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वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ शुक्रवार को ‘व्हाइट हाउस' (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में लंबी बैठक के बाद यूक्रेन एवं रूस से युद्ध समाप्त करने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘‘वे जहां हैं वहीं रुक जाएं।'' ट्रंप ने राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद से यह युद्ध समाप्त नहीं होने को लेकर कई बार हताशा जताई है लेकिन उनकी ताजा टिप्पणी यूक्रेन के लिए यह संदेश प्रतीत होती है कि वह रूस के हाथों गंवाई भूमि को वापस लेने का प्रयास छोड़ दे। ट्रंप ने जेलेंस्की और उनकी टीम की दो घंटे से अधिक की बातचीत के तुरंत बाद ‘ट्रुथ सोशल' पर एक ‘पोस्ट' में कहा, ‘‘काफी खून-खराबा हो चुका है, संपत्ति की सीमाएं युद्ध और साहस से तय हो रही हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें वहीं रुक जाना चाहिए जहां वे हैं। दोनों को जीत का दावा करने दें, इतिहास को फैसला करने दें!'' ट्रंप ने बाद में फ्लोरिडा पहुंचने के तुरंत बाद दोनों पक्षों से ‘‘तुरंत युद्ध रोकने'' का आग्रह किया और संकेत दिया कि रूस यूक्रेन से छीना गया क्षेत्र अपने पास रखे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप युद्ध रेखा के अनुसार चलें, चाहे वह कहीं भी हो -- वरना यह बहुत जटिल हो जाएगा।'' ट्रंप ने कहा, ‘‘आप युद्ध रेखा पर रुक जाएं और दोनों पक्षों को वापस जाना चाहिए, अपने परिवारों के पास जाना चाहिए, हत्याएं बंद करनी चाहिए।'' शुक्रवार की बैठक के बाद जेलेंस्की ने कहा कि युद्धविराम और बातचीत का समय आ गया है। उन्होंने जमीन छोड़ने के लिए ट्रंप द्वारा यूक्रेन पर दबाव डाले जाने के बारे में पूछे गए सवाल का सीधा जवाब देने से परहेज किया। जब पत्रकारों ने जेलेंस्की से ट्रंप के पोस्ट के बारे में सवाल किया तो यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति सही हैं। हमें वहीं रुकना होगा जहां हम हैं और फिर बात करनी होगी।'' युद्ध को लेकर ट्रंप का रुख पुतिन के साथ बृहस्पतिवार को लंबी फोन वार्ता के बाद बदला। फोन पर वार्ता के बाद उन्होंने घोषणा की कि वह आगामी सप्ताहों में हंगरी के बुडापेस्ट में रूसी नेता से मिलने की योजना बना रहे हैं। जेलेंस्की ने गाजा में पिछले सप्ताह हुए युद्धविराम और बंधक समझौते को लेकर ट्रंप को शुक्रवार को बधाई देते हुए कहा कि अब ट्रंप के पास रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने का बड़ा मौका है। अमेरिकी नेता ने संकेत दिया है कि वह कीव को लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली बेचने की सहमति देने को तैयार नहीं हैं। हालांकि यूक्रेन को इसकी सख्त जरूरत है। हाल में ट्रंप ने यूक्रेन को लंबी दूरी की ‘टॉमहॉक क्रूज' मिसाइल बेचने की मंशा दिखाई थी, जबकि पुतिन ने चेतावनी दी थी कि इस तरह के कदम से अमेरिका-रूस संबंधों में और तनाव पैदा होगा।
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वाशिंगटन. दुनिया इस सदी के अंत तक हर साल लगभग दो महीने तक ‘‘अत्यधिक गर्म'' दिनों का सामना करेगी और इसका सबसे ज्यादा असर छोटे व गरीब देशों पर पड़ेगा, जबकि सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक देशों को इसकी मार कम झेलनी पड़ेगी। बृहस्पतिवार को जारी एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। हालांकि, 2015 के पेरिस जलवायु समझौते के बाद से उत्सर्जन कम करने के प्रयासों ने गंभीर स्थिति को कुछ हद तक रोका है। अध्ययन के मुताबिक, अगर यह समझौता नहीं हुआ होता तो पृथ्वी को हर साल 114 और घातक गर्म दिनों का सामना करना पड़ता। ‘वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन' और अमेरिका स्थित ‘क्लाइमेट सेंट्रल' के वैज्ञानिकों ने विभिन्न मॉडल की वास्तविक समय के साथ तुलना करते हुए कंप्यूटर के जरिए यह गणना की है कि पेरिस समझौते से कितनी राहत मिली है। अध्ययन के अनुसार, यदि सभी देश अपने वादों को पूरा करते हैं और वर्ष 2100 तक तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस बढ़ता है तो दुनिया को अब की तुलना में 57 अतिरिक्त गर्म दिन झेलने होंगे। लेकिन यदि तापमान चार डिग्री सेल्सियस बढ़ा तो यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। ‘क्लाइमेट सेंट्रल' की वैज्ञानिक क्रिस्टिना डाल ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन से दर्द और नुकसान तो होगा, लेकिन यह प्रगति भी दिखाती है कि पिछले 10 सालों में किए गए प्रयास असरदार रहे हैं।'' साल 2015 से अब तक दुनिया में औसतन 11 अतिरिक्त ‘‘अत्यधिक गर्म'' दिन बढ़ चुके हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। अध्ययन में पाया गया कि छोटे द्वीपीय और समुद्र पर निर्भर देश जैसे सोलोमन द्वीप, समोआ, पनामा और इंडोनेशिया को सबसे अधिक नुकसान होगा। उदाहरण के लिए, पनामा को 149 अतिरिक्त गर्म दिनों का सामना करना पड़ेगा। इसके विपरीत अमेरिका, चीन और भारत जैसे प्रमुख उत्सर्जक देशों में केवल 23-30 अतिरिक्त गर्म दिन बढ़ेंगे। वे हवा में 42 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन उन्हें अतिरिक्त अत्यधिक गर्म दिनों का एक प्रतिशत से भी कम हिस्सा मिल रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह असमानता जलवायु न्याय की गहराई को दिखाती है कि जिन देशों ने कम प्रदूषण फैलाया है, वही सबसे ज्यादा जलवायु संकट झेलेंगे।
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मोंटेवीडियो (उरुग्वे). उरुग्वे की सीनेट ने इच्छामृत्यु को अपराधमुक्त करने वाला कानून पारित कर दिया है जिससे यह दक्षिण अमेरिकी देश उन कुछ अन्य देशों में शामिल हो गया है जहां गंभीर रूप से बीमार मरीज अपना जीवन समाप्त करने के लिए कानूनी रूप से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। बुधवार को उठाए गए इस कदम से उरुग्वे कैथोलिक बहुल लैटिन अमेरिका में कानून के तहत इच्छामृत्यु की अनुमति देने वाला पहला देश बन गया है। उरुग्वे में सत्तारूढ़ वामपंथी गठबंधन की सीनेटर पेट्रीसिया क्रेमर ने देश की राजधानी मोंटेवीडियो में सांसदों से कहा, ‘‘जनमत हमें इस पर विचार करने के लिए कह रहा है।'' पिछले पांच साल से रुक-रुक कर आगे बढ़ते रहे इस कानून ने बुधवार को उस समय आखिरी बाधा पार कर ली जब संसद के उच्च सदन में 31 में से 20 सीनेटर ने इसके पक्ष में मतदान किया। निचले सदन ने अगस्त में इस विधेयक को भारी बहुमत से मंजूरी दे दी थी। चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ ‘ब्रॉड फ्रंट' गठबंधन के सांसदों ने इच्छामृत्यु के अधिकार का जोरदार बचाव किया और इसके लिए चलाए गए अभियान की तुलना तलाक एवं समलैंगिक विवाह की वैधता से की। अमेरिकी राज्यों, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इच्छामृत्यु के लिए आवेदन करने का अधिकार केवल उन लोगों को दिया जाता है जिनके जीने की संभावना छह महीने या एक साल से अधिक नहीं है, लेकिन उरुग्वे में ऐसा नहीं है। ‘‘असहनीय पीड़ा'' झेल रहे किसी भी लाइलाज बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को इसके लिए आवेदन करने का अधिकार होगा। उरुग्वे में इच्छामृत्यु चाहने वालों के लिए मानसिक रूप से सक्षम होना आवश्यक है।
