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जोहानिसबर्ग. दक्षिण अफ्रीका के उत्तरी लिम्पोपो प्रांत में कामगारों को खदान तक ले जा रहे ट्रक और बस की आमने-सामने की टक्कर में 20 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। निर्माण कंपनी मुर्रे और रॉबर्ट्स सीमेंटेशन ने कहा कि रविवार को हुई दुर्घटना में मारे गए लोगों में 17 उसके कर्मचारी थे। यह घटना उस वक्त हुई जब इन कामगारों को जिम्बाब्वे सीमा के पास मुसीना में वेनेशिया खदान में ले जाया जा रहा था। कंपनी ने कहा कि वह मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि कामगार खनन कंपनी डी बीयर्स के स्वामित्व वाली खदान में एक भूमिगत परियोजना पर काम करने जा रहे थे। प्रांतीय परिवहन मंत्री फ्लोरेंस रैडजिलानी ने सोमवार को दुर्घटनास्थल का दौरा किया और ट्रक चालकों से यात्रा के समय सावधानी बरतने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘हम कानून प्रवर्तन अधिकारियों के जरिये इन चालकों को संदेश देते हैं कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वाहन सड़क पर चलने योग्य है, ताकि आप निर्दोष लोगों के जीवन को खतरे में न डालें।'' -
नई दिल्ली। ब्रिटेन सरकार ने 4 अक्टूबर से वीजा शुल्क में वृद्धि की घोषणा की है। ब्रिटेन जाने वाले भारत सहित विश्व के यात्रियों को 6 महीने से कम की अवधि के लिए वीजा शुल्क में 15 पाउंड की वृद्धि होगी। विद्यार्थियों के लिए वीजा शुल्क एक सौ 27 पाउंड महंगा हो जाएगा। शुल्क दरों में ये बदलाव देश के सार्वजनिक क्षेत्र के वेतन में हुई वृद्धि से निपटने के लिए किया गया है। यह वृद्धि वीजा की विभिन्न श्रेणियों पर लागू होगी, लेकिन इसके लिए संसद की स्वीकृति लेनी आवश्यक होगी।
टेन के गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि शुक्रवार को संसद में कानून के माध्यम से पेश किए गए इन बदलावों के परिणामस्वरूप छह महीने से कम समय के लिए यात्रा वीज़ा की लागत बढ़कर 115 पाउंड हो जाएगी। इसके अलावा, ब्रिटेन के बाहर से विद्यार्थी वीज़ा के लिए आवेदन करने का शुल्क भी बढकर, देश में आवेदनों के लिए ली जाने वाली राशि के बराबर यानि 490 पाउंड हो जाएगी। यह समायोजन ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा जुलाई में की गई इस घोषणा के बाद किया गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के वेतन में वृद्धि को समायोजित करने के लिए वीज़ा शुल्क और स्वास्थ्य अधिभार में काफी वृद्धि की जाएगी। -
केप केनावेरल. नासा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अज्ञात उड़न तश्तरियों (यूएफओ) के अध्ययन के लिए नई वैज्ञानिक तकनीक जरूरी होंगी जिनमें आधुनिक उपग्रह शामिल हैं। नासा ने यूएफओ पर एक साल तक चले अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष जारी किया।
नासा ने एक स्वतंत्र दल को यह काम सौंपा था जिसने अपनी 33 पन्नों की रिपोर्ट में आगाह किया है कि यूएफओ को लेकर नकारात्मक धारणा इस बारे में जानकारी एकत्रित करने में बाधक बन रही है। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि नासा के शामिल होने से इस बारे में नकारात्मकता को दूर करने में मदद मिलेगी। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने इस दिशा में पारदर्शी प्रयासों का वादा किया। -
व्लादिवोस्तोक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया' पहल की सराहना करते हुए कहा है कि घरेलू उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए हमारा देश भारत जैसे अपने भागीदारों की सफलता का अनुकरण कर सकता है। पुतिन ने मंगलवार को रूस के सुदूर-पूर्व क्षेत्र के एक प्रमुख बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में आठवें पूर्वी आर्थिक मंच के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। रूस में बनी कारों पर एक सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा, ‘‘आप जानते हैं, हमारे पास उस समय घरेलू स्तर पर निर्मित कारें नहीं थीं, लेकिन अब हमारे पास हैं। यह सच है कि वे मर्सिडीज या ऑडी कारों की तुलना में मामूली दिखती हैं, जिन्हें हमने भारी राशि खर्च 1990 के दशक में खरीदा था। लेकिन मुद्दा यह नहीं है। मुझे लगता है कि हम अपने कई भागीदारों का अनुकरण कर सकते हैं। भारत इसका एक उदाहरण है।'' प्रधानमंत्री मोदी ने निवेश को सुविधाजनक बनाने, नवोन्मेषण को बढ़ावा देने, कौशल विकास को बढ़ाने, बौद्धिक संपदा की सुरक्षा और सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए ‘मेक इन इंडिया' अभियान की शुरुआत 2014 में की थी। ‘मेक इन इंडिया' पहल चार स्तंभों पर आधारित है, जिन्हें न केवल विनिर्माण बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी भारत में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मान्यता मिली है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वे भारत में बने वाहनों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ‘मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को बढ़ावा देने में सही काम कर रहे हैं। वह सही हैं।'' उन्होंने आगे कहा कि रूस में विनिर्मित वाहनों का उपयोग करना बिल्कुल सही होगा।
पुतिन ने कहा, ‘‘हमारे पास रूस में बने वाहन हैं, हमें उनका उपयोग करना चाहिए। यह बिल्कुल ठीक है। इससे हमारी विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की प्रतिबद्धताओं का कोई उल्लंघन नहीं होगा। यह सरकार की खरीद से संबंधित होगा। हमें इस संबंध में एक निश्चित श्रृंखला बनानी चाहिए। इससे यह तय होगा कि विभिन्न वर्गों के अधिकारी किन कारों को चला सकते हैं, ताकि वे देश में बनी कारों का इस्तेमाल कर सकें। पुतिन ने कहा कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोपीय आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) किसी भी तरीके से रूस को प्रभावित नहीं करेगा। इससे रूस को लाभ ही होगा। आईएमईसी की घोषणा शनिवार को नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर संयुक्त रूप से अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी इटली और यूरोपीय संघ के देशों ने की थी। -
