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किन्शासा. कांगो नदी में एक नाव में आग लगने से सोमवार को कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रांतीय डिप्टी पपी एपियाना ने बताया कि नौका ईंधन लेकर राजधानी किन्शासा के पूर्वी हिस्से से मबांडाका शहर की ओर जा रही थी। उन्होंने बताया कि हादसे में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। एपियाना के मुताबिक, हादसे के बाद कम से कम 11 लोगों को बचाया गया और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कुछ और लोग लापता हैं या नहीं। इससे दो दिन पहले कांगो नदी में एक नाव पलट गई थी, जिससे उसमें सवार कम से कम 40 लोग मारे गए थे।
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ढाका. बांग्लादेश में सोमवार को एक यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर होने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। भैरब रेलवे थाने के ड्यूटी अधिकारी सिराजुल इस्लाम ने मीडिया को बताया कि दुर्घटना तब हुई जब चटोग्राम की ओर जा रही मालगाड़ी किशोरगंज में स्थानीय समयानुसार अपराह्न करीब 3.30 बजे ढाका आ रही एगारो सिंदुर एक्सप्रेस से टकरा गई। बांग्लादेश अग्निशमन सेवा एवं नागरिक सुरक्षा मीडिया प्रमुख शाहजहाँ सिकदर ने कहा, "मलबे से अब तक 15 शव बरामद किए गए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।" उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवा की एक दर्जन से अधिक इकाइयां बचाव अभियान चला रही हैं।
भैरब रेलवे थाने के एक अधिकारी के हवाले से बीडीन्यूज24 ने कहा कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के नीचे कई लोग फंसे हुए हैं। ढाका रेलवे पुलिस अधीक्षक अनवर हुसैन ने कहा, "प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार मालगाड़ी ने एगारो सिंदुर एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी।" -
बर्लिन. लेखक सलमान रुश्दी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बिना शर्त रक्षा करने का रविवार को आह्वान किया। रुश्दी को उनकी साहित्यिक रचनाओं और उनके संकल्प के लिए एक प्रतिष्ठित जर्मन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जर्मन समाचार एजेंसी ‘डीपीए' के अनुसार ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक ने कहा कि यह ऐसा समय है जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हर तरफ से हमला हो रहा है। रुश्दी को फ्रैंकफर्ट के सेंट पॉल चर्च में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘जर्मन बुक ट्रेड' के शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान दशकों की धमकियों और हिंसा के बावजूद अपना लेखन जारी रखने के लिए दिया गया। अमेरिका के न्यूयार्क शहर में अगस्त, 2022 को एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक रुश्दी पर एक व्यक्ति ने चाकू से हमला कर दिया था। भारत के मुंबई में पैदा हुए और बुकर पुरस्कार से सम्मानित रुश्दी पश्चिमी न्यूयॉर्क के शुटाउक्वा संस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान अपना व्याख्यान शुरू करने वाले ही थे कि तभी एक व्यक्ति मंच पर चढ़ा था और रुश्दी पर चाकू से हमला कर दिया। यह जर्मन पुरस्कार 1950 से दिया जा रहा है और इसके तहत 25 हजार यूरो (26,500 अमेरिकी डॉलर) दिए जाते हैं। जर्मन जूरी ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि वह रुश्दी को उनके संकल्प और जीवन के प्रति उनके सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए सम्मानित किया जायेगा।
- मस्कट ।ओमान में विभिन्न स्थानों पर भारतीयों के विवाह समारोह आयोजित करने के मामलों में पिछले साल की तुलना में दोगुनी वृद्धि हुई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।ओमान सल्तनत के विरासत एवं पर्यटन मंत्रालय के एक प्रतिनिधि ने कहा कि ओमानी अधिकारियों ने देश को भारतीय शादियों के लिए एक सुंदर और आकर्षक स्थान के रूप में स्थापित करने की तैयारी कई साल पहले ही शुरू कर दी थी।बज़ ट्रैवल टूरिज्म के कंट्री मैनेजर अर्जुन चड्ढा ने कहा, “ओमान नजदीक है और अन्य पसंदीदा स्थलों की तुलना में भारत के लिए बेहतर एयरलाइन कनेक्टिविटी है। यह भारतीय शादियों में शामिल होने के लिए यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों से आने वाले आगंतुकों के लिए भी एक आदर्श स्थान है।”चड्ढा ने बताया, ‘अपनी प्राकृतिक स्थलाकृति, आतिथ्य के मामले में वैश्विक पहचान और बेहतरीन बुनियादी ढांचे के चलते सलालाह सबसे अधिक मांग वाले स्थलों में से एक है, जो अनोखी शादियों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।’प्रतिष्ठित विवाह स्थलों में पहाड़ी इलाके में स्थित अलीला जबल अखदर और समुद्र तट के करीब मौजूद अलीला हिनू खाड़ी शामिल हैं। ये प्राकृतिक सुंदरता के मामले में काफी आकर्षक हैंअलीला हिनू बे, सलालाह हवाई अड्डे से 45 मिनट की दूरी पर स्थित है। यहां मेहमानों को पुराने तटीय शहर मिरबत में अरब संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलता है।अलीला जबल अखदर रिजॉर्ट के महाप्रबंधक पुनीत सिंह ने कहा, “जबल अखदर में सितंबर से अप्रैल तक सर्दी के दौरान, यूरोपीय लोग आते हैं जो आमतौर पर कुछ दिन मस्कट में, एक दिन रेगिस्तान में और कुछ दिन पहाड़ों पर बिताते हैं।”चड्ढा ने कहा कि ओमान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आश्चर्यजनक प्राकृतिक परिदृश्य और रोमांचक साहसिक गतिविधियां इसे भारतीय यात्रियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाती हैं।
