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नयी दिल्ली. मेजबान भारत 13 जनवरी से शुरू होने वाले पहले खो खो विश्वकप का उद्घाटन मैच अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा। आयोजकों ने बुधवार को यह घोषणा की। कम से कम 24 देशों ने 13 से 19 जनवरी तक होने वाली इस प्रतियोगिता में भाग लेने की पुष्टि कर दी है। मैच इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम और नोएडा इनडोर स्टेडियम में खेले जाएंगे। खो खो विश्वकप के सीईओ विक्रम देव डोगरा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘लीग चरण के मैच 13 जनवरी से शुरू होंगे। उद्घाटन मैच 13 जनवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाएगा। इससे पहले उद्घाटन समारोह होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद 14, 15 और 16 जनवरी को भी लीग चरण के मैच खेले जाएंगे। क्वार्टर फाइनल 17 जनवरी, सेमीफाइनल 18 जनवरी और फाइनल 19 जनवरी को होगा।
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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख ऑफ स्पिनर आर अश्विन (R Ashwin) ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया।
अश्विन ने 106 मैचों में 537 विकेट के साथ टेस्ट में भारत के लिए दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में खेल से संन्यास ले लिया। वह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में केवल अनिल कुंबले (619 विकेट) से पीछे रह गए। हालांकि, अश्विन क्लब क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे।अश्विन ने गाबा में ड्रा हुए तीसरे टेस्ट के अंत में कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा। एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में आज मेरे लिए आखिरी दिन होगा।” अश्विन किसी भी प्रश्न का उत्तर दिए बजाय अपनी रिटायरमेंट की घोषणा करने के बाद चले गए।38 वर्षीय खिलाड़ी अश्विन ने एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट के रूप में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला। इस मैच में उन्होंने एक विकेट लिया। अश्विन के मंच छोड़ने के बाद रोहित ने कहा, “वह अपने फैसले को लेकर बहुत आश्वस्त थे। वह जो चाहता है, हमें उसका सम्मान करना चाहिए।”क्रिकेटर के रूप में मुझमें थोड़ी ताकत बाकी: अश्विन38 वर्षीय खिलाड़ी ने गाबा में रिपोटर्स से कहा, “अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रारूपों में एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में यह मेरा आखिरी दिन होगा। मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर के रूप में मुझमें थोड़ी ताकत बाकी है, लेकिन मैं इसे क्लब स्तर के क्रिकेट में आजमाना चाहूंगा।” उन्होंने कहा, “मुझे बहुत मजा आया। मुझे कहना होगा कि मैंने रोहित (शर्मा) और अपने कई अन्य साथियों के साथ बहुत सारी यादें बनाईं।”अपनी रिटायरमेंट को घोषणा करने से कुछ घंटे पहले अश्विन को ड्रेसिंग रूम में स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के साथ एक इमोशनल पल साझा करते देखा गया था। बीसीसीआई (BCCI) ने एक्स पर लिखा ,‘‘ अश्विन निपुणता, कौशल, प्रतिभा और नवीनता का पर्याय रहा है।’’ - ब्रिसबेन।, आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड को तीसरे टेस्ट के दौरान दाहिनी पिंडली में लगी चोट के कारण भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाकी मैचों से बाहर रहना पड़ सकता है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी। चोट के कारण हेजलवुड ब्रिसबेन टेस्ट में अब आगे नहीं खेल सकेंगे जिससे ऑस्ट्रेलिया का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर हुआ है। क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने एक बयान में कहा ,‘‘ जोश हेजलवुड की दाहिनी पिंडली में खिंचाव आ गया है जिससे वह भारत के खिलाफ ब्रिसबेन टेस्ट में आगे नहीं खेल पायेंगे । उन्हें टेस्ट श्रृंखला के बाकी मैचों से बाहर रहना पड़ सकता है ।'' तैतीस बरस के हेजलवुड चौथे दिन एक ही ओवर डाल पाये थे जब उन्हें मैदान से जाना पड़ा। उन्होंने मैदान से बाहर जाने से पहले कप्तान पैट कमिंस, स्टीव स्मिथ और फिजियो निक जोनेस से बात की । बाद में चोट की गंभीरता का पता लगाने के लिए हेजलवुड के स्कैन किए गए।ऑस्ट्रेलिया के सहायक कोच डेनियल विटोरी ने दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘वह काफी निराश हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘(उन्हें) आज सुबह वार्म-अप में यह महसूस हुआ, उन्होंने अच्छा प्रयास किया, उनके लिए दोबारा चोटिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। साइड स्ट्रेन की एक और चोट के बाद और यहां पिंडली में खिंचाव आना, यह उसके लिए बेहद कठिन है।'' हेजलवुड बाजू में खिंचाव के कारण एडीलेड में दूसरे टेस्ट से बाहर रहे थे ।हेजलवुड की जगह तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड ने ली थी जो एडीलेड टेस्ट में आस्ट्रेलियाई एकादश में थे ।मेलबर्न और सिडनी में होने वाले अंतिम दो टेस्ट के लिए बोलैंड के ऑस्ट्रेलियाई एकादश में वापसी करने की उम्मीद है। विटोरी ने कहा, ‘‘बेशक, ऐसा लग रहा है कि हेजलवुड बाहर हो जाएगा।''उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बोलैंड का प्रदर्शन उसका दावा मजबूत करता है। मेरा मतलब है कि जिस तरह से उसने एडीलेड में गेंदबाजी की, जिस तरह से वह लगातार बैक-अप तेज गेंदबाज रहा है और हर बार जब उसे मौका दिया गया, विशेषकर ऑस्ट्रेलिया में, तो उसने शानदार प्रदर्शन किया है इसलिए मुझे लगता है कि यह निष्कर्ष निकालना तार्किक है।''
- नवी मुंबई । वेस्टइंडीज ने तीन मैचों की श्रृंखला के दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय में मंगलवार को यहां भारतीय महिला टीम को 26 गेंद शेष रहते नौ विकेट से शिकस्त दी। भारत को नौ विकेट पर 159 रन पर रोकने के बाद वेस्टइंडीज ने 15.4 ओवर में एक विकेट पर लक्ष्य हासिल कर श्रृंखला को 1-1 से बराबर कर लिया। वेस्टइंडीज के लिए कप्तान हेली मैथ्यूज ने 47 गेंद में 17 चौके की मदद से 85 रन की नाबाद पारी खेली। । उन्हें सलामी बल्लेबाज किआना जोसेफ (38) और शमैन कैंपबेल (नाबाद 29) का अच्छा साथ मिला। भारत के लिए साइमा ठाकोर ने 28 रन देकर एक विकेट लिया।
