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वाशिंगटन. अमेरिका में हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को नेवादा राज्य में भी विजय का परचम लहराया। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के बाद से पहली बार यह राज्य और इसके छह ‘इलेक्टोरल वोट' रिपब्लिकन पार्टी के पास लौटे हैं। इससे पहले 2004 में बुश ने इस राज्य से जीत हासिल की थी। ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी रहीं कमला हैरिस ने इस साल राज्य में कई बार प्रचार किया। नेवादा की ज्यादातर काउंटी ग्रामीण हैं और इसने 2020 में ट्रंप के लिए भारी मतदान किया था। लेकिन डेमोक्रेट जो. बाइडन ने उस समय दो सबसे घनी आबादी वाली काउंटी वैशू और क्लार्क से जीत हासिल की थी। एसोसिएटेड प्रेस ने ट्रंप के विजयी होने की जानकारी दी।
- वाशिंगटन। अमेरिका के विधि मंत्रालय ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या किए जाने की ईरान की नाकाम साजिश के संबंध में शुक्रवार को आपराधिक आरोपों की घोषणा की। मैनहट्टन में संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ईरान के अर्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड' के एक अधिकारी (जिसका नाम ज्ञात नहीं है) ने सितंबर में अपने संपर्क वाले एक व्यक्ति को ट्रंप पर नजर रखने और अंततः उनकी हत्या करने का षड्यंत्र बनाने का निर्देश दिया था।
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वाशिंगटन. अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जनवरी में सत्ता का शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित हस्तांतरण सुनिश्चित करने का बृहस्पतिवार को संकल्प लिया और लोगों से चुनाव परिणामों को स्वीकार करने की अपील की। बाइडन ने 78 वर्षीय ट्रंप के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के एक दिन बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह टिप्पणी की। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार एवं निवर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराया और इसी के साथ वह अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने गए। बाइडन ने कहा कि उन्होंने ट्रंप और हैरिस से बात की।
बाइडन ने कहा, ‘‘मैंने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को सत्ता के शांतिपूर्ण और व्यवस्थित हस्तांतरण का आश्वासन दिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी लोग इसी के हकदार हैं।... 200 से अधिक वर्षों से अमेरिका ने विश्व के इतिहास में स्वशासन का सबसे बड़ा प्रयोग किया है।'' उन्होंने कहा कि लोग मतदान करते हैं और अपने नेताओं को चुनते हैं और वे यह काम शांतिपूर्वक तरीके से करते हैं। बाइडन ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में लोगों की इच्छा हमेशा सर्वोपरि होती है।''उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह चुनाव अमेरिकी चुनाव प्रणाली की शुचिता पर उठे सवाल को समाप्त कर देगा। बाइडन ने कहा, ‘‘उन्होंने (अमेरिकियों ने) नागरिकों के रूप में अपना कर्तव्य निभाया, मैं राष्ट्रपति के रूप में अपना कर्तव्य निभाऊंगा। मैं अपनी शपथ पूरी करूंगा और संविधान का सम्मान करूंगा। हम 20 जनवरी को यहां अमेरिका में शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण करेंगे।'' बाइडन ने कहा कि उनका प्रशासन अमेरिका को दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर छोड़कर सत्ता से जा रहा है। बाइडन ने हैरिस के बारे में कहा, ‘‘वह एक साझेदार और एक जनसेवक रही हैं। उन्होंने एक प्रेरणादायक चुनाव प्रचार अभियान चलाया।... उनका चरित्र बहुत बढ़िया और सच्चा है।'' उन्होंने अमेरिकियों से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आप चाहे किसी को भी वोट दें, आपको एक-दूसरे को विरोधी के रूप में नहीं बल्कि साथी अमेरिकी के रूप में देखना चाहिए।'' बाइडन ने ये टिप्पणियां ऐसे समय में की हैं जब राष्ट्रपति पद के चुनाव के कड़े मुकाबले के परिणाम आने के बाद अमेरिका दो समूहों में बंटा दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘असफलताएं अपरिहार्य हैं, लेकिन हार मान लेना अक्षम्य है।' -
मेसा (एरिजोना) .फीनिक्स के उपनगर में स्थित एक हवाई अड्डे के पास एक छोटे व्यवसायिक विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पांच लोगों की मौत हो गई, जिसमें 12 वर्षीय एक बच्चा भी शामिल था। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रारंभिक जानकारी से पता चला है कि छह सीटों वाला 'होंडाजेट एचए-420 विमान' यूटा के प्रोवो की ओर जा रहा था। मंगलवार दोपहर को मेसा के फाल्कन फील्ड हवाई अड्डे से इसने उड़ान भरी। अधिकारियों के अनुसार, विमान हवाई अड्डे की धातु की बाड़ को तोड़कर पश्चिमी हिस्से में सड़क पर जा रहे एक वाहन से टकरा गया। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विमान उड़ान क्यों नहीं भर पाया। 'नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड' संघीय विमानन प्रशासन और मेसा अधिकारियों की मदद से जांच कर रहा है। मेसा पुलिस ने बुधवार को बताया कि विमान में सवार पांच यात्रियों में से चार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। अज्ञात पायलट को गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। विमान में सवार लोगों में 12 वर्षीय ग्राहम किमबॉल और उनके 44 वर्षीय पिता ड्रू किमबॉल शामिल थे। दो अन्य पीड़ित रस्टिन रैंडल (48) और स्पेंसर लिंडाहल (43) थे। दुर्घटना में एक वाहन चालक की भी मौत हो गई।
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बुडापेस्ट(हंगरी). यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और नाटो महासचिव मार्क रूट सहित लगभग 50 यूरोपीय नेता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद संबंधों पर पड़ने वाले असर का आकलन करेंगे। पहले से ही जटिल आर्थिक स्थिति को और मुश्किल बनाते हुए, यूरोप की आर्थिक महाशक्ति जर्मनी, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज द्वारा अपने वित्त मंत्री को बर्खास्त करने के बाद राजनीतिक संकट में फंस गई है। यह घटनाक्रम कुछ महीनों में चुनाव होने और यूरोप में कट्टर दक्षिणपंथी और प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच एक और गतिरोध की आशंका को बढ़ाता है। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि इन दो घटनाओं ने साथ मिलकर स्थिति को और गंभीर बना दिया है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का असर पड़ना अभी बाकी है।
यूरोपीय परिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल ने कहा, अमेरिका के साथ हमारा संबंध महत्वपूर्ण है और हम इसे प्रगाढ़ करने के लिए तैयार हैं।'' ब्रिटेन, तुर्की और बाल्कन देशों के नेताओं के शाम में रवाना होने के शीघ्र बाद यूरोपीय संघ (ईयू) के 27 देश एक अलग शिखर बैठक करेंगे। अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूरोप के साथ व्यापार युद्ध से लेकर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्रतिबद्धताओं को वापस लेने और रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन के समर्थन में बुनियादी बदलाव लाने तक की बात कही थी - ये सभी मुद्दे पूरे यूरोप के देशों के लिए क्रांतिकारी परिणाम ला सकते हैं। शिखर सम्मेलन के मेजबान और ट्रंप के प्रशंसक, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने बृहस्पतिवार सुबह कहा कि उन्होंने रात में ट्रंप के साथ फोन पर बात की, और घोषणा की कि ‘‘हमारे पास भविष्य के लिए बड़ी योजनाएं हैं!'' इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने रोम और वाशिंगटन को एक सूत्र में पिरोने वाली गहरी और ऐतिहासिक रणनीतिक साझेदारी की सराहना की। यह साझेदारी ट्रंप के प्रथम कार्यकाल के दौरान, 2017 से 2021 तक निरंतर दबाव में रही।
पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन ने विदेशी उत्पादों के अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने के दावों के आधार पर यूरोपीय संघ के इस्पात और एलुमिनियम पर 2018 में शुल्क लगा दिया था। यूरोपीय और अन्य सहयोगियों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका निर्मित मोटरसाइकिल, बर्बन व्हिस्की, पीनट बटर और जींस सहित अन्य वस्तुओं पर शुल्क लगा दिया। अमेरिकी चुनाव परिणाम का प्रभाव यूरोप में आने वाले वर्षों में महसूस किया जा सकता है, जिसमें यूक्रेन और पश्चिम एशिया में युद्ध, साथ ही प्रवासन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे होंगे। बृहस्पतिवार को सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में जेलेंस्की भी शामिल हैं। उम्मीद की जा रही है कि वह अपने देश को रूसी आक्रमण से बचाने के लिए और अधिक सहायता की अपील करेंगे। यह समय इसलिए महत्वपूर्ण है कि ट्रंप ने निर्वाचित होने के ‘‘24 घंटे के भीतर'' युद्ध समाप्त करने का संकल्प लिया है। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़े निर्णय लेने का वादा किया है। ट्रंप का एजेंडा नागरिक अधिकारों पर राष्ट्रपति की शक्तियों का विस्तार करेगा।
ट्रंप की प्रस्तावित नीतियों की एक झलक:
आव्रजन:
ट्रंप के 2016 के अभियान का नारा “दीवार बनाओ” इतिहास में सबसे बड़ा सामूहिक निर्वासन कार्यक्रम बन गया है। ट्रंप ने इस प्रयास में नेशनल गार्ड का इस्तेमाल करने और घरेलू पुलिस बलों को सशक्त बनाने का आह्वान किया है। फिर भी, ट्रंप ने इस बारे में बहुत कम जानकारी दी है कि यह कार्यक्रम कैसा होगा और वह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि यह केवल अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले लोगों को लक्षित करे। अंतत: उनका दृष्टिकोण न केवल अवैध प्रवास पर नकेल कसेगा, बल्कि कुल मिलाकर आव्रजन को कम करेगा।
गर्भपात:
ट्रंप ने गर्भपात को दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकता के रूप में ज्यादा तवज्जो नहीं दी है, हालांकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात के लिए एक महिला के संघीय अधिकार को समाप्त करने और गर्भपात विनियमन राज्य सरकारों को वापस करने का श्रेय लिया है। ट्रंप के आग्रह पर, जीओपी के मंच पर पिछले कुछ दशकों में पहली बार गर्भपात पर राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने का आह्वान नहीं किया गया है। ट्रंप ने अब तक यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि वह राष्ट्रपति के रूप में काम शुरू करने पर राष्ट्रीय गर्भपात प्रतिबंधों को खारिज कर देंगे।
कर:
ट्रंप की कर नीतियां व्यापक रूप से निगमों और धनवान अमेरिकियों की ओर झुकाव वाली लगती हैं। ऐसा मुख्य रूप से उनके 2017 के कर सुधार को आगे बढ़ाने के वादे के कारण है, जिसमें कॉर्पोरेट आयकर दर को मौजूदा 21 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने जैसे कुछ उल्लेखनीय बदलाव शामिल हैं। इसमें डेमोक्रेट राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा सबसे धनी अमेरिकियों पर आयकर बढ़ोतरी को वापस लेना भी शामिल है। इन नीतियों के बावजूद, ट्रंप ने कामकाजी और मध्यम वर्ग के अमेरिकियों के लिए नए प्रस्तावों पर अधिक जोर दिया है जिनमें सामाजिक सुरक्षा वेतन और ओवरटाइम वेतन को आयकर से छूट देना शामिल है।
व्यापार और शुल्क:
अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर ट्रंप का रुख विश्व बाजारों पर अविश्वास का है क्योंकि उनके मुताबिक वे अमेरिकी हितों के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने विदेशी वस्तुओं पर 10 से 20 प्रतिशत तक शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है। कुछ भाषणों में उन्होंने इससे भी अधिक प्रतिशत का उल्लेख किया है। उन्होंने चीनी खरीदारों द्वारा अमेरिका में ‘किसी भी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे' की खरीद पर रोक का संकल्प व्यक्त किया है।
एलजीबीटीक्यू और नागरिक अधिकार:
ट्रंप ने विविधता पर सामाजिक जोर को वापस लेने और एलजीबीटीक्यू नागरिकों के लिए कानूनी सुरक्षा का आह्वान किया है। ट्रंप ने संघीय निधि का लाभ उठाकर सरकारी संस्थानों में विविधता, समानता और समावेशन कार्यक्रमों को समाप्त करने का आह्वान किया है।
विनियमन, संघीय नौकरशाही और राष्ट्रपति के अधिकार:
निर्वाचित राष्ट्रपति आर्थिक क्षेत्रों में संघीय नौकरशाहों और विनियमों की भूमिका को कम करना चाहते हैं। ट्रंप सभी विनियामक कटौतियों को एक आर्थिक जादू की छड़ी के रूप में पेश करते हैं। उन्होंने जीवाश्म ईंधन उत्पादन में बाधाओं को दूर करके अमेरिकी घरों के बिलों में भारी गिरावट का वादा किया है। ट्रंप ने विनियमों में कटौती करके आवास निर्माण को बढ़ावा देने का वादा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह ‘पर्यावरण चरमपंथियों की तुच्छ मुकदमेबाजी' को समाप्त करेंगे।
सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल:
ट्रंप का जोर इस बात पर है कि वह सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल तथा बुजुर्ग अमेरिकियों से जुड़े लोकप्रिय कार्यक्रमों पर ध्यान देंगे।
किफायती देखभाल अधिनियम और स्वास्थ्य देखभाल:
ट्रंप 2015 से ही किफायती देखभाल अधिनियम को रद्द करने की वकालत करते रहे हैं। लेकिन उन्होंने अब तक इसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। सितंबर की डिबेट में उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि उनके पास इस संबंध में एक योजना है।
जलवायु और ऊर्जा:
ट्रंप, जो यह झूठा दावा करते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक ‘धोखा' है, जीवाश्म ईंधन पर अमेरिकी निर्भरता को कम करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को लेकर बाइडन प्रशासन में किए गए खर्च की आलोचना करते हैं। वह एक ऊर्जा नीति और परिवहन अवसंरचना व्यय का प्रस्ताव करते हैं जो जीवाश्म ईंधन पर आधारित हो।
राष्ट्रीय रक्षा और दुनिया में अमेरिका की भूमिका:
विश्व मामलों में ट्रंप की बयानबाजी और नीतिगत दृष्टिकोण कूटनीतिक रूप से पृथकतावादी, सैन्य तौर पर गैर हस्तक्षेपवादी और आर्थिक दृष्टि से संरक्षणवादी है, जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका रहा है। उन्होंने सेना के विस्तार का वादा किया, पेंटागन के खर्च को मितव्ययिता प्रयासों से बचाने का वादा किया और एक नई मिसाइल रक्षा प्रणाली का प्रस्ताव रखा। ट्रंप का जोर इस बात पर रहा है कि वह यूक्रेन में रूस के युद्ध और इजराइल-हमास युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ऐसा वह कैसे करेंगे। ट्रंप ने अपने दृष्टिकोण को पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के इस वाक्यांश के माध्यम से संक्षेप में प्रस्तुत किया: ‘शक्ति के माध्यम से शांति'। लेकिन वह नाटो और शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के आलोचना रहे हैं। ट्रंप ने पेंटागन के अधिकारियों के बारे में कहा, ‘‘मैं उन्हें नेता नहीं मानता।''