- पेरिस । फ्रांस की राजधानी पेरिस में सुरक्षा संबंधी खतरे को लेकर वर्साय पैलेस को खाली करवा लिया गया है। यह फ्रांस के उन स्थलों में से एक है जहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। चार दिनों में दूसरी बार इस महल को बंद करना पड़ा है । एक अध्यापक पर चाकू द्वारा हमला किये जाने की घटना के बाद देश में हमलों की आशंका बढ़ गयी है, ऐसे में अलर्ट बढ़ा दिया गया है। इस पूर्व राजकीय महल के सोशल मीडिया ‘एक्स' एकाउंट पर कहा गया है, ‘‘ सुरक्षा कारणों से वर्साय पैलेस को आंगुतकों से आज मंगलवार को खाली कराया जा रहा है तथा उसके दरवाजे बंद किये जा रहे हैं। सहयोग के लिए आपका धन्यवाद।'' इस पोस्ट में इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा गया है। पुलिस ने कहा कि बम संबंधी धमकी मिलने के बाद शनिवार को भी यहां इस महल और लौवरे संग्रहालय को आंगुतकों और कर्मियों से खाली करा लिया गया था। पिछले शुक्रवार को एरास में एक संदिग्ध इस्लामिक चरमपंथी द्वारा एक स्कूली अध्यापक पर हमला किये जाने के बाद देश में सरकार ने अलर्ट स्तर बढ़ा दिया।
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तेहरान. एक अज्ञात हमलावर ने ईरान के जाने-माने फिल्म निर्देशक दारियुश मेहरजुई के घर में घुसकर उनकी और उनकी पत्नी की कथित रूप से चाकू घोंपकर हत्या कर दी। सरकारी मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी। सरकारी समाचार एजेंसी ‘इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी' (आईआरएनए) ने न्यायिक अधिकारी हुसैन फैजेली के हवाले से बताया कि दारियुश मेहरजुई और उनकी पत्नी वाहिदेह मोहम्मदिफर अपने घर पर मृत पाए गए हैं तथा दोनों की गर्दन पर चाकू से हमला किए जाने के निशान हैं। फैजेली के मुताबिक, निर्देशक की बेटी मोना मेहरजुई शनिवार रात राजधानी तेहरान से 30 किलोमीटर पश्चिम में स्थित अपने पिता के घर गई थीं, जहां उन्हें दारियुश मेहरजुई और उनकी पत्नी के शव मिले। अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने यह नहीं बताया कि हमले के पीछे का मकसद क्या है, लेकिन वाहिदेह ने कुछ सप्ताह पहले सोशल मीडिया पर शिकायत की थी कि उन्हें चाकू से हमला किए जाने की धमकी मिली है। दारियुश मेहरजुई (83) को 1970 के दशक की शुरुआत में ईरानी फिल्म की ‘न्यू वेव' मुहिम के सह-संस्थापक के रूप में जाना जाता था, जो मुख्य रूप से यथार्थवाद पर केंद्रित थी। दारियुश मेहरजुई को 1998 में शिकागो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘सिल्वर ह्यूगो' और 1993 में सैन सेबेस्टियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘गोल्डन सीशेल' पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से नवाजा गया था। उन्होंने 1960 के दशक की शुरुआत में लॉस एंजिलिस स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से सिनेमा की पढ़ाई थी।
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नई दिल्ली। पूर्व कारोबारी क्रिस्टोफर लक्सन ने न्यूजीलैंड के चुनाव में शनिवार को निर्णायक जीत हासिल की और अब वह देश के नए प्रधानमंत्री होंगे। लोगों ने छह साल की उदारवादी सरकार के बाद बदलाव के लिए वोट दिया। निवर्तमान सरकार का ज्यादातर अवधि के दौरान नेतृत्व जेसिंडा अर्डर्न ने किया था। मतगणना अब भी जारी है। इस बीच, लक्सन (53) ऑकलैंड में एक कार्यक्रम में पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी अमंदा, उनके बच्चे, विलियम और ओलीविया भी थे। उन्होंने कहा कि वह जीत से अभिभूत हैं। उन्होंने देश के लोगों का शुक्रिया अदा किया। लक्सन ने कहा- बदलाव के लिए जनता ने दिया वोट।
उन्होंने कहा, ‘आपने बदलाव के लिए वोट दिया।’ समर्थकों ने उनके चुनाव प्रचार अभियान के नारे लगाए, जिसमें देश को वापस सही राह पर लाने का वादा किया गया है।तत्कालीन प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस ने लक्सन से की फोन पर बात निवर्तमान प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस ने शनिवार शाम समर्थकों से कहा कि उन्होंने हार स्वीकार करने के लिए लक्सन को फोन किया।हिपकिंस ने कहा कि उन्हें चुनाव के ऐसे नतीजे की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने वेलिंगटन में समर्थकों से कहा, ‘लेकिन हमने पिछले छह वर्षों में जो कुछ हासिल किया है उसे लेकर मुझे आप पर गर्व है।’हिपकिंस (45) ने जनवरी में प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था। उनसे पहले देश की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न थीं। ज्यादातर मतों की गिनती होने के बाद, लक्सन की नेशनल पार्टी को करीब 40 प्रतिशत वोट मिले हैं।न्यूजीलैंड की आनुपातिक प्रतिनिधित्व वाली मतदान प्रणाली के तहत लक्सन के लिए एसीटी पार्टी के साथ गठबंधन करने की उम्मीद है। इस बीच, हिपकिंस के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी को केवल 25 प्रतिशत से अधिक वोट मिले हैं। लक्सन ने मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में कटौती करने, और अपराध के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया है। -
गजा । इज़रायल-हमास संघर्ष के 7वें दिन इज़राइल की थल सेना ने लापता लोगों का पता लगाने के लिए गाजा में कई जगहों पर तलाशी की कार्रवाई की। इज़राइल सेना ने इस बात की पुष्टि की है कि गजा में कम से कम 120 इस्रायली बंधक हैं। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि इज़रायल ने उत्तरी गजा से लगभग 11 लाख लोगों को चले जाने का आदेश दिया था। इज़रायल की सेना हमास के शासन वाली गजा पट्टी पर हवाई हमले कर रही है और उसने अनाज, पानी, ईंधन और बिजली बंद कर दी है। गजा पट्टी के लिए मिस्र से भेजी गई सहायता सामग्री को इज़रायल द्वारा रोके जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय सहायता समूहों ने मानवीय संकट गहराने की आशंका व्यक्त की है। इज़रायल-हमास युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के कम से कम 2800 लोग मारे जा चुके हैं। हमास ने सात अक्टूबर को इज़रायल पर अचानक एक बड़ा हमला कर दिया था।