- चेन्नई। विश्व शतरंज चैंपियन डी गुकेश का सोमवार को यहां हवाई अड्डे पर सैकड़ों उत्सुक प्रशंसकों, तमिलनाडु सरकार और राष्ट्रीय महासंघ के अधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया। अठारह वर्षीय गुकेश ने पिछले सप्ताह सिंगापुर में चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया और रूस के गैरी कास्परोव के लंबे समय से चले आ रहे रिकॉर्ड को तोड़ दिया। कास्परोव 1985 में 22 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बने थे। स्वदेश लौटने पर गुकेश ने उनका समर्थन करने के लिए सभी का धन्यवाद किया।मीडिया और प्रशंसकों के बीच इस युवा खिलाड़ी को करीब से देखने के लिए लगी होड़ के बीच गुकेश ने कहा, ‘‘यह शानदार है। आपके समर्थन ने मुझे बहुत ऊर्जा दी। विश्व चैंपियनशिप जीतना एक शानदार अहसास है।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत में ट्रॉफी वापस लाना बहुत मायने रखता है। इस स्वागत के लिए धन्यवाद। मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में हम साथ मिलकर जश्न मनाकर अच्छा समय बिताएंगे।'' कामराज हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद तमिलनाडु के खेल विकास प्राधिकरण और उनके स्कूल वेलाम्मल विद्यालय के कर्मचारियों ने उन्हें हवाई अड्डे के लाउंज में शॉल ओढ़ाने से पहले गुलदस्ता देकर स्वागत किया। गुकेश ने अपनी शतरंज की यात्रा वेलाम्मल स्कूल से शुरू की थी। प्रशंसकों का अभिवादन करने के बाद गुकेश फूलों और अपनी तस्वीर से सजी कार पर अपने घर के लिए रवाना हो गए।तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुकेश की ऐतिहासिक जीत के तुरंत बाद एक्स पर लिखा था, ‘‘सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन गुकेश की शानदार उपलब्धि का सम्मान करने के लिए मुझे पांच करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है! उनकी ऐतिहासिक जीत ने देश को बहुत गर्व और खुशी दी है। वह भविष्य में चमकते रहें और अधिक से अधिक ऊंचाइयों को छूएं।'' महान विश्वनाथन आनंद के बाद गुकेश विश्व खिताब जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय हैं। आनंद ने यहां अपनी अकादमी में इस किशोर के खेल को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गुकेश के लिए मौजूदा साल शानदार रहा जिसकी शुरुआत टोरंटो में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जीत से हुई जिसने उन्हें विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र का चैलेंजर बना दिया। बाद में गुकेश ने बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में भारत के पहले स्वर्ण पदक जीतने के अभियान का नेतृत्व किया। विश्व चैंपियनशिप जीतने के लिए गुकेश को 13 लाख डॉलर (लगभग 11.03 करोड़ रुपये) का नकद पुरस्कार भी मिला।
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ओस्लो. भारत की टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा सितारों से सजी ‘टीम एशिया' का हिस्सा थीं जिसने यहां वाल्डनर कप के पहले आयोजन में ‘टीम वर्ल्ड' को हराया। टीम एशिया में मनिका के अलावा टेबल टेनिस के दिग्गज चीन के मा लोंग, ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चेन मेंग, दक्षिण कोरिया के शिन युबिन और कजाकिस्तान के किरिल गेरासिमेंको शामिल थे। टीम एशिया ने रविवार को टीम वर्ल्ड को 14-0 से हराया। टीम वर्ल्ड में ट्रुल्स मोरेगार्ड, दिमित्रिज ओवत्चारोव, ह्यूगो काल्डेरानो, एड्रियाना डियाज़ और बर्नाडेट स्जोक्स जैसे खिलाड़ी थे। मनिका रविवार को एड्रियाना से अपना मैच हार गई थीं। स्वीडन के महान खिलाड़ी जान-ओवे वाल्डनर ने टेबल टेनिस को शीर्ष वैश्विक खेल बनाने के उद्देश्य से इस टूर्नामेंट की स्थापना की है। वाल्डनर कप नॉर्वे टेबल टेनिस संघ द्वारा आयोजित एक आमंत्रण टूर्नामेंट था।
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बेंगलुरू/ भारत की महिला जूनियर एशिया कप जीत की सूत्रधार रहीं दीपिका ने सफलता का श्रेय टीम के सामूहिक प्रयास को दिया और कहा कि यह उनकी साथी खिलाड़ियों के समर्थन के बिना संभव नहीं होता। दीपिका ने टूर्नामेंट का समापन शीर्ष गोल स्कोरर के रूप में किया और उनके नाम 12 गोल रहे जिसमें से पांच गोल पेनल्टी कॉर्नर से आए। शुरुआती चार मैच में 11 गोल करने वाली दीपिका ने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मैं बेहद खुश हूं कि मैं इतने गोल करने में सफल रही लेकिन यह मेरी साथियों की मदद के बिना संभव नहीं होता।'' उन्होंने कहा, ‘‘शिविर में प्रत्येक खिलाड़ी ने बहुत मेहनत की और सभी के प्रयास के बिना हम खिताब नहीं जीत पाते। अग्रिम पंक्ति की अन्य खिलाड़ियों की बदौलत हमने कई पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए और मैं उन्हें गोल में बदलने में सफल रही।'' टीम के युवा खिलाड़ियों की क्षमता पर दीपिका ने कहा, ‘‘कुछ युवा खिलाड़ियों में अविश्वसनीय क्षमता है और मुझे यकीन है कि वे टीम की सफलता को और आगे बढ़ाएंगे।'' भारत ने मस्कट में महिला जूनियर एशिया कप हॉकी के फाइनल में पेनल्टी शूट आउट में तीन बार के चैंपियन चीन को 3-2 (1-1) से हराया। टीम के प्रदर्शन से उत्साहित कप्तान ज्योति सिंह ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि ट्रेनिंग के दौरान टीम की कड़ी मेहनत आखिरकार रंग लाई। हमने पूरे टूर्नामेंट में शायद ही कोई गलती की और मुझे अपनी साथियों पर इतने उच्च स्तर का प्रदर्शन करने पर गर्व है।'' भारत पूल ए में दूसरे स्थान पर रहा जिसमें चीन, मलेशिया, थाईलैंड और बांग्लादेश भी शामिल थे। टूर्नामेंट में भारत को एकमात्र हार चीन के खिलाफ 1-2 से ग्रुप चरण में मिली। फाइनल में चीन ने दूसरे क्वार्टर में पेनल्टी स्ट्रोक पर बढ़त बनाई जबकि भारत ने तीसरे क्वार्टर में कनिका सिवाच के गोल से बराबरी हासिल कर ली। मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में गया जिसे भारत 3-2 से जीतकर चैंपियन बना।
गोलकीपर निधि ने लिहांग वैंग, जिंगयी ली और डंडन झुओ के खिलाफ शूटआउट में तीन प्रयास बचाकर सूर्खियां बटोरीं। ज्योति ने कहा, ‘‘फाइनल में चीन का सामना करना एक चुनौती थी लेकिन हमने मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और ट्रॉफी जीतकर लाए।'' उन्होंने कहा, ‘‘दीपिका ने शानदार प्रदर्शन किया। कनिका सिवाच, सुनीता टोप्पो और मुमताज खान ने भी आक्रमण में अच्छा प्रदर्शन किया और दीपिका को गोल करने में सहायता की। -
नयी दिल्ली.अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्राजील ने भारत में 13 से 19 जनवरी 2025 तक होने वाले खो-खो विश्व कप में हिस्सा लेने की पुष्टि कर दी है। कुल मिलाकर 24 देशों ने राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम और नोएडा इंडोर स्टेडियम में एक हफ्ते तक चलने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की पुष्टि की है। भारतीय खो-खो महासंघ और टूर्नामेंट की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने बताया कि प्रतियोगिता का आयोजन लीग सह नॉकआउट प्रारूप में होगा। प्रतियोगिता पुरुष और महिला दोनों वर्ग में खेली जाएगी। एशियाई देशों में इंडोनेशिया अपनी महिला टीम भेजेगा जबकि अन्य देश पुरुष और महिला दोनों टीम भेजेंगे।
मित्तल ने कहा कि 615 खिलाड़ी और 125 सहयोगी स्टाफ प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा। प्रत्येक टीम में 15 खिलाड़ी, एक कोच, एक मैनेजर और अंतरराष्ट्रीय तकनीकी अधिकारी होंगे। -
