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- बीजिंग. अमेरिका की कोको गाफ ने बेलिंडा बेंचिच को 4 . 6, 7 . 6, 6 . 2 से हराकर चाइना ओपन के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया । दूसरी वरीयता गाफ का बेंचिच के खिलाफ कैरियर रिकॉर्ड 4 . 2 का हो गया है ।पुरूष वर्ग में यानिक सिनेर का सामना सेमीफाइनल में एलेक्स डि मिनौर से होगा जबकि लर्नर टियेन की टक्कर दानिल मेदवेदेव से होगी ।
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नयी दिल्ली. दुनिया के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट ने मंगलवार को दिल्ली के खारी बावली की छतों पर जब दौड़ लगाई तो एशिया के सबसे बड़े मसालों की बाजार की पृष्ठभूमि में इतिहास और खेल का ऐसा मिलन हुआ जैसा भारत ने पहले कभी नहीं देखा था। यह पहला मौका था जब अपने मसालों और पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध खारी बावली की विरासत वाली छतें एक स्प्रिंट ट्रैक में बदल गई। बोल्ट के साथ इस मौके पर पीवी सिंधू, पीआर श्रीजेश और अनिमेष कुजूर जैसे भारतीय ओलंपिक के सितारे भी शामिल थे बोल्ट ने कहा, ‘‘पुरानी दिल्ली की मसालों से सुगंधित छतों पर दौड़ना मेरे लिए अनूठा अनुभव था। इतने ऐतिहासिक स्थल पर पीवी सिंधू, पीआर श्रीजेश और अनिमेष कुजूर जैसे भारत के बेहतरीन ओलंपियनों से साथ समय बिताना मेरे लिए ऊर्जा से भरने वाला रहा।'' बोल्ट जहां मौजूद थे उस छत से लाल किला भी दिखाई दे रहा था और सुबह की धूप में मसाले सूख रहे थे। इस दौड़ ने संस्कृति और खेल को इस तरह से एक साथ जोड़ा जो पहले कभी नहीं देखा गया था। भारतीय बैडमिंटन की दिग्गज सिंधू ने कहा, ‘‘पुरानी दिल्ली के खारी बावली में उसैन बोल्ट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दौड़ना प्रेरणादायक था। किसी खिलाड़ी के लिए वैश्विक दिग्गज के साथ इस तरह की जीवन में एक बार मिलने वाली रिले का हिस्सा बनना अविश्वसनीय जैसा है। यह वह क्षण है जो मुझे याद दिलाता है कि मैंने खेल से पहली बार प्यार क्यों किया।'' हॉकी के दिग्गज श्रीजेश ने कहा, ‘‘खारी बावली की छत पर महान उसैन बोल्ट के साथ इस रिले का हिस्सा बनना यादगार था।
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शारजाह. भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक मंगलवार को इंटरनेशनल लीग टी20 (आईएलटी20) के चौथे सत्र से पहले शारजाह वॉरियर्स टीम से जुड़ गये। कार्तिक ने वॉरियर्स टीम में श्रीलंका के विकेटकीपर बल्लेबाज कुसल मेंडिस की जगह ली। इस टीम के कोच दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जेपी डुमिनी हैं। कार्तिक ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मैं डीपी वर्ल्ड आईएलटी20 टूर्नामेंट के लिए शारजाह वॉरियर्स टीम से जुड़कर बहुत उत्साहित हूं। मैं जानता हूं कि वे एक युवा टीम है और जो कुछ खास करने की ख्वाहिश रखते है। मैं यहां आकर खुश हूं।'' कार्तिक ने कहा, ‘‘शारजाह भी उन प्रतिष्ठित स्टेडियमों में से एक है जहां हर कोई खेलना चाहता है। शारजाह वॉरियर्स फ्रेंचाइजी का हिस्सा बनना एक सपने के सच होने जैसा है।'' कार्तिक के लिए यह दूसरी विदेशी टी20 लीग होगी। वह इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में एसए20 की की टीम पार्ल रॉयल्स का हिस्सा रह चुके है। रॉयल्स के लिए उन्होंने छह पारियों में 97 रन बनाए थे। कार्तिक आईपीएल 2025 चैंपियंस रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के बल्लेबाजी कोच भी हैं।
आरसीबी में कार्तिक ने ऑस्ट्रेलिया के टिम डेविड के साथ मिलकर काम किया था, जो शारजाह वॉरियर्स के विदेशी खिलाड़ियों में से एक हैं। वॉरियर्स के मुख्य कोच डुमिनी ने कहा, ‘‘दिनेश कार्तिक सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं और उन्हें टी20 क्रिकेट में महारत हासिल है। मैं डीपी वर्ल्ड आईएलटी20 के आगामी सत्र के लिए उन्हें अपनी टीम में पाकर बहुत उत्साहित हूं।'' कार्तिक के नाम 412 टी20 मैचों में 7437 रन है। उन्होंने इस दौरान 136.66 की स्ट्राइरेट से रन बनाने के साथ 35 अर्धशतक जड़े हैं। उन्होंने भारत के लिए 60 टी20 अंतरराष्ट्रीय में 142.61 स्ट्राइक रेट से 686 रन बनाये हैं। -
नयी दिल्ली. भारत के योगेश कथुनिया ने मंगलवार को यहां विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की एफ 56 चक्का फेंक स्पर्धा में एक और रजत पदक जीता जिससे वैश्विक स्तर पर अपने पहले स्वर्ण पदक की उनकी तलाश जारी रही। कथुनिया (28 वर्ष) ने दूसरे प्रयास में चक्के को 42.49 मीटर की दूरी तक फेंककर रजत पदक जीता। वह 2019 से सभी चार विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत रहे हैं। कथुनिया ने पैरालंपिक खेलों (2021 और 2024) में दो रजत पदक के अलावा विश्व चैंपियनशिप में अपना लगातार तीसरा रजत पदक जीता। उन्होंने 2023 और 2024 में भी दो रजत पदक जीते थे। उन्होंने 2019 सत्र में कांस्य पदक भी जीता था। कथुनिया ने 2023 हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में भी रजत पदक जीता था। विश्व रिकॉर्ड धारक ब्राजील के स्टार क्लॉडनी बतिस्ता ने 45.67 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता। उनके सभी छह थ्रो कथुनिया के दिन के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से बेहतर थे। 2019 सत्र से शुरू हुई विश्व चैंपियनशिप में बतिस्ता का यह लगातार चौथा स्वर्ण पदक है। उन्होंने पिछले तीन पैरालंपिक खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता है। कथुनिया चार विश्व चैंपियनशिप और दो पैरालंपिक खेलों में ब्राजील के खिलाड़ी को नहीं हरा पाए हैं।
एफ56 श्रेणी उन एथलीटों के लिए है जो फील्ड स्पर्धाओं में बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं। इस वर्ग में विभिन्न एथलीट प्रतिस्पर्धा करते हैं जिनमें अंग विच्छेदन और रीढ़ की हड्डी की चोट वाले एथलीट भी शामिल हैं। कथुनिया ने कहा, ‘‘यह अलग एहसास है क्योंकि मैंने अपने घरेलू मैदान पर रजत पदक जीता है। मेरे परिवार के सदस्य यहां हैं और अपने परिवार के सामने प्रदर्शन करके बहुत खुश हूं। उन्होंने हमेशा मेरा बहुत साथ दिया है इसलिए यह मेरे लिए खास है।'' पहले भी उन्होंने वैश्विक स्तर पर हर बार दूसरे स्थान पर रहने पर निराशा व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले छह-सात वर्षों से रजत पदक मेरे साथ जुड़ा हुआ है लेकिन पदक के रंग में कोई गिरावट नहीं आई है लेकिन कोई बात नहीं, मेरा समय (स्वर्ण पदक जीतने का) आएगा।'' नौ साल की छोटी सी उम्र में कथुनिया को गिलियन-बैरे सिंड्रोम होने का पता चला था जो एक दुर्लभ स्व-प्रतिरक्षा विकार है। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि वह फिर कभी नहीं चल पाएंगे और जल्द ही वह व्हीलचेयर पर आ गए। लेकिन तीन साल के भीतर वह फिर से चलने लगे इसका श्रेय उनकी मां मीना देवी को जाता है जिन्होंने अपने बेटे के इलाज के लिए फिजियोथेरेपी सीखी। कथुनिया हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं। उनके पिता भारतीय सेना में सिपाही थे इसलिए उन्होंने चंडीगढ़ के इंडियन आर्मी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की और नयी दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री हासिल की। कथुनिया ने कहा कि अगर बेल्ट को सख्ती से नहीं कसा जाता तो वह और बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी थोड़े सख्त थे। बेल्ट थोड़ी अधिक कसी हुई थी जिससे मूवमेंट में बाधा आती है और दूरी हमेशा कम से कम तीन से चार मीटर कम हो जाती है।'' बैठकर थ्रो करने की स्पर्धाओं में एथलीटों को विशेष रूप से बनाए गए थ्रोइंग फ्रेम पर बैठकर छह मिनट में छह थ्रो करने होते हैं जो पट्टियों से जमीन से बंधे होते हैं। एथलीट खुद को फ्रेम पर सुरक्षित रखने के लिए पट्टियों का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि नाभि के नीचे कोई भी हरकत जजों से कई तरह के फाउल का कारण बन सकती है। सऊदी अरब के नाइफ अलमसराही ने पुरुषों की 100 मीटर टी-44 फाइनल में विश्व रिकॉर्ड के साथ जीत हासिल की। उन्होंने 10.94 सेकेंड का समय लिया। तटस्थ पैरा एथलीट डेविड द्जातिव ने पुरुषों की 200 मीटर टी-35, स्पेन के डेविड जोस पिनेडा मेजिया ने पुरुषों की 400 मीटर टी-20 और ट्यूनीशिया के यासीन घरबी ने पुरुषों की 400 मीटर टी-54 में मंगलवार सुबह चैंपियनशिप के तीन अन्य रिकॉर्ड बनाए। अलमसराही ने कहा, ‘‘मुझे यह समय हासिल करने की उम्मीद नहीं थी। मेरे मन में मैं 11 (सेकेंड) तक पहुंचने की तैयारी कर रहा था लेकिन मेरा प्रतिद्वंद्वी इतनी तेज दौड़ रहा था कि मुझे और तेज दौड़ना पड़ा।'' उन्होंने कहा, ‘‘यहां गर्मी है लेकिन यह सऊदी अरब में मेरे रहने के स्थान के समान है। और साथ ही यह ट्रैक उन सर्वश्रेष्ठ ट्रैकों में से एक है जिन पर मैंने दौड़ लगाई है।'' घरबी ने लगभग छह साल बाद वैश्विक स्तर की प्रतियोगिता में पोडियम पर जगह बनाई है। दिसंबर 2020 में एक प्रतियोगिता के इतर परीक्षण में बोल्डेनोन के लिए पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रतिबंध के कारण वह एक पैरालंपिक खेलों और दो विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाए। वह पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में पदक नहीं जीत पाए थे। -
