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नई दिल्ली। विनाशकारी चक्रवात दितवाह से प्रभावित श्रीलंका की जनता को त्वरित मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भारत ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ चला रहा है। इसी अभियान के तहत भारतीय सेना की एक 48 सदस्यीय इंजीनियर टास्क फोर्स को श्रीलंका में तैनात किया गया है। भारतीय सेना की यह विशेष टीम युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव से जुड़े काम कर रही है। राहत कार्यों के लिए की गई यह पहल भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के अनुरूप है। भारतीय सेना के मुताबिक टास्क फोर्स की प्राथमिक जिम्मेदारी चक्रवात से क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण है।
गौरतलब है कि चक्रवात, तेज बारिश और बाढ़ के कारण कई इलाकों में सड़क संपर्क टूट गया है। अब यहां टूटी हुई सड़कों की मरम्मत की जा रही है ताकि राहत सामग्री और आवश्यक सेवाओं की आवाजाही सुचारू रूप से हो सके। भारतीय सेना की इस टीम में विशेष रूप से ब्रिजिंग एक्सपर्ट, सर्वेयर, वॉटरमैनशिप विशेषज्ञ, भारी इंजीनियरिंग उपकरणों, ड्रोन और अनमैन्ड सिस्टम संचालन में दक्ष कर्मी शामिल हैं।सभी विशेषज्ञ मिलकर सटीक, तेज और प्रभावी इंजीनियरिंग सहायता उपलब्ध करा रहे हैं। इस सहायता में बुरी तरह क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्निर्माण, टूटे हुए पुलों को जोड़ना और अन्य ढांचागत सुविधाएं बहाल करना शामिल है।भारतीय सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स के पास यहां श्रीलंका में फिलहाल चार सेट बेली ब्रिज उपलब्ध हैं। इन्हें भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान से श्रीलंका पहुंचाया गया है। इनके माध्यम से कटे हुए इलाकों में त्वरित संपर्क बहाली की जाएगी। इसके अतिरिक्त टास्क फोर्स के पास पन्यूमैटिक नावें, आउटबोर्ड मोटर, हेवी पेलोड ड्रोन, रिमोट-कंट्रोल्ड बोट आदि अत्याधुनिक उपकरण भी उपलब्ध हैं।सेना का कहना है कि इन्हीं संसाधनों के दम पर टीम राहत व बचाव कार्य, अस्थायी आश्रय, सड़कों और पुल जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं के निर्माण में सक्षम है। श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा बताए गए आवश्यक स्थानों के आधार पर, भारतीय इंजीनियर टास्क फोर्स ने श्रीलंका सेना और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर कई पुल स्थलों का रेकी का काम किया है। इन पुलों को तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई पुलों पर कार्य प्रारंभ भी कर दिया गया है। यहां मॉड्यूलर बेली ब्रिज स्थापित किया जा रहा है, जिसे आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न कॉन्फिगरेशन में लगाया जा सकता है। इसके तैयार होते ही इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी बहाल हो जाएगी। सेना के अनुसार ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ सिर्फ राहत कार्य नहीं, बल्कि भारत की पड़ोसी देशों के प्रति प्रतिबद्धता, त्वरित सहायता और मानवीय सहयोग की भावना का प्रतीक है। भारतीय सेना की यह इंजीनियर टास्क फोर्स श्रीलंका के संकटग्रस्त क्षेत्रों में आशा और सहायता दोनों का महत्त्वपूर्ण स्तंभ बनकर काम कर रही है। -
न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत और चीन जैसे देशों के छात्रों को अमेरिका के शीर्ष विश्वविद्यालयों से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने गृह देशों में वापस जाना ‘शर्मनाक' है। ट्रंप ने दावा किया कि 'ट्रंप गोल्ड कार्ड' योजना कंपनियों को देश में इस तरह की प्रतिभाओं को नियुक्त करने और बनाए रखने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने बुधवार को दस लाख डॉलर की 'ट्रंप गोल्ड कार्ड' योजना शुरु करने की घोषणा की। यह एक वीजा कार्यक्रम है, जो अप्रवासियों को अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रदान करेगा। 'ट्रंप गोल्ड कार्ड' एक ऐसा वीजा है जो अमेरिका को पर्याप्त लाभ प्रदान करने की किसी व्यक्ति की क्षमता पर आधारित है। व्हाइट हाउस में एक बैठक में ट्रंप ने कहा, ‘‘ किसी महान व्यक्ति का हमारे देश में आना एक उपहार के समान है, क्योंकि हमें लगता है कि ये कुछ ऐसे असाधारण लोग होंगे जिन्हें यहां रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कॉलेज से स्नातक करने के बाद, उन्हें भारत वापस जाना पड़ता है, उन्हें चीन वापस जाना पड़ता है, उन्हें फ्रांस वापस जाना पड़ता है। उन्हें वापस वहीं जाना पड़ता है, जहां से वे आए थे। वहां रुकना बहुत मुश्किल है। यह शर्मनाक है। यह एक हास्यास्पद बात है। हम इस पर ध्यान दे रहे हैं।'' ट्रंप ने घोषणा की कि गोल्ड कार्ड वेबसाइट शुरू हो गई है और कंपनियां व्हार्टन, हार्वर्ड और एमआईटी जैसे शीर्ष अमेरिकी विश्वविद्यालयों के छात्रों को अमेरिका में ही रखने के लिए गोल्ड कार्ड खरीद सकती हैं। इस अवसर पर आईबीएम के भारतीय मूल के अमेरिकी सीईओ अरविंद कृष्णा और डेल टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) माइकल डेल भी मौजूद थे।
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वाशिंगटन. अर्थव्यवस्था और आव्रजन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की लोकप्रियता में इस साल काफी गिरावट आई है। ‘एपी-एनओआरसी' के एक नये सर्वेक्षण से यह बात सामने आयी है। यह इस बात का ताजा संकेत है कि जिन दो अहम मुद्दों के आधार पर ट्रंप लगभग एक साल पहले चुनाव जीते थे, वो अब उनके लिए परेशानी बन सकते हैं। उनकी पार्टी 2026 के मध्यावधि चुनावों की तैयारी शुरू कर रही है।
द एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के सर्वेक्षण में पाया गया है कि अब सिर्फ 31 प्रतिशत अमेरिकी वयस्क ही ट्रंप के अर्थव्यवस्था संभालने के तरीके से सहमत हैं। मार्च में यह आंकड़ा 40 प्रतिशत था और अब इसमें कमी आ गई है। यह ट्रंप के पहले या दूसरे कार्यकाल में एपी-एनओआरसी सर्वेक्षण में दर्ज की गई सबसे कम आर्थिक स्वीकृति रेटिंग है। -
फेज (मोरक्को). मोरक्को के फेज शहर में रात में दो बहुमंजिला इमारतों के ढहने से 19 लोगों की मौत हो गई। इस साल यहां इमारतों के ढहने की यह दूसरी घातक घटना है। प्राधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मोरक्को की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार, प्रभावित आवासीय इमारतों में आठ परिवार रहते थे। हादसे में 16 लोग घायल हो गए और उन्हें नजदीकी अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि पूरे इलाके को खाली करा लिया गया है और खोज एवं बचाव अभियान जारी है।
बुधवार सुबह तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि इमारत के ढहने का कारण क्या था या कितने लोग लापता थे।
