड़ लिया गया है और दोनों युवकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। प्रतापगढ़ ज़िला मुख्यालय से पचास किलोमीटर दूर शनिवार की भोर में थाना आसपुर क्षेत्र के धरौली नहर के निकट बाइक के अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा जाने से दो युवकों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रतापगढ़ के अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) शैलेन्द्र लाल ने शनिवार को बताया कि हादसे में युवकों की पहचान राहुल गौतम (28) और अखिलेश गौतम (24) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि घायल युवक विशाल गौतम (18) को जौनपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह फैसला पाकिस्तान पर दबाव बनाएगा ताकि वह अपनी जमीन से संचालित आतंकी संगठनों पर सख्ती करे। अमेरिका ने यह कदम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को टीआरएफ को “विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO)” और “विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT)” घोषित किया। उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और पहलगाम हमले में न्याय की मांग को दर्शाता है।शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “मैं अमेरिकी विदेश विभाग के इस फैसले का स्वागत करता हूं कि उसने लश्कर के प्रतिनिधि संगठन टीआरएफ को आतंकवादी घोषित किया है। इससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा कि वह इन संगठनों की गतिविधियों को नियंत्रित करे।”थरूर ने वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ अपनी बैठकों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा, “जब मैंने अमेरिका में निजी बातचीत में पूछा कि पाकिस्तान को अब भी आतंकी संगठनों को पनाह देने की छूट क्यों दी जा रही है, तो बताया गया कि पाकिस्तान का कुछ हद तक अमेरिका के साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग है। उदाहरण के लिए, हाल ही में काबुल एयरपोर्ट हमले के आरोपी को पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपा है।”थरूर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की नीयत और गुणवत्ता पर भारत को संदेह है, क्योंकि उसका रवैया उन संगठनों के प्रति अलग होता है जो भारत के खिलाफ हैं और उन संगठनों के प्रति अलग जो अमेरिका के खिलाफ माने जाते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका का यह फैसला टीआरएफ को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में शामिल कराने की भारत की कोशिशों को भी मजबूत करेगा।इससे पहले , जब पहलगाम आतंकी हमला हुआ था, तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर संवेदना व्यक्त की थी और दोषियों को सजा दिलाने में अमेरिका का समर्थन जताया था।वहीं भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अमेरिका में हाल ही में हुई क्वाड बैठक और मार्को रुबियो के साथ बातचीत में टीआरएफ जैसे संगठनों के खिलाफ वैश्विक समन्वय की मांग उठाई थी। इसी कड़ी में, शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने जून में वाशिंगटन का दौरा किया था और अमेरिकी सांसदों को टीआरएफ की भूमिका और पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को दिए जा रहे समर्थन की जानकारी दी थी। टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया जाना भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयास का हिस्सा है। यह उन देशों और संगठनों को जवाबदेह ठहराने की दिशा में एक बड़ा कदम है जो आतंकवाद को समर्थन देते हैं।
- नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में शनिवार को रुद्रपुर में आयोजित, उत्तराखंड निवेश उत्सव-2025 में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने, उत्तराखंड में दिसंबर 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद निवेश के रूप में हुए, एक लाख करोड़ रुपए की सफल ग्राउंडिंग का उत्सव मनाया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अटल जी देश की अर्थव्यवस्था को 11वें नंबर पर छोड़ गए थे, पीएम मोदी इसे चौथे नंबर पर ले आए हैं। अब 2027 में हम दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार के प्रयासों की भी जमकर तारीफ की और केंद्र सरकार से भरपूर सहायता का आश्वासन दिया।स्पोर्ट्स स्टेडियम रुद्रपुर में आयोजित, उत्तराखंड निवेश उत्सव – 2025 को संबोधित करते हुए, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वो जब भी चार धामों और गंगा यमुना की भूमि उत्तराखंड आते हैं तो नई चेतना लेकर लौटते हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने पूरी दुनिया को आध्यात्मिक ऊंचाई पर ले जाने का काम किया है। यहां की नदियां आधे भारत की पेयजल, सिंचाई की जरूरतों को पूरा करती हैं।गृह मंत्री अमित शाह ने दिसंबर 2023 में आयोजित उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के समापन समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि तब उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कहा था कि, राज्य सरकार का असल पराक्रम समिट में हुए तीन लाख 56 हजार करोड़ के एमओयू को धरातल पर उतारने का होगा, लेकिन अब उन्हें खुशी है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की टीम ने तमाम चुनौतियों के बावजूद, आज एक लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट धरातल पर उतार दिया है। इससे 81 हजार नए रोजगार सृजन का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही सहायक उद्योगों के जरिए भी ढाई लाख से अधिक नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद जगी है।उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड के दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में भी उद्योग लग रहे हैं। राज्य सरकार विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करते हुए, नीति में पारदर्शिता, क्रियान्वयन में तीव्रता और विजन में दूरदर्शिता के साथ विकास का नया खाका खींचने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उत्तराखंड के साथ ही झारखंड और छत्तीसगढ़ के रूप में तीन नए राज्य बनाने का काम किया। आज ये तीनों राज्य अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं। 2014 के बाद केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से उत्तराखंड में तो लगातार डबल इंजन की सरकार चल रही है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में विकास का खाका खींचते हुए हर क्षेत्र में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई दस साल में 60 प्रतिशत बढ़ी है, इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में आठ लाख किमी सड़कें बनी हैं। 333 जिलों में सुविधाजनक वंदे भारत ट्रेन पहुंच चुकी है। दस सालों में 45 हजार किमी रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया, 88 नए हवाई अड्डे बने साथ ही इनलैंड वाटर वे कारगो में 11 गुना बढ़ोतरी हुई है।