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सिंगापुर. सिंगापुर के एक स्पोर्ट्स स्कूल में पिछले सप्ताह फिटनेस परीक्षण के बाद बीमार हुए भारतीय मूल के छात्र की मौत हो गई। विद्यालय ने कहा कि उसने 14 वर्षीय छात्र की मौत के संबंध में विस्तृत जांच शुरू कर दी है। चैनल न्यूज एशिया की खबर के मुताबिक, पांच अक्टूबर को 400 मीटर के फिटनेस परीक्षण के बाद प्रणव मधैक बीमार पड़ गया था। खबर के मुताबिक, प्रणव, सिंगापुर बैडमिंटन एसोसिएशन (एसबीए) राष्ट्रीय मध्यवर्ती समूह का हिस्सा था। प्रणव को नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। छात्र का अंतिम संस्कार बुधवार शाम को किया गया। 'सिंगापुर स्पोर्ट्स स्कूल' के हवाले से सीएनए ने बुधवार को कहा, '' हम मामले में विस्तृत जांच कराएंगे और हमारे सुरक्षा नियमों की समीक्षा करेंगे। साथ ही परिजनों को हर बात की जानकारी दी जाएगी।'' रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल ने कहा ''चूंकि जांच चल रही है इसलिए इस वक्त हम ज्यादा जानकारी नहीं दे पाएंगे। इस शोक की घड़ी में हम परिवार की निजता को समझते हुए लोगों का समर्थन मांगते हैं।'' स्कूल के अनुसार, प्रणव का निधन बेहद दुखद है और हम उसके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। प्रणव एक रोल मॉडल छात्र और बैडमिंटन का बेहतरीन खिलाड़ी था, तथा उसका व्यवहार बेहद अच्छा था। स्कूल ने यह भी कहा कि वह प्रणव के परिवार को समर्थन जारी रखेंगे।
प्रवण को स्कूल के फेसबुक पेज पर श्रद्धांजलि दी गई है। इसके अनुसार, प्रणव के परिवार में उसके पिता प्रेम सिंह मधैक, मां रीता मधैक, दो भाई प्रत्यूष और प्राकृत मधैक हैं। उसके चाचा राज वर्मा ने बताया कि प्रणव के माता-पिता को घटना की जानकारी तब दी गई जब एम्बुलेंस उसे लेकर अस्पताल जा रही थी। सीएनए ने वर्मा के हवाले से कहा, "जब डॉक्टर ने उसे देखा, उसके अधिकतर अंग काम नहीं कर रहे थे।" उनके अनुसार, किशोर की बाईपास सर्जरी हुई और उसके पैर का एक और ऑपरेशन हुआ था। - नई दिल्ली: अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में इकनॉमिक्स की प्रोफेसर क्लौडिया गोल्डिन (Claudia Goldin) को इस साल अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। गोल्डिन को दुनिया की दस सबसे प्रभावशाली महिला अर्थशास्त्रियों में से एक माना जाता है। उन्हें खासकर जेंडर इकनॉमिक्स को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए जाना जाता है। अमेरिका की इकॉनमी में महिलाओं की भूमिका पर उनका शोध काफी चर्चित रहा था। क्लौडिया ने साथ ही पुरुषों और महिलाओं के वेतन में अंतर के कारणों को समझने के लिए काफी शोध किया है।क्लौडिया का जन्म 1946 में न्यूयॉर्क में हुआ था। उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई करने के लिए कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया लेकिन इतिहास और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1972 में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से इंडस्ट्रियल और लेबर इकनॉमिक्स में डॉक्ट्रेट किया। 1970 के दशक में जब अमेरिका में महिला अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू हुआ तो क्लौडिया को अपना मकसद मिल गया। उन्होंने अमेरिका की इकॉनमी में महिलाओं की हिस्सेदारी का अध्ययन किया। वह ऐसे दौर में रह रही थीं जब देश अहम सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा था और महिलाओं की भूमिका के बारे में लोगों की सोच बदल रही थी।महिलाओं की भागीदारी पर रिसर्चउन्होंने अमेरिका के 200 साल के इकनॉमिक इतिहास में महिलाओं की भागीदारी का अध्ययन किया। 1990 में आई उनकी किताब Understanding the Gender Gap: An Economic History of American Women में पुरुषों और महिलाओं की सैलरी में अंतर के इतिहास के बारे में विस्तार से लिखा। 2006 में उन्होंने अपने रिसर्च पेपर The Quiet Revolution That Transformed Women’s Employment, Education, and Family में अमेरिका की इकॉनमी में महिलाओं की भूमिका को चार चरणों में बांटा। उनका कहना है कि पहले तीन चरण इवोल्यूशन वाले रहे जबकि रिवोल्यूशन का दौर 1970 के दशक के अंत में शुरू हुआ।वह कहती हैं कि इवोल्यूशनरी फेज में कई बदलाव हुए लेकिन फैसले लेने में उनकी सीमित भूमिका थी। इस कारण उनके रोजगार पर प्रभाव पड़ा। लेकिन रिवोल्यूशन के दौर में महिलाओं ने अपने करियर को अपनी व्यक्तिगत पहचान के अहम हिस्से के रूप में देखा और अपनी वर्किंग लाइफ के बारे में खुद ही फैसले लिए। क्लौडिया ने अपनी रिसर्च में पाया कि गर्भनिरोधक गोलियों की उपलब्धता बढ़ने और तलाक के मामलों में बढ़ोतरी से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा। इस कारण महिलाओं को समाज में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए प्रेरित हुईं।हालांकि इस रिवोल्यूशन ने महिलाओं और पुरुषों के बीच सैलरी के अंतर को कम नहीं किया। साल 2014 में उन्होंने एक रिसर्च पेपर A Grand Gender Convergence: Its Last Chapter में कहा कि अमेरिका और दूसरे विकसित देशों में वर्कप्लेस पर महिलाओं और पुरुषों के बीच बराबरी सुनिश्चित करने के लिए सैलरी में अंतर को कम करना आखिरी चुनौतियों में से एक है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं के पास काम करने का कम समय होता है क्योंकि उन्हें परिवार के लिए समय निकालना होता है। इसके लिए जॉब्स को रिस्ट्रक्चर करने की जरूरत है। टेक्नोलॉजी, साइंस और हेल्थकेयर में ऐसा हो चुका है।