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वाशिंगटन। डॉनल्ड ट्रंप ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को कड़े मुकाबले में हराकर अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में वापसी की है। इस चुनाव में ट्रंप ने अपने प्रसिद्ध ‘अमेरिका को फिर से महान बनाएं’ थीम पर जोर दिया और आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने का वादा किया। ट्रंप की यह जीत उन्हें ग्रोवर क्लीवलैंड के बाद पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति बनाती है जिन्होंने दोबारा चुनाव हारने के बाद वापसी कर राष्ट्रपति पद हासिल किया है।
78 साल की उम्र में ट्रंप अमेरिका के सबसे उम्रदराज निर्वाचित राष्ट्रपतियों में से एक हैं। इससे पहले, राष्ट्रपति बाइडन भी 2020 में 78 की उम्र में चुने गए थे, जिनकी मानसिक क्षमता पर ट्रंप ने अपने अभियान के दौरान कड़ा सवाल उठाया था। फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में अपनी जीत का जश्न मनाते हुए ट्रंप ने इसे “सबसे बड़े राजनीतिक आंदोलन की जीत” बताया। उन्होंने 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करते हुए जीत दर्ज की। उन्होंने उत्साहित समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “हमने उन बाधाओं को पार किया जिनकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी,”इस चुनाव में ट्रंप को एलन मस्क जैसे प्रमुख हस्तियों का समर्थन मिला, और उन्होंने जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में जीत दर्ज की, जिससे उन्हें जीत के लिए जरूरी 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स मिल गए। अभियान के दौरान ट्रंप ने कई कानूनी चुनौतियों का सामना किया। इन मुश्किलों ने ट्रंप के समर्थकों को और मजबूती दी।अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने जुलाई में हुए हत्या के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा, “कई लोगों ने मुझसे कहा है कि ईश्वर ने मुझे किसी कारण से बचाया, और वह कारण था हमारे देश को बचाना और अमेरिका को फिर से महान बनाना।”डोनाल्ड ट्रंप का अभियान उन अमेरिकी मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हुआ, जो अर्थव्यवस्था, महंगाई और अवैध इमिग्रेशन से परेशान थे। डॉनल्ड ट्रंप का अभियान एक गहरे बंटे हुए अमेरिका के मतदाताओं के साथ गूंजा, जो अर्थव्यवस्था, महंगाई, और अवैध इमिग्रेशन से परेशान थे।ट्रंप ने बड़े बदलावों का वादा किया, जैसे दक्षिणी सीमा को पूरी तरह से बंद करना, अमेरिकी निर्माण उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए टैरिफ लगाना, और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों से दूरी बनाना। उन्होंने “फ्रीडम सिटीज़” बनाने की योजना और सख्त इमिग्रेशन नीतियों का संकेत दिया, जिसमें नए मुस्लिम बैन और बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान शामिल हो सकते हैं।इज़राइल-हमास संघर्ष में ट्रंप ने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का समर्थन किया, लेकिन गाजा में अभियान को जल्दी खत्म करने की सलाह दी और चेताया कि इज़राइल “पब्लिक इमेज की लड़ाई” हार सकता है।ट्रंप की जीत से अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव की संभावना है, खासकर NATO और यूक्रेन को लेकर। उनकी अलगाववादी सोच और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रशंसा ने अमेरिकी सहयोगियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।ट्रंप बनाम हैरिस: रिपब्लिकन राष्ट्रपति की जीत की वजहें2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने दूसरी बार किसी महिला उम्मीदवार को हराया है। इससे पहले, 2016 में उन्होंने हिलेरी क्लिंटन को हराया था। इस बार भी लिंग से जुड़े मुद्दे चर्चा में रहे, खासकर ट्रंप की सुप्रीम कोर्ट में की गई तीन नियुक्तियों के फैसलों के कारण, जिनसे 2022 में गर्भपात से जुड़े कानून पलटे गए थे।अपराध के आरोपों के बावजूद ट्रंप का अभियान मजबूत रहा। हैरिस, जो बाइडन प्रशासन की कोविड के बाद की आर्थिक सुधार योजनाओं को लेकर प्रचार कर रही थीं, ट्रंप के सामाजिक सुरक्षा, टिप्स और ओवरटाइम पर टैक्स घटाने के वादों का सही से जवाब नहीं दे पाईं। बढ़ती महंगाई हैरिस के लिए एक बड़ा मुद्दा बनी रही, और उन्होंने ग्रॉसरी, हाउसिंग, बच्चों की देखभाल और बुजुर्गों की देखभाल जैसे आर्थिक मुद्दों पर फोकस किया। ट्रंप के साथी और अगले उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने इस जीत को “अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी” कहा। - कैनबरा। विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमले की घटना को ‘‘बेहद चिंताजनक'' बताते हुए मंगलवार को कहा कि यह कनाडा में ‘‘चरमपंथी ताकतों'' को एक तरह से दी जा रही ‘‘राजनीतिक जगह (गुंजाइश)'' की ओर इंगित करता है। उन्होंने यहां अपनी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान रविवार को कनाडा पर ‘‘बिना विस्तृत जानकारी दिए आरोप लगाने की प्रवृत्ति'' का भी आरोप लगाया। भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद के बीच जयशंकर रविवार को उत्तर अमेरिकी देश के ब्रैम्पटन में हुई घटना से संबंधित एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे, जहां खालिस्तानी झंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने हिंदू सभा मंदिर में लोगों के साथ झड़प की। इससे मंदिर के अधिकारियों और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हुई। जयशंकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कनाडा में हिंदू मंदिर में जो कुछ हुआ... वह निश्चित रूप से बेहद चिंताजनक है। आपने पहले हमारे आधिकारिक प्रवक्ता का बयान देखा होगा और फिर हमारे प्रधानमंत्री ने भी चिंता व्यक्त की होगी।'' विदेश मंत्री 3-7 नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर हैं।पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तान चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित'' संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। हालांकि, भारत ने इस आरोप को ‘‘ बेबुनियाद'' बताकर खारिज कर दिया था। निज्जर कनाडा का नागरिक था लेकिन भारत ने उसे आतंकवादी घोषित किया था। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से गतिविधियां चला रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के मौका दे रहा है। भारत ने कनाडा के आरोपों को दृढ़तापूर्वक खारिज करते हुए छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था तथा निगरानी के दायरे में आये अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य अधिकारियों को कनाडा से वापस बुला लिया। कैनबरा में प्रेस वार्ता के दौरान जयशंकर से कनाडा द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों के बारे में भी पूछा गया। जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे तीन बात कहने दें। एक, कनाडा ने विशेष विवरण दिए बिना आरोप लगाने का एक पैटर्न बना लिया है। दूसरा, जब हम कनाडा को देखते हैं, तो हमारे लिए, यह तथ्य कि...