उन्होंने कहा कि एक समय में कहा जाता था कि आधारभूत सुविधाएं विकसित करते हुए, देश के गरीबों का कल्याण संभव नहीं है। लेकिन पीएम मोदी ने इस मिथक को तोड़ते हुए 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर पहुंचा दिया है। मोदी सरकार गरीबों को पांच किलो मुफ्त अनाज देकर खाद्य सुरक्षा प्रदान कर रही है, साथ ही 55 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपए तक निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान कर रही है। इस दौरान 16 करोड़ घरों में पहली बार नल से जल पहुंचा, 12 करोड़ घरों में शौचालय, 13 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर की सुविधा प्रदान की गई। मोदी सरकार के कार्यकाल में तीन करोड़ घरों में पहली बार बिजली पहुंची, चार करोड़ लोगों को पक्के मकान दिए गए।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत की कल्पना की है, लेकिन विकसित उत्तराखंड के बिना विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है। देश के समग्र विकास के लिए, छोटे राज्यों सहित उत्तर पूर्व के राज्यों का विकास भी जरूरी है। इस पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। उत्तराखंड तो वैसे भी ज्योर्तिलिंग, शक्तीपीठ, पंचब्रदी, पंच केदार और पंच प्रयाग की भूमि है, इस राज्य का विकास कोई नहीं रोक सकता। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ दिन रात काम कर रही है। राज्य में वर्ष भर पर्यटक आएं, इसके लिए 360 डिग्री पर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं, यही कारण है कि जब कुछ लोगों ने ऑलवेदर रोड का विरोध किया तो केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी कर ऑलवेदर रोड को चार धामों तक पहुंचाने का काम किया। इसी तरह सरकार हेमकुंड साहिब के साथ ही केदारनाथ के लिए रोपवे परियोजना पर काम कर रही है।उन्होंने पुष्कर सिंह धामी सरकार के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा किस तरह इस छोटे से राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन, एमएसएमई, स्टार्टअप, फिल्म नीति सहित कई प्रयास किए गए, जिससे राज्य में निवेश का वातावरण बना है। आने वाले समय में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक उपचार और जैविक खेती उत्तराखंड के विकास का आधार बनेंगे।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में उत्तराखंड को साढ़े तीन गुना से अधिक एक लाख 86 हजार करोड़ रुपए प्रदान किए गए। इसके अलावा 31 हजार करोड़ सड़कों के लिए, चालीस हजार रेलवे प्रोजेक्ट के लिए, सौ करोड़ एयरपोर्ट के लिए प्रदान किए, इस तरह कुल केंद्रीय सहायता, पिछली सरकार के मुकाबले चार गुना अधिक हो जाती है। उन्होंने एक लाख करोड़ रुपए की सफल ग्राउंडिंग के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा करते हुए कहा कि शेष निवेश लक्ष्य को बिना थे जमीन पर उतारने का काम किया जाए, केंद्र सरकार इस काम में पूरा सहयोग देने को तैयार है।
- हैदराबाद. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पिछले 11 वर्षों में आठ गुना वृद्धि के साथ 40 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है। उन्होंने यह भी बताया कि घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़ गया है। आईआईटी हैदराबाद के 14वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, वैष्णव ने भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की तेज प्रगति का जिक्र भी किया, जिसके अगस्त या सितंबर 2027 तक चालू होने की उम्मीद है। वैष्णव ने कहा कि इस साल व्यावसायिक स्तर पर पहली भारत में बनी सेमीकंडक्टर चिप आएगी।उन्होंने भरोसा जताया कि भारत आने वाले वर्षों में दुनिया के शीर्ष पांच सेमीकंडक्टर उत्पादक देशों में एक बनने की राह पर है। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, ''महज 11 वर्षों में, हमने अपने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को छह गुना बढ़ा दिया है। यह दोहरे अंकों की वृद्धि है। हमने अपने निर्यात को आठ गुना बढ़ाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 40 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात को पार कर लिया है।'' उन्होंने कहा कि यह वृद्धि की अभूतपूर्व गति है, जो बहुत कम देशों ने पहले कभी देखी है।उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया और कहा कि लगभग साढ़े तीन वर्षों में, भारत एक संपूर्ण 4जी दूरसंचार स्टैक डिजाइन कर सकता है। आज, यह लगभग 90,000 दूरसंचार टावरों पर स्थापित है, जो दुनिया के कई देशों के नेटवर्क से भी अधिक है।
- भुवनेश्वर. ओडिशा के पुरी जिले में शनिवार को बदमाशों ने 15 वर्षीय लड़की को आग लगा दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि लड़की को गंभीर हालत में एम्स-भुवनेश्वर ले जाया गया है।उपमुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री प्रवती परीदा ने एक पोस्ट में घटना की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘मैं यह खबर सुनकर दुखी और स्तब्ध हूं कि पुरी जिले के बलंगा में कुछ बदमाशों ने सड़क पर 15 वर्षीय लड़की पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।'' उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लड़की को तुरंत एम्स भुवनेश्वर भेज दिया गया है और उसके इलाज की सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इलाज का सारा खर्च सरकार वहन करेगी। पुलिस प्रशासन को दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।'' प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बयाबर गांव में तीन बदमाशों ने एक लड़की को उस समय आग लगा दी जब वह अपनी सहेली के घर जा रही थी। घटना के बाद वे फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने आग बुझाकर लड़की को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस गांव पहुंच गई है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
- शिलांग. मेघालय के पूर्वी गारो हिल्स जिले के एक गांव में दिनदहाड़े एक स्कूली छात्रा की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना शुक्रवार को विलियमनगर के पास सामगोंग गांव में हुई।पुलिस ने कहा कि हमलावर की तलाश जारी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमलावर ने किशोरी पर कथित तौर पर धारदार हथियार से हमला किया। उन्होंने बताया कि हत्या के पीछे का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। अधिकारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए विलियमनगर सिविल अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने कहा, "जांच जारी है। पुलिस ने हमलावर के बारे में कोई भी जानकारी देने पर इनाम की भी घोषणा की है।"