अहमदाबाद. भारत के इंदिवर साईराम और विल्सन सिंह निंगथौजम ने सोमवार को यहां 11वीं एशियाई एक्वाटिक्स चैंपियनशिप के दूसरे दिन 10 मीटर पुरुषों की सिंक्रोनाइज्ड डाइविंग स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। भारत का कोई भी डाइविंग खिलाड़ी इससे पहले इस प्रतिष्ठित आयोजन के पदक हासिल नहीं कर पाया था। भारतीय जोड़ी यहां पदक जीतने के साथ ही अगले साल जापान के नगोया में होने वाले एशियाई खेलों में जगह बनाने की दौड़ में आ गयी है। मणिपुर के 18 वर्षीय साईराम और 32 वर्षीय विल्सन पुणे स्थित सेना खेल संस्थान (एएसआई) में प्रशिक्षण लेते हैं। भारतीय जोड़ी ने 300.66 अंकों के शानदार स्कोर के साथ कांस्य पदक हासिल किया। उन्होंने चीन के झांगयू कुई एवं झान्होंग शू (381.75) और मलेशिया के बर्ट्रेंड रोडिक्ट लिसेस एवं एनरिक एम. हेरोल्ड (329.73) के बाद तीसरा स्थान हासिल किया। तैराकी स्पर्धाओं में कुल 12 भारतीय तैराक अपनी-अपनी स्पर्धाओं के फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। दो रिले टीमें भी फाइनल में पहुंचीं। इनमें से हालांकि सिर्फ कुशाग्र रावत ही 1500 मीटर फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक जीत पाए।
रावत ने 15 मिनट 30.88 सेकंड का समय लिया। वियतनाम के हुय होंग गुयेन ने 15:15.01 के समय के साथ स्वर्ण पदक और उज्बेकिस्तान के इल्या सिबिरत्सेव ने 15:23.35 के समय के साथ रजत पदक जीता। -
गुवाहाटी. भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर को भरोसा है कि उनकी टीम के पास विश्व कप जीतने का अच्छा मौका है और उनकी उम्मीद का कारण सिर्फ घरेलू परिस्थितियों में खेलना नहीं है बल्कि पिछले कुछ समय से लगातार बेहतर प्रदर्शन करना है। हरमनप्रीत को यह आत्मविश्वास इस बात से मिला है कि विश्व कप की शुरुआत से पहले भारत ने सात बार की विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 2007 के बाद पहली बार अपने घर में हराया था। इसके बाद टीम तीसरे वनडे मैच में 413 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए ज्यादातर समय तक मजबूत स्थिति में थी। हरमनप्रीत ने भारतीय टीम के श्रीलंका के खिलाफ पहले मैच की पूर्व संध्या पर कहा, हमारे लिए जीतने का मौका काफी ज्यादा है। मैं यह सिर्फ इसलिए नहीं कह रही कि हमें घरेलू परिस्थितियों का फायदा मिलेगा।'' भारतीय कप्तान ने कहा, हमने जितना क्रिकेट खेला है और हाल के दिनों में हमें जो नतीजे मिले हैं, वह दिखाते हैं कि हमारी टीम में विकल्प की कमी नहीं है। चाहे वह बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी। हमने लगभग सभी क्षेत्रों में सुधार किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास मौके हैं लेकिन कल हम अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। ऐसे में हमारा मुख्य ध्यान अच्छी शुरुआत करने पर है।'' हरमनप्रीत ने कहा, यह हमारे लिए एक बहुत ही रोमांचक क्षण है और मैं चाहती हूं कि हम सभी एक बहुत ही सकारात्मक मानसिकता के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सके।'' हरमनप्रीत का यह पांचवा विश्व कप होगा, लेकिन 36 वर्षीय यह खिलाड़ी पहली बार वनडे विश्व कप में भारत का नेतृत्व करेंगी।
हरमनप्रीत ने इस पल को बचपन का सपना सच होने जैसा करार देते हुए कहा, मैं इतने वर्षों से कप्तानी कर रही हूं, खासकर टी20 विश्व कप में। वनडे विश्व कप में मैं पहली बार टीम का नेतृत्व करने जा रही हूं। मुझे आईसीसी विश्व कप में कप्तानी का अनुभव है लेकिन एकदिवसीय विश्व कप में अपनी टीम का नेतृत्व करना मेरे सपनों में से एक था। इसलिए मैं और मेरी टीम इस विश्व कप को जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।'' भारत ने पिछले टी20 विश्व कप के बाद से ही 50 ओवर के क्रिकेट पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। टीम ने इस दौरान कई बार 300 से अधिक रन बनाकर जीत दर्ज की और इससे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ है। हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘हमने पिछले टी20 विश्व कप के बाद निश्चित रूप से अधिक एकदिवसीय क्रिकेट खेला है और हमने अधिक मैच जीते हैं। कई बार हमने 300 से ज्यादा रन बनाये है। कई सकारात्मक पहलू हैं। हमें इन चीजों से आत्मविश्वास मिलेगा। -
नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के दौरान ‘प्रोमिस ट्र चिल्ड्रन' डिजिटल अभियान शुरू करने की सोमवार को घोषणा की। इस अभियान के तहत क्रिकेट प्रशंसकों, खिलाड़ियों और दर्शकों से सबसे कमजोर बच्चों समेत सभी बच्चों को समान अवसर दिलाए जाने के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया जाएगा। यूनिसेफ द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यूनिसेफ के राष्ट्रीय राजदूत एवं अभिनेता आयुष्मान खुराना और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप-कप्तान स्मृति मंधाना द्वारा समर्थित इस अभियान का उद्देश्य एकजुट करने की क्रिकेट की ताकत का उपयोग करते हुए बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना है। बच्चों के इन अधिकारों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोषण, सुरक्षित जल, स्वच्छता और हिंसा से सुरक्षा शामिल है। विश्व क्रिकेट संस्था के अध्यक्ष जय शाह ने कहा, ‘‘आईसीसी दुनिया भर में लड़कियों और लड़कों को समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रॉमिस टू चिल्ड्रन अभियान के माध्यम से आईसीसी और यूनिसेफ बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों से लेकर प्रशंसकों तक क्रिकेट समुदाय को शामिल करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे स्वस्थ, पोषित, शिक्षित और खेलने में सक्षम हों।'' यूनिसेफ भारत की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्रे ने कहा, ‘‘अरबों प्रशंसकों वाले क्रिकेट की बराबरी कोई नहीं कर सकता। यूनिसेफ-आईसीसी साझेदारी प्रत्येक लड़की और लड़के के लिए समान अवसर पैदा करने की संयुक्त प्रतिबद्धता पर आधारित है।'' यूनिसेफ के राष्ट्रीय राजदूत के रूप में जुड़े खुराना ने कहा कि उन्हें इस पहल का हिस्सा बनने पर गर्व है। अभिनेता ने कहा, ‘‘चाहे बड़ा हो या छोटा, प्रत्येक वादा वास्तविक परिवर्तन में योगदान दे सकता है और एक ऐसे समाज के निर्माण में मदद कर सकता है जिसमें सभी को समान अधिकार मिलें।'' मंधाना ने कहा, ‘‘एक क्रिकेटर होने के नाते मैं जानती हूं कि यह खेल कैसे महान समानता लाने वाला खेल है। ‘प्रोमिस टू चिल्ड्रन' एक व्यक्तिगत प्रतिबद्धता और सामूहिक ज़िम्मेदारी है ताकि बच्चों को एक खुशहाल, स्वस्थ और सुरक्षित बचपन मिल सके।'' बयान में कहा गया है कि इस अभियान में बच्चों के साथ क्रिकेट क्लीनिक, पूर्व क्रिकेटरों के साथ गोलमेज चर्चा, खिलाड़ियों और कमेंटेटर के साथ डिजिटल जुड़ाव और विश्व कप के दौरान ऑनलाइन और प्रसारण प्लेटफार्म पर जागरूकता अभियान शामिल होंगे। विश्व कप की मेजबानी भारत और श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी।
