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आर्लिंगटन .अमेरिका में पिछले सप्ताह हुई भीषण विमान दुर्घटना में मारे गए सभी 67 पीड़ितों के अवशेष बरामद कर लिए गए हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास हवा में एक विमान और हेलीकॉप्टर के बीच टक्कर हो गई थी। पोटोमैक नदी के निकट हुई इस दुर्घटना में दुर्घटनागस्त विमान का मलबा नदी में गिर गया था। अधिकारियों के हवाले से एक समाचार विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्य चिकित्सा परीक्षक अब भी कुछ अवशेषों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। मंगलवार को पोटोमैक नदी से मलबा हटाने का काम जारी रहा, जहां पिछले सप्ताह बुधवार की रात विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसा उस वक्त हुआ जब अमेरिकन एयरलाइंस का विमान निकटवर्ती रोनाल्ड रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर उतरने वाला था।
- स्टॉकहोम,। स्वीडन के पश्चिमी स्टॉकहोम में एक शिक्षा केंद्र पर हुई भारी गोलीबारी में हमलावर सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गयी। अधिकारियों ने मरने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि की आशंका जताई है। बुधवार तड़के हुई इस घटना में शामिल हमलावर के मकसद और घायलों की संख्या का पता नहीं चल पाया है। स्वीडन में विद्यालयों व शिक्षा केंद्रों पर इस तरह के हमले की घटनाएं न के बराबर होती है, जिस कारण इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने पहले कहा था कि इस घटना में मारे गये लोगों की संख्या का पता लगाना मुश्किल है।‘कैम्पस रिसबर्गस्का' नाम का यह स्कूल 20 वर्ष या उससे अधिक आयु के वयस्कों के लिए प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा कक्षाएं, अप्रवासियों के लिए स्वीडिश भाषा की कक्षाएं, बौद्धिक अक्षमताओं वाले बच्चों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और कार्यक्रम प्रदान करता है। यह स्कूल स्टॉकहोम से लगभग 200 किलोमीटर पश्चिम में ओरेब्रो के बाहरी इलाके में स्थित है।न्याय मंत्री गुन्नार स्ट्रोमर ने गोलीबारी को ‘एक ऐसी घटना करार दिया, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर दिया है।' गोलीबारी मंगलवार दोपहर उस समय शुरू हुई जब कई छात्र राष्ट्रीय परीक्षा देने के बाद घर चले गए थे। गोलीबारी के बाद आस-पास की इमारतों में शरण लिए हुए विद्यार्थियों और स्कूल के अन्य हिस्सों को खाली करा दिया गया। अधिकारी मृतकों की पहचान करने में जुटे हैं और पुलिस ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।स्थानीय पुलिस के प्रमुख रॉबर्टो ईद फॉरेस्ट ने संवाददाताओं को बताया कि मृतकों में संदिग्ध हमलावर भी शामिल है। प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने मंगलवार देर रात स्टॉकहोम में संवाददाताओं से कहा, “आज हमने पूरी तरह से निर्दोष लोगों के खिलाफ क्रूर, घातक हिंसा देखी है। यह स्वीडिश इतिहास में गोलीबारी की सबसे वीभत्स घटना है। कई सवाल अनुत्तरित हैं और मैं उन सवालों के जवाब भी नहीं दे सकता।” उन्होंने कहा, “लेकिन वह समय आएगा जब हम जानेंगे कि क्या हुआ था, कैसे हुआ था और इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है। हमें अटकलें नहीं लगानी चाहिए।''
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गोमा (कांगो) .पूर्वी कांगो के सबसे बड़े शहर गोमा और उसके आस-पास के इलाकों में रवांडा समर्थित विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई में एक सप्ताह में 773 लोग मारे गए हैं। कांगो के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। विद्रोहियों ने गोमा पर कब्जा कर लिया था और वह अन्य क्षेत्रों पर भी कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे जिसे सेना ने काफी हद तक नाकाम कर दिया और कुछ गांवों पर नियंत्रण हासिल कर लिया। कांगो सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने राजधानी किंशासा में संवाददाताओं को बताया कि 773 लोगों के मारे जाने और 2,880 लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। विद्रोहियों की ओर से पानी, बिजली आपूर्ति सहित बुनियादी सेवाओं को बहाल करने का वादा किए जाने के बाद शनिवार को सैकड़ों गोमा निवासी शहर लौट रहे थे। उन्होंने हथियारों के मलबे से अटे पड़े इलाकों को साफ किया। स्थानीय निवासी जीन मार्कस ने कहा, ‘‘मैं थक गया हूं और नहीं जानता कि कहां जाऊं। हर ओर सिर्फ मातम है।'' जीन के एक रिश्तेदार की संघर्ष में मौत हो गई है। कांगो के खनिज-समृद्ध पूर्वी क्षेत्र पर कब्जा करने की होड़ में लगे 100 से अधिक हथियारबंद समूहों में ‘एम23' सबसे ताकतवर है। इस क्षेत्र में खनिज का विशाल भंडार हैं। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के अनुसार, इस समूह को पड़ोसी देश रवांडा के सैनिकों का समर्थन प्राप्त है।
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नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के बाहर 5 घंटे 26 मिनट की स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में चहलकदमी) पूरी की। इस उपलब्धि के साथ उनके कुल स्पेसवॉक का समय 62 घंटे 6 मिनट हो गया जिससे उन्होंने नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन का 60 घंटे 21 मिनट का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर पिछले जून 2024 से आईएसएस पर फंसे हुए हैं। वे बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से आठ दिनों के मिशन पर गए थे लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह यान वापसी के लिए सुरक्षित नहीं रहा। इस वजह से दोनों को अब तक अंतरिक्ष में ही रुकना पड़ा है।नासा अब एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ मिलकर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने की योजना बना रहा है।हालांकि, स्पेसएक्स के नये अंतरिक्ष यान को तैयार होने में देरी हो रही है जिससे उनकी वापसी फिर से टल गई है। इससे पहले, अगस्त 2024 में नासा ने घोषणा की थी कि स्पेसएक्स फरवरी 2025 में उन्हें धरती पर वापस लाएगा लेकिन अब यह समय भी आगे बढ़ सकता है।इन कठिनाइयों के बावजूद, विलियम्स और विल्मोर अपने वैज्ञानिक कार्य जारी रखे हुए हैं। इस बार की स्पेसवॉक के दौरान उन्होंने आईएसएस के बाहरी हिस्से से खराब रेडियो संचार उपकरण हटाए और यह जांचने के लिए नमूने एकत्र किए कि वहां सूक्ष्मजीव (माइक्रोब्स) मौजूद हैं या नहीं। -