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नयी दिल्ली. भारत और अमेरिका की टीमों ने प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए 17 जुलाई को वाशिंगटन में पांचवें दौर की वार्ता पूरी कर ली है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह वार्ता वाशिंगटन में चार दिन (14-17 जुलाई) तक चली। अधिकारी ने कहा, “भारतीय टीम वापस आ रही है।” भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल वार्ता दल का नेतृत्व कर रहे हैं। ये विचार-विमर्श इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दोनों पक्ष एक अगस्त से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं, जब भारत सहित दर्जनों देशों पर लगाए गए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क (26 प्रतिशत) की निलंबन अवधि का अंतिम दिन है। इस साल दो अप्रैल को, ट्रंप ने इन उच्च जवाबी शुल्कों की घोषणा की थी। उच्च शुल्कों के कार्यान्वयन को तुरंत 90 दिनों के लिए नौ जुलाई तक और फिर एक अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया था क्योंकि अमेरिका कई देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है। पांचवें दौर की वार्ता में कृषि और वाहन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। गैर-बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं और ‘स्कॉमेट' (विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी) से निपटने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। कृषि और डेयरी उत्पादों पर शुल्क में रियायत की अमेरिकी मांग पर भारत ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। कुछ किसान संगठनों ने सरकार से आग्रह किया है कि व्यापार समझौते में कृषि से जुड़े किसी भी मुद्दे को शामिल न किया जाए। भारत इस अतिरिक्त शुल्क (26 प्रतिशत) को हटाने की मांग कर रहा है। वह इस्पात और एल्युमीनियम (50 प्रतिशत) और वाहन (25 प्रतिशत) क्षेत्रों पर शुल्क में ढील की भी मांग कर रहा है। इनके विरुद्ध, भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के तहत प्रतिशोधात्मक शुल्क लगाने का अपना अधिकार सुरक्षित रखा है। प्रस्तावित व्यापार समझौते में देश श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे वस्त्र, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले के लिए शुल्क रियायत की भी मांग कर रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, वाहन, विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, कृषि वस्तुओं, डेयरी उत्पादों, सेब, मेवे और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मंगल पांडे की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और अंग्रेजी साम्राज्य को चुनौती देने में उनके साहस की सराहना की। मोदी ने कहा कि मंगल पांडे की वीरता की कहानी देश के लोगों के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगी।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘महान स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। वह ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती देने वाले देश के अग्रणी योद्धा थे। उनके साहस और पराक्रम की कहानी देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।'' ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल सेना में सैनिक रहे मंगल पांडेय का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में 19 जुलाई 1827 को हुआ था। उन्होंने 1857 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय सैनिकों के विद्रोह में अहम भूमिका निभाई थी। कई इतिहासकार 1857 के विद्रोह को भारत का ‘‘पहला स्वतंत्रता संग्राम'' मानते हैं।
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प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुक्रवार रात तेज रफ्तार एक कार ने फ्लाईओवर के नीचे सो रही तीन महिलाओं को कुचल दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सिविल लाइंस थानाक्षेत्र में आंबेडकर चौराहे के पास हुई इस दुर्घटना में एक महिला की मौत हो गई जबकि दो अन्य महिलाएं घायल हो गईं। सहायक पुलिस आयुक्त (सिविल लाइंस) श्यामजीत प्रमिल सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात आंबेडकर चौराहे के पास तेज रफ्तार एक अनियंत्रित कार ने तीन महिलाओं को कुचल दिया। उन्होंने बताया कि घायल महिलाओं को एसआरएन में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि मृतका की पहचान चमोली देवी (65) के रूप में हुई है।
सिंह ने बताया कि चालक कार छोड़कर मौके से फरार हो गया और उसे गिरफ्तार करने के लिए दो टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कर कार को जब्त कर लिया गया। -
जम्मू. दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन के लिए 1,499 महिलाओं और 441 बच्चों सहित 6,365 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था शनिवार को भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि 135 साधुओं और साध्वियों सहित तीर्थयात्री आज तड़के कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अलग-अलग काफिलों में अनंतनाग के नुनवान-पहलगाम और गांदरबल के बालटाल आधार शिविरों के लिए रवाना हुए। अधिकारियों ने बताया कि 3,514 तीर्थयात्री 119 वाहनों के काफिले में पहलगाम के लिए रवाना हुए, जबकि 92 वाहनों में यात्रा कर रहे 2,851 तीर्थयात्री बालटाल मार्ग से रवाना हुए। अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय वार्षिक यात्रा तीन जुलाई को दोनों मार्गों से शुरू हुई थी और नौ अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। अब तक 2.75 लाख से अधिक तीर्थयात्री इस मंदिर में दर्शन कर चुके हैं।
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नई दिल्ली।इस वर्ष शांति और सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा जारी है। 3 जुलाई को शुरू हुई इस यात्रा में अब तक 2.73 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं। वहीं आज शनिवार को जम्मू के भगवती नगर से 6,365 श्रद्धालुओं का नया जत्था दो काफिलों में रवाना हुआ। पहले काफिले में 92 वाहन सुबह 3:25 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए, जिनमें 2,851 यात्री थे, जबकि दूसरा काफिला 119 वाहनों के साथ सुबह 3:53 बजे पहलगाम बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, जिसमें 3,514 यात्री सवार थे।
इस बीच, 10 जुलाई को ‘छड़ी मुबारक’ (भगवान शिव की पवित्र गदा) का भूमि पूजन पहलगाम के गौरी शंकर मंदिर में हुआ। यह छड़ी श्रीनगर स्थित दशमी अखाड़ा भवन से महंत स्वामी दीपेन्द्र गिरि की अगुवाई में साधुओं के समूह द्वारा पहलगाम लाई गई थी और पूजन के बाद फिर वापस श्रीनगर के दशमी अखाड़ा भवन में रख दी गई। अब छड़ी मुबारक 4 अगस्त को श्रीनगर के दशमी अखाड़ा मंदिर से पवित्र गुफा की ओर अंतिम यात्रा पर रवाना होगी और 9 अगस्त को बाबा बर्फानी की गुफा में पहुंचेगी, जिससे यात्रा का औपचारिक समापन होगा। यह दिन श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के पावन पर्व के साथ भी मेल खाता है।पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ 180 अतिरिक्त कंपनियां केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनात की गई हैं। पवित्र गुफा, जो समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं-पारंपरिक पहलगाम मार्ग और छोटा बालटाल मार्ग। पहलगाम से यात्रा करने वाले श्रद्धालु चंदनवारी, शेषनाग और पंचतरिणी होते हुए लगभग 46 किलोमीटर की पदयात्रा कर चार दिनों में गुफा तक पहुंचते हैं। वहीं बालटाल मार्ग से श्रद्धालु 14 किलोमीटर का रास्ता तय कर उसी दिन दर्शन कर वापस लौट सकते हैं।इस साल सुरक्षा कारणों के चलते हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है। पवित्र गुफा में एक बर्फ से बनी शिवलिंग जैसी आकृति बनती है, जिसे श्रद्धालु भगवान शिव की दिव्य शक्ति का प्रतीक मानते हैं। यह आकृति चंद्रमा के घटने-बढ़ने के अनुसार आकार बदलती रहती है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘युवा आध्यात्मिक सम्मेलन’ को नशा मुक्त भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने इस सम्मेलन पर आधारित एक लेख को साझा करते हुए इस मुहिम में युवाओं की भागीदारी को जमकर सराहा। यह सम्मेलन ‘माय भारत’ (MY Bharat) पहल के तहत काशी के पावन घाटों पर आयोजित किया गया, जिसका विषय था “विकसित भारत के लिए नशा मुक्त युवा”। यह आयोजन मोदी सरकार की नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत हुआ, जिसका उद्देश्य युवाओं की अगुवाई में देश को नशे की लत से मुक्त बनाना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “डॉ. @mansukhmandviya इस बात को विस्तार से बताते हैं कि युवा आध्यात्मिक सम्मेलन कैसे नशा मुक्त भारत के निर्माण में एक बड़ा कदम है। इसे जरूर पढ़ें!”