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संयुक्त राष्ट्र. भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने कहा कि भारत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति और ‘ग्लोबल साउथ' में अपने नेतृत्व के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है। तोबगे ने भूटान के सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) की श्रेणी से बाहर निकलने के लिए भारत की ओर से मिले ‘समर्थन व मित्रता' को लेकर हार्दिक आभार जताया। तोबगे ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र को आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। सुरक्षा परिषद का मौजूदा स्वरूप अतीत की निशानी है। हमें ऐसी परिषद की आवश्यकता है जिसमें वर्तमान भू-राजनीतिक, आर्थिक परिदृश्य और सामाजिक वास्तविकताएं झलकती हों।'' उन्होंने कहा कि भूटान लंबे समय से 15 देशों वाली सुरक्षा परिषद में सुधार करने की पैरवी करता रहा है ताकि इसे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रभावी बनाया जा सके। तोबगे ने कहा कि हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य बनाने का भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति, जनसंख्या तथा ग्लोबल साउथ में नेतृत्व के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है।'' तोबगे ने जापान को भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया।
फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका समेत सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों ने पुनर्गठित सुरक्षा परिषद में भारत को भी जगह देने का स्पष्ट रूप से समर्थन किया है। -
पेरी (फ्लोरिडा). अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र और फ्लोरिडा में ‘हेलेन' तूफान के कारण आई बाढ़ और इससे जुड़ी घटनाओं में कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई है। ‘हेलेन' तूफान ने क्षेत्र में व्यापक तबाही मचाई है। इससे कई पेड़ उखड़ गए हैं और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। तूफान के कारण एक मकान पर पेड़ गिर जाने के कारण वहां रह रही एक महिला, उसके एक महीने के जुड़वां बच्चे तथा एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई है। घटनास्थल पर राहत-बचाव अभियान के दौरान तीन अग्निशमन कर्मियों की भी मौत हो गई। ‘एसोसिएटेड प्रेस' की गणना अनुसार, ‘हेलेन' तूफान के कारण फ्लोरिडा, जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलाइना, दक्षिण कैरोलाइना और वर्जीनिया में कम से कम 44 लोग मारे गए हैं। तूफान ‘हेलेन' के कारण दक्षिणी जॉर्जिया के कुछ अस्पतालों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है।
फ्लोरिडा के बिग बेंड गांव में बृहस्पतिवार देर रात ‘हेलेन' तूफान ने दस्तक दी थी। उस दौरान तूफान की अधिकतम रफ्तार 225 किलोमीटर प्रति घंटा थी। ‘मूडीज एनालिटिक्स' ने बताया कि तूफान के कारण 15 से 26 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के नुकसान की आशंका है। - जेनेवा। जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा को शुक्रवार को अपना नेता चुना जो प्रधानमंत्री के रूप में अगले सप्ताह कार्यभार संभालेंगे। पार्टी का नेता चुना जाना प्रधानंमत्री पद का टिकट है, क्योंकि इस समय संसद में ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ के सत्तारूढ़ गठबंधन का बहुमत है। पार्टी के इस चुनाव में दो महिलाओं सहित नौ उम्मीदवार मैदान में थे।इशिबा को पार्टी के सांसदों और जमीनी स्तर के सदस्यों ने मतदान के जरिए चुना। अगले सप्ताह संसद में प्रस्तावित मतदान में उनका प्रधानमंत्री के रूप में चुना जाना तय है क्योंकि पार्टी का सत्तारूढ़ गठबंधन दोनों सदनों में बहुमत में है। पार्टी के इस चुनाव में दो महिलाओं सहित नौ उम्मीदवार मैदान में थे। इशिबा को पार्टी के सांसदों और जमीनी स्तर के सदस्यों ने मतदान के जरिए चुना।वर्तमान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं और उनकी पार्टी अगले आम चुनाव से पहले जनता का विश्वास हासिल करने की उम्मीद में एक नए नेता की तलाश कर रही है।मतदान में संसद के एलडीपी सदस्यों के अलावा लगभग 10 लाख बकाया भुगतान करने वाले पार्टी सदस्य ही हिस्सा ले सकते थे। यह संख्या देश के कुल योग्य मतदाताओं का केवल एक प्रतिशत है। पार्टी के दिग्गजों के बीच चल रही अंदरूनी बातचीत और समझौते की संभावनाओं के मद्देनजर यह अंदाजा लगाना कठिन था कि इस चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा। एनएचके टेलीविजन के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा, आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची और पूर्व पर्यावरण मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी दौड़ में आगे थे। इशिबा को मीडिया सर्वेक्षणों में भी सबसे आगे बताया गया। ताकाइची, पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी रही हैं और कट्टर रूढ़िवादी नेताओं में उनकी गिनती होती है।उन्होंने 2021 में किशिदा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। कोइज़ुमी, पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी के बेटे हैं। पिछले मतदानों में अक्सर पार्टी के शक्तिशाली गुट के नेताओं द्वारा नेता निर्धारित किए जाते थे, लेकिन इस बार छह गुटों में से एक को छोड़कर सभी ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद विलय की घोषणा की है।विशेषज्ञों के बीच व्यापक चिंता का विषय यह है कि जो भी चुनाव में जीते लेकिन उसे गुटीय समर्थन नहीं मिलता है तो संभावना है कि जापान में एक बार फिर 2000 के दशक की वापसी हो जाए। इस दौरान कई बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ था और देश में राजनीतिक अस्थिरता देखी गई थी।अल्पकालिक सरकारों का मुखिया बनने वाले जापानी प्रधानमंत्रियों की दीर्घकालिक नीति लक्ष्यों को स्थापित करने या अन्य नेताओं के साथ विश्वसनीय संबंध विकसित करने की क्षमता को नुकसान पहुंचाती है। ताकाइची और विदेश मंत्री योको कामीकावा ही इस दौड़ में शामिल दो महिलाएं थीं। जापान की संसद के निचले सदन में महिलाओं की संख्या केवल 10.3 प्रतिशत है।जेनेवा स्थित अंतर-संसदीय संघ द्वारा अप्रैल में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 190 देशों में महिला प्रतिनिधित्व के मामले को जापान 163 वें स्थान पर है। मंगलवार को किशिदा और उनके कैबिनेट मंत्री इस्तीफा देंगे। एलडीपी के घोटालों के बावजूद मुख्य विपक्षी और जापान की उदारवादी-झुकाव वाली कांस्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए संघर्ष कर रही है।लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसके नवनिर्वाचित नेता योशिहिको नोडा पार्टी के लिए एक रूढ़िवादी बदलाव पर जोर दे रहे हैं और वह एक व्यापक राजनीतिक पुनर्संरचना को स्वरूप दे सकते हैं। नोडा जापान के पूर्व प्रधानमंत्री हैं और उनकी गिनती मध्यमार्गी नेताओं में होती है।
