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- वाशिंगटन. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से वापस आने में एक महीने से अधिक की पहले ही देरी हो चुकी है और उनके बोइंग ‘कैप्सूल' में आई दिक्कतों को इंजीनियर के दूर करने तक वे आईएसएस पर ही रहेंगे। यह जानकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दी। टेस्ट पायलट बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष प्रयोगशाला में लगभग एक सप्ताह रहना था और जून के मध्य में वापस लौटना था, लेकिन बोइंग के नये स्टारलाइनर कैप्सूल में ‘थ्रस्टर' में गड़बड़ी आने और हीलियम के रिसाव के कारण नासा और बोइंग को उन्हें अधिक समय तक वहां रोकना पड़ा। नासा के वाणिज्यिक चालक दल कार्यक्रम प्रबंधक स्टीव स्टिच ने कहा कि मिशन प्रबंधक वापसी की तारीख की घोषणा करने के लिए तैयार नहीं हैं। इंजीनियरों ने पिछले सप्ताह न्यू मैक्सिको के रेगिस्तान में एक स्पेयर थ्रस्टर पर परीक्षण पूरा किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि ‘डॉकिंग' के दौरान क्या गलत हुआ और पृथ्वी पर वापसी की यात्रा की तैयारी की जा सके। रवानगी के एक दिन बाद छह जून को ‘कैप्सूल' के अंतरिक्ष स्टेशन के पास पहुंचने पर पांच थ्रस्टर में गड़बड़ी आ गई। तब से चार को फिर से चालू किया जा चुका है। स्पेस शटल के सेवा से हटने के बाद, नासा ने अंतरिक्ष यात्रियों की अंतरिक्ष स्टेशन पर आवाजाही के लिए निजी कंपनियों को काम पर रखा है, जिसके लिए बोइंग और स्पेसएक्स को अरबों डॉलर का भुगतान किया गया है। यह बोइंग की पहली परीक्षण उड़ान थी जिसमें चालक दल सवार था। स्पेसएक्स 2020 से मानव को अंतरिक्ष में ले जा रहा है।
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बीजिंग. चांग ई-5 मिशन द्वारा चंद्रमा से लाए गए मिट्टी के नमूनों का अध्ययन कर रहे चीनी वैज्ञानिकों को चंद्रमा की मिट्टी में पानी के अणु मिले हैं। यह जानकारी चाइनीज एकेडमी आफ साइंसेज (सीएएस) ने दी। हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' की खबर के अनुसार, यह अनुसंधान बीजिंग नेशनल लेबोरेटरी फॉर कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स और सीएएस के भौतिकी संस्थान तथा अन्य घरेलू अनुसंधान संस्थानों के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। अनुसंधान रिपोर्ट 16 जुलाई को पत्रिका ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी' में प्रकाशित हुई।
सीएएस ने मंगलवार को कहा कि 2020 में ‘चांग ई-5' मिशन द्वारा लाए गए चंद्रमा की मिट्टी के नमूनों के आधार पर चीनी वैज्ञानिकों ने आणविक जल से “युक्त” एक जलयोजित खनिज पाया है। वर्ष 2009 में, भारत के चंद्रयान-1 अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा के सूर्य के प्रकाश वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन अणुओं के रूप में जलयोजित खनिजों के संकेतों का पता लगाया था। इसके उपकरणों में नासा का मून मिनरलॉजी मैपर (एम3) भी शामिल था जो एक इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर है, जिसने चंद्रमा पर खनिजों में पानी की खोज की पुष्टि करने में मदद की। - काठमांडू। काठमांडू में त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उड़ान भरने के दौरान 19 लोगों को लेकर पोखरा जा रहा एक निजी एयरलाइन का विमान बुधवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 18 यात्रियों की मौत हो गयी।अधिकारियों ने बताया कि सौर्य एयरलाइंस के विमान का पायलट हादसे में घायल हो गया और उसे अस्पताल ले जाया गया है। यह दुर्घटना तब हुई जब विमान रनवे पर फिसला और उसमें आग लग गयी। घटनास्थल के फुटेज में विमान आग लगने से पहले तेजी से रनवे पर दौड़ता दिखायी दे रहा है। आग लगने के बाद उसके मलबे से काला धुआं उठता दिखायी दे रहा है।सूत्रों ने बताया कि पोखरा जाने वाले सौर्य एयरलाइंस के इस विमान में चालक दल के सदस्य समेत कम से कम 19 लोग सवार थे। यह हादसा पूर्वाह्न करीब 11 बजे हुआ।काठमांडू पोस्ट’ अखबार ने बताया कि दुर्घटनास्थल से 18 शव बरामद किए गए हैं। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) के प्रवक्ता सुभाष झा ने कहा, ‘‘यह हादसा पोखरा जा रहे विमान के उड़ान भरने के दौरान रनवे पर गड़बड़ी के कारण हुआ।’’हिमालयन टाइम्स’ अखबार ने बताया कि विमान में केवल एयरलाइन के तकनीकी कर्मी सवार थे। टीआईए के सूचना अधिकारी ज्ञानेंद्र भुल ने बताया, ‘‘विमान में कोई यात्री सवार नहीं था बल्कि कुछ तकनीकी कर्मी थे।’’हवाई अड्डे पर तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने ‘ बताया कि विमान के पायलट को अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि विमान में लगी आग बुझा दी गयी है। पुलिस और दमकलकर्मी दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान संचालित कर रहे हैं। विमान में सवार लोगों की स्थिति के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है। मायरिपब्लिका’ समाचार पोर्टल ने बताया कि प्राधिकारियों ने विमान दुर्घटना के बाद टीआईए बंद कर दिया है। हवाई अड्डा बंद होने के कारण कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों पर असर पड़ा है।
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वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को घोषणा की है कि वह राष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे। बाइडन ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ से हटने का एलान करते हुए कहा कि ‘‘यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है।'' बाइडन (81) का यह निर्णय अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले मतदान से चार महीने पहले आया है।
जून के अंत में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहस में खराब प्रदर्शन के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पिछले कई हफ्तों से बाइडन पर मुकाबले से हटने का दबाव बना रहे थे जिसके बाद उन्होंने यह फैसला किया है। बाइडन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक पत्र में कहा कि राष्ट्रपति के रूप में सेवा करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा इरादा फिर से चुनाव लड़ने का रहा है, लेकिन मेरा मानना है कि यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है कि मैं दौड़ से बाहर होकर अपने शेष कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति के रूप में कर्तव्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करूं। -
वाशिंगटन. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रतिनिधि सभा की पूर्व ‘स्पीकर' नैंसी पेलोसी ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से पीछे हटने के राष्ट्रपति जो बाइडन के फैसले की रविवार को प्रशंसा की। हालांकि, दोनों नेताओं ने पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार के रूप में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का तत्काल समर्थन करने से परहेज किया। बाइडन ने रविवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का अनुमोदन किया। बाइडन ने भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस (59) के नाम की सिफारिश ऐसे वक्त की, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति एवं इस साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ पहली बहस में खराब प्रदर्शन और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण उन (बाइडन) पर चुनावी दौड़ से पीछे हटने का दबाव बढ़ रहा था। बाइडन की सिफारिश के बाद कमला का डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनना लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन उनके लिए शिकागो में अगले महीने प्रस्तावित ‘डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन' के