बेल्जियम, कोलंबिया और नीदरलैंड के विपरीत उरुग्वे में नाबालिगों के लिए इच्छामृत्यु की अनुमति नहीं है। -
तेल अवीव. इजराइली सेना ने बुधवार को कहा कि संघर्ष विराम समझौते के तहत हमास द्वारा एक दिन पहले सौंपे गए शवों में से एक शव गाजा में बंधक बनाकर रखे गए व्यक्ति का नहीं है। नाजुक युद्ध विराम समझौते पर दबाव कम करने के लिए हमास ने मंगलवार को चार शव सौंपे। इससे पहले सोमवार को चार शव सौंपे गए थे जब शेष 20 जीवित बंधकों को रिहा किया गया था। कुल मिलाकर, इजराइल 28 मृत बंधकों के शवों की वापसी का इंतजार कर रहा है। सेना ने कहा कि "नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन” में जांच पूरी होने के बाद, हमास द्वारा इजराइल को सौंपा गया चौथा शव किसी भी बंधक से मेल नहीं खाता है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बुधवार को मांग की कि हमास, बंधकों के शवों की वापसी के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत युद्धविराम समझौते में निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करे। उन्होंने कहा, "हम इस पर कोई समझौता नहीं करेंगे और अपने प्रयास तब तक नहीं रोकेंगे जब तक कि हम अंतिम मृतक बंधक को वापस प्राप्त नहीं कर लेते।" अमेरिका द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम योजना में सभी बंधकों - जीवित और मृत - को निर्धारित समय सीमा में सौंपने का आह्वान किया गया था। यह समय सीमा सोमवार को समाप्त हो गई, लेकिन समझौते के तहत, अगर ऐसा नहीं होता है, तो हमास को मृत बंधकों के बारे में जानकारी साझा करनी होगी और जल्द से जल्द सभी को सौंपने का प्रयास करना होगा। यह पहली बार नहीं है जब हमास ने इज़राइल को कोई गलत शव लौटाया हो। इस साल की शुरुआत में हुए पिछले युद्धविराम के दौरान, समूह ने कहा था कि उसने शिरी बिबास और उनके दो बेटों के शव सौंपे थे। मगर इज़राइल में जांच के दौरान लौटाए गए शवों में से एक की पहचान फलस्तीनी महिला के रूप में हुई। बिबास का शव एक दिन बाद वापस लाया गया और उसकी पहचान हो गई।
हमास के प्रवक्ता हज़म कासिम ने बुधवार को ‘टेलीग्राम' मैसेजिंग ऐप पर कहा कि उनका समूह युद्धविराम समझौते में बनी सहमति के अनुसार बंधकों के शव वापस करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने इज़राइल पर मंगलवार को गाजा के पूर्वी शहर और क्षेत्र के दक्षिणी शहर रफा में गोलीबारी करके समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज़ ने बुधवार को कहा कि सेना समझौते में निर्धारित तैनाती सीमाओं के अनुरूप काम कर रही है और चेतावनी दी कि तैनाती सीमा के निकट आने वाले किसी भी व्यक्ति को निशाना बनाया जाएगा - जैसा कि मंगलवार को कई चरमपंथियों के साथ हुआ। गाजा से रिहा हुए दो बंधकों के शवों को बुधवार को दफनाया जाना था। परिवार ने लोगों से बुधवार दोपहर सड़क पर इकट्ठा होने का आह्वान किया ताकि वे एक बंधक की शव यात्रा में शामिल हो सकें। -
लास वेगास. ऑरेकल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) माइक सिसिलिया ने कहा है कि कृत्रिम मेधा (एआई) अब केवल एक प्रौद्योगिकी बदलाव या नए फीचर की बात नहीं रह गई है, बल्कि यह एक ऐसी परिवर्तनकारी ताकत बन चुकी है जो दुनियाभर के व्यवसायों को पूरी तरह से नया आकार दे रही है। सिसिलिया ने इसे एक पीढ़ी में एक बार आने वाला मौका बताया।
मंगलवार को शुरू हुए अपने वार्षिक कार्यक्रम ‘ऑरेकल एआई वर्ल्ड' में अमेरिकी प्रौद्योगिकी दिग्गज ने कई घोषणाएं भी कीं। ‘ऑरेकल एआई वर्ल्ड' के मुख्य भाषण में सिसिलिया ने कहा कि एआई सब कुछ बदल रहा है, चाहे वह कंपनियों का ग्राहकों को सेवा देना हो, बेहतरीन कर्मचारियों को ढूंढ़ना हो, लागत बचाना हो, उत्पादकता बढ़ाना हो या नवाचार को बढ़ावा देना हो। सिसिलिया ने कहा, ‘‘आज हम एक बहुत खास समय में हैं जो एक पीढ़ी में एक बार आता है। इस समय सब कुछ बदल रहा है और अब तक किए गए हमारे सभी नवोन्मेषण आगे चलकर हमारे एआई मंच की मजबूत नींव बनेंगे।'' उन्होंने बताया कि चूंकि एआई हर जगह व्यवसाय को नया आकार दे रहा है, इसलिए ऑरेकल विश्वसनीय एआई प्रदान करने पर केंद्रित है जो विभिन्न उद्योगों में संगठनों में बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘एआई अब सिर्फ नई-नई प्रौद्योगिकी लाने या कुछ नए फीचर जोड़ने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि यह पूरी तरह से बदल रहा है कि व्यापार और कामकाज कैसे किया जाता है। यह बदलता है कि आप ग्राहकों को कैसे संभालते हैं, सबसे अच्छे कर्मचारियों को कैसे ढूंढ़ते हैं, पैसा कैसे बचाते हैं, काम की रफ़्तार कैसे बढ़ाते हैं और नए विचार कैसे लाते हैं, और भी बहुत कुछ... हम सब इस बड़े बदलाव का हिस्सा हैं।'' -
कोच्चि. आयुर्वेदिक उपचार के लिए केरल में एर्नाकुलम जिले के कूथट्टुकुलम आए केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा का दिल का दौरा पड़ने से बुधवार को निधन हो गया। पुलिस और अस्पताल के प्राधिकारियों ने यह जानकारी दी। आयुर्वेदिक नेत्र अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि ओडिंगा आयुर्वेदिक अस्पताल परिसर में सुबह की सैर करते समय बेहोश हो गए और उन्हें कूथट्टुकुलम के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां सुबह करीब नौ बजकर 52 मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर फिलहाल अस्पताल में रखा गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि ओडिंगा और उनका परिवार पहले भी अस्पताल आते रहे हैं। इस अस्पताल में उपचार के बाद उनकी बेटी की आंखों की रोशनी वापस आ गई थी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ओडिंगा की मौत की सूचना प्रोटोकॉल के अनुसार एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) को भेज दी गई है ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनके करीबी सहयोगी रहे और रूढ़िवादी कार्यकर्ता चार्ली किर्क को मरणोपरांत अमेरिका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। अमेरिका के उटाह प्रांत में एक कॉलेज में 10 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम के दौरान किर्क की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। किर्क को मंगलवार को उनके जन्मदिन पर आयोजित समारोह में मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया। यदि वह जीवित होते, तो यह उनका 32वां जन्मदिन होता। किर्क के अमेरिका के प्रशासन के साथ घनिष्ठ संबंध थे। वह राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम' पाने वाले पहले व्यक्ति हैं। राष्ट्रपति ने सितंबर में किर्क के अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें ‘‘महान अमेरिकी नायक'' और स्वतंत्रता के लिए ‘‘शहीद'' होने वाला कहा था। ट्रंप ने मंगलवार दोपहर कहा, ‘‘हम स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले एक निडर योद्धा, भावी पीढ़ी को प्रेरित करने वाले एक प्रिय नेता तथा गहरे विश्वास, बेहतरीन गुणवत्ता और अत्यधिक क्षमता वाले अमेरिकी देशभक्त को सम्मानित करने और याद करने के लिए यहां आए हैं।'' उन्होंने किर्क की हत्या के बारे में कहा, ‘‘सच बोलने, अपने विश्वास पर चलने और एक बेहतर एवं मजबूत अमेरिका बनाने के लिए अथक संघर्ष करने के कारण ऐसे समय में उनकी हत्या कर दी गई जब उनके जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड था।'' अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने ‘‘अमेरिका की सुरक्षा या राष्ट्रीय हितों, वैश्विक शांति, सांस्कृतिक या अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक या निजी प्रयासों'' में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए 1963 में ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम' की शुरुआत की थी।
- नयी दिल्ली। चीन ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और बैटरी पर दी जा रही सब्सिडी को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि मंत्रालय डब्ल्यूटीओ के समक्ष चीन द्वारा रखी गई विस्तृत प्रस्तुतियों का अध्ययन करेगा। एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि चीन ने इसी तरह की याचिकाएं तुर्किये, कनाडा और यूरोपीय संघ के खिलाफ भी दायर की हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘चीन ने भारत के साथ परामर्श की मांग की है।''डब्ल्यूटीओ के नियमों के तहत परामर्श की मांग किसी भी विवाद की समाधान प्रक्रिया का पहला चरण है। यदि परामर्श से समाधान नहीं निकलता है, तो डब्ल्यूटीओ एक पैनल बनाकर मामले पर फैसला करने की प्रक्रिया आगे बढ़ा सकता है। चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। पिछले वित्त वर्ष में भारत का चीन को निर्यात 14.5 प्रतिशत घटकर 14.25 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 11.52 प्रतिशत बढ़कर 113.45 अरब डॉलर हो गया। भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 2024-25 में बढ़कर 99.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
- लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने दिवाली से पहले ब्रिटिश भारतीय समुदाय की सराहना करते हुए कहा कि कड़ी मेहनत, मूल्यों और उदारता के जरिये समुदाय ने ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को आकार दिया है। बीस अक्टूबर को आने वाली दिवाली से पहले लंदन स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट' को दीयों और फूलों से सजाया गया है। स्टॉर्मर ने पिछले सप्ताह की अपनी भारत यात्रा का जिक्र करते हुए एक संदेश में कहा, “कुछ दिन पहले ही मैंने मुंबई में एक दीया जलाया था और आज शाम को आशा, एकता व प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में डाउनिंग स्ट्रीट में भी एक दीया जलाया गया।” उन्होंने ब्रिटिश भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “कड़ी मेहनत, मूल्यों और उदारता के जरिये आपने हमारी अर्थव्यवस्था को आकार दिया है, हमारी संस्कृति को समृद्ध बनाया है, और अनगिनत तरीकों से हमारे राष्ट्र को मजबूती दी है।” उन्होंने कहा, “दिवाली का संदेश है कि अंधकार पर प्रकाश की जीत होती है और आशा भय पर विजय प्राप्त करती है। यह संदेश हमें याद दिलाता है कि आगे चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों न हों, कड़ी मेहनत, शालीनता व सेवा के हमारे साझा मूल्य आगे बढ़ने के लिए हमारा मार्गदर्शन करेंगे।”
- न्यूयॉर्क। टेलर स्विफ्ट के एल्बम ‘‘द लाइफ ऑफ ए शोगर्ल'' की अमेरिका में पहले हफ़्ते में ही आधिकारिक तौर पर 40 लाख से ज्यादा प्रतियों की बिक्री हुई है, जिसमें एल्बम की बिक्री और स्ट्रीमिंग प्रक्रिया भी शामिल है। संगीत उद्योग से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी ‘ल्यूमिनेट' ने यह जानकारी दी और कहा कि आधुनिक संगीत के इतिहास में पहली बार प्रथम सप्ताह में इतनी कमाई हुई है। स्विफ्ट ने एडली के एल्बम ‘‘25'' का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिसकी 2015 में अमेरिका में पहले हफ़्ते में 33 लाख 78 हजार प्रतियां बिकी थीं। "द लाइफ़ ऑफ़ अ शोगर्ल" तीन अक्टूबर को रिलीज़ हुआ था। पहले हफ़्ते में, एल्बम की कुल बिक्री 34,79,500 प्रतियों की रही। टेलर स्विफ्ट ‘बिलबोर्ड 200' पर नंबर 1 पर पहुंचने वाली कलाकार भी बन गई हैं। इससे पहले वह ड्रेक और जे-जेड के साथ बराबरी पर थीं।
- स्टॉकहोम। आर्थिक विकास पर नवाचार के प्रभाव की व्याख्या और ‘रचनात्मक विनाश' नाम की एक प्रमुख आर्थिक अवधारणा पर शोध के लिए जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को सोमवार को इस साल के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की घोषणा के साथ सभी श्रेणियों में विजेताओं के ऐलान की प्रक्रिया पूरी हो गई। नोबेल शांति पुरस्कारों की घोषणा शुक्रवार को नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में की गई थी, जबकि बाकी सभी पुरस्कारों की घोषणा स्टॉकहोम में की गई। पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को इसके संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर आयोजित किए जाएंगे इस साल के विजेता इस प्रकार हैं :चिकित्साछह अक्टूबर को, मैरी ई ब्रुनको, फ्रेड रैमस्डेल और शिमॉन साकागुची को ‘पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस' से संबंधित उनकी खोजों के लिए इस साल का चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई। ब्रुनको (64) सिएटल स्थित इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम्स बायोलॉजी में वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक हैं। रैमस्डेल (64) सैन फ्रांसिस्को स्थित सोनोमा बायोथेरेप्यूटिक्स के वैज्ञानिक सलाहकार हैं, वहीं 74 वर्षीय साकागुची जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के इम्यूनोलॉजी फ्रंटियर रिसर्च सेंटर में प्रोफेसर हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली में विषाणु, जीवाणु और अन्य हानिकारक कारकों का पता लगाने और उनसे लड़ने के लिए कई प्रणालियां होती हैं। टी कोशिकाओं जैसे प्रमुख प्रतिरक्षा योद्धाओं को हानिकारक कारकों की पहचान करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। अगर कुछ कारक इस तरह से गड़बड़ा जाते हैं कि स्वप्रतिरक्षी (ऑटो इम्यून) रोग उत्पन्न हो सकते हैं, तो उन्हें थाइमस में नष्ट कर दिया जाना चाहिए - इस प्रक्रिया को ‘सेंट्रल टॉलरेंस' (केंद्रीय सहनशीलता) कहा जाता है। नोबेल विजेताओं ने शरीर द्वारा इस प्रणाली को नियंत्रित रखने के एक अतिरिक्त तरीके का खुलासा किया।