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लंदन. इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिस वोक्स ने पिछले हफ्ते एशेज टीम में जगह नहीं मिलने के बाद सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर वोक्स ने इंग्लैंड के क्रिकेटर के रूप में अपने 15 साल के करियर में 62 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 2034 रन बनाए और 192 विकेट लिए। वोक्स (36 वर्ष) ने 122 एकदिवसीय और 33 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले जिनमें उन्होंने क्रमशः 1524 और 147 रन बनाए। उन्होंने सफेद गेंद के प्रारूप में कुल 204 विकेट चटकाए। वोक्स ने कहा, ‘‘वह क्षण आ गया है और मैंने फैसला किया है कि मेरे लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का सही समय आ गया है।'' वोक्स ने अपना आखिरी टेस्ट मैच भारत के खिलाफ द ओवल में खेला था जब वह पांचवें टेस्ट में मेहमान टीम को श्रृंखला बराबर करने से रोकने की नाकाम कोशिश करते हुए अपनी बांह को पट्टी से बांधकर बल्लेबाजी करने आए थे। उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड के लिए खेलना एक ऐसी चीज थी जिसका मैं बचपन से ही सपना देखता था और मैं उन सपनों को जीने के लिए बेहद भाग्यशाली महसूस करता हूं।'' वोक्स ने कहा, ‘‘इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करना, ‘थ्री लायंस' के ठप्पे वाली जर्सी पहनना और पिछले 15 वर्षों में टीम के साथियों के साथ मैदान साझा करना, ऐसी चीजें हैं जिन्हें मैं बहुत गर्व के साथ याद करूंगा।'' वोक्स इंग्लैंड की दो आईसीसी विश्व कप जीत का हिस्सा थे। उनकी मौजूदगी वाली इंग्लैंड की टीम ने 2019 का घरेलू एकदिवसीय विश्व कप और 2022 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ टी20 विश्व कप जीता। उन्होंने कहा, ‘‘2011 में ऑस्ट्रेलिया में पदार्पण करना कल की बात लगती है लेकिन जब आप चीजों का लुत्फ उठाते हैं तो समय तेजी से निकल जाता है। दो विश्व कप जीतना और कुछ अद्भुत एशेज श्रृंखलाओं का हिस्सा होना ऐसा है जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था और मेरे साथियों के साथ वे यादें और जश्न हमेशा मेरे साथ रहेंगे।'' वोक्स ने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता, मेरी पत्नी एमी और हमारी बेटियां लैला और एवी, इतने वर्षों तक आपके अटूट प्यार, समर्थन और त्याग के लिए शुक्रिया। आपके बिना यह सब संभव नहीं होता।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं काउंटी क्रिकेट खेलना जारी रखने और निकट भविष्य में फ्रेंचाइजी क्रिकेट में और अधिक अवसरों की तलाश करने के लिए उत्सुक हूं।
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दुबई. भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि कोई टूर्नामेंट जीतने के बाद किसी चैम्पियन टीम को ट्रॉफी नहीं दिया जाना उन्होंने पहले कभी नहीं देखा लेकिन यह भी कहा कि उनकी असली ट्रॉफी उनके 14 ‘अनमोल' साथी खिलाड़ी हैं । पाकिस्तान को दो सप्ताह के भीतर तीसरी बार हराने के साथ भारत ने एशिया कप जीता । सूर्यकुमार और उनकी टीम ने एशियाई क्रिकेट परिषद और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था । नकवी अपने भारत विरोधी रवैये के लिये जाने जाते हैं । भारतीय टीम ने नकवी से ट्रॉफी नहीं ली और नकवी मंच से उतरकर ट्रॉफी अपने साथ ले गए ।
सूर्यकुमार ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ जब से मैने क्रिकेट खेलना या देखना शुरू किया है, मैने ऐसा पहले कभी नहीं देखा कि विजयी टीम को ट्रॉफी नहीं दी गई हो । और वह भी इतनी मेहनत से जीती गई ट्रॉफी । ऐसा नहीं है कि हमने आसानी से जीत ली । हमने काफी मेहनत से यह टूर्नामेंट जीता था ।'' उन्होंने मुस्कुराहट के पीछे अपनी मायूसी छिपाते हुए कहा ,‘‘ हम चार सितंबर से यहाँ थे, आज हमने एक मैच खेला। दो दिनों में लगातार दो अच्छे मैच। मुझे लगता है कि हम इसके हकदार थे। और मैं इससे ज़्यादा कुछ नहीं कह सकता। मुझे लगता है कि मैंने अपनी बात बहुत अच्छी तरह कह दी है।'' इसके बाद उन्होंने अपनी टीम को बहुत सुंदर संदेश दिया जिसमें अभिषेक शर्मा भी शामिल हैं जो उनके साथ बैठे थे । सूर्यकुमार ने कहा ,‘‘ अगर आप मुझे ट्रॉफियों के बारे में बतायें तो मेरी ट्रॉफियां मेरे ड्रेसिंग रूम में हैं। मेरे साथ सभी 14 खिलाड़ी। पूरा सहयोगी स्टाफ। यही असली ट्रॉफियां हैं। ये असली पल हैं जिन्हें मैं प्यारी यादों के रूप में अपने साथ ले जा रहा हूँ जो आगे भी हमेशा मेरे साथ रहेंगी। और बस इतना ही।'' सूर्यकुमार ने बाद में एक्स पर लिखा ,‘‘ मैच पूरा होने के बाद सिर्फ चैम्पियंस को याद रखा जाता है, ट्रॉफी की तस्वीर को नहीं ।'' उन्हें टी20 कप्तान नियुक्त हुए लगभग 14 महीने हो गए हैं और यह निश्चित रूप से उनके लिए सबसे बड़ा टूर्नामेंट था, हालाँकि उनका अपना बल्ला इस दौरान खामोश रहा। निराशा का भाव बना रहता है, लेकिन जब वे "भारत, एशिया कप, 2025 चैंपियन" देखते हैं, तो वह गायब हो जाता है । सूर्यकुमार ने उस समय भी अपना संयम बनाए रखा जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने उन पर पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से हाथ मिलाने से इनकार और फाइनल से पहले पारंपरिक फोटोशूट में शामिल नहीं होकर क्रिकेट के मैदान पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया । जब भारतीय मीडिया मैनेजर ने उस पत्रकार को रोकना चाहा तो सूर्यकुमार ने मुस्कुराते हुए कहा ,‘‘ आप नाराज हो रहे हैं, है ना । इतने नाराज क्यो हैं। आपने एक सवाल में चार सवाल पूछ लिये ।'' एक अन्य पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा कि क्या उन्हें पता है कि बीसीसीआई ने एसीसी को ईमेल भेजा कि टीम नकवी से ट्रॉफी नहीं लेगी ।
सूर्यकुमार ने कहा ,‘‘ मुझे नहीं पता कि आप किस ईमेल की बात कर रहे हैं । मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है । हमने मैदान पर यह फैसला लिया और किसी ने हमसे ऐसा करने के लिये नहीं कहा था।'' उन्होंने कहा ,‘‘ और हम इंतजार कर रहे हैं । आप टूर्नामेंट जीतते हैं तो ट्रॉफी के हकदार तो हैं । आप ही बताइये ।'' इस पर पाकिस्तानी पत्रकार ने हामी में सिर हिलाया । भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया । भारत ने टूर्नामेंट में पाकिस्तान से तीन मैच खेले और तीनों जीते । एआई के माध्यम से सूर्य और तिलक द्वारा एशिया कप थामने की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है और जब कप्तान से पूछा गया कि ट्रॉफी के बिना जश्न कैसा रहा, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया। उन्होंने कहा ,‘‘ आपने ट्रॉफी नहीं देखी । मैं इसे लाया । टीम पोडियम पर बैठी थी । अभिषेक और शुभमन ने ट्रॉफी के साथ फोटो भी पोस्ट की है जो बहुत अच्छी लग रही है ।'' एक पत्रकार ने उनसे उस घटनाक्रम के बारे में पूछा जब टीम ने पाकिस्तान के गृहमंत्री से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया । सूर्यकुमार ने कहा ,‘‘ रिंकू सिंह ने चौका लगाया । भारत ने एशिया कप जीता । इसके बाद हम बाहर आये और जश्न मना रहे थे । हर खिलाड़ी की उपलब्धि की तारीफ कर रहे थे । तिलक , कुलदीप और भाई (अभिषेक) को कार मिली । हमने उसका भी जश्न मनाया । और आपको क्या चाहिये । यही घटनाक्रम था जो हम हासिल करना चाहते थे । उन्होंने कहा , हमने चैम्पियंस का बोर्ड आते और जाते देखा । यह होता रहता है । यह जिंदगी का हिस्सा है । -
नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज सोमवार को शिवाजी स्टेडियम, नई दिल्ली में 5वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला इंटर-डिपार्टमेंट नेशनल चैंपियनशिप 2025 का उद्घाटन किया। इस मौके पर इंडियन ऑयल के चेयरमैन ए.एस. साहनी, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार तिर्की, फेडरेशन के सदस्य, कोच, सपोर्ट स्टाफ और कई स्कूलों के उत्साही छात्र मौजूद रहे। सभा को संबोधित करते हुए पुरी ने बताया कि इंडियन ऑयल और अन्य ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है बल्कि खेलों को भी लगातार प्रोत्साहित किया है। इन कंपनियों ने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता हासिल करने में मदद की है।
उन्होंने भारतीय हॉकी की प्रेरणादायक यात्रा को याद करते हुए कहा कि हरबिंदर सिंह, जफर इकबाल, अजीतपाल सिंह, एम.एम. सोमाया और राजिंदर सिंह जैसे महान खिलाड़ियों ने पूरी पीढ़ियों को प्रेरित किया है। उन्होंने खुशी जताई कि अब भारतीय महिला हॉकी भी विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन कर रही है। रानी रामपाल, प्रीतम रानी सिवाच, सविता पुनिया और वंदना कटारिया जैसी खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया है और युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खेलों में अनुशासन, टीमवर्क और निष्पक्ष खेल की जो भावना है, वही सिद्धांत कूटनीति, प्रशासन और पेशेवर जीवन में भी सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने सभी टीमों को बधाई दी और भरोसा जताया कि यह चैंपियनशिप न केवल बेहतरीन प्रतिभा दिखाएगी बल्कि और अधिक युवाओं को हॉकी अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।पुरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में खेलों को राष्ट्र निर्माण और युवा सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण साधन माना जा रहा है। हाल के वर्षों में खेलों पर जोर बढ़ा है। खेलो इंडिया, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) और फिट इंडिया मूवमेंट जैसी योजनाओं ने खिलाड़ियों के लिए मजबूत सहयोगी सिस्टम तैयार किया है। खेल ढांचे में निवेश और महिला खेलों पर विशेष ध्यान ने भारतीय एथलीटों को एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक में रिकॉर्ड उपलब्धियां दिलाई हैं। उन्होंने कहा, “यह चैंपियनशिप केवल जीत के लिए नहीं, बल्कि उन सपनों के लिए याद की जाए जो यह जगाती है, उन दोस्तियों के लिए जो यह बनाती है और उस प्रगति के लिए जो यह प्रेरित करती है। सर्वश्रेष्ठ टीम जीते, और हर खिलाड़ी अनुभव और आत्मविश्वास में और समृद्ध होकर उभरे। हम मिलकर भारतीय खेलों, भारतीय महिलाओं और अपने राष्ट्र का मजबूत भविष्य बना रहे हैं।” -