दौरान डेलीगेट (पार्टी मतदाताओं के प्रतिनिधि) का समर्थन हासिल करना जरूरी है। बाइडन के पास 3,896 ‘डेलीगेट' हैं, जबकि उम्मीदवार बनने के लिए 1,976 ‘डेलीगेट' की आवश्यकता होती है। पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी हैरिस को समर्थन दिया है, जिससे उनके लिए 19 अगस्त से शिकागो में शुरू होने वाले ‘डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन' के दौरान उम्मीदवार चुना जाना और आसान हो गया है, लेकिन हैरिस के गुरु माने जाने वाले ओबामा ने उनका तुरंत समर्थन नहीं किया। पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने एक बयान में कहा, ‘‘आने वाले दिनों में हम अज्ञात रास्तों से गुजरेंगे, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी पार्टी के नेता एक ऐसी प्रक्रिया बनाने में सक्षम होंगे, जिससे एक उत्कृष्ट उम्मीदवार उभरकर सामने आएगा।'' ओबामा ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि बाइडन का सभी को अवसर प्रदान करने वाले उदार, समृद्ध और एकजुट अमेरिका का दृष्टिकोण अगस्त में ‘डेमोक्रेटिक कन्वेंशन' में पूरी तरह प्रदर्शित होगा। मुझे उम्मीद है कि हममें से हर कोई नवंबर और उसके बाद भी आशा और प्रगति के इस संदेश को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।'' पेलोसी ने भी हैरिस का तुरंत समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति जो बाइडन एक देशभक्त अमेरिकी हैं, जिन्होंने हमेशा हमारे देश को प्राथमिकता दी है। दूरदर्शिता, मूल्यों और नेतृत्व की उनकी विरासत उन्हें अमेरिकी इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रपतियों में से एक बनाती है।''
- काठमांडू। नेपाल में श्रावण मास के पहले सोमवार को पशुपति नाथ मंदिर में लाखों शिव भक्तों ने पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में स्नान किया और उपवास रखा। मानसून के आगमन पर महिलाएं सुन्दर हरे वस्त्रों से सजी हुई थी। सैकड़ों शिव भक्तों ने नदियों से कलश में जल लिया और पशुपति नाथ मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। विक्रम संवत नेपाली पंचांग के अनुसार श्रावण संक्रांति आरम्भ हो गई है और इस महीने में नेपाल का हिन्दू समुदाय चातुर्मास के अनेक उत्सवों का आयोजन करता है। श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार न करने पड़े, इसके लिए सोमवार सुबह चार बजे मंगल आरती के साथ ही पशुपतिनाथ मंदिर के चारों द्वार खोल दिए गए ।पशुपति क्षेत्र विकास कोष के सचिव डॉ. मिलन थापा ने कहा है कि सावन मास में सोमवार को सुबह से लेकर मध्य रात्रि तक मंदिर के चारों कपाट खुले रहेंगे. सावन के महीने में पशुपतिनाथ मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या अन्य दिनों में 5-6 लाख तक रहती है पर सोमवार को दर्शनार्थियों की संख्या 9-10 लाख तक पहुंच जाती है. ।
- वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पेनसिल्वेनिया में एक रैली में उन पर किए गए जानलेवा हमले के बाद चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उन्हें एक प्यारा सा पत्र लिखा था। पेनसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर एक बंदूकधारी ने कई गोलियां चलाई थीं। इस हमले में एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूकर निकल गई थी, जबकि रैली में शामिल एक व्यक्ति मारा गया था और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हमले के एक सप्ताह बाद ट्रंप ने मिशिगन के ‘ग्रैंड रैपिड्स' में शनिवार को एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘मेरा राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बहुत अच्छा रिश्ता रहा और वह एक बढ़िया इंसान हैं।'' अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने बताया कि उन पर हुए हमले के बाद शी ने ‘‘मुझे अगले दिन एक प्यारा सा पत्र लिखा।'' ट्रंप (78) ने कहा कि उन्हें अन्य नेताओं से भी इसी प्रकार के पत्र मिले हैं।पूर्व राष्ट्रपति ने यह नहीं बताया कि और किन नेताओं ने हमले के बाद उनसे संपर्क किया।उन्होंने हमले के बाद अपनी पहली चुनावी रैली में कहा, ‘‘इनमें से बहुतों को वह पसंद नहीं था जो मैं उनके साथ कर रहा था, लेकिन वे यह भी जानते थे कि यह समय की मांग थी। अब खेल खत्म हो चुका था, है न? यह समय की मांग थी। लगभग सभी ने मुझे पत्र लिखे।... मेरे अब उन सभी के साथ अच्छे संबंध हैं। यह अच्छी बात है।'' ट्रंप, शी के साथ मधुर संबंध होने का लंबे समय से दावा करते रहे हैं।उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया संस्थान कई बार कहते थे कि उनके किम जोंग उन के साथ अच्छे संबंध हैं, उत्तर कोरिया के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं। मेरे उनके साथ अच्छे संबंध थे। यह अच्छी बात है। मेरे राष्ट्रपति होने के कारण आपको कभी कोई खतरा नहीं था। किसी के साथ अच्छे संबंध होना अच्छी बात है, बुरी बात नहीं।'' ट्रंप ने कहा कि वह व्यापार में चीन के प्रति सख्ती बरतेंगे।
- वाशिंगटन। अमेरिका में नवंबर में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप 13 जुलाई को पेनसिल्वेनिया में हत्या के प्रयास के दौरान उन्हें लगी गोली के जख्म से उम्मीद के मुताबिक उबर रहे हैं। ट्रंप के एक पूर्व चिकित्सक ने एक ज्ञापन में यह जानकारी दी। पेनसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप (78) पर एक बंदूकधारी ने कई गोलियां चलाई थीं। इस हमले में एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूकर निकल गई थी, जबकि रैली में शामिल एक व्यक्ति मारा गया था और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। खुफिया सेवा के एक सदस्य ने संदिग्ध हमलावर को घटनास्थल पर ही मार गिराया था।शनिवार को साथी अमेरिकियों को जारी एक ज्ञापन में डॉ. रॉनी एल जैक्सन ने कहा कि ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के बाद पूरी दुनिया की तरह वह भी उनकी सेहत को लेकर बहुत चिंतित था। डॉ. जैक्सन ने कहा, ‘‘लिहाजा मैं उस दिन देर शाम बेडमिंस्टर, न्यू जर्सी में उनसे व्यक्तिगत रूप से मिला और हर संभव मदद देने की पेशकश की। मैं उस समय से ही राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हूं और रोजाना उनके जख्म को देख रहा और उसका इलाज कर रहा है।'' उन्होंने कहा, "वह ठीक हो रहे हैं। जैसा कि पूरी दुनिया ने देखा कि हमलावर द्वारा राइफल से चलाई गई एक गोली ट्रंप के दाहिने कान में लगी थी।" डॉ. जैक्सन ने बताया कि गोली महज एक-चौथाई इंच की दूरी से ट्रंप के सिर में लगने से बच गई और उनके दाहिने कान को छूते हुए गुजरी, जिससे कान की ‘कार्टिलेजिनस' सतह तक दो सेंटीमीटर गहरा जख्म घाव हो गया। उन्होंने बताया कि गोली के जख्म से शुरुआत में ट्रंप का काफी खून बहा और फिर उनके कान के ऊपरी हिस्से में सूजन आ गई। डॉ. जैक्सन ने कहा कि पेनसिल्वेनिया के बटलर मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सा स्टाफ ने ट्रंप का प्रारंभिक इलाज किया, "जिन्होंने बेहतर तरीके से उनकी स्थिति आंकी और जख्म का बहुत अच्छे से इलाज किया।"