फेज मोरक्को का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और इस महीने होने वाले अफ्रीका कप ऑफ नेशंस तथा 2030 फीफा विश्व कप के आयोजक शहरों में शामिल है। इसी साल मई में इमारत ढहने की एक घटना में 10 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि सात अन्य घायल हो गये थे। - नयी दिल्ली, अमेरिकी वैमानिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने मंगलवार को कहा कि वह भारत में ‘सी-130जे सुपर हरक्यूलिस हेवी-लिफ्ट' सैन्य परिवहन विमान के सह-उत्पादन के लिए एक प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना बना रही है, जो अमेरिका के बाहर पहला ऐसा वैश्विक केंद्र होगा। भारतीय वायुसेना द्वारा 80 सामरिक परिवहन विमानों की खरीद की शुरुआत के साथ, लॉकहीड मार्टिन ने सी-130जे विमान को बल के लिए सर्वोत्तम विकल्प बताया है, जिसे भारत और 20 से अधिक अन्य देशों में एक विश्वसनीय विमान माना गया है। लॉकहीड मार्टिन एयरोनॉटिक्स के उपाध्यक्ष (व्यावसायिक विकास, वायु गतिशीलता और समुद्री मिशन) रॉबर्ट टोथ ने कहा कि भारतीय वायुसेना का मध्यम परिवहन विमान (एमटीए) कार्यक्रम कंपनी को न केवल भारत में क्षमता लाने का अवसर देता है, बल्कि इसके औद्योगिक आधार को भी आगे बढ़ाने का अवसर देता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एमटीए से पहले सी-130जे में निवेश जारी रखे हुए हैं और भारत में विमान बनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं।'' टोथ ने कहा, ‘‘वास्तव में, दुनिया भर में उपलब्ध सभी अवसरों में से भारत पहला देश है, जहां हमने वचन दिया है कि हम अमेरिका के बाहर भारत में सह-उत्पादन प्रतिष्ठान स्थापित करेंगे।'' भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में 12 सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान हैं।लॉकहीड मार्टिन की सह-उत्पादन प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना काफी हद तक एमटीए सौदे के लिए ठेका प्राप्त करने में सफलता से जुड़ी है। अमेरिकी रक्षा कंपनी ने सी-130जे सुपर हरक्यूलिस कार्यक्रम के लिए बोली लगाने के वास्ते टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ साझेदारी की है। भारतीय वायुसेना ने सोवियत युग के एएन-32 और आईएल-76 विमानों के अपने पुराने बेड़े को बदलने के लिए 2022 में मध्यम परिवहन विमान (एमटीए) खरीदने के वास्ते सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) जारी किया था। भारतीय वायुसेना लगभग 80 सैन्य परिवहन विमान खरीदने की योजना बना रही है, और अरबों डॉलर की इस खरीद को अगले कुछ हफ्तों में रक्षा खरीद परिषद से मंजूरी मिलने की संभावना है। ब्राजील की विमान निर्माता कंपनी एम्ब्रेयर का केसी-390 मिलेनियम विमान और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस का ए-400एम विमान भी एमटीए कार्यक्रम की दौड़ में हैं। सी-130जे सुपर हरक्यूलिस एक अग्रणी विमान है, जो 23 देशों में 28 ऑपरेटरों को सेवा प्रदान करता है। अब तक, 560 से ज़्यादा सी-130जे विमानों की प्रदायगी हो चुकी है और 20 से ज़्यादा उड़ान योग्यता प्राधिकरणों द्वारा इसे प्रमाणित किया जा चुका है। टोथ ने कहा, ‘‘पिछले 15 वर्षों में, भारतीय वायुसेना ने साबित कर दिया है कि सी-130जे भारत के लिए सही मंच है। हमारी विरासत और हमारी क्षमताएं भारत में प्रदर्शित हुई हैं, और इससे हम इस (एमटीए) प्रतियोगिता में काफ़ी मज़बूत स्थिति में आएंगे।'' इस बीच, एक महत्वपूर्ण कदम के तहत टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने सोमवार को लॉकहीड मार्टिन के सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान के समर्थन के लिए बेंगलुरु में रक्षा रखरखाव, मरम्मत और निरीक्षण (एमआरओ) प्रतिष्ठान की स्थापना शुरू की। एमआरओ का निर्माण 2026 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है, और 2027 की शुरुआत में एमआरओ संचालन के लिए पहला सी-130 प्राप्त करने की तैयारी है। लॉकहीड मार्टिन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सी-130जे सुपर हरक्यूलिस 20 से अधिक देशों में उड़ान भर रहा है और यह विमान भारतीय वायुसेना की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यदि आप हमारे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सी-130जे के समग्र मूल्य को देखें तो हम भारत में इस अवसर के लिए अच्छी स्थिति में हैं।'' टोथ ने कहा कि लॉकहीड मार्टिन भारतीय बाजार को लेकर बहुत आशावादी है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह आगे बढ़ने के लिए एक शानदार अवसर प्रदान करता है। भारत 70 साल पहले से लॉकहीड मार्टिन के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार रहा है, जब हम पहली बार ‘कॉन्स्टेलेशन' विमान भारत लेकर आए थे।''
- जकार्ता. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में मंगलवार को एक कार्यालय भवन में आग लगने की घटना में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मृतकों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है। मध्य जकार्ता स्थित कार्यालय की सात मंजिला इमारत को आग की लपटों ने अपनी चपेट में ले लिया, जिससे आसमान में धुएं का गुबार फैल गया और आस-पास रहने वाले लोगों तथा कर्मचारियों में दहशत फैल गई। मध्य जकार्ता के पुलिस प्रमुख सुसात्यो पुर्नोमो कोंड्रो ने बताया कि आग दोपहर के समय लगी और माना जा रहा है कि यह केमायोरन इलाके में स्थित इमारत की पहली मंजिल से शुरू हुई और बाद में अन्य मंजिलों तक फैल गई। कोंड्रो के मुताबिक, आग पर काबू पाने के लिए सैकड़ों कर्मियों और दमकल की 29 गाड़ियों को तैनात किया गया। आग लगने के कारणों की अब भी जांच की जा रही है। कोंड्रो ने कई प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए बताया कि इमारत में स्थित कार्यालय के कई कर्मचारी दोपहर के भोजन के लिए बाहर गए हुए थे, तभी भंडारण और परीक्षण क्षेत्र में बैटरी में चिंगारी निकलने लगी। उन्होंने बताया कि इमारत को ड्रोन कंपनी के बिक्री और भंडारण कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कोंड्रो के अनुसार, तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाई गई। उन्होंने बताया कि इमारत से कम से कम 22 शव बरामद किए गए। कोंड्रो ने बताया कि मृतकों में सात पुरुष और 15 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें से एक गर्भवती थी। उन्होंने बताया कि शवों की शिनाख्त के लिए उन्हें पूर्वी जकार्ता के पुलिस अस्पताल ले जाया गया है। घटना में जीवित बचे दिमित्री नामक शख्स ने स्थानीय टेलीविजन चैनल को बताया, “संदेह है कि शॉर्ट सर्किट या ड्रोन की बैटरी में थर्मल खामी के कारण कार्यालय में विस्फोट हुआ और आग लग गई।” उसने कहा, “ऊपरी मंजिलों पर मौजूद कुछ सहकर्मियों ने मदद की गुहार लगाते हुए छत पर जाकर बचने की कोशिश की।”