वाशिंगटन । डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को डी-डॉलराइजेशन के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट करते हुए ब्रिक्स देशों को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स ने वैश्विक व्यापार में मुख्य मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर को हटाने की कोशिश की तो उनके निर्यात पर 100 फीसदी शुल्क लगा दिया जाएगा।
वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर की भूमिका को स्वीकार करना होगा
एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार कहा कि ब्रिक्स देशों को वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर की भूमिका को स्वीकार करना होगा या फिर आर्थिक नतीजे भुगतने पड़ेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक यह पहली बार नहीं है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने इस तरह की चेतावनी दी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के कुछ सप्ताह बाद 30 नवंबर को उन्होंने यही धमकी दी थी।ब्रिक्स देशों का डॉलर से दूर जाने की कोशिश स्वीकार नहींराष्ट्रपति ट्रंप ने एक पोस्ट में लिखा, “यह विचार कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हम खड़े होकर देख रहे हैं, खत्म हो चुका है।” एनडीटीवी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की एक पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, “हमें इन शत्रुतापूर्ण देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह पर किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, उन्हें अद्भुत अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अपना सामान बेचने से मना करना पड़ेगा।”ट्रंप ने शुक्रवार को अपने पोस्ट में लिखा, “वे किसी दूसरे बेवकूफ देश को खोज सकते हैं। इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय व्यापार में या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे टैरिफ को नमस्ते और अमेरिका को अलविदा कहना चाहिए।”ब्रिक्स अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के तरीकों पर कर रहे हैं विचारकई सालों से ब्रिक्स समूह के देश अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि भले ही समूह के पास अभी तक एक आम मुद्रा नहीं है, लेकिन इसके सदस्य देश जिनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, हाल ही में अपनी स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों की सुनवाई-पूर्व हिरासत की अनुमति देने वाले अपने पहले कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह कानून चोरी, सेंधमारी जैसे अपराधों में आरोपित अवैध अप्रवासियों को सुनवाई से पहले हिरासत में रखने का अधिकार देता है। 'लेकेन राइली एक्ट' को पहले अमेरिकी संसद के दोनों सदन 'हाउस और सीनेट' में द्विदलीय समर्थन मिला था। ट्रंप ने 20 जनवरी को कार्यभार संभालने के बाद पहले विधेयक के तौर पर इस पर हस्ताक्षर किए हैं। ट्रंप ने कहा, "इस कानून के तहत, गृह सुरक्षा विभाग को उन सभी अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेने का अधिकार होगा जो चोरी, सेंधमारी, डकैती, पुलिस अधिकारी पर हमला, हत्या या गंभीर चोट से जुड़े अपराधों के लिए गिरफ्तार किए गए हैं।" यह कानून जॉर्जिया की 22 वर्षीय नर्सिंग छात्रा लेकेन राइली के नाम पर रखा गया है। छात्रा की वेनेजुएला के एक अवैध अप्रवासी ने हत्या कर दी थी। ट्रंप ने इसे 'ऐतिहासिक कानून' करार दिया। डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद डिक डर्बिन ने इस कानून की आलोचना करते हुए कहा कि यह संघीय सरकार की शक्तियों को कमजोर करता है और संविधान द्वारा निर्धारित आप्रवासन नीतियों के खिलाफ है। सीनेट में यह विधेयक 35 के मुकाबले 64 वोट से पारित हुआ, जबकि हाउस में इसे 156 के मुकाबले 263 मतों से मंजूरी मिली।
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वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अवैध प्रवासियों के मामले पर भारत के साथ बातचीत जारी है तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मामले में वही करेंगे, ‘‘जो सही होगा।'' राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को फ्लोरिडा से ‘ज्वाइंट बेस एंड्रयूज' लौटते समय ‘एयर फोर्स वन' में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह कहा। ट्रंप ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस' आने की संभावना है। ‘व्हाइट हाउस' ने दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत का ब्यौरा देते हुए कहा कि ट्रंप की मोदी के साथ फोन पर ‘‘सार्थक'' बातचीत हुई जिसमें द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध तथा भारत-अमेरिका सहयोग को और अधिक गहरा करने की दिशा में काम करने पर जोर दिया गया। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को फ्लोरिडा में रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों से कहा कि अमेरिका उन देशों पर शुल्क लगाएगा जो अमेरिका को ‘‘नुकसान'' पहुंचाते हैं। उन्होंने चीन, भारत और ब्राजील को उच्च शुल्क वाले देशों की श्रेणी में रखा। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन अन्य देशों और बाहरी लोगों पर शुल्क लगाने जा रहे हैं जो हमें वास्तव में नुकसान पहुंचाना चाहते हैं... देखिए अन्य देश क्या करते हैं। चीन अत्यधिक शुल्क लगाता है और भारत एवं ब्राजील और कई अन्य देश भी ऐसा करते हैं। इसलिए हम अब और ऐसा नहीं होने देंगे क्योंकि हम अमेरिका को प्राथमिकता देंगे।'' इस बीच, ‘व्हाइट हाउस' ने मोदी एवं ट्रंप की बातचीत का ब्यौरा देते हुए बताया कि दोनों नेताओं ने मोदी की अमेरिका यात्रा की योजना पर भी चर्चा की। ट्रंप से ‘एयरफोर्स वन' में पत्रकारों ने पूछा कि ‘‘क्या वह (मोदी) अवैध प्रवासियों को लेने के लिए सहमत हुए हैं'' जिसके जवाब में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वह (मोदी) वही करेंगे जो सही है। हम बातचीत कर रहे हैं।'' ट्रंप ने ‘एयरफोर्स वन' में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने आज सुबह (सोमवार को) उनसे लंबी बातचीत की। वह संभवतः अगले महीने फरवरी में ‘व्हाइट हाउस' आएंगे। भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं।'' ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सोमवार को फोन पर हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘(मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान) सभी विषयों पर चर्चा हुई।'' फोन पर बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा की योजना बनाई गई। यह राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी। राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के पहले कार्यकाल में उनकी आखिरी विदेश यात्रा भारत की थी।