ब्रिसबेन. गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने रविवार को स्वीकार किया कि भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलियाई शतक बनाने वाले ट्रेविस हेड के खिलाफ योजनाओं को लागू करने में विफल रहे और उन्होंने उन्हें 50 से 80 ओवरों के बीच पुरानी गेंद से अपने खेल को सुधारने की बात कही। हेड और साथी शतकवीर स्टीव स्मिथ ने मेजबान टीम को तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन तीसरे सत्र में 31 ओवरों में 171 रन बनाने में मदद की। ऑस्ट्रेलिया ने स्टंप तक सात विकेट पर 405 रन का स्कोर बनाया। मोर्कल ने दिन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘हम कह सकते हैं कि वह (हेड) काफी अच्छी फॉर्म में हैं। लेकिन मुझे लगता है कि अगर आप 50 से 80 ओवरों तक देखें तो गेंद के साथ हम पिछले मैच में भी पिछड़ गए। हमने थोड़े बहुत रन लुटाए। इसलिए मुझे लगता है कि हमें इस विभाग में बेहतर होने की जरूरत है। '' उन्होंने कहा कि सुबह के सत्र में तीन विकेट लेने के बाद भारतीय गेंदबाज लय बरकरार नहीं रख सके।
मोर्कल ने कहा, ‘‘आज सुबह हमने 70 रन देकर तीन विकेट लेकर अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन दो विश्व स्तरीय खिलाड़ियों का कुछ नहीं कर सके। स्मिथ को हम जानते हैं, वह एक ऐसा खिलाड़ी है जो लंबे समय तक बल्लेबाजी कर सकते हैं और रन बना सकते हैं। उन्होंने (स्मिथ और हेड) वहां साझेदारी की और हमें दबाव में डाल दिया। '' उन्होंने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से ऐसा विभाग है जिस पर हमें ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है शायद पारी की गहराई में। हमारे पास योजना हैं लेकिन क्या हम दोनों छोर से इन योजनाओं को लागू कर रहे हैं? यह कुछ ऐसा है जिसमें हमें बेहतर होने की जरूरत है। '' दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व तेज गेंदबाज ने बताया कि हेड के खिलाफ पहले से तय योजना विफल हो गई।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मैच से पहले हमारी योजना थोड़ी ‘ओवर द विकेट' और सीधी लाइन पर गेंदबाजी करने की थी। हमें लगा कि जब हमने एडिलेड में ‘अराउंड द विकेट' गेंदबाजी की तो वह काफी अच्छा खेले। एक बार जब वह मैदान में आ गए तो टीम और आपके लिए सबसे अच्छा तरीका शायद स्कोरिंग गति को धीमा करना है क्योंकि आप जानते हैं कि वह आक्रामक होने वाले हैं। हेड को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका थोड़ा नियंत्रण लाना है। ' -
ब्रिसबेन. भारत के तेज गेंदबाज आकाश दीप भले ही तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन यहां विकेट लेने में नाकाम रहे हों लेकिन गेंद से बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें पैदा करने की उनकी क्षमता की ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने तारीफ की। स्मिथ ने रविवार को अपना 33वां टेस्ट शतक बनाया और चौथे विकेट के लिए ट्रेविस हेड (152) के साथ 241 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। उन्होंने जसप्रीत बुमराह (5/72) के चुनौतीपूर्ण स्पैल और आकाश दीप की धारदार गेंदबाजी के खिलाफ संघर्ष भी किया। स्मिथ ने गाबा में दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आकाश ने काफी अच्छी गेंदबाजी की, विशेषकर पहले स्पैल में। वह काफी मूवमेंट के साथ गेंद को घुमा रहे थे। उन्होंने वास्तव में अच्छी लेंथ से गेंदबाजी की। वह एक अच्छे गेंदबाज हैं। यह पहली बार था जब मैंने उनका सामना किया। निश्चित रूप से उनमें कुछ कौशल है।'' स्टंप्स के समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर सात विकेट पर 405 रन था। एलेक्स कैरी 47 गेंद में 45 रन बनाकर खेल रहे हैं। स्मिथ ने कहा, ‘‘जब दूसरी नई गेंद आई तो जसप्रीत आया और उसने वह किया जो हम जानते हैं कि जसप्रीत कर सकता है। वहां दो विकेट खोना दुर्भाग्यपूर्ण था। लेकिन हम इस समय काफी मजबूत स्थिति में हैं।'' स्मिथ ने 101 रन की पारी खेलकर 18 महीने के शतक के सूखे को समाप्त किया। उन्होंने हेड के साथ मैदान पर अपनी बातचीत के बारे में भी बात की जिन्होंने 160 गेंद में 152 रन बनाए। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रेविस की बल्लेबाजी देखने के लिए मेरे पास एक शानदार सीट थी। ट्रेविस लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। जिस तरह से वह शुरू से ही गेंदबाजों पर दबाव बनाने में सक्षम था, वह काफी अविश्वसनीय है।'' स्मिथ ने कहा, ‘‘वह इस समय एक विशेष खिलाड़ी है। वह बहुत अच्छा खेल रहा है और हमारी टीम की बहुत मदद कर रहा है और जब भी वह खेलने के लिए मैदान पर जाता है, गेंदबाजों पर दबाव डालता है। यह फिर से देखना अच्छा लगा।'' मैदान पर अपनी बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हम वहां एक-दूसरे से अधिक कुछ नहीं कहते। वह बस कहता है, ‘अपना काम करो'। मैं कहता हूं, ‘अपना काम करो', और हम आगे बढ़ जाते हैं।''
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नयी दिल्ली. भारत अगले साल 10 अगस्त को भुवनेश्वर में अपने पहले विश्व एथलेटिक्स ‘कॉन्टिनेंटल टूर' कार्यक्रम (कांस्य स्तर की वैश्विक प्रतियोगिता) की मेजबानी करेगा। यह जानकारी राष्ट्रीय महासंघ ने रविवार को दी। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने 2025 के प्रतियोगिता कैलेंडर को जारी करते हुए यह घोषणा की। ‘कॉन्टिनेंटल टूर' विश्व एथलेटिक्स के तत्वावधान में आयोजित ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिताओं की एक वार्षिक श्रृंखला है। यह प्रतिष्ठित डायमंड लीग के बाद अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मीट का दूसरा स्तर है। भारत में 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय परमिट मीट के बाद यह पहली वैश्विक एथलेटिक्स मीट होगी। भारत ने 2004 में नयी दिल्ली में विश्व हाफ मैराथन चैंपियनशिप की भी मेजबानी की है।
एएफआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘80 और 90 के दशक में परमिट मीट और 2004 में विश्व हाफ मैराथन के बाद यह सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक एथलेटिक्स प्रतियोगिता होगी। यह एक बड़ी उपलब्धि है और इससे देश में एथलेटिक्स को बढ़ाने में मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि भारत अगले साल एक वैश्विक स्तर के भाला फेंक की ‘बड़ी' प्रतियोगिता की मेजबानी भी कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भाला फेंक के एक बड़े वैश्विक आयोजन के लिए प्रयास कर रहे हैं।''
ओलंपिक स्वर्ण और रजत पदक विजेता नीरज चोपड़ा की सफलता के बाद भारत दुनिया में एक वैश्विक भाला पावर हाउस के रूप में उभर रहा है। वर्तमान में, देश में छह से अधिक भाला फेंक खिलाड़ी है जो 80 मीटर से अधिक की दूरी हासिल करने की क्षमता रखते हैं। -
