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- नई दिल्ली। भारतीय एथलीट ज्योति याराजी 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में 100 मीटर बाधा दौड़ में हिस्सा लेने वाली देश की पहली खिलाड़ी बन जायेंगी जिसमें उनकी कोशिश अपनी मां कुमारी के अभी तक के सारे संघर्षों को खत्म करने की होगी। विश्व रैंकिंग कोटे से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली याराजी अपनी मां की सकारात्मक सोच से प्रेरित होकर पेरिस में शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगी। उनकी मां विशाखापत्तनम में एक स्थानीय अस्पताल में सफाईकर्मी और घरेलू सहायिका की ‘डबल शिफ्ट' में काम करती थीं।‘रिलायंस फाउंडेशन' द्वारा आयोजित एक वर्चुअल बातचीत में याराजी ने कहा, ‘‘पहले मैं अपनी व्यक्तिगत जिंदगी, अपने परिवार और पृष्ठभूमि को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहती थी। लेकिन मैंने काफी कुछ सीखा है। '' उन्होंने कहा, ‘‘कभी कभार मेरी हालत बहुत खराब होती। मेरी मां हमेशा मुझे कहती कि आगे बढ़ते रहो क्येांकि हम वर्तमान, अतीत और भविष्य को नहीं रोक सकते। '' याराजी ने कहा, ‘‘मेरी मां ने मुझे कहा, तुम अपने लिए काम करो, कोई भी नतीजा रहे, हम इसे स्वीकार करेंगे। मेरी मां प्रतियोगिता से पहले मुझे कभी नहीं कहतीं कि पदक जीतो या फिर स्वर्ण पदक जीतो। वह मुझसे कहतीं कि जाओ स्वस्थ रहो और जो भी मैं करूं उसमें संतुष्ट रहूं। इसलिये मैं हमेशा सकारात्मक सोच से आगे बढ़ती हूं। '' उन्होंने यह भी कहा कि सकारात्मक सोच के लोगों के साथ रहने से भी उन्हें मदद मिली क्योंकि उन्होंने अतीत और भविष्य के बारे में ज्यादा सोचने के बजाय मेरे वर्तमान को सुधारने में मदद की। याराजी ने अपने कोच जेम्स हिलियर (रिलायंस फाउंडेशन के एथलेटिक्स निदेशक) का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘पहले मेरे पास अच्छी टीम नहीं थी। अब मेरे साथ बहुत सारे सकारात्मक लोग हैं। इससे मुझे काफी मदद मिल रही है। मैं हमेशा सकारात्मक रहती हूं। मैं सकारात्मक सोच से नकारात्मकता को दूर करती हूं। '' याराजी का राष्ट्रीय रिकॉर्ड 12.78 सेकेंड का है और वह मानती हैं कि ओलंपिक पदार्पण में उन पर काफी दबाव होगा लेकिन वह ध्यान लगाकर शांत बने रहने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ओलंपिक में खेलने का अनुभव नहीं है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि ये अच्छे रहेंगे। मुझे एशियाई चैम्पियनशिप, एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप का अनुभव है। मुझे उम्मीद है कि इनसे मिले अनुभव का ओलंपिक में फायदा उठाऊंगी। ''
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नयी दिल्ली. पेरिस ओलंपिक में भारत के 117 खिलाड़ी भाग लेंगे। खेल मंत्रालय ने इसके अलावा सहयोगी स्टाफ के 140 सदस्यों को भी मंजूरी दी है जिसमें खेल अधिकारी भी शामिल हैं। सहयोगी स्टाफ के 72 सदस्यों को सरकार के खर्चे पर मंजूरी मिली है। ओलंपिक के लिए जिन खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया था उनमें से केवल गोला फेंक की एथलीट आभा खटुआ का नाम सूची में नहीं है। विश्व रैंकिंग के जरिए कोटा हासिल करने वाली आभा खटुआ का नाम हटाने को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। कुछ दिन पहले विश्व एथलेटिक्स की ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की सूची से उनका नाम हटा दिया गया था। अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि चोट लगने, डोपिंग उल्लंघन या किसी अन्य तकनीकी समस्या के कारण उनका नाम हटाया गया है। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले अन्य खिलाड़ियों को उम्मीद के अनुरूप मंजूरी मिल गई। लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पूर्व निशानेबाज गगन नारंग को दल प्रमुख बनाया गया है। नारंग भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में उपाध्यक्ष भी हैं। खेल मंत्रालय की ओर से आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा को लिखे गए पत्र में कहा गया है,‘‘ओलंपिक खेल 2024 की आयोजन समिति के मानदंडों के अनुसार सहयोगी स्टाफ के 67 सदस्य ही खेल गांव में रुक सकते हैं जिनमें आईओए के 11 अधिकारी भी शामिल हैं। अधिकारियों में पांच सदस्य चिकित्सा दल के हैं।'' पत्र में कहा गया है,‘‘खिलाड़ियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की लागत पर 72 अतिरिक्त कोच और अन्य सहायक कर्मचारियों को मंजूरी दी गई है और उनके ठहरने की व्यवस्था होटल-खेल गांव के बाहर के स्थानों में की गई है।'' आभा खटुआ का नाम शामिल नहीं होने के बावजूद खिलाड़ियों की सूची में सर्वाधिक 29 (11 महिला और 18 पुरुष) खिलाड़ी एथलेटिक्स के हैं। उनके बाद निशानेबाजी (21) और हॉकी (19) का नंबर आता है। टेबल टेनिस में भारत के आठ जबकि बैडमिंटन में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता के पीवी सिंधु सहित सात खिलाड़ी भाग लेंगे। कुश्ती (6), तीरंदाजी (6) और मुक्केबाजी (6) में छह-छह खिलाड़ी ओलंपिक में अपनी चुनौती पेश करेंगे। इसके बाद गोल्फ (4), टेनिस (3), तैराकी (2), सेलिंग (2) का नंबर आता है। घुड़सवारी, जूडो, रोइंग और भारोत्तोलन में एक-एक खिलाड़ी भाग लेंगे। निशानेबाजी दल में 11 महिला और 10 पुरुष खिलाड़ी शामिल हैं। टेबल टेनिस में पुरुष और महिला दोनों वर्ग में चार-चार खिलाड़ी शामिल हैं। तोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू दल में शामिल एकमात्र भारोत्तोलक हैं। वह महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करेंगी। तोक्यो ओलंपिक में भारत के 119 खिलाड़ियों ने भाग लिया था जिन्होंने सात पदक जीते थे। इनमें नीरज चोपड़ा का भाला फेंक में जीता गया ऐतिहासिक स्वर्ण पदक भी शामिल है। चोपड़ा पेरिस में अपने खिताब का बचाव करने के लिए उतरेंगे। दल में शामिल में 21 अधिकारियों में 11 खेल गांव में रुकेंगे जबकि बाकी अधिकारी खेल गांव के बाहर होटल में ठहरेंगे। इनका खर्च सरकार वहन करेगी। निशानेबाजी में सहयोगी स्टाफ के सर्वाधिक 18 सदस्य शामिल हैं जिनमें से एक हाई परफॉर्मेंस निदेशक और छह कोच खेल गांव में ठहरेंगे। बाकी 11 सदस्य होटल में रुकेंगे जिनमें चार कोच, चार फिजियो, दो मनोवैज्ञानिक और एक अनुकूलन विशेषज्ञ शामिल हैं। एथलेटिक्स में सहयोगी स्टाफ के 17 सदस्य शामिल हैं। उसके बाद कुश्ती (12), मुक्केबाजी (11), हॉकी (10), टेबल टेनिस (9), बैडमिंटन (9), गोल्फ (7), घुड़सवारी (5), तीरंदाजी (4), नौकायन (4), भारोत्तोलन (4) टेनिस (3), तैराकी (2) और जूडो (1) का नंबर आता है। मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि पेरिस में भारतीय दूतावास में एयर अताशे पद पर कार्यरत एयर कमोडोर प्रशांत आर्य ओलंपिक अताशे होंगे, जिनके पास मान्यता पत्र होगा तथा वह दूतावास की सहायता और हस्तक्षेप की आवश्यकता वाले किसी भी मुद्दे का समाधान करने के लिए खेल गांव और प्रतियोगिता स्थलों का दौरा करेंगे।
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नई दिल्ली. भारत ने बीजिंग ओलंपिक 2008 से लेकर प्रत्येक ओलंपिक में पदक जीता है और पेरिस ओलंपिक में भाग ले रहे पहलवानों के लिए इस सिलसिले को जारी रखना बड़ी चुनौती होगी। लगातार चार ओलंपिक में सफलता के बाद कुश्ती भारत का प्रमुख खेल बन गया। इस बीच उसने सीनियर ही नहीं जूनियर स्तर पर भी अच्छी सफलताएं हासिल की। वह सुशील कुमार थे जिन्होंने 2008 में कांस्य पदक जीत कर भारत में कुश्ती का परिदृश्य बदला। इसके चार साल बाद लंदन ओलंपिक में उन्होंने रजत पदक हासिल किया जबकि योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक जीता। साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक खेल 2016 में कांस्य पदक जीत कर यह सिलसिला जारी रखा जबकि तोक्यो ओलंपिक में रवि दहिया ने रजत और बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता। लेकिन जब यह खेल नित नई ऊंचाई हासिल कर रहा था तब देश के शीर्ष पहलवानों के भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण इसकी प्रगति को करारा झटका लगा। इसके कारण राष्ट्रीय शिविर और घरेलू प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं हो पाया। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई और तब कोई नहीं जानता था कि आगे क्या होगा। राष्ट्रीय महासंघ के चुनाव हुए लेकिन नई संस्था को निलंबित कर दिया गया। इस खेल की अंतरराष्ट्रीय संस्था के निलंबन हटाए जाने के बाद ही स्थिति सामान्य हो पाई। भारत का केवल एक पुरुष खिलाड़ी और पांच महिला खिलाड़ी ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर पाए। इन खिलाड़ियों के मजबूत और कमजोर पक्षों का यहां विश्लेषण किया जा रहा है। अमन सहरावत (पुरुष फ़्रीस्टाइल 50 किग्रा): अपने खेल में निरंतर सुधार करने वाले अमन ने 57 किग्रा भार वर्ग में रवि दहिया की जगह ली। उनका दमखम और धैर्य बनाए रखना मजबूर पक्ष है। अगर मुकाबला 6 मिनट तक चलता है तो उन्हें हराना आसान नहीं होगा। उनके खेल में हालांकि रणनीति का अभाव नजर आता है। उनके पास प्लान बी नहीं होता है। पेरिस में उन्हें रेई हिगुची और उज्बेकिस्तान के गुलोमजोन अब्दुल्लाव से कड़ी चुनौती मिल सकती है। विनेश फोगाट (महिला 50 किग्रा): इसमें कोई संदेह नहीं है कि विनेश फोगाट भारत की सबसे बेहतरीन महिला पहलवानों में से एक हैं। मजबूत रक्षण और उतना ही प्रभावशाली आक्रमण उनकी ताकत है। लेकिन पिछले एक साल में उन्हें चोटी की खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने का कम मौका मिला है। इसके अलावा वह कम वजन वर्ग में भाग ले रही है। उन्हें वजन कम करने की जटिल प्रक्रिया से गुजरना होगा। अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा): हिसार की यह तेजतर्रार खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली पहली पहलवान थी। जब विरोध प्रदर्शन अपने चरम पर था, तब उन्होंने विनेश को ट्रायल के लिए चुनौती भी दी थी। अंतिम का मजबूत पक्ष उनका लचीलापन है जिससे वह विरोधी की पकड़ से जल्दी बाहर निकल जाती है। उन्होंने हालांकि एशियाई खेलों में भाग नहीं लिया और पीठ की चोट के कारण उन्हें इस साल एशियाई चैम्पियनशिप से बाहर होना पड़ा। पिछले कुछ समय में कम प्रतियोगिताओं में भाग लेने का उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। अंशु मलिक (महिला 57 किग्रा): जूनियर स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने के बाद सीनियर स्तर में जगह बनाने वाली अंशु पदक के दावेदारों में शामिल है। मैट पर तेज़ी से मूवमेंट करना और आक्रामक खेल शैली अंशु की सबसे बड़ी ताकत है। हालांकि उनकी फिटनेस चिंताजनक पहलू है। वह कंधे की चोट से परेशान रही हैंं। उनका दावा है कि यह सिर्फ गर्दन की ऐंठन है, लेकिन उसका परीक्षण नहीं किया गया है। निशा दहिया (महिला 68 किग्रा): निशा के बारे में बहुत अधिक दावे नहीं किए गए। उन्होंने शुरू में काफी उम्मीद जगाई लेकिन चोटिल होने के कारण उनकी प्रगति पर प्रभाव पड़ा। वह अपनी आक्रामक शैली से मजबूत प्रतिद्वंदी को भी चौंका देती है। वह बेखौफ होकर खेलती है जो उनका मजबूत पक्ष है। उन्हें हालांकि बड़ी प्रतियोगिताओं में खेलने का कम अनुभव है जो उनकी कमजोरी है। इसके अलावा मुकाबला लंबा चलने पर वह शिथिल पड़ जाती है। रीतिका हुड्डा (महिला 76 किग्रा): रीतिका अपनी ताकत के दम पर मजबूत खिलाड़ियों को भी चौंका देती है। इससे अनुभवी पहलवानों के लिए भी उन्हें हराना मुश्किल साबित हो सकता है। रीतिका के पास ताकत और तकनीक है, लेकिन उन्