ट्रंप और मोदी के बीच अच्छे मित्रवत संबंध हैं। दोनों ने सितंबर 2019 में ह्यूस्टन और फरवरी 2020 में अहमदाबाद में दो अलग-अलग रैलियों में हजारों लोगों को संबोधित किया था। नवंबर 2024 में ट्रंप की शानदार चुनावी जीत के बाद मोदी उनसे बात करने वाले विश्व के तीन शीर्ष नेताओं में शामिल थे। ‘व्हाइट हाउस' ने फोन पर हुई बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि ट्रंप ने भारत से अमेरिका में निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद में वृद्धि करने और उचित द्विपक्षीय व्यापार संबंध की दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया। उसने कहा, ‘‘आज राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक सार्थक बातचीत की। दोनों नेताओं ने सहयोग बढ़ाने और उसे गहरा करने पर चर्चा की। उन्होंने हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया और यूरोप में सुरक्षा समेत कई क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की।'' ‘व्हाइट हाउस' ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने अमेरिका में निर्मित सुरक्षा उपकरणों की भारत द्वारा खरीद बढ़ाने और उचित द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की दिशा में आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया।'' इसमें कहा गया, ‘‘नेताओं ने दोनों देशों के बीच मित्रता और रणनीतिक संबंधों की मजबूती को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के ‘व्हाइट हाउस' आने की योजनाओं पर चर्चा की।'' मोदी और ट्रंप ने ‘‘अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और हिंद-प्रशांत ‘क्वाड' (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) साझेदारी को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। भारत इस साल के अंत में पहली बार क्वाड नेताओं की मेजबानी करेगा।'' अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड के सदस्य देश हैं। वे क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य और आर्थिक दबदबे के बीच रक्षा और ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं। कई अन्य देशों की तरह भारत में भी आव्रजन और शुल्कों के प्रति ट्रंप प्रशासन के दृष्टिकोण को लेकर कुछ चिंताएं हैं। ट्रंप ब्रिक्स समूह पर ‘‘100 प्रतिशत शुल्क'' लगाने की बात पहले ही कर चुके हैं। इस समूह में भारत भी शामिल है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान व्यापार और आव्रजन से संबंधित मामलों पर अमेरिका के साथ भारत की बातचीत का उल्लेख किया और आशा व्यक्त की कि दोनों पक्ष किसी भी मुद्दे का समाधान करने में सक्षम होंगे। जायसवाल ने कहा कि मजबूत और बहुआयामी भारत-अमेरिका संबंधों में व्यापार का विशेष स्थान है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में 23 जनवरी को भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा था कि भारत अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वैध वापसी के लिए हमेशा तैयार रहा है। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को ट्रांसजेंडर सैनिकों पर पेंटागन की नीति को संशोधित करने का निर्देश दिया है। ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश से भविष्य में अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडर सैनिकों की भर्ती पर प्रतिबंध लग सकता है। अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने ट्रांसजेंडर सैनिकों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन यह मामला कई वर्षों तक अदालतों में उलझा रहा। इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा पदभार ग्रहण करने के कुछ समय बाद ही इसे पलट दिया गया था।
- ढाका। बांग्लादेश में मंगलवार को रेल सेवाएं ठप्प हो गईं जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए। रेलवे कर्मचारी अतिरिक्त काम के बदले लाभ की मांग करते हुए देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। ओवरटाइम वेतन और पेंशन लाभ को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद के कारण रेल कर्मचारी काम से दूर रहे।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों की यूनियन के मुताबिक उन्होंने अधिकारियों को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सोमवार तक का समय दिया था।हड़ताल के कारण करीब 400 यात्री ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। इनमें 100 से अधिक अंतर-शहर सेवाएं और बांग्लादेश रेलवे की ओर से संचालित तीन दर्जन से अधिक मालगाड़ियां शामिल हैं। देश में ट्रेनों रोज करीब 250,000 यात्री सफर करते हैं। बांग्लादेश के रेल मंत्रालय ने कहा कि रेल यात्रियों को मंगलवार से कुछ महत्वपूर्ण ट्रेन रूट पर चलने वाली बस सेवाओं पर अपने पहले से बुक किए गए टिकटों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी।रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “बांग्लादेश रेलवे और मंत्रालय इस मुद्दे पर बहुत गंभीर हैं। कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की पूरी कोशिश की जा रही है। हम वित्त मंत्रालय के साथ नियमित संपर्क में हैं।” रेल मंत्रालय ने कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की अपील की।