नयी दिल्ली. बुल्गारिया के रुझदी ने रविवार को यहां विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की पुरुष गोला फेंक एफ55 स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड थ्रो के साथ लगातार छठा स्वर्ण पदक जीता। चौंतीस साल के रुझदी ने अपने छठे और अंतिम प्रयास में 12.94 मीटर की दूरी के साथ 12.68 मीटर के अपने ही पिछले विश्व रिकॉर्ड में सुधार किया जो उन्होंने पेरिस में 2023 विश्व चैंपियनशिप के दौरान बनाया था। इस स्पर्धा में खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं क्योंकि उनके निचले अंग काम नहीं करते। रुझदी एक कार दुर्घटना में घायल हो गए थे जिसके कारण कमर के नीचे का उनका शरीर काम नहीं करता। उन्होंने 2015 में दोहा से विश्व चैंपियनशिप के प्रत्येक सत्र में स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने तीसरी बार विश्व रिकॉर्ड प्रयास के साथ खिताब जीता। सर्बिया के नेबोसा ड्यूरिक ने 12.52 मीटर के निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ रजत जबकि स्कॉटलैंड के लेच स्टोल्टमैन ने 12.02 मीटर के प्रयास से कांस्य पदक जीता। प्रतियोगिता के दूसरे दिन सुबह के सत्र में तीन विश्व रिकॉर्ड बने।
मलेशिया के अब्दुल लतीफ रोमली ने पुरुष लंबी कूद टी20 स्पर्धा में 7.67 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक की हैट्रिक बनाई जबकि यूक्रेन के वोलोदिमिर पोनोमरेंको ने पुरष गोला फेंक टी12 स्पर्धा में 17.39 मीटर के नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ खिताब अपने नाम किया। रोमली का लंबी कूद स्पर्धा में दबदबा रहा है। इस स्पर्धा में उन्होंने पांच स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है। विश्व चैंपियनशिप में उन्हें एकमात्र बार शिकस्त का सामना दुबई में 2019 में करना पड़ा था। अल्जीरिया की नसीमा सैफी ने महिला चक्का फेंका एफ57 स्पर्धा में 34.54 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक की दोहरी हैट्रिक बनाई। स्पर्धा में उनके दबदबे का अंदाजा इस बात से लगता है कि उनके पांचों वैध थ्रो 32 मीटर से अधिक के थे जबकि चीन की रजत पदक विजेता टियान यूशिन का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 30.30 मीटर रहा। इन दोनों के अलावा कोई अन्य खिलाड़ी 30 मीटर के आंकड़े को पार नहीं कर सकी। स्विट्जरलैंड की कैथरीन डिब्रनर ने महिला 5000 मीटर टी54 स्पर्धा में 12 मिनट 18.29 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने चीन की गत चैंपियन टियान याजुआन और अपनी ही टीम की साथी पैट्रीसिया इचस को पछाड़ा। दूसरे दिन हालांकि भारत को कोई पदक नहीं मिला। शनिवार को भारत ने एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था। लंबी कूद के एथलीट विकास ने पुरुषों की टी47 लंबी कूद स्पर्धा के फाइनल में 6.96 मीटर के प्रयास के साथ छठे स्थान पर रहे। वहीं अजय सिंह सत्र के 6.31 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर नहीं कर पाए और 10वें स्थान पर रहे। प्रवीण कुमार और हेम चंद्रा ने पुरुषों की भाला फेंक एफ57 स्पर्धा में क्रमश: नौवां और दसवां स्थान हासिल किया जबकि धावक राकेशभाई भट्ट और श्रेयांश त्रिवेदी पुरुषों की 100 मीटर टी37 दौड़ में क्रमश: सातवें और आठवें स्थान पर रहे। -
नयी दिल्ली. उभरती हुई निशानेबाज अनुष्का ठोकुर ने रविवार को यहां आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस स्पर्धा में शीर्ष स्थान हासिल कर दूसरा स्वर्ण जीता जबकि एड्रियन करमाकर ने इसी स्पर्धा के पुरुष वर्ग में रजत पदक हासिल किया। इससे भारत के पदकों की संख्या 13 हो गई है जिसमें चार स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं।
व्यक्तिगत तटस्थ एथलीट (एआईएन) तीन स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक से दूसरे स्थान पर है जबकि इटली दो स्वर्ण और एक रजत पदक के साथ तीसरे स्थान पर है। अठारह वर्षीय अनुष्का ने चार दिन में जूनियर विश्व कप में अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने प्रतियोगिता के पहले दिन महिलाओं की 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में शीर्ष स्थान हासिल किया था। व्यक्तिगत तटस्थ एथलीट अनास्तासिया सोरोकिना 454.9 अंक से रजत पदक जीता और मारिया क्रुग्लोवा ने 444.0 अंक से कांस्य पदक जीता। फाइनल में पहुंची अन्य भारतीयों में माहित संधू पांचवें स्थान और प्राची गायकवाड़ सातवें स्थान पर रहीं। जूनियर पुरुषों की थ्रीपी स्पर्धा में घरेलू निशानेबाज एड्रियन ने फाइनल में 454.8 अंक से रजत पदक जीता। व्यक्तिगत तटस्थ एथलीट दिमित्री पिमेनोव ने 459.9 अंक से स्वर्ण पदक हासिल किया। एक अन्य व्यक्तिगत तटस्थ एथलीट कामिल नूरियाखमेतोव ने 441.0 अंक से कांस्य पदक जीता। - नई दिल्ली। एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला 28 सितंबर को भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम बनाम पाकिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के बीच खेला गया. दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला दुबई के दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया. इस रोमांचक मुकाबले में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हरा दिया हैं. इसके साथ ही टीम इंडिया ने नौवीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया हैं. इस एडिशन में टीम इंडिया ने तीसरी बार पाकिस्तान को धूल चटाई हैं. इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया की अगुवाई सूर्यकुमार यादव कर रहें थे. जबकि, पाकिस्तान की अगुवाई सलमान आघा के कंधों पर थीं.एशिया कप 2025 के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया के कप्तान सूर्यकुमार यादव आघा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. टॉस गवांने के बाद पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की पूरी टीम 19.1 ओवरों में 146 रन बनाकर सिमट गई. टीम इंडिया को यह मुकाबला जीतने के लिए 20 ओवर में 147 रन बनाने थे. लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने 19.4 ओवर में पांच विकेट खोकर लक्ष्य को हासिल कर लिया.टीम इंडिया की जीत की सबसे बड़ी वजहतिलक वर्मा और शिवम दुबे की शानदार बल्लेबाजीटीम इंडिया के 20 रन पर टीम विकेट गिरने के बाद तिलक वर्मा और संजू सैमसन ने पारी को संभाला और दोनों ने चौथे विकेट के लिए 57 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई. 77 रन के स्कोर पर संजू सैमसन 24 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. संजू सैमसन का विकेट गिरने के बाद शिवम दुबे बल्लेबाजी करने उतरे. तिलक वर्मा के साथ मिलकर शिवम दुबे ने शानदार बल्लेबाजी की. दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर टीम को यादगार जीत दिलाई. इस मुकाबले में तिलक वर्मा ने गेंदों पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 69 रन बनाए. इस दौरान तिलक वर्मा के बल्ले से तीन चौके और चार छक्के निकलें. तिलक वर्मा के अलावा शिवम दुबे ने 33 रन बटोरे.गेंदबाजों ने तोड़ी पाकिस्तान की कमरदुबई में पाकिस्तान को सलामी बल्लेबाज साहिबजादा फरहान और फखर जमान ने ताबड़तोड़ शुरूआत दी. पहले विकेट के लिए दोनों सलामी बल्लेबाजों ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 84 रन बोर्ड पर जड़ दिए. इसके बाद टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज वरूण चक्रवर्ती ने पहली कामयाबी दिलाई. टीम इंडिया के गेंदबाजों ने ऐसी गेंदबाजी की जिसके चतले पाकिस्तान की पूरी टीम महज 146 रनों पर सिमट गई. टीम इंडिया की ओर से कुलदीप यादव ने सबसे ज्यादा चार विकेट अपने नाम किए. कुलदीप यादव के अलावा जसप्रीत बुमराह, वरुण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल ने दो-दो विकेट चटकाए.कुलदीप यादव की शानदार गेंदबाजीबता दें कि पाकिस्तान को शानदार शुरूआत मिलने के बाद टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज वरूण चक्रवर्ती ने पहली कामयाबी दिलाई. कुलदीप यादव ने आते ही पाकिस्तान के लिए बड़ी साझेदारी कर रहे फखर जमान और सईम अय्यूब की जोड़ी को तोड़ा. कुलदीप यादव ने पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज सईम अयूब 14 रन, सलमान आगा 8 रन, फहीम अशरफ 0 रन और शाहीन अफरीदी 0 रन को अपना शिकार बनाया. इस टूर्नामेंट में कुलदीप यादव ने अबतक कुल 17 विकेट अपने नाम कर चुके हैं.