भौतिकीसात अक्टूबर को, जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को डिजिटल प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने वाली ‘क्वांटम टनलिंग' पर शोध के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई। इससे एमआरआई मशीनों द्वारा अति संवेदनशील माप प्राप्त करना संभव हुआ और बेहतर मोबाइल फोन तथा तेज कंप्यूटर के लिए आधार तैयार हुआ है। क्लार्क (83) ने अपना शोध कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में किया। वहीं, मार्टिनिस(67) ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा में तथा डेवोरेट (72) ने येल में और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा में भी अपना शोध किया। क्वांटम यांत्रिकी का यह 100 साल पुराना क्षेत्र, असंभव प्रतीत होने वाले उप-परमाणु जगत से संबंधित है, जहां स्विच एक ही समय पर चालू और बंद हो सकते हैं और परमाणुओं के कुछ हिस्से अभेद्य प्रतीत होने वाली बाधाओं को भेदकर सुरंग बना सकते हैं। पुरस्कार विजेता तिकड़ी के काम ने इसे विश्व फलक पर व्यापक रूप से ले जाने में मदद की है, जहां इसमें कंप्यूटिंग और संचार को गति देने की क्षमता है।रसायनआठ अक्टूबर को, तीन वैज्ञानिकों को रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला, क्योंकि उन्होंने नई आणविक संरचनाएं विकसित की हैं जो भारी मात्रा में गैस को अपने अंदर समाहित कर सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कार्य वायुमंडल से ग्रीनहाउस गैसों को सोखने या रेगिस्तानी वातावरण से नमी इकट्ठा करने का आधार तैया करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉब्सन और उमर एम. याघी का काम ‘‘मानव जाति की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों को हल करने में योगदान दे सकता है।'' कितागावा (74) जापान के क्योटो विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं, जबकि 88 वर्षीय रॉब्सन ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। याघी (60) कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से संबद्ध हैं।साहित्यनौ अक्टूबर को, हंगरी के लेखकलास्लो क्रास्नाहोरकाई को साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गइ। पुरस्कार निर्णायक मंडल सदस्यों ने बताया, ‘‘सर्वनाशकारी आतंक'' के बीच कला की शक्ति को मजबूत करता है। उनके अतियथार्थवादी और अराजक उपन्यासों में एक निराशाजनक विश्वदृष्टि और तीखे हास्य का संगम है। लास्लो क्रास्नाहोरकाई की पहली कृति ‘‘सैटानटैंगो' के साथ ही ‘‘द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस'' सहित कई कृतियों को हंगेरियन निर्देशक बेला टार ने फिल्मों में रूपांतरित किया है। क्रास्नाहोरकाई (71) हंगरी के निरंकुश प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के मुखर आलोचक रहे हैं और खासकर रूसी आक्रमण के बाद उनकी सरकार द्वारा यूक्रेन को समर्थन न देने के विरोधी रहे हैं। उन्होंने इस साल ‘येल रिव्यू' को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘जब रूस अपने पड़ोसी देश पर आक्रमण करता है, तो कोई देश तटस्थ कैसे रह सकता है?''शांतिवेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को 10 अक्टूबर को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की शुक्रवार को घोषणा की गई। मारिया को एक ऐसी महिला के रूप में मान्यता दी गई, जिन्होंने “गहराते अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखी है।” नोबेल शांति पुरस्कार एकमात्र नोबेल पुरस्कार है, जो ओस्लो (नॉर्वे) में प्रदान किया जाता है। मारिया इस पुरस्कार को हासिल करने वाली 20वीं महिला हैं।अर्थशास्त्रआर्थिक विकास पर नवाचार के प्रभाव की व्याख्या और ‘रचनात्मक विनाश' नाम की एक प्रमुख आर्थिक अवधारणा पर शोध के लिए जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को सोमवार को अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई। मोकिर(79) नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से, एगियन(69) कॉलेज डी फ्रांस और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से तथा हॉविट (79) ब्राउन यूनिवर्सिटी से हैं। नोबेल समिति ने कहा कि मोकिर ने “यह प्रदर्शित किया कि अगर एक के बाद एक नये नवाचार की स्व-उत्पादक प्रक्रिया सुनिश्चित करनी है, तो हमें न केवल यह जानना होगा कि कौन-सी चीज काम करती है, बल्कि हमें इस बात की वैज्ञानिक समझ भी हासिल करनी होगी कि वह क्यों काम करती है।” ‘रचनात्मक विनाश' से आशय इस आर्थिक अवधारणा से है कि जब एक नया और बेहतर उत्पाद बाजार में दस्तक देता है, तो पुराने उत्पाद बेचने वाली कंपनियां नुकसान में आ जाती हैं।
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नई दिल्ली। हमास ने सोमवार को युद्धविराम के तहत सभी 20 जीवित बंधकों को रिहा कर दिया। इस युद्धविराम ने गाजा पट्टी में दो साल से चल रहे युद्ध को रोक दिया है, जिसमें हजारों फिलिस्तीन मारे गए। इस समझौते के तहत इजरायल ने 1,900 से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा किया है। युद्ध रोकने के लिए हुए समझौते के तहत अकालग्रस्त गाजा में खाद्य और सहायता सामग्री की आपूर्ति बढ़ाने की अनुमति दी गई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि वह इस शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘यहूदी कैलेंडर के अनुसार, दो वर्षों से जारी युद्ध का आज अंत हो रहा है।’ युद्धविराम शुक्रवार से शुरू हुआ और इसमें बंधकों के बदले फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली भी शामिल है। हालांकि, इजरायल-हमास युद्धविराम के बाद के चरणों पर अभी भी काम चल रहा है।
मिस्र पहुंचे राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंपअमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप गाजा के भविष्य से संबंधित वैश्विक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को मिस्र पहुंच गए। वह अमेरिका की मध्यस्थता से हमास के साथ हुए युद्ध विराम का जश्न मनाने के लिए इजरायल की यात्रा के बाद मिस्र गए हैं। इजरायल की संक्षिप्त यात्रा के दौरान उन्होंने यरूशलम में ‘नेसेट’ (संसद) को संबोधित किया। गाजा सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है, जिसकी मेजबानी ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी कर रहे हैं। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी इस सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने ‘ज्यूइश हॉलीडे’ का हवाला देते हुए इसमें शिरकत करने से इनकार कर दिया।हम ट्रंप के शांति प्रयासों का समर्थन करते हैं : मोदीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गाजा पट्टी में इजरायल के सभी 20 जीवित बंधकों की रिहाई का स्वागत किया और कहा कि भारत क्षेत्र में शांति लाने के अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करता है। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हम दो साल से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखे गए सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं। यह रिहाई उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के अथक शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मजबूत संकल्प के प्रति सम्मान है।’ -