डॉ. मांडविया ने अपने पोस्ट में कहा है कि यह सम्मेलन केवल एक आध्यात्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि नशे के खिलाफ एक राष्ट्रीय युवा आंदोलन की शुरुआत है। उन्होंने लिखा, “यह एक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए आध्यात्मिक जागरण है। भारत के युवा अब नशे की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए नेतृत्व कर रहे हैं।”इस सम्मेलन में देशभर से आए युवा नेता, आध्यात्मिक गुरु और सामाजिक प्रभावशाली व्यक्तित्व शामिल हुए। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिक जागरूकता और सामुदायिक सहयोग के जरिए नशा मुक्ति के व्यापक उपायों पर चर्चा की। सम्मेलन के दौरान कई जागरूकता सत्र, संकल्प कार्यक्रम और युवा केंद्रित अभियान शुरू किए गए, ताकि पूरे देश में एकजुटता और सामूहिक भागीदारी के जरिए नशा मुक्त भारत का संदेश फैलाया जा सके।- - नई दिल्ली। जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ राज्य में जनजातीय छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए साझेदारी की है। सीआईएल अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत छत्तीसगढ़ में 68 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) को सहयोग प्रदान करेगा, जिससे 28,000 से अधिक जनजातीय छात्र लाभान्वित होंगे। यह परियोजना राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी, जो मंत्रालय के अंतर्गत एक सेक्शन 8 कंपनी है।जनजातीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार ने अनुसूचित जनजाति के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए ईएमआरएस की स्थापना की है, जिससे वे उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों में अवसरों का लाभ उठा सकें और विभिन्न क्षेत्रों में लाभकारी रोजगार प्राप्त कर सकें। ईएमआरएस उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अलावा उनके पोषण, समग्र स्वास्थ्य एवं विकास का भी ध्यान रखता है। आज देश भर में 479 ईएमआरएस कार्यरत हैं।सीआईएल ने घोषणा की है कि वह जनजातीय मामलों के मंत्रालय को उसके कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहलों के तहत सहयोग देगा। उसने निम्नलिखित कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं-कंप्यूटर लैब की स्थापना करके डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगालगभग 3200 कंप्यूटर और 300 टैबलेट खरीदे जाएंगेछात्राओं की स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए स्कूलों और छात्रावासों में लगभग 1200 सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें और 1200 भस्मक लगाए जाएंगेछात्रों के लिए व्यापक मार्गदर्शन और छात्रों के लिए आवासीय उद्यमशीलता शिविर (आईआईटी/आईआईएम/एनआईटी में)इस व्यापक हस्तक्षेप के माध्यम से जनजातीय कार्य मंत्रालय और सीआईएल की योजना ईएमआरएस में आधुनिक और नवीन शिक्षण वातावरण सुनिश्चित करने और समाज के वंचित वर्ग के छात्रों को समान अवसर प्रदान करने की है।इस सहयोग का उद्देश्य डिजिटल शिक्षा, करियर की तैयारी और उद्यमशीलता की मानसिकता के माध्यम से आदिवासी युवाओं के लिए शैक्षिक अंतराल को पाटना और नए रास्ते खोलना है।यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत समाज के सभी वर्गों के लिए समान और समावेशी शैक्षिक अवसर सृजित करने के सरकार के व्यापक प्रयासों को दर्शाता है।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ‘21वें विश्व पुलिस एवं फायर खेल-2025’ में 613 पदक विजेताओं और भारतीय दल को नई दिल्ली में आयोजित अभिनन्दन समारोह को संबोधित किया। केन्द्रीय गृह मंत्री ने भारतीय दल को 613 मेडल जीतने पर प्रसन्नता करते हुए शानदार प्रदर्शन कर भारत को गौरवान्वित करने के लिए भारतीय पुलिस एवं अग्निशमन दल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अगला विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल भारत में होगा।अमित शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि अखिल भारतीय पुलिस बल नियंत्रण बोर्ड के अधीन सभी पुलिस बलों से कोई न कोई खिलाड़ी अगले विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल में अवश्य हिस्सा ले। हमारी हिस्सेदारी सर्वसमावेशी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी दलों को कम से कम तीन मेडल जीतने का लक्ष्य रखना चाहिए। ऐसा लक्ष्य रखने पर 613 मेडल जीतने का रिकॉर्ड स्वयं ही टूट जाएगा।केन्द्रीय गृह मंत्री ने 21वें विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल में भारतीय दल को 613 मेडल जीतने पर प्रसन्नता करते हुए शानदार प्रदर्शन कर भारत को गौरवान्वित करने के लिए भारतीय पुलिस एवं अग्निशमन दल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अगला विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल भारत में होगा। अमित शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि अखिल भारतीय पुलिस बल नियंत्रण बोर्ड के अधीन सभी पुलिस बलों से कोई न कोई खिलाड़ी अगले विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल में अवश्य हिस्सा ले। हमारी हिस्सेदारी सर्वसमावेशी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी दलों को कम से कम तीन मेडल जीतने का लक्ष्य रखना चाहिए। ऐसा लक्ष्य रखने पर 613 मेडल जीतने का रिकॉर्ड स्वयं ही टूट जाएगा।गृह मंत्री शाह ने कहा कि आज भारतीय दल को 4 करोड़ 38 लाख 85 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि पहले कभी पुलिस एवं अग्निशमन खेल को देश में बहुत महत्व नहीं दिया जाता था। लेकिन हिस्सेदारी की दृष्टि से यह ओलंपिक्स और राष्ट्रमंडल खेलों के बाद विश्व का सबसे बड़ा खेल आयोजन है। अमित शाह ने कहा कि इन खेलों में लगभग 10 हजार खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिसकी वजह से इन खेलों में देश का अच्छा प्रदर्शन 140 करोड़ देशवासियों के लिए बहुत ही गर्व की बात है।केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि विभिन्न पुलिस बलों के खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेकर अच्छा प्रदर्शन किया है, अब हमारा ध्यान 2029 के विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल पर होना चाहिए। गुजरात में वर्ष 2029 में आयोजित होने वाले ‘विश्व पुलिस एवं फायर खेल’ में अर्जुन की तरह ही एक लक्ष्य साधकर हर खिलाड़ी पदक जीतने के लिए आगे बढ़े। गृह मंत्री शाह ने कहा कि विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल 2025 में भारतीय दल के बहुत सारे सदस्यों ने मेडल जीते, लेकिन कई ऐसे भी हैं जिन्हें सफलता नहीं मिली।उन्होंने आगे कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी बात खेलना है, जीत और हार तो जीवन का नित्यक्रम है। जीत का लक्ष्य रखना एवं जीतने के लिए प्रयत्न करना हमारा स्वभाव होना चाहिए और जीतना हमारी आदत होनी चाहिए। जीतने की आदत से हम हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन की ओर बढ़ते हैं।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आगामी विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर और केवडिया में आयोजित किए जाएंगे।उन्होंने यह भी कहा कि खेल जीवन का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो बच्चा खेलता नहीं है वह हार से हताश हो जाता है और जो बच्चा हार कर जीत का संकल्प नहीं लेता, उसे जीतने की आदत नहीं पड़ती। सीखने की एक ही जगह है -मिट्टी, खेल का मैदान और खेल के मैदान से ही हार को स्वीकार करने की आदत और जीत को पाने का जुनून विकसित होता है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे हमारे युवाओं का यह स्वभाव बनना चाहिए।