सेविले (स्पेन) .एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी ने बुधवार को पहला सी295 परिवहन विमान भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी को सौंपा। भारतीय वायु सेना के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से सरकार ने ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी' के साथ दो साल पहले 21,935 करोड़ रुपये में 56 सी295 परिवहन विमानों को खरीदने का सौदा किया था। एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने इसे भारतीय वायुसेना और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन करार दिया।
एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए, विशेष रूप से भारतीय वायु सेना के लिए और पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जो एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें हम इनमें से 40 विमानों का निर्माण भारत में करेंगे। यह विमान आवश्यकता पड़ने पर हमारी सेनाओं को अग्रिम मोर्चे पर ले जाने की क्षमता को जबरदस्त तरीके से मजबूती प्रदान करेगा। '' स्पेन के सेविले शहर में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना प्रमुख वी.आर. चौधरी को एयरबस कंपनी के उत्पादन संयंत्र में यह विमान सौंपा गया। इस समझौते के तहत एयरबस 2025 तक सेविले में शहर में अपने उत्पादन संयंत्र से ‘फ्लाई-अवे' (उड़ान के लिये तैयार) स्थिति में पहले 16 सी295 विमानों की आपूर्ति करेगा। इसके बाद दोनों कंपनियों के बीच हुई एक औद्योगिक साझेदारी के हिस्से के रूप में शेष 40 विमानों का निर्माण और संयोजन भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड(टीएएसएल) द्वारा वड़ोदरा में किया जाएगा। इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी। यह विमान 15 सितंबर को सेविले से दिल्ली के लिए रवाना होगा। एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा, ‘‘ पहला विमान स्पेन में तैयार किया गया है, वहीं 17वें विमान को 2026 में वडोदरा में तैयार कर अंतिम रूप दिया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा क्योंकि पहली बार एक सैन्य परिवहन विमान पूरी तरह से भारत में निर्मित किया जाएगा। '' स्पेन में भारत के राजदूत दिनेश पटनायक ने कहा कि सी295 विमान को तय समय से 10 दिन पहले एयरबस द्वारा वायुसेना को सौंप दिया गया। पटनायक ने कहा कि सी295 परियोजना भारत-स्पेन द्विपक्षीय संबंधों, विशेषकर आर्थिक जुड़ाव को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी तथा इस परियोजना से दोनों देशों के संबंधों को एक नया आयाम मिलेगा। पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वड़ोदरा में सी295 विमानों की विनिर्माण सुविधा की आधारशिला रखी थी। यह किसी निजी संघ द्वारा भारत में निर्मित किया जाने वाला पहला सैन्य विमान होगा। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) छह दशक पहले सेवा में आए पुराने एवरो-748 विमानों के अपने बेड़े को बदलने के लिए सी295 विमान खरीद रही है। सी295 को एक बेहतर विमान माना जाता है, जिसका उपयोग 71 तक सैनिकों या 50 तक पैराट्रूपर्स के सामरिक परिवहन के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल उन स्थानों पर सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है, जहां मौजूदा भारी विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता। सी295 विमान पैराशूट के सहारे सैनिकों को उतारने और सामान गिराने के लिए काफी उपयोगी है। इसका उपयोग किसी हादसे के पीड़ितों और बीमार लोगों को निकालने के लिए भी किया जा सकता है। यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा की स्थिति और समुद्री तटीय क्षेत्रों में गश्ती कार्यों को पूरा करने में सक्षम है। पिछले साल इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद एयरबस ने कहा था कि सी295 कार्यक्रम के तहत कंपनी अपने औद्योगिक भागीदारों के सहयोग से विमान निर्माण और उनके रख-रखाव की विश्व स्तरीय सुविधाएं भारत में लाएगी। भारत के लिए निर्मित पहले सी295 विमान ने मई में सेविले में अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की थी। दूसरे विमान का निर्माण सेविले उत्पादन संयंत्र में अंतिम चरण में है और इसे अगले साल मई में भारतीय वायुसेना को सौंपा जाना तय है। भारतीय वायुसेना के छह पायलट और 20 तकनीशियन पहले ही सेविले सुविधा केंद्र में व्यापक प्रशिक्षण ले चुके हैं। वड़ोदरा में सी295 विमान के लिए निर्माण एवं उत्पादन संयंत्र अगले साल नवंबर में चालू होने वाला है। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायु सेना सी295 विमानों की दुनिया की सबसे बड़ी संचालक होगी। -
हनोई. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को कहा कि उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ “पर्याप्त चर्चा” की और उनके नेतृत्व और नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। बाइडन ने यहां वियतनाम की राजधानी में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मानवाधिकारों के सम्मान के महत्व को भी उठाया। अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में भारत की अपनी पहली यात्रा पर नयी दिल्ली आए बाइडन ने मोदी के साथ व्यापक बातचीत की। उन्होंने 31 ड्रोन की भारत की खरीद और जेट इंजनों के संयुक्त विकास में आगे बढ़ने का स्वागत करते हुए द्विपक्षीय प्रमुख रक्षा साझेदारी को “गहरा और विविधतापूर्ण” करने का संकल्प व्यक्त किया। बाइडन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी को उनके नेतृत्व और उनके आतिथ्य तथा जी20 की मेजबानी के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने और मैंने इस बारे में पर्याप्त चर्चा की है कि हम पिछले जून में प्रधानमंत्री की व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच बनी साझेदारी को कैसे मजबूत करना जारी रखेंगे।” उन्होंने कहा, “जैसा कि मैं हमेशा करता हूं, मैंने मोदी के साथ मानवाधिकारों के सम्मान और एक मजबूत व समृद्ध देश के निर्माण में नागरिक संस्थाओं और स्वतंत्र प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका के महत्व को उठाया।” मोदी और बाइडन की द्विपक्षीय वार्ता के बाद शुक्रवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार, “नेताओं