बांग्लादेश में रेलवे कर्मचारी, जिनमें ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड और टिकट चेकर शामिल हैं, मैनपावर की कमी के कारण नियमित रूप से निर्धारित घंटों से अधिक काम करते हैं। बदले में, उन्हें पारंपरिक रूप से अतिरिक्त घंटों के आधार पर पेंशन लाभ के साथ अतिरिक्त वेतन मिलता रहा है।लेकिन नवंबर, 2021 में एक विवादास्पद सरकारी निर्णय ने ओवरटाइम काम के आधार पर पेंशन लाभ को हटा दिया, जिससे कर्मचारियों में असंतोष पैदा हो गया। कर्मचारियों का कहना है कि इस फैसले से रिटायरमेंट के बाद उनकी वित्तीय सुरक्षा को खतरा है। रेल मंत्रालय ने इन पेंशन लाभों को जारी रखने के लिए अप्रैल, 2022 में हस्तक्षेप किया, लेकिन कर्मचारी चिंतित हैं कि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली वर्तमान अंतरिम सरकार के तहत नीति को फिर से लागू किया जा सकता है।कुछ नए भर्तियों को भी अतिरिक्त वेतन और पेंशन लाभ दोनों से बाहर रखा गया है। उनके नियुक्ति पत्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उन्हें भत्ते नहीं मिलेंगे।
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मिन्स्क। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने लगातार सातवीं बार राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है। वे 1994 से बेलारूस का नेतृत्व कर रहे हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग के शुरुआती परिणामों के मुताबिक लुकाशेंको को 86.82% वोट हासिल हुए। उनके मुकाबले अन्य उम्मीदवारों में सर्गेई सिरानकोव को 3.21%, ओलेग गेदुकेविच को 2.02%, अन्ना कनोपात्स्काया को 1.86% और अलेक्जेंडर खिज्न्या को 1.74% वोट मिले।
इससे पहले एक एग्जिट पोल में भी लुकाशेंको को 87.6% वोट मिलने का अनुमान लगाया गया था। यह चुनाव रविवार को हुआ जिसमें सुबह 8:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक मतदान हुआ। देशभर में कुल 5,325 मतदान केंद्रों पर लगभग 69 लाख मतदाताओं ने अपने वोट डाले।वहीं इस चुनाव के लिए शुरुआती मतदान 21 से 25 जनवरी के बीच आयोजित किया गया। केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक शुरुआती मतदान में 41.81% योग्य मतदाताओं ने हिस्सा लिया। यह व्यवस्था उन लोगों के लिए की गई थी जो मुख्य चुनाव के दिन मतदान नहीं कर सकते थे।गौरतलब है कि बेलारूस में राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष वोटिंग से होता है। संविधान के मुताबिक 50% से अधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित कर दिया जाता है। अगर किसी को बहुमत नहीं मिलता तो दो प्रमुख उम्मीदवारों के बीच दूसरा दौर होता है। बेलारूस में राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल का होता है। हालांकि, 2022 में हुए संविधान संशोधन के बाद दो-कार्यकाल की सीमा भी लागू की गई है जो इस चुनाव के बाद प्रभावी होगी। पिछले चुनाव 9 अगस्त 2020 को हुए थे जिसमें लुकाशेंको ने 80.1% वोट हासिल करके छठी बार जीत दर्ज की थी। -
नई दिल्ली। ‘अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति’ (आईसीआरसी) ने कहा है कि संघर्ष विराम समझौते की शुरुआती शर्तों के तहत हमास और इजरायल के बीच कैदी-बंधक आदान-प्रदान का दूसरा चरण पूरा हो गया है। समिति ने बताया, “200 फिलिस्तीनी कैदियों और चार इजरायली बंधकों की रिहाई सहित दूसरे चरण को आईसीआरसी के कोआर्डिनेशन और रिव्यू के बाद पूरा किया गया। आईसीआरसी ने एक मध्यस्थ की भूमिका में कैदियों को आदान-प्रदान को सुचारू और सुरक्षित रूप से लागू करवाया।”
समिति ने बताया, “इजरायली बंधकों की भलाई को प्राथमिकता देते हुए उनको सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया गया। वहीं, दूसरी तरफ फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायली हिरासत सेंटर से रिहा किया गया। उनके साथ आईसीआरसी के इंटरव्यू के बाद गाजा और वेस्ट बैंक ले जाया गया। इस दौरान उनकी पहचान और स्वास्थ्य संबंधी जांच की गई।”सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक आईसीआरसी ने पक्षों के बीच लगातार संवाद बनाए रखने का आग्रह किया, ताकि भविष्य के अभियानों के सुरक्षित रूप से पूरा के लिए आवश्यक स्थितियों को बनाया जा सके। इससे पहले शनिवार को, इजरायल रक्षा बलों और इजरायल सुरक्षा एजेंसी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि गाजा में बंधक बनाई गई चार महिला इजरायली सैनिक को उनके पास स्थानांतरित कर दिया गया और वे सीमा पार करके इजरायल में प्रवेश कर गईं।इस बीच, फिलिस्तीनी कैदी क्लब के प्रमुख अब्दुल्ला जगारी और रामल्लाह प्रांत में फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि 200 फिलिस्तीनी कैदियों को आईसीआरसी को सौंप दिया गया है। बता दें कि छह सप्ताह के संघर्ष विराम का पहला चरण 19 जनवरी को प्रभावी हुआ था। मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता से हुई बातचीत के परिणामस्वरूप, 15 महीने की भीषण लड़ाई के बाद हमास और इजरायल के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ है। -
वाशिंगटन. अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी देते हुए इस कदम के खिलाफ उसकी पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में वांछित है और भारत उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए राणा के पास यह अंतिम कानूनी मौका था
इससे पहले, वह सैन फ्रांसिस्को में नॉर्थ सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय समेत कई संघीय अदालतों में कानूनी लड़ाई हार चुका है। राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद 21 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने उसकी अपील खारिज कर दी। उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘याचिका को खारिज किया जाता है।'' राणा को वर्तमान में लॉस एंजिलिस के ‘मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर' में हिरासत में रखा गया है। इससे पहले अमेरिकी सरकार ने अदालत में दलील दी थी कि पुरीक्षण याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी. प्रीलोगर ने 16 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपने दस्तावेज में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राणा इस मामले में भारत प्रत्यर्पण से छूट का हकदार नहीं है।