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अहमदाबाद।. दो बार के ओलंपियन साजन प्रकाश और श्रीहरि नटराज रविवार से शुरू हो रही 11वीं एशियाई एक्वाटिक्स चैंपियनशिप में महाद्वीप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ भारतीय चुनौती का नेतृत्व करेंगे। इस चैंपियनशिप का आयोजन नारनपुरा के नवनिर्मित अत्याधुनिक वीर सावरकर खेल परिसर में किया जा रहा है। इसमें भारत के कुल 40 तैराक (20 पुरुष और 20 महिला) प्रतिस्पर्धा करेंगे। भारतीय दल पिछले एक महीने से राष्ट्रीय कोचिंग शिविर के तहत नारनपुरा में ही अभ्यास कर रहा है। एशियाई एक्वाटिक्स कैलेंडर की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के लिए 29 देशों से 1,100 से अधिक खिलाड़ी, कोच और तकनीकी अधिकारी यहां पहुंचे चुके हैं। यह चैंपियनशिप अगले साल जापान के नागोया में होने वाले एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाइंग स्पर्धा के रूप में भी काम करेगी। प्रकाश और नटराज के अलावा भारत को महिलाओं की श्रेणी में धिनिधि देसिंगु और भव्या सचदेवा से पदक की उम्मीदें होंगी। चीन के प्रभुत्व वाले इस प्रतियोगिता से भारत के मुख्य कोच निहार अमीन को भारतीय तैराकों से पदक की उम्मीदें है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने वीर सावरकर खेल परिसर में बहुत अच्छी तैयारी की है। इसके तरणताल में खिलाड़ियों को अपनी गति बढ़ाने का मौका मिलता है। झे पूरा विश्वास है कि हमारे तैराक यहां अच्छा प्रदर्शन करेंगे।'' उन्होंने आगे कहा कि प्रकाश, नटराज और रोहित बी बेनेडिक्ट अपनी स्पर्धा में पदक जीत सकते हैं।अमीन ने कहा, ‘‘हमें कम से कम तीन-चार पदक जीतने चाहिए। प्रकाश 200 मीटर बटरफ्लाई में अगर सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता के अपने प्रदर्शन को दोहरा सकें तो उनका पदक जीतना तय है। यही बात श्रीहरि पर भी लागू होती है। वह 100 मीटर और 200 मीटर बैकस्ट्रोक में भाग लेंगे। रोहित के पास भी 200 मीटर फ्रीस्टाइल में पदक जीतने का मौका है।'' उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं में, धिनिधि देसिंगु, भव्या सचदेवा, नीना वेंकटेश, और सौभृति मंडल सभी अच्छा समय निकाल रही हैं। '' प्रतियोगिता में वाटर पोलो (10 पुरुष टीम और आठ महिला टीम) के अलावा गोताखोरी में 16 , कलात्मक तैराकी में 10 देशों और तैराकी में 21 देश के खिलाड़ी चुनौती पेश करेंगे।
भारतीय तैराकी दल:
पुरुष: एस धनुष, शॉन गांगुली, जोशुआ थॉमस, अनीश गौड़ा, रोहित बी बेनेडिक्ट, अद्वैत पेज, साजन प्रकाश, बिक्रम चांगमई, हीर गीतेश शाह, एमएस यदेश बाबू, विदिथ एस शंकर, कुशाग्र रावत, जननजॉय ज्योति हजारिका, आकाश मणि, निथिक नाथेला, मणिकांत एल, विनायक वी, लिखित एसपी, ऋषभ अनुपम दास, श्रीहरि नटराज। महिला: थान्या एस, सृष्टि उपाध्याय, विहिता नयना, नीना वेंकटेश, मानवी वर्मा, वृत्ति अग्रवाल, रोशिनी बी, धीनिधि देसिंघु, भाव्या सचदेवा, आस्था चौधरी, श्रीनिधि नतेसन, नायशा, अदिति सतीश हेगड़े, सानवी देशवाल, संजना प्रभुगांवकर, रुजुला एस, सौब्रीटी मंडल, एम रित्विका, अवंतिका चव्हाण, हर्षिता जयराम। - शिलांग,। छह बार की विश्व मुक्केबाज चैंपियन मैरी कॉम के फरीदाबाद स्थित आवास पर चोरों ने उस समय वारदात को अंजाम दिया जब वह (मैरी कॉम) मेघालय के सोहरा में मैराथन कार्यक्रम में भाग लेने गई थीं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। मैरी कॉम ने मैराथन आयोजकों को बताया कि जब वह इस आयोजन के लिए पूर्वोत्तर राज्य में थीं, तब उन्हें राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपने घर में चोरी की खबर मिली। उन्होंने सोहरा में मैराथन आयोजकों से कहा, "मैं डरी हुई और चिंतित हूं, क्योंकि मुझे आज दिल्ली लौटना था। चोरी इसी सप्ताह की शुरुआत में हुई थी।" उन्होंने बताया कि चोरी की गई वस्तुओं का विवरण अभी पता नहीं चल पाया है और दिल्ली वापसी पर ही इस संबंध में स्थिति स्पष्ट होगी। हालांकि उनके एक करीबी सहयोगी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि चोर उनके घर से एक टेलीविजन सेट और अन्य सामान ले गए हैं। उसने कहा, "उनके पड़ोसियों ने उन्हें (मैरी कॉम) बताया कि यह घटना इस सप्ताह की शुरुआत में हुई थी। उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया है।" मैरी कॉम मणिपुर की रहने वाली हैं और उन्हें भारत के नामचीन एथलीट में शुमार किया जाता है ।
- कोलंबो,। भारतीय फुटबॉल टीम ने शनिवार को यहां पेनल्टी शूटआउट में बांग्लादेश को 4-1 से हराकर सातवां सैफ अंडर-17 चैम्पियनशिप खिताब जीता। भारत ने दल्लामुओन गंगटे (चौथे मिनट) और अजलान शाह केएच (38वें मिनट) के गोल की मदद से पहले हाफ में 2-1 की बढ़त बनाई हुई थी लेकिन बांग्लादेश ने आखिरी मिनट में इहसान हबीब रिदुआन के बराबरी के गोल से वापसी कर स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया जिससे शूटआउट से नतीजा निकला। भारतीय टीम ने जरूरी समय पर संयम बनाए रखा। दल्लामुओन गंगटे, कोरोउ मेइतेई कोंथौजम और इंद्र राणा मगर ने शानदार गोल किए। इसके बाद शुभम पूनिया ने निर्णायक चौथा किक गोल में डाला। वहीं बांग्लादेश की टीम दबाव में बिखर गई। उसके लिए केवल मोहम्मद माणिक ही गोल कर सके।
- नयी दिल्ली,। शैलेश कुमार और वरुण सिंह भाटी ने शनिवार को पुरुषों की ऊंची कूद टी63-टी42 स्पर्धा में क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीतकर विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेजबान भारत का खाता खोला तो वहीं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की थेकरा अलकाबी ने महिलाओं की 100 मीटर टी71 फ्रेम रनिंग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पच्चीस वर्षीय शैलेश ने टी42 वर्ग में 1.91 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास से चैंपियनशिप रिकॉर्ड और एशियाई रिकॉर्ड तोड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया।बिहार के जमुई जिले के इस्लाम नगर गांव में एक किसान परिवार में जन्मे शैलेश के दाहिने पैर में बचपन में ही पोलियो हो गया था। शैलेश ने जीत के बाद कहा, ‘‘जब मैं स्कूल में था तो मैं सामान्य खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करता था। लोग मुझे कहते थे कि मैं खेल क्यों खेल रहा हूं। वे कहते थे कि कोई नौकरी कर लो या कुछ और करो।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘ जब मैंने 2016 के रियो पैरालिंपिक में देखा कि यह खेल मेरी श्रेणी में होता है, तब मैंने पैरा खेलों में शुरुआत करने का फैसला किया।'' पैरा एशियाई खेलों के पूर्व पदक विजेता भाटी ने कांस्य पदक जीता जबकि मौजूदा ओलंपिक चैंपियन अमेरिका के एज्रा फ्रेच ने रजत पदक हासिल किया। भाटी और फ्रेच दोनों ने 1.85 मीटर की सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई लेकिन अमेरिकी खिलाड़ी ने ‘काउंट-बैक' में भारतीय खिलाड़ी को हरा दिया। इस स्पर्धा में शामिल तीसरे भारतीय राहुल 1.78 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास से चौथे स्थान पर रहे। शैलेश, भाटी और राहुल टी42 एथलीट हैं जिनके घुटने के ऊपर एक अंग विच्छेदन हुआ हो या एक समान दिव्यांगता हो। टी63 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है जिनके घुटने के पास दिव्यांगता हो। टी63 और टी42 एथलीटों को एक ही स्पर्धा में शामिल किया जा सकता है और शनिवार को भी यही प्रक्रिया अपनाई गई। महिलाओं के 400 मीटर टी20 फाइनल में भारत की गत चैंपियन दीप्ति जीवनजी ने 55.16 सेकंड के अपने सत्र के सर्वश्रेष्ठ समय के साथ रजत पदक जीता। तुर्किऐ की आयसेल ओन्डर ने 54.51 सेकंड के रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक जीता । उन्होंने 54.96 सेकंड के अपने ही विश्व रिकॉर्ड में सुधार किया। यह स्पर्धा बौद्धिक अक्षमताओं वाले एथलीटों के लिए होती है।बीस साल की ओन्डर 2024 सत्र में दीप्ति के बाद दूसरे स्थान पर रही थीं।तेलंगाना की 22 वर्षीय दीप्ति इससे पहले शुरुआती दौर की दूसरी हीट में 58.35 सेकेंड का समय लेकर शीर्ष स्थान हासिल किया। दिन के सत्र में अलकाबी महिलाओं की 100 मीटर टी71 फ्रेम रनिंग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ सबको चौंका दिया। टी71 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जिनके धड़ और पैरों में गतिशीलता काफी हद तक प्रभावित होती है।