ने इस बात पर फिर से जोर दिया कि स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेशन, बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर के साझा मूल्य हमारी सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं जिसका हमारे देश आनंद लेते हैं और ये मूल्य हमारे संबंधों को मजबूत करते हैं।” बाइडन ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत में की गईं महत्वपूर्ण बैठकों के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा, “यह हमारे वैश्विक नेतृत्व और उन चुनौतियों को हल करने के वास्ते हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण क्षण था जो दुनिया भर के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। समावेशी विकास और सतत विकास में निवेश करना, जलवायु संकट का समाधान करना, खाद्य सुरक्षा और शिक्षा को मजबूत करना, वैश्विक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सुरक्षा को आगे बढ़ाना इसमें शामिल हैं।” उन्होंने कहा, “हमने दुनिया को दिखाया कि अमेरिका हमारे साझा भविष्य के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण वाला भागीदार है।” भारत को यूरोप से पश्चिम एशिया और इजराइल से जोड़ने वाले गलियारे पर उन्होंने कहा कि यह परिवर्तनकारी आर्थिक निवेश के लिए अनकहे अवसर खोलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में “यूक्रेन में अवैध युद्ध” पर भी चर्चा की गई और न्यायसंगत तथा स्थायी शांति की आवश्यकता पर पर्याप्त सहमति थी। - मराकेश। मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,000 से अधिक हो गई है और कम से कम 2,059 लोग घायल हुए हैं। देश के गृह मंत्रालय ने शनिवार देर रात बताया कि शुक्रवार देर रात आए भूकंप में 2,012 लोगों की मौत हो गई है और मृतक संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्ता सबसे अधिक प्रभावित दूर-दराज के क्षेत्रों में पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मंत्रालय के मुताबिक, सबसे अधिक 1,293 लोगों की मौत अल हौज प्रांत में हुई है।उसने बताया कि कम से कम 2,059 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 1,404 की हालत गंभीर है।भूकंप के बाद मोरक्को सरकार ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।मोरक्को में शुक्रवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जो देश में पिछले 120 साल में आया सबसे भीषण भूकंप है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई देशों के नेताओं ने मोरक्को को मदद की पेशकश की है।जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘मोरक्को में भूकंप के कारण लोगों की मौत से अत्यधिक दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं। अपने प्रियजन को खोने वाले लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारत इस मुश्किल वक्त में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।'' जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने भी ‘एक्स' पर मोरक्को के प्रति संवेदना व्यक्त की।संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र भूकंप प्रभावित आबादी की मदद के प्रयासों में मोरक्को सरकार की सहायता करने के लिए तैयार है।'' इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने मोरक्को में अपने समकक्ष से फोन पर बात की और भूकंप प्रभावित देश को ‘‘हर संभव'' सहायता मुहैया कराने की इजराइल की इच्छा व्यक्त की। गैलेंट ने इजराइली सेना को मोरक्को को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी मोरक्को में आई प्राकृतिक आपदा पर दुख जताया और कहा कि अमेरिकी अधिकारी मोरक्को के साथ संपर्क में हैं, ताकि मदद की पेशकश की जा सके। इसके अलावा तुर्किये, कतर और अल्जीरिया समेत कई अन्य देशों ने भी मदद की पेशकश की।
- मराकेश । मोरक्को में भूकम्प में मरने वालों की संख्या बढकर एक हजार हो गई है। कल देर रात आये भूकम्प में 6 सौ से अधिक लोग घायल हुये हैं। भूकम्प की तीव्रता रियेक्टर पैमाने पर 7 दशमलव दो मापी गई है। भूकम्प से जान-माल को काफी नुकसान पहुंचा है। एक धरोहर स्थल को क्षति पहुंची है। स्थानीय लोगों को रात खुले आसमान में गुजारनी पडी। बचाव दल कार्य में जुटे हैं।
- लंदन। एक स्वतंत्र निकाय की ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 100वें जन्मदिवस के अवसर पर वर्ष 2026 में उनके लिए एक स्थायी स्मारक के अनावरण की योजना है। सरकार ने रविवार को यह जानकारी दी। कैबिनेट कार्यालय ने बताया कि एलिजाबेथ के सितंबर 2022 में निधन के बाद ब्रिटेन की सबसे लंबी शासक के लिए "उचित श्रद्धांजलि" के प्रस्तावों पर विचार करने के लिए उनके पूर्व निजी सचिव रॉबिन जैनव्रिन को महारानी एलिजाबेथ स्मारक समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। महारानी की मृत्यु 96 वर्ष की आयु में बाल्मोरल में हुई थी।जैनव्रिन और समिति के अन्य अधिकारी दिवंगत महारानी के सम्मान में एक राष्ट्रीय विरासत कार्यक्रम की योजना की सिफारिश करेंगे। बकिंघम पैलेस में वर्ष 1987 से 2007 के बीच विभिन्न पदों पर कार्यरत जैनव्रिन ने कहा,''अपने लंबे शासनकाल के दौरान हमारे सार्वजनिक जीवन में महारानी के असाधारण योगदान को भावी पीढ़ियों के लिए सहेजना एक अनोखी चुनौती होगी।'' महारानी की स्मारक से जुड़ी सिफारिशें उनके उत्तराधिकारी महाराजा चार्ल्स तृतीय और प्रधानमंत्री को प्रस्तुत की जाएंगी। एलिजाबेथ ने वर्ष 1955 में बकिंघम पैलेस के बाहर द मॉल में अपने पिता जॉर्ज छह की एक प्रतिमा का अनावरण किया था।