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न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय ‘‘सफल और अहम'' यात्रा के बाद सोमवार को स्वदेश रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान उन्होंने ‘क्वाड' (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के सदस्य देशों के शासन प्रमुखों की बैठक और भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित किया। मोदी ने अपनी इस यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। उन्होंने रविवार को ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन के इतर अपने जापानी और ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और आपसी लाभ एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ‘‘शांति, स्थिरता और समृद्धि'' के लिए द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की सफल और अहम यात्रा के बाद नयी दिल्ली रवाना हुए।'' मोदी शुक्रवार को अमेरिका पहुंचे थे और यात्रा के पहले दिन उन्होंने डेलावेयर के विलमिंगटन में ‘क्वाड' के सदस्य देशों के शासन प्रमुखों की बैठक में भाग लिया। ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने डेलावेयर में अपने गृहनगर विलमिंगटन में शनिवार को की जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भाग लिया। बाइडन ने द्विपक्षीय बैठक के लिए अपने आवास में मोदी की मेजबानी की जो दुर्लभ बात है। ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन विलमिंगटन के ‘आर्कमेरे अकेडमी' में आयोजित किया गया। मोदी के साथ बैठक के दौरान बाइडन ने भारत द्वारा प्रमुख अमेरिकी रक्षा कंपनी ‘जनरल एटॉमिक्स' से 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन की खरीद को अंतिम रूप दिए जाने की दिशा में हुई प्रगति का स्वागत किया। बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा उपकरण की द्विपक्षीय पारस्परिक आपूर्ति को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। मोदी ने शिखर सम्मेलन के इतर ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं।
अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक की अत्यंत विशेष बात भारत के 297 पुरावशेषों की वापसी रही जिनमें से कुछ द्विपक्षीय बैठक के दौरान बाइडन के आवास पर प्रदर्शित किए गए। ‘क्वाड' शिखर सम्मेलन और इससे जुड़े अन्य सम्मेलनों में प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विभिन्न साझेदारों के साथ विकास के लिए सहयोग, संपर्क और सहभागिता के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। शिखर सम्मेलन की प्रमुख घोषणाओं में ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट' शामिल है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कैंसर और विशेषकर ‘सर्विकल' कैंसर से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए एक अभूतपूर्व साझेदारी है। भारत ने सर्विकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रोग की जांच एवं निदान के लिए 75 लाख अमेरिकी डॉलर का अनुदान देने का संकल्प लिया है। ‘क्वाड' राष्ट्रों ने हिंद-प्रशांत में प्रशिक्षण के लिए एक नयी क्षेत्रीय समुद्री पहल (मैत्री) की घोषणा की, ताकि क्षेत्र में उनके साझेदार हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता (आईपीएमडीए) और ‘क्वाड' के साझेदारों की अन्य पहलों के माध्यम से प्रदान किए गए उपकरणों का अधिकतम लाभ उठा सकें जिसकी मदद से वे अपने जलक्षेत्र की निगरानी एवं सुरक्षा कर सकें, अपने कानूनों को लागू कर सकें और गैरकानूनी व्यवहार को रोक सकें। विलमिंगटन में क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद मोदी शनिवार को यात्रा के दूसरे दिन न्यूयॉर्क रवाना हुए, जहां उन्होंने ‘लॉन्ग आइलैंड' में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और यात्रा के तीसरे दिन संयुक्त राष्ट्र के एक प्रमुख सम्मेलन को संबोधित किया। मोदी ने शनिवार को न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिजियम में भारतीय-अमेरिकियों की एक विशाल सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को ‘‘अवसरों की भूमि'' बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल में देश को विकसित राष्ट्र बनाने का बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बोस्टन और लॉस एंजिलिस में नए वाणिज्य दूतावास स्थापित करने की योजना की घोषणा की। वाणिज्य दूतावास स्थापित करना इन दो बड़े अमेरिकी शहरों में तेजी से बढ़ते भारतीय अमेरिकी समुदाय की बहुत पुरानी मांग थी। इस कार्यक्रम में 13,000 से अधिक भारतीय अमेरिकियों ने भाग लिया। आयोजकों ने बताया कि इनमें से ज़्यादातर लोग न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी क्षेत्र से थे, लेकिन भारतीय अमेरिकी 40 राज्यों से आए थे। उन्हें लाने के लिए 60 चार्टर बसों का इस्तेमाल किया गया था। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका की सराहना करते हुए मोदी ने उन्हें भारत का ‘ब्रैंड एंबेसडर' बताया। इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ ‘‘सार्थक'' गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया और इस दौरान भारत में विकास की संभावनाओं पर जोर दिया एवं विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की पहलों पर चर्चा की। बैठक मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दूसरे दिन रविवार को ‘लोट्टे न्यूयॉर्क पैलेस होटल' में हुई। बैठक में एआई, ‘क्वांटम कंप्यूटिंग' और ‘सेमीकंडक्टर' जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर काम करने वाली अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के सीईओ ने हिस्सा लिया। यात्रा के तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित किया और कहा, ‘‘मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि सामूहिक शक्ति में निहित है।'' संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल के प्रतिष्ठित मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत नमस्कार से की और कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र में 1.4 अरब भारतीयों या मानवता के छठे हिस्से की आवाज लेकर आए हैं। -
वाशिंगटन. अमेरिका के एक शीर्ष भारत केंद्रित व्यापार पैरोकार रणनीतिक समूह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा में प्रवासी समुदाय का उत्साह दिखा। साथ ही द्विपक्षीय साझेदारी में दोनों देशों की सरकारों की ओर से निरंतर आशावादी रुख एवं लोगों के बीच आपसी संपर्क में गहरी मित्रता और अटूट बंधन की झलक दिखी। मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर थे और इस दौरान उन्होंने शनिवार को विलमिंगटन में क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया, रविवार को लॉन्ग आइलैंड में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के हजारों सदस्यों के विशाल कार्यक्रम को संबोधित किया तथा सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के ‘‘भविष्य का शिखर सम्मेलन'' को संबोधित किया। उन्होंने इन तीनों दिन विश्व के नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी की। यूएस इंडिया स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यात्रा के दौरान प्रवासी समुदाय में उत्साह, साझेदारी में दोनों सरकारों की ओर से आशावादी रुख और लोगों के बीच परस्पर संबंध में गहराई एवं मित्रता का बंधन