- इस्लामाबाद। पश्चिमी अफगानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंप में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 2,000 तक पहुंच गई है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी। यह देश में दो दशकों में आए सबसे विनाशकारी भूकंप में से एक है।देश के राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण ने बताया कि पश्चिमी अफगानिस्तान में शनिवार को 6.3 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद के झटकों से मची तबाही में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल वाहिद रयान ने बताया कि हेरात में भूकंप में मारे गए लोगों की संख्या शुरुआत में बताई गई संख्या से कहीं अधिक है। उन्होंने तत्काल मदद की अपील करते हुए बताया कि करीब छह गांव तबाह हो गए हैं और सैकड़ों लोग मलबे में दबे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार देर रात मृतकों की संख्या 320 बताई थी, लेकिन बाद में कहा कि मृतक संख्या की अभी पुष्टि की जा रही है। स्थानीय प्राधिकारियों ने 100 लोगों के मारे जाने और 500 के घायल होने का अनुमान जताया था। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय ने बताया कि 465 मकान जमींदोज हो गए हैं और 135 क्षतिग्रस्त हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा, ‘‘कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका की खबरों के बीच तलाश एवं बचाव अभियान जारी रहने के कारण साझेदारों तथा स्थानीय प्राधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढ़ने का अनुमान जताया है।'' आपदा प्राधिकरण के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल्ला जन ने बताया कि भूकंप और उसके बाद आए झटकों का सबसे ज्यादा असर हेरात प्रांत के जेंदा जन जिले के चार गांवों पर पड़ा है। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केंद्र हेरात शहर से करीब 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। इसके बाद 6.3, 5.9 और 5.5 तीव्रता के तीन भूकंप के झटके भी महसूस किए गए। हेरात शहर के निवासी अब्दुल शकूर समादी ने बताया कि शहर में दोपहर के करीब भूकंप के कम से कम पांच जबरदस्त झटके महसूए किए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि उसने घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 12 एम्बुलेंस जेंदा जन भेजी हैं।
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न्यूयॉर्क। भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक अविनाश गुप्ता को 2024 के लिए प्रवासी संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन ऑफ न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी और कनेक्टिकट का अध्यक्ष नामित किया गया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआईए) जमीनी स्तर के सबसे पुराने और बड़े गैर लाभकारी संगठनों में से एक है। अविनाश गुप्ता मॉनमाउथ मेडिकल सेंटर साउथ कैंपस के मेडिकल स्टाफ के अध्यक्ष व हृदय रोग विज्ञान विभाग के प्रमुख और ओशन काउंटी बोर्ड ऑफ हेल्थ के सदस्य हैं। पूर्व में एफआईए के कार्यकारी उपाध्यक्ष रह चुके अविनाश को वर्ष 2024 के लिए प्रवासी संगठन का अध्यक्ष चुना गया है। इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, एफआईए ने अपनी वार्षिक आम बैठक में 2024 के लिए कार्यकारी दल की भी घोषणा की, जिसमें कार्यकारी उपाध्यक्ष सौरिन पारेख, उपाध्यक्ष स्मिता मिकी पटेल, दूसरे उपाध्यक्ष दीपक गोयल, महासचिव प्रीति पटेल, संयुक्त सचिव महेश दुबाल, कोषाध्यक्ष संजीव सिंह और संयुक्त कोषाध्यक्ष हरेश शाह शामिल हैं। एफआईए के अध्यक्ष अंकुर वैद्य ने कड़ी मेहनत के लिए वर्ष 2023 के कार्यकारी दल के प्रति आभार व्यक्त किया। अविनाश ने कहा कि एफआईए के उपाध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल एक सीखने की अवस्था थी और अगले एक साल में संगठन के अध्यक्ष के रूप में अपनी नई टीम के साथ उनका मकसद एफआईए को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। उन्होंने कहा कि साथ ही वह भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करेंगे।
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वाशिंगटन। ह्यूस्टन में रहने वाले एक भारतीय अमेरिकी दंपति ने टेक्सास में पहले हिंदू शिविर-स्थल के निर्माण की शुरुआत के लिए 17.5 लाख अमेरिकी डॉलर दान में दिए हैं। इस शिविर में हर गर्मियों में युवा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि अकादमिक शिक्षा प्रदान करने वाले विद्यालयों और कॉलेजों के समान ही 'हिंदू हेरिटेज यूथ' शिविर असल जिंदगी के उदाहरणों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करेगा। इतनी बड़ी राशि दान करने वाले दंपति सुभाष गुप्ता और सरोजिनी गुप्ता का कहना है कि वे शिविर को लेकर बहुत ही उत्सुक हैं क्योंकि यह अगली पीढ़ी में महत्वपूर्ण मूल्यों और जरूरी कौशल को विकसित करने का काम करेगा। सुभाष ने कहा, ''यह सबसे अच्छी चीज है, जो हम अगली पीढ़ी के लिए कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ''हम पहले ही इस देश में युवाओं को खो रहे हैं क्योंकि वे हमारे हिंदू धर्म और हमारे मूल्यों को सहेजकर रखने में रूचि नहीं रखते, इसलिए हम जो कुछ भी इसे बचाने के लिए कर सकें वह बेहतर होगा।'' यह शिविर-स्थल टेक्सास के कोलंबस में 37 एकड़ क्षेत्र में स्थित है, जो अगली गर्मियों तक बनकर पूरा हो जाएगा। यहां छह रात और पांच दिन का शिविर आयोजित किया जाएगा।