- सिंगापुर। सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थरमन शणमुगारत्नम ने शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने साल 2011 के बाद पहली बार हुए राष्ट्रपति चुनाव में चीनी मूल के दो प्रतिद्वंद्वियो को हराया। साल 2011 से 2019 तक सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री रहे शणमुगारत्नम (66) को 70.4 प्रतिशत वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वियों एन. कोक सोंग और टेन किन लियान को क्रमश: 15.7 प्रतिशत और 13.8 प्रतिशत वोट मिले। निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर शणमुगारत्नम को बधाई दी। उन्होंने कहा, “सिंगापुरवासियों ने निर्णायक अंतर से श्री थरमन शणमुगारत्नम को हमारा अगला राष्ट्रपति चुना है। राष्ट्र प्रमुख के रूप में, वह देश और विदेश में हमारा प्रतिनिधित्व करेंगे।”इससे पहले, तमन जुरोंग फूड सेंटर में अपने समर्थकों के बीच शणमुगारत्नम ने कहा कि वह सिंगापुरवासियों की ओर से मिले “मजबूत समर्थन के लिए वास्तव में आभारी हैं।”उन्होंने कहा, “मैं इस मतदान को लेकर अभिभूत हूं – यह मतदान सिर्फ मेरे लिए नहीं, यह सिंगापुर के भविष्य, आशावाद और एकजुटता के भविष्य के लिए मतदान है। मेरा अभियान आशावाद और एकजुटता पर केंद्रित था, और विश्वास करें कि सिंगापुरवासी यही चाहते हैं।”चैनल ‘न्यूज एशिया’ ने शणमुगारत्नम के हवाले से कहा, “सिंगापुरवासियों ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, मैं उसका सम्मान करूंगा और उन लोगों सहित सभी सिंगापुरवासियों का भी सम्मान करूंगा जिन्होंने मुझे वोट नहीं दिया।”देश के नौवें राष्ट्रपति के लिए हुए मुकाबले में सिंगापुर सरकार इन्वेस्टमेंट कॉर्प (जीआईसी) के पूर्व मुख्य निवेश अधिकारी एन. कोक सोंग और देश के सरकारी स्वामित्व वाले बीमा समूह एनटीयूसी इनकम के पूर्व प्रमुख टेन किन लियान ने भी किस्मत आजमाई।निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का छह वर्ष का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त हो रहा है। वह देश की आठवीं राष्ट्रपति हैं और इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। सिंगापुर में वर्ष 2017 का राष्ट्रपति चुनाव एक आरक्षित चुनाव था जिसमें केवल मलय समुदाय के सदस्यों को चुनाव लड़ने की अनुमति थी। उस दौरान हलीमा को राष्ट्रपति नामित किया गया था क्योंकि कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था।सिंगापुर में 2011 के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव था। शणमुगारत्नम ने देश की संस्कृति को दुनिया में “उज्ज्वल” बनाए रखने के संकल्प के साथ पिछले महीने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिये अपना अभियान शुरू किया था। राजनीति में 2001 में आए शणमुगारत्नम ने दो दशक से अधिक समय तक सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के और मंत्री पदों पर कार्य किया है। सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिए पहला चुनाव 28 अगस्त 1993 को हुआ था।
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नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) ने अपनी गोपनीयता नीति में बदलाव करेगी। कंपनी ने कहा है कि पढ़ाई और नौकरी के साथ-साथ वह उपयोगकर्ताओं के बायोमेट्रिक जानकारी एकत्रित करेगी। कंपनी ने अपने प्राइवेसी सेगमेंट में कहा है, ‘ आपकी सहमति के बाद हम सुरक्षा और पहचान उद्देश्यों के लिए आपकी बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र और इसका उपयोग कर सकते हैं।’
नई नीति में कंपनी ने यह भी उल्लेख किया गया है कि कंपनी उपयोगकर्ताओं के लिए संभावित नौकरियों की पेशकश के लिए व्यक्तिगत जानकारी (जैसे कि रोजगार इतिहास, शैक्षिक इतिहास, रोजगार प्राथमिकताएं, कौशल और क्षमताएं, नौकरी खोज गतिविधि आदि) भी एकत्रित कर उसका उपयोग कर सकती है, ताकि जब आप नौकरी के लिए आवेदन करें तो संभावित नियोक्ता आपको को ढूंढ सकें और आपको अधिक प्रासंगिक विज्ञापन दिखा सकें।समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने सबसे पहले इस खबर के बारे में बताया था। हालांकि, कंपनी ने इस बारे में कुछ नहीं लिखा है कि बायोमेट्रिक जानकारी का क्या मतलब है और न ही यह बताई है कि वह इसे कैसे एकत्र करेगी। यह भी स्पष्ट नहीं है कि नये बदलाव कब लागू होंगे। उपयोगकर्ताओं के लिए कंपनी की पिछली नीति 29 सितंबर तक लागू है। रोजगार के आंकड़े एकत्र करने पर ऐसा लगता है कि मस्क लिंक्डइन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक पेशेवर नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म भी शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। - लंदन । ब्रिटेन की महारानी कैमिला ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव (एसओई) के लिए अंडरकवर एजेंट के रूप में भारतीय मूल की जासूस और टीपू सुल्तान की वंशज नूर इनायत खान के योगदान का सम्मान करने के लिए यहां रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) क्लब में एक नए चित्र का अनावरण किया। महारानी (76) ने मंगलवार को औपचारिक रूप से आरएएफ क्लब के एक कमरे का नाम ‘‘नूर इनायत खान कक्ष'' रखा, जहां एक रंगीन कांच की खिड़की के सामने आरएएफ में योगदान देने वाली महिलाओं की तस्वीरें हैं, जिसका उद्घाटन उनकी सास तत्कालीन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 2018 में किया था। नूर आरएएफ की महिला सहायक वायु सेना (डब्ल्यूएएएफ) की सदस्य थीं, जब उन्हें 1942 में एसओई में भर्ती किया गया था और वह अत्यधिक खतरे की परिस्थितियों में विशिष्ट साहस के लिए जॉर्ज क्रॉस (जीसी) से सम्मानित डब्ल्यूएएएफ के दो सदस्यों में से एक बन गईं।ब्रिटिश भारतीय लेखिका श्रबानी बसु ने अनावरण समारोह में महारानी को नूर की जीवनी ‘स्पाई प्रिंसेस: द लाइफ ऑफ नूर इनायत खान' की एक प्रति भेंट की। बसु ने कहा, ‘‘आरएएफ क्लब में महारानी द्वारा नूर इनायत खान के चित्र का अनावरण करना गर्व का क्षण था।'' मॉस्को में 1914 में भारतीय सूफी संत पिता और अमेरिकी मां के घर जन्मी नूर-उन-निसा इनायत खान, अपने स्कूल के वर्षों के लिए पेरिस में बसने से पहले कम उम्र में लंदन चली गईं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस की हार बाद, वह इंग्लैंड चली गईं और डब्ल्यूएएएफ में शामिल हो गईं। उन्हें 1942 के अंत में, एसओई में भर्ती किया गया था-जिसे युद्ध के दौरान कब्जे वाले क्षेत्रों में जासूसी, विध्वंस गतिविधि और टोह लेने के लिए बनाया गया था। आरएएफ क्लब में नूर के नए चित्र का अनावरण उनके रिश्तेदारों की उपस्थिति में किया गया, जिनमें 95 वर्षीय चचेरे भाई शेख महमूद और भतीजे पीर जिया इनायत खान शामिल थे।