नौवें सर्किट के लिए ‘यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स' के फैसले की समीक्षा के वास्ते अपनी पुनरीक्षण याचिका में राणा ने दलील दी थी कि मुंबई पर 2008 के आतंकवादी हमले से संबंधित आरोपों पर इलिनॉय (शिकागो) के नॉर्दर्न डिस्ट्रिक में संघीय अदालत में उस पर मुकदमा चलाया गया और उसे बरी कर दिया गया था। याचिका में दलील दी कि, ‘‘भारत अब शिकागो मामले में समान कृत्य के आधार पर आरोपों को लेकर मुकदमा चलाने के लिए उसे प्रत्यर्पित करना चाहता है।'' प्रीलोगर ने उसकी दलील का विरोध किया।
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल ने कहा था, ‘‘सरकार यह नहीं मानती कि जिस कृत्य के लिए भारत प्रत्यर्पण चाहता है, वह इस मामले में सरकारी अभियोजन के दायरे में थे। उदाहरण के लिए, भारत के जालसाजी के आरोप आंशिक रूप से ऐसे आचरण पर आधारित हैं जिन पर अमेरिका में सुनवाई नहीं की गई: याचिकाकर्ता ने भारतीय रिजर्व बैंक को प्रस्तुत आव्रजन कानून केंद्र के शाखा कार्यालय को औपचारिक रूप से खोलने के लिए आवेदन में गलत जानकारी का उपयोग किया।'' प्रीलोगर ने कहा था, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि इस मामले (साजिश रचने में संलिप्तता) में न्यायाधीश के फैसले का मतलब यह है कि उसे भारत द्वारा लगाए गए सभी विशिष्ट कृत्य के आरोपों के लिए ‘‘दोषी ठहराया गया है या बरी किया गया है।'' माना जाता है कि राणा, पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी था जो 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोगों की जान चली गई थी। -
दावोस. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल के साथ अमेरिका का स्वर्णिम युग शुरू हो गया है और जल्द ही पूरी दुनिया अधिक शांतिपूर्ण और समृद्ध होगी। उन्होंने कहा कि वह सऊदी अरब और ओपेक (तेल निर्यातक देशों के संगठन) से तेल की कीमतें कम करने के लिए कहेंगे। ‘अगर कीमतें कम होती हैं तो रूस-यूक्रेन युद्ध तुरंत समाप्त हो जाएगा।' वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनके प्रशासन ने चार दिनों में वह हासिल कर लिया जो अन्य सरकारें चार साल में भी हासिल नहीं कर सकीं। राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल के लिए उन्होंने 20 जनवरी को शपथ ग्रहण की। इसी दिन पांच दिवसीय डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक शुरू हुई थी। ट्रंप ने कहा, “अमेरिका का स्वर्णिम युग शुरू हो गया है, हमारा देश जल्द ही पहले से अधिक मजबूत, एकजुट और समृद्ध होगा।” उन्होंने कहा कि इससे पूरी दुनिया अधिक शांतिपूर्ण और समृद्ध होगी। उन्होंने उन उपायों के बारे में बात की जिनकी उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी है तथा अपने दूसरे कार्यकाल में आगे जो कदम उठाएंगे।
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मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने से ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्यों से वीडियो कॉल पर बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हमने ट्रंप और उनकी टीम के सदस्यों से रूस के साथ सीधे संपर्क बहाल करने की उनकी इच्छा के बारे में बयान सुना है, जिसे निवर्तमान प्रशासन द्वारा हमारी कोई गलती न होने के बावजूद रोक दिया गया था।'' पुतिन ने टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा, ‘‘हमने तीसरे विश्व युद्ध को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता के बारे में उनके बयान भी सुने हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से इस तरह के दृष्टिकोण का स्वागत करते हैं और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को पदभार ग्रहण करने पर बधाई देते हैं।'' पुतिन ने कहा कि उनका देश यूक्रेन के साथ संभावित शांति समझौते पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इससे अल्पकालिक युद्धविराम नहीं बल्कि स्थायी शांति आएगी और इसमें रूस के हितों को भी ध्यान में रखा जाएगा।
- रियाद (सऊदी अरब). शीर्ष रेसर संजय टकाले ने क्लासिक कारों की श्रेणी में प्रतिष्ठित डकार रैली को पूरा करने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रच दिया। ‘कॉम्पैनी सहरिएन' टीम के फ्रांस के सह-चालक मैक्सिम राउड के साथ टकाले ने लगभग 7,453 किमी की कठिन प्रतियोगिता में असाधारण निरंतरता और कौशल का प्रदर्शन करते हुए 14 चरण के रेस के क्लासिक कारों की श्रेणी में 10 वां जबकि ओवरऑल 18वां स्थान हासिल किया। उन्होंने टोयोटा लैंड क्रूजर एचजेडजे78 से रेस के आखिरी चरण को पांचवें स्थान पर रहते हुए खत्म किया। डकार रैली का यह 47वां जबकि सऊदी अरब में छठा सत्र है।
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वाशिंगटन. अमेरिका में नेशनल गार्ड के अधिकारियों ने बल के आदर्श वाक्य ‘‘हमेशा तैयार, हमेशा मौजूद'' के साथ जवानों के लिए कंधे पर लगाई जाने वाली एक विशेष पट्टी के इस्तेमाल को अधिकृत किया है। डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ ग्रहण के दिन ये जवान कंधे पर विशेष पट्टियां लगाए हुए नजर आएंगे। इससे सोमवार को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में आने वाले लोगों को सुरक्षा अधिकारियों के बारे में पता रहेगा। वाशिंगटन डीसी गार्ड के एडजुटेंट जनरल ब्रिगेडियर जनरल लेलैंड ब्लैंचर्ड द्वितीय ने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह पहचानना आसान हो कि नेशनल गार्ड से कौन कौन हिस्सा ले रहा है।'' चार साल पहले नस्लीय विरोध प्रदर्शनों और छह जनवरी की हिंसा के दौरान नेशनल गार्ड के कर्मी और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अधिकारी वाशिंगटन में तैनात थे तो छद्मवेश और मिलते जुलते हेलमेट के कारण पुलिसकर्मियों और सैनिकों के बीच फर्क करना लगभग असंभव हो गया था। चालीस से अधिक राज्यों और अमेरिकी क्षेत्रों से लगभग 7,800 गार्ड सैनिक ड्यूटी पर होंगे, और वे पहले ही वाशिंगटन पहुंचना शुरू हो चुके हैं। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि सोमवार को जब ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे, तो शीर्ष नेताओं के पद छोड़ने के बाद अमेरिकी रक्षा विभाग ‘पेंटागन' और सैन्य सेवाओं का कार्यभार कौन संभालेगा। अधिकारियों ने बताया कि सेना, नौसेना और वायु सेना के सैन्य प्रमुख संबंधित सेवाओं के कार्यवाहक के रूप में पदभार संभालेंगे। जैसा कि प्रथा है, सभी वर्तमान राजनीतिक नियुक्तियों वाले मंत्री-अधिकारी 20 जनवरी को दोपहर 12 बजे से ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। इससे रक्षा विभाग में सैकड़ों पद रिक्त हो जाएंगे, जिनमें दर्जनों ऐसे पद शामिल हैं जिनके लिए सीनेट की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