ब्यूफोर्ट (अमेरिका). अमेरिका के साउथ कैरोलाइना प्रांत के एक द्वीप पर भीड़भाड़ वाले एक बार में हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई और कम से कम 20 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी रविवार तड़के सेंट हेलेना द्वीप स्थित विलीज बार एंड ग्रिल में हुई। उन्होंने बताया कि जब शेरिफ के सहायक घटनास्थल पर पहुंचे, तो वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और उन्होंने पाया कि कई लोग गोली लगने से घायल हैं। ब्यूफोर्ट काउंटी शेरिफ कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक बयान में कहा, ‘‘कई लोग गोलियों से बचने के लिए आस-पास के प्रतिष्ठान और संपत्तियों की ओर भागे।'' बयान में कहा गया, ‘‘यह सभी के लिए एक दुखद घटना है। हम इस घटना की जांच जारी रखते हुए आपसे धैर्य रखने का अनुरोध करते हैं। हमारी संवेदनाएं सभी पीड़ितों और उनके प्रियजनों के साथ हैं।'' घटनास्थल पर चार लोग मृत पाए गए और कम से कम 20 अन्य घायल हैं। घायलों में से चार की हालत गंभीर है और उन्हें क्षेत्रीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं की गई है
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पोजा रिका (मेक्सिको). मेक्सिको में लगातार बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 41 लोगों की मौत हो गई। प्राधिकारियों ने यह जानकारी दी। वेराक्रूज राज्य में छह से नौ अक्टूबर तक लगभग 540 मिलीमीटर (21 इंच से अधिक) बारिश हुई।
मेक्सिको सिटी से 170 मील (275 किलोमीटर) उत्तर-पूर्व में स्थित तेल नगरी पोजा रिका में बाढ़ से पहले कोई खास चेतावनी जारी नहीं की गई थी। मेक्सिको के राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा समन्वय ने बताया कि मेक्सिको सिटी के उत्तर में स्थित हिडाल्गो राज्य में शनिवार तक भारी बारिश से 16 लोगों की मौत हो गई और 150 समुदायों को बिजली आपूर्ति बाधित होने की समस्या का सामना करना पड़ा। मेक्सिको सिटी के पूर्व में स्थित पुएब्ला राज्य में कम से कम नौ लोग मारे गए और 16,000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए। वेराक्रूज राज्य में 15 लोगों की मौत हुई है जहां थल सेना एवं नौसेना भूस्खलन और बाढ़ के कारण अलग-थलग पड़े 42 समुदायों के निवासियों को बचाने में मदद कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि बचावकर्मी पूरे क्षेत्र में 27 लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं।
खाड़ी तट पर स्थित वेराक्रूज राज्य की 55 नगरपालिकाओं में 16,000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इससे पहले, मध्य क्वेरेटारो राज्य में भूस्खलन के कारण एक बच्चे की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण बिजली गुल होने से देश भर में 3,20,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने इस भीषण बारिश के लिए मेक्सिको के पश्चिमी तट पर आए उष्णकटिबंधीय तूफानों प्रिसिला और रेमंड को जिम्मेदार ठहराया है। -
विक्टोरिया (सेशेल्स). सेशेल्स में विपक्ष के नेता पैट्रिक हर्मिनी ने शनिवार को दूसरे चरण के मतदान में मौजूदा नेता वेवल रामकलावन को हराकर राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया। रविवार तड़के जारी आधिकारिक परिणाम में यह जानकारी दी गई। नतीजों के अनुसार, हर्मिनी को 52.7 प्रतिशत वोट मिले, जबकि रामकलावन को 47.3 प्रतिशत वोट मिले।
हर्मिनी ‘यूनाइटेड सेशेल्स पार्टी' का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने 2020 में सत्ता गंवाने से पहले चार दशकों तक देश का नेतृत्व किया था। रामकलावन ने लिनयोन डेमोक्रेटिक सेसेलवा पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। राष्ट्रपति पद के लिए दो सप्ताह पूर्व हुए मतदान में कोई स्पष्ट विजेता नहीं मिलने के बाद दूसरे चरण का मुकाबला हुआ था जिसमें मुख्य दावेदार रामकलावन और हर्मिनी थे। मतदान बृहस्पतिवार को शुरू हुआ लेकिन द्वीप राष्ट्र के अधिकतर लोगों ने शनिवार को मतदान किया। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि उन्होंने रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह सरकारी वित्त पोषण रुकने के कारण हुए ‘शटडाउन' के बावजूद अमेरिकी सैनिकों को बुधवार को वेतन देने के लिए ‘‘सभी उपलब्ध धनराशि'' का उपयोग करे। ट्रंप ने कहा कि यह एक अल्पकालिक उपाय है जो उन लाखों संघीय कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा जिन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है। राष्ट्रपति ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वह इसलिए कदम उठा रहे हैं अन्यथा ‘‘हमारे बहादुर सैनिकों को निर्धारित 15 अक्टूबर को उनका वेतन नहीं मिल पाएगा।'' ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं को दोषी ठहराते हुए कहा कि वह कमांडर-इन-चीफ के रूप में अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को ‘‘15 अक्टूबर को सैनिकों को वेतन दिलाने के लिए सभी उपलब्ध धनराशि का उपयोग करने'' का निर्देश दे रहे हैं। एक अक्टूबर को संघीय बजट चक्र की शुरुआत में सरकरी वित्त पोषण रुकने से ‘शटडाउन' के कारण सरकारी कामकाज ठप होने के बाद अमेरिकी सैन्यकर्मियों को बुधवार को अपना अगला वेतन नहीं मिलने का खतरा था। अमेरिका में लगभग 13 लाख सक्रिय सैन्यकर्मी हैं और ‘कैपिटल हिल' (संसद भवन परिसर) के सांसदों की ‘शटडाउन' के नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा के दौरान सैनिकों को वेतन नहीं मिलने की आशंका चर्चा का मुख्य विषय रही है।
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नई दिल्ली। अमेरिका के टेनेसी में एक सैन्य विस्फोटक संयंत्र में जोरदार धमाका हुआ। इस विनाशकारी धमाके में 19 लोगों के मारे जाने या लापता होने की खबर सामने आ रही है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने अमेरिकी मीडिया के हवाले से बताया कि हम्फ्रीज काउंटी के शेरिफ क्रिस डेविस ने शुक्रवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं आपको बता सकता हूं कि 19 लोग लापता हैं।”