देखने को मिला।'' ‘मोदी एंड यूएस' सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 13,000 से अधिक भारतीय अमेरिकियों से खचाखच भरे नासाउ वेटरन्स कोलिजियम में उन्हें संबोधित किया। आयोजकों के अनुसार, 40 राज्यों से भारतीय अमेरिकी नागरिक आए थे जिनमें से ज्यादातर न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से थे। यूएसआईएसपीएफ ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद दिया और इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में जो भी उम्मीदवार जीतेगा, वह भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को और गहरा करना जारी रखेगा। समूह ने कहा, ‘‘एक मौजूदा राष्ट्रपति के रूप में बाइडन की प्रधानमंत्री मोदी के साथ यह आखिरी मुलाकात होगी। यह स्पष्ट है कि जनवरी 2025 में व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) में जो भी आएगा, वह रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना जारी रखेगा और अमेरिका की भू-रणनीतिक दृष्टि के तहत हिंद-प्रशांत को प्राथमिकता देगा।'' यूएसआईएसपीएफ ने कहा कि दोनों नेताओं ने दोनों लोकतंत्रों के साझा हितों को रेखांकित किया। समूह ने कहा, ‘‘हालांकि, 21वीं सदी की चुनौतियों के तत्काल समाधान के लिए उन हितों को साझा प्राथमिकताओं तक विस्तारित करना महत्वपूर्ण है।
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वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और संयुक्त अरब अमीरात के उनके समकक्ष शेख मोहम्मद बिन जायद ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) की प्रगति पर चर्चा की और अंतरराष्ट्रीय संपर्क के एक नए युग'' की शुरुआत करने की इसकी क्षमता को रेखांकित किया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 2023 में नई दिल्ली में आयोजित जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भारत, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ मिलकर पेश किया गया था। यह गलियारा पूरा होने पर यूनान के जरिये यूरोप को जोड़गा। भारत को संयुक्त अरब अमीरात(यूएई), सऊदी अरब, जॉर्डन और इज़राइल से जहाज तथा रेल संपर्क प्रदान करेगा। संयुक्त बयान के अनुसार, व्हाइट हाउस में सोमवार को आयोजित बैठक में बाइडन और जायद ने पुष्टि की कि यह गलियारा आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा, दक्षता में वृद्धि करेगा, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगा और एशिया, यूरोप तथा पश्चिम एशिया के परिवर्तनकारी एकीकरण को सक्षम बनाएगा। बयान में कहा गया, दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि इस परिवर्तनकारी साझेदारी में वैश्विक व्यापार तथा स्वच्छ ऊर्जा वितरण को सुविधाजनक बनाने, बिजली तक विश्वसनीय पहुंच का विस्तार करने और दूरसंचार को मजबूत करने के लिए ‘‘ अंतरराष्ट्रीय संपर्क के एक नए युग '' की शुरुआत करने की क्षमता है। इस बीच, बाइडन ने संयुक्त अरब अमीरात को अमेरिका का एक प्रमुख रक्षा साझेदार बनाने की योजना की भी घोषणा की। यूएई यह दर्जा पाने वाला भारत के बाद वह दूसरा देश है।
- संयुक्त राष्ट्र. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में कहा कि मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि सामूहिक शक्ति में निहित है। ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय विश्व के भविष्य पर चर्चा कर रहा है, तो सर्वोच्च प्राथमिकता ‘‘मानव-केंद्रित दृष्टिकोण'' को दी जानी चाहिए। उन्होंने किसी विशेष संघर्ष का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं।'' प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि टिकाऊ विकास को प्राथमिकता देते हुए मानव कल्याण, खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर हमने यह प्रदर्शित किया है कि टिकाऊ विकास सफल हो सकता है।'' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत अपनी सफलता के इस अनुभव को पूरे ‘ग्लोबल साउथ' के साथ साझा करने के लिए तैयार है। आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों या विकासशील देशों को संदर्भित करने के लिए ‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल होता है। मोदी ने वैश्विक संस्थाओं में सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि ये वैश्विक शांति और विकास के लिए आवश्यक हैं।
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न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अमेरिका के न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय को संबोधित किए जाने से पहले लोक गायक आदित्य गढ़वी, रैपर हनुमानकाइंड, संगीतकार डीएसपी और सैन डिएगो में रहने वाली संगीतकार जोड़ी किरण तथा निवी ने हजारों दर्शकों को अपनी शानदार प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया। लॉन्ग आइलैंड के नासाउ कोलिजीयम (रंगशाला) में रविवार को मोदी के आगमन से पहले कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री ने सोमवार को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की गई एक वीडियो क्लिप के कैप्शन में लिखा, ‘‘धन्यवाद न्यूयॉर्क! ये यादगार सामुदायिक कार्यक्रम की झलकियां हैं।'' प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले एक मनोरंजक सांस्कृतिक प्रस्तुति कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। ‘द इकोज़ ऑफ इंडिया - ए जर्नी थ्रू आर्ट एंड ट्रेडिशन' में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के 382 जाने-माने कलाकारों ने भाग लिया। पिछले साल अपने गुजराती गीत ‘खलासी' से प्रसिद्धि पाने वाले गढ़वी ने ‘पुष्पा: द राइज' के लिए प्रसिद्ध डीएसपी के साथ ‘हर घर तिरंगा' गीत प्रस्तुत किया। गढ़वी ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें मोदी उन्हें गले लगाते हुए दिखते हैं। उन्होंने तस्वीर के साथ लिखा, ‘‘शानदार क्षण! भारत के प्रधानमंत्री और आदित्य गढ़वी न्यूयॉर्क 2024 में!'' गढ़वी ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि इतने बड़े स्तर पर गुजरात का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए ‘‘सम्मान की बात'' है। उन्होंने लिखा, ‘‘पूरे देश से अमेरिकी भारतीय इस कार्यक्रम में उपस्थित थे और हममें से चार को वैश्विक स्तर पर प्रसारित इस कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री के आगमन से पहले प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया... किरण तथा निवी की जोड़ी, हनुमानकाइंड, डीएसपी और मैंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से पहले मुख्य कार्यक्रम में प्रस्तुति दी।'' सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में मोदी तब एक-एक कर डीएसपी, गढ़वी और हनुमानकाइंड को गले लगाते हुए दिखते हैं जब रंगशाला में 13 हजार से अधिक भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करने के लिए मंच पर उनका स्वागत किया गया। डीएसपी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर मोदी से हाथ मिलाते हुए एक वीडियो क्लिप साझा की। इसमें मोदी उन्हें गले लगाने के लिए अपनी तरफ लाते दिखते हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘हर घर तिरंगा!''