हमारे राजनयिक निगरानी में हैं, कुछ ऐसा है जो अस्वीकार्य है।'' उन्होंने कहा, ‘‘तीसरी वो घटना है जिसके बारे में सज्जन (प्रश्ननकर्ता) ने बात की, वीडियो जरूर देखें। मुझे लगता है कि इससे पता चलेगा कि वहां चरमपंथी ताकतों को किस तरह राजनीतिक जगह (गुंजाइश) दी जा रही है।''विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए, हम स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं ... हम यह भी मानते हैं कि स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। हमने (अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष की ओर इशारा करते हुए) इस बारे में बात की, बिल्कुल उसी तर्ज पर जिस पर मैंने बात की है।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा की ऐसी हरकतें भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर पाएंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम कनाडा सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन कायम रखेगी।'' इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसे उम्मीद है कि हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। इसने कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि सभी पूजा स्थलों को इस तरह के हमलों से बचाया जाए। बयान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हवाले से कहा गया, ‘‘हम कल (रविवार) ब्रैम्पटन, ओंटारियो में हिंदू सभा मंदिर में चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करते हैं। हम कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी पूजा स्थलों को ऐसे हमलों से बचाया जाए।''
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वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) के लिए दौड़ वास्तव में अभूतपूर्व रही है। अब जब राष्ट्रपति के चुनाव में कुछ ही घंटों का समय रह गया है और मुकाबला अपने चरम पर पहुंच गया है, ऐसे में कई राजनीतिक पर्यवेक्षक नाटक नौटंकी, तीखी बयानबाजी, दुर्घटना, राजनीतिक वापसी की जोर आजमाइश से भरपूर तथा ऐतिहासिक रूप से काफी कड़े मुकाबले वाले अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के लिए हो रहे इस चुनाव को कई दशक में सबसे महत्वपूर्ण चुनावी दौड़ बता रहे हैं। अपने चुनाव प्रचार अभियान के अंतिम दिनों में उपराष्ट्रपति हैरिस ने आशा, एकता, आशावाद और महिला अधिकारों के संदेश पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि ट्रंप डेमोक्रेटिक पार्टी की अपनी प्रतिद्वंद्वी पर निशाना साधने में उग्र रहे और उन्होंने यहां तक कहा कि हार की स्थिति में वह चुनाव परिणाम को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। कुल मिलाकर हैरिस (60) और ट्रंप (78) दोनों के लिए यह उतार-चढ़ाव भरा चुनावी सफर रहा है।
ट्रंप को मार्च में अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए नामांकन मिला और जुलाई में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (आरएनसी) में औपचारिक रूप से उन्हें नामांकन प्राप्त हुआ। कई अदालती मामलों के कारण महीनों तक राजनीतिक निष्क्रयता के बाद यह उनकी ऐतिहासिक वापसी थी। इस तरह, वह किसी गंभीर अपराध में दोषी ठहराए जाने के बाद विश्व के किसी भी देश में शीर्ष पद के लिए नामांकन पाने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए। संचार रणनीतिकार अनंग मित्तल ने कहा, ‘‘ट्रंप ने पिछले चार वर्षों में राजनीतिक संघर्ष के संदर्भ में रिचर्ड निक्सन (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति) के बाद सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी की है।'' रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन (आरएनसी) से कुछ ही दिन पहले पेंसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान ट्रंप को निशाना बनाकर गोली चलाई गई। गोली उनके कान के ऊपरी हिस्से में लगी। कुछ ही मिनटों बाद, खून से लथपथ ट्रंप ने विरोध में अपनी मुट्ठी उठाई। इन तस्वीरों से उनके कट्टर समर्थकों के बीच उन्हें काफी भावनात्मक समर्थन मिला। हैरिस के लिए भी यह एक नाटकीय सफर रहा। जुलाई में राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी छोड़ दी। कुछ ही सप्ताह पहले ट्रंप के साथ टेलीविजन पर बहस के दौरान अपने निराशाजनक प्रदर्शन के कारण वह सवालों के दायरे में आ गए थे। बाइडन (81) ने चुनावी दौड़ से बाहर होने पर डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार के रूप में हैरिस को अपना उत्तराधिकारी बनाने का समर्थन किया। आखिरकार अगस्त में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन ने औपचारिक रूप से हैरिस को राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामित किया। उन्होंने कन्वेंशन में अपने प्रभावशाली भाषण में कहा कि राष्ट्रपति चुनाव अतीत की कड़वाहट, निराशावाद और विभाजनकारी लड़ाइयों से आगे बढ़ने का एक अवसर होगा। अगर हैरिस यह चुनाव जीत जाती हैं, तो वह अमेरिका की राष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला, पहली अश्वेत महिला और दक्षिण एशियाई मूल की पहली व्यक्ति बन जाएंगी। पूरे चुनाव प्रचार अभियान में हैरिस ने इस चुनाव को देश की मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले चुनाव के रूप में पेश किया। वहीं, ट्रंप ने अपनी विशिष्ट आक्रामक बयानबाजी को जारी रखा और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण और अमेरिका को अवैध अप्रवासियों से मुक्त करने का वादा किया है। - वाशिंगटन.। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) के लिए दौड़ वास्तव में अभूतपूर्व रही है।अब जब राष्ट्रपति के चुनाव में कुछ ही घंटों का समय रह गया है और मुकाबला अपने चरम पर पहुंच गया है, ऐसे में कई राजनीतिक पर्यवेक्षक नाटक नौटंकी, तीखी बयानबाजी, दुर्घटना, राजनीतिक वापसी की जोर आजमाइश से भरपूर तथा ऐतिहासिक रूप से काफी कड़े मुकाबले वाले अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के लिए हो रहे इस चुनाव को कई दशक में सबसे महत्वपूर्ण चुनावी दौड़ बता रहे हैं।अपने चुनाव प्रचार अभियान के अंतिम दिनों में उपराष्ट्रपति हैरिस ने आशा, एकता, आशावाद और महिला अधिकारों के संदेश पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि ट्रंप डेमोक्रेटिक पार्टी की अपनी प्रतिद्वंद्वी पर निशाना साधने में उग्र रहे और उन्होंने यहां तक कहा कि हार की स्थिति में वह चुनाव परिणाम को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। कुल मिलाकर हैरिस (60) और ट्रंप (78) दोनों के लिए यह उतार-चढ़ाव भरा चुनावी सफर रहा है।ट्रंप को मार्च में अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए नामांकन मिला और जुलाई में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (आरएनसी) में औपचारिक रूप से उन्हें नामांकन प्राप्त हुआ। कई अदालती मामलों के कारण महीनों तक राजनीतिक निष्क्रयता के बाद यह उनकी ऐतिहासिक वापसी थी। इस तरह, वह किसी गंभीर अपराध में दोषी ठहराए जाने के बाद विश्व के किसी भी देश में शीर्ष पद के लिए नामांकन पाने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए।संचार रणनीतिकार अनंग मित्तल ने कहा, ‘‘ट्रंप ने पिछले चार वर्षों में राजनीतिक संघर्ष के संदर्भ में रिचर्ड निक्सन (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति) के बाद सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी की है।’’ रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन (आरएनसी) से कुछ ही दिन पहले पेंसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान ट्रंप को निशाना बनाकर गोली चलाई गई। गोली उनके कान के ऊपरी हिस्से में लगी। कुछ ही मिनटों बाद, खून से लथपथ ट्रंप ने विरोध में अपनी मुट्ठी उठाई। इन तस्वीरों से उनके कट्टर समर्थकों के बीच उन्हें काफी भावनात्मक समर्थन मिला।हैरिस के लिए भी यह एक नाटकीय सफर रहा। जुलाई में राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी छोड़ दी। कुछ ही सप्ताह पहले ट्रंप के साथ टेलीविजन पर बहस के दौरान अपने निराशाजनक प्रदर्शन के कारण वह सवालों के दायरे में आ गए थे। बाइडन (81) ने चुनावी दौड़ से बाहर होने पर डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार के रूप में हैरिस को अपना उत्तराधिकारी बनाने का समर्थन किया।आखिरकार अगस्त में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन ने औपचारिक रूप से हैरिस को राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामित किया। उन्होंने कन्वेंशन में अपने प्रभावशाली भाषण में कहा कि राष्ट्रपति चुनाव अतीत की कड़वाहट, निराशावाद और विभाजनकारी लड़ाइयों से आगे बढ़ने का एक अवसर होगा।अगर हैरिस यह चुनाव जीत जाती हैं, तो वह अमेरिका की राष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला, पहली अश्वेत महिला और दक्षिण एशियाई मूल की पहली व्यक्ति बन जाएंगी। पूरे चुनाव प्रचार अभियान में हैरिस ने इस चुनाव को देश की मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले चुनाव के रूप में पेश किया। वहीं, ट्रंप ने अपनी विशिष्ट आक्रामक बयानबाजी को जारी रखा और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण और अमेरिका को अवैध अप्रवासियों से मुक्त करने का वादा किया है।
- कंपाला. उत्तरी युगांडा के एक शरणार्थी शिविर में एक चर्च पर आकाशीय बिजली गिरने से 14 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। यह घटना शनिवार को लामवो के सुदूर जिले में हुई। पुलिस प्रवक्ता किटुमा रुसोके ने बताया कि घटना में 34 अन्य लोग घायल हुए हैं। रुसोके के मुताबिक, पलाबेक बस्ती शिविर के निवासी चर्च में प्रार्थना सेवा में भाग ले रहे थे, तभी आकाशीय बिजली गिर गई। पलाबेक बस्ती शिविर में मुख्य रूप से दक्षिण सूडान से आए शरणार्थी रहते हैं।
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ब्रिस्बेन. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत और चीन ने सैनिकों को पीछे हटाने की दिशा में ‘‘कुछ प्रगति'' की है। उन्होंने इस घटनाक्रम को ‘‘स्वागत योग्य'' कदम बताया। जयशंकर की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो बिंदुओं-डेमचोक और देपसांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के कुछ दिनों बाद आई है। भारतीय सेना ने देपसांग में सत्यापन गश्त शनिवार को शुरू की, जबकि डेमचोक में गश्त शुक्रवार को शुरू हुई थी। जयशंकर ने ब्रिस्बेन में प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘भारत और चीन के संदर्भ में हमने कुछ प्रगति की है। आप जानते हैं कि हमारे संबंध कुछ कारणों से बहुत ही खराब थे। हमने पीछे हटने की दिशा में कुछ प्रगति की है।'' विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास बहुत बड़ी संख्या में चीनी सैनिक तैनात हैं, जो 2020 से पहले वहां नहीं थे और बदले में हमने भी जवाबी तैनाती की। इस अवधि के दौरान संबंधों के अन्य पहलू भी प्रभावित हुए हैं। इसलिए स्पष्ट रूप से, हमें पीछे हटने के बाद देखना होगा कि हम किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।'' जयशंकर ने कहा, ‘‘लेकिन हमें लगता है कि पीछे हटना एक स्वागत योग्य कदम है। इससे यह संभावना खुलती है कि अन्य कदम भी उठाए जा सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि पिछले महीने रूस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात के बाद उम्मीद थी कि ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और मैं दोनों अपने समकक्षों से मिलेंगे। तो चीजें इस तरह हुई हैं।'' विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा था कि पिछले कई हफ्तों की बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है, जिससे 2020 में उठे मुद्दों का समाधान निकलेगा। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों को पीछे हटाने और गश्त करने पर सहमति बनी, जो चार साल से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में गिरावट आई थी।
- वाशिंगटन. अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार एवं उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकियों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं। अगले सप्ताह होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैरिस ने कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप जो पेशकश कर रहे हैं, अमेरिका उससे बेहतर का हकदार है। अमेरिका को एक ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है जो आदर्श बनने की हमारे लोगों और बाकी दुनिया के प्रति हमारी जिम्मेदारी एवं भूमिका को समझे।'' हैरिस ने विस्कॉन्सिन में संवाददाताओं से कहा,‘‘जैसा कि आपने मुझे कई बार कहते सुना है, अमेरिकी लोगों के प्रति मेरा संकल्प यह है कि मैं सामान्य ज्ञान के आधार पर समाधान निकालूंगी, उन लोगों की भी सुनूंगी जो मुझसे असहमत हैं, विशेषज्ञों की बात सुनूंगी और सभी अमेरिकियों की राष्ट्रपति बनूंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकियों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करते हैं। वह अमेरिकियों को एक-दूसरे पर उंगली उठाने के लिए उकसाने में पूरा समय बिताते हैं। वह अपने राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने का षड्यंत्र रचने में बहुत समय बिताते हैं।'' हैरिस ने कहा कि ट्रंप तेजी से एक ऐसे व्यक्ति बनते जा रहे हैं जो अपने राजनीतिक विरोधियों को अपना दुश्मन मानते हैं, हमेशा बदला लेने की फिराक में रहते हैं तथा वह तेजी से ‘‘अस्थिर'' होते जा रहे हैं। हैरिस ने कहा, ‘‘मेरा नजरिया एक दम स्पष्ट है। मैं हमारे लोकतंत्र में विश्वास करती हूं। लोकतंत्र अद्भुत लेकिन जटिल होता है, हमें बहस पसंद होती है। हम मतभेदों को स्वीकार करते हैं। मैं अपने मंत्रिमंडल में रिपब्लिकन नेता को शामिल करूंगी और इसका एक कारण यह है कि मैं विभिन्न लोगों के विचार जानना चाहती हूं। मुझे अलग-अलग नजरियों से अलग-अलग विचारों को जानना और उनसे लाभ उठाना पसंद है जो मुझे सबसे अच्छे निर्णय लेने में मदद करते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरे और डोनाल्ड ट्रंप के बीच यही एक बड़ा अंतर है।