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इस्लामाबाद. अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में 6.3 तीव्रता के दो भूकंप में कम से कम 15 लोग मारे गए और लगभग 40 अन्य घायल हो गए। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल्ला जान ने बताया कि हेरात में जेंदा जान जिले के चार गांवों को भूकंप और झटकों से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि 6.3 तीव्रता के झटके आए। भूकंप का केंद्र हेरात शहर से 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। बाद में भी 5.5 तीव्रता का झटका आया। सर्वेक्षण की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया एक नक्शा इस क्षेत्र में सात भूकंपों का संकेत देता है। हेरात शहर के निवासी अब्दुल समदी ने कहा, ‘‘लोग अपने घरों से बाहर निकल गए हैं। घर, कार्यालय और दुकानें सभी खाली हैं। आगे और झटके आने की आशंका है।'' समदी ने कहा, ‘‘मैं और मेरा परिवार अपने घर के अंदर थे। मुझे भूकंप महसूस हुआ।'' समदी ने कहा कि उनका परिवार शोर मचाने लगा और बाहर निकल गया और वापस अंदर जाने से डर रहा है। टेलीफोन लाइन ठप हो जाने के कारण प्रभावित क्षेत्रों से सटीक विवरण प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में हेरात शहर में सैकड़ों लोग अपने घरों और कार्यालयों के बाहर सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। हेरात प्रांत की सीमा ईरान से लगती है। स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, भूकंप आसपास के फराह और बदगीस प्रांतों में भी महसूस किया गया। तालिबान द्वारा नियुक्त आर्थिक मामलों के उप प्रधानमंत्री अब्दुल गनी बरादर ने हेरात और बदगीस में भूकंप में मारे गए लोगों और घायलों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। जून 2022 में, पूर्वी अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंप आया, जिसमें कई मकान जमींदोज हो गए। यह भूकंप अफगानिस्तान में दो दशकों में सबसे भीषण था, जिसमें कम से कम 1,000 लोग मारे गए और लगभग 1,500 लोग घायल हो गए।
- स्टॉकहोम। ईरान की मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को महिलाओं के दमन के खिलाफ संघर्ष करने के लिए इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वे 19वीं महिला होंगी। वे अभी जेल में हैं और ईरान के प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में से एक हैं। नरगिस मोहम्मदी को 13 बार गिरफ्तार किया जा चुका है और पांच बार दोषी ठहराया गया है। उन्हें 31 साल की जेल तथा 154 कोडों की सजा सुनाई जा चुकी है।नोबेल शांति पुरस्कार 10 दिसम्बर को नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में प्रदान किया जायेगा। इसमें लगभग दस लाख अमरीकी डॉलर की राशि भी दी जायेगी।नरगिस मोहम्मदी इस समय ईरान की जेल में बंदरगिस मोहम्मदी इस समय ईरान की जेल में बंद हैं। ईरान में साल 2019 में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन की एक पीड़िता के स्मारक में शामिल होने के बाद अधिकारियों ने नवंबर में मोहम्मदी को गिरफ्तार कर लिया था। मोहम्मदी को 13 बार कैद किया गया और पांच बार दोषी ठहराया जा चुका है। नरगिस को कुल 31 साल जेल की सजा सुनाई गई है।नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिलाबता दें कि साल 2003 में मानवाधिकार कार्यकर्ता शिरीन एबादी के पुरस्कार जीतने के बाद वह नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला और दूसरी ईरानी महिला हैं।महसा अमिनी की मौत के बाद जेल गईं मोहम्मदीनरगिस मोहम्मदी 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद हुए देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन के लिए जेल गईं। महसा अमिनी पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद मौत हो गई थी। इस आंदोलन ने ईरान में साल 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से देश के कट्टरपंथियों के लिए अब तक की सबसे तीव्र चुनौतियों में से एक को जन्म दिया। आंदोलन मे सरकार की कार्रवाई में 500 से ज्यादा लोग मारे गए जबकि 22,000 से अधिक को गिरफ्तार किया गया।
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वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का पालतू श्वान ‘कमांडर' अब व्हाइट हाउस में उनके साथ नहीं रहेगा। यह फैसला कर्मचारियों और यूएस सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों को काटने की घटनाओं के बाद लिया गया। अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन की प्रवक्ता ने बुधवार देर रात यह जानकारी दी। प्रथम महिला की संचार निदेशक एलिजाबेथ एलेक्जेंडर ने बताया कि राष्ट्रपति बाइडन और उनकी पत्नी व्हाइट हाउस के कर्मचारियों और हर दिन उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मियों की सुरक्षा को महत्व देते हैं। उन्होंने ई-मेल के जरिए एक बयान में कहा,‘‘राष्ट्रपति और उनकी पत्नी यूएस सीक्रेट सर्विस सहित सभी कर्मियों के धैर्य के लिए आभारी हैं। ‘कमांडर' फिलहाल व्हाइट हाउस परिसर में नहीं हैं जबकि इसे लेकर आगे उठाए जाने वाले कदमों पर विचार किया जा रहा है।'' एलेक्जेंडर ने हालांकि यह नहीं बताया है कि दो वर्ष के जर्मन शेफर्ड नस्ल के इस श्वान को कहां भेजा गया है।
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लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को कहा कि ब्रिटेन एक नस्लवादी देश नहीं है और उनकी गाथा एक ब्रिटिश कहानी है। सुनक ने पार्टी नेता के रूप में कंजरवेटिव पार्टी के अपने पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रिटेन एक नस्लवादी देश नहीं है और उनकी त्वचा का रंग कोई ‘‘बड़ी बात'' नहीं है। उन्होंने कार्यभार संभालने के लगभग एक साल बाद इस भाषण को अपने राजनीतिक करियर का सबसे महत्वपूर्ण भाषण करार दिया। सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति ने राजनीतिक मंच पर पहली बार पदार्पण किया। वह मैनचेस्टर में कंजरवेटिव पार्टी के सम्मेलन में अपने पहले भाषण के लिए सबसे अच्छे दोस्त'' ऋषि सुनक का परिचय देने के लिए सामने आईं। इसके बाद सुनक ने अपनी योजनाओं के बारे में बताया कि उन्हें उम्मीद है कि अगले चुनावों में उन्हें ब्रिटिश जनता का जनादेश मिलेगा। सुनक ने कहा, ‘‘कभी भी किसी को यह न कहें कि यह एक नस्लवादी देश है। ऐसा नहीं है।''