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काठमांडू. नेपाल के नये प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने रविवार को पहली बार नेपाली कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के गुप्त सात सूत्री समझौते के ब्योरे का खुलासा किया जिसके तहत वह दो साल तक सरकार का नेतृत्व करने के बाद सत्ता अपने गठबंधन सहयोगी दल के नेता शेर बहादुर देउबा को सौंप देंगे। संसद में विश्वास मत हासिल करने के लिए अपना प्रस्ताव पेश करते हुए ओली ने पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार को गिराने के लिए दो सप्ताह पहले उनके नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी- एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) और प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ हुए समझौते का खुलासा किया। ओली ने प्रतिनिधि सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सात सूत्री समझौते के अनुसार, अगले दो वर्ष के लिए मैं सरकार का नेतृत्व करूंगा और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा शेष (डेढ़ वर्ष की) अवधि के लिए सरकार का नेतृत्व करेंगे।'' अब तक 78 वर्षीय देउबा और 72 वर्षीय ओली के बीच हुआ सात सूत्री समझौता गुप्त रहा, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं के मन में भी संदेह पैदा हो गया था। इससे पहले नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने भी ओली से संसद में इस समझौते को सार्वजनिक करने की मांग की थी।
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कुआलालंपुर. मलेशिया के नये अरबपति सम्राट सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर की शनिवार को परंपरा के अनुरूप तोपों की सलामी समेत पूरे धूमधाम के साथ ताजपोशी की गई। उन्होंने पांच साल के कार्यकाल के दौरान निष्पक्ष रूप से शासन करने का संकल्प लिया। वह एक अद्वितीय ‘परिवर्तनशील राजशाही' प्रणाली के तहत काम करेंगे। सुल्तान इब्राहिम (65) ने 31 जनवरी को शपथ ली थी। यहां के ‘नेशनल पैलेस' में आयोजित एक भव्य समारोह में 20 जुलाई को सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर का औपचारिक रूप से मलेशिया के 17वें सम्राट के रूप में राज्याभिषेक किया गया। नौ जातीय मलय राज्य के शासक देश की ‘परिवर्तनशील राजशाही' के तहत पांच साल के लिए मलेशिया के सम्राट बनते हैं, जिसकी शुरुआत 1957 में मलेशिया को ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद हुई थी। मलेशिया में 13 राज्य हैं लेकिन केवल नौ में शाही परिवार हैं, कुछ राज्यों की जड़ें सदियों पुराने मलय साम्राज्य से जुड़ी हैं जो अंग्रेजों द्वारा एक साथ लाए जाने तक स्वतंत्र राज्य थे। काले और सुनहरे रंग की पारंपरिक औपचारिक पोशाक और टोपी पहने सुल्तान इब्राहिम और रानी रजा जरीथ सोफिया को सिंहासन पर आसीन होने से पहले सैन्य सलामी दी गई। अन्य शाही परिवारों के प्रमुख, ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलकिया और बहरीन के सुल्तान हमद ईसा अल खलीफा सिंहासन के बगल में एक मंच पर बैठे थे। ताजपोशी की रस्म की शुरुआत में सुल्तान को कुरान की एक प्रति भेंट की गई जिसको उन्होंने चूम लिया।
नये सम्राट को शक्ति का प्रतीक एक ‘सोने का खंजर' प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने अपनी सरकार की निष्ठा का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि शाही संस्था राष्ट्र की ताकत का एक स्तंभ है। इसके बाद उन्होंने सुल्तान इब्राहिम को मलेशिया का नया सम्राट घोषित किया।
सुल्तान इब्राहिम ने अपने राज्याभिषेक भाषण में कहा, ‘‘ईश्वर की इच्छा से, मैं अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और ईमानदारी से पालन करूंगा और निष्पक्ष शासन करूंगा।'' उन्होंने अनवर की सरकार से लोगों की आजीविका में सुधार और देश के विकास को बढ़ावा देने के प्रयास तेज करने का भी आग्रह किया। सुल्तान के शपथ लेने के बाद हॉल में मौजूद मेहमानों ने तीन बार ‘सम्राट अमर रहें' के नारे लगाए। सिंगापुर की सीमा से लगे दक्षिणी जोहोर राज्य के सुल्तान इब्राहिम देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं, जिनका व्यापार टेलीकॉम से लेकर रियल एस्टेट तक फैला हुआ है। नये सम्राट शानदार कारों और मोटरबाइक के अपने संग्रह के लिए जाने जाते हैं और उनके पास खुद की एक छोटी सी निजी सेना (आधुनिक मलेशिया में शामिल होने पर उनके राज्य को यह रियायत दी गई थी) है। सुल्तान मलेशियाई राजनीति के बारे में मुखर रहे हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार और नस्ली भेदभाव के बारे में भी बात की है। मलेशिया में सम्राट की केवल रस्मी भूमिका है, जबकि प्रशासनिक शक्तियां प्रधानमंत्री और संसद में निहित हैं। सम्राट सरकार और सशस्त्र बलों के नाममात्र के प्रमुख होते हैं और उन्हें इस्लाम और मलय परंपराओं का संरक्षक माना जाता है। सभी कानूनों, कैबिनेट नियुक्तियों और आम चुनाव के लिए संसद सत्र को भंग करने के लिए उनकी औपचारिक मंजूरी की आवश्यकता होती है। - 0 प्रधानमंत्री श्री लक्सन ने प्रधानमंत्री को उनके पुनः निर्वाचन पर हार्दिक बधाई दी0 दोनों नेताओं ने साझे लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच परस्पर संबंधों पर आधारित द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई
नई दिल्ली/वेलिंगटन। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री श्री क्रिस्टोफर लक्सन ने शनिवार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री श्री लक्सन ने भारत में आम चुनावों के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी को उनके पुनः निर्वाचन पर हार्दिक बधाई दी। यह देखते हुए कि भारत-न्यूजीलैंड के संबंध साझे लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों पर आधारित हैं, दोनों नेताओं ने आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।दोनों पक्षों के बीच हाल ही में हुए उच्च-स्तरीय संपर्कों से सृजित उत्साह को रेखांकित करते हुए, उन्होंने व्यापार और आर्थिक सहयोग, पशुपालन, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा, अंतरिक्ष सहित अन्य क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों के हितों पर ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री श्री लक्सन को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री श्री लक्सन ने उनकी सुरक्षा और कल्याण के लिए निरंतर प्रयास करने का आश्वासन दिया।õ दोनों नेताओं ने एक दूसरे के संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई। - बीजिंग। चीन के शांक्शी प्रांत में अचानक आई बाढ़ के कारण राजमार्ग पर बना पुल आंशिक रूप से ढह गया और कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ' की खबर में प्रांतीय प्रचार विभाग के हवाले से बताया गया है कि शेंगलू शहर की झाशुई काउंटी में स्थित पुल शुक्रवार शाम अचानक बारिश और बाढ़ आने के बाद ढह गया। खबर में कहा गया है कि शनिवार सुबह तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।खबर के अनुसार, बचाव दलों ने नदी में गिरे पांच वाहन बरामद कर लिए हैं और बचाव कार्य जारी है। खबर में कहा गया है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पुल गिरने के बाद लोगों की जान और संपत्ति को बचाने के लिए हर संभव बचाव व राहत प्रयास करने का निर्देश दिया है।