- वाशिंगटन. अमेरिका में अगले सप्ताह होने वाले आम चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी प्रतिद्वंद्वी एवं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की आर्थिक नीतियों को आपदा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि यदि वह चुनाव जीत जाते हैं तो वह नए आर्थिक चमत्कार करेंगे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी उत्पादों के निर्माण एवं उनकी खरीद को बढ़ावा देने और अमेरिकी लोगों को नौकरी देने का वादा किया। ट्रंप ने मिशिगन के डेट्रॉयट में एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘हम कमला द्वारा लाई गई आर्थिक आपदा को समाप्त करेंगे और एक नए ‘ट्रंप आर्थिक चमत्कार' की शुरुआत करेंगे।'' उन्होंने आरोप लगाया कि हैरिस के ‘‘असफल आर्थिक एजेंडे'' ने हाल में निजी क्षेत्र की लगभग 30,000 नौकरियां और पिछले कुछ समय में विनिर्माण क्षेत्र की लगभग 50,000 नौकरियां खत्म कर दीं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि हैरिस की ‘‘राष्ट्र को बर्बाद करने वाली नीतियों के कारण अमेरिकी कामगार पूरी तरह डूब रहे हैं। आप डूब रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं यूक्रेन में युद्ध समाप्त कर दूंगा। यदि मैं राष्ट्रपति होता तो यह कभी शुरू ही नहीं होता। मैं पश्चिम एशिया में अराजकता को रोकूंगा। (अगर मैं राष्ट्रपति होता) सात अक्टूबर जैसी स्थिति कभी नहीं होती। मैं तृतीय विश्व युद्ध को होने से रोकूंगा।'' हमास के चरमपंथियों ने सात अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला किया था जिसके बाद इजराइल और फलस्तीन के बीच युद्ध शुरू हुआ।
- लंदन. केमी बेडेनॉच शनिवार को ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी का नेतृत्व संभालने वाली पहली अश्वेत महिला बनीं। उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में ‘हाउस ऑफ कॉमंस' में ऋषि सुनक की जगह ली है। नाईजीरियाई मूल की 44 वर्षीय सांसद बेडेनॉच ने ऋषि सुनक के इस्तीफे के बाद तीन महीने तक चले (पार्टी के) नेतृत्व (अध्यक्ष) चुनाव के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री रॉबर्ट जेनरिक को हराया। चार जुलाई को आम चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी की करारी हार के बाद सुनक ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। आवास, समुदाय और स्थानीय सरकार विभाग की छद्म मंत्री (संबंधित मूल मंत्री के कामकाज की निगरानी करने वाली विपक्ष की एक नेता) बेडेनॉच ने अपने पूर्ववर्ती सुनक को धन्यवाद देते हुए अपनी बात रखी। उनके पूर्ववर्ती (सुनक) पार्टी के प्रथम ब्रिटिश भारतीय नेता थे। बेडेनॉच ने कहा, ‘‘ मैं ऋषि को धन्यवाद देना चाहती हूं, ऐसे मुश्किल समय में कोई भी इतनी मेहनत नहीं कर सकता था। ऋषि, आपने जो कुछ भी किया उसके लिए धन्यवाद। हम सभी आपको और आपके शानदार परिवार को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।'' सुनक ने इसपर कहा, ‘‘केमी बेडेनॉच को कंजरवेटिव पार्टी का नेता चुने जाने पर बधाई। मुझे पता है कि वह हमारी महान पार्टी की एक बेहतरीन नेता होंगी। वह हमारी पार्टी को नया जीवन देंगी, कंजरवेटिव मूल्यों के लिए खड़ी होंगी और लेबर पार्टी से मुकाबला करेंगी। आइए हम सब उनके साथ एकजुट हों।'' ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी नए विपक्षी नेता को बधाई दी और देश के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए एक ‘वेस्टमिंस्टर पार्टी के पहले अश्वेत नेता' के रूप में उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ब्रिटिश जनता के हित में आपके और आपकी पार्टी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।'' चरणबद्ध चुनाव प्रक्रिया में नेतृत्व की दौड़ में अंतिम रूप से ये दोनों उम्मीदवार रह गए थे और बेडेनॉच ने 53,806 वोट प्राप्त कर जेनरिक को हराया। जेनरिक को 41,388 वोट मिले। बतौर निर्वाचन अधिकारी बॉब ब्लैकमैन ने चुनाव परिणाम की घोषणा की।बेडेनॉच ने कहा, ‘‘ हमारी पार्टी हमारे देश की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी बात सुनी जाए, इसके लिए हमें ईमानदार होना होगा, इस तथ्य के बारे में ईमानदार होना होगा कि हमने गलतियां की हैं, इस तथ्य के बारे में ईमानदार होना होगा कि हमारे मानदंडों में गिरावट आयी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘सच बोलने का समय आ गया है... अपने सिद्धांतों के लिए खड़े होने का, अपने भविष्य की योजना बनाने का, अपनी राजनीति और अपनी सोच को फिर से स्थापित करने का, और अपनी पार्टी एवं अपने देश को वह नई शुरुआत देने का, जिसके वे हकदार हैं। अब काम पर लगने का समय है, नवीनीकरण का समय है।'' उन्होंने 2029 में अगले चुनाव में पार्टी को सत्ता में वापसी के लिए तैयार करने का संकल्प लिया।
- वाशिंगटन.अमेरिका ने बुधवार को करीब 15 देशों की 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया। उनपर यूक्रेन के खिलाफ जंग में उलझे रूस के युद्ध प्रयासों को मदद करने वाले उत्पाद एवं सेवाएं देने का आरोप है। अमेरिका के वित्त और विदेश विभागों की इस साझा कार्रवाई का मकसद ‘तीसरे पक्ष के उन देशों' को दंडित करना है जिनपर रूस को भौतिक मदद पहुंचाने या यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचने में रूस की सहायता करने का आरोप है। रूस ने फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमला कर दिया था जिसके बाद अमेरिका की अगुवाई में कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। अमेरिकी वित्त विभाग ने रूस के परोक्ष रूप से मददगार देशों से संबंधित 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें 274 कंपनियों पर रूस को उन्नत प्रौद्योगिकी देने का आरोप है। प्रतिबंध के दायरे में आने वाली कंपनियों में रूस स्थित रक्षा और विनिर्माण फर्में भी शामिल हैं। ये कंपनियां यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले हथियारों से संबद्ध उत्पादों का उत्पादन या परिष्करण करती हैं। इसके अतिरिक्त अमेरिकी विदेश विभाग ने रूसी रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों एवं रक्षा कंपनियों और चीन स्थित कंपनियों के एक समूह पर राजनयिक प्रतिबंध भी लगाए हैं। ये कंपनियां दोहरे इस्तेमाल वाले रक्षा उत्पादों के निर्यात से जुड़ी हैं। वित्त विभाग के उप मंत्री वैली एडेमो ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी रूस की युद्ध मशीन की ताकत कम करने और पश्चिमी प्रतिबंधों एवं निर्यात नियंत्रणों को दरकिनार करने के प्रयासों में सहायता करने की कोशिश करने वालों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- लंदन. ऋषि सुनक ने बुधवार को ब्रिटेन की संसद में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया। इस मौके पर उन्होंने दिवाली के पर्व की कुछ यादों का जिक्र करते हुए कहा कि दो साल पहले प्रकाश के त्योहार के दौरान वह भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए थे। सुनक (44) जुलाई में आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी की हार के बाद नए नेता के निर्वाचित होने तक कंजर्वेटिव पार्टी के अंतरिम नेता के रूप में कार्य कर रहे थे। सुनक ने कहा, ‘‘मैं दिवाली के दौरान अपनी पार्टी का नेता बना और इसी त्योहार के दौरान मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रथम ब्रिटिश एशियाई प्रधानमंत्री बनने पर गर्व है, और इससे ब्रिटिश लोगों, हमारे देश और इस संसद के मूल्यों के बारे में बहुत कुछ पता चलता है।'' अक्टूबर, 2022 में दिवाली के दौरान सुनक अपनी पत्नी अक्षता और बेटियों कृष्णा और अनुष्का के साथ प्रधानमंत्री आवास ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट' में आये थे और लगातार दो वर्षों तक इसकी सीढ़ियों को दीयों और रंगोली से सजाते रहे। प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने कहा कि ब्रिटिश संसद के सभी वर्गों को इस बात पर गर्व है कि प्रधानमंत्री के रूप में सुनक ने ‘‘हमारे विविधतापूर्ण देश का प्रतिनिधित्व किया है।'' उन्होंने कई राजनीतिक असहमतियों के बावजूद विपक्ष के निवर्तमान नेता की ‘‘कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता और शालीनता'' की भी सराहना की। स्टार्मर ने कहा, ‘‘मैं ब्रिटेन और दुनियाभर में दिवाली मना रहे सभी लोगों को खुशहाल दिवाली की शुभकामनाएं देता हूं। यह एक साथ मिलकर जश्न मनाने और उज्ज्वल भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने का समय है।