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यरुशलम. इजराइल के मंत्रिमंडल ने शनिवार को गाजा में संघर्ष विराम के लिए एक समझौते को मंजूरी दे दी, जिससे वहां बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को रिहा किया जा सकेगा और हमास के साथ 15 महीने से जारी लड़ाई रुक जाएगी। इस समझौते से दोनों पक्ष अपने सबसे घातक और विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के एक कदम और करीब पहुंच जाएंगे। मध्यस्थता कर रहे कतर और अमेरिका ने बुधवार को संघर्ष विराम की घोषणा की लेकिन यह समझौता कुछ वक्त के लिए अधर में लटका रहा क्योंकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि अंतिम समय में कुछ जटिलताएं उत्पन्न हो गईं। उन्होंने इसके लिए आतंकवादी समूह हमास को जिम्मेदार ठहराया। संघर्ष विराम रविवार से लागू हो जाएगा, हालांकि प्रमुख प्रश्न अब भी बने हुए हैं मसलन पहले चरण में कौन से 33 बंधक रिहा किए जाएंगे और उनमें से कितने अभी जीवित हैं। मंत्रिमंडल की बैठक यहूदी ‘सब्बाथ' की शुरुआत के बाद हुई, जो इस मौके की अहमियत को दर्शाता है। यहूदी कानून के अनुसार, इजराइली सरकार आमतौर पर जीवन या मृत्यु के आपातकालीन मामलों को छोड़कर सब्बाथ में सभी काम रोक देती है। सब्बाथ का अर्थ होता है सप्ताह का सातवां दिन जो शुक्रवार शाम से शनिवार शाम तक यहूदियों और कुछ ईसाइयों द्वारा विश्राम और पूजा के दिन के रूप में मनाया जाता है। नेतन्याहू ने एक विशेष कार्य बल को गाजा से लौटने वाले बंधकों को लेने के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया और कहा कि उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है कि समझौता हो गया है। संघर्ष विराम के दौरान सैकड़ों फलस्तीनी बंदियों को भी रिहा किया जाना है, तथा बड़े पैमाने पर तबाह हुए गाजा में मानवीय सहायता में वृद्धि होनी चाहिए। इजराइल के न्याय मंत्रालय ने रिहा किए जाने वाले 95 फलस्तीनी कैदियों की सूची प्रकाशित की और कहा कि रिहाई रविवार को स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे से पहले शुरू नहीं होगी। सूची में शामिल सभी लोग युवा या महिला हैं।
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नई दिल्ली। इजराइल की कैबिनेट ने हमास के साथ गाजा पट्टी में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने आज शनिवार को बताया कि यह समझौता रविवार से लागू होगा। शनिवार तड़के छह घंटे की लंबी बैठक के बाद सरकार ने इस 15 महीने पुराने संघर्ष को समाप्त करने का रास्ता साफ करने वाले समझौते को मंजूरी दी। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, “सरकार ने बंधकों की वापसी के लिए समझौते को मंजूरी दी है, जो रविवार से प्रभावी होगा।” हालांकि, गाजा में संघर्ष विराम समझौते के बावजूद इजराइली वायुसेना ने हमला जारी रखा है।
इस समझौते के तहत, संघर्ष विराम तीन चरणों में लागू होगा। पहले चरण में, छह हफ्तों तक इजराइल में कैद सभी फिलिस्तीनी महिलाओं और 19 साल से कम उम्र के बच्चों को रिहा किया जाएगा। बदले में, हमास 98 इजराइली बंधकों में से 33 को, जिनमें महिलाएं, बच्चे और 50 साल से अधिक उम्र के पुरुष शामिल हैं रिहा करेगा। शनिवार को इजराइली न्याय मंत्रालय ने उन 95 फिलिस्तीनी कैदियों के नाम जारी किए जिन्हें रविवार को रिहा किया जाएगा। समझौते के तहत हर सात दिन में कुछ और बंधकों को रिहा किया जाएगा। इजराइली कैबिनेट के कुछ मंत्रियों ने इस समझौते का विरोध किया। 24 मंत्रियों ने समझौते के पक्ष में वोट दिया, जबकि आठ ने इसका विरोध किया।गाजा में युद्ध के कारण अब तक 46,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 23 लाख की आबादी विस्थापित हुई है। लोग भुखमरी, ठंड और बीमारियों से जूझ रहे हैं। समझौते के तहत, गाजा में राहत सामग्री की आपूर्ति बढ़ाई जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां खाद्य पदार्थ, ईंधन और दवाइयां पहुंचाने के लिए तैयार हैं।संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी (UNRWA) ने शुक्रवार को बताया कि उनके पास 4,000 ट्रक राहत सामग्री तैयार हैं जिनमें से आधी खाद्य सामग्री है। गाजा के लोगों को उम्मीद है कि यह संघर्ष विराम उनके जीवन को आसान बनाएगा। विस्थापित फिलिस्तीनी रीहम शेख अल-ईद ने कहा, “हम चाहते हैं कि यह समझौता लागू हो ताकि हम अपने घरों में खाना बना सकें और किचन में लंबी लाइनों में खड़े होने से बच सकें।” -
लॉस एंजिल्स । अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स इलाके में लगी भीषण आग में एक सप्ताह से अधिक समय में अब तक कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और 12,300 से अधिक घर जलकर खाक हो गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक लॉस एंजिल्स में दो बड़ी जंगल की आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन दल ने गुरुवार को भी काम जारी रखा क्योंकि क्षेत्र में हवाएं धीमी पड़ गईं हैं।
पालिसैड्स फायर लॉस एंजिल्स क्षेत्र में सबसे बड़ी सक्रिय जंगल की आग में से एक है, जिसने अब तक 23,713 एकड़ (95.96 वर्ग किमी) को चपेट में लिया है। कैलिफोर्निया के वानिकी एवं अग्नि सुरक्षा विभाग (कैल फायर) ने गुरुवार को एक अपडेट में बताया, “मौसम की स्थिति सामान्य हो गई है, तथा आग के वर्तमान परिधि के भीतर ही रहने की उम्मीद है।” कैल फायर ने बताया कि कर्मचारी फायर लाइन की स्थापना और सुधार, आग के संभावित स्थानों की तलाश और उन्हें बुझाने तथा जोखिम वाले क्षेत्रों में क्षति को सीमित करने के लिए नियंत्रण रेखाएं बनाने का काम जारी रखे हुए हैं।एक अन्य बड़ी और सक्रिय आग ईटन फायर ने अल्ताडेना और पासाडेना के पास 14,117 एकड़ (57.1 वर्ग किमी) को जला दिया है। कैल फायर के अनुसार, रात और सुबह की आसान मौसमी परिस्थितियों ने आग की गतिविधि को कम कर दिया, जिससे अग्निशामकों को अच्छी प्रगति करने में मदद मिली।यूएस नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक सोमवार को हवाओं के लौटने के कारण दक्षिणी कैलिफोर्निया के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से गंभीर आग लगने की मौसमी स्थितियां बनी हुई हैं। एजेंसी ने कहा, “हम उम्मीद कर हैं कि इस सप्ताह आग संबंधी चिंताओं से राहत मिलेगी।” एजेंसी ने कहा, “अगला सप्ताह चिंता का विषय है। हालांकि हमें विश्वास है कि पिछले सप्ताह जैसी घटनाएं नहीं होंगी, लेकिन आग लगने की स्थिति में खतरनाक मौसम की स्थिति बनी रहने की आशंका है।” -