- न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका ‘क्वाड' के प्रति ‘‘पूरी तरह प्रतिबद्ध'' है तथा आने वाले वर्षों में इस समूह को और मजबूत करेगा। ‘क्वाड' (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक समूह है। रुबियो ने सोमवार को कहा, ‘‘हम क्वाड के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। आने वाले समय में जापान और भारत के साथ मिलकर इसे आगे बढ़ाने के लिए और काम करेंगे...।'' ऑस्ट्रेलिया–अमेरिका मंत्रिस्तरीय वार्ताओं से पहले उन्होंने रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स तथा ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग की मौजूदगी में विदेश मंत्रालय में संयुक्त बयान देते हुए यह बात कही। रुबियो के अनुसार, इस साल जनवरी में विदेश मंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक उनकी पहली आधिकारिक बैठक थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे नाम पर मुहर लगी, मैंने नीचे शपथ ली और सीधे इसी लिफ्ट से ऊपर आकर इस कमरे में पहुंचा। विदेश मंत्री के रूप में मेरा पहला कार्यक्रम यहीं इसी कमरे में क्वाड के साथ हुआ था।'' रुबियो ने कहा, ‘‘जहां तक मुझे याद है, इस साल हमारी कम से कम तीन बैठकें हुई हैं। हम आने वाले साल में इस सहयोग को और आगे बढ़ाएंगे तथा ऐसी और बैठकों की उम्मीद करते हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, रुबियो और वोंग ने 21 जनवरी को क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए मुलाकात की थी। यह बैठक ‘व्हाइट हाउस' में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद समूह की पहली बैठक थी। क्वाड विदेश मंत्रियों की जुलाई में वाशिंगटन में फिर से मुलाकात हुई थी।
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न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत को अमेरिकी बाजार में चावल ‘‘डंप'' करना (सस्ते दामों पर बेचना) नहीं चाहिए और वह इस मामले से ‘‘निपट लेंगे।'' ट्रंप ने चेतावनी दी कि शुल्क (टैरिफ) लगाकर इस ‘समस्या' का आसानी से हल निकल जाएगा।
ट्रंप ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस' में खेती और कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों तथा अपने कैबिनेट के प्रमुख सदस्यों खासकर वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और कृषि मंत्री ब्रूक रोलिन्स के साथ एक गोलमेज बैठक की। उन्होंने किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की संघीय सहायता की घोषणा की।
लुइसियाना में अपने परिवार के कृषि कारोबार ‘केनेडी राइस मिल' का संचालन करने वाली मेरिल केनेडी ने ट्रंप से कहा कि देश के दक्षिणी हिस्से में चावल उत्पादक ‘‘वास्तव में संघर्ष कर रहे हैं'' और अन्य देश अमेरिकी बाजार में चावल ‘‘डंप'' कर रहे हैं यानी कि बेहद सस्ते दामों पर चावल बेच रहे हैं। जब ट्रंप ने पूछा कि कौन से देश अमेरिका में चावल सस्ते दामों पर बेच रहे हैं तो राष्ट्रपति के बगल में बैठीं केनेडी ने जवाब दिया, ‘‘भारत और थाईलैंड; यहां तक कि चीन भी प्यूर्टो रिको में चावल सस्ते दामों पर बेच रहा है। प्यूर्टो रिको कभी अमेरिकी चावल का सबसे बड़ा बाजार हुआ करता था। हमने कई वर्षों से प्यूर्टो रिको में चावल नहीं भेजे हैं।'' केनेडी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्क काम कर रहे हैं, ‘‘लेकिन हमें इसे और बढ़ाने की जरूरत है''। ट्रंप ने फिर बेसेंट की ओर देखते हुए कहा, ‘‘भारत, मुझे भारत के बारे में बताइए। भारत को ऐसा करने की अनुमति क्यों है? उन्हें शुल्क देना होगा। क्या उन्हें चावल पर छूट मिली हुई है?'' इस पर बेसेंट ने कहा, ‘‘नहीं सर, हम अभी उनके साथ व्यापार सौदे पर बातचीत कर रहे हैं।''
केनेडी ने ट्रंप को यह भी बताया कि भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक मामला चल रहा है। ट्रंप ने कहा कि इसे ‘‘बहुत आसानी से निपटाया जा सकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह उन देशों पर शुल्क लगाकर बहुत जल्दी हल हो जाएगा, जो अवैध रूप से सामान भेज रहे हैं। आपकी समस्या एक दिन में हल हो जाएगी इसलिए हमें उच्चतम न्यायालय में मुकदमा जीतना है।'' ‘इंडियन राइस एक्सपोर्ट्स फेडरेशन' के आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है और वैश्विक बाजार में 28 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। वह शीर्ष निर्यातक भी है, जिसकी 2024-25 में वैश्विक निर्यात में 30.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। भारत चावल की जो किस्में वैश्विक स्तर पर निर्यात करता है, उनमें ‘सोना मसूरी' अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे बाजारों में पसंद की जाती है। ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। इसमें रूस से तेल खरीद पर 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है। -
मॉस्को. रूस ने सोमवार को कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और वह उन स्रोतों से तेल खरीदने के लिए आजाद है, जिन्हें वह लाभकारी मानता है। इसके साथ ही रूस सरकार ने पूरा भरोसा जताया कि भारत अपने आर्थिक हित सुनिश्चित करने की नीति पर कायम रहेगा। अमेरिका ने रूस से तेल एवं पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद जारी रखने के लिए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है। अगस्त के अंत में भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के आयात पर कुल अमेरिकी शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। रूसी शासन मुख्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, ''भारत, एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में विदेशी व्यापार करता है और ऊर्जा संसाधन वहीं से खरीदेगा है, जहां से उसे लाभ मिलेगा।'' वह पिछले शुक्रवार को नयी दिल्ली में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई शिखर वार्ता के संदर्भ में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। ऐसी रिपोर्ट हैं कि भारत पश्चिमी दबाव के चलते अपने तेल आयात में रूसी कच्चे तेल की हिस्सेदारी धीरे-धीरे घटा रहा है। क्रेमलिन के आर्थिक सहयोगी मक्सिम ओरेश्किन ने कहा, ''प्रतिबंधों को दरकिनार करने का रूस के पास लंबा अनुभव है। यदि भारत तैयार है, तो हम कच्चे तेल की आपूर्ति जारी रखने का रास्ता खोज लेंगे।