- नई दिल्ली। बिहार के लोगों को अगस्त महीने से 125 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। बिहार मंत्रिमंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की शुक्रवार हुई बैठक में सिर्फ इसी एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।बताया गया कि बैठक में राज्य में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सभी घरेलू उपभोक्ताओं को जुलाई 2025 की खपत के आधार पर एक अगस्त से 125 यूनिट प्रति माह खपत तक शत-प्रतिशत अनुदान देने के लिए “मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना” के विस्तारीकरण के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अतिरिक्त 3797 करोड़ रुपये बिहार स्टेट पावर (हो०) कं० लि० को उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की गई।इसके साथ-साथ राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 1.1 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कुटीर ज्योति उपभोक्ताओं को पूर्ण वित्तीय सहायता एवं अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की भी स्वीकृति दी गई।उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दिन पूर्व ही प्रदेश में 125 यूनिट बिजली मुफ्त करने की घोषणा की थी। उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर इसकी जानकारी शेयर करते हुए लिखा था, “हमलोग शुरू से ही सस्ती दरों पर सभी को बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। अब हमने तय कर दिया है कि एक अगस्त, 2025 से यानी जुलाई माह के बिजली बिल से ही राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा। इससे राज्य के कुल 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को लाभ होगा।”उन्होंने आगे कहा कि हमने यह भी तय किया है कि अगले तीन वर्षों में इन सभी घरेलू उपभोक्ताओं से सहमति लेकर उनके घर की छतों पर अथवा नजदीकी सार्वजनिक स्थल पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर लाभ दिया जाएगा।
- नई दिल्ली। एक राइफल श्रेष्ठ राइफल’: अमेठी की असॉल्ट राइफल AK-203, दिसंबर 2025 तक बन जाएगी स्वदेशी ‘शेर’ भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में स्थित इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) दिसंबर 2025 तक AK-203 असॉल्ट राइफल का पूरी तरह स्वदेशी उत्पादन शुरू कर देगी। इस राइफल को भारतीय सेना में ‘शेर’ के नाम से जाना जाएगा, जो भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का एक मजबूत प्रतीक बनने जा रहा है।इस संबंध में मेजर जनरल एस. के. शर्मा, IRRPL के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक ने बताया, “पिछले डेढ़ साल में हमने भारतीय सेना को 48,000 AK-203 राइफलें सौंपी हैं। अगले छह महीनों में 70,000 और राइफलें सेना को दी जाएंगी। इसके बाद, हमारा लक्ष्य उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर प्रति वर्ष 1.5 लाख राइफलें करना है, ताकि 2030 तक भारतीय सेना को 6 लाख राइफलें उपलब्ध कराई जा सकें।”अमेठी के कोरवा में स्थापित IRRPL प्लांट, भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग का परिणाम है। यह संयुक्त उद्यम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के सहयोग से संचालित है। AK-203, जो विश्व प्रसिद्ध कलाश्निकोव राइफल का आधुनिक संस्करण है, अपनी विश्वसनीयता और कठिन परिस्थितियों में प्रदर्शन के लिए जानी जाती है। दिसंबर 2025 तक इस राइफल के सभी पुर्जे भारत में ही निर्मित होंगे, जिससे यह पूरी तरह स्वदेशी बन जाएगी।AK-203 राइफल भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है। यह 7.62×39 मिमी कैलिबर की राइफल है, जो उच्च सटीकता, लंबी रेंज, और कठिन परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन प्रदान करती है। यह राइफल भारतीय सेना की पुरानी INSAS राइफल को बदल देगी, जिससे सेना की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।AK-203 का स्वदेशी उत्पादन ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूत करने वाला कदम है। IRRPL की बढ़ती उत्पादन क्षमता न केवल भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि भविष्य में निर्यात की संभावनाएं भी खोलेगी। मेजर जनरल शर्मा ने कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल भारतीय सेना को सशक्त बनाना है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत को रक्षा उत्पादन का केंद्र बनाना भी है।”IRRPL ने 2030 तक 6 लाख AK-203 राइफलें भारतीय सेना को सौंपने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए उत्पादन सुविधाओं का विस्तार और तकनीकी उन्नयन किया जा रहा है। साथ ही, स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।उल्लेखनीय है कि अमेठी में AK-203 का स्वदेशीकरण भारत की रक्षा नीति में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल भारतीय सेना को विश्वस्तरीय हथियार प्रदान करेगा, बल्कि देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को वैश्विक मंच पर स्थापित करेगा। ‘शेर’ के रूप में जानी जाने वाली यह राइफल भारत की आत्मनिर्भरता और सैन्य ताकत का प्रतीक बनने के लिए तैयार है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिहार के मोतिहारी पहुंचे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में करीब 7,200 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से रेल, सड़क, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से जुड़ी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने बिहार में प्रमुख रेल परियोजनाओं में समस्तीपुर-बछवाड़ा लाइन पर स्वचालित सिग्नलिंग का उद्घाटन कियाप्रधानमंत्री ने बिहार में प्रमुख रेल परियोजनाओं में समस्तीपुर-बछवाड़ा लाइन पर स्वचालित सिग्नलिंग का उद्घाटन किया तथा पाटलिपुत्र में वंदे भारत रखरखाव सुविधा और दरभंगा-नरकटियागंज लाइन के दोहरीकरण सहित 4,080 करोड़ रुपए की रेल परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।पीएम मोदी ने राजेन्द्र नगर टर्मिनल (पटना) से नई दिल्ली, बापूधाम मोतिहारी से दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल), दरभंगा से लखनऊ (गोमती नगर), और मालदा टाउन से लखनऊ (गोमती नगर) के बीच भागलपुर के रास्ते चार नई अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर भी रवाना किया।