- नाथन (ऑस्ट्रेलिया)। इस सप्ताह के अंत में एक सॉफ्टवेयर अपडेट के गलत होने के कारण वैश्विक आईटी आउटेज ने आधुनिक आईटी बुनियादी ढांचे की परस्पर जुड़ी और अक्सर नाजुक प्रकृति को उजागर कर दिया। यह दर्शाता है कि विफलता के एक बिंदु के दूरगामी परिणाम कैसे हो सकते हैं।यह आउटेज क्राउडस्ट्राइक फाल्कन के लिए स्वचालित रूप से शुरू किए गए एकल अपडेट से जुड़ा था, जो एक सर्वव्यापी साइबर सुरक्षा उपकरण है जिसका उपयोग मुख्य रूप से बड़े संगठनों द्वारा किया जाता है। इससे दुनिया भर के माइक्रोसॉफ्ट विंडोज कंप्यूटर क्रैश हो गए।कई संगठन समान क्लाउड प्रदाताओं और साइबर सुरक्षा समाधानों पर भरोसा करते हैं। परिणाम डिजिटल मोनोकल्चर का एक रूप है। जबकि इस मानकीकरण का मतलब है कि कंप्यूटर सिस्टम कुशलतापूर्वक चल सकते हैं और व्यापक रूप से संगत हैं, इसका मतलब यह भी है कि एक समस्या कई उद्योगों और भौगोलिक क्षेत्रों में फैल सकती है। जैसा कि हमने अब क्राउडस्ट्राइक के मामले में देखा है, यह पूरी दुनिया में भी फैल सकता है।आधुनिक आईटी बुनियादी ढांचा अत्यधिक परस्पर जुड़ा हुआ है। यदि एक घटक विफल हो जाता है, तो यह ऐसी स्थिति पैदा कर सकता है जहां विफल घटक एक श्रृंखला प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है जो सिस्टम के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है।जैसे-जैसे सॉफ़्टवेयर और उनके द्वारा संचालित नेटवर्क अधिक जटिल होते जाते हैं, अप्रत्याशित इंटरैक्शन और बग की संभावना बढ़ती जाती है। एक छोटे से अपडेट के अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं और यह पूरे नेटवर्क में तेजी से फैल सकता है।जैसा कि हमने अब देखा है, पर्यवेक्षकों द्वारा इसे रोकने के लिए प्रतिक्रिया करने से पहले संपूर्ण सिस्टम को ठप किया जा सकता है।माइक्रोसॉफ्ट कैसे शामिल था?जब हर जगह विंडोज़ कंप्यूटर ‘मौत की नीली स्क्रीन’ संदेश के साथ क्रैश होने लगे, तो शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया कि आईटी आउटेज माइक्रोसॉफ्ट के कारण हुआ था।वास्तव में, माइक्रोसॉफ्ट ने पुष्टि की कि उसने मध्य अमेरिका क्षेत्र में क्लाउड सेवाओं में रुकावट का अनुभव किया है, जो गुरुवार, 18 जुलाई 2024 को पूर्वी समयानुसार शाम 6 बजे के आसपास शुरू हुआ।इस आउटेज ने विभिन्न एज़्योर सेवाओं का उपयोग करने वाले ग्राहकों के एक उपसमूह को प्रभावित किया। एज़्योर माइक्रोसाफ्ट का स्वामित्व वाला क्लाउड सेवा प्लेटफ़ॉर्म है।एज़्योर आउटेज के दूरगामी परिणाम हुए, जिससे एयरलाइंस, खुदरा, बैंकिंग और मीडिया सहित कई क्षेत्रों में सेवाएं बाधित हुईं। न केवल अमेरिका में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी। इसने पॉवरबीआई, माइक्रोसाफ्ट फ़ैब्रिक और टीम्स सहित विभिन्न माइक्रोसाफ्ट 365 सेवाओं को भी प्रभावित किया।जैसा कि अब पता चला है, पूरे एज़्योर आउटेज का पता क्राउडस्ट्राइक अपडेट से भी लगाया जा सकता है। इस मामले में यह फाल्कन स्थापित के साथ विंडोज़ चलाने वाली माइक्रोसॉफ्ट की वर्चुअल मशीनों को प्रभावित कर रहा था।इस प्रकरण से हम क्या सीख सकते हैं?अपने सभी आईटी समाधान एक जगह पर न रखें। कंपनियों को मल्टी-क्लाउड रणनीति का उपयोग करना चाहिए: अपने आईटी बुनियादी ढांचे को कई क्लाउड सेवा प्रदाताओं में वितरित करें। इस तरह, यदि एक प्रदाता काम नहीं कर पाता है, तो अन्य महत्वपूर्ण कार्यों का समर्थन करना जारी रख सकते हैं।कंपनियां यह भी सुनिश्चित कर सकती हैं कि आईटी सिस्टम में अतिरेक का निर्माण करके उनका व्यवसाय संचालित होता रहे। यदि एक घटक नीचे जाता है, तो अन्य लोग आगे बढ़ सकते हैं। इसमें बैकअप सर्वर, वैकल्पिक डेटा केंद्र और ‘फ़ेलओवर’ तंत्र शामिल हैं जो आउटेज की स्थिति में तुरंत बैकअप सिस्टम पर स्विच कर सकते हैं।नियमित आईटी प्रक्रियाओं को स्वचालित करने से मानवीय त्रुटि का जोखिम कम हो सकता है, जो आउटेज का एक सामान्य कारण है। स्वचालित प्रणालियाँ संभावित समस्याओं की भी निगरानी कर सकती हैं और महत्वपूर्ण समस्याएं पैदा होने से पहले उनका समाधान कर सकती हैं।आउटेज होने पर कैसे प्रतिक्रिया देनी है, इसके बारे में प्रशिक्षण देने वाले कर्मचारी एक कठिन स्थिति को वापस सामान्य स्थिति में ला सकते हैं। इसमें यह जानना शामिल है कि किससे संपर्क करना है, क्या कदम उठाना है और वैकल्पिक वर्कफ़्लो का उपयोग कैसे करना है।आईटी आउटेज कितना बुरा हो सकता है?इंटरनेट के बुनियादी ढांचे की वितरित और विकेंद्रीकृत प्रकृति के कारण इसकी अत्यधिक संभावना नहीं है कि दुनिया का संपूर्ण इंटरनेट कभी भी बंद हो सकता है। इसमें कई अनावश्यक पथ और प्रणालियाँ हैं। यदि एक भाग विफल हो जाता है, तो ट्रैफ़िक को अन्य नेटवर्क के माध्यम से पुनः चलाया जा सकता है।हालाँकि, क्राउडस्ट्राइक आउटेज से भी बड़े और अधिक व्यापक व्यवधान की संभावना मौजूद है।संभावित कारणों की सूची किसी आपदा फिल्म की पटकथा की तरह लगती है। 1859 की कैरिंगटन घटना के समान तीव्र सौर ज्वालाएँ उपग्रहों, पावर ग्रिडों और समुद्र के नीचे केबलों को व्यापक नुकसान पहुंचा सकती हैं जो इंटरनेट की रीढ़ हैं। इस तरह की घटना से महाद्वीपों में कई महीनों तक इंटरनेट ठप हो सकता है।वैश्विक इंटरनेट समुद्र के नीचे फाइबर ऑप्टिक केबलों के नेटवर्क पर बहुत अधिक निर्भर करता है। कई प्रमुख केबलों को एक साथ क्षति – चाहे प्राकृतिक आपदाओं, भूकंपीय घटनाओं, दुर्घटनाओं, या जानबूझकर तोड़फोड़ के माध्यम से हो – अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट यातायात में बड़े व्यवधान का कारण बन सकती है।रूट डीएनएस सर्वर या प्रमुख इंटरनेट एक्सचेंज पॉइंट जैसे महत्वपूर्ण इंटरनेट बुनियादी ढांचे को लक्षित करने वाले परिष्कृत, समन्वित साइबर हमले भी बड़े पैमाने पर रुकावट का कारण बन सकते हैं।जबकि पूर्ण इंटरनेट सर्वनाश की अत्यधिक संभावना नहीं है, हमारी डिजिटल दुनिया की परस्पर जुड़ी प्रकृति का मतलब है कि किसी भी बड़े आउटेज का दूरगामी प्रभाव होगा, क्योंकि यह उन ऑनलाइन सेवाओं को बाधित करता है जिन पर हम निर्भर हैं। हमारे वैश्विक संचार बुनियादी ढांचे की झटकों को झेलने की क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर अनुकूलन और तैयारी बेहद महत्वपूर्ण है।
- टोक्यो/नई दिल्ली। रोबोटिक्स विज्ञान में तरक्की के साथ-साथ वैज्ञानिक नई उपलब्धियां हासिल करते जा रहे हैं। जापान के कुछ वैज्ञानिकों ने रोबोट के चेहरे पर चमड़े का जीवित टिश्यू लगाकर उसे 'मुस्कान' देने में सफलता हासिल कर ली है। टोक्यो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक चेहरे के आकार में मानव चमड़े की कोशिकाओं को उगाया और उसे खींचकर एक मुस्कराहट दे दी.। ऐसा करने के लिए उन्होंने चमड़े में घुसाए लिगमेंट जैसे अटैचमेंट का इस्तेमाल किया.।मुख्य शोधकर्ता शोजी ताकेउचि ने बताया कि नतीजा थोड़ा डरावना जरूर है, लेकिन ज्यादा जीवंत रोबोट बनाने की राह में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, "इन एक्टचुएटर्स और ऐंकर्स को लगाकर पहली बार जीवित चमड़े को मरोड़ना मुमकिन हो पाया। ."जीवित टिश्यू के कई फायदे हैंपिछले महीने सेल रिपोर्ट्स फिजिकल साइंस ने एक अध्ययन में इस मुस्कुराते हुए रोबोट के बारे में जानकारी दी। . इसके लिए ताकेउचि और उनकी टीम ने एक दशक तक शोध किया और यह समझने की कोशिश की कि जैविक और कृत्रिम मशीनों का मेल कैसे किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि धातुओं और प्लास्टिक के मुकाबले जीवित टिश्यू के अनगिनत फायदे हैं। इनमें दिमाग और मांसपेशियों की ऊर्जा कुशलता से लेकर अपनी मरम्मत करने की चमड़े की क्षमता शामिल है।अब इन शोधकर्ताओं का लक्ष्य है कि लैब में बने इस चमड़े को और भी विशेषताएं दें। जैसे एक सर्कुलेटरी सिस्टम और तंत्रिकाएं। इससे चमड़े के जरिए सोखे जाने वाले सौंदर्य प्रसाधनों के लिए ज्यादा सुरक्षित टेस्टिंग प्लेटफॉर्म बनाए जा सकते हैं.।कैसे जाएगा डरावनापनइससे रोबोटों के लिए ज्यादा सजीव और व्यावहारिक कवरिंग भी बनाए जा सकते हैं। इसके बाद भी लोगों को पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं लगने वाली मशीनों को लेकर अजीब या दहला देने वाली भावनाओं से छुटकारा दिलाने की चुनौती बाकी है। रोबोट के बारे में ताकेउचि ने माना, "इसमें अभी भी थोड़ा सा डरावनापन बाकी है। मुझे ऐसा लगता है कि रोबोटों को उन्हीं चीजों से बनाना जिससे इंसान बने हैं और उन्हें इंसानों जैसे हावभाव दिखाने की क्षमता देना इस डरावनेपन पर विजय पाने का एक तरीका हो सकता है। "