- तोक्यो. चीनी विमानवाहक पोत लियाओनिंग से उड़ान भरने वाले एक सैन्य विमान ने जापान के ओकिनावा के पास जापानी लड़ाकू विमानों पर अपना ‘रडार लॉक' कर दिया जिसे लेकर जापान ने चीन के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। ‘रडार लॉक' का मतलब होता है- किसी सैन्य विमान का अपने रडार को दूसरे विमान या लक्ष्य पर इस तरह केंद्रित करना कि वह उसकी सटीक स्थिति, गति और दिशा पर लगातार नजर रख सके। जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के सैन्य विमान जे-15 ने शनिवार को दो बार अलग-अलग समय में जापानी एफ-15 लड़ाकू विमानों पर अपना रडार लॉक किया। मंत्रालय ने कहा कि एक बार दोपहर में लगभग तीन मिनट के लिए और फिर शाम को लगभग 30 मिनट के लिए ऐसा किया गया। मंत्रालय के अनुसार, चीनी विमान से उन जापानी लड़ाकू विमानों पर ‘रडार लॉक' किया जिन्होंने चीन की ओर से हवाई क्षेत्र के संभावित उल्लंघन के खिलाफ प्रतिक्रिया दी थी। मंत्रालय ने कहा कि जापानी हवाई क्षेत्र का कोई उल्लंघन नहीं हुआ और इस घटना से कोई नुकसान होने की भी सूचना नहीं मिली। यह स्पष्ट नहीं है कि ‘रडार लॉक' करने की घटना में दोनों बार वही चीनी जे-15 विमान शामिल था या नहीं।जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने रविवार की सुबह पत्रकारों से कहा कि जापान ने चीन के समक्ष विरोध जताया और इसे ‘एक खतरनाक कृत्य' करार देते हुए कहा कि यह सुरक्षित विमान संचालन के नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, "ऐसी घटना का होना अत्यंत निंदनीय है। हमने चीनी पक्ष के समक्ष सख्त विरोध जताया है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने मांग की है।"
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न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजा आवेदकों और उन पर आश्रित एच-4 वीजा धारकों के लिए जांच और सत्यापन प्रक्रियाएं कड़ी कर दी हैं। नए निर्देशों के तहत सभी आवेदकों को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल की निजता ‘सेटिंग्स' ‘‘सार्वजनिक'' (पब्लिक) रखने के लिए कहा गया है। विदेश विभाग ने बुधवार को जारी किए नए आदेश में कहा कि 15 दिसंबर से सभी एच-1बी आवेदकों और उनके आश्रितों की ऑनलाइन उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी। इससे पहले छात्र (एफ, एम) और ‘एक्सचेंज विजिटर' (जे वीजा) पहले से ही ऐसी जांच के दायरे में थे, जिसे अब एच-1बी और एच-4 वीजा तक बढ़ा दिया गया है। विदेश विभाग ने कहा, ‘‘इस जांच को सुगम बनाने के लिए सभी एच-1बी, एच-4, एफ, एम और जे वीज़ा आवेदकों को अपने सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल की प्राइवेसी सेटिंग्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए जाते हैं।'' विभाग ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी वीजा कोई ‘‘अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार'' है और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उपलब्ध सभी सूचनाओं का उपयोग करके आवेदकों की गहन जांच की जाती है। बयान में कहा गया है, ‘‘हर वीजा निर्णय एक राष्ट्रीय सुरक्षा का निर्णय है। यह कदम ट्रंप प्रशासन द्वारा आव्रजन नियमों को कठोर बनाने की नवीनतम कार्रवाई है। प्रशासन एच-1बी वीज़ा के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए व्यापक कार्रवाई कर रहा है, जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने में करती हैं। भारतीय पेशेवर, विशेषकर प्रौद्योगिकी कर्मी और चिकित्सक एच-1बी वीज़ा के सबसे बड़े लाभार्थी हैं।
- लंदन. मध्य इंग्लैंड में सड़क पर हुए हमले के दौरान एक 30 वर्षीय व्यक्ति (भारतीय छात्र) को चाकू मार दिया गया और बाद में अस्पताल में गंभीर चोटों के कारण उसकी मृत्यु हो गई। वेस्ट मर्सिया पुलिस ने शुक्रवार को वॉर्सेस्टर में इस सप्ताह की शुरुआत में हुए हमले के किसी भी गवाह से जानकारी देने की अपील जारी की। हालांकि ब्रिटिश पुलिस ने अभी तक पीड़ित की औपचारिक पहचान नहीं की है, लेकिन भारत से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, पीड़ित की पहचान हरियाणा के चरखी दादरी जिले के विजय कुमार श्योराण के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि हत्या के संदेह में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था और जांच जारी रहने तक वे जमानत पर हैं। छठे व्यक्ति को भी हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसके खिलाफ आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई। वेस्ट मर्सिया के डिटेक्टिव चीफ इंस्पेक्टर ली होलहाउस ने कहा कि पुलिस बल की संवेदनाएं मृतक के परिवार और मित्रों के साथ हैं। साथ ही उन्होंने घटना के संबंध में लोगों से सूचना देने की अपील भी की। इस बीच, चरखी दादरी के विधायक सुनील सतपाल सांगवान ने सोशल मीडिया पर घटना को लेकर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह "दुख की असहनीय घड़ी" में पीड़ित के परिजनों के साथ हैं। उन्होंने कहा, "हम पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध जांच की भी अपील करते हैं ताकि न्याय मिल सके और अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जा सके।"
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काठमांडू. नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अगले साल पांच मार्च को होने वाले संसदीय चुनावों के लिए नेपाली सेना को तैनात करने के कैबिनेट के फैसले और प्रधानमंत्री की सिफारिश को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने 24 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक के अनुरूप यह सिफारिश आगे बढ़ाई थी। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति ने चुनाव सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सेना तैनात करने के सरकार के फैसले का समर्थन किया।
- जकार्ता । इंडोनेशिया में इन दिनों कुदरत का कहर बरस रहा है। इंडोनेशिया में एक बार फिर से भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई है। राहत की खबर ये है कि फिलहाल सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।भूकंप का सेंटर शुरू में 2.68 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 95.96 डिग्री पूर्वी देशांतर पर पाया गया थान्यूज एजेंसी सिन्हुआ की ओर से साझा जानकारी के अनुसार, जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बताया कि इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा के पश्चिमी तट पर गुरुवार को 6.2 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का सेंटर शुरू में 2.68 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 95.96 डिग्री पूर्वी देशांतर पर पाया गया था। वहीं, इसकी गहराई 10.0 किलोमीटर मापी गई।इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा प्रांत के कई इलाकों और शहरों में आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 29 हो गया हैदूसरी ओर सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने बताया कि इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा प्रांत स्थित कई इलाकों और शहरों में अचानक आई बाढ़ और लैंडस्लाइड में मौत का आंकड़ा बढ़कर 29 पहुंच गया है। इससे एक दिन पहले जो जानकारी सामने आई थी, उसके हिसाब से 13 लोगों की मौत हुई थी।