मीडिया से बातचीत के दौरान, डेविस ने इस घटना को “अब तक देखी गई सबसे विनाशकारी” जगहों में से एक बताया और कहा, “इसके बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है, यहां सब खत्म हो गया है।” उन्होंने कहा कि विस्फोट का मलबा आधा वर्ग मील में फैला हुआ है। पीड़ित परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर इस धमाके की वजह क्या है।वहीं डेविस ने बताया कि जांच में कुछ समय लग सकता है। इस मामले से संबंधित कई एजेंसियां मिलकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या हुआ। डेविस ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह धमाका स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 7:45 बजे हुआ। कुछ लोग मारे गए हैं। हिकमैन काउंटी के मेयर जिम बेट्स ने शुक्रवार को एबीसी न्यूज को बताया कि कम से कम 13 लोगों का पता नहीं चल पाया है।शेरिफ कार्यालय ने बताया कि कई एजेंसियां घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और आग का आकलन करने और उसे नियंत्रित करने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि दूसरे विस्फोटों की आशंका के कारण एजेंसियां फिलहाल उस क्षेत्र में जाने से बच रही हैं। डेविस ने बताया कि धमाके के बाद घटना की जांच में अल्कोहल, तंबाकू, फायरआर्म और विस्फोटक ब्यूरो, होमलैंड सुरक्षा और टेनेसी ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन शामिल हैं। - स्टॉकहोम,। हंगरी के लेखक लास्लो क्रास्नाहोरकाई को इस साल का साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा बृहस्पतिवार को की गई। क्रास्नाहोरकाई (71) की प्रशस्ति में कहा गया है कि उन्हें उनके ‘सम्मोहक और दूरदर्शी रचनाकर्म के लिए चुना गया है जो सर्वनाशी भय के बीच कला की ताकत की पुष्टि करता है।'' लास्लो क्रास्नाहोरकाई की पहली कृति ‘‘सैटानटैंगो' के साथ ही ‘‘द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस'' सहित कई कृतियों को हंगेरियन निर्देशक बेला टार ने फिल्मों में रूपांतरित किया है। नोबेल समिति के स्टीव सेम-सैंडबर्ग ने घोषणा के समय कहा, ‘‘नोबेल निर्णायकों ने उनकी कलात्मक दृष्टि की प्रशंसा की, जो पूरी तरह से भ्रम से मुक्त है और जो कला की शक्ति में उनके अटूट विश्वास के साथ सामाजिक व्यवस्था की भंगुरता को समझती है।'' नोबेल निर्णायकों ने कहा, ‘‘लास्लो क्रास्नाहोरकाई मध्य यूरोपीय परंपरा के एक महान महाकाव्य लेखक हैं, जो परंपरा (फ्रांज) काफ्का से थॉमस बर्नहार्ड तक फैली हुई है, और बेतुकेपन और विचित्र अतिरेक से युक्त है।'' उनकी अन्य पुस्तकों में ‘‘बैरन वेंकहाइम्स होमकमिंग'' भी मशहूर है, जो एक जुए के आदी अभिजात्य वर्ग के व्यक्ति की विस्तृत गाथा है।उन्होंने चीन और जापान की अपनी यात्राओं से प्रेरित होकर भी कई किताबें लिखी हैं, जिनमें 2003 में हंगेरियन भाषा में प्रकाशित ‘‘एक माउंटेन टू द नॉर्थ, ए लेक टू द साउथ, पाथ्स टू द वेस्ट, ए रिवर टू द ईस्ट'' है। सेम-सैंडबर्ग ने कहा कि क्रास्नाहोरकाई कुछ समय से नोबेल पुरस्कार की दौड़ में थे, ‘‘और वह एक के बाद एक उत्कृष्ट रचनाएं लिखते और रचते रहे हैं।'' उन्होंने क्रास्नाहोरकाई के साहित्यिक योगदान को ‘‘विशुद्ध उत्कृष्टता की लगभग आधी सदी'' की संज्ञा दी। इस संबंध में तत्काल क्रास्नाहोरकाई की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। उन्होंने घोषणा के समय कुछ नहीं कहा। लेखक का जन्म रोमानिया की सीमा के पास, हंगरी के दक्षिण-पूर्वी शहर ग्युला में हुआ था। 1970 के दशक के दौरान, उन्होंने सेगेड और बुडापेस्ट शहरों के विश्वविद्यालयों में कानून की पढ़ाई करने के बाद अपना ध्यान साहित्य सृजन में लगाया। क्रास्नाहोरकाई की वेबसाइट के जीवनी अनुभाग के अनुसार, उन्होंने यूरोप, एशिया और अमेरिका में व्यापक रूप से यात्रा की है, और कई अलग-अलग देशों में रहे हैं। वह हंगरी के निरंकुश प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के मुखर आलोचक रहे हैं और खासकर रूसी आक्रमण के बाद उनकी सरकार द्वारा यूक्रेन को समर्थन न देने के विरोधी रहे हैं। उन्होंने इस साल ‘येल रिव्यू' को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘जब रूस अपने पड़ोसी देश पर आक्रमण करता है, तो कोई देश तटस्थ कैसे रह सकता है?'' लेकिन फेसबुक पर एक पोस्ट में, ओरबान ने क्रास्नाहोरकाई को तत्काल बधाई देते हुए कहा, ‘‘हंगरी के गौरव, ग्युला से पहले नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक लास्लो क्रास्नाहोरकाई। बधाई!'' क्रास्नाहोरकाई को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें 2015 का मैन बुकर इंटरनेशनल सम्मान भी शामिल है। बुकर के निर्णायकों ने उनके ‘‘असाधारण वाक्यों, अविश्वसनीय लंबाई के वाक्यों, जो अविश्वसनीय रूप से लंबे होते हैं, और उनके स्वर जो गंभीरता से पागलपन, फिर प्रश्नवाचक और फिर तन्हा हो जाते हैं, जैसे-जैसे वे अपनी मनमानी करते हैं'' ....की प्रशंसा की। उन्होंने 2019 में ‘‘बैरन वेंकहाइम्स होमकमिंग'' के लिए अमेरिका में अनुवादित साहित्य का राष्ट्रीय पुस्तक पुरस्कार भी जीता था। अमेरिकी लेखिका और आलोचक सुजैन सोनटैग ने क्रास्नाहोरकाई को ‘‘सर्वनाश का समकालीन गुरु'' बताया है। क्रास्नाहोरकाई अमेरिकी कवि और लेखक एलन गिंसबर्ग के भी मित्र थे और न्यूयॉर्क शहर की यात्रा के समय नियमित रूप से गिंसबर्ग के आवास में ठहरते थे। सेम-सैंडबर्ग ने कहा कि क्रास्नाहोरकाई में ‘‘अपनी दुनिया, अपनी साहित्यिक दुनिया को आपके सामने साकार करने की अद्भुत क्षमता है। मेरा मतलब है, आप अपने आस-पास घटित होने वाली हर चीज के बीच में होते हैं, और यह एक बड़ी खूबी है। बहुत कम लेखक ऐसा कर पाते हैं।'' वह 2002 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले इमरे कर्टेज के बाद हंगरी से यह पुरस्कार जीतने वाले पहले व्यक्ति हैं। वह पुरस्कार विजेताओं की उस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो गए हैं जिसमें अर्नेस्ट हेमिंग्वे, टोनी मॉरिसन और काजुओ इशिगुरो शामिल हैं। स्वीडिश अकादमी की नोबेल समिति द्वारा अब तक कुल 121 विजेताओं को साहित्य के क्षेत्र में यह पुरस्कार 117 बार प्रदान किया जा चुका है। पिछले वर्ष का पुरस्कार दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को उनकी उस कृति के लिए दिया गया था जिसके बारे में समिति ने कहा था कि वह ‘‘ऐतिहासिक आघातों का सामना करती है और मानव जीवन की संवेदनशीलता को उजागर करती है।'' चिकित्सा, भौतिकी और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 2025 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा के बाद, साहित्य का पुरस्कार इस सप्ताह घोषित होने वाला चौथा पुरस्कार है। नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने की संभावना कम ही मानी जा रही है। हालांकि उन्होंने हाल में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों से कहा था कि ‘‘हर कोई कहता है कि मुझे नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।'' अंतिम नोबेल, अर्थशास्त्र का नोबेल मेमोरियल पुरस्कार, सोमवार को घोषित किया जाएगा।नोबेल पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किए जाते हैं। यह इस पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है जिनका 1896 में निधन हुआ था। नोबेल एक स्वीडिश उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक थे। प्रत्येक पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख डॉलर) की राशि प्रदान की जाती है, और विजेताओं को 18 कैरेट का स्वर्ण पदक और एक प्रमाणपत्र भी दिया जाता है।