एनएच-319 पर 4-लेन के आरा बाईपास की आधारशिला रखी, जो आरा-मोहनिया एनएच-319 और पटना-बक्सर एनएच-922 को जोड़ेगाइस क्रम में उन्होंने एनएच-319 पर 4-लेन के आरा बाईपास की आधारशिला रखी, जो आरा-मोहनिया एनएच-319 और पटना-बक्सर एनएच-922 को जोड़ेगा। उन्होंने 820 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले एनएच-319 के परारिया से मोहनिया तक 4-लेन वाले खंड का भी उद्घाटन किया।पीएम ने दरभंगा में नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया और पटना में एसटीपीआई की अत्याधुनिक इनक्यूबेशन सुविधा का उद्घाटन कियाइस दौरान उन्होंने दरभंगा में नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) और पटना में एसटीपीआई की अत्याधुनिक इनक्यूबेशन सुविधा का उद्घाटन किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने बिहार में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत मंजूर मत्स्य विकास परियोजनाओं की एक श्रृंखला का उद्घाटन किया।महिला-नेतृत्व वाले विकास पर विशेष ध्यान देते हुए 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया हैपीएम मोदी ने अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बिहार में लगभग 61,500 स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपए भी जारी किए। बता दें कि महिला-नेतृत्व वाले विकास पर विशेष ध्यान देते हुए 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है।मोतिहारी में प्रधानमंत्री ने 12,000 लाभार्थियों के गृह प्रवेश के तहत पांच लाभार्थियों को चाबियां भी सौंपी और प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के 40,000 लाभार्थियों को 160 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की।पीएम मोदी खुली गाड़ी पर सवार होकर लोगों के बीच से गुजरते हुए मंच तक पहुंचेइससे पहले, पीएम मोदी खुली गाड़ी पर सवार होकर लोगों के बीच से गुजरते हुए मंच तक पहुंचे। प्रधानमंत्री के अलावा गाड़ी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी उपस्थित रहे। इस दौरान पीएम मोदी पर पुष्प की वर्षा होती रही और सभा में मौजूद लोगों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए। पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया।( - नई दिल्ली। भारत सरकार के युवा और खेल मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को नई दिल्ली में ‘खेलो भारत कॉन्क्लेव’ को संबोधित किया। अपने संबोधन में मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “नई दिल्ली में ‘खेलो भारत कॉन्क्लेव 2025’ को संबोधित किया, जहां राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ), एथलीट, कोच, कॉर्पोरेट और सरकार भारतीय खेलों के भविष्य को आकार देने के लिए एक साथ आए।”केंद्रीय मंत्री मांडविया ने आगे लिखा, “मोदी सरकार ने हमेशा खेल विकास को बढ़ावा देते हुए खिलाड़ियों के कल्याण को प्राथमिकता दी है। साहसिक प्रशासनिक सुधारों से लेकर पदक जीतने की रूपरेखा तक, जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं की खोज से लेकर कॉर्पोरेट साझेदारी तक, भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है।”‘खेलो इंडिया’ केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य एथलेटिक टूर्नामेंटों और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं की खोज करना और देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जनवरी 2018 को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अखाड़े में ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ के पहले संस्करण का उद्घाटन किया था। खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत तीन प्रकार के आयोजन शुरू किए गए हैं। खेलो इंडिया स्कूल गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया शीतकालीन गेम्स।खेलो इंडिया स्कूल गेम्स को अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स के नाम से जाना जाता है। इसके अंतर्गत 22 खेल और पांच स्वदेशी खेल शामिल किए गए हैं। हर साल 1,000 बच्चों का चयन छात्रवृत्ति कार्यक्रम के लिए किया जाता है और उन्हें पदक विजेता बनने और जमीनी स्तर पर खेलों के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
- नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान चल रहा है। राज्य में अब तक 89.7 प्रतिशत गणना प्रपत्र एकत्र कर लिए गए हैं। अब सिर्फ 5.8 प्रतिशत मतदाता ही फॉर्म भरने के लिए बचे हैं। एसआईआर के लिए 8 दिन और बाकी हैं। बिहार के 7,89,69,844 मतदाताओं में से 7,08,18,162 यानी 89.7 प्रतिशत ईएफ एकत्र किए जा चुके हैं। अपलोड डिजिटल गणना प्रपत्र 6,70,59,222 या 84.9 प्रतिशत हैं। जहां 35,69,435 या 4.5 प्रतिशत मतदाता अपने पते पर नहीं मिले तो वहीं 12,55,620 या 1.59 प्रतिशत मृत वोटर पाए गए। स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की संख्या 17,37,336 या 2.2 प्रतिशत है।अब तक पहचाने गए एक से अधिक स्थानों पर नामांकित मतदाता 5,76,479 या 0.73 प्रतिशत हैं। अब सिर्फ 45,82,247 या 5.8 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र प्राप्त होने हैं। 89.7 प्रतिशत मौजूदा मतदाताओं ने 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची में शामिल होने के लिए अपना गणना फॉर्म जमा कर दिया है। कोई भी मतदाता ईसीआईनेट ऐप या वोटर्स डॉट ईसीआई डॉट गॉव डॉट इन पर अपने गणना फॉर्म की स्थिति भी देख सकता है। गणना फॉर्म उसी लिंक पर हिंदी में ऑनलाइन भी भरे जा सकते हैं।उन मतदाताओं का पुनः सत्यापन करने के लिए जो बीएलओ के तीन बार जाने के बाद भी अपने पते पर नहीं मिले हैं, उन मतदाताओं की जानकारी (जो मृत हैं, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए या कई स्थानों पर पंजीकृत हैं) राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बूथ स्तरीय एजेंटों के साथ साझा की जा रही है, ताकि 25 जुलाई से पहले ऐसे मतदाताओं की सटीक स्थिति की पुष्टि की जा सके।बिहार के सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के सभी 5,683 वार्डों में विशेष शिविर भी लगाए जा रहे हैं। बिहार से अस्थायी रूप से बाहर प्रवास करने वाले लोग भी अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके ईसीआईनेट ऐप या वोटर्स डॉट ईसीआई डॉट गॉव डॉट इन के माध्यम से ऑनलाइन गणना फॉर्म भर सकते हैं। वे पहले से भरे हुए गणना फॉर्म को डाउनलोड भी कर सकते हैं और भरे हुए फॉर्म को सीधे बीएलओ के साथ या अपने परिवार के माध्यम से व्हाट्सऐप या किसी अन्य माध्यम से साझा कर सकते हैं।