- ढाका। बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन हिंसक हो गया है। इन हिंसक प्रदर्शनों में अभी तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है। पड़ोसी देश में छात्र नौकरी में रिजर्वेशन खत्म करने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने नरसिंगडी जिले की एक जेल की इमारत में आग लगा दी और सैकड़ों कैदियों को मुक्त करा दिया.। स्थानीय पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को छात्र प्रदर्शनकारियों ने मध्य बांग्लादेश के नरसिंगडी जिले की एक जेल से 'सैकड़ों' कैदियों को छुड़ाया और फिर जेल की इमारत में आग लगा दी.।एएफपी ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा, "कैदी जेल से भाग गए और प्रदर्शनकारियों ने जेल में आग लगा दी.।" उन्होंने कहा, "मुझे कैदियों की संख्या नहीं पता, लेकिन यह संख्या सैकड़ों में होगी."। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जेलब्रेक की खबर की पुष्टि की, लेकिन आगे कोई विवरण नहीं दिया.।ढाका के पुलिस बल ने हिंसा के एक और दिन को रोकने के प्रयास में आज के लिए सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया।. पुलिस प्रमुख हबीबुर रहमान ने कहा, "हमने आज ढाका में सभी रैलियों, जुलूसों और सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है.। " उन्होंने कहा कि "सार्वजनिक सुरक्षा" सुनिश्चित करने के लिए यह कदम ज़रूरी था.।एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमारा विरोध जारी रहेगा.।" उन्होंने कहा कि वे 'शेख हसीना का तत्काल इस्तीफ़ा' चाहते हैं ये सरकार हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार है.। " अस्पतालों द्वारा दी गई पीड़ितों की संख्या के हवाले से कुछ रिपोर्टों के अनुसार, अब तक इन प्रदर्शनों में कम से कम 64 लोगों की मौत हो चुकी है.।
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मिलवाउकी. डोनाल्ड ट्रंप बृहस्पतिवार को ‘रिपब्लिकन राष्ट्रीय सम्मेलन' में मंच पर अपनी पार्टी का नामांकन पुनः स्वीकार करेंगे। पेनसिल्वेनिया में एक रैली में हुए जानलेवा हमले के प्रयास बाद बीच में ही अपना संबोधन छोड़ने को मजबूर हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति हमले के बाद अपना पहला भाषण भी देंगे। ट्रम्प के संबोधन के साथ मिलवाउकी में चार दिवसीय सम्मेलन का समापन होगा। वह पहले तीन दिनों में अपने कान पर सफेद पट्टी बांधकर आए थे, जिससे शनिवार की गोलीबारी में उन्हें लगा घाव ढका हुआ था। सम्मेलन आयोजकों ने इस बात पर जोर दिया कि वे गोलीबारी के 48 घंटे से भी कम समय बाद अपनी योजना के अनुसार कार्यक्रम जारी रखेंगे। पेन्सिलवेनिया में मंच पर जब गोली चलने के बाद सुरक्षाकर्मी चोटिल ट्रंप को लेकर जा रहे थे तो पूर्व राष्ट्रपति ने खड़े होकर अपनी मुट्ठी बांधते हुए कहा था “लड़ो”। सम्मेलन में वक्ताओं और प्रतिनिधियों ने ट्रंप के शब्दों के सम्मान में बार-बार “लड़ो, लड़ो, लड़ो!” के नारे लगाए। यहां तक कि उनके कुछ समर्थक सम्मेलन स्थल पर ट्रंप के प्रति समर्थन जताने के लिये अस्थायी पट्टियां लगाकर पहुंचे थे। वक्ताओं ने ट्रंप के बचने का श्रेय ईश्वरीय हस्तक्षेप को दिया तथा हादसे में जान गंवाने वाले कोरी कॉम्पेरेटोरे को श्रद्धांजलि दी, जो रैली में गोलीबारी से अपनी पत्नी और बेटी को बचाने के दौरान मारे गए थे। ट्रंप के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, ओहियो के सीनेटर जे.डी. वेंस ने बुधवार को सम्मेलन में अपने भाषण में कहा, “यह जश्न के दिन के बजाय, दुख और शोक का दिन हो सकता था।” गोलीबारी के बाद से ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा है, हालांकि उन्होंने बगैर कैमरे के साक्षात्कार दिए हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था, “मैं सौभाग्यशाली रहा। भगवान मेरे साथ थे।
- मस्कट ।ओमान की राजधानी मस्कट में एक शिया मस्जिद के समीप इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह की गोलीबारी में मारे गए छह लोगों में एक भारतीय नागरिक भी शामिल है।इमाम अली मस्जिद के समीप सोमवार रात को हुई गोलीबारी में एक पुलिस कर्मी और चार पाकिस्तानी नागरिकों की भी जान चली गई जबकि 28 अन्य लोग घायल हो गए।मस्कट में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मस्कट शहर में 15 जुलाई को गोलीबारी की घटना के बाद ओमान सल्तनत के विदेश मंत्रालय ने सूचित किया कि एक भारतीय नागरिक ने जान गंवाई है तथा एक अन्य घायल है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘दूतावास पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता है तथा उन्हें हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है।’’एक बयान के अनुसार, सोमवार की रात को अल-वादी अल-कबीर इलाके में हुई इस घटना के दौरान सुरक्षाबलों ने तीन हमलावरों को भी मार गिराया। पाकिस्तान ने कहा कि इमाम अली मस्जिद पर ‘आतंकवादी हमले’ में मारे गए लोगों में चार पाकिस्तानी भी हैं। भारत ने भी कहा है कि हमले में उसके एक नागरिक की मौत हो गई है।आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट ने इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों में शिया समारोहों, जुलूस और अनुयायियों पर लगातार हमले किए हैं। लेकिन उसने ओमान में कभी ऐसा हमला नहीं किया था जहां शिया एक अल्पसंख्यक समुदाय है।
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इस्लामाबाद. पूर्वी अफगानिस्तान में भारी बारिश के कारण कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई और लगभग 350 लोग घायल हो गए। एक अन्य घटना में, एक मुख्य राजमार्ग पर बस के पलट जाने से 17 लोगों की मौत हो गई। तालिबान अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान अमर ने पुष्टि की कि नंगरहार प्रांत में सोमवार को आये तूफान के कारण 40 लोगों की मौत हो गई और 347 लोग घायल हो गये है। प्रवक्ता के अनुसार घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रांतीय प्रवक्ता सेदिकुल्ला कुरैशी के अनुसार मृतकों में सुर्ख रोड जिले के एक ही परिवार के पांच सदस्य शामिल हैं, जिनकी मौत मकान की छत गिरने के कारण हुई। परिवार के चार अन्य सदस्य घायल भी हुए हैं। कुरैशी ने बताया कि नंगरहार प्रांत में लगभग 400 घरों और बिजली के 60 खंभों को नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि कई इलाकों में बिजली गुल है और जलालाबाद शहर में संचार सेवाएं भी प्रभावित हैं। कुरैशी ने बताया कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। अब्दुल वली (43) नामक एक व्यक्ति ने बताया कि तूफान ने ज्यादातर तबाही एक घंटे के भीतर ही मचाई। उन्होंने कहा, ‘‘हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि सब कुछ उड़ गया। इसके बाद भारी बारिश हुई।'' उन्होंने बताया कि उनकी चार वर्षीय बेटी को भी मामूली चोटें आई हैं।
इस बीच तालिबान की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘बख्तर' ने बताया कि बगलान प्रांत में काबुल और बलख को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर मंगलवार सुबह एक बस के पलट जाने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 34 अन्य घायल हो गए। दुर्घटना के कारण का फिलहात पता नहीं चल पाया है। - वाशिंगटन. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक रैली में अपनी हत्या के प्रयास के बाद रविवार को कहा कि अमेरिका को एकजुट रहना चाहिए और देश के नागरिकों को अमेरिकी के तौर पर अपना सच्चा चरित्र दिखाना चाहिए। उन्होंने मजबूत और दृढ़ रहने की बात भी कही। ट्रंप (78) शनिवार को पेनसिल्वेनिया में एक रैली में उस समय बाल-बाल बच गए, जब 20 वर्षीय हमलावर ने उन पर कई गोलियां चलाईं। इस हमले में वह जख्मी हो गए और उनके कान पर चोट आई। गोलीबारी की इस घटना में ट्रंप की रैली में मौजूद एक व्यक्ति की जान चली गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। ‘सीक्रेट सर्विस' के कर्मियों ने हमलावर को मार गिराया।‘सीएनएन' की खबर के अनुसार, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रूथ सोशल' पर लिखा, ‘‘भगवान ने ही वह सब होने से रोक लिया, जिसके बारे में सोचा भी नहीं था।'' ट्रंप की पोस्ट के अनुसार, ‘‘ऐसे समय में यह अधिक महत्वपूर्ण है कि हम एकजुट रहें और अमेरिकियों के तौर पर अपना मूल चरित्र बनाए रखें। हम मजबूत और दृढ़संकल्पित बने रहें और बुराई को न जीतने दें।