मस्कट. गत चैंपियन भारत ने शनिवार को यहां जापान पर 3-1 की जीत के साथ अपना दबदबा कायम रखते हुए महिला जूनियर एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर लिया। मुमताज खान (चौथे), साक्षी राणा (पांचवें), दीपिका (13वें) ने पहले क्वार्टर में गोल किए जबकि जापान के लिए निको मारुयामा ने 23वें मिनट में सांत्वना गोल किया। ज्योति सिंह की अगुवाई वाली भारतीय टीम के लिए शुरुआती क्वार्टर में यह एकतरफा रहा जब सुनलिता टोप्पो ने खेल के दूसरे मिनट में खतरनाक गेंद को रोकने के लिए तेजी से दौड़कर जापान के ड्रैग-फ्लिक के अवसर को विफल कर दिया। भारत ने दो मिनट बाद गलती का फायदा उठाकर बढ़त बना ली। एक मिनट बाद साक्षी राणा ने एक और मैदानी गोल करके गत विजेता को 2-0 से आगे कर दिया। भारत ने ग्रुप मैच में चीन से मिली हार से सबक सीखा। पहले क्वार्टर में दो मिनट रहते भारत को एक पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे दीपिका ने गोल में बदलकर स्कोर 3-0 कर दिया। दूसरे क्वार्टर में जापान ने कुछ मौकों पर प्रतिद्वंद्वी सर्कल में घुसने की कोशिश की, लेकिन मजबूत डिफेंस के कारण उन्हें नाकाम कर दिया गया। जापान की खिलाड़ियों ने आखिरकार 23वें मिनट में पहला गोल किया जिससे अंतर कम हुआ और अंत तक यही स्कोर रहा। खिताबी मुकाबले में भारत का सामना चीन और दक्षिण कोरिया के बीच दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा।
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सिंगापुर. भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने बृहस्पतिवार को यहां 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने के बाद कहा, ‘मैं बस अपना सपना जी रहा हूं'। गुकेश ने उतार-चढ़ाव से भरे खिताबी मुकाबले की रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। अपनी अविश्वसनीय जीत के बाद मितभाषी गुकेश ने कहा, ‘‘मैं पिछले 10 साल से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मैंने इस सपने को हकीकत में बदला।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला। '' गुकेश ने कहा, ‘‘मैं छह-सात साल की उम्र से ही इस पल का सपना देख रहा था और इसे जी रहा था। हर शतरंज खिलाड़ी इस पल को जीना चाहता है। मैं अपना सपना जी रहा हूं। मैं कैंडिडेट्स से चैंपियनशिप तक के सफर के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। '' दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक बनने का उनका सपना तब शुरू हुआ जब उन्होंने 2013 में चेन्नई में अपने आदर्श विश्वनाथन आनंद और नॉर्वे के महान शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच विश्व चैंपियनशिप मैच देखा। उन्होंने कहा, ‘‘2013 में जब मैंने मैग्नस कार्लसन और विश्व चैंपियनशिप मैच में विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को देखा तो मुझे लगा कि एक दिन ग्लास रूम के अंदर होना बहुत अच्छा होगा। और वास्तव में वहां बैठना और अपने बगल में भारतीय ध्वज को देखना शायद सबसे अच्छा पल होगा। '' गुकेश ने कहा, ‘‘जब मैग्नस ने जीत हासिल की तो मैंने सोचा कि मैं वास्तव में भारत को खिताब वापस लाने वाला व्यक्ति बनना चाहता हूं। '' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2017 में कहा था कि मैं इतिहास का सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बनना चाहता हूं। '' पांच बार के चैंपियन आनंद के बाद गुकेश खिताब जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय बने।
गुकेश ने खुलासा किया कि शुरुआती गेम में लिरेन से हारने के बाद आनंद ने ही उन्हें ढाढस बंधाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां आया और पहला गेम ही हार गया। सौभाग्य से वापस जाते समय मैं लिफ्ट में विशी सर (आनंद) से मिला और उन्होंने कहा ‘मेरे पास केवल 11 मैच बचे थे, आपके पास 13 और बाजियां हैं, आपको मौके मिलेंगे'। '' आनंद 2006 में वेसलिन टोपालोव पर विश्व चैंपियनशिप में अपनी जीत का जिक्र कर रहे थे जिसे उन्होंने पहला गेम हारने के बाद अंततः जीता था। दिलचस्प बात यह है कि आनंद ने आखिरी क्लासिकल (12वें) गेम में वह मैच जीता था और वह भी काले मोहरों के साथ। गुकेश ने कहा, ‘‘विशी सर कभी भी आधिकारिक तौर पर टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन हम सभी जानते हैं कि वे मेरा समर्थन कर रहे थे। उन्होंने एक ट्रेनिंग शिविर में भी शिरकत की, लेकिन कुछ सत्रों के लिए दूर से भी मदद की। '' विश्व खिताब के बावजूद गुकेश ने कहा कि कार्लसन वर्तमान में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं और वे नॉर्वे के विश्व नंबर एक खिलाड़ी के खिलाफ खेलना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा लक्ष्य लंबे समय तक शीर्ष स्तर पर खेलना है। मैंने अभी अपना करियर शुरू किया है और मैं एक लंबा करियर बनाना चाहता हूं और शीर्ष पर रहना चाहता हूं। '' गुकेश ने कहा, ‘‘विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने का मतलब यह नहीं है कि मैं सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हूं, निश्चित रूप से मैग्नस कार्लसन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। मैं मैग्नस द्वारा हासिल किए गए स्तर तक पहुंचना चाहता हूं। '' उन्होंने कहा, ‘‘विश्व चैंपियनशिप में मैग्नस के खिलाफ खेलना निश्चित रूप से अद्भुत होगा, यह शतरंज में सबसे कठिन चुनौती होगी। यह मैग्नस पर निर्भर करता है, लेकिन मैं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के खिलाफ खुद को परखना पसंद करूंगा। '' इस भारतीय स्टार ने अपने प्रतिद्वंद्वी लिरेन की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए डिंग एक विश्व चैंपियन है। वह एक सच्चे चैंपियन की तरह खेले। मुझे डिंग और उनकी टीम के लिए खेद है। मैं अपने प्रतिद्वंद्वी को धन्यवाद देना चाहता हूं। '' अपने माता-पिता के योगदान के बारे में गुकेश ने कहा, ‘‘उनके लिए विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने का सपना मेरे सपने से बड़ा है। '' यह पूछे जाने पर कि ऐतिहासिक जीत के बाद चेन्नई में फोन कॉल के दौरान उनके और उनकी मां के बीच क्या हुआ तो गुकेश ने कहा, ‘‘हम दोनों रो रहे थे। '' लिरेन ने कहा, ‘‘मुझे यह महसूस करने में समय लगा कि मैंने बड़ी गलती की है। मुझे लगता है कि मैंने साल का अपना सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट खेला। '' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बेहतर कर सकता था लेकिन अंत में हार के बाद यह एक उचित परिणाम है। मुझे कोई पछतावा नहीं है। '' गुकेश ने मशहूर मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन की भी प्रशंसा की जिन्हें विश्व चैंपियनशिप की तैयारी में उनकी मदद करने के लिए शामिल किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘12वें मैच के बाद मैं ठीक से सो नहीं पा रहा था। मैंने पैडी से बात की और मैंने कुछ बदलाव किए। उसके बाद, मैंने पिछले दो दिनों में कम से कम आठ घंटे अच्छी नींद ली। इसलिए मैं मुकाबलों में तरोताजा था। नींद बहुत महत्वपूर्ण है और मैंने बदलावों का सुझाव देने के लिए पैडी को धन्यवाद दिया। '' -