- नई दिल्ली। रूस के सीमावर्ती क्षेत्र बेलगोरोड पर यूक्रेनी गोलाबारी और ड्रोन हमले में तीन लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लैडकोव ने बुधवार को यह जानकारी दी। ग्लैडकोव ने टेलीग्राम पर लिखा, “शेबेकिंस्की में मास्लोवा प्रिस्तान बस्ती पर गोलाबारी हुई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तीन लोगों की जान चली गई और एक घायल हो गया।” उन्होंने आगे बताया कि एक सामाजिक सुविधा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई है। राज्यपाल ने बताया कि यूक्रेनी बलों ने 24 घंटे में बेलगोरोड पर 110 से अधिक ड्रोन हमले और 20 से ज्यादा गोलाबारी कीराज्यपाल ने कहा कि यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने पिछले 24 घंटों में बेलगोरोड क्षेत्र के आबादी वाले इलाकों पर 110 से ज्यादा मानवरहित हवाई वाहनों से हमला किया और 20 से ज्यादा राउंड गोलाबारी की। उन्होंने बताया कि ग्रेवोरोन्स्की जिले के रिहायशी इलाकों पर 16 ड्रोन और नौ राउंड गोलाबारी की गई। उन्होंने कहा, “मोशचेनॉय गांव में एक ट्रक पर ड्रोन हमले में एक बच्चे समेत छह लोग घायल हो गए। चार साल की एक बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी जांच की गई तो बैरोट्रॉमा की पुष्टि नहीं हुई।”ग्लैडकोव ने बताया कि ड्रोन हमलों में सात लोग घायल हुए, जिनमें छह अस्पताल में भर्ती हैंग्लैडकोव ने आगे कहा, “छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि एक घायल का बाह्य रोगी उपचार जारी है।” उन्होंने बताया कि एक मोटर वाहन पर ड्रोन हमले में एक अन्य नागरिक घायल हो गया और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। साथ ही, एक घर भी क्षतिग्रस्त हो गया। ग्लैडकोव ने बताया कि क्षेत्र में कई अन्य स्थानों पर यूक्रेनी ड्रोन और अन्य तरीकों से हमले हुए हैं, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं।
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स्टॉकहोम / सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉब्सन और उमर एम याघी को धातु-कार्बनिक ढांचे के विकास में उनके कार्यों के लिए इस साल रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने बुधवार को रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की।
इससे पहले सोमवार को चिकित्सा और मंगलवार को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम घोषित किए गए। इस वर्ष के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा बृहस्पतिवार को साहित्य पुरस्कार के साथ जारी रहेगी। शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के पुरस्कार की घोषणा सोमवार को की जाएगी। पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा जो इन पुरस्कारों के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है। नोबेल एक धनी स्वीडिश उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक थे। उनका निधन 1896 में हुआ था। साल 1901 से 2024 के बीच 195 व्यक्तियों को रसायन के नोबेल सम्मान से नवाजा जा चुका है। इस दौरान 116वीं बार यह पुरस्कार प्रदान दिया जाएगा। वर्ष 2024 का पुरस्कार सिएटल स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय के जैव रसायन शास्त्री डेविड बेकर और लंदन स्थित ब्रिटिश-अमेरिकी कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान प्रयोगशाला, गूगल डीपमाइंड के कंप्यूटर वैज्ञानिक डेमिस हसाबिस और जॉन जम्पर को दिया गया था। तीनों को जीवन के आधार, नए प्रोटीनों को डिकोड करने और डिजाइन करने की शक्तिशाली तकनीकों की खोज के लिए सम्मानित किया गया था। उनके काम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया था और इसमें नयी दवाओं और अन्य सामग्रियों के निर्माण के तरीके को बदलने की क्षमता है। साल 2025 के पहले नोबेल पुरस्कार की घोषणा सोमवार को की गई। इसके तहत चिकित्सा का पुरस्कार मैरी ई. ब्रुनको, फ्रेड रैमस्डेल और डॉ. शिमोन साकागुची को परिधीय प्रतिरक्षा सहिष्णुता से संबंधित उनकी खोजों के लिए दिए जाने की घोषणा की गई। मंगलवार को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को उप-परमाणु क्वांटम टनलिंग की विचित्र दुनिया पर उनके शोध के लिए प्रदान करने की घोषणा की गई। - स्टॉकहोम। जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को क्वांटम मेकेनिक्स टनलिंग में उनके अनुसंधान के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा मंगलवार को की गई। तीनों को 10 दिसंबर को आयोजित समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।साल 1901 से 2024 के बीच 118 बार भौतिकी के क्षेत्र में यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है। अब तक 226 वैज्ञानिकों को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। स्टॉकहोम स्थित रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा इस वर्ष घोषित किया जाने वाला यह दूसरा पुरस्कार है। एक दिन पहले ही तीन वैज्ञानिकों को चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई। पिछले साल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अग्रदूत जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग के आधार स्तंभ बनाने में मदद के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। मैरी ई. ब्रुनको, फ्रेड रैमस्डेल और डॉ. शिमोन साकागुची को सोमवार को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की कड़ी में बुधवार को रसायन विज्ञान और बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र के विजेताओं के नाम घोषित किए जाएंगे। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार की घोषणा 13 अक्टूबर को की जाएगी। पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, जो इसके संस्थापक स्वीडिश उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है। नोबेल की 1896 में इसी दिन मृत्यु हुई थी। इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाती है।