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम डरेंगे नहीं।''ट्रंप ने कहा कि वह जुझारू बने रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अन्य पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं।'' ट्रंप के प्रचार दल के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति की हालत ठीक है।यह घटना मिलवाउकी में होने वाले रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन से दो दिन पहले हुई, जिसमें ट्रंप को पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में आधिकारिक रूप से पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है। ट्रंप इस हमले के बाद भी सम्मेलन में भाग ले सकते हैं।व्हाइट हाउस ने बताया कि ट्रंप के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव में किस्मत आजमा रहे राष्ट्रपति जो बाइडन को हमले के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने गोलीबारी के कुछ घंटे बाद ट्रंप से फोन पर बातचीत की। बाइडन ने कहा, ‘‘अमेरिका में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।''उन्होंने डेलवेयर के रिहाबोथ तट पर स्थित अपने बीच होम में सप्ताहांत की छुट्टियां बीच में छोड़कर जल्द वाशिंगटन वापसी की योजना बनाई है। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश तथा बिल क्लिंटन ने ट्रंप पर हमले की निंदा की।
- वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर समेत दुनिया के विभिन्न नेताओं ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की भयावह कोशिश की रविवार को निंदा की और कहा कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। अठहत्तर-वर्षीय ट्रम्प शनिवार को उस समय बाल-बाल बच गए जब पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान एक हमलावर ने उन पर कई गोलियां चलाईं जिनमें से एक उनके दाहिने कान में लगी। गोलीबारी में रैली में मौजूद एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य की हालत गंभीर है। बीस-वर्षीय संदिग्ध शूटर को सीक्रेट सर्विस के एक सदस्य ने मार गिराया। प्रधानमंत्री मोदी ने हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरे मित्र पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर हुए हमले से बेहद चिंतित हूं। घटना की कड़ी निंदा करता हूं। राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवार, घायलों और अमेरिकी लोगों के साथ हैं।'' स्टॉर्मर ने कहा कि वह रैली के‘‘चौंकाने वाले दृश्यों से स्तब्ध'' हैं।उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी रूप में राजनीतिक हिंसा का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और मेरी संवेदनाएं इस हमले के सभी पीड़ितों के साथ हैं।'' मैक्रों ने हत्या के प्रयास को ‘‘एक त्रासदी'' करार दिया। उन्होंने‘एक्स' पर कहा, ‘‘यह हमारे लोकतंत्रों के लिए एक त्रासदी है। फ्रांस अमेरिकावासियों के सदमे और आक्रोश को साझा करता है।'' ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी ने कहा, ‘‘यह उन लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत एक अक्षम्य हमला था, जो ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिकी साझा करते हैं तथा (वह) स्वतंत्रता, जिसे हम संजोते हैं। ये मूल्य वे हैं जो हमारे दोनों देशों को एकजुट करते हैं।'' इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि वह पेंसिल्वेनिया से अद्यतन जानकारी प्राप्त कर रही हैं और ट्रम्प के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘‘चुनाव अभियान के आने वाले महीनों में संवाद और जिम्मेदारी नफरत तथा हिंसा पर हावी हो सकती है।'' यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि वे पेंसिल्वेनिया में चुनावी रैली में ट्रम्प पर गोली चलाए जाने की घटना से स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की हिंसा का कोई औचित्य नहीं है और दुनिया में कहीं भी इसके लिए कोई जगह नहीं है। हिंसा को कभी भी हावी नहीं होना चाहिए। मुझे यह जानकर राहत मिली है कि डोनाल्ड ट्रम्प सुरक्षित हैं और मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'' फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्दीनांद मार्कोस जूनियर ने कहा कि उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं ट्रम्प और उनके परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर के सभी लोकतंत्र-प्रेमी लोगों के साथ, हम सभी प्रकार की राजनीतिक हिंसा की निंदा करते हैं। जनता की आवाज हमेशा सर्वोच्च होनी चाहिए।'' न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा, ‘‘किसी भी देश में ऐसी राजनीतिक हिंसा नहीं होनी चाहिए।'' ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने भी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोकतंत्र में किसी भी प्रकार की राजनीतिक हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है। मैं हमले से प्रभावित पीड़ितों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।'' जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि दुनिया को लोकतंत्र को चुनौती देने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ़ मजबूती से खड़ा होना चाहिए। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, ‘‘राजनीतिक हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है। मेरी संवेदनाएं पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प, कार्यक्रम में मौजूद लोगों और सभी अमेरिकियों के साथ हैं।'' इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह और उनकी पत्नी ट्रम्प के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सारा और मैं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर हुए हमले से स्तब्ध हैं। हम उनकी सुरक्षा और शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।'' हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने भी कहा, ‘‘इन बुरे समय में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हैं।'' ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने गोलीबारी की घटना को अस्वीकार्य करार दिया और सभी से इसकी निंदा करने का आग्रह किया। इस घटना की निंदा करने वाले अन्य वैश्विक नेताओं में चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक भी शामिल हैं।
- शिकागो। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को पेनसिल्वेनिया के बटलर में चुनावी रैली के दौरान हमला किया गया जिसमें वह घायल हो गए लेकिन उनकी हालत ‘ठीक है'। उनके चुनाव-प्रचार अभियान दल ने यह जानकारी दी। अमेरिकी की ‘सीक्रेट सर्विस' ने बताया कि ट्रंप शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक रैली को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान छह बजकर 15 मिनट पर एक संदिग्ध हमलावर ने रैली स्थल के बाहर एक ऊंचे स्थान से मंच की ओर कई गोलियां चलाईं, जिसमें ट्रंप घायल हो गए। ट्रंप के चुनाव-प्रचार अभियान दल ने कहा, ''पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ठीक हैं। कानून प्रवर्तन और संबंधित अधिकारियों द्वारा तुरंत इस मामले में की गई कार्रवाई के लिए हम आभारी हैं।'' ट्रंप के दहिने कान के ऊपरी हिस्से पर गोली लगी थी।पेनसिल्वेनिया में आयोजित ट्रंप की चुनाव-प्रचार रैली में हजारों की संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे और विभिन्न टीवी चैनल पर इसका सीधा प्रसारण किया जा रहा था। रैली के दौरान जैसे ही ट्रंप को गोली लगी तो सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने सुरक्षा के लिए उन्हें चारो ओर से घेर लिया, हालांकि अधिकारियों के साथ जाते समय ट्रंप ने ऑडियो फीड के जरिए अपने समर्थकों से कुछ कहा। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप पर हुए इस हमले की सभी नेताओं ने निंदा की है। राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन ने इस हमले की निंदा की है। ‘सीक्रेट सर्विस' के प्रवक्ता एंथनी गुगेइल्मी ने एक बयान में कहा,‘‘ अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के कर्मियों ने हमलावर को मार गिराया। संघीय एजेंसी ने तत्काल सुरक्षात्मक उपाय किए, पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप सुरक्षित हैं।'' उन्होंने कहा, "इस हमले से रैली में मौजूद एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं। इस मामले की जांच जारी है। सीक्रेट सर्विस ने एफबीआई को सूचित कर दिया है।"