कार्यक्रम में हनुमानकाइंड ने अपना सुपरहिट अंग्रेजी गीत ‘बिग डॉग्स' प्रस्तुत किया। उनका असली नाम सूरज चेरुकत है। ग्रैमी पुरस्कार नामांकित चंद्रिका टंडन, स्टार वॉयस ऑफ इंडिया विजेता एवं सुपरस्टार ऐश्वर्या मजूमदार, इंस्टाग्राम के डांसिंग डैड रिकी पॉण्ड और गायक रेक्स डिसूजा ने भी इस कार्यक्रम में प्रस्तुति दी, जिसे भारत की सांस्कृतिक विविधता का एक अद्भुत अनुभव बताया गया। इस दौरान 117 कलाकारों ने अद्वितीय प्रस्तुतियां दीं। इससे पहले आयोजकों ने कहा कि 30 से अधिक शास्त्रीय, लोक, आधुनिक और फ्यूजन प्रस्तुतियों में भारत की समृद्ध एवं विविध संस्कृतियों की झलक दिखेगी। - न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल में देश को विकसित राष्ट्र बनाने का बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज अवसरों की भूमि है। मोदी ने न्यूयॉर्क में हजारों भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करते हुए कहा, “इस कठिन चुनाव प्रक्रिया, इस लंबी चुनाव व्यवस्था से गुजरने के बाद, भारत में (इस वर्ष) कुछ अभूतपूर्व हुआ। क्या हुआ...“अबकी बार मोदी सरकार।” उन्होंने कहा, “60 साल में पहली बार भारत के लोगों ने ऐसा जनादेश दिया है जिसका बहुत महत्व है। अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान मुझे बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करने हैं। हमें तीन गुना ताकत के साथ आगे बढ़ना है।” मोदी ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन सुशासन और समृद्ध भारत के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने कहा कि नियति उन्हें राजनीति में लेकर आई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनने के बारे में नहीं सोचा था। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में लोगों ने शासन के इस मॉडल को देखा है और इसलिए उन्हें तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए वोट दिया है। प्रधानमंत्री 13,000 से ज़्यादा भारतीय अमेरिकियों से भरे नासाउ वेटरन्स कोलिजियम में बोल रहे थे। आयोजकों ने बताया कि इनमें से ज़्यादातर लोग न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी क्षेत्र से थे, लेकिन भारतीय अमेरिकी 40 राज्यों से आए थे। उन्हें लाने के लिए 60 चार्टर बसों का इस्तेमाल किया गया था। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका की सराहना करते हुए मोदी ने उन्हें भारत का ‘ब्रैंड एंबेसडर' बताया। उन्होंने संस्कृत के एक श्लोक का उल्लेख किया और कहा कि भारतीय प्रवासी जहां कहीं भी रहते हैं, वे हर क्षेत्र में सामाजिक और राष्ट्र के विकास में योगदान देते हैं। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विश्व भर में, खासकर भारत और अमेरिका में लोकतंत्र के उत्सव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत में चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जबकि अमेरिका में अभी प्रक्रिया चल रही है। भारत में हाल में संपन्न हुए चुनाव मानव इतिहास में अब तक के सबसे बड़े चुनाव थे। जब हम भारत के लोकतंत्र के पैमाने को देखते हैं, तो हमें और भी अधिक गर्व होता है।” मोदी ने देश और समुदाय को गौरवान्वित करने में भारतीय अमेरिकियों की भूमिका की सराहना की।उन्होंने कहा, “कल ही (अमेरिका के) राष्ट्रपति (जो) बाइडन मुझे डेलावेयर में अपने घर ले गए। उनका स्नेह, उनकी गर्मजोशी, यह एक ऐसा क्षण था जिसने मेरे दिल को छू लिया। यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए सम्मान की बात है। यह सम्मान आपके लिए है, आपकी उपलब्धियों के लिए है, यहां रहने वाले सैकड़ों-हजारों भारतीयों के लिए है।” मोदी ने भारतीय अमेरिकियों को भारत का “ब्रैंड एंबेसडर” बताया।उन्होंने हाल में अमेरिका में संपन्न टी-20 क्रिकेट विश्व कप का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवें से अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है। उन्होंने कहा, “आज भारत के लोग आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, उनमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का दृढ़ संकल्प है।” मोदी ने कहा कि भारत में विकास अब एक जन आंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा, “हर भारतीय को भारत और उसकी उपलब्धियों पर भरोसा है। भारत आज अवसरों की भूमि है। देश अब अवसरों का इंतजार नहीं कर रहा है। यह अब अवसरों का सृजन कर रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि महज एक दशक में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।प्रधानमंत्री ने भारतीय अमेरिकियों से कहा, “यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमने अपनी पुरानी सोच बदली। हमने अपना दृष्टिकोण बदला। हमने गरीबों को सशक्त बनाया।” उन्होंने कहा कि यह नया मध्यम वर्ग ही है जो भारत के विकास को गति दे रहा है। मोदी ने कहा कि दुनिया के लिए एआई का मतलब ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' है, लेकिन उनका मानना है कि एआई का मतलब ‘अमेरिका-इंडिया' भावना भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोई तमिल बोलता है, कोई तेलुगु, कोई मलयालम, कोई कन्नड़ तो कोई पंजाबी और कोई गुजराती या मराठी बोलता है, भाषा अनेक हैं लेकिन भाव एक है और वो भाव है - भारतीयता। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारा सबसे बड़ा सामर्थ्य है। यही मूल्य हमें सहज रूप से विश्व-बंधु बनाते हैं।'' प्रधानमंत्री के आगमन से पहले कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम था। ‘द इकोज ऑफ इंडिया - ए जर्नी थ्रू आर्ट एंड ट्रेडिशन में' 382 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध कलाकारों ने प्रस्तुति दी। इनमें ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामित चंद्रिका टंडन, स्टार वॉयस ऑफ इंडिया विजेता और सुपरस्टार ऐश्वर्या मजूमदार, इंस्टाग्राम ‘डांसिंग डैड रिकी पॉन्ड' और गायक रेक्स डिसूजा शामिल हैं। कार्यक्रम में 117 कलाकारों ने अनूठी प्रस्तुतियां दीं। आयोजकों ने बताया कि 30 से अधिक शास्त्रीय, लोक, आधुनिक और फ्यूजन प्रस्तुतियां शामिल हैं।