उन्होंने कहा, मेरी गाथा एक ब्रिटिश कहानी है। एक कहानी इस बारे में है कि कैसे एक परिवार तीन पीढ़ियों तक थोड़े से लोगों के साथ डाउनिंग स्ट्रीट तक पहुंच सकता है।'' उन्होंने दर्शकों में अपने अग्रिम पंक्ति के कैबिनेट सदस्यों की ओर इशारा किया, जिनमें भारतीय मूल की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन और ऊर्जा मंत्री क्लेयर कॉटिन्हो भी शामिल थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पहले ब्रिटिश एशियाई प्रधानमंत्री होने पर गर्व है, लेकिन आप जानते हैं, मुझे इससे भी अधिक गर्व है कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। और बस याद रखें: यह कंजरवेटिव पार्टी थी जिसने ऐसा किया, न कि (विपक्षी) लेबर पार्टी ने।'' सुनक ने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों से जुड़ी कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा प्रस्ताव है कि भविष्य में हम धूम्रपान की उम्र हर साल एक वर्ष बढ़ा दें। इसका अर्थ है कि आज 14 साल के बच्चे को कभी भी कानूनी तौर पर सिगरेट नहीं बेची जाएगी और वे और उनकी पीढ़ी धूम्रपान मुक्त हो सकते हैं।'' - रोम। इटली के वेनिस शहर में एक बस फ्लाईओवर से नीचे गिर गई, जिससे कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए। वेनिस के एक अधिकारी के अनुसार, बस यूक्रेनी नागरिकों सहित विदेशी पर्यटकों को ले जा रही थी, तभी वह मेस्त्रे में मंगलवार को एक फ्लाईओवर से नीचे गिर गई और उसमें आग लग गई। दमकलकर्मी और अन्य आपात कर्मियों ने शवों को निकालने तथा आग बुझाने के लिए रातभर काम किया।वेनिस दमकलकर्मी दल के कमांडर माउरो लुओंगो ने कहा, ‘‘बस में लोगों ने अपने आप को आग की लपटों से घिरा पाया। घटनास्थल का दृश्य खौफनाक था। कुछ शवों को निकालने में करीब एक घंटे तक का वक्त लगा।'' वेनिस के मेयर लुइगी ब्रुगनारो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि घटनास्थल का दृश्य तबाही जैसा था और उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के लिए शहर में शोक की घोषणा की है। वेनिस शहर के एक अधिकारी रेनातो बोरासो ने बताया कि वेनिस के पुराने शहर से महज नौ किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में हुए इस हादसे में घायल हुए चार लोगों की हालत गंभीर है। मृतकों में दो बच्चे शामिल हैं। घायलों को क्षेत्र के पांच अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।स्थानीय मीडिया के मुताबिक, बस फ्लाईओवर के नीचे से गुजर रही मेस्त्रे की रेल पटरियों से कुछ मीटर दूर गिरी और उसमें आग लग गई। वेनेतो क्षेत्र के गवर्नर लुका जेइया ने आरएआई सरकारी टेलीविजन को बताया कि हादसे की वजह का अभी पता नहीं चला है। उत्तरी वेरोनो शहर के समीप 2017 में एक बस दुर्घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी। 2013 में इटली की सबसे भीषण सड़क दुर्घटनाओं में से एक में 40 लोगों की जान चली गई थी।
- कोपेनहेगन। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण के लिए मौंगी जी बावेंडी, लुईस ई ब्रूस और एलेक्सी आई एकिमोव को रसायन विज्ञान में 2023 नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है। आज क्वांटम डॉट्स नैनोटेक्नोलॉजी के टूलबॉक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रसायन विज्ञान में 2023 का नोबेल पुरस्कार विजेता सभी नैनोवर्ल्ड की खोज में अग्रणी रहे हैं। नैनोटेक्नोलॉजी के ये सबसे छोटे घटक अब टेलीविजन और एलईडी लैंप से अपनी रोशनी फैलाते हैं, और कई अन्य चीजों के अलावा ट्यूमर सेल्स को हटाते समय सर्जनों का मार्गदर्शन भी कर सकते हैं।नैनोटेक्नोलॉजी में क्वांटम डॉट्स का बहुत महत्वरसायन विज्ञान का अध्ययन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति यह सीखता है कि किसी तत्व के गुण इस बात से नियंत्रित होते हैं कि उसमें कितने इलेक्ट्रॉन हैं। हालांकि, जब पदार्थ नैनो-डायमेंशन में सिकुड़ जाता है तो क्वांटम फेनोमेना पैदा होता हैं। ये पदार्थ के आकार से नियंत्रित होते हैं। रसायन विज्ञान 2023 में नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने इतने छोटे कण बनाने में सफलता हासिल की है कि उनके गुण क्वांटम घटना से निर्धारित होते हैं। कण, जिन्हें क्वांटम डॉट्स कहा जाता है, अब नैनोटेक्नोलॉजी में बहुत महत्व रखते हैं।तीनों वैज्ञानिकों ने क्या कियारसायन विज्ञान के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष जोहान एक्विस्ट ने कहा कि क्वांटम डॉट्स में कई आकर्षक और असामान्य गुण हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके आकार के आधार पर उनके अलग-अलग रंग होते हैं। 1980 के दशक की शुरुआत में एलेक्सी एकिमोव रंगीन कांच में आकार-निर्भर क्वांटम प्रभाव बनाने में सफल रहे। यह रंग कॉपर क्लोराइड के नैनोकणों से आया और एकिमोव ने प्रदर्शित किया कि कण का आकार क्वांटम प्रभावों के माध्यम से कांच के रंग को प्रभावित करता है। कुछ साल बाद, लुई ब्रूस दुनिया के पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने किसी तरल पदार्थ में स्वतंत्र रूप से तैरते कणों में आकार-निर्भर क्वांटम प्रभाव साबित किया।