नयी दिल्ली. चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का गौरव हासिल करने वाले डी गुकेश को ऐसे माता-पिता ने पाला पोसा है जिन्होंने उनके लिए अपने करियर को ब्रेक दिया और उनके सपनों के लिए ‘क्राउड-फंडिंग' से मदद लेने में संकोच नहीं किया। गुकेश ने सात साल की उम्र में अपनी नियति का सपना देखा और एक दशक से भी कम समय में इसे हकीकत में बदल दिया। यह 18 वर्षीय खिलाड़ी लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र का विश्व शतरंज चैंपियन बना। इस शानदार वर्ष में उन्होंने जहां भी प्रतिस्पर्धा की, वहां शायद ही कोई गलती की हो। लेकिन शीर्ष पर पहुँचने का सफर आसान नहीं रहा और इसमें न केवल उन्हें बल्कि उनके माता-पिता (ईएनटी सर्जन डॉ. रजनीकांत और माइक्रोबायोलॉजिस्ट पद्मा) को भी त्याग करना पड़ा। रजनीकांत को 2017-18 में अपनी ‘प्रैक्टिस' रोकनी पड़ी और पिता-पुत्र की जोड़ी ने सीमित बजट में दुनिया भर की यात्रा की। जब गुकेश अंतिम जीएम नॉर्म हासिल करने की केाशिश में जुटे थे तो उनकी मां घर के खर्चों का ख्याल रखते हुए कमाने वाली सदस्य बन गईं। गुकेश जब 17 साल की उम्र में विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र के दावेदार बन गए, तब उनके बचपन के कोच विष्णु प्रसन्ना ने अप्रैल कहा था, ‘‘उनके माता-पिता ने बहुत त्याग किया है। '' उन्होंने कहा, ‘‘ उनके पिता ने अपना करियर लगभग छोड़ दिया है। उनकी मां परिवार का खर्च उठा रही हैं जबकि उनके पिता यात्रा कर रहे हैं और वे शायद ही कभी एक-दूसरे को देख पाते हैं। '' गुकेश शतरंज के इतिहास में तीसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए। उन्होंने 12 साल सात महीने और 17 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की। चेन्नई का यह लड़का एलीट 2700 ईएलओ रेटिंग क्लब में प्रवेश करने वाला तीसरा सबसे कम उम्र का खिलाड़ी है और 2750 रेटिंग को छूने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी है। वर्ष 2024 गुकेश के करियर का सबसे बेहतरीन वर्ष होने में कोई संदेह नहीं है।
उन्होंने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीता, बुडापेस्ट में हाल ही में हुए शतरंज ओलंपियाड में टीम इंडिया को स्वर्ण पदक दिलाने के लिए शीर्ष बोर्ड पर अपना दबदबा बनाए रखा और गुरुवार को सिंगापुर में विश्व खिताब जीतना उनके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि थी। उनकी शतरंज यात्रा 2013 में एक घंटे और सप्ताह में तीन बार के सबक से शुरू हुई, जिस वर्ष विश्वनाथन आनंद ने अपना विश्व खिताब नॉर्वे के दिग्गज मैग्नस कार्लसन से गंवा दिया था। कई दफा आयु वर्ग की चैंपियनशिप जीतने वाले गुकेश 2017 में फ्रांस में एक टूर्नामेंट के बाद अंतरराष्ट्रीय मास्टर बन गए। युवा चैंपियन की शुरुआती सफलता में अंडर-9 एशियाई स्कूल चैंपियनशिप और 2018 में अंडर 12 वर्ग में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना शामिल है। गुकेश के शतरंज के प्रति जुनून ने उनके माता-पिता को उन्हें कक्षा चार के बाद पूर्णकालिक स्कूल जाने से रोकने पर मजबूर कर दिया। 2019 में नयी दिल्ली में एक टूर्नामेंट के दौरान गुकेश इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने, एक ऐसा रिकॉर्ड जिसे तब केवल रूस के सर्गेई कारजाकिन ने तोड़ा था, लेकिन बाद में अमेरिका के भारतीय मूल के प्रतिभावान अभिमन्यु मिश्रा ने भी इसे तोड़ दिया। 2022 में गुकेश ने भारतीय टीम के लिए शीर्ष बोर्ड पर खेलते हुए व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता और बुडापेस्ट में फिर से दोहराया। सितंबर 2022 में वह पहली बार 2700 से अधिक की रेटिंग पर पहुंचे और एक महीने बाद वह उस समय के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बन गए। अगला साल भी उनके लिए अच्छा रहा क्योंकि उन्होंने 2750 रेटिंग की बाधा को पार कर लिया और एकमात्र निराशाजनक क्षण तब था जब वह विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गए और विश्व चैंपियनशिप का रास्ता बंद हो गया। हालांकि पिछले साल दिसंबर में गुकेश को एक और मौका मिला क्योंकि तमिलनाडु सरकार ने एक बंद टूर्नामेंट आयोजित किया जिसमें गुकेश को एक और मौका मिला जिसमें जीत का मतलब था कैंडिडेट्स के लिए टोरंटो का टिकट। इस जीत ने उन्हें बॉबी फिशर और मैग्नस कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाला तीसरा सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बना दिया। और इस सब के बीच गुकेश के पास कोई प्रायोजक नहीं था। उन्हें पुरस्कार राशि और माता-पिता की ‘क्राउड-फंडिंग' के माध्यम से अपने वित्त का प्रबंधन करना पड़ा। कई चुनौतियों के बावजूद वह पिछले साल भारत के नंबर एक खिलाड़ी के रूप में अपने आदर्श आनंद से आगे निकल गए। और यह भाग्य का खेल था कि आनंद ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने वेस्टब्रिज-आनंद शतरंज अकादमी (वाका) में उन्हें निखारा जो 2020 में काोविड-19 महामारी के चरम के दौरान अस्तित्व में आई जिसने अधिकांश खेल गतिविधियों को रोक दिया था। -
मैड्रिड. पुर्तगाल सहित पांच अन्य देशों को 2030 में होने वाले फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी मिलने के बाद स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने कहा कि छह साल बाद होने वाला यह टूर्नामेंट बेहद खास होगा। विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा ने बुधवार को 2030 और 2034 में होने वाले विश्व कप के मेजबानों की औपचारिक घोषणा की। विश्व कप 2030 के मैच तीन महाद्वीपों के छह देशों में खेले जाएंगे। यह पहला अवसर होगा जबकि विश्व कप छह देशों में आयोजित किया जाएगा। स्पेन, पुर्तगाल और मोरक्को को इसकी संयुक्त मेजबानी सौंपी गई है लेकिन दक्षिण अमेरिकी देशों अर्जेंटीना, पैराग्वे और उरुग्वे में भी इसके एक-एक मैच आयोजित किए जाएंगे। पहला विश्व कप 1930 में उरुग्वे में आयोजित किया गया था और फीफा ने उसके 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए दक्षिण अमेरिका के इन देशों को एक-एक मैच की मेजबानी सौंपी है। रोनाल्डो ने पुर्तगाल की जर्सी पहनकर जश्न मनाते हुए अपनी तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने लिखा है,‘‘सपना सच हो गया। यह बेहद खास विश्व कप होगा। पुर्तगाल 2030 में विश्व कप की मेजबानी करके हमें गौरवान्वित करेगा।'' फीफा ने इसके साथ ही 2034 में होने वाले विश्व कप की मेजबानी सऊदी अरब को सौंपने की घोषणा भी की।