- वाशिंगटन .। अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को हुए जानलेवा हमले से पहले भी इस देश में राष्ट्रपतियों, पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रमुख दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को निशाना बनाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। वर्ष 1776 से देश के राजनीतिक इतिहास में हत्या और हत्या के प्रयासों की कुछ ऐसी ही घटनाएं इस प्रकार हैं :अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकनअब्राहम लिंकन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति थे, जिनकी जॉन वाइक्स बूथ ने 14 अप्रैल 1865 की गोली मार कर हत्या कर दी थी। घटना के दौरान वह अपनी पत्नी मेरी टॉड लिंकन के साथ वाशिंगटन के फोर्ड थियेटर में ‘अवर अमेरिकन कजिन' नाटक देख रहे थे। बूथ की 26 अप्रैल 1865 को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। वह वर्जीनिया के बाउलिंग ग्रीन के समीप एक खेत में छिपा मिला था। अमेरिका के 20वें राष्ट्रपति एम्स गारफील्डएम्स गारफील्ड देश के दूसरे राष्ट्रपति थे जिनकी कार्यभार संभालने के छह महीने बाद हत्या कर दी गयी थी। वह दो जुलाई 1881 को वाशिंगटन में एक ट्रेन स्टेशन की ओर जा रहे थे तभी चार्ल्स गितेऊ ने उन्हें गोली मार दी थी। गितेऊ को जून 1882 में दोषी ठहराया गया और मृत्युदंड दिया गया।अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति विलियम मैकिनले:मैकिनले को छह सितंबर 1901 में न्यूयॉर्क के बफेलो में तब गोली मारी गई थी जब वह भाषण देने के बाद लोगों से हाथ मिला रहे थे। एक व्यक्ति ने नजदीक से उनकी छाती में दो गोली मारी। मैकिनले की 14 सितंबर 1901 में मौत हो गयी थी। उनके बाद उपराष्ट्रपति थियोडर रूजवेल्ट देश के राष्ट्रपति बने थे। डेट्रॉइट के 28 वर्षीय लियोन एफ ने गोली चलाने का अपराध स्वीकार किया गया था। उसे 29 अक्टूबर 1901 को करंट देकर मृत्युदंड दिया गया था।अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी. रूजवेल्ट:रूजवेल्ट ने मियामी में एक खुली कार से भाषण दिया ही था कि तभी गोलियां चलने की आवाज सुनायी दी। फरवरी 1933 में हुई इस घटना में रूजवेल्ट घायल नहीं हुए लेकिन इसमें शिकागो के मेयर एंटन कर्माक की जान चली गयी। इस हमले के दोषी गिसिप्पे जंगारा को मौत की सजा दी गयी।अमेरिका के 33वें राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रुमैनट्रुमैन नवंबर 1950 में वाशिंगटन के ब्लेयर हाउस में थे तभी दो बंदूकधारी उसमें घुस गए थे।बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में ट्रुमैन तो बच गए थे लेकिन व्हाइट हाउस का एक पुलिसकर्मी और एक हमलावर मारा गया था। व्हाइट हाउस के दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस हमले में ऑस्कर कैलाजो को गिरफ्तार किया गया था और उसे मौत दी गयी थी। 1952 में ट्रुमैन ने उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर ने 1979 में उसे जेल से रिहा कर दिया था।अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडीजॉन एफ केनेडी नवंबर 1963 में जब प्रथम महिला जैकलीन केनेडी के साथ डलास गए थे तो एक बंदूकधारी ने घात लगाकर उन पर हमला कर दिया था। केनेडी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया , लेकिन उनकी मौत हो गयी थी। पुलिस ने कुछ घंटों बाद ली हार्वे ओस्वाल्ड को गिरफ्तार कर लिया था और दो दिन बाद ओस्वाल्ड की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी जब उसे पुलिस मुख्यालय से जेल ले जाया जा रहा था। अमेरिका के 38वें राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्डगेराल्ड फोर्ड पर 1975 में कुछ ही हफ्तों के भीतर दो जानलेवा हमले किए गए थे और वह दोनों घटना में बच गए।अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगनरीगन मार्च 1981 में वाशिंगटन में भाषण देकर निकल रहे थे तभी भीड़ में शामिल जॉन हिंकले जूनियर ने उन्हें गोली मार दी। वह उपचार के बाद स्वस्थ हो गए थे।अमेरिका के 43वें राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुशबुश 2005 में जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिखाइल साकाश्विली के साथ एक रैली में भाग ले रहे थे तभी उनकी ओर एक हथगोला फेंका गया। हथगोला फटा नहीं था और कोई भी हताहत नहीं हुआ था।राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी थियोडोर रूजवेल्टपूर्व राष्ट्रतपि रूजवेल्ट को 1912 में मिलवाकी में प्रचार के दौरान गोली मारी गयी थी। उन्हें इस हमले में कोई गंभीर चोट नहीं आयी थी।राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रॉबर्ट एफ. केनेडीकेनेडी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बनने की दौड़ में शामिल थे तभी 1968 में लॉस एंजिलिस में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी जॉर्ज सी. वालेसवालेस डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल थे तभी 1972 में मैरीलैंड में एक प्रचार अभियान के दौरान उन्हें गोली मारी गयी थी। इस घटना के कारण उन्हें कमर के निचले हिस्से में लकवा मार गया था।
- माले। भारत से 150 टन कच्चे खाद्य पदार्थों की पहली खेप मालदीव के दक्षिणी बंदरगाह अड्डू पहुंची। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे दक्षिणी द्वीपों में आयात की लागत और जटिलता कम हो जाएगी। ताजे फल, सब्जियां, प्याज, लहसुन और अंडे लेकर एक भारतीय जहाज तूतीकोरिन बंदरगाह से रवाना हुआ और बुधवार देर रात मालदीव के सबसे दक्षिणी द्वीप अड्डू के हिताधू बंदरगाह पर पहुंचा। भारतीय मालवाहक जहाज के आगमन से मालदीव पोर्ट्स लिमिटेड (एमपीएल) द्वारा तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह से अड्डू के हिताधू बंदरगाह तक सीधा जहाज मार्ग भी खुल गया। एटोल टाइम्स न्यूज़ पोर्टल ने शुक्रवार को बताया कि अब इस्पात के जहाजों से मालदीव के इस हिस्से में बिना किसी रुकावट के खाद्य पदार्थ लाए जा सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि यह सेवा केरल स्थित फिनैस ग्रुप संचालित करेगी, जो मालदीव को फलों और सब्जियों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