अलकाबी 19.89 सेकेंड का समय निकालकर विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने में सफल रही। इस 23 साल की खिलाड़ी ने लिथुआनिया की बेला मोरकस के इस साल जुलाई में कायम 20.08 सेकेंड के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा। मोरकस ने यहां 21.53 सेकेंड के समय के साथ रजत जबकि पोलैंड की मिरियम डोमिनिकोवस्का ने 23.56 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक हासिल किया। अलकाबी का इस स्पर्धा में पिछला व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 23.58 सेकेंड था। उन्होंने इससे पहले 2023 हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में एफ32 क्लब थ्रो स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। महिलाओं की लंबी कूद टी37 स्पर्धा में, विश्व रिकॉर्ड धारक चीन की वेन शियाओयान ने 5.32 मीटर की मीट रिकॉर्ड दूरी के साथ अपेक्षा के अनुरूप स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 2019 में कायम अपने पिछले मीट रिकॉर्ड 5.22 मीटर में सुधार किया। उनका मौजूदा विश्व रिकॉर्ड 5.45 मीटर है। उन्होंने इसे 2023 हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों के दौरान बनाया था। टी 37 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जो ‘सेरेब्रल पाल्सी' की समस्या से जूझ रहे होते हैं।महिलाओं की गोला फेंक एफ 41 (छोटे कद के खिलाड़ी) में कोलंबिया की अरिजा बुइट्रागो मेयरली ने विश्व रिकॉर्ड धारक और कई पैरालंपिक तथा पैरा विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक विजेता राओआ तलीली को पछाड़ कर स्वर्ण पदक हासिल किया। मेयरली ने 10.21 मीटर की दूरी तय की जबकि उज्बेकिस्तान की कुबारो खाकिमोवा ने 10.17 मीटर के साथ रजत पदक जीता। ट्यूनीशिया की तलीली के नाम 10.55 मीटर का विश्व रिकॉर्ड है। उन्हें 9.96 मीटर के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। नीदरलैंड की नोएल रूर्डा ने महिला भाला फेंक एफ46 स्पर्धा में 43.74 मीटर के प्रयास के साथ अपना पहला विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा का रजत उज्बेकिस्तान की शाहिनाखोन यिगितालिएवा (41.97 मीटर) और कांस्य ब्रिटेन की हॉली अर्नोल्ड (41.94 मीटर) के नाम रहा। भारत की भावनाबेन चौधरी ने 35.34 मीटर के थ्रो के साथ आठवां स्थान हासिल किया।एफ 46 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जिनके एक या दोनों हाथों में गतिविधि प्रभावित होती है।
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नयी दिल्ली. भारतीय निशानेबाजों ने शनिवार को यहां डॉ. कर्णी सिंह रेंज में आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप की 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में दबदबा बनाते हुए शीर्ष दो स्थान हासिल किए। हाल में कजाखस्तान में एशियाई चैंपियनशिप की महिला और पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल जूनियर स्पर्धा में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाली रश्मिका और कपिल ने यहां चल रही प्रतियोगिता के तीसरे दिन एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। रश्मिका और कपिल ने खिताबी दौर में वंशिका चौधरी और एंटोनी जोनाथन गेविन की एक अन्य भारतीय जोड़ी को 16-10 से हराया। इनेस ओर्टेगा कास्त्रो और लुकास सांचेज की स्पेन की जोड़ी ने पेरिमाह अमीरी मोहम्मद रेजा अहमादी की ईरान की जोड़ी को 16-14 से हराकर कांस्य पदक जीता। रश्मिका और कपिल की जोड़ी ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और क्वालीफिकेशन में 582 अंक के साथ शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई। दोनों ने समान 291 अंक जुटाए। वंशिका और गेविन की जोड़ी ने क्रमश: 287 और 291 अंक से कुल 578 अंक के साथ फाइनल में प्रवेश किया। एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में क्वालीफिकेशन दौर के बाद शीर्ष दो जोड़ियां स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला करती हैं जबकि अगली दो जोड़ियां कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करती हैं। फाइनल में भी एकतरफा मुकाबला देखने को मिला। रश्मिका और कपिल ने शुरुआती बढ़त बनाई और फिर विरोधी जोड़ी को वापसी करने का मौका नहीं दिया। शुक्रवार को पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल खिताब जीतने वाले गेविन ने काफी गल्तियां की। उन्होंने 9.9 के बाद 10.5 और 10.6 अंक जुटाए लेकिन इसके बाद लगातार तीन प्रयास में 9.7, 9.8 और 9.5 ही हासिल कर पाए। वंशिका ने भी तीन निशाने नौ अंक से कम पर मारे जिससे स्वर्ण पदक इस जोड़ी के हाथों से फिसल गया।
जूनियर पुरुष स्कीट में भारत पदक से चूक गया जब छह निशानेबाजों के फाइनल में हरमेहर सिंह लाली और अतुल सिंह राजावत 35 और 25 अंक के साथ क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। इटली के मार्को कोको ने 56 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि फिनलैंड के लेसी मतियास कोपिनेन (53) और साइप्रस के आंद्रियास पोंटिकिस (43) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक हासिल किया। भारत अभी तीन स्वर्ण, चार रजत और दो कांस्य पदक सहित कुल नौ पदक जीतकर शीर्ष पर है। व्यक्तिगत तटस्थ खिलाड़ी (एआईएन) दो स्वर्ण पदक के साथ दूसरे जबकि इटली एक स्वर्ण और एक रजत के साथ तीसरे स्थान पर है। -
दुबई. कप्तान के तौर पर एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में अब तक शानदार परिणाम हासिल करने वाले सूर्यकुमार यादव बल्ले से अपनी ख्याति के मुताबिक चमक बिखेरने में नाकाम रहे हैं लेकिन रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले फाइनल में उनके पास शानदार मौका होगा। सूर्यकुमार का इस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप चरण के मैच में नाबाद 47 रन रहा है। उन्होंने यह पारी तब खेली जब टीम जीत के लिए छोटे लक्ष्य का पीछा कर रही थी और आक्रामक सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने 31 रन की ताबड़तोड़ पारी से टीम के अन्य बल्लेबाजों से दबाव पूरी तरह से हटा दिया था। कप्तान बनने के बाद सूर्यकुमार की बल्लेबाजी में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसका एक कारण उनके बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव करना भी है। सूर्यकुमार युवा खिलाड़ियों को बल्लेबाजी का ज्यादा मौका देने के लिए अपने बल्लेबाजी क्रम को आगे पीछे करते रहे हैं। सूर्यकुमार ने 2024 में 15 पारियों में चार अर्धशतक की मदद से 420 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 271 गेंदें खेली और उनका स्ट्राइक-रेट 155 रहा। इन 15 पारियों में उन्होंने 40 चौके और 22 छक्के लगाए। उनकी डॉट गेंद का प्रतिशत 35 के आसपास का रहा। भारतीय कप्तान ने साल 10 पारियों में 90 गेंदों पर केवल 99 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक-रेट गिरकर 110 हो गया है। इसका मुख्य कारण उनके बल्लेबाजी क्रम में खुद से किए गए बदलाव का भी योगदान है। इसमें से ज्यादातर मैचों में भारतीय टीम इतनी हावी रही है कि पहले गेंदबाजी करने पर उसे जीत के लिए छोटे लक्ष्य मिले। टीम ने जब पहले बल्लेबाजी की तो अभिषेक और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों की बड़ी पारियों के कारण सूर्यकुमार को क्रीज पर समय बिताने का बहुत कम समय मिला। इसमें सबसे चिंताजनक बात यह है कि उन्होंने इन 10 पारियों में वह केवल 10 चौके और तीन छक्के ही लगाये हैं। उनकी डॉट बॉल का प्रतिशत लगभग 48 तक बढ़ गया है जिसका मतलब है कि वह लगभग हर दो गेंदों में एक डॉट बॉल खेल रहे हैं। भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि कप्तान सूर्यकुमार बल्लेबाज सूर्यकुमार की परवाह करे। वह जिस तरह तिलक (वर्मा), संजू या अभिषेक की परवाह करते हैं, उसी तरह उन्हें विश्व स्तरीय बल्लेबाज सूर्यकुमार की भी परवाह करनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘सूर्यकुमार को बल्लेबाजी करते समय यह भूल जाना चाहिये कि वह कप्तान हैं और बिंदास क्रिकेट खेलें, जैसा कि वह पिछले कई वर्षों से करते आये हैं।'' प्रतिद्वंद्वी टीमों के गेंदबाज सूर्यकुमार के खिलाफ बेहतर रणनीति के साथ आ रहे हैं। दुबई की पिचों पर पावरप्ले के बाद नये बल्लेबाज के लिए बल्लेबाजी करना मुश्किल हो जा रहा है। सूर्यकुमार के पास हालांकि इन चुनौतियों से पार पाने का अनुभव और कौशल है। भारतीय टीम उनसे फाइनल में यादगार पारी की उम्मीद करेगी।