कुल 29 लोगों की मौत हुई है और नौ अन्य लापता हैं ये आंकड़े अभी बढ़ सकते हैंप्रांतीय डिजास्टर मैनेजमेंट और मिटिगेशन एजेंसी में इमरजेंसी हैंडलिंग, इक्विपमेंट और लॉजिस्टिक्स के हेड वाह्युनी पंचसिलावती ने जानकारी दी है कि इन आपदाओं में 67 लोग घायल भी हुए हैं और नौ अन्य लापता हैं। अधिकारी ने सिन्हुआ के साथ फोन पर बातचीत की और हालात पर ताजा अपडेट भी साझा किया। उन्होंने बताया, “कुल 29 लोगों की मौत हुई है, और नौ अन्य लापता हैं। आंकड़े बढ़ सकते हैं, क्योंकि खतरों का आकलन अभी किया जा रहा है।”डिजास्टर मैनेजमेंट अधिकारी के अनुसार, इन आपदाओं में 400 से ज्यादा घर, कई पुल और कई सार्वजनिक ढांचे तबाह हो गए हैंडिजास्टर मैनेजमेंट अधिकारी के अनुसार, इन आपदाओं में 400 से ज्यादा घर, कई पुल और कई सार्वजनिक ढांचे तबाह हो गए। 7,000 से ज्यादा लोगों को अपने घरों को छोड़कर दूसरे सुरक्षित जगहों पर पनाह लेनी पड़ी है। उन्होंने आगे कहा कि मंडेलिंग नटाल, साउथ तपनौली और नॉर्थ तपनौली के इलाकों में इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है।22 से 25 नवंबर तक लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैसिन्हुआ के अनुसार, 22 से 25 नवंबर तक लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से नदियां उफान पर आ गईं। इसकी वजह से सेंट्रल तपनौली, सिबोल्गा, मंडेलिंग नटाल, साउथ तपनौली, उत्तरी तपनौली, दक्षिणी नियास और पदांगसिडिम्पुआन में बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं।आपदाओं से सैकड़ों घरों, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों को नुकसान पहुंचा है, और हजारों लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा हैसिन्हुआ ने अधिकारी के हवाले से बताया है कि दक्षिण तपनौली में 37 लोग घायल हुए और तीन लोग लापता हैं, जबकि केंद्रीय तपनौली में नुकसान का डेटा अभी इकट्ठा किया जा रहा है। इन आपदाओं से सैकड़ों घरों, स्कूलों और पब्लिक जगहों को भी नुकसान हुआ और हजारों लोगों को प्रभावित इलाकों से सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ रहा है।उत्तरी सुमात्रा में लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ में चार लोगों की मौत हो गई और 34 लोग घायल हो गएइससे पहले सिन्हुआ ने जानकारी दी थी कि उत्तरी सुमात्रा में लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ में चार लोगों की मौत हो गई और 34 लोग घायल हो गए। इसे लेकर प्रांतीय डिजास्टर मैनेजमेंट और मिटिगेशन एजेंसी के हेड तुहता रामाजया सारागिह ने कहा कि मंगलवार को केंद्रीय तपनौली रीजेंसी के एक गांव में भारी बारिश की वजह से लैंडस्लाइड हुआ, जिससे एक घर तबाह हो गया और उसमें रहने वाले चार लोगों की मौत हो गई।(
- हांगकांग। हांगकांग की एक 8 मंजिला इमारत में आग लगने के बाद भारी तबाही मची है। हांगकांग पुलिस फोर्स ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि हांगकांग के ताइपो स्थित एक रिहायशी इलाके वांग फक कोर्ट में आग लगने से 44 लोगों की मौत हो गई और 45 अन्य झुलस गए। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने हांगकांग पुलिस फोर्स के हवाले से बताया कि तीन लोगों को शक के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। हांगकांग के चीफ एग्जीक्यूटिव जॉन ली ने कहा कि फायरफाइटर्स की लगातार कोशिशों के बाद वांग फुक कोर्ट में लगी आग पर काबू पा लिया गया है।एग्जीक्यूटिव ली ने बताया कि करीब 279 लोग अभी भी लापता हैं। 29 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से सात की हालत गंभीर है।ली ने जोर देकर कहा कि सरकार की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी मदद मिल रही है। उन्होंने डिपार्टमेंट्स और यूनिट्स को आग बुझाने, फंसे हुए लोगों को बचाने, घायलों का इलाज करने, परिवारों को मदद और इमोशनल सपोर्ट देने, और हादसे की पूरी जांच करने सहित बड़े पैमाने पर काम करने का निर्देश दिया है।वांग फुक कोर्ट में आठ रेजिडेंशियल बिल्डिंग हैं, और आग ने सात बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया है। हांगकांग हॉस्पिटल अथॉरिटी ने अपने मेजर इंसिडेंट कंट्रोल सेंटर को सक्रिय कर दिया है।एजुकेशन ब्यूरो ने प्रभावित छात्रों को सही मदद देने के लिए एजुकेशनल साइकोलॉजिस्ट और संबंधित स्टाफ को अस्थायी आश्रय घरों में भेजा है। इसके अलावा, वहां के कई स्कूल गुरुवार को बंद रहेंगे। ताई पो केयर टीम के सदस्य और जिला काउंसलर लैम यिक कुएन ने कहा कि कई संगठनों और लोगों ने अपनी मर्जी से मानवीय मदद की है। इससे मुश्किल समय में एकजुटता और आपसी देखभाल दिखाई देती है।
- कैनबरा। सोमवार से ही स्नैपचैट ऑस्ट्रेलिया में अपने उन उपयोगकर्ताओं को नोटिफिकेशन भेज रहा है जिनकी उम्र 16 साल से कम हो सकती है। ऐसा देश के नए कानून के तहत हो रहा है, जिससे 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इस्तेमाल करने से रोका जाएगा।ऑस्ट्रेलिया का यह नियम 10 दिसंबर 2025 से लागू हो रहा है, जिसके तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चों का सोशल मीडिया इस्तेमाल करना बैन हो जाएगा। इसी फैसले के तहत स्नैपचैट ने देश में अपने यूजर्स का एज वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है। स्नैपचैट उन यूजर्स को यह जांच पूरी करने के लिए कह रहा है जिनकी उम्र उसे 16 साल से कम लगती है। प्लेटफॉर्म ने बताया है कि ऑस्ट्रेलिया में लगभग 4.4 लाख यूजर्स 13 से 15 साल के बीच है—और अब उन्हें अपनी उम्र साबित करनी होगी।उम्र साबित करने के लिए ऐप दो तरीके दे रहा है। पहला कनेक्ट आईडी है। यह सीधे बैंक से जुड़ा है, जो केवल यह बताता है कि यूजर 16+ है या नहीं। इसमें किसी निजी बैंक को लेकर जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती है। वहीं दूसरा के आईडी है। इसमें यूजर अपनी आईडी अपलोड कर सकता है या सेल्फी से उम्र का अनुमान लगाने की सुविधा का इस्तेमाल कर सकता है। अगर स्नैपचैट को पता चलता है कि कोई बच्चा 16 से छोटा है, तो उसका खाता लॉक कर दिया जाएगा। जब वह 16 साल का हो जाएगा और अपनी उम्र साबित कर देगा, तभी उसका अकाउंट दोबारा खोला जाएगा।दिलचस्प बात यह है कि स्नैपचैट खुद को “सोशल मीडिया” नहीं, बल्कि विजुअल मैसेजिंग ऐप कहता है और इस नियम से सहमत नहीं है। लेकिन कंपनी ने कहा है कि वह ऑस्ट्रेलिया के कानून का पालन करेगी। ऑस्ट्रेलियाई सरकार के मुताबिक, इस कानून का मकसद बच्चों को ऑनलाइन खतरे, साइबर बुलिंग और हानिकारक कंटेंट से बचाना है। टिकटॉक और इंस्टाग्राम जैसे दूसरे प्लेटफॉर्म्स को भी इन्हीं नियमों का पालन करना होगा।