- वाशिंगटन. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत अपना प्रभुत्व नहीं चाहता बल्कि विश्व की समृद्धि में भूमिका निभाना चाहता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक शांति प्रक्रिया को गति देने में भारत की भूमिका अहम होगी। न्यूयॉर्क में हजारों भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आज भारत की विदेश नीति सभी के साथ समान दूरी की नहीं बल्कि समान निकटता बनाए रखने की है। अपनी टिप्पणी “यह युद्ध का समय नहीं है” का उल्लेख करते हुए मोदी ने प्रवासी समुदाय से कहा कि जंग की गंभीरता को सभी मित्र समझते हैं। कोविड-19 संकट के दौरान 150 से अधिक देशों को भारत द्वारा प्रदान की गई सहायता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब भी दुनिया में कोई आपदा आई है, भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में आगे आया है।'' उन्होंने कहा कि जब भी कहीं भूकंप आता है या गृह युद्ध होता है तो भारत सबसे पहले वहां पहुंचता है। मोदी ने कहा, वैश्विक विकास की प्रक्रिया एवं वैश्विक शांति में तेजी लाने के लिए भारत की भूमिका अहम होगी।” भारत का लक्ष्य वैश्विक प्रभाव बढ़ाना नहीं, बल्कि दुनिया की समृद्धि में भूमिका निभाना है।उन्होंने कहा कि चाहे योग, जीवनशैली या पर्यावरण को बढ़ावा देना हो, भारत केवल जीडीपी-केंद्रित नहीं बल्कि आप सभी के लिए मानव-केंद्रित विकास की आकांक्षा रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत “अपना वैश्विक प्रभुत्व नहीं चाहता है।” उन्होंने कहा कि भारत आग की तरह नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम सूरज की तरह हैं जो रोशनी देता है।” वहीं, प्रधानमंत्री ने कार्बन उत्सर्जन को लेकर पश्चिम की आलोचना करते हुए कहा कि विश्व में विनाश के कारण में भारत की कोई भूमिका नहीं है। मोदी ने कहा कि भारत में विश्व की 17 प्रतिशत आबादी रहती है और इसका कार्बन उत्सर्जन चार प्रतिशत से भी कम है। भारत के हरित ऊर्जा परिवर्तन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में हरित रोजगार सृजित हो रहे हैं। चीन विश्व का सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है, उसके बाद अमेरिका, भारत और यूरोपीय संघ का स्थान है।उन्होंने कहा, हमारा कार्बन उत्सर्जन लगभग नगण्य है।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अन्य देशों की तरह भारत भी कार्बन ईंधन आधारित विकास का विकल्प चुन सकता था । मोदी ने कहा कि प्रकृति के प्रति प्रेम भारत की परंपरा है और इसीलिए भारत सौर, पवन, जल, हरित हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिनमें वह निवेश कर रहा है। भारत द्वारा की गई डिजिटल प्रगति का उल्लेख करते हुए मोदी ने भारतीय अमेरिकियों से कहा कि यहां उनकी जेब में भले ही बटुए हों, लेकिन भारत में लोगों के पास ‘डिजिटल वॉलेट' हैं। प्रधानमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति के बारे में बात की। वह चाहते हैं कि दुनिया भर से छात्र भारत आकर पढ़ाई करें। शैक्षणिक संस्थानों की संख्या कई गुना बढ़ गई है।
- न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि अमेरिका के बोस्टन और लॉस एंजिलिस में भारत दो नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा, जिससे इन दो बड़े अमेरिकी शहरों में तेजी से बढ़ते भारतीय अमेरिकी समुदाय की पुरानी मांग पूरी हो जाएगी। बोस्टन को अमेरिका की शिक्षा और फार्मा राजधानी माना जाता है, जबकि लॉस एंजिलिस में हॉलीवुड स्थित है और वह अगले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी करेगा और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी शहर के पूर्व मेयर हैं। मोदी ने न्यूयॉर्क के नासाउ वेटरन्स कोलिजियम में भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करते हुए कहा, “मित्रों, पिछले साल मैंने घोषणा की थी कि हमारी सरकार सिएटल में एक नया वाणिज्य दूतावास खोलने की योजना बना रही है। यह अब शुरू हो चुका है। मैंने आपसे दो और वाणिज्य दूतावासों के लिए सुझाव मांगे थे। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आपके सुझावों की समीक्षा के बाद भारत ने बोस्टन और लॉस एंजिलिस में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है।” अमेरिका में अभी भारत के छह वाणिज्य दूतावास हैं जो न्यूयॉर्क, अटलांटा, शिकागो, ह्यूस्टन, सैन फ्रांसिस्को और सिएटल में हैं। दूतावास वाशिंगटन डीसी में है। संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी मिशन न्यूयॉर्क शहर में स्थित है। इस घोषणा का भारतीय समुदाय ने स्वागत किया।
- वाशिंगटन।: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि अगर वह 2024 में व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय और आवास) में वापसी करने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें ‘‘नहीं लगता’’ कि वह 2028 में राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा चुनाव लड़ेंगे। जब पत्रकार शेरिल एटकिसन ने ट्रंप से फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मैं (चुनाव नहीं) लड़ पाऊंगा।’’ट्रंप की यह टिप्पणी इसलिए उल्लेखनीय है क्योंकि उन्होंने ‘व्हाइट हाउस’ के लिए चौथी बार दावेदारी की संभावना को खारिज कर दिया है और वह कभी इस संभावना को स्वीकार नहीं करते हैं कि वह वैध रूप से चुनाव हार सकते हैं।ट्रंप आम तौर पर इसी बात पर जोर देते हैं कि ऐसा (चुनाव में उनकी हार) तभी हो सकता है जब व्यापक पैमाने पर धोखाधड़ी हुई हो। इससे पहले 2020 के चुनाव में भी उन्होंने यही आरोप लगाए थे और 2024 के राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान वह प्रमुखता से इसे उठाते रहे हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन अभी 81 वर्ष के हैं और 2028 में ट्रंप की उम्र बाइडन की वर्तमान उम्र से एक वर्ष अधिक यानी 82 वर्ष होगी। बाइडन ने राष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया के तहत जुलाई में ट्रंप के साथ बहस के दौरान अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बाद चुनावी दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया था।
- कोलंबो । अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार को श्रीलंका के नौंवे राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उनसे देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने की उम्मीदें हैं। प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने राष्ट्रपति सचिवालय में दिसानायके (65) को शपथ दिलायी। ‘मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी’ के विस्तृत मोर्चे ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ के (एनपीपी) नेता दिसानायके ने शनिवार को हुए चुनाव में अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी ‘समागी जन बालवेगया’ (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को पराजित किया। यह देश में आर्थिक संकट के कारण 2022 में हुए व्यापक जन आंदोलन के बाद पहला चुनाव है। इस जन आंदोलन में गोटबाया राजपक्षे को अपदस्थ कर दिया गया था।दिसानायके ने चुनाव जीतने के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए जनादेश का सम्मान करने और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिए पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का आभार जताया। उनके शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने देश में सत्ता हस्तांतरण के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गुणवर्धने (75) जुलाई 2022 से इस द्वीप देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज थे।गणवर्धने ने दिसानायके को संबोधित कर लिखे पत्र में कहा कि वह नया राष्ट्रपति निर्वाचित होने के कारण पद से इस्तीफा दे रहे हैं और वह नए मंत्रिमंडल के गठन के अनुकूल माहौल बनाएंगे। देश के निर्वाचन आयोग को राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए जरूरी 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिलने के बाद रविवार को इतिहास में पहली बार दूसरे दौर की मतगणना कराने का आदेश देना पड़ा था। दिसानायके ने 57.4 लाख वोट हासिल करते हुए चुनाव जीत लिया जबकि प्रेमदासा को 45.3 लाख वोट मिले। चुनाव के दौरान दिसानायके के भ्रष्टाचार विरोधी संदेश और राजनीतिक संस्कृति बदलने के वादे ने युवा मतदाताओं को आकर्षित किया जो आर्थिक संकट के बाद से राजनीतिक व्यवस्था बदलने की मांग करते रहे हैं।