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लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की बुधवार से शुरू होने वाली भारत की पहली आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग समेत समग्र द्विपक्षीय साझेदारी पर बातचीत होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर होने वाली इस दो-दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों नेता भारत-ब्रिटेन समग्र रणनीतिक साझेदारी के सभी पहलुओं का आकलन ‘विजन 2035' को ध्यान में रखते हुए करेंगे। इस 10-वर्षीय रोडमैप पर जुलाई में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के साथ सहमति जताई गई थी। मुख्य रूप से 'समग्र आर्थिक एवं व्यापारिक समझौता' (सीईटीए) मोदी और स्टार्मर की द्विपक्षीय वार्ता के केंद्र में होगा। यह समझौता ब्रिटिश संसद का अनुमोदन मिलने के बाद 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क हटाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ 100 से अधिक व्यापारिक नेताओं, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और सांस्कृतिक प्रमुखों का एक प्रतिनिधिमंडल भी भारत दौरे पर जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल व्यापार, निवेश, शिक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में ब्रिटिश तेल कंपनी बीपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मरे ऑकिनक्लॉस भी शामिल हैं। यह इस साल की उनकी तीसरी भारत यात्रा होगी जो बीपी की नजर में भारतीय बाजार की अहमियत को दर्शाती है। यूके-इंडिया बिजनेस काउंसिल के प्रमुख और इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रिचर्ड हील्ड ने कहा, "ब्रिटेन-भारत गलियारा वैश्विक स्तर पर सबसे आशाजनक आर्थिक संबंधों में से एक है। हम नवाचार, अवसर और आपसी महत्वाकांक्षा पर आधारित इसकी निरंतर वृद्धि का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं।" विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टार्मर की यह यात्रा रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। भारत और ब्रिटेन की नौसेनाएं इस समय अरब सागर में संयुक्त अभ्यास 'कोंकण' में जुटी हुई हैं। इससे दोनों देशों के रक्षा, तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी के अवसर भी चर्चा में आएंगे। इस यात्रा के दौरान दोनों नेता मुंबई में आयोजित 'ग्लोबल फिनटेक फेस्ट' को संबोधित करेंगे। इस दौरान पिछले साल शुरू की गई भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (टीएसआई) के तहत दूरसंचार, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग पर जोर दिया जाएगा। ब्रिटिश एयरवेज के सीईओ सीन डॉएल ने कहा है कि एयरलाइन अपने उड़ानों के नेटवर्क का विस्तार कर भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी बनाएगी। फिलहाल एयरलाइन दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई से साप्ताहिक 56 उड़ानें संचालित करती है। ब्रिटेन के व्यवसाय एवं व्यापार विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत और ब्रिटेन के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल व्यापार लगभग 44.1 अरब पाउंड है। जुलाई में एफटीए पर हस्ताक्षर के बाद यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
- न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इतिहास कभी नहीं भूलेगा कि अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर धावा बोलने और उसके सिर में गोली मारने वाले अमेरिकी नेवी सील के जवान थे। ट्रंप ने यह भी दोहराया कि 2001 में अल-कायदा आतंकवादियों द्वारा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स पर हमले से एक साल पहले ही उन्होंने लादेन के बारे में चेतावनी दी थी। अमेरिकी नौसेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक विशेष समारोह के दौरान रविवार को वर्जीनिया के नॉरफोक में ट्रंप ने कहा, ‘‘इतिहास कभी नहीं भूलेगा कि वो नेवी सील के जवान थे जिन्होंने ओसामा बिन लादेन के परिसर में घुसकर उसके सिर में गोली मारी थी। याद रखिएगा।'' ट्रंप ने कहा कि उन्होंने 9/11 हमले से एक साल पहले ही अधिकारियों से लादेन पर नजर रखने को कहा था।उन्होंने कहा, ‘‘कृपया याद रखें, मैंने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले से ठीक एक साल पहले ओसामा बिन लादेन के बारे में लिखा था। मैंने कहा था, ‘आपको ओसामा बिन लादेन पर नज़र रखनी होगी।' मैंने एक साल पहले कहा था कि मैंने ओसामा नाम के एक व्यक्ति को देखा है और मुझे वह पसंद नहीं आया। मैंने कहा था कि उस पर नजर रखनी होगी।'' ट्रंप ने कहा, “उन्होंने नजर नहीं रखी। एक साल बाद उसने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को उड़ा दिया। इसलिए मुझे थोड़ा श्रेय लेना चाहिए, क्योंकि कोई और तो मुझे देगा नहीं।'' ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी नौसेना ने ही लादेन के ‘‘शव को जहाज यूएसएस कार्ल विंसन से समुद्र में फेंक दिया था।'' मई 2011 में अमेरिकी नेवी सील ने एक अभियान में लादेन को मार गिराया था, जो पाकिस्तान के एबटाबाद में एक मकान में छिपा हुआ था। यह कार्रवाई तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में की गयी थी। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व में अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के आलोचक रहे ट्रंप ने यह भी कहा, ‘‘अमेरिका, अफगानिस्तान में आसानी से जीत जाता। हम हर युद्ध आसानी से जीत सकते थे।''
- एंगलटन. अमेरिका के टेक्सास राज्य में एक महिला ने कथित तौर पर अपने चार बच्चों पर गोलियां चलाईं, जिससे उनमें से दो की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि उस पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। ब्रेजोरिया काउंटी के शेरिफ बो स्टालमैन ने पत्रकारों को बताया कि उस 31 वर्षीय महिला पर हत्या और घातक हथियार से गंभीर हमले के दो-दो मामले दर्ज किए गए हैं और उसे 1.4 डॉलर के बॉन्ड पर हिरासत में लिया गया है। स्टालमैन ने कहा कि चार बच्चों में से दो की उम्र 13 और 4 साल थी, जो शनिवार को एक वाहन के अंदर गोली लगने से मारे गए। अन्य बच्चों की उम्र 8 और 9 साल है, जिन्हें एक मेडिकल हेलीकॉप्टर द्वारा ह्यूस्टन क्षेत्र के एक अस्पताल में ले जाया गया है और उनकी हालत "स्थिर" है। स्टालमैन ने बताया कि गोली चलाने के बाद महिला ने अधिकारियों को सूचित करने के लिए कॉल किया था। अधिकारियों ने घटनास्थल से एक हथियार बरामद किया है। स्टालमैन ने कहा, "इस तरह की संवेदनहीन त्रासदी को समझना असंभव है लेकिन हम इन बच्चों को न्याय दिलाने के लिए वह सब करेंगे जो हम कर सकते हैं।" उन्होंने बताया कि आरोपी महिला ह्यूस्टन के उत्तर में स्थित मोंटगोमरी काउंटी की निवासी है।यह घटना एंगलटन में हुई, जो लगभग 19,500 की आबादी वाला एक शहर है। यह ह्यूस्टन से लगभग 45 मील (70 किलोमीटर) दक्षिण में स्थित है।
- काठमांडू. नेपाल के शीर्ष निर्वाचन निकाय ने सोमवार को प्रतिनिधि सभा के पांच मार्च को होने वाले चुनाव के कार्यक्रम को मंजूरी दे दी। एक बयान में, चुनाव आयोग ने कहा कि स्वीकृत समय-सारिणी में पंजीकरण, मतदान और मतगणना सहित सभी प्रमुख प्रक्रियाओं का उल्लेख है। कार्यक्रम के अनुसार, राजनीतिक दलों को 16 से 26 नवंबर तक चुनाव के लिए पंजीकरण कराना होगा। यदि कोई नया राजनीतिक दल चुनाव में भाग लेना चाहता है, तो उसे 15 नवंबर तक पंजीकरण कराना होगा। राजनीतिक दलों को 15 फरवरी से दो मार्च तक 15 दिनों की अवधि के लिए अपना चुनाव प्रचार अभियान चलाने की अनुमति होगी। इसमें कहा गया है कि पार्टियों को आनुपातिक चुनाव के लिए दो और तीन जनवरी, 2026 को अपनी सूची प्रस्तुत करनी होगी। मतदान पांच मार्च, 2026 को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा। मतपेटियों को एकत्र करने के बाद उसी दिन मतगणना की जाएगी।


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