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जोहानिसबर्ग. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को यहां जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, खनन, महत्वपूर्ण खनिज, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और खाद्य सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बैठक के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ एक अच्छी और उपयोगी बैठक की।” उन्होंने कहा कि बातचीत व्यापार, निवेश, खनन, महत्वपूर्ण खनिज, एआई, डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत ढांचा, कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा में और सहयोग पर केंद्रित रही। जायसवाल ने कहा, "दोनों नेताओं ने प्रौद्योगिकी और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए युवा प्रतिनिधिमंडल के आदान - प्रदान शुरू करने पर चर्चा की।'' मोदी ने इस साल जी20 शिखर सम्मेलन की सफल अध्यक्षता के लिए दक्षिण अफ्रीकी नेता को बधाई भी दी। जायसवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री ने जी20 की सफल अध्यक्षता के लिए राष्ट्रपति रामफोसा और दक्षिण अफ्रीका को बधाई दी।" दक्षिण अफ्रीका, अफ्रीका में आयोजित हो रहे पहले जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। अफ्रीकी संघ 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान जी20 का सदस्य बना था। यह प्रधानमंत्री मोदी की दक्षिण अफ्रीका की चौथी आधिकारिक यात्रा है। इससे पहले वह 2016 में द्विपक्षीय यात्रा पर गए थे और बाद में 2018 और 2023 में दो बार ब्रिक्स सम्मेलन के लिए गए थे। दक्षिण अफ्रीका, अफ्रीकी इलाके में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। 2023-24 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 19.25 अरब अमेरिकी डॉलर का था। भारतीय व्यापारों ने अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 तक दक्षिण अफ्रीका में 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा का निवेश किया है। ये निवेश फार्मास्यूटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोटिव, बैंकिंग और खनन जैसे अलग-अलग क्षेत्र में किये गए हैं। शनिवार को, जी-20 शिखर सम्मेलन स्थल पर पहुंचने पर मोदी ने कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को “गर्मजोशी से स्वागत करने और इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हैं।” जी20 नेताओं की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक विकास मानदंडों पर गहन पुनर्विचार का आह्वान किया और मादक पदार्थ-आतंकवाद गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए जी-20 पहल तथा एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रतिक्रिया दल बनाने का प्रस्ताव किया। मोदी 20वें जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए 21 से 23 नवंबर तक जोहानिसबर्ग की यात्रा पर हैं।
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जोहानिसबर्ग. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों की जोरदार वकालत करते हुए रविवार को कहा कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (इब्सा) के त्रिपक्षीय मंच को यह स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि वैश्विक संस्था में बदलाव अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है। मोदी ने यहां इब्सा नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया बंटी और विभाजित नजर आती है, इब्सा एकता, सहयोग और मानवता का संदेश दे सकता है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा को संबोधित करते हुए मोदी ने तीनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए इब्सा एनएसए स्तरीय बैठक को संस्थागत बनाने का प्रस्ताव रखा। मोदी ने कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें घनिष्ठ समन्वय के साथ आगे बढ़ना होगा। इतने गंभीर मुद्दे पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है।'' मानव-केंद्रित विकास सुनिश्चित करने में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने तीनों देशों के बीच यूपीआई जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, कोविन जैसे स्वास्थ्य मंचों, साइबर सुरक्षा ढांचे और महिलाओं के नेतृत्व वाली तकनीकी पहल को साझा करने की सुविधा के लिए ‘इब्सा डिजिटल नवाचार गठबंधन' की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा। ‘इब्सा' समूह दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने, वैश्विक शासन प्रणालियों में सुधारों को आगे बढ़ाने और विकासशील देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित है।
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जोहानिसबर्ग. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के प्रधानमंत्रियों के साथ बैठक के बाद एक नयी त्रिपक्षीय प्रौद्योगिकी और नवाचार साझेदारी की घोषणा की। मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया मंच पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमें आज ऑस्ट्रेलिया-कनाडा-भारत प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसीआईटीआई) साझेदारी की घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह पहल उभरती प्रौद्योगिकियों में तीन महाद्वीपों और तीन महासागरों में फैले लोकतांत्रिक साझेदारों के बीच सहयोग को और प्रगाढ़ करेगी, साथ ही आपूर्ति शृंखलाओं में विविधता, स्वच्छ ऊर्जा और कृत्रिम मेधा (एआई) के व्यापक उपयोग में मददगार साबित होगी।'' भारत, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की सरकारों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, तीनों पक्षों ने ‘महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को मजबूत करने के लिए अपने लक्ष्यों को बढ़ाने और मौजूदा द्विपक्षीय पहलों को पूरा करने' पर सहमति व्यक्त की। बयान के मुताबिक, इस पहल का लाभ तीनों देशों की नैसर्गिक क्षमताओं से उठाया जाएगा और इसमें हरित ऊर्जा नवाचार और मजबूत आपूर्ति शृंखलाओं के निर्माण पर, विशेषकर महत्वपूर्ण खनिजों के मामले में, विशेष जोर होगा। इसमें कहा गया, ‘‘यह उनके ‘नेट-जीरो' लक्ष्य की दिशा में महत्वाकांक्षा और रणनीतिक सहयोग को प्रगाढ़ करेगा और आपूर्ति शृंखलाओं के और विविधीकरण को सुरक्षित, सतत और लचीले भविष्य की ओर आगे बढ़ाएगा।'' बयान के मुताबिक, ‘‘इस साझेदारी में हमारे नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कृत्रिम मेधा के विकास और व्यापक रूप से अपनाने पर भी विचार किया जाएगा।'' संयुक्त बयान में कहा गया कि इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए तीनों देशों के अधिकारी 2026 की पहली तिमाही में बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को इस मुलाकात से इतर ब्रिटिश समकक्ष केअर स्टॉर्मर और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ भी बैठक की। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जोहानिसबर्ग में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर से मिलकर बहुत अच्छा लगा। इस वर्ष भारत-ब्रिटेन साझेदारी में नयी ऊर्जा आई है और हम इसे अनेक क्षेत्रों में आगे बढ़ाते रहेंगे।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस के साथ बातचीत बहुत ही ‘लाभदायक' रही।