- न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरीका के बोस्टन और लॉस एंजेल्स में दो नये भारतीय वांणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन के लिए तिरूवल्लुवर पीठ खोले जाने की भी घोषणा की। न्यूयॉर्क के नसाऊ कोलेसियम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते समय उन्होंने यह घोषणा की। अभी न्यूयॉर्क, अटलांटा, शिकागो, ह्यूस्टन, सैन फ्रांसिसको और सिएटल में भारत के छह वाणिज्य दूतावास हैं।
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विलमिंगटन (अमेरिका) .अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले महीने की गई यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा और उनके दिए शांति संदेश की सराहना की। बाइडन और मोदी ने द्विपक्षीय बैठक के दौरान व्यापक विषयों पर वार्ता की और इस दौरान युद्धग्रस्त देश यूक्रेन की स्थिति सहित वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर अमेरिका आए हैं। बाइडन ने शनिवार दोपहर डेलावेयर के विलमिंगटन में अपने निजी आवास में मोदी की मेजबानी की। बैठक के संबंध में जारी संयुक्त तथ्य-पत्र के अनुसार, वार्ता के दौरान बाइडन ने भारत के प्रधानमंत्री से कहा कि अमेरिका भारत की महत्वपूर्ण आवाज को प्रतिबिंबित करने के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार की पहल का समर्थन करता है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव करके भारत को स्थायी सदस्य बनाने की मांग भी शामिल है। मोदी और बाइडन की वार्ता मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित रही, लेकिन दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति सहित प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा की। तथ्य-पत्र में कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडन ने वैश्विक मंच पर भारत की अग्रणी भूमिका, विशेष रूप से जी-20 और ‘ग्लोबल साउथ' में मोदी के नेतृत्व और स्वतंत्र, मुक्त एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए ‘क्वाड' को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता की ‘‘अत्यधिक सराहना'' की। इसमें कहा गया कि भारत कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के वैश्विक प्रयासों में सहयोग करने से लेकर दुनिया भर में संघर्षों के विनाशकारी परिणामों से निपटने तक बड़ी चुनौतियों का समाधान करने की कोशिशों में सबसे आगे है। तथ्य-पत्र में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्राओं के लिए उनकी सराहना की, जो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग सहित यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता और मोदी के शांति संदेश की भी सराहना की...।''
- विलमिंगटन (अमेरिका)।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ ‘‘बेहद सार्थक'' बैठक की और इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया। मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। राष्ट्रपति बाइडन ने शनिवार को डेलावेयर के ग्रीनविले स्थित अपने आवास पर उनका स्वागत किया और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया। इसके बाद बाइडन मोदी का हाथ थामकर उन्हें आवास के अंदर ले गए जहां दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। मोदी और बाइडन के बीच एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई, इसके बाद बाइडन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी पहले के मुकाबले अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है। जब भी हम मिलते हैं मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को तलाशने की हमारी क्षमता से प्रभावित होता हूं। आज भी ऐसा ही हुआ।'' विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों नेताओं ने यहां क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की और आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ चर्चा आपसी हितों के क्षेत्रों में भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित रही। दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श किया।'' बैठक के बाद एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया।
- तेहरान। पूर्वी ईरान में एक कोयला खदान में मीथेन गैस लीक होने के कारण हुए विस्फोट में कम से कम 34 मजदूरों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने इसे ईरान के इतिहास की सबसे बड़ी खदान दुर्घटना करार देते हुए रविवार को कहा कि विस्फोट के घंटों बाद भी कई मजदूर लापता हैं।अधिकारियों ने बताया कि राजधानी तेहरान से करीब 540 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में स्थित तबास की कोयला खदान में शनिवार देर रात विस्फोट हुआ। उन्होंने बताया कि विस्फोट के दौरान लगभग 70 लोग खदान में काम कर रहे थे।सरकारी टेलीविजन चैनल ने बाद में अपनी खबर में बताया कि 700 मीटर (2,300 फुट) गहरी खदान में 17 मजदूरों के 200 मीटर (650 फुट) की गहराई पर फंसे होने की आशंका है। हालांकि, हादसे से प्रभावित मजदूरों की संख्या के बारे में दिन भर अलग-अलग आंकड़े सामने आते रहे।प्रांत के एक आपातकालीन अधिकारी मोहम्मद अली अखून्दी ने सरकारी समाचार एजेंसी को रविवार दोपहर बताया कि बचाव अभियान जारी है और हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। खदान से निकाले गए मजदूरों ने सरकारी टेलीविजन चैनल से बातचीत में विस्फोट के बाद के भयानक मंजर को बयां किया।कोयले के काले चूरे में लिपटे एक मजदूर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “हम खदान में काम कर रहे थे। अचानक धुआं उठने लगा। इसके बाद मैंने महसूस किया कि मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। मैं फौरन अपनी जान बचाने के लिए भागा और तब तक लगातार दौड़ता रहा, जब तक एक सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुंच गया। मेरे सहकर्मी वहीं फंसे रह गए।”प्राधिकारियों के मुताबिक, यह विस्फोट मीथेन गैस लीक होने के कारण हुआ। हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि हादसे के समय निजी खदान मंदानजू को में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम उपलब्ध थे या नहीं। हादसे पर प्रतिक्रिया के लिए खदान के मलिकाना हक वाली कंपनी से अभी संपर्क नहीं किया जा सका है।ईरान के नये सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कहा कि उन्होंने खदान में फंसे लोगों को बचाने और उनके परिजन की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि विस्फोट की जांच शुरू कर दी गई है।