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को शुक्रवार को 190 मिलियन पाउंड के अल-कादिर ट्रस्ट मामले में दोषी ठहराया गया। पीटीआई संस्थापक को 14 साल की जेल और उनकी पत्नी को सात साल, जेल की सजा सुनाई गई। द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जज नासिर जावेद राणा ने अदियाला जेल में एक अस्थायी अदालत में फैसला सुनाया। इससे पहले फैसला तीन बार टाला जा चुका था।
अदालत ने इमरान और बुशरा पर क्रमशः 1 मिलियन और 500,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न भरने पर छह महीने जेल की सजा होगी अदियाला जेल के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच फैसला सुनाया गया, जिसके बाद बुशरा को अदालत कक्ष से गिरफ्तार कर लिया गया।आम चुनावों के तुरंत बाद 27 फरवरी, 2024 को दंपति पर इस मामले में आरोप तय किए गए थे।सुनवाई से पहले अदियाला जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए पीटीआई के चेयरमैन बैरिस्टर गौहर अली खान ने कहा, “आप पिछले दो सालों में हुए अन्याय का अंदाजा लगा सकते हैं। अगर निष्पक्ष फैसला होता है, तो इमरान और बुशरा बरी हो जाएंगे।”इस मामले में आरोप लगाया गया कि इमरान और बुशरा बीबी ने बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल की जमीन हासिल की, ताकि पिछली पीटीआई सरकार के दौरान यूनाइटेड किंगडम की तरफ से पहचाने गए और देश को लौटाए गए 50 अरब रुपये को वैध बनाया जा सके। इमरान खान को 2023 से कई आरोपों में जेल में बंद हैं। उनका दावा है कि सभी मामले ‘राजनीति से प्रेरित’ थे। - सियोल। दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। राष्ट्रपति निवास की सुरक्षा संभालने वाली सैन्य इकाई कैपिटल डिफेंस कमांड ने मंगलवार को पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (सीआईओ) को निवास में प्रवेश की अनुमति दे दी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून को हिरासत में लिया जा सके।कैपिटल डिफेंस कमांड ने सीआईओ और पुलिस के अनुरोध पर यह फैसला लिया। अब जांचकर्ता राष्ट्रपति निवास में प्रवेश कर सकते हैं जिससे राष्ट्रपति यून की गिरफ्तारी संभव हो सकेगी। उम्मीद है कि सीआईओ बुधवार को उन्हें हिरासत में ले सकती है।हालांकि, राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा (पीएसएस) ने पहले ही इस प्रयास का विरोध करते हुए चेतावनी दी थी कि राष्ट्रपति निवास में जबरन प्रवेश करना अवैध होगा। पीएसएस ने कहा कि वे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करेंगे और इस तरह के किसी भी कदम का जवाब देंगे। इससे पहले 3 जनवरी को भी सीआईओ ने राष्ट्रपति यून को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी लेकिन पीएसएस ने उन्हें रोक दिया था। अब, कैपिटल डिफेंस कमांड के नए फैसले के बाद राष्ट्रपति निवास में प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है।पीएसएस ने कहा कि राष्ट्रपति निवास जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में प्रवेश के लिए पहले से मंजूरी जरूरी होती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे पुलिस और सीआईओ के साथ समन्वय करेंगे ताकि स्थिति को नियंत्रित रखा जा सके और किसी भी टकराव से बचा जा सके। इस पूरे मामले को लेकर दक्षिण कोरिया में राजनीतिक और कानूनी हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रपति यून सुक योल की गिरफ्तारी पर आगे क्या होगा, यह देखने के लिए सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं। बता दें कि 3 दिसंबर, 2024 को यून ने अल्पकालिक मार्शल लॉ की घोषणा की थी। इसके बाद और 14 दिसंबर को उन पर लगे महाभियोग के बाद से दक्षिण कोरिया राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है।
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नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिमी जापान में 6.9 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जापान के मौसम विज्ञान एजेंसी ने भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी भी जारी की है। मौसम विज्ञान एजेंसी ने आज सोमवार को बताया कि रविवार देर रात दक्षिण-पश्चिमी जापान में 6.9 तीव्रता एक शक्तिशाली भूकंप आया जिसका केंद्र मियाजाकी प्रान्त रहा। भूकंप के झटकों के बाद एजेंसी ने क्यूशू के दक्षिण-पश्चिमी द्वीप और पास के कोची प्रान्त के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग के मुताबिक सुनामी की लहरें एक मीटर तक पहुंच सकती हैं। इसलिए पहले से ही तैयारियां शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है। फिलहाल भूकंप के कारण किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है। प्रशांत बेसिन में ज्वालामुखियों के आर्क, रिंग ऑफ फायर और फॉल्ट लाइन के किनारे स्थित होने के कारण जापान अक्सर भूकंप की चपेट में रहता है। पिछली बार 2011 में जापान में भूकंप के बाद सुनामी ने कोहराम मचाया था। तब सुनामी में तोहोकू तटरेखा के साथ-साथ कई नगर पालिकाओं और कई प्रान्तों में रहने वाले समुदायों को तबाह कर दिया था। इसमें 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। -