मोदी ने जी20 नेताओं की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वैश्विक विकास के मानकों पर गहन पुनर्विचार की आवश्यकता जताई और मादक पदार्थों तथा आतंकवाद के गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए समूह की ओर से पहल तथा एक वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल गठित करने का प्रस्ताव रखा। -
जोहानिसबर्ग. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दुनिया के कई नेताओं के साथ अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत की और कहा कि उन्होंने ‘‘वैश्विक तरक्की और खुशहाली के लिए साझा प्रतिबद्धता'' को दोहराया। मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात की। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “जोहानिसबर्ग में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर से मिलना बहुत अच्छा रहा। इस साल भारत-ब्रिटेन भागीदारी में नयी ऊर्जा आई है और हम इसे कई क्षेत्रों में आगे बढ़ाते रहेंगे।” मोदी ने कहा कि मलेशिया के प्रधानमंत्री इब्राहिम के साथ उनकी “अच्छी बातचीत” हुई। उन्होंने कहा कि भारत और मलेशिया “द्विपक्षीय सहयोग को विविध क्षेत्रों में प्रगाढ़ करने के लिए” मिलकर काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से मिलकर “खुश” हुए, जिनके साथ उनकी “अलग-अलग मुद्दों पर अच्छी बातचीत हुई। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि ‘‘भारत-फ्रांस के रिश्ते दुनिया की भलाई के लिए एक ताकत बने हुए हैं!'' प्रधानमंत्री की कोरियाई नेता ली जे-म्युंग से भी मुलाकात हुई। इस साल म्युंग से उनकी यह दूसरी मुलाकात थी। मोदी ने कहा कि यह बातचीत “हमारी विशेष रणनीतिक भागीदारी में मज़बूत रफ़्तार का संकेत है। हमने अपने आर्थिक और निवेश जुड़ाव को और गहरा करने के लिए दृष्टिकोण साझा किए।” ब्राज़ील के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मोदी ने कहा, “भारत और ब्राजील अपने लोगों के फ़ायदे के लिए कारोबार और सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।” प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुतारेस के साथ उनकी “बहुत सार्थक” बातचीत हुई। सम्मेलन के मुख्य सत्र से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी समेत कई दूसरे नेताओं से भी बातचीत की। शिखर सम्मेलन में जी-20 नेताओं के साथ एक 'फोटो' साझा करते हुए मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "हम एक साथ मिलकर वैश्विक प्रगति और समृद्धि के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।" इससे पहले, जी-20 शिखर सम्मेलन स्थल पर पहुंचने पर मोदी ने कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को “गर्मजोशी से स्वागत करने और इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हैं।” जी20 नेताओं की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक विकास मानदंडों पर गहन पुनर्विचार का आह्वान किया और मादक पदार्थ-आतंकवाद गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए जी-20 पहल तथा एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रतिक्रिया दल बनाने का प्रस्ताव किया।
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जोहानिसबर्ग. अफ्रीका में आयोजित पहला जी20 शिखर सम्मेलन दुनिया के सबसे गरीब देशों को प्रभावित करने वाली लंबे समय से जारी कुछ समस्याओं के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के महत्वाकांक्षी एजेंडा के साथ शनिवार को शुरू होगा। दुनिया की सबसे समृद्ध एवं प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेता और शीर्ष सरकारी अधिकारी दक्षिण अफ्रीका के प्रसिद्ध सोवेटो कस्बे के पास स्थित एक प्रदर्शनी केंद्र में एकत्र होंगे ताकि वे मेजबान देश द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं को लेकर किसी सहमति पर पहुंचने की कोशिश कर सकें। इन प्राथमिकताओं में बढ़ती वैश्विक असमानता को कम करने के उपायों के तहत जलवायु-संबंधी आपदाओं से उबरने के लिए गरीब देशों को अधिक सहायता देना, उनके विदेशी ऋण बोझ को कम करना, हरित ऊर्जा स्रोतों को अपनाना और अपने महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों का उपयोग करना शामिल है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से जब पूछा गया कि क्या जी20 विकासशील देशों को तरजीह दे पाएगा और कोई ठोस सुधार करेगा, तो उन्होंने कहा, ‘‘ देखते हैं कि क्या होता है... लेकिन मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका ने इन बातों को स्पष्ट रूप से सामने रखकर अपना काम कर दिया है।'' इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका भाग नहीं ले रही। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा करते हुए शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया है कि दक्षिण अफ्रीका नस्लवादी ‘श्वेत रोधी' नीतियां अपना रहा है और अपने यहां के श्वेत अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है। जी20 वास्तव में 21 सदस्यों का समूह है, जिसमें 19 देश, यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे और उन्होंने कहा कि वह प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ ‘सार्थक चर्चा' की उम्मीद करते हैं। यह अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है और 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी20 का सदस्य बना था।
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जोहानिसबर्ग. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि जी 20 देशों में दुनिया की मुश्किलों को कम करने और इसे शांतिपूर्ण मार्ग पर लाने की अपार क्षमता है। इसके साथ ही उन्होंने इन देशों से इस दिशा में जरूरी कदम उठाने की अपील की है। गुतारेस ने यह बात शुक्रवार को जोहानिसबर्ग पहुंचने के तुरंत बाद मीडिया के साथ बातचीत में कही। वह अगले दो दिनों तक यहां जी 20 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘अगले दो दिनों में जी 20 के नेताओं के लिये मेरा आसान सा संदेश है। अब नेतृत्व एवं दृष्टिकोंण का समय है।'' इसक साथ ही उन्होंने दुनिया भर में व्यापक मुश्किलों के लिये जिन कारणों का उल्लेख किया, उनमें संघर्ष, जलवायु अव्यवस्था, आर्थिक अनिश्चितता, असमानता और वैश्विक सहायता में आई गिरावट शामिल है।'' गुतारेस ने कहा कि बढ़ता सैन्य खर्च विकास के संसाधनों को कम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते जी20 देश मुश्किलों को कम करने, आर्थिक विकास का लाभ सभी के लिए सुनिश्चित करने और भविष्य में दुनिया को एक बेहतर और अधिक शांतिपूर्ण मार्ग पर ले जाने के लिहाज से बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि सम्मेलन के दौरान वह जी 20 के सदस्य देशों से कहेंगे कि वे इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करें और इस दिशा में अपनी ताकत का इस्तेमाल करें। - काठमांडू, ।