- बार्सीलोना. स्पेन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में मंगलवार को अचानक आयी बाढ़ के कारण कई कारें बह गयीं और रेल सेवा बाधित हो गयी तथा प्राधिकारियों ने कई लोगों के लापता होने की सूचना दी है। अचानक आयी बाढ़ ने दक्षिण में मलागा प्रांत से लेकर पूर्व में वेलेंशिया तक तबाही मचा दी है। स्पेन के राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता ‘आरटीवीई' द्वारा प्रसारित फुटेज में पानी के तेज बहाव के कारण कारें बहती दिखायी दीं और निचले इलाकों में स्थित घरों में कई फुट तक पानी भरा दिखायी दिया। रेल प्राधिकारियों ने बताया कि मलागा के समीप एक रेलगाड़ी पटरी से उतर गई जिसमें 300 लोग सवार थे। हालांकि, कोई हताहत नहीं हुआ है। वेलेंशिया शहर और मैड्रिड के बीच हाई-स्पीड रेल सेवा बाधित है। पुलिस और बचाव सेवाओं ने लोगों को घरों तथा कारों से बाहर निकालने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। स्पेन की राष्ट्रीय मौसम सेवा के अनुसार, देश में बृहस्पतिवार तक तूफान का असर बरकरार रहने का पूर्वानुमान है।
- कैली (कोलंबिया). संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण के लिए देशों से नए संकल्प लेने का आग्रह किया और निजी क्षेत्र से भी इसमें शामिल होने का आह्वान किया। कोलंबिया के कैली में संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता शिखर सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान गुतारेस ने कहा, ‘‘प्रकृति ही जीवन है और फिर भी हम इसके खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं। यह एक ऐसा युद्ध जिसमें कोई विजेता नहीं हो सकता।'' उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन, हम कई प्रजातियों को खो रहे हैं। हर मिनट हम अपने समुद्रों, नदियों और झीलों में प्लास्टिक कचरे से भरा एक ट्रक उड़ेल रहे हैं। यह अस्तित्व के संकट जैसा है।'' कनाडा के मॉन्ट्रियल में 2022 में तय किए गए प्रस्तावों पर आगे की कार्यवाही के लिए कैली में यह शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जो कि दो सप्ताह तक जारी रहेगा। मॉन्ट्रियल में तय किए गए प्रस्तावों में धरती पर पौधों और पशु के जीवन को बचाने के लिए 23 उपायों पर काम करना शामिल है। गुतारेस ने कहा कि कोई भी देश चाहे वह अमीर हो या गरीब, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि और प्रदूषण से होने वाली तबाही से अछूता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कैली में शिखर सम्मेलन के समापन से पहले हमें नए संकल्प लेने होंगे और हमें निजी क्षेत्र को भी इसमें शामिल करना चाहिए। लोग प्रकृति को मुफ्त, अनंत संसाधन नहीं मान सकते।''
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जोहानिसबर्ग. दक्षिण अफ्रीका ने विशेष रूप से भारत और चीन से पर्यटकों की आमद बढ़ाने के मकसद से एक नयी योजना शुरू की तथा इन दोनों देशों के ‘टूर ऑपरेटरों' को इस योजना में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। गृह मंत्री डॉ. लियोन श्रेबर द्वारा इस योजना की परिकल्पना किए जाने के दो महीने बाद उनके विभाग ने मंगलवार को ‘ट्रस्टेड टूर ऑपरेटर स्कीम' (टीटीओएस) की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य पर्यटन में वृद्धि से रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। इसके बाद पर्यटन मंत्रालय और देश के पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ वीजा प्राप्त करने में अक्षमता तथा लालफीताशाही को दूर करने के तरीके खोजने के मकसद से चर्चा की गई। इन समस्याओं के कारण दक्षिण अफ्रीका इन दोनों देशों से बहुत अधिक संख्या में पर्यटक आकर्षित नहीं कर पा रहा है। विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘बाधाओं को दूर करने और गृह मंत्रालय को एक आर्थिक सक्षमकर्ता के रूप में पुनः स्थापित करने के लिए, विभाग ने आज दक्षिण अफ्रीका तथा विदेशों के स्थापित ‘टूर ऑपरेटरों' को रुचि व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया है, जो चीन और भारत से हमारे देश में अधिक पर्यटकों को लाने के लिए इस योजना पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं।'' इसमें दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 में चीनी पर्यटकों ने 10 करोड़ से अधिक विदेश यात्राएं कीं, जिनमें से दक्षिण अफ्रीका में केवल 93 हजार पर्यटक ही पहुंचे। विभाग ने कहा, ‘‘फिलहाल दक्षिण अफ्रीका आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में भारतीय पर्यटकों की हिस्सेदारी केवल 3.9 प्रतिशत है - और चीन के केवल 1.8 प्रतिशत पर्यटक है। अध्ययन से पता चलता है कि प्रति वर्ष केवल 10 प्रतिशत पर्यटकों की आमद में वृद्धि हो जाने से वार्षिक आर्थिक वृद्धि में 0.6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
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दीर अल-बला (गाजा पट्टी) . उत्तरी गाजा पट्टी में मंगलवार को इजराइल के दो हवाई हमलों में कई महिलाओं तथा बच्चों समेत कम से कम 88 लोगों की मौत हो गयी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक अस्पताल के निदेशक ने बताया कि जानलेवा चोटों से पीड़ित मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है क्योंकि सप्ताहांत में इजराइली बलों की छापेमारी के दौरान कई चिकित्सकों को हिरासत में ले लिया गया। इजराइल ने हाल के हफ्तों में उत्तरी गाजा में हवाई हमले तेज कर दिए और एक बड़ा जमीनी अभियान शुरू किया। उसने कहा कि यह हमास के उन आतंकवादियों का खात्मा करने के लिए है जो युद्ध के एक साल से अधिक समय बाद फिर से संगठित हो गए हैं। इस भीषण लड़ाई ने उत्तरी गाजा में हजारों फलस्तीनियों की बिगड़ती मानवीय स्थिति को लेकर चिंता पैदा कर दी है। गाजा तक पर्याप्त सहायता न पहुंचने को लेकर चिंताएं सोमवार को बढ़ गयीं जब इजराइल की संसद ने दो विधेयक पारित किए जो फलस्तीनी शरणार्थियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को गाजा में सहायता प्रदान करने से रोक सकते हैं। इजराइल का गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक, दोनों पर नियंत्रण है, और यह स्पष्ट नहीं है कि एजेंसी वहां कैसे काम करेगी। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की आपातकालीन सेवा ने बताया कि उत्तरी गाजा के बेत लाहिया शहर में मंगलवार को दो हमले हुए। पहले हमले में एक पांच मंजिला इमारत को निशाना बनाया गया जिसमें कम से कम 70 लोगों की मौत हो गयी और 23 लापता हैं। मंत्रालय ने बताया कि मारे गए लोगों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बेत लाहिया पर मंगलवार शाम को दूसरे हमले में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गयी।