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वाशिंगटन। पीयू रिसर्च सेंटर के एक सर्वेक्षण के अनुसार करीब 80 प्रतिशत भारतीयों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर अनुकूल राय है और इसमें शामिल किये गए प्रत्येक 10 में से सात भारतीय का मानना कि उनका देश हाल के समय में अधिक प्रभावशाली हो गया है। जी20 शिखर सम्मेलन से पहले जारी सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी दुनिया में भारत के बारे में लोगों की राय आमतौर पर सकारात्मक है, और औसतन 46 प्रतिशत लोगों ने देश के बारे में अनुकूल राय व्यक्त की, वहीं 34 प्रतिशत के विचार प्रतिकूल थे। 16 प्रतिशत लोगों ने कोई राय ही नहीं प्रकट की। रिपोर्ट के अनुसार इजराइल में भारत को लेकर ज्यादातर सकारात्मक राय है, जहां 71 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनकी राय भारत को लेकर अच्छी है। पीयू ने कहा कि यह सर्वेक्षण 20 फरवरी से 22 मई तक किया गया, जिसमें भारत समेत 24 देशों के 30,861 वयस्क प्रतिभागी शामिल हुए। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर वैश्विक राय और दूसरे देशों के बारे में भारतीयों की राय परखी गयी। मंगलवार को जारी सर्वेक्षण के परिणाम के अनुसार, प्रत्येक 10 में से लगभग आठ भारतीय मोदी के बारे में अनुकूल विचार रखते हैं, जिनमें से अधिकतर (55 प्रतिशत) का दृष्टिकोण ‘बहुत अनुकूल' है। प्रधानमंत्री के रूप में यह मोदी का दूसरा कार्यकाल है और वह 2024 में भी सरकार बनाने का विश्वास जता रहे हैं। पीयू सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 20 प्रतिशत भारतीयों ने 2023 में मोदी के बारे में प्रतिकूल राय व्यक्त की। सर्वेक्षण के परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता कायम है। भाजपा के आधिकारिक हैंडल से ‘एक्स' पर लिखे पोस्ट में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता निश्चित रूप से कायम है। भारत और दुनिया में अधिकांश लोग मानते हैं कि भारत का वैश्विक प्रभाव मजबूत होता जा रहा है।'' पार्टी ने कहा कि यह सर्वेक्षण इस बात का प्रमाण है।
इसमें कहा गया, ‘‘भारतीय वयस्कों को यह विश्वास होने की अधिक संभावना है कि भारत की शक्ति बढ़ रही है। दस में से लगभग सात भारतीयों का मानना है कि उनका देश हाल ही में अधिक प्रभावशाली हो गया है। जबकि 2022 में 19 देशों में किए गए पिछले सर्वेक्षण में औसतन केवल 28 प्रतिशत लोगों ने यह बात कही थी।'' रिपोर्ट के अनुसार करीब आधे भारतीय (49 प्रतिशत) मानते हैं कि अमेरिका का प्रभाव पिछले कुछ साल में बढ़ा है और 41 प्रतिशत यही बात रूस के बारे में कहते हैं। इस बीच चीन के प्रभाव को लेकर भारतीयों की राय काफी कुछ मिलीजुली है। दिल्ली में 9-10 सितंबर को जी20 सम्मेलन होना है। -
वाशिंगटन. अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद और प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के लिए मंगलवार को भारत को बधाई दी। भारत ने 23 अगस्त को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम' और रोवर ‘प्रज्ञान' से लैस लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सॉफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की थी। इसी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया था। सांसद और कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के वरिष्ठ सदस्य ब्रैड शर्मन ने कहा, ‘‘भारत को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए बधाई। भारत चंद्रमा के इस भाग पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश है।'' ‘सेलेस्टा कैपिटल' के प्रबंध साझेदार और ओबामा प्रशासन के पूर्व अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग एयरोस्पेस उत्कृष्टता की दिशा में भारत की प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि देश की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण और सरकारी तथा निजी क्षेत्र के बीच मजबूत सहयोग के आधार पर एक प्रभावशाली प्रक्षेप पथ पर आगे बढ़ रही है। विधि कंपनी ‘पॉल हैस्टिंग्स एलएलपी' में काम करने वाले रौनक डी देसाई ने कहा, ‘‘भारत की चंद्रमा की यात्रा महज अंतरिक्ष में पहुंचने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसी देश की सपने देखने के साहस, नवोन्मेष की उसकी क्षमता और मानव क्षमता की सीमाओं के विस्तार के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
- वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवारी के भारतीय-अमेरिकी दावेदार विवेक रामास्वामी ने संकेत दिया है कि यदि वह 2024 में राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वह अरबपति कारोबारी एलन मस्क को अपने प्रशासन का सलाहकार बनाना चाहेंगे।रामास्वामी (38) से आयोवा में ‘टाउन हॉल’ के दौरान जब पूछा गया कि यदि वह राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वह किसे अपना सलाहकार बनाना चाहेंगे, उन्होंने जवाब में मस्क का नाम लिया।रामास्वामी पिछले साल ट्विटर (अब ‘एक्स’) के मालिक बनने के बाद मस्क द्वारा बड़े पैमाने पर की गई छंटनी के प्रशंसक हैं।बॉयोटेक उद्यमी रामास्वामी ने कहा कि वह ऐसे नए विचारों के लोगों को चाहते हैं, जो सरकार ‘‘के भीतर से नहीं आते।’’रामास्वामी ने कहा, ‘‘मुझे हाल में एलन मस्क को और बेहतर तरीके से जानकर अच्छा लगा। मुझे लगता है कि वह मेरे एक दिलचस्प सलाहकार होंगे, क्योंकि उन्होंने ट्विटर के 75 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘और इसके बाद प्रभावशीलता वास्तव में बढ़ गई।’’ मस्क (52) ‘स्पेसएक्स’, ‘टेल्सा’ और ‘एक्स’ के मालिक हैं।इससे पहले भी रामास्वामी ने सोशल मीडिया कंपनी ‘एक्स’ के प्रबंधन को लेकर मस्क की सराहना करते हुए कहा था कि वह उसी तरह सरकार चलाएंगे, जैसे मस्क कंपनी चलाते हैं।रामास्वामी शिक्षा विभाग, संघीय जांच ब्यूरो और मद्य, तंबाकू, आग्नेयास्त्र एवं विस्फोटक ब्यूरो को बंद करने की अपनी इच्छा के बारे में मुखर रहे हैं।रामास्वामी 40 साल से कम आयु के सबसे अमीर अमेरिकियों में शामिल हैं। उन्होंने ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ से जीव विज्ञान का अध्ययन किया। इसके बाद उन्होंने ‘येल यूनिवर्सिटी’ से कानून की डिग्री प्राप्त की। ‘फोर्ब्स’ के अनुसार, वह कुछ समय तक अरबपति रहे, लेकिन शेयर बाजार में गिरावट के कारण उनकी पूंजी घट कर करीब 95 करोड़ डालर रह गई।अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने के दावेदारों की पहली बहस में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद अरबपति भारतीय-अमेरिकी उद्यमी रामास्वामी की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है। उन्हें लोकप्रियता रेटिंग संबंधी सर्वेक्षणों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद दूसरा स्थान मिला है। रामास्वामी (38) राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल रिपब्लिकन पार्टी के सबसे कम आयु के दावेदार हैं।