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ग्वांग्जू (दक्षिण कोरिया). भारत की 18 वर्षीय शीतल देवी ने शनिवार को यहां विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप में महिलाओं की कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में तुर्किये की दुनिया की नंबर एक पैरा तीरंदाज ओजनूर क्यूर गिर्डी को 146-143 से पराजित कर स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। स्पर्धा में शीतल एकमात्र बिना बाजू वाली पैरा तीरंदाज हैं। वह निशाना लगाने के लिए अपने पैरों और ठुड्डी का इस्तेमाल करती हैं और यह चैंपियनशिप में उनका तीसरा पदक है। इससे पहले शीतल और सरिता ने कंपाउंड महिला ओपन टीम स्पर्धा में रजत पदक। शीतल ने तोमन कुमार के साथ मिलकर कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा में भी कांस्य पदक जीता। व्यक्तिगत फाइनल तनावपूर्ण था लेकिन शीतल ने संयम से निशाने लगाए। पहला राउंड 29-29 से बराबरी पर था, लेकिन शीतल ने दूसरे राउंड में 10-10 के तीन शॉट लगाकर 30-27 से जीत बढ़त हासिल की। तीसरा राउंड भी 29-29 से बराबरी पर था। चौथे राउंड में शीतल मामूली अंतर से चूक गईं जिसमें उन्होंने 28 अंक बनाए और गिर्डी एक अंक से इसे जीत गईं। हालांकि फिर भी शीतल ने 116-114 के स्कोर पर दो अंक की बढ़त बनाए रखी। इसके बाद उन्होंने अंतिम राउंड में तीन सटीक तीर से 30 अंक बनाकर अपना पहला स्वर्ण पदक पक्का किया।
इससे पहले जम्मू कश्मीर की इस तीरंदाज ने सेमीफाइनल में ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहम को 145-140 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। यह खिताबी मुकाबला 2023 पिलसन विश्व चैंपियनशिप का दोहराव था जिसमें गिर्डी ने शीतल को 140-138 से हराया था। कंपाउंड महिला ओपन टीम स्पर्धा में शीतल और सरिता को फाइनल में तुर्की से हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारतीय जोड़ी ने शानदार शुरुआत करते हुए पहले राउंड में गिर्डी और बुर्सा फातमा उन की तुर्की की जोड़ी पर 38-37 की बढ़त बनाई। भारतीय जोड़ी ने अपने शुरुआती चार तीर से तीन बार 10 अंक जुटाए जबकि तुर्की की जोड़ी केवल एक बार ही 10 अंक बना सकी। तुर्की की तीरंदाजों ने दूसरे राउंड में तीन बार 10 अंक से 39 अंक जुटाकर वापसी की और स्कोर 76-76 से बराबर कर दिया। तीसरे राउंड में भारतीय जोड़ी दबाव में आ गई। शीतल और सरिता एक बार 10, दो बार नौ और एक बार आठ अंक से कुल 36 अंक ही बना पाईं। तुर्की की जोड़ी ने अधिक निरंतरता दिखाई और उन्होंने एक बार 10 और तीन बार नौ अंक के साथ कुल स्कोर के आधार पर एक अंक की बढ़त हासिल कर ली। गिर्डी और उन ने अगले राउंड में संभावित 40 में से 39 अंक जुटाकर जीत सुनिश्चित की जबकि भारतीय टीम 36 अंक ही बना पाई जिसमें एक तीर सात अंक पर लगा। तुर्की ने 152-148 से जीत हासिल कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
- नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और हर मैच में नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। एशिया कप 2025 के सुपर-4 मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने एक और बड़ा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया। अभिषेक ने दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मैच में सिर्फ 25 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा। यह उनके अंतर्राष्ट्रीय टी20 करियर का पांचवां मौका था, जब उन्होंने 25 या उससे कम गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया। इसी के साथ उन्होंने युवराज सिंह को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने यह उपलब्धि चार बार हासिल की थी।इस सूची में भारत के लिए सबसे आगे सूर्यकुमार यादव हैं, जिन्होंने 25 या उससे कम गेंदों पर 7 अर्धशतक लगाए हैं। दूसरे स्थान पर पूर्व कप्तान रोहित शर्मा हैं, जिन्होंने यह कारनामा 6 बार किया है। अब अभिषेक शर्मा 5 अर्धशतकों के साथ तीसरे स्थान पर आ गए हैं और उनका अगला निशाना रोहित शर्मा का रिकॉर्ड हो सकता है। बांग्लादेश के खिलाफ इस मैच में अभिषेक ने 37 गेंदों पर 75 रन की शानदार पारी खेली। उनकी पारी में 5 छक्के और 6 चौके शामिल थे। हालांकि, वह दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट होकर पवेलियन लौटे।जुलाई 2024 में टी20 अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले अभिषेक शर्मा ने अब तक 22 मैचों की 21 पारियों में 783 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से 4 अर्धशतक और 2 शतक निकल चुके हैं। उनका सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर 135 रन है, जो किसी भी भारतीय बल्लेबाज का टी20 में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। फिलहाल उन्होंने वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में डेब्यू नहीं किया है, लेकिन उनकी धमाकेदार बल्लेबाजी को देखकर माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें वनडे टीम में मौका मिल सकता है।
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नई दिल्ली। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बुधवार को भारत के स्पीड स्केटिंग दल को सम्मानित किया। यह सम्मान 13 से 21 सितंबर तक चीन के बेइदाईहे में आयोजित 73वीं इनलाइन स्पीड स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप 2025 में भारत की शानदार उपलब्धियों के लिए दिया गया।
भारतीय टीम ने इस विश्व चैंपियनशिप में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए कुल पांच पदक जीते। इनमें तीन स्वर्ण और दो कांस्य पदक शामिल हैं। इस प्रदर्शन के साथ भारत ने 40 से अधिक देशों के बीच पांचवां स्थान हासिल किया। यह चैंपियनशिप भारत के लिए खास रही क्योंकि सीनियर वर्ग में भारत ने अपना पहला पदक और जूनियर वर्ग में पहला स्वर्ण पदक जीता।डॉ. मंडाविया ने एथलीटों को सम्मानित करते हुए कहा कि विश्व चैंपियनशिप में ये पदक दर्शाता है कि हमारे युवा नई ऊंचाइयां छू रहे हैं, चाहे वह मुख्यधारा के खेल हों या उभरते हुए खेल। उन्होंने एथलीटों, प्रशिक्षकों, सहयोगी कर्मचारियों और भारतीय रोलर स्केटिंग महासंघ को इस उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए बधाई दी।भारत के लिए सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन आनंदकुमार वेलकुमार (22) का रहा। वह सीनियर वर्ग में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने 1000 मीटर स्प्रिंट और 42,195 मीटर मैराथन में दो स्वर्ण और 500 मीटर स्प्रिंट में एक कांस्य पदक जीता। जूनियर वर्ग में कृष शर्मा (18) ने 1000 मीटर स्प्रिंट में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता, जबकि अनीश राज (17) ने जूनियर पुरुष 1 लैप स्प्रिंट में कांस्य पदक जीता।भारतीय दल में कुल 20 एथलीट शामिल थे। इसमें 4 वरिष्ठ पुरुष, 4 वरिष्ठ महिला, 5 जूनियर पुरुष और 7 जूनियर महिला शामिल थे। इस चैंपियनशिप में सीनियर और जूनियर श्रेणियों में कुल 42 स्पर्धाएं हुईं, जिसमें 40 से अधिक देशों के एथलीटों ने भाग लिया। -
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 की मेजबानी करने जा रही है। इसकी शुरुआत में अब केवल दो दिन बचे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा की। मंडाविया के साथ खेल एवं युवा मामलों की राज्य मंत्री रक्षा खडसे, भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) और खेल मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने आयोजन स्थल पर बैठक की और एथलीटों से बातचीत की।
केंद्रीय मंत्री ने स्टेडियम का विस्तृत निरीक्षण किया, जिसमें मान्यता केंद्र, चिकित्सा केंद्र, नया वार्मअप ट्रैक और मुख्य मोंडो ट्रैक शामिल थे। यह मोंडो ट्रैक उन्होंने 29 अगस्त 2025 को उद्घाटित किया था। इसी ट्रैक पर प्रतियोगिता के दौरान 100 से अधिक देशों के पैरा-एथलीट हिस्सा लेंगे। भारत की ओर से कुल 73 पैरा-एथलीट मेडल जीतने के लिए मैदान में उतरेंगे।डॉ. मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी का एक विश्वसनीय स्थल बन गया है। उन्होंने कहा कि “विश्व एक परिवार है” की भावना हमें पूरी दुनिया के एथलीटों को भारतीय धरती पर एक साथ लाने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने यह भी कहा कि 100 से ज्यादा देशों की भागीदारी इस चैंपियनशिप को भारत द्वारा आयोजित अब तक का सबसे बड़ा पैरा-एथलेटिक्स आयोजन बनाती है। यह हमारी क्षमता, संस्कृति और खेलों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सरकार की कोशिश है कि इस आयोजन में हर एथलीट को विश्व स्तरीय सुविधाएं और पूरा सहयोग मिले।