- काठमांडू। नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे के पी शर्मा ओली ने अपनी सहयोगी नेपाली कांग्रेस के साथ नयी गठबंधन सरकार में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की सूची तैयार करने को लेकर शनिवार को विचार विमर्श किया। नयी गठबंधन सरकार के सोमवार को शपथ लेने की संभावना है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल रविवार दोपहर तक ओली (72) को नेपाली कांग्रेस-सीपीएन (यूएमएल) गठबंधन सरकार का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकते हैं।नेपाली कांग्रेस और यूएमएल के करीबी सूत्रों ने बताया, ‘‘राष्ट्रपति सोमवार सुबह नए प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को शपथ दिला सकते हैं। शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से पहले सोमवार को एक छोटे मंत्रिमंडल की घोषणा होने की संभावना है।'' नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष ओली (72) का एक बार फिर प्रधानमंत्री बनना तय है, क्योंकि मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' शुक्रवार को संसद में विश्वास मत हासिल करने में असफल रहे। शुक्रवार देर रात ओली ने शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली पार्टी नेपाली कांग्रेस (एनसी) के समर्थन से अगला प्रधानमंत्री बनने का दावा पेश किया था और संविधान के अनुच्छेद 76-2 के तहत सरकार बनाने के लिए प्रतिनिधि सभा के 165 सदस्यों के हस्ताक्षर सौंपे थे। इन सांसदों में ओली की पार्टी के 77 और नेपाली कांग्रेस के 88 सांसद शामिल हैं।ओली के एक करीबी सूत्र ने बताया कि कुल 21 मंत्रालयों में से नेपाली कांग्रेस को नौ मंत्रालय और सीपीएन-यूएमएल को आठ मंत्रालय मिलेंगे, साथ ही प्रधानमंत्री का पद भी मिलेगा। सूत्र ने बताया, ‘‘गृह, विदेश, वित्त और ऊर्जा जैसे प्रमुख पदों को एनसी और यूएमएल के बीच बांटा जाएगा। नेपाली कांग्रेस को गृह मंत्रालय मिलने की संभावना है, जबकि वित्त मंत्रालय यूएमएल को मिलेगा।'' इससे पहले, शनिवार को सीपीएन-यूएमएल ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने और नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता और स्थायी समिति के सदस्य राजन भट्टराई के अनुसार, शुरुआत में एक छोटा मंत्रिमंडल होगा, जिसका बाद में विस्तार किया जाएगा। नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने मंत्रियों की सूची और पार्टी द्वारा अपनाई जाने वाली नीति पर चर्चा करने और उसे अंतिम रूप देने के लिए अपनी केंद्रीय कार्य प्रदर्शन समिति की बैठक भी की। पूर्व उप प्रधानमंत्री और वरिष्ठ एनसी नेता प्रकाश मान सिंह ने कहा, ‘‘बैठक में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की गई और ओली के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नामों को अंतिम रूप दिया गया।'' सीपीएन-माओवादी, सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अलावा जिन्होंने शक्ति परीक्षण के दौरान प्रचंड के पक्ष में मतदान किया था, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और अन्य छोटी पार्टियों के एनसी-यूएमएल गठबंधन का समर्थन करने की संभावना है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी), जेएसपी नेपाल, जनमत पार्टी, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी जैसी छोटी पार्टियों के भी ओली के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने की संभावना है।
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ह्यूस्टन. भारत ने अमेरिका के वाशिंगटन प्रांत के सिएटल शहर में दो नये वीजा एवं पासपोर्ट केंद्र शुरू किए हैं, जो इस देश के नौ प्रशांत उत्तर-पश्चिमी प्रांतों में रहने वाले भारतीय समुदाय की जरूरतों को पूरा करेंगे। वाशिंगटन प्रांत में सिएटल और बेलेव्यू में दो केंद्रों का उद्घाटन शुक्रवार को हुआ। यह उद्घाटन सिएटल में नवीनतम भारतीय वाणिज्य दूतावास के खुलने के कुछ ही महीने बाद हुआ है। अन्य पांच मौजूदा भारतीय वाणिज्य दूतावास न्यूयॉर्क, अटलांटा, शिकागो, ह्यूस्टन और सैन फ्रांसिस्को में हैं। सिएटल में भारत के महावाणिज्यदूत प्रकाश गुप्ता ने समारोह में कहा, "सिएटल में भारतीय वाणिज्य दूतावास का खुलना अमेरिका के प्रशांत उत्तर-पश्चिमी प्रांतों के साथ हमारे संबंधों को गहरा करने के लिए भारत सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।" इस केंद्र का संचालन और प्रबंधन भारत सरकार की ओर से वीएफएस ग्लोबल द्वारा किया जा रहा है।
वीएफएस ग्लोबल अमेरिका में भारत सरकार के लिए वीजा, ओसीआई, पासपोर्ट, भारतीय नागरिकता छोड़ने और ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम (जीईपी) सत्यापन सेवाओं के लिए एकमात्र सेवा प्रदाता है। गुप्ता ने कहा, "सिएटल और बेलेव्यू में इन नये वीजा आवेदन केंद्रों (वीएसी) के खुलने से हमें उम्मीद है कि सभी वाणिज्य दूतावास आवेदकों को भारत की यात्रा के लिए पर्याप्त रूप से तैयार होने के लिए अधिक सुविधाजनक अनुभव मिलेगा।" बयान के अनुसार, सिएटल केंद्र विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित होगा, जिसका उद्देश्य ग्राहकों के लिए आसानी से सुलभ और बेहतर आवेदन अनुभव प्रदान करना है और यात्रियों के लिए आवेदन प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाना है। इन सेवाओं से सिएटल में भारतीय वाणिज्य दूतावास के वाणिज्य दूतावास क्षेत्राधिकार में लगभग पांच लाख भारतीय प्रवासी समुदाय को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो अलास्का, इडाहो, मोंटाना, नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा, ओरेगन, साउथ डकोटा, वाशिंगटन और व्योमिंग के नौ प्रशांत उत्तर-पश्चिमी प्रांतों को कवर करता है। गुप्ता ने कहा, "सुचारू और कुशल वाणिज्य दूतावास सेवाएं प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और ग्रेटर सिएटल क्षेत्र में अपने वाणिज्य दूतावास संचालन शुरू करने के साथ ही हम सभी आवेदकों से आगे सुधार के लिए किसी भी प्रतिक्रिया और सुझाव का स्वागत करेंगे।" वीएफएस ग्लोबल के अमेरिका प्रमुख अमित कुमार शर्मा ने कहा, "वीएफएस ग्लोबल का भारत सरकार के साथ 2008 से दीर्घकालिक संबंध रहा है और यह अपनी साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित है।'' उन्होंने कहा, "अमेरिका के सिएटल और बेलेव्यू में नया केंद्र भारत में वीजा और कांसुलर सेवाओं की बढ़ती मांग को प्रभावी ढंग से पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।" शर्मा ने कहा, "हमें विश्वास है कि ये वीजा आवेदन केंद्र वीजा आवेदन प्रक्रिया को और भी अधिक सुगम बनाकर ग्राहक अनुभव को बढ़ाएंगे, जिससे हमें यात्रियों और भारतीय प्रवासियों को बेहतर सेवा देने में मदद मिलेगी।" वीएफएस ग्लोबल विदेश मंत्रालय (भारत) का पहला आउटसोर्स वीजा सेवा साझेदार है और 2008 से भारत सरकार को सेवा दे रहा है। वीएफएस ग्लोबल अमेरिका में भारत सरकार के लिए वीजा, ओसीआई, पासपोर्ट, भारतीय नागरिकता छोड़ने और ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम (जीईपी) सत्यापन सेवाओं के लिए विशेष सेवा प्रदाता है। अमेरिका में, वीएफएस ग्लोबल ने 2020 से देश भर में स्थित भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों की ओर से पासपोर्ट, वीजा और कांसुलर सेवाएं प्रदान की हैं। वर्तमान में, वीएफएस ग्लोबल 13 देशों में भारत सरकार के लिए 52 पासपोर्ट, वीजा और कांसुलर सर्विसेज एप्लीकेशन सेंटर्स का प्रबंधन करता है: ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, फ्रांस, इराक, नीदरलैंड, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन। बयान में, वीएफएस ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं और सेवाओं से सुसज्जित इन विशाल केंद्रों में हर कदम पर वीजा आवेदकों की सहायता के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित ग्राहक सेवा प्रतिनिधि होंगे, जिससे ग्राहक अनुभव और बेहतर होगा, साथ ही, भारत के वीजा और कांसुलर आवेदकों को समर्पित कॉल-सेंटर मिलेगा। वीएफएस ग्लोबल ने वीजा, ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई), पासपोर्ट आवेदन, भारतीय नागरिकता छोड़ने और ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम (जीईपी) के प्रबंधन के लिए सिएटल केंद्र शुरू किया है। बयान में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, वीएफएस भारतीय समुदाय के सदस्यों के लिए सहायता मुहैया कराने के लिए बेलेव्यू सेंटर का संचालन करेगा। सिएटल के मेयर ब्रूस हैरेल, पोर्ट कमिश्नर सैम चो सहित स्थानीय नेता इस उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। मेयर हैरेल ने आवेदकों को पहला भारतीय पासपोर्ट और वीजा प्रदान किया, जो समुदाय के लिए एक खास पल था।