- विलमिंगटन (अमेरिका) .प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की, जिन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, घनिष्ठ और सर्वाधिक गतिशील बताया। भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए नए तरीकों की समीक्षा और पहचान करने के वास्ते दोनों नेताओं ने यहां क्वाड शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “एक महत्वपूर्ण यात्रा की विशेष शुरुआत। राष्ट्रपति जो बाइडन ने ग्रीनविले, डेलावेयर में अपने आवास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।” डेलावेयर के विलमिंगटन में स्थित बाइडन ने अपने आवास पर मोदी का स्वागत किया और दोनों नेता एक दूसरे से गले मिले। इसके बाद बाइडन मोदी का हाथ पकड़कर उन्हें अपने घर के अंदर लेकर गए। बाइडन ने ‘एक्स' पर कहा, “ भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ जब भी हम बैठते हैं, मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को खोजने की हमारी क्षमता से बहुत प्रसन्न होता हूं। आज भी कुछ अलग नहीं था।” इधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “एक अहम यात्रा की गर्मजोशी से और खास शुरुआत। एक विशेष भाव के तहत जो बाइडन ने अपने आवास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेजबानी की। द्विपक्षीय बैठक से पहले ग्रीनविले, डेलावेयर में जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।” अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के अनुसार, द्विपक्षीय बैठक में युद्ध और मोदी की हालिया यूक्रेन यात्रा पर प्रमुखता से चर्चा होने की उम्मीद है। मोदी ने अमेरिका के लिये रवाना होने से पहले दिल्ली में अपने वक्तव्य में कहा था, “राष्ट्रपति बाइडन के साथ मेरी बैठक हमें अपने लोगों के लाभ और वैश्विक भलाई के लिए भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए, नए तरीकों की समीक्षा करने और उनकी पहचान करने का मौका देगी।” मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा भी मौजूद हैं। अमेरिकी दल में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रपति के सहायक टी एच जेक सुलिवन और भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी शामिल हैं। अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर यहां आए मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। दोनों नेता क्वाड शिखर सम्मेलन के शिरकत करने के लिए यहां आए हैं। राष्ट्रपति बाइडन अपने गृहनगर विलमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नयी पहल की शुरूआत की जाएगी। इसके अलावा यूक्रेन और गाजा में संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के तरीके तलाशे जाएंगे। चार सदस्यीय क्वाड एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने की वकालत करता है। चीन इसे विरोधी समूह के रूप में देखता है। दिल्ली से अमेरिका रवाना होने के समय मोदी ने कहा कि वह क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए अपने सहयोगियों राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, “यह मंच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए काम करने वाले समान विचारधारा वाले देशों के एक प्रमुख समूह के रूप में उभरा है।” इससे पहले, भारतीय प्रवासियों के एक बड़े समूह ने फिलाडेल्फिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत किया। मोदी ने पारंपरिक परिधान पहने लोगों के समूह का अभिवादन किया, जिनमें से कई लोगों ने भारतीय तिरंगा थाम रखा था। वह सुरक्षा घेरे में चले, उनमें से कुछ को ‘ऑटोग्राफ' दिए और कुछ अन्य से हाथ मिलाया। मोदी ने ‘एक्स' पर एक अन्य पोस्ट में कहा, “फिलाडेल्फिया में जोरदार स्वागत! हमारे प्रवासी समुदाय के आशीर्वाद को हम बहुत संजोकर रखते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय समुदाय ने अमेरिका में अपनी अलग पहचान बनाई है और विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डाला है। उनके साथ बातचीत करना हमेशा खुशी की बात होती है। आइये उन बंधनों का जश्न मनाएं जो हमारे देशों को जोड़ते हैं!” विलमिंगटन से मोदी न्यूयॉर्क जाएंगे जहां वह 22 सितंबर को लॉन्ग आइलैंड में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके अगले दिन उनका संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सम्मेलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री के अन्य कार्यक्रमों में लॉन्ग आइलैंड में भारतीय प्रवासी समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल होना तथा कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक गोलमेज बैठक में भाग लेना शामिल है।
- मॉस्को । रूस के दो नागरिकों ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में सबसे लंबे समय तक लगातार रहने का रिकॉर्ड बनाया।रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ‘रॉसकॉस्मोस’ ने कहा कि ओलेग कोनोनेंको और निकोलाई चूब ने 370 दिन, 21 घंटे और 22 मिनट का पुराना रिकॉर्ड तोड़ा, जो सितंबर 2023 में रूस के सर्गेई प्रोकोपीव और दमित्री पेटेलिन तथा अमेरिकी फ्रांसिस्को रुबियो द्वारा स्थापित किया गया था। चूब और कोनोनेंको के रिकॉर्ड में सोमवार को पृथ्वी पर लौटने से पहले कई दिन और जुड़ जाएंगे। कोनोनेंको (59) के नाम अंतरिक्ष में बिताए गए समय के अन्य रिकॉर्ड भी हैं। अगले सप्ताह कजाकिस्तान पहुंचने तक वे पांच अभियानों के दौरान 1,110 दिन अंतरिक्ष में बिता चुके होंगे।
- वाशिंगटन। अमेरिका की कंप्यूटर सूचना प्रणाली की छात्रा ध्रुवी पटेल को मिस इंडिया वर्ल्डवाइड 2024 का विजेता घोषित किया गया है, जो भारत के बाहर सबसे लंबे समय तक चलने वाली भारतीय प्रतियोगिता है।ध्रुवी बॉलीवुड अभिनेत्री और यूनिसेफ एम्बेसडर बनने की इच्छा रखती हैं।ध्रुवी ने न्यू जर्सी के एडिसन में अपने ताज के बाद कहा, "मिस इंडिया वर्ल्डवाइड जीतना अविश्वसनीय सम्मान है। यह एक ताज से कहीं अधिक है - यह मेरी विरासत, मेरे मूल्यों और वैश्विक स्तर पर दूसरों को प्रेरित करने के अवसर का प्रतिनिधित्व करता है।"इसी दौड़ में सूरीनाम की लिसा अब्दोएलहाक को प्रथम उपविजेता घोषित किया गया, जबकि नीदरलैंड की मालविका शर्मा को द्वितीय उपविजेता घोषित किया गया।श्रीमती श्रेणी में त्रिनिदाद और टोबैगो की सुआन मौटेट विजेता रहीं, जबकि स्नेहा नांबियार प्रथम और यूनाइटेड किंगडम की पवनदीप कौर द्वितीय स्थान पर रहीं।किशोर वर्ग में, ग्वाडेलोप की सिएरा सुरेट को मिस टीन इंडिया वर्ल्डवाइड का ताज पहनाया गया।नीदरलैंड की श्रेया सिंह और सूरीनाम की श्रद्धा टेडजो को प्रथम और द्वितीय उपविजेता घोषित किया गया।इस सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन न्यूयॉर्क स्थित इंडिया फेस्टिवल कमेटी द्वारा किया जाता है और इसका नेतृत्व भारतीय-अमेरिकी नीलम और धर्मात्मा सरन करते हैं। इस वर्ष यह ताज अपनी 31वीं वर्षगांठ मना रहा है।
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वाशिंगटन. अमेरिका के दो सांसदों ने पिछले सप्ताह डलास में ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस' के सदस्यों द्वारा एक भारतीय पत्रकार के साथ कथित मारपीट की घटना की निंदा की और कहा कि उसकी रिकॉर्डिंग मिटाना ‘प्रथम संशोधन' का उल्लंघन है। यह देश में प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़ा कानून है।