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नयी दिल्ली. सात साल बाद आयोजित हो रही आगामी हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) का देश का राष्ट्रीय प्रसारक प्रसार भारती सीधा प्रसारण करेगा। इस संबंध में प्रसार भारती के उप महानिदेशक खेल अभिषेक अग्रवाल और हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह के बीच एक समारोह में समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। राउरकेला में 28 दिसंबर को शुरू होने वाली एचआईएल का दूरदर्शन और प्रसार भारती के नए ओटीटी प्लेटफॉर्म - वेव्स के जरिए पूरे देश में सीधा प्रसारण किया जाएगा। हॉकी इंडिया लीग का यह टूर्नामेंट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पुरुषों की प्रतियोगिता के साथ-साथ पहली बार महिला लीग का भी आयोजन होगा। पुरुषों की प्रतियोगिता राउरकेला में खेली जाएगी जबकि महिलाओं की चार टीम के बीच पहला टूर्नामेंट रांची में आयोजित किया जाएगा। प्रसार भारती के अध्यक्ष नवनीत सहगल ने इस साझेदारी के महत्व पर जोर दिया।
सहगल ने कहा, ‘‘यह हॉकी के लिए गर्व का क्षण है, एक ऐसा खेल जिसने लाखों भारतीयों के दिलों में जगह बनाई है और प्रसार भारती के लिए भी क्योंकि हम हॉकी इंडिया लीग को देश के हर कोने में ले जाने के लिए एक साथ आए हैं। हमारा लक्ष्य इस प्रतिष्ठित लीग को पूरे भारत में घरों तक पहुंचाना है जिसमें दूरदराज के शहर और गांव भी शामिल हैं जहा भविष्य के हॉकी सितारे उभर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘दूरदर्शन की व्यापक पहुंच और हमारे ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्स के साथ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हॉकी इंडिया लीग एक राष्ट्रीय उत्सव बन जाए जो खेल और उसके प्रशंसकों के बीच एक गहरा संबंध बनाए।' - ब्रिसबेन। , इस महीने की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन का पदभार संभालने वाले जय शाह ने गुरुवार को 2032 ब्रिसबेन ओलंपिक आयोजन समिति के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और ग्रीष्मकालीन खेलों में क्रिकेट को शामिल करने की संभावना पर चर्चा की। क्रिकेट 128 साल बाद ओलंपिक में वापसी करेगा जब यह 2028 लॉस एंजिलिस खेलों का हिस्सा होगा। ब्रिसबेन में 2032 में क्रिकेट को शामिल करने की अभी पुष्टि नहीं हुई है। शाह ने बैठक की तस्वीरों के साथ एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘ओलंपिक आंदोलन में क्रिकेट की भागीदारी के लिए बहुत ही रोमांचक समय है - आज ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में ब्रिसबेन 2032 आयोजन समिति के साथ बैठक। हुई।'' बैठक में ब्रिसबेन 2032 आयोजन समिति की प्रमुख सिंडी हुक और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ निक हॉकले ने भाग लिया। भारतीय क्रिकेट बार्ड (बीसीसीआई) के पूर्व सचिव के भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले तीसरे क्रिकेट टेस्ट को देखने की उम्मीद है जो शनिवार से गाबा में शुरू होगा। शाह की तत्काल प्राथमिकताओं में फरवरी-मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी का समाधान खोजना है। सभी हितधारकों ने हाइब्रिड मॉडल पर सहमति व्यक्त की है लेकिन अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है जिससे टूर्नामेंट के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
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नई दिल्ली। 2024 वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के रोमांचक फाइनल में भारत के युवा खिलाड़ी गुकेश डी. ने इतिहास रच दिया। उन्होंने मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने का खिताब अपने नाम किया।फाइनल गेम पांच घंटे तक चला और ऐसा लग रहा था कि मुकाबला टाईब्रेकर में जाएगा। लेकिन अंतिम पलों में डिंग की एक गलती ने गुकेश को जीत का मौका दे दिया। गुकेश ने इस मौके को भुनाते हुए खिताब अपने नाम कर लिया।
डिंग पर समय का दबावपूरे मुकाबले में डिंग समय के दबाव में दिखे, जो इस सीरीज में उनकी कमजोरी बन गई। 23वें मूव तक डिंग के पास गुकेश से 23 मिनट कम समय बचा था। गुकेश ने इस बढ़त का फायदा उठाकर डिंग को मुश्किल स्थितियों में धकेल दिया। गुकेश ने ओपनिंग में नई रणनीतियां अपनाई, जिससे डिंग को मुश्किलें झेलनी पड़ीं।तीन हफ्ते तक चला संघर्षतीन हफ्ते तक चले इस मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों ने हर चाल के साथ दबाव बढ़ाया। सीरीज का 14वां और आखिरी क्लासिकल गेम वर्ल्ड चैंपियन का फैसला करने वाला था। जैसे-जैसे गेम अपने आखिरी चरण में पहुंचा, टाईब्रेकर की संभावना लग रही थी। लेकिन गुकेश की धैर्य और तेज रणनीति ने डिंग की रणनीतियों को तोड़ दिया।इतिहास के पन्नों में गुकेश का नामअंतिम पलों की गलती डिंग लिरेन के लिए निर्णायक साबित हुई और गुकेश ने यादगार जीत हासिल की। 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने वाले गुकेश इतिहास में सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। इस जीत के साथ उन्होंने न केवल खिताब जीता बल्कि शतरंज की दुनिया में अपनी खास पहचान बनाई। -
बेंगलुरू. प्रिया ने रीतिका को हराकर अंतिम दिन महिलाओं का 76 किग्रा का खिताब जीत लिया जिससे हरियाणा के पहलवानों ने रविवार को यहां सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में अपना दबदबा कायम रखा। हरियाणा के पहलवानों ने प्रतियोगिता के अंतिम दिन आठ में से सात वर्ग में स्वर्ण पदक जीते जिससे उनकी टीम को टीम चैंपियनशिप जीतने में मदद मिली। हरियाणा ने टूर्नामेंट का समापन 235 अंक के साथ किया। 150 अंक हासिल करने वाला महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर रहा जबकि दिल्ली 106 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहा। हरियाणा की ज्योति (53 किग्रा), मीनाक्षी (55 किग्रा), तपस्या (57 किग्रा), अंजलि (59 किग्रा), मनीषा (62 किग्रा), राधिका (68 किग्रा) और प्रिया (76 किग्रा) पोडियम के शीर्ष पायदान पर रहीं। भाग्य श्री (62 किग्रा) ने महाराष्ट्र के लिए स्वर्ण पदक जीता।
- बेंगलुरू. महिला प्रीमियर लीग की 15 दिसंबर को यहां होने वाली मिनी नीलामी में 19 स्थान के लिए 120 खिलाड़ियों की बोली लगेगी जिनमें 91 भारतीय, 29 विदेशी और एसोसिएट देशों की तीन खिलाड़ी शामिल हैं। नीलामी के लिए कुल 82 ‘अनकैप्ड' (जिसने अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हों) भारतीय खिलाड़ियों और आठ ‘अनकैप्ड' विदेशी खिलाड़ियों ने अपना पंजीकरण कराया है। गुजरात जायंट्स 4.4 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी राशि के साथ इस प्रक्रिया में उतरेगी। उन्हें मिनी नीलामी से दो विदेशी खिलाड़ियों सहित चार खिलाड़ियों की जरूरत है। यूपी वारियर्स को एक विदेशी खिलाड़ी सहित तीन स्थान भरने की जरूरत है जबकि अन्य तीन टीम मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और दिल्ली कैपिटल्स को चार-चार खिलाड़ियों को लेना होगा।