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अंतानानारिवो (मेडागास्कर). मेडागास्कर के स्टेडियम में शुक्रवार को हिंद महासागर द्वीप खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान भगदड़ मचने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई। खबरों के अनुसार, देश के प्रधानमंत्री क्रिश्चियन नत्से ने मृतक संख्या की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि भगदड़ में करीब 80 लोग घायल हुए, जिनमें 11 की हालत काफी गंभीर है। खबरों में बताया गया कि मेडागास्कर की राजधानी अंतानानारिवो के महामासीना स्टेडियम में आयोजित उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे देश के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने हादसे पर दुख प्रकट किया और स्टेडियम में मौजूद लोगों से जान गंवाने वालों के लिए कुछ पल का मौन रखने की अपील की। करीब 41,000 लोगों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में पहले भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं। इससे पहले 2019 में एक संगीत कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 15 लोगों की मौत हो गई थी। हिंद महासागर द्वीप खेल में कई तरह के खेलों का आयोजन होता है, जिनमें क्षेत्र के कई देश भाग लेते हैं।
- एथेंस। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रीस के निवेशकों को भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत और ग्रीस वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करने पर सहमत हो गए हैं। एथेंस में ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मिट्सोटाकिस के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपसी व्यापार तेजी से बढ रहा है और आने वाले वर्षों में इसे और बढाया जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने भागीदारी को महत्वपूर्ण बनाने का निर्णय लिया है। ग्रीस के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ग्रीस के संबंधों में काफी प्रगति हुई है और दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग की व्यापक संभावनाएं हैं। ग्रीस की राष्ट्रपति कतरीना सकेलारोपोलू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से सम्मानित किया।
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अटलांटा । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में जॉर्जिया में अपनी चुनावी हार को पलटने की अवैध कोशिशों के आरोपों से जुड़े मामले में गुरुवार को राज्य प्राधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। ट्रंप की गिरफ्तारी की प्रक्रिया 20 मिनट चली और इस दौरान पुलिस ने उनका ‘मग शॉट’ (गिरफ्तारी के बाद कैदी के रूप में ली जाने वाली तस्वीर) जारी किया।
यह अमेरिका के किसी पूर्व राष्ट्रपति का पहला ‘मग शॉट’ है। ट्रंप को दो लाख डॉलर की जमानत पर रिहा कर दिया गया, जिसके बाद वह न्यूजर्सी जाने के लिए हवाई अड्डा रवाना हुए।ट्रंप के खिलाफ चार अलग-अलग शहरों में मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन जॉर्जिया के मामले में आत्मसमर्पण पूर्व तीन मामलों से अलग है। यह आत्मसमर्पण रात में किया गया, जिसके लिए उन्हें किसी अदालती कक्ष के बजाय जेल जाना पड़ा। वह 2024 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों में अहम माने जाने वाले राज्य में आत्मसमर्पण करने पहुंचे।गिरफ्तारी की प्रक्रिया से अवगत एक अधिकारी ने बताया कि अन्य शहरों में दर्ज मामलों में आत्मसमर्पण के दौरान ट्रंप का ‘मग शॉट’ नहीं लिया गया था, जबकि जॉर्जिया में दर्ज मामले को लेकर कैदी के रूप में उनकी तस्वीर ली गई।ट्रंप शाम सात बजे के कुछ ही देर बाद अटलांटा पहुंचे जहां से उन्हें गिरफ्तारी की प्रक्रिया के लिए जेल ले जाया गया। सफेद कमीज और लाल टाई पहने ट्रंप ने निजी विमान से उतरते समय हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया 20 मिनट चली। ट्रंप अमेरिका के इतिहास में अभियोग का सामना करने वाले देश के पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं। यह दूसरी बार है, जब उन पर चुनाव के नतीजों को पलटने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की 2 दिन की सफल यात्रा सम्पन्न करने के बाद ग्रीस पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का आगमन के समय पारंपरिक स्वागत किया गया। वे ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस के निमंत्रण पर ग्रीस की यात्रा पर पहुंचे हैं। भारतीय समुदाय के लोग प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए एथेंस में होटल के बाहर प्रतीक्षा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी एक दिन की सरकारी यात्रा पर इस होटल में ठहरेंगे। यह उनकी ग्रीस की पहली यात्रा है। आज दिन में प्रधानमंत्री श्री मोदी अज्ञात सैनिकों के स्मारक जाएंगे और वहां श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस के साथ वार्ता करेंगे जिसमें दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत बनाये जाने पर चर्चा की जायेगी। श्री मोदी वहां ग्रीस की राष्ट्रपति कतेरीना सकेलारोपोलू से मुलाकात कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे। और भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे। भारत और ग्रीस के बेहतर संबंध हैं जो हाल ही के वर्षो में मजबूत हुए हैं।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए दुनिया के अनेक नेताओं के बधाई संदेशों पर बृहस्पतिवार को धन्यवाद ज्ञापित किया। मोदी ने कहा कि विज्ञान ने भारत के लिए चंद्रमा के एक दुर्गम हिस्से में पहुंचना संभव बनाया है।