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ह्यूस्टन (अमेरिका). अमेरिका में टेक्सास राज्य की हैरिस काउंटी में दिवाली आधिकारिक रूप से बड़ा उत्सव बन गयी है क्योंकि पहली बार निवासी 31 अक्टूबर को इस त्योहार के मद्देनजर कानूनी तौर पर पटाखे खरीद सकते हैं। हैरिस काउंटी कमिशनर्स कोर्ट ने सितंबर में इस बदलाव को मंजूरी दे दी थी। इससे पहले 2023 में राज्य में एक कानून पारित कर दिवाली को आतिशबाजी के लिए उपयुक्त अवकाश घोषित कर दिया गया था। बहरहाल, अब भी यहां कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं है लेकिन अमेरिका भर के समुदाय उत्साह के साथ दिवाली मना रहे हैं। पिछले सप्ताहांत, श्री सीता राम फाउंडेशन ने टेक्सास के रोसेनबर्ग में फोर्ट बेंड एपीसेंटर में 13वां दिवाली-दशहरा अंतरराष्ट्रीय उत्सव आयोजित किया था जिसमें तकरीबन 12,000 लोग शामिल हुए थे। फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. अरुण वर्मा ने कहा, ‘‘दिवाली हमारे लिए एक उत्सव से कहीं अधिक बढ़कर है। यह ‘वसुधैव कुटुम्बकम' को अपनाती है और हम अपनी साझा मानवता का जश्न मनाने में हर किसी का स्वागत करते हैं।'' इस वर्ष के उत्सव में वैश्विक एकता पर जोर दिया गया, जिसमें 200 से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले झंडे प्रदर्शित किए गए और यहूदी, सिख और ईसाई समूहों सहित विभिन्न समुदायों ने सक्रिय रूप से इसमें भाग लिया। दिवाली से पहले ही ह्यूस्टन में आभूषण की दुकानों में धनतेरस पर सोना खरीदने के इच्छुक ग्राहकों की संख्या बढ़ी है। इलाके में भारतीय मिठाई की कई दुकानों पर लड्डू से लेकर बर्फी तक पारंपरिक मिठाइयों के बड़े-बड़े डिब्बों की बिक्री की जा रही है।
- वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय और आवास) में दिवाली समारोह का आयोजन किया जिसमें देश भर के सांसदों, अधिकारियों और कॉर्पोरेट जगत के दिग्गजों समेत 600 से अधिक प्रतिष्ठित भारतीय अमेरिकी शामिल हुए। बाइडन ने ‘व्हाइट हाउस' के ‘ईस्ट रूम' में कहा, ‘‘राष्ट्रपति के तौर पर मुझे ‘व्हाइट हाउस' में अब तक के सबसे बड़े दिवाली समारोह की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला है। मेरे लिए इसका बहुत महत्व है। सीनेटर, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के तौर पर दक्षिण एशियाई अमेरिकी मेरे स्टाफ के प्रमुख सदस्य रहे हैं।'' चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और बाइडन की पत्नी डॉ. जिल बाइडन इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकीं। बाइडन के भाषण से पहले अमेरिकी सर्जन जनरल वाइस एडमिरल विवेक एच. मूर्ति, सेवानिवृत्त नौसैन्य अधिकारी एवं नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और ‘इंडियन-अमेरिका यूथ एक्टिविस्ट' श्रुति अमूला ने भी समारोह को संबोधित किया। इस दौरान सुनीता ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से रिकॉर्ड किया गया वीडियो संदेश भेजा। व्हाइट हाउस के ‘ब्लू रूम' में औपचारिक रूप से दीया जलाते हुए बाइडन ने कहा कि दक्षिण एशियाई अमेरिकी समुदाय ने अमेरिकी जीवन के हर हिस्से को समृद्ध किया है।
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बीजिंग, चीन ने बच्चे पैदा होने पर सब्सिडी देने और अभिभावकों की कर देनदारी में कटौती सहित कई नीतियों को घोषणा की है ताकि दंपतियों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और जनसांख्यिकी संकट को और गहराने से रोका जा सके। स्टेट काउंसिल या केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा सोमवार को जारी निर्देश में प्रसव सहायता सेवाओं को बढ़ाने, बाल देखभाल प्रणालियों का विस्तार करने, शिक्षा, आवास और रोजगार में सहायता को मजबूत करने तथा प्रसव के अनुकूल सामाजिक माहौल बनाने के लिए 13 लक्षित उपायों की रूपरेखा तैयार की गई है। जन्म दर में गिरावट के कारण पिछले वर्ष चीन विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश के मामले में भारत से पिछड़ गया। सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नवीनतम पहल में प्रसव पर सब्सिडी देने की व्यवस्था में सुधार और प्रसव से संबंधित व्यक्तिगत आयकर राहत भी शामिल है। प्रमुख प्रावधानों में मातृत्व बीमा योजना का लाभ लचीले रोजगार वाले व्यक्तियों और ग्रामीण प्रवासी श्रमिकों को भी प्रदान करना शामिल है, जो पहले से ही बुनियादी चिकित्सा बीमा योजना का हिस्सा हैं। सरकारी सीजीटीएन की खबर के मुताबिक उपयुक्त प्रसव पीड़ा निवारण और सहायक प्रजनन तकनीक सेवाओं को बीमा प्रतिपूर्ति के लिए पात्र चिकित्सा सेवाओं की सूची में जोड़ा जाएगा। हांगकांग से प्रकाशित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक नए उपायों पर जनता ने ठंडी प्रतिक्रिया दी है। माइक्रोब्लॉगिंग मंच वेइबो पर एक उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की कि ये उपाय ऐसे हैं जैसे कि ‘‘आप फरारी खरीद रहे हैं, और सरकार आपको 100 युआन का कूपन दे रही है''। चीनइ की 1.4 अरब की आबादी में तेजी से वृद्धों की संख्या बढ़ रही है। इस समय देश की कुल आबादी में 14 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 65 साल से अधिक है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक चीन की 60 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी 2023 के अंत तक 30 करोड़ तक पहुंच गई। यह संख्या 2035 तक 40 करोड़ से अधिक हो जाएगी और 2050 तक 50 करोड़ तक पहुंच जाएगी। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में जन्म दर में गिरावट एवं बच्चों के नामांकन में कमी के मद्देनजर हजारों नामी किंडरगार्टन बंद हो गए हैं। विद्यालयों को वृद्धाश्रम में बदला जा रहा है और वहां के कर्मचारियों को बुजुर्गों की देखभाल के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार द्वारा दशकों से लागू एक बच्चा की नीति के कारण देश गंभीर जनसांख्यिकी संकट से गुजर रहा है।
- वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सोमवार शाम को व्हाइट हाउस में देशभर से बड़ी संख्या में आए भारतीय अमेरिकियों के साथ दिवाली मनाएंगे। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘पिछले वर्षों की परंपरा को जारी रखते हुए राष्ट्रपति अपने भाषण से पहले ब्लू रूम में दीया जलाएंगे।'' इसके बाद वह भारतीय अमेरिकियों की एक सभा के समक्ष भाषण देंगे जिनके लिए वह एक स्वागत समारोह की मेजबानी कर रहे हैं। यह व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन का आखिरी दिवाली समारोह होगा क्योंकि वह राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘“राष्ट्रपति के भाषण में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा' की प्रतिष्ठित अंतरिक्ष यात्री और नौसेना की सेवानिवृत्त कप्तान सुनीता ‘सुनी' विलियम्स का एक वीडियो संदेश होगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से एक अभिवादन वीडियो रिकॉर्ड किया, जहां उन्होंने सितंबर में कमांडर के रूप में पदभार संभाला था।'' बयान में कहा गया है, ‘‘सुनी हिंदू धर्म को मानने वाली हैं और उन्होंने पहले भी आईएसएस से दुनिया भर के लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं भेजी हैं। वह अपनी विरासत का जश्न मनाने के लिए अपने साथ कई भारतीय/हिंदू सांस्कृतिक वस्तुओं और प्रतीक के साथ आईएसएस में हैं जिनमें समोसा से लेकर उपनिषद और भगवद गीता की प्रति शामिल हैं।''