- - नयी दिल्ली. महज 22 साल की उम्र में चौथी बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने को तैयार पैरालंपिक ऊंची कूद चैंपियन प्रवीण कुमार का लक्ष्य शनिवार से यहां शुरू होने वाले इस आयोजन में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने का है। प्रवीण ने 2019 में 16 साल की उम्र में पहली बार दुबई में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया था। वह तब टी64 स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे थे और कांस्य पदक से चूक गए थे। टी64 स्पर्धा उन खिलाडियों के लिए होती है जिनके निचले पैर में चलने-फिरने की समस्या होती है या घुटने के नीचे एक या दोनों पैर नहीं होते हैं। प्रवीण ने 2023 के पेरिस सत्र में कांस्य पदक जीता था और 2024 में जापान के कोबे में फिर से चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने दिल्ली में होने वाले आयोजन से पहले ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘यह मेरी चौथी विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप होगी और मैंने एक कांस्य पदक जीता है। मेरा लक्ष्य 2.10 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। मुझे लगता है कि मैं इसे हासिल कर घरेलू दर्शकों के सामने स्वर्ण जीत सकता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अगर अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर 2.10 मीटर के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा तो मैं किसी भी पदक से खुश रहूंगा। फिलहाल, मेरा व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 2.08 मीटर है।'' एक पैर में विकार के साथ जन्में प्रवीण गौतम बुद्ध नगर के जेवर तहसील के गोविंदगढ़ गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के सत्र में चोट के कारण उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ। वह उस आयोजन में 1.94 मीटर के प्रयास के साथ चौथे स्थान पर रहे थे। प्रवीण ने कहा, ‘‘ मैं छलांग लगाने के लिए जिस पैर का इस्तेमाल करता हूं उस में चोट लग गयी थी। इस वजह से मैं ठीक से कूद नहीं पा रहा था। पेरिस पैरालंपिक से पहले यह चोट ठीक हो गई, जहां मैंने स्वर्ण पदक जीता था। अब, ईश्वर की कृपा से मुझे कोई चोट नहीं है। इसलिए मैं अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूँ।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बार, मुझे लगता है कि मेरे साथ सब कुछ ठीक चल रहा है। मैं स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करूंगा।'' प्रवीण ने 2021 में तोक्यो पैरालंपिक में रजत और 2023 में एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक भी जीता था। प्रवीण ने कहा कि स्कूल के स्तर पर सामान्य छात्रों को पछाड़ने से उन्हें खेल को गंभीरता से लेने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं नौवीं कक्षा में था तब मैंने पहली बार ऊंची कूद में भाग लिया। मैंने स्कूल के खेल दिवस में सामान्य खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हुए अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद मैं इस खेल में आगे बढ़ने लगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन बीच में मेरे शिक्षकों ने मुझे रोक दिया। उन्होंने कहा, ‘तुम दिव्यांग हो। तुम्हें खेल से दूर रहना चाहिए।' उन्होंने मुझे कई जगह रोका। लेकिन, मैंने सोचा, ‘मैं ऐसा क्यों नहीं कर सकता?' मैंने फैसला किया कि मैं खेल में अपना करियर बनाऊंगा।'' प्रवीण ने कहा कि वह 2018 में पैरा खेलों से जुड़ने से पहले सामान्य खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सीबीएसई क्लस्टर प्रतियोगिता में सक्षम खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा की और पहली बार रजत पदक जीता। मैं इसके बाद सीबीएसई राष्ट्रीय स्कूल खेलों में गया और स्वर्ण पदक जीता। 2018 में मैं पैरा खेलों में शामिल हुआ और पहली बार भारत के लिए खेला।'' प्रवीण ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में पैरा खेलों के बारे में जागरूकता पूरी तरह से बदल गई है। उन्होंने कहा, ‘‘देवेंद्र झाझरिया ने 2004 में अपना पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीता था। हमें इसके बारे में पता नहीं था। लेकिन 2016 में जब झाझरिया ने एक और स्वर्ण पदक जीता तो बहुत से लोगों को पैरा खेलों के बारे में पता चला।'' प्रवीण ने कहा, ‘‘हमें 2021 में तोक्यो पैरालंपिक में 19 पदक मिले, हमने पेरिस में इनकी संख्या बढ़ाकर 29 कर दी। पहले लोग सोचते थे कि वे पैरा खेलों में आगे कैसे बढ़ सकते हैं। लेकिन अब उन्हें किसी से पूछने की जरूरत नहीं है। वे सीधे आकर कोशिश कर सकते हैं।''
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कोलकाता. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने छह साल के अंतराल पर बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष के रूप में अपनी वापसी पर सोमवार को यहां ईडन गार्डन्स की क्षमता को बढ़ाकर एक लाख के करीब करने के साथ अगले साल के टी20 विश्व कप के महत्वपूर्ण मैचों की मेजबानी हासिल करने को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल किया। गांगुली को सोमवार को यहां सीएबी की 94वीं वार्षिक आम बैठक में निर्विरोध चुना गया। वह इससे पहले 2015 से 2019 तक सीएबी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने यह भी वादा किया कि 14 नवंबर को जब भारत विश्व टेस्ट चैंपियन दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी करेगा, तो ईडन गार्डन्स में टेस्ट क्रिकेट की वापसी सुचारू रूप से सुनिश्चित करेंगे। गांगुली 2019 से 2022 तक बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। इस 53 साल के पूर्व बल्लेबाज ने अपने बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली का स्थान लिया, जिन्हें छह साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद पद छोड़ना पड़ा। गांगुली ने कहा कि उनकी तात्कालिक जिम्मेदारी नवंबर में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले पहले टेस्ट की तैयारी करना होगी। यह 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ ऐतिहासिक दिन रात्रि टेस्ट मैच के बाद ईडन गार्डन्स में पहला टेस्ट होगा। गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष रहते हुए भारत में गुलाबी गेंद से दिन रात्रि टेस्ट की शुरुआत की थी। गांगुली ने उम्मीद जतायी की भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें ईडन गार्डन्स में उपलब्ध सुविधाओं का लुत्फ उठायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अच्छा टेस्ट मैच होगा क्योंकि दक्षिण अफ्रीका विश्व चैंपियन है। इस स्टेडियम में सब कुछ मौजूद है। अच्छी पिचें, अच्छे दर्शक और, बुनियादी ढांचा भी शानदार है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों अच्छी टीमें हैं, मुझे यकीन है कि यह एक अच्छा टेस्ट होगा।'' ईडन गार्डन्स अगले साल के टी20 विश्व कप के कुछ अहम मैचों की मेजबानी करने की उम्मीद है, जिसमें एक संभावित सेमीफाइनल भी शामिल है। गांगुली ने कहा कि उनकी बीसीसीआई के नये टीम सदस्यों के साथ जल्द ही चर्चा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बोर्ड से बात करूंगा। वे भी नए सदस्य हैं। मैं उन्हें (नए बीसीसीआई अध्यक्ष) शुभकामनाएं देता हूं। यह क्रिकेट खेलने से अलग होगा। मुझे यकीन है कि वह अच्छा करेंगे। वहां सिर्फ मिथुन (मिन्हास) नहीं हैं, बल्कि रघुराम भट्ट सहित कई नए पदाधिकारी हैं।'' गांगुली रविवार को बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की वार्षिक आम बैठक में सीएबी का प्रतिनिधित्व करेंगे। बीसीसीआई रविवार को मुंबई में होने वाली अपनी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में दिल्ली के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास को अपना नया अध्यक्ष चुनने जा रहा है। बोर्ड में आपसी सहमति से सभी पदों के लिए निर्विरोध चुनाव होगा। कर्नाटक और भारत के पूर्व स्पिनर रघुराम भट्ट कोषाध्यक्ष का पद संभालेंगे। गांगुली ने ईडन गार्डन्स की क्षमता बढ़ाने की अपनी योजनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना अगले साल की वैश्विक प्रतियोगिता के बाद ही आकार लेगी। उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी होगा, वह अगले साल के टी20 विश्व कप के बाद ही होगा। इसमें समय लगेगा। लीज का नवीनीकरण हो चुका है।'' यह विस्तार योजना अगर अगले साल के टी20 विश्व कप के बाद साकार होती है, तो ईडन गार्डन्स देश का दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बन जाएगा। वर्तमान में अहमदाबाद के मोटेरा में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम 1.32 लाख सीटों की क्षमता के साथ देश का सबसे बड़ा स्टेडियम है। गांगुली की अगुवाई वाला पूरा पैनल निर्विरोध चुना गया। इसमें बबलू कोलाय (सचिव), मदन मोहन घोष (संयुक्त सचिव), संजय दास (कोषाध्यक्ष) और अनु दत्ता (उपाध्यक्ष) शामिल है।














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