मोदी ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर-सम्मेलन में अपने संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘मुझे कल से सभी के बधाई संदेश मिल रहे हैं। दुनियाभर में इस उपलब्धि को केवल एक देश की नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। यह पूरी दुनिया की ओर से भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई देने का अवसर है।'' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' न केवल भारत के लिए, बल्कि इस विश्व के वैज्ञानिक समुदाय के लिए भी बड़ी उपलब्धि है। मोदी ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में उतरने की अब तक कोई कोशिश नहीं हुई थी जहां पहुंचने का लक्ष्य भारत ने तय किया था। भारत का प्रयास सफल रहा है। विज्ञान ने हमें दुर्गम हिस्से तक जाने में सक्षम बनाया। यह अपने आप में विज्ञान और वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि है। -
जोहानिसबर्ग. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के लिए बुधवार को भारत की प्रशंसा की और कहा कि यह ब्रिक्स के सभी साझेदार देशों के लिए खुशी की बात है। रामफोसा ने बुधवार को शाम को ब्रिक्स देशों के नेताओं के लिए मिडरैंड में सांस्कृतिक प्रस्तुति और राजकीय भोज की मेजबानी की। इस दौरान रामफोसा के स्वागत संबोधन का मुख्य बिंदु चंद्रयान मिशन था। इस अवसर पर वहां अफ्रीका और ‘ग्लोबल साउथ' के अन्य नेता भी उपस्थित थे, जिन्हें बृहस्पतिवार को दिन भर के ‘ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच‘ और ‘ब्रिक्स प्लस डायलॉग' में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। 1960 के दशक में पनपा ‘ग्लोबल साउथ' शब्द आम तौर पर लैटिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया के क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खासकर इसका मतलब, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बाहर, दक्षिणी गोलार्द्ध और भूमध्यरेखीय क्षेत्र में स्थित ऐसे देशों से है जो ज्यादातर कम आय वाले हैं और राजनीतिक तौर पर भी पिछड़े हैं। ज्यादातर ‘ग्लोबल साउथ' देश औद्योगीकरण वाले विकास की दौड़ में पीछे रह रह गए। इनका उपनिवेश वाले देश के पूंजीवादी और साम्यवादी सिद्धांतों के साथ विचारधारा का भी टकराव रहा है। रामफोसा ने नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की पंक्तियों को दोहराते हुए कहा, ‘‘हम एक ऐसे महल में हैं जिसका कोई अंत नहीं है, लेकिन हम पहुंच चुके हैं। इसकी खोज करके और इसके साथ अपने संबंधों का विस्तार करके, हम इसे और अधिक अपना बना रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह और अन्य कई उपलब्धियां हमें समृद्धि, प्रगति और शांति की ओर आगे बढ़ने में सक्षम बनाती हैं।'' भोज में रामफोसा ने कहा, ‘‘आज की रात एक ऐसी रात है जब हमारे पास ब्रिक्स भागीदारों के रूप में जश्न मनाने का और भी अधिक कारण है। आज दोपहर से कुछ घंटे पहले भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक चंद्र मॉड्यूल उतारकर इतिहास रच दिया और ऐसा करने वाला वह पहला देश बन गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारत सरकार और वहां के लोगों तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई देते हैं।'' रामफोसा ने कहा कि वैज्ञानिक प्रयासों की सीमाओं को आगे बढ़ाना मानव प्रगति का अभिन्न अंग है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने आज दोपहर हमारे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रस्ताव रखा कि ब्रिक्स को एक अंतरिक्ष अन्वेषण आयोग स्थापित करना चाहिए, जहां ब्रिक्स देशों के रूप में हम ज्ञान और अनुभव साझा कर सकते हैं। जिस दुनिया में हम रहते हैं उसके बारे में हम जितना अधिक जानेंगे, उससे हमें इसमें आगे और सुधार करने और मानवीय स्थिति को ऊपर उठाने की हमारी क्षमता उतनी ही अधिक बढ़ेगी।'' उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों का समूह तीन अरब से अधिक लोगों, संस्कृतियों और परंपराओं को समाहित करता है। रामफोसा ने कहा, ‘‘हम अपने साझा दृष्टिकोण और समान लक्ष्यों से एकजुट हैं।''
मोदी दक्षिण अफ्रीका और यूनान की चार दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे जहां वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 22 से 24 अगस्त तक आयोजित हो रहे ब्रिक्स नेताओं के 15वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। यह साल 2019 के बाद ब्रिक्स नेताओं का पहला आमने-सामने का शिखर सम्मेलन है। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। - मॉस्को। रूस में एक निजी विमान बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे उसमें सवार सभी 10 लोगों की मौत हो गयी। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास' ने आपात अधिकारियों के हवाले से बताया कि विमान में तीन पायलट और सात यात्री सवार थे। यह विमान मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहा था और राजधानी से 100 से अधिक किलोमीटर दूस त्वेर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उड़ान संबंधी डेटा के अनुसार, निजी विमान ने बुधवार शाम को मॉस्को से उड़ान भरी और कुछ मिनट बाद ही इसका संपर्क टूट गया। संपर्क किसी ग्रामीण क्षेत्र में टूटा जहां आसपास कोई हवाई क्षेत्र नहीं है ।
- जोहानिसबर्ग। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और हाल के वैश्विक घटनाक्रम पर उनसे चर्चा की। रूस के विदेश मंत्री लावरोव इस शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यूक्रेन में युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है जिसके चलते वह ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन के लिए जोहानिसबर्ग नहीं आए हैं। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात कर खुश हूं। हाल के वैश्विक घटनाक्रम पर सार्थक चर्चा की गयी।