भारत और भारतीय अमेरिकियों पर ‘कांग्रेसनल इंडिया कॉकस' के सह-अध्यक्ष एवं सांसद रो खन्ना ने कहा, ‘‘ मैं इंडिया टुडे समूह के रिपोर्टर रोहित शर्मा के साथ हूं और ‘प्रथम संशोधन' के प्रति अडिग हूं।'' खन्ना ने कहा, ‘‘वह निष्पक्ष पत्रकार हैं। उनका फोन छीना जाना, उन्हें धक्का देना और उनकी रिकॉर्डिंग मिटाना अनैतिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ विश्वासघात है।'' अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने भी घटना की निंदा की और कहा कि इस प्रकार का हमला ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य'' है। उन्होंने कहा, ‘‘ सुरक्षा कर्मचारियों को यह अवश्य पता होना चाहिए कि अमेरिका में काम करने वाले पत्रकारों को ‘प्रथम संशोधन' के तहत संरक्षण प्राप्त है चाहे वह किसी भी देश का हो।'' थानेदार ने कहा कि शर्मा ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के साथ ‘‘ऑन-द-रिकॉर्ड साक्षात्कार'' किया था और साक्षात्कार की विषयवस्तु या अवधि को नियंत्रित करने में सुरक्षा टीम की कोई भूमिका नहीं होती। नेशनल प्रेस क्लब की अध्यक्ष एमिली विल्किंस ने कहा, ‘‘ उनके पास शर्मा का फोन छीनने या सामग्री को हटाने का कोई अधिकार नहीं है।'' -
ह्यूस्टन . भारत के ऊर्जा मंत्री हरदीप पुरी ने विश्व की ऊर्जा जरूरतों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित बहुराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि अगले दो दशकों में भारत वैश्विक ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत का योगदान देगा। यहां जॉर्ज आर. ब्राउन कन्वेंशन सेंटर में 52वीं गैसटेक एग्जीबिशन एंड कॉन्फ्रेंस भारत सहित विश्व के पांच प्रमुख ऊर्जा मंत्रियों की रणनीतिक अंतर्दृष्टि के साथ मंगलवार को शुरू हुई। ‘दृष्टिकोण, नवाचार और कार्रवाई के जरिये ऊर्जा में बदलाव' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक ऊर्जा स्थिरता तथा तेजी से कार्बन मुक्त बनने की आवश्यकता पर गौर किया गया। अपने मुख्य भाषण में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारत की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ यदि वैश्विक मांग एक प्रतिशत बढ़ रही है, तो हमारी मांग तीन गुना तेजी से बढ़ रही है। अगले दो दशकों में भारत ऊर्जा मांग में वैश्विक वृद्धि में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।'' मंत्री ने भारत की चुनौती को ‘‘ऊर्जा त्रिविधता'' के रूप में पेश किया और उपलब्धता, सामर्थ्य तथा सफल हरित बदलाव के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। पुरी ने कहा, ‘‘ हमें हरित बदलाव को प्रबंधित करने और इसमें सफलता प्राप्त करने की अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है।'' सम्मेलन की पहली मंत्रिस्तरीय समिति में अमेरिका, भारत, मिस्र, नाइजीरिया और तुर्किये के अधिकारी शामिल रहे। इन्होंने महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक और उद्योग चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। इस बीच, भारत और अमेरिका ने न्यायसंगत तथा व्यवस्थित ऊर्जा बदलाव के लिए ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऊर्जा संसाधन के लिए सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्री प्याट से यहां मुलाकात की। पुरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘... आज ह्यूस्टन में मेरे मित्र और अमेरिका के ऊर्जा संसाधन के लिए सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्री प्याट से मुलाकात की। हमने मौजूदा ऊर्जा सहयोग की समीक्षा की और एक न्यायसंगत तथा व्यवस्थित ऊर्जा बदलाव के लिए ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की।'' प्याट ने भी सोशल मीडिया पर पुरी से मुलाकात और दोनों देशों के बीच बनी सहमति की जानकारी दी।
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केप केनवरल. अरबपति प्रौद्योगिकी उद्यमी जेरेड आइजैकमैन अपने साथियों के साथ पांच दिन की अंतरिक्ष की सैर करके रविवार को धरती पर लौट आए। ‘स्पेसएक्स' का ‘ड्रैगन' नामक एक यान आइजैकमैन, स्पेसएक्स के दो इंजीनियरों और वायुसेना के पूर्व पायलट को लेकर रविवार तड़के फ्लोरिडा के ड्राई टॉर्टुगस द्वीप के निकट मैक्सिको की खाड़ी में उतरा। उन्होंने पृथ्वी से लगभग 460 मील (740 किलोमीटर) ऊपर, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और हबल स्पेस टेलीस्कोप से भी अधिक ऊंचाई पर पहली निजी यात्रा की। मंगलवार को उड़ान भरने के बाद उनका अंतरिक्ष यान 875 मील (1,408 किलोमीटर) की ऊंचाई पर पहुंच गया था। आइजकमैन अंतरिक्ष की सैर करने वाले 264वें व्यक्ति बन गए हैं। 1965 में पूर्व सोवियत संघ ने अंतरिक्ष सैर की शुरुआत की थी। ‘स्पेसएक्स' की साराह गिलिस अंतरिक्ष की सैर करने वाली 265वीं व्यक्ति बनी हैं। अब तक अंतरिक्ष की सैर करने वाले सभी व्यक्ति पेशेवर अंतरिक्ष यात्री थे।
- कोलंबो। श्रीलंका अगले साल फरवरी तक चरणबद्ध तरीके से सभी वाहनों के आयात पर प्रतिबंध हटा लेगा। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। श्रीलंका ने "अर्थव्यवस्था में सामान्य स्थिति बहाल करने" के प्रयासों के तहत यह फैसला लिया है।राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम से जुड़ी व्यापक आर्थिक सुधार रणनीति के तहत एक अक्टूबर से तीन चरणों में प्रतिबंध हटाया जाएगा। राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग ने कहा कि मोटर वाहन आयात की अनुमति देने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी चार साल के "कड़े आयात प्रतिबंधों" के बाद आई है, जो तीव्र आर्थिक संकट के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने के लिए लगाए गए थे। साल 2020 में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के साथ, श्रीलंका ने विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने के लिए आयात प्रतिबंध लगाए। तब दवा, ईंधन और भोजन जैसे आवश्यक आयातों के लिए घटते विदेशी भंडार का उपयोग करने की जरूरत थी।
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फ्रैंकफर्ट (जर्मनी)। यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने मुद्रास्फीति में नरमी के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए प्रमुख ब्याज दर में गुरुवार को 0.25 प्रतिशत की कटौती की। इससे कंपनियों और मकान खरीदारों के लिए कर्ज की लागत कम होगी। ईसीबी की नीतिगत दर निर्धारित करने वाली समिति की यहां हुई बैठक में ब्याज दर को 3.75 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया गया। यह दूसरा मौका है जब नीतिगत दर में कटौती की गयी है। इससे पहले बैंक ने दहाई अंक में पहुंची मुद्रास्फीति को कम करने के लिए नीतिगत दरों में वृद्धि की थी। मुद्रास्फीति बढ़ने का प्रमुख कारण यूक्रेन पर हमले के बाद लगायी गयी पाबंदियों के जवाब में रूस का प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को रोकना था। उल्लेखनीय है कि यूरो मुद्रा का उपयोग करने वाले 20 देशों में मुद्रास्फीति घटकर 2.2 प्रतिशत रही। अक्टूबर, 2022 में यह 10.6 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। मुख्य रूप से कच्चे तेल के दाम में नरमी से मुद्रास्फीति में कमी आई है।