सिंगापुर. सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग ने कहा है कि भारत आगे बढ़ रहा है और सिंगापुर को दक्षिण एशिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले इस देश के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के कई अवसर दिखाई दे रहे हैं। ली ने शनिवार को भारतीय व्यापारिक समुदाय को संबोधित करते हुए यह बात कही। बीस वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री रहे ली ने कहा,‘‘ भारत आगे बढ़ रहा है। सिंगापुर की भारत में छवि अच्छी है और भारत की विभिन्न सरकारों के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध रहे हैं।'' ‘स्ट्रेट्स टाइम्स' ने अपनी एक खबर में ली के हवाले से कहा कि सिंगापुर और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार, कौशल प्रशिक्षण और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के कई अवसर हैं और साथ ही स्वास्थ्य, डिजिटल समेत कई क्षेत्रों में भी सहयोग के अवसर तलाशे जा सकते हैं। उन्होंने भारतीय व्यापार समुदाय से इन अवसरों का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया।
ली ने लगभग दो दशक पुराने सिंगापुर-भारत मुक्त व्यापार समझौते ‘व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते' (सीईसीए) के महत्व का भी उल्लेख किया, जिसने दोनों देशों के बीच व्यापक व्यापार, निवेश और यात्रा संबंधों को बढ़ावा देने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंगापुर अपनी जनसंख्या और प्रतिभा को बढ़ाने के लिए प्रवासियों और विदेशी कर्मियों पर बहुत अधिक निर्भर है। दरअसल स्थानीय लोगों ने प्रवासी और विदेशी कामगारों के साथ-साथ निवेशकों और पेशेवरों की बढ़ती संख्या का मुद्दा उठाया है - जिनमें भारत से आए लोग भी शामिल हैं। हालांकि इन ‘नए आने वालों' को समृद्धि लाने तथा आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सिंगापुर भारतीय विकास संघ और 14 अन्य भारतीय सामुदायिक संगठनों द्वारा आयोजित रात्रिभोज में अपने भाषण में ली ने कहा, ‘‘ लेकिन हमें स्वदेशीवाद और विदेशियों के प्रति द्वेष के खिलाफ भी दृढ़ता से खड़ा होना चाहिए, तथा हमारे विस्तारित परिवार का हिस्सा बनने के लिए नव आगंतुकों का स्वागत करना चाहिए।'' सिंगापुर की आबादी साठ लाख है जिसमें नौ प्रतिशत आबादी भारतीय मूल के लोगों की है। -
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लंदन के प्रसिद्ध बीएपीएस श्रीस्वामीनारायण मंदिर का दौरा किया। इसे नेस्डन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ओम बिरला की 11 जनवरी की यह यात्रा उनके आधिकारिक यूके दौरे का हिस्सा थी, जो हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर लिंडसे हॉयल के निमंत्रण पर आयोजित हुई थी।
मंदिर के संतों ने किया ओम बिरला का स्वागतमंदिर में बिरला का पारंपरिक हिंदू तरीके से स्वागत किया गया। यह स्वागत बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक गुरु महंत स्वामी महाराज की ओर से मंदिर के संतों ने किया। दौरे के दौरान, ओम बिरला ने मूर्तियों का अभिषेक किया। उन्हें बीएपीएस के भारत में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों और यूके व यूरोप में हो रहे प्रेरणादायक विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें पेरिस, फ्रांस में बन रहा नया बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर भी शामिल है।मंदिर मानवता की सेवा की प्रेरणा देता हैफरवरी 2022 में, बिरला के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का एक दल अबू धाबी में बन रहे बीएपीएस मंदिर के निर्माण स्थल पर गया था। उसी साल, ओम बिरला ने नई दिल्ली स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम में महंत स्वामी महाराज से भेंट की थी। इस अवसर पर ओम बिरला ने कहा, “ये मंदिर केवल आध्यात्मिक, धर्म और संस्कृति की ही प्रेरणा नहीं देता, बल्कि मानवता की सेवा की प्रेरणा भी देता है। बीएपीएस संगठन ने दुनिया के अंदर भारतीय धर्म और संस्कृति को पहुंचाने के काम किया।” बीएपीएस यूके के ट्रस्टी संजय कारा ने कहा, “हम ओम बिरला के आभारी हैं कि उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच मंदिर का दौरा किया। यह हमारे लिए गर्व का क्षण था और भारत व यूके के बीच संबंधों को और मजबूत करने का अवसर भी था।”नेस्डन मंदिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है प्रसिद्धबीएपीएस स्वामीनारायण संस्था एक अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संगठन है, जो संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त है। इसका उद्देश्य दुनिया में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान करना है। इस संस्था से 80,000 से अधिक स्वयंसेवक और 5,025 केंद्र जुड़े हैं, जो लाखों लोगों की सेवा करते हैं। महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में, बीएपीएस एक ऐसा समाज बनाने का प्रयास करता है जो शांति, सद्भाव और नैतिकता पर आधारित हो। यह संस्था वेदों की शिक्षाओं और भगवान स्वामीनारायण (1781-1830) की विचारधारा पर आधारित है। साथ ही, यह स्वामी महाराज (1921-2016) की प्रेरणा से प्रेरित है, जिन्होंने सिखाया: “दूसरों की खुशी में ही हमारी खुशी है।” यूके में, बीएपीएस को सबसे बड़े और सक्रिय हिंदू समुदायों में से एक माना जाता है। नेस्डन मंदिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है और बीएपीएस की पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। - प्राग। चेक गणराज्य के उत्तरी हिस्से में एक रेस्तरां में आग लगने से छह लोगों की मौत हो गयी जबकि छह अन्य गंभीर रूप से झुलस गये। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अग्निशमन कर्मियों ने बताया कि प्राग के उत्तर में लगभग 100 किलोमीटर (63 मील) की दूरी पर स्थित मोस्ट शहर में शनिवार को ‘यू कोजोटा' रेस्तरां आधी रात से पूर्व आग लगने के समय खुला था। पुलिस और अग्निशमन कर्मियों ने बताया कि संभवतः आग का कारण गैस हीटर का पलट जाना था।आगू पर एक बजे तक काबू पाया जा सका और उसमें 60 से अधिक दमकलकर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी। झुलसे लोगों को मोस्ट और आस-पास के शहरों के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मामले की जांच की जा रही है। रविवार सुबह मौके का दौरा करने के बाद गृहमंत्री विट राकुसान ने कहा कि रेस्तरां और समीप के एक अपार्टमेंट से करीब 30 लोगों को बाहर निकाला गया। मोस्ट के महापौर मारेक हर्वोल ने कहा कि यह शहर के हाल के इतिहास की सबसे बुरी त्रासदी है।