- वाशिंगटन/लंदन/सिंगापुर। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने की भारत की सफलता पर दुनियाभर में रहने वाले भारतीय प्रवासियों सहित विभिन्न लोगों ने खुशी जतायी है। भारत का चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6 बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया। यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने कहा कि यह भारत के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा, “यह दर्शाता है कि भारत एक उभरती हुई वैज्ञानिक ताकत है जो दुनियाभर के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह गर्व का एक क्षण है जिसे हमें संजोने की जरूरत है। दुनिया युद्ध, गरीबी, जलवायु परिवर्तन और भूख से जूझ रही है, ऐसे में भारत इन मानव निर्मित चुनौतियों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” ‘एपेक्स एडवाइजर्स सिंगापुर' के अध्यक्ष गिरिजा पांडे ने कहा कि वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की इस शानदार वैज्ञानिक उपलब्धि से बहुत खुश हैं। पांडे ने कहा, “यह सभी भारतीयों को गौरवान्वित करेगा। इससे विशाल बाह्य अंतरिक्ष उद्योग में भारत के लिए दरवाजे खुलेंगे।” अंतरिक्ष यान इंजीनियर और बर्मिंघम विश्वविद्यालय में व्याख्याता डॉ. लीह-नैनी अलकोनसेल ने कहा कि चंद्रयान -3 की लैंडिंग इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के वर्षों के गहन प्रयासों से हासिल हुई बड़ी उपलब्धि है। अल्कोनसेल ने कहा, “इस जटिल, सामूहिक प्रयास को सफल होते देखना बहुत रोमांचक है। चंद्रयान-3 के मिशन के समर्पित विशेषज्ञों और बर्मिंघम विश्वविद्यालय में अंतरिक्ष विज्ञान एवं इंजीनियरिंग समुदाय की उपकरण टीमों को बहुत-बहुत बधाई।” ब्रिटिश भारतीय थिंक टैंक ‘1928 इंस्टीट्यूट' ने एक बयान में कहा कि यह “अग्रणी और साहसी” यात्रा ब्रह्मांड की गहन जानकारी की खोज में एक बड़ी छलांग है। थिंकटैंक ने कहा, “इस मिशन के निष्कर्ष चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में हमारी समझ को तेजी से बढ़ाएंगे और यह वास्तव में आश्चर्यजनक है कि भारत इसे हासिल करने वाला पहला देश है।” इसरो वैज्ञानिकों के इस कारनामे की प्रशंसा पाकिस्तान में भी हो रही है, जिसे अक्सर भारत का शत्रु कहा जाता है। चंद्रयान-3 मिशन ने पड़ोसी देश के आम लोगों को भी प्रभावित किया है। इस्लामाबाद के निवासी अयूब अख्तर ने कहा, “भारत आगे बढ़ रहा है, हम कहीं नहीं हैं।”अख्तर के विचारों से सहमति जताते हुए कराची की शमीना बेगम ने कहा कि भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में पाकिस्तान से आगे निकल गया है, जबकि पाकिस्तान अत्यधिक महंगाई और आंतरिक संघर्षों के बीच भोजन व शिक्षा जैसी बुनियादी चीजों के लिए संघर्ष कर रहा है। सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसआईसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. टी चंद्रू ने कहा कि चंद्रयान- 3 का सफल प्रक्षेपण भारत की वैज्ञानिक उन्नति की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास ज्ञान की सीमाओं से आगे बढ़ने, नवाचार को बढ़ावा देने और पीढ़ियों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करने की भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अमेरिका के टेक्सास में रहने वाले उद्यमी अरुण अग्रवाल ने कहा कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग एक ऐसी उपलब्धि है जिस पर न केवल भारतीयों को बल्कि पूरी दुनिया को गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत प्रगति करता रहेगा तो इससे दुनिया को प्रगति करने में मदद मिलेगी।”
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लंदन. ब्रिटेन की अदालत ने उत्तरी इंग्लैंड के अस्पताल में सात नवजात बच्चों की हत्या और छह अन्य की हत्या के प्रयास की दोषी नर्स लूसी लेटबाई को सोमवार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति जेम्स गोस ने अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाते हुए दोषी नर्स की वक्त से पहले रिहाई के सभी प्रावधानों पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि 33-वर्षीया नर्स द्वारा किया गया अपराध निर्विवाद रूप से गंभीर प्रकृति का है, इसलिए वह बाकी जिंदगी सलाखों के पीछे बिताएगी। लेटबाई को पिछले सप्ताह सात नवजात बच्चों की हत्या और छह अन्य नवजात बच्चों की हत्या के प्रयास के सात मामलों में दोषी करार दिया गया था। न्यायमूर्ति गोस ने सजा सुनाते हुए टिप्पणी की कि नर्स ने ‘भरोसे का कत्ल' किया है। उन्होंने मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट में सख्त सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी ने ‘‘सोच-विचार कर और धूर्तता' के साथ इस अपराध को अंजाम दिया। न्यायमूर्ति गोस ने कहा, ‘‘आपने बच्चों के पोषण और देखभाल के सामान्य मानवीय गुणों के विपरीत कार्य किया और सभी नागरिकों के उस भरोसे को तोड़ा जो चिकित्सा एवं देखरेख पेशेवरों के प्रति है।'' उन्होंने कहा, ‘‘जिन बच्चों को आपने नुकसान पहुंचाया उनका जन्म समय-पूर्व हुआ था और उनमें से कुछ के जीवित नहीं रहने की आशंका थी, लेकिन प्रत्येक मामले में आपने जानबूझकर उन्हें मारने की मंशा से उनको नुकसान पहुंचाया।'' इसी अदालत की जूरी ने 10 महीने की सुनवाई के बाद शुक्रवार को नर्स को दोषी करार दिया था। अदालत के फैसले के बाद भारतीय मूल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि जयराम ने बताया कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल को इस घटना के प्रति आगाह किया था, जहां पर दोषी नर्स ने 2015 से 2016 के बीच नवजात शिशु इकाई में अपराध को अंजाम दिया था। फैसले के बाद डॉ. जयराम ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मारे गये चार या पांच बच्चे आज स्कूल जा रहे होते, जो अब (इस दुनिया में) नहीं हैं।'' जिन माता-पिता के बच्चे लेटबाई के अपराध के शिकार हुए थे, उन्हें सजा सुनाने के दौरान मौजूद रहने से मना कर दिया गया था, जिसकी वजह से वे नाराज दिखे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने नर्स की ‘इस कायराना' हरकत की निंदा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कानून में बदलाव करने पर विचार कर रही है, जिससे अपराधी दोषी पाये जाने पर पीड़ितों का अनिवार्य रूप से सामना करे। सुनवाई के दौरान सामने आया कि लेटबाई ने जानबूझकर बच्चों को खाली इंजेक्शन दिया, दूसरों का दूध जबरन पिलाया और दो बच्चों को इंसुलिन देकर मारा।