- नई दिल्ली। कप्तान रोहित शर्मा ने रविवार को कहा कि जसप्रीत बुमराह भी इंसान हैं और वह हमेशा अकेले ही विपक्षी टीम को आउट करने की जिम्मेदारी नहीं उठा सकते। उन्होंने अन्य खिलाड़ियों से इस शीर्ष तेज गेंदबाज के साथ जिम्मेदारी साझा करने का आग्रह किया।भारत को दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा और ऑस्ट्रेलियाई पारी के दौरान केवल बुमराह ही चार विकेट लेकर उभरे।रोहित ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जसप्रीत बुमराह अकेले जिम्मेदारी नहीं ले सकते। आप उनसे दोनों छोर से गेंदबाजी की उम्मीद नहीं कर सकते। अन्य खिलाड़ियों को भी आगे आकर जिम्मेदारी साझा करनी होगी। ऐसे दिन भी आएंगे जब बुमराह विकेट नहीं ले पाएंगे।"युवा हर्षित राणा को मात्र 16 ओवर में 86 रन पर ढेर कर दिया गया, लेकिन कप्तान दो टेस्ट खेलने वाले युवा खिलाड़ी को एडिलेड में व्यापक हार का कारण बनाने के खिलाफ थे।दिल्ली के तेज गेंदबाज का बचाव करते हुए कप्तान ने कहा, "एक टेस्ट मैच के आधार पर हर्षित राणा को जज करना सही बात नहीं है। मुझे नहीं लगता कि उसने कुछ गलत किया है और बिना किसी कारण के उसे बाहर करना अच्छा नहीं लगता। उसके पास एक अच्छा खिलाड़ी (ट्रैविस हेड) है जिसने उस पर दबाव बनाया। उसके पास खेलने का जज्बा और हिम्मत है।"मोहम्मद शमी को आपातकालीन आधार पर लाने के लिए कहा गया है, लेकिन रोहित ने कहा कि बंगाल के इस तेज गेंदबाज के लिए "दरवाजे खुले हैं", लेकिन उन्होंने बताया कि गेंदबाज के घुटने में सूजन आ गई है।उन्होंने कहा, "मोहम्मद शमी के लिए दरवाजे पूरी तरह खुले हैं, लेकिन सैयद मुश्ताक अली खेलते समय उनकी मांसपेशियों में सूजन आ गई। हम उन पर नजर रख रहे हैं और उन पर दबाव नहीं डालना चाहते।"कप्तान ने कहा, "बीसीसीआई की मेडिकल टीम जो महसूस करेगी, उसके आधार पर हम फैसला करेंगे।" हालांकि उनकी बॉडी लैंग्वेज बहुत आशावादी नहीं लग रही थी, लेकिन उन्हें वापस लाने पर दबाव बढ़ रहा है।सिराज-हेड मामले पर रोहित ने दी प्रतिक्रियाभारतीय कप्तान का मानना है कि हेड और तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के बीच हुई बहस को ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सिराज ने बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को शानदार शतक के बाद गुस्से में विदाई दी थी।हेड ने कहा कि उन्होंने सिराज को केवल "अच्छी गेंदबाजी" कहा था, जबकि भारतीय तेज गेंदबाज ने आरोप लगाया कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज झूठ बोल रहा है।रोहित ने अपने साथी का बचाव करते हुए कहा, "आक्रामक होने और अति आक्रामक होने के बीच एक पतली रेखा होती है। कप्तान के तौर पर यह मेरा काम है कि मैं देखूं कि कोई भी रेखा पार न करे। लेकिन कुछ शब्दों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। सिराज जानता है कि उसे टीम के लिए क्या करना है और वह वह सब कुछ करेगा जो जरूरी है।"ऑस्ट्रेलियाई मीडिया द्वारा आगे पूछे जाने पर रोहित ने कहा, "जब भारत और ऑस्ट्रेलिया खेलते हैं, तो ऐसी चीजें होती हैं। मेरा काम एक घटना को नहीं, बल्कि बड़ी तस्वीर को देखना है।"
- ब्रिसबेन। जॉर्जिया वोल और एलिसे पैरी के शतकों की मदद से आस्ट्रेलिया ने रविवार को यहां दूसरे महिला एकदिवसीय मैच में भारत को 122 रन से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली।अपना दूसरा एकदिवसीय खेल रही युवा बल्लेबाज वोल महज 87 गेंद में 101 रन की पारी के साथ करियर का पहला शतक जड़ने में सफल रही जबकि पैरी ने 75 गेंद में छह छक्के और सात चौकों की मदद से 105 रन बनाकर भारतीय गेंदबाजों पर दबदबा कायम किया।ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी का फैसला कर आठ विकेट पर 371 रन बनाने के बाद भारत की पारी को 45.5 ओवर में 249 रन पर समेट दिया।फोबे लिचफील्ड (60) और वोल की सलामी जोड़ी ने 130 रन की साझेदारी के साथ ऑस्ट्रेलिया को शानदार शुरुआत दिलायी।वोल ने इसके बाद दूसरे विकेट के लिए पैरी के साथ 92 रनों की साझेदारी की।वोल के आउट होने के बाद पैरी ने आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखी और बेथ मूनी (56) के साथ मिलकर 98 रनों की साझेदारी कर भारतीय गेंदबाजों को वापसी का मौका नहीं दिया।।भारतीय गेंदबाजों में साइमा ठाकोर सबसे सफल रही। उन्होंने 62 रन देकर तीन विकेट लिये। मिन्नू मनी ने 71 रन देकर दो विकेट जबकि रेणुका सिंह (78 रन पर एक विकेट), दीप्ति शर्मा (59 रन पर एक विकेट), और प्रिया मिश्रा (88 रन पर एक विकट) को एक-एक सफलता मिली।लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम मैच में कभी मजबूत स्थिति मे नहीं दिखी। पारी का आगाज करने उतरी रिचा घोष ने 72 गेंद में 54 रन बनाये लेकिन जेमिमा रौड्रिग्स (43) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (38) अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे।मिन्नू मनी ने आखिरी ओवरों में 45 गेंद में नाबाद 46 रन बनाये लेकिन उनका यह योगदान टीम की हार के अंतर को ही कम कर पाया।ऑस्ट्रेलिया के लिए अनाबेल सदरलैंड ने 8.5 ओवरों में 38 रन देकर चार विकेट लिये।ऑस्ट्रेलिया ने पहला मैच पांच विकेट से जीता था। श्रृंखला आखिरी मुकाबला बुधवार को वाका मैदान पर खेला जायेगा।
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ब्रिसबेन. पिछले बारह साल में अपने न्यूनतम वनडे स्कोर पर सिमटने के बाद मिली शर्मनाक हार को भुलाकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम रविवार को एलेन बॉर्डर फील्ड पर जब दूसरे मैच में आस्ट्रेलिया से खेलेगी तो बेहतर प्रदर्शन करके टीम को श्रृंखला की हार से बचाने का दारोमदार बल्लेबाजों पर होगा । अगले साल अपनी मेजबानी में होने वाले पचास ओवरों के विश्व कप से पहले भारत को अगर बल्लेबाजी और गेंदबाजी संयोजन में सुधार करना है तो आस्ट्रेलिया का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है । बारिश के कारण एक अभ्यास सत्र धुलने के बाद अधूरी तैयारी के साथ उतरी भारतीय टीम पहले मैच में 34 . 