नेपाल के ‘जेन जेड’ युवा और अपदस्थ प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल के समर्थकों का शुक्रवार को एक बार फिर राजधानी काठमांडू में आमना-सामना हुआ, जबकि कुछ दिन पहले ही उनके बीच झड़प के कारण बारा जिले में कर्फ्यू लगाना पड़ा था।‘जेन जेड’ समूह के दर्जनों घायल युवकों ने शुक्रवार को काठमांडू के माइतीघर मण्डला में पूर्व प्रधानमंत्री ओली के खिलाफ धरना दिया। वे आठ सितंबर को प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए ओली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जिसमें 76 लोग मारे गए थे।शुक्रवार का प्रदर्शन निकटवर्ती बानेश्वर-बबरमहल क्षेत्र में सीपीएन-यूएमएल की रैली के बाद हुआ, जहां पार्टी प्रमुख ओली ने यूएमएल नेताओं और कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने के लिए ‘नेशनल वोलेंटियर्स फोर्स’ के गठन की घोषणा की।यूएमएल कार्यकर्ताओं और ‘जेन जेड’ युवाओं, दोनों के कार्यक्रम लगभग एक ही स्थान पर और एक ही समय आयोजित किये गए थे तथा उनके बीच किसी भी टकराव को टालने के लिए बड़ी संख्या में दंगा रोधी पुलिसकर्मी तैनात किये गए थे।जेन जेड’ वे युवा हैं, जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ था।एक दिन पहले, ‘जेन जेड’ के युवाओं और ओली की पार्टी के सदस्यों के बीच झड़प में 10 लोग घायल हो गए, जिसके बाद तनाव फैल गया था। इसके बाद अधिकारियों को भारत की सीमा से लगे नेपाल के बारा जिले में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था।हालांकि, शुक्रवार को कर्फ्यू हटा लेने के बाद बारा ज़िले में जनजीवन पटरी पर लौट आया। पुलिस द्वारा सीपीएन-यूएमएल के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के बाद स्थिति नियंत्रण में आई, जो बुधवार को सिमरा हवाई अड्डे पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे ‘जेन जेड’ युवाओं की पिटाई में शामिल थे।ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल इन दिनों ‘जेन जेड’ युवाओं के निशाने पर है। पूर्व प्रधानमंत्री ओली और पार्टी के युवा नेता महेश बसनेत सहित कुछ यूएमएल नेताओं द्वारा ‘जेन जेड’ के खिलाफ आक्रामक गतिविधियों और शत्रुतापूर्ण टिप्पणियों के कारण ऐसा हुआ है।नेपाली कांग्रेस और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दलों ने जहां ‘जेन जेड’ के प्रति नरम रुख अपनाया है और 5 मार्च को आम चुनाव कराये जाने का स्वागत किया है। वहीं, ओली की पार्टी ने आम चुनाव का विरोध किया है। ओली की पार्टी नेपाल की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को बहाल करने के लिए अभियान चला रही है तथा प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के इस्तीफे की मांग कर रही है।
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दुबई । भारतीय वायुसेना (IAF) का तेजस लड़ाकू विमान शुक्रवार को दुबई एयर शो में एरियल डिस्प्ले के दौरान क्रैश हो गया और इस हादसे में पायलट की मौत हो गई। यह जानकारी वायुसेना ने दी। IAF ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित की जा रही है।
कैसे क्रैश हुआ तेजस लड़ाकू विमानविभिन्न टीवी चैनलों पर टेलीकास्ट हो रहे विजुअल्स में दिखा कि विमान अचानक ऊंचाई खोते हुए नीचे गिरा और जमीन से टकराते ही आग के गोले में बदल गया। दुर्घटना के बाद हवाई अड्डे के ऊपर काले धुएं का गुबार दिखा। एयरशो के लिए उमड़ी भीड़ में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा दोपहर करीब 2:10 बजे (स्थानीय समय) तब हुआ जब विमान दर्शकों के सामने डेमो फ्लाइट कर रहा था।जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठितIAF ने एक्स पर पोस्ट किए अपने आधिकारिक बयान में कहा, “दुबई एयर शो में एरियल डिस्प्ले के दौरान IAF का एक तेजस विमान हादसे का शिकार हो गया। इस दुर्घटना में पायलट को गंभीर चोटें आईं, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई। IAF इस अपूरणीय क्षति पर गहरा दुख व्यक्त करता है और इस कठिन समय में शोकग्रस्त परिवार के साथ खड़ा है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित की जा रही है।” -
न्यूयॉर्क/ न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध टाइम्स स्क्वायर में भारतीय प्रवासी समुदाय और अन्य देशों की महिलाओं ने एक विशेष कार्यक्रम के दौरान साड़ी की खूबसूरती, विरासत, कलात्मकता और समुदाय के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण का जश्न मनाया। इस दौरान रंग-बिरंगी और विभिन्न शैलियों की साड़ियां इस लोकप्रिय स्थल पर छा गईं।
‘साड़ी गोज़ ग्लोबल' कार्यक्रम के दूसरे संस्करण का आयोजन रविवार को न्यूयॉर्क स्थित परोपकारी संगठन ‘उमा ग्लोबल' ने न्यूयॉर्क के भारतीय वाणिज्य दूतावास के सहयोग से किया। उमा ग्लोबल द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस वर्ष के उत्सव में भारत, बांग्लादेश, ब्रिटेन, वेस्ट इंडीज, मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका, अमेरिका के कई शहरों और स्थानीय न्यूयॉर्क निवासियों ने हिस्सा लिया। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में काउंसलर (चांसरी प्रमुख) प्रज्ञा सिंह ने साड़ी के गहन सांस्कृतिक इतिहास और विविधता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “साड़ी दुनिया के सबसे पुराने लगातार पहने जाने वाले परिधानों में से एक है, जिसकी परंपरा हजारों साल पुरानी है। इसकी अनगिनत शैलियां, पहनने के तरीके और कपड़े भारत की असाधारण विविधता और कलात्मक विरासत को प्रतिबिंबित करते हैं।'' ‘साड़ी गोज़ ग्लोबल' इस विरासत को न्यूयॉर्क शहर के केंद्र में खूबसूरती से जीवंत करता है और दिखाता है कि किस तरह परंपरा विभिन्न संस्कृतियों, पीढ़ियों और भौगोलिक क्षेत्रों को जोड़ सकती है।” न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होकुल के पत्र में कार्यक्रम के विविधता, सशक्तिकरण और सामुदायिक सहभागिता में योगदानों की सराहना की गई। उमा ग्लोबल की अध्यक्ष डॉ. रीता काकाटी-शाह ने कहा कि यह विशेष कार्यक्रम “हम सभी को जोड़ता है और ऐसा करते हुए महिलाओं, युवाओं की आवाज और साड़ी की सुंदरता का उत्सव मनाता है। टाइम्स स्क्वायर को एक बार फिर संस्कृति, रंग और आत्मविश्वास के समुद्र में बदलते देखना गर्व की बात है।'' शाह ने असम के रेशम की बुनाई के लिए पहचाने जाने वाले गांव सुआलकुची की पारंपरिक पाट रेशम मेखला छादोर साड़ी पहनी हुई थी। उमा ग्लोबल न्यूयॉर्क स्थित एक परोपकारी संगठन है, जो शिक्षा, नेतृत्व विकास और अंतर-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।













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