- नई दिल्ली। लार्सन एंड टुब्रो द्वारा हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एमके1ए के लिए निर्मित विंग असेंबली का पहला सेट 17 जुलाई, 2025 को कोयंबटूर, तमिलनाडु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंपा गया। रक्षा उत्पादन सचिव श्री संजीव कुमार ने कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से भाग लिया। कार्यक्रम में एलसीए तेजस डिवीजन के महाप्रबंधक श्री एम अब्दुल सलाम ने एलएंडटी की प्रेसिजन मैन्युफैक्चरिंग एंड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स इकाई से एचएएल की ओर से संयोजन प्राप्त किया।रक्षा उत्पादन सचिव श्री संजीव कुमार ने आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एचएएल और एलएंडटी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विभिन्न निजी क्षेत्र के भागीदारों के साथ सहयोग को आगे बढ़ाने, प्रोत्साहित करने और उन्नत क्षमता सुनिश्चित करने के लिए एचएएल की सराहना की। उन्होंने एलसीए तेजस के उत्पादन लक्ष्य की आवश्यकता को पूर्ण करने का विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कार्यक्षेत्र का विस्तार करने और अन्य देशों पर निर्भरता कम करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।कार्यक्रम के दौरान उपस्थित एचएएल के सीएमडी डॉ. डीके सुनील इसे एचएएल और एलएंडटी के वर्षों के समर्पित सहयोग और उत्कृष्टता के प्रति साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, "एचएएल, एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक पहल के रूप में, बड़े और लघु और मध्यम उद्यमों दोनों तरह के आपूर्तिकर्ताओं के साथ काम कर रहा है। एचएएल ने निजी क्षेत्र में एक समानांतर विमान संरचनात्मक असेंबली लाइन का प्रभावी ढंग से निर्माण किया है, जो एलसीए तेजस कार्यक्रम की क्षमता वृद्धि में सहायता करेगी।"एलएंडटी प्रिसिजन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रमुख श्री अरुण रामचंदानी ने कहा कि एलएंडटी प्रतिवर्ष चार विंग सेट की आपूर्ति करने के लिए तैयार है, तथा उन्नत असेंबली प्रक्रियाओं और स्वचालन के माध्यम से उत्पादन बढ़ाकर 12 सेट प्रतिवर्ष करने की योजना है।अब तक, एलसीए तेजस डिवीजन को लक्ष्मी मशीन वर्क्स से एयर इनटेक असेंबली, अल्फा टोकोल से रियर फ्यूजलेज असेंबली, एम्फेनॉल से लूम असेंबली, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स से फिन और रडर असेंबली, वीईएम टेक्नोलॉजीज से सेंटर फ्यूजलेज असेंबली और एलसीए एमके1ए के लिए लार्सन एंड टुब्रो से विंग असेंबली के संरचनात्मक मॉड्यूल प्राप्त हुए हैं।
- नई दिल्ली। फिल्मकार सत्यजीत रे से जुड़े 200 साल पुराने पुश्तैनी घर को ध्वस्त करने के मामले में भारत सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए बांग्लादेश को एक पत्र भेजा था।अब इस पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का बयान सामने आया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि बांग्लादेश में अभिलेखों की विस्तृत जांच से पुष्टि हुई है कि मैमनसिंह जिले में ध्वस्त की जा रही इमारत का प्रतिष्ठित बंगाली फिल्म निर्माता सत्यजीत रे या उनके पूर्वजों से कोई ऐतिहासिक या पारिवारिक संबंध नहीं है।बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के पत्र के अनुसार, ”बांग्लादेश सरकार ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और लेखक सत्यजीत रे की मैमनसिंह स्थित पैतृक संपत्ति, जो मूलरूप से उनके दादा प्रतिष्ठित साहित्यकार उपेंद्र किशोर रे चौधरी की थी, को बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा ध्वस्त किया जा रहा है। अभिलेखों की विस्तृत जांच से पता चला है कि संबंधित घर का सत्यजीत रे के पूर्वजों से कोई संबंध नहीं था। इसे स्थानीय जमींदार शशिकांत आचार्य चौधरी ने अपने कर्मचारियों के लिए अपने बंगले ‘शशि लॉज’ के बगल में बनवाया था। जमींदारी प्रथा के उन्मूलन के बाद यह सरकार के नियंत्रण में आ गया। बाद में सरकार ने इसे बांग्लादेश ‘शिशु अकादमी’ को आवंटित कर दिया। उस समय से इस घर का उपयोग जिला शिशु अकादमी के कार्यालय के रूप में किया जा रहा है।यह जमीन स्वयं एक गैर-कृषि सरकारी (खास) जमीन थी और शिशु अकादमी को दीर्घकालिक आधार पर पट्टे पर दी गई थी।”जिला अधिकारियों ने घर से संबंधित भूमि अभिलेखों की समीक्षा की है और पुष्टि की है कि पिछले अभिलेखों के अनुसार यह जमीन सरकारी है। इसका सत्यजीत रे और उनके परिवार से कोई संबंध नहीं है। स्थानीय वरिष्ठ नागरिकों और विभिन्न समुदायों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी पुष्टि की है कि सत्यजीत रे परिवार और शिशु अकादमी को पट्टे पर दिए गए घर और जमीन के बीच कोई ज्ञात ऐतिहासिक संबंध नहीं है। यह घर पुरातात्विक स्मारक के रूप में भी सूचीबद्ध नहीं है।हालांकि, घर के सामने वाली सड़क (हरिकिशोर रे रोड) का नाम सत्यजीत रे के परदादा हरिकिशोर रे के नाम पर रखा गया है, जो सत्यजीत रे के दादा उपेंद्र किशोर रे चौधरी के दत्तक माता-पिता थे। रे परिवार का हरिकिशोर रे रोड पर एक घर था, जिसे उन्होंने बहुत पहले बेच दिया था और अब वह मौजूद नहीं है। नए मालिक ने वहां एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया था।जिस इमारत को अब ध्वस्त किया जा रहा है, वह जीर्ण-शीर्ण, जोखिम भरी और अनुपयोगी थी। 2014 से अकादमी मैमनसिंह शहर में कहीं और किराए पर स्थानांतरित हो गई थी और परित्यक्त घर स्थानीय असामाजिक तत्वों द्वारा गैरकानूनी गतिविधियों का अड्डा बन गया। इसी कारण 2024 की पहली छमाही में साइट पर अर्ध-स्थायी इमारत के निर्माण की पहल की गई थी। बाद में उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए बांग्लादेश शिशु अकादमी ने जिला अधिकारियों को नीलामी के माध्यम से पुरानी, जीर्ण-शीर्ण इमारत को हटाने की अनुमति दी। नीलामी समिति के निर्णय के अनुसार, आम जनता को 7 मार्च 2025 को राष्ट्रीय और स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से व्यापक रूप से सूचित किया गया था।
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नयी दिल्ली. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के ‘प्रतिभा सेतु' पोर्टल के जरिये बीमा चिकित्सा अधिकारी के पद के लिए 451 उम्मीदवारों की भर्ती की है। बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। इन उम्मीदवारों को संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2022 और 2023 की गैर-अनुशंसित सूची से चुना गया।
आयोग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार यह सूची उन उम्मीदवारों की होती है जो परीक्षा के सभी चरणों को पार कर जाते हैं लेकिन अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाते है। यूपीएससी अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा, ‘‘हर साल कई प्रतिभाशाली उम्मीदवार यूपीएससी की कठिन परीक्षा के अंतिम चरण तक पहुंचते हैं लेकिन मेरिट सूची में नहीं आ पाते। ‘प्रतिभा सेतु' पोर्टल से ऐसे उम्मीदवारों को देश की सेवा के लिए अन्य अवसर मिलते हैं।'' -
अमेठी. इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) ने उत्तर प्रदेश के कोरवा में निर्मित एके-203 असॉल्ट राइफल की सभी 6.01 लाख इकाइयों की आपूर्ति निर्धारित समय से करीब 22 महीने पहले ही कर लेने की योजना बनाई है। बृहस्पतिवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। आईआरआरपीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक मेजर जनरल एस के शर्मा ने कहा कि इन राइफल की आपूर्ति दिसंबर, 2030 तक ही पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी को 5,200 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत अक्टूबर, 2032 तक भारतीय सशस्त्र बलों को एके-203 शृंखला के 6,01,427 राइफल की आपूर्ति करनी हैं। शर्मा ने कहा, ‘‘अबतक लगभग 48,000 राइफल की आपूर्ति हो चुकी है। अगले दो-तीन हफ्तों में 7,000 और दिसंबर तक 15,000 अतिरिक्त राइफलें भी सौंप दी जाएंगी।'' शर्मा ने कहा कि अमेठी के कोरवा में स्थित कारखाना वर्ष 2026 से हर महीने 12,000 राइफल का उत्पादन करेगा जिससे आपूर्ति लक्ष्य को समय से पहले पूरा किया जा सकेगा। कलाश्निकोव शृंखला की आधुनिक राइफल एके-203 का नियंत्रण रेखा (एलओसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात सैन्यबलों के लिए मुख्य हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। भारत और रूस के बीच एक अंतर-सरकारी समझौते के तहत आईआरआरपीएल का गठन किया गया है। इस संयुक्त उद्यम में 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की है जबकि 49.5 प्रतिशत हिस्सेदारी रूस की है। करीब 8.5 एकड़ के परिसर में संचालित इस उद्यम में फिलहाल 260 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें स्थायी रूसी विशेषज्ञ भी शामिल हैं। आगे चलकर यह संख्या बढ़ाकर 537 की जाएगी, जिनमें 90 प्रतिशत कर्मचारी स्थानीय होंगे। आईआरआरपीएल अबतक 50 प्रतिशत स्वदेशीकरण हासिल कर चुकी है और इसकी दिसंबर तक पहली पूर्ण स्वदेशी एके-203 राइफल देने की योजना है। इसके बाद वार्षिक उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 1.5 लाख राइफल तक की जाएगी। शर्मा ने बताया कि रूस से 100 प्रतिशत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हो चुका है और सभी परीक्षण अब भारत में ही किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू मांग पूरी होने के बाद मित्र देशों को भी एके-203 राइफल का निर्यात करने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। पहला निर्यात आदेश जल्द मिलने की उम्मीद है। आईआरआरपीएल को वर्ष 2019 में रूसी साझेदारों रोसोबोरोनएक्सपोर्ट एवं कंसर्न कलाश्निकोव और भारतीय साझेदार एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूईआईएल) और म्युनिशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) के बीच संयुक्त उद्यम के रूप में गठित किया गया था।
- नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया (आरओके) के विशेष दूतों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। पीएम मोदी ने भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किम बू क्यूम ने किया। प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति जेम्यांग ली के साथ अपनी हाल में हुई सकारात्मक बैठक का स्मरण करते हुए, दस वर्ष से जारी भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी को ओर प्रगाढ़ करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने नवाचार, रक्षा, पोत निर्माण और कुशल गतिशीलता सहित प्रमुख क्षेत्रों में भागीदारी के निरंतर विकास पर प्रकाश डाला।बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “श्री किम बू क्यूम के नेतृत्व में दक्षिण कोरिया के विशेष दूतों के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। गत माह राष्ट्रपति श्री जेम्यांग ली के साथ हुई मेरी सकारात्मक भेंट का स्मरण कर रहा हूं। 10 वर्ष पूर्ण कर रही भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक भागीदारी नवाचार और रक्षा से लेकर पोत निर्माण और कुशल गतिशीलता तक निरंतर विकसित हो रही है। दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि में योगदान कर रहा है।”इससे पहले दिन में, उच्च स्तरीय दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर से मुलाकात की और दोनों पक्षों ने लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, रक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।भारत ने दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से नए दक्षिण कोरियाई प्रशासन के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने की पुष्टि की। विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर कहा कि आज सुबह दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री किम बू क्यूम के नेतृत्व में भारत में कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति जेम्यांग ली के विशेष दूतों के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर प्रसन्नता हुई। आर्थिक, तकनीकी, रक्षा और समुद्री सहयोग पर चर्चा हुई। साथ ही लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।भारत और दक्षिण कोरिया ने 2010 में ‘रणनीतिक साझेदारी’ शुरू की थी, जिसे 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सियोल की राजकीय यात्रा के दौरान ‘विशेष रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में उन्नत किया गया था। वहीं, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने रविवार को भारत, यूरोपीय संघ (ईयू), फ्रांस और ब्रिटेन के लिए विशेष दूत नियुक्त किए। राष्ट्रपति कार्यालय ने यह जानकारी व्यापक कूटनीतिक प्रयासों के तहत दी गईं।
- नई दिल्ली। चीन और पश्चिम एशिया से आपूर्ति बाधित होने के कारण घरेलू डाई अमोनिया फॉस्फेट (डीएपी) निर्माता कम प्रभावित हुए हैं। इसका कारण यह है कि डीएपी के लिए कच्चे माल प्लांट में तैयार पोषक तत्त्वों के दाम इस अनुपात में नहीं बढ़े हैं। दरअसल वैश्विक स्तर पर तैयार आयातित डाई अमोनिया फॉस्फेट (डीएपी) के दाम 800 डॉलर प्रति टन से अधिक पहुंच गए हैं और यह ऐतिहासिक करीब 1,000 डॉलर प्रति टन करीब हैं। लिहाजा आयात को बढ़ावा देने के बजाए घरेलू स्तर पर मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है। आयातित डीएपी के दामों में उछाल और खरीफ की बोआई के दौरान इसके घटते स्टॉक से प्लांट के महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व की कमी महसूस की जा रही है।आंकड़ों से जानकारी मिलती है कि तैयार डीएपी का मूल्य अगस्त 2024 के 611 डॉलर प्रति टन से बढ़कर मई में 724 डॉलर प्रति टन हो गया। इसकी सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) करीब 2 प्रतिशत है। लेकिन इस अवधि में आयातित रॉक फॉस्फेट का दाम तुलनात्मक रूप से कम 0.39 प्रतिशत बढ़ा है।इसी तरह आयातित फॉस्फोरिक एसिड का मूल्य (रॉक फॉस्फेट से निकाले जाने वाला) का सीएजीआर भी 1.17 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। डीएपी के मुख्य घटक अमोनिया के दाम अगस्त 2024 की तुलना में मई 2025 में 1.49 प्रतिशत गिर गए थे।जुलाई और अगस्त की डिलिवरी के लिए तैयार डीएपी की आयातित कीमत अब 800 डॉलर प्रति टन से अधिक है। इसका मतलब है कि अगस्त 2024 से सीएजीआर की वृद्धि और भी अधिक है। भारत में सालाना लगभग 1 से 1.1 करोड़ टन डीएपी की खपत होती है। देश में यूरिया के बाद सबसे अधिक खपत वाला उर्वरक डीएपी है। भारत ने वित्त वर्ष 25 में लगभग 50 लाख टन डीएपी का आयात किया जबकि शेष का उत्पादन घरेलू स्तर पर किया गया। उद्योग सूत्रों के अनुसार भारत में स्थानीय स्तर पर ज्यादातर निर्मित डीएपी रॉक फॉस्फेट से है जबकि कुछ इकाइयां आयातित फॉस्फोरिक एसिड से भी डीएपी का निर्माण करती हैं।स्थानीय स्तर पर डीएपी बनाने में इस्तेमाल होने वाला ज्यादातर कच्चा माल यानी रॉक फॉस्फेट का आयात किया जाता है। इसका कारण यह है कि देश में उत्पादित रॉक फॉस्फेट की गुणवत्ता उच्च गुणवत्ता वाला डीएपी बनाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। हालांकि कुछ इकाइयों के पास रॉक फॉस्फेट से फॉस्फोरिक एसिड बनाने की सुविधा है। केंद्रीय खान मंत्रालय ने डीएपी बनाने में इस्तेमाल होने वाले मुख्य अवयव रॉक फॉस्फेट के घरेलू खनन के औसत बिक्री मूल्य को अंतरराष्ट्रीय दरों के साथ जोड़ने का प्रस्ताव किया ताकि स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। आईपीएल, कृभको और सीआईएल ने कुछ दिन पहले सऊदी अरब के मदीन से तैयार 31 लाख टन तैयार डीएपी की आपूर्ति का दीर्घावधि समझौता किया।






















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