2 ओवर में 100 रन पर आउट हो गई थी मो पिछले बारह साल में इस प्रारूप में उसका न्यूनतम स्कोर था । मेजबान ने यह लक्ष्य दो सौ से अधिक गेंद बाकी रहते पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया । कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके पांच विकेट लेने वाली आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मेगान शूट के आगे जेमिमा रौड्रिग्स (42 गेंद में 23 रन) के अलावा भारत के अनुभवी बल्लेबाज टिक नहीं सके । गेंदबाजों ने हालांकि अच्छा प्रदर्शन करके आस्ट्रेलिया के पांच विकेट निकाल दिये थे लेकिन लक्ष्य इतना छोटा था कि किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं थी । भारत के लिये एकमात्र अच्छी बात तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर की अगुवाई में युवा गेंदबाजों का प्रदर्शन रहा और कोच अमोल मजूमदार ने भी स्वीकार किया कि अगर बल्लेबाज समझदारी से खेलते तो मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था । मजूमदार ने मैच के बाद कहा था ,‘‘ अगर हमारे बल्लेबाज बेहतर खेलते तो मैच हमें अच्छे स्कोर की उम्मीद थी । वैसे यह विकेट बल्लेबाजी के लिये अच्छा नहीं था क्योंकि आस्ट्रेलिया ने भी सौ रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पांच विकेट गंवा दिये ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ अगर हम बल्लेबाजी में बेहतर प्रदर्शन करते तो स्कोरबोर्ड पर और रन होते । इसके बाद तो क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है । युवा गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया जो भारतीय क्रिकेट के लिये अच्छा संकेत है । स्पिनर प्रिया मिश्रा का यह दूसरा ही अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है । उसने न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छा खेला था और आज भी प्रभावी रही ।टिटास साधू ने अच्छा पदार्पण किया जबकि रेणुका सिंह का प्रदर्शन प्रभावी रहा । '' टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के विवादास्पद फैसले के बाद भारत ने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाये, बल्लेबाजों ने खराब शॉट खेले और विकेटों के बीच दौड़ भी खराब रही । न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले महीने ही शतक जमाने वाली स्मृति मंधाना (नौ) तीसरे ओवर में शूट का पहला शिकार हुई और इसके बाद से भारतीय पारी का पतन शुरू हो गया । चोट के कारण लंबे समय बाद टीम में लौटी हरलीन देयोल कोई कमाल नहीं कर सकी जबकि युवा प्रिया पूनिया ने भी निराश किया । टी20 विश्व कप में नाकामी और व्यक्तिगत खराब प्रदर्शन के कारण दबाव में चल रही कप्तान हरमनप्रीत कौर ने शुरूआत तो अच्छी की लेकिन टिक नहीं सकी । वहीं जेमिमा रौड्रिग्स और न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला से बाहर रहने के बाद टीम में लौटी रिचा घोष ने भी निराश किया और उनके आउट होने के बाद भारतीय बल्लेबाजी में गहराई का अभाव साफ नजर आया । भारत के लिये राहत की बात गेंदबाजों का प्रदर्शन रही । रेणुका ने एक ही ओवर में एलिसे पेरी और बेथ मूनी के विकेट लेकर सनसनी फैला दी थी तो अपनी दूसरी श्रृंखला खेल रही लेग स्पिनर प्रिया मिश्रा ने दो ओवर में ग्यारह रन देकर दो विकेट चटकाये । भारत को दूसरे मैच में भी गेंदबाजों से इस प्रदर्शन के दोहराव की उम्मीद होगी जबकि आस्ट्रेलिया का ट्रंप कार्ड मेगान का शानदार फॉर्म है । टी20 विश्व कप में अपनी टीम के लिये सर्वाधिक आठ विकेट लेने वाली मेगान ने डब्ल्यूबीबीएल में एडीलेड स्ट्राइकर्स के लिये 13 विकेट लिये । उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि भारत को हलके में लेना गलती होगी और दूसरे मैच में भारतीय टीम मजबूती के साथ वापसी करेगी । मेगान ने कहा था ,‘‘ भारत को कमतर नहीं आंका जा सकता और हम आत्ममुग्ध होने की गलती नहीं करेंगे । मुझे लगता है कि भारतीय बल्लेबाज अगले मैच में मजबूती से वापसी करेंगे लेकिन मैने अपनी गेंदबाजी पर काफी काम किया है और मुझे इस लय को कायम रखने की उम्मीद है । अक्टूबर में टी 20 विश्व कप के सेमीफाइनल में हारी भारतीय टीम ने पिछले महीने न्यूजीलैंड को घरेलू वनडे श्रृंखला में 2-1 से हराया था । आस्ट्रेलिया में भारत ने अब तक सत्रह वनडे में से चार ही जीते हैं । पिछली बार 2021 में यहां तीन मैचों की श्रृंखला में आस्ट्रेलिया ने भारत को 2-1 से हराया था । आस्ट्रेलिया ने पिछली बार जनवरी में मुंबई में खेली गई श्रृंखला में तीनों मैच जीतकर क्लीन स्वीप किया था । उस श्रृंखला में 260 रन बनाने वाली फीबी लिचफील्ड ने एक बार फिर भारतीय गेंदबाजों को परेशान करते हुए सिफ 29 गेंद में 35 रन बनाये जबकि आस्ट्रेलिया के लिये पदार्पण करने वाली जार्जिया वोल ने 42 गेंद में 46 रन बनाकर भारतीयों के लिये खतरे की घंटी बजा दी है । श्रृंखला का आखिरी मैच पर्थ में ग्यारह दिसंबर को होगा ।
टीमें :
भारत : हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना, उमा छेत्री, हरलीन देयोल, रिचा घोष, तेजल हसाबनिस, मिन्नू मनी, प्रिया मिश्रा, प्रिया पूनिया, अरूंधति रेड्डी, जेमिमा रौड्रिग्स, टिटास साधू, दीप्ति शर्मा, रेणुका सिंह ठाकुर, साइमा ठाकौर, राधा यादव । आस्ट्रेलिया : ताहलिया मैकग्रा (कप्तान), एशले गार्डनर, डार्सी ब्राउन, किम गार्थ, अलाना किंग, फोबे लिचफील्ड, सोफी मोलिनू, बेथ मूनी, एलिसे पैरी, मेगान शट, अनाबेल सदरलैंड, जॉर्जिया वोल, जॉर्जिया वेयरहैम । मैच का समय : सुबह 9 . 45 भारतीय समयानुसार । - बेंगलुरू.भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम को जूनियर एशिया कप में खिताबी हैट्रिक के दौरान कुछ कड़े मुकाबलों का सामना करना पड़ा और अब खिलाड़ी अगले साल घरेलू मैदान पर होने वाले पुरुष विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। भारतीय टीम मस्कट के ओमान से बृहस्पतिवार को बेंगलुरू लौटी। टीम ने बुधवार को रोमांचक फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 5-3 से हराया। इससे पहले टीम ने मुख्य कोच पीआर श्रीजेश के नेतृत्व में सुल्तान जोहोर कप में कांस्य पदक जीता था।उप कप्तान रोहित ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए बेहद गर्व का क्षण है और अब हम चेन्नई में होने वाले जूनियर विश्व कप का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस शानदार जीत में प्रत्येक खिलाड़ी ने योगदान दिया और हमारा सामूहिक प्रयास बेहद प्रेरणादायक रहा है। कठिन मुकाबलों, खासकर जापान और पाकिस्तान के खिलाफ, ने हमारी क्षमता की परीक्षा ली लेकिन हम एकाग्र रहे और अपनी रणनीति को अंजाम दिया।'' पूल ए में शामिल भारत ने थाईलैंड, चीनी ताइपे और कोरिया पर एकतरफा जीत दर्ज की और फिर कड़े मुकाबले में जापान को 3-2 से हराया। टीम ने ग्रुप चरण में शानदार प्रदर्शन करते हुए 38 गोल दागे और उसके खिलाफ सिर्फ तीन गोल हुए।सेमीफाइनल में भारत ने मलेशिया को 3-1 से हराया जबकि फाइनल में अराइजीत सिंह हुंडल चार गोल करके कुल 10 गोल के साथ टूर्नामेंट के दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बने। कप्तान आमिर अली ने भी टीम के दृढ़ संकल्प की सराहना की।कप्तान ने कहा, ‘‘जूनियर एशिया कप में हमारा सफर असाधारण रहा। हर मैच ने अपनी चुनौतियां पेश कीं लेकिन हमारी टीम को दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का फल मिला।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे फारवर्ड खिलाड़ियों ने असाधारण प्रदर्शन किया, लगातार विरोधी डिफेंस को ध्वस्त किया और गोल करने के अवसर बनाए। पांचवीं बार यह खिताब जीतना हमारी उत्कृष्टता की खोज और हमारे अविश्वसनीय प्रशंसकों के समर्थन का प्रमाण है।''