- स्टाकहोम। भौतिकी का नोबेल पुरस्कार इस बार उन तीन वैज्ञानिकों को देने की घोषणा की गई जिन्होंने सेकेंड के सबसे छोटे हिस्से के दौरान परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन का अध्ययन किया। अमेरिका में ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के पियरे अगस्टीनी, जर्मनी में मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट ऑफ क्वांटम ऑप्टिक्स तथा लुडविग मैक्सिमिलियन यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिक के फेंरेस क्रौस और स्वीडन स्थित लुंड यूनिवर्सिटी की एने लुइलिये को भौतिकी के क्षेत्र में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा जाएगा। रॉयल स्वीडिशएकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने मंगलवार को स्टाकहोम में पुरस्कार की घोषणा की। एकेडमी के अनुसार, ‘‘उनके प्रयोगों ने मानवता को परमाणुओं और कणों में इलेक्ट्रॉन की दुनिया का अन्वेषण करने के नये औजार उपलब्ध कराये हैं।'' इसमें कहा गया है कि उन्होंने ‘‘प्रकाश की अत्यंत छोटी तरंगें बनाने का तरीका प्रदर्शित किया है जिसका उपयोग उन तीव्र प्रक्रियाओं को मापने के लिए किया जा सकता है जिनमें इलेक्ट्रॉन चलते हैं या ऊर्जा बदलते हैं।'' नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाती है। यह धन पुरस्कार के संस्थापक स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति में से दिया जाता है जिनका 1896 में निधन हो गया था। पिछले साल तीन वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से यह पुरस्कार यह साबित करने के लिए जीता था कि लघु कण अलग किये जाने के बाद भी एक दूसरे से संपर्क बनाकर रखते हैं। पहले इस अवधारणा पर संदेह प्रकट किया गया था लेकिन अब वास्तविक जगत के विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए इस पर अनुसंधान किया जा रहा है।इससे पहले सोमवार को चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार काटालिन कारिको और ड्रयू वीसमैन को कोविड-19 से लड़ने के लिए एमआरएनए टीकों के विकास से संबंधित उनकी खोजों के लिए प्रदान करने की घोषणा की गयी। रसायनविज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए इस पुरस्कार की घोषणा बुधवार को की जाएगी। बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा की जाएगी। नोबेल शांति पुरस्कार शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा नौ अक्टूबर को की जाएगी। नोबेल पुरस्कार विजेताओं को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को आयोजित समारोह में सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। उनकी इच्छा के अनुसार प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार ओस्लो में प्रदान किया जाता है, वहीं अन्य समारोह स्टॉकहोम में आयोजित किये जाते हैं।
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वाशिंगटन ।अमरीका में एक असाधारण कार्यवाही में प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केवी मेकार्थी को पद से हटा दिया गया है। अमरीकी संसद के इतिहास में पहली बार सदन के अध्यक्ष को 210 के मुकाबले 216 मतों से हटाया गया। 208 डेमोक्रेटिक सदस्यों के साथ आठ रिपब्लिकन सदस्यों ने भी मेकार्थी को हटाने के पक्ष में वोट दिया। फ्लोरिडा के दक्षिणपंथी रिपब्लिकन प्रतिनिधि मेट गेट्ज ने यह प्रस्ताव रखा था। मेकार्थी पर संघीय व्यय में कटौती के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने और राष्ट्रपति जो-बाइडेन को सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया।
स्पीकर को हटाए जाने से सदन का विधायी कामकाज रूक गया है। यदि अमरीकी कांग्रेस वित्त पोषण की अवधि नहीं बढ़ाती है तो 17 नवंबर की समय-सीमा के बाद दूसरी बार सरकारी कामकाज ठप्प होने की आशंका है।संभावना है रिपब्लिकन सांसद अगले सप्ताह नये स्पीकर के चुनाव का प्रयास करेंगे। -
वाशिंगटन. भारतीय-अमेरिकियों ने विश्व की अग्रणी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के मुख्यालय रेडमंड में गणेशोत्सव मनाया और इस दौरान भगवान गणेश की 15 फुट की मूर्ति की पूजा-अर्चना की। इस मूर्ति को भक्तों ने ‘रेडमंड राजा' नाम दिया है। इस कार्यक्रम में लगभग 20,000 भारतीय-अमेरिकी शामिल हुए। यह मूर्ति रेडमंड के पार्क के बीचों-बीच एक भव्य मंच पर स्थापित की गई। इस मंच की साज-सज्जा किसी भारतीय महल की याद दिलाती है। इस मौके पर स्थानीय संगीतकारों के समूह ‘बीट्स ऑफ रेडमंड' के 150 से अधिक कलाकारों ने ढोल-ताशा बजाकर गणपति की पूजा-अर्चना की। ‘बीट्स ऑफ रेडमंड' 2019 से सिएटल के इस उपनगर में वार्षिक उत्सव का आयोजन कर रहा है। इस समूह की स्थापना दीपाली साने और आनंद यशवंत साने से की थी। भगवान गणेश की इस मूर्ति को कुशल कारीगर सुशांत ने भारत के मुंबई में बनाया और वहां से इसे रेडमंड लाया गया। मूर्ति को 40 फुट के भव्य मंच पर स्थापित किया गया। इस दौरान स्वयंसेवकों ने प्रसाद के रूप में 12,000 से अधिक लड्डू और 1,000 फल वितरित किए। इस उत्सव में कई स्थानीय नेता भी शामिल हुए। सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्यदूत के. श्रीकर रेड्डी ने भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार और सामुदायिक एकता को बढ़ावा देने में इस त्योहार के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने यह ‘‘यादगार'' कार्यक्रम आयोजित करने के लिए ‘बीट्स ऑफ रेडमंड' की सराहना की। एक मीडिया विज्ञप्ति में बताया गया कि रेड्डी ने सिएटल महानगरीय क्षेत्र में एक नया भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जाने की भी घोषणा की।
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टापाचुला (मैक्सिको) मैक्सिको में ग्वाटेमाला सीमा के निकट एक राजमार्ग पर मालवाहक ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार कम से कम 10 महिला प्रवासियों की मौत हो गई और 17 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे में मारी गई सभी महिलाएं क्यूबा की नागरिक थीं। राष्ट्रीय आव्रजन संस्थान ने बताया कि क्यूबा के जिन नागरिकों की मौत हुई है, वे सभी महिलाएं थीं और उनमें से एक की आयु 18 वर्ष से कम थी। संस्थान ने बताया कि ट्रक चालक स्पष्ट रूप से तेज गति से वाहन चला रहा था और उसने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया। ट्रक में 27 प्रवासी सवार थे। हादसे के बाद ट्रक चालक घटनास्थल से फरार हो गया। चियापास राज्य के नागरिक सुरक्षा कार्यालय ने बताया कि यह दुर्घटना रविवार को पिजिजियापन शहर के निकट एक राजमार्ग पर हुई। कार्यालय ने दुर्घटना के बाद की तस्वीरें भी साझा कीं, जिसमें राजमार्ग के एक ओर दुर्घटनाग्रस्त ट्रक लुढ़का नजर आ रहा है जबकि दूसरी ओर हादसे के शिकार लोग सड़क पर पड़े दिखाई दे रहे हैं।
- स्टाकहोम। इस बार चिकित्सा क्षेत्र का पुरस्कार काटालिन कारिको और ड्रयू वीसमैन को कोविड-19 से लड़ने के लिए एमआरएनए टीकों के विकास से संबंधित उनकी खोजों के लिए प्रदान किया जाएगा। नोबेल असेंबली के सचिव थॉमस पर्लमैन ने सोमवार को स्टाकहोम में पुरस्कार की घोषणा की।कारिको हंगरी स्थित सेगेन्स यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं, वहीं पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाते हैं। वीसमैन ने पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में कारिको के साथ यह अनुसंधान किया। पुरस्कार समिति ने कहा, ‘‘अपने अभूतपूर्व अनुसंधान के माध्यम से, जिसने एमआरएनए और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के संपर्क को लेकर हमारी समझ को मौलिक रूप से बदल दिया है, पुरस्कार विजेताओं ने आधुनिक समय में मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक के दौरान टीके के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया।'' पर्लमैन ने बताया कि जब उन्होंने इस घोषणा से कुछ देर पहले दोनों वैज्ञानिकों से संपर्क किया तो वे पुरस्कार की खबर सुनकर प्रफुल्लित हुए। शरीर क्रिया विज्ञान या चिकित्सा क्षेत्र में पिछले साल का नोबेल पुरस्कार स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो को मानव विकास की उन खोजों के लिए प्रदान किया गया था, जिन्होंने निएंडरथाल डीएनए के रहस्यों को उजागर किया था। इससे कोविड-19 के प्रति हमारी संवेदनशीलता सहित हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी मिली। इससे पहले पाबो के पिता सुन बर्गस्ट्रोम को 1982 में चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा मंगलवार को और रसायनविज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए इस पुरस्कार की घोषणा बुधवार को की जाएगी। बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा की जाएगी। नोबेल शांति पुरस्कार शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा नौ अक्टूबर को की जाएगी। नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख डॉलर) का नकद इनाम दिया जाता है। यह धन पुरस्कार के संस्थापक स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति में से दिया जाता है जिनका 1896 में निधन हो गया था।
- वाशिंगटन. अमेरिका में भारतवंशी कैंसर चिकित्सक कमल मेंघराजानी समेत 15 लोगों को ‘व्हाइट हाउस फेलो' की 2023-2024 श्रेणी के लिए चुना गया है। मेंघराजानी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति कार्यालय में तैनात किया गया है। वह ल्यूकेमिया के मरीजों का इलाज करती हैं। मेंघराजानी अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ‘व्हाइट हाउस' के वरिष्ठ कर्मचारियों, कैबिनेट सचिवों और अन्य शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों के साथ काम करते हुए एक साल बिताएंगी। ‘व्हाइट हाउस' ने 20 सितंबर को एक बयान में कहा कि न्यूयॉर्क में रहने वालीं मेंघराजानी ‘व्हाइट हाउस फेलो' की 2023-2024 श्रेणी के लिए चुने गए 15 ‘‘उल्लेखनीय रूप से प्रतिभाशाली, समर्पित और निपुण'' लोगों में से एकमात्र भारतीय अमेरिकी हैं। हाल में ‘व्हाइट हाउस' की घोषणा के बाद मेंघराजानी ने सोशल मीडिया ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस फेलो के रूप में मेरी नियुक्ति की घोषणा की। अब तक चुने गए पहले कैंसर विशेषज्ञ के रूप में मैं कैंसर उपचार और स्वास्थ्य परिणाम टीम के साथ इस नयी भूमिका में हमारे रोगियों के लिए नेतृत्व, सेवा और नवाचार करने को लेकर उत्साहित हूं।'' मेंघराजानी ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर एक पोस्ट में कहा कि वह राष्ट्रपति कार्यालय के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति कार्यालय में कैंसर उपचार और स्वास्थ्य परिणाम टीम के साथ काम करेंगी। बयान में कहा गया है कि ‘मेमोरियल स्लोअन केटरिंग कैंसर सेंटर' में संकाय सदस्य के रूप में मेंघराजानी ने शीघ्र निदान और रोकथाम पर केंद्रित कैंसर अनुसंधान किया और निकारागुआ, बोलीविया तथा युगांडा सहित वैश्विक संदर्भों में संवेदनशील आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के प्रयासों का नेतृत्व किया। बयान के अनुसार, उद्यमी के रूप में मेंघराजानी ने कैंसर के इलाज में जरूरतों को पूरा करने और तेजी से कैंसर निदान के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के इस्तेमाल को लेकर एक स्टार्टअप की सह-स्थापना की है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने गैर-लाभकारी संस्था ‘नौरिश इंटरनेशनल' को विकसित करने में मदद की, जो छात्र नेताओं को अंतरराष्ट्रीय विकास कार्यों में सामाजिक उद्यमियों के रूप में शामिल करती है। ‘व्हाइट हाउस फेलो प्रोग्राम' असाधारण युवा नेताओं को संघीय सरकार के उच्चतम स्तरों पर काम करने का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करता है। इसकी शुरुआत 1964 में की गई थी। फेलो ‘व्हाइट हाउस' के वरिष्ठ कर्मचारियों, कैबिनेट सचिवों और अन्य शीर्ष-रैंकिंग प्रशासनिक अधिकारियों के साथ काम करते हुए एक वर्ष बिताते हैं और प्रशासन को अपने समुदायों में बेहतर नेताओं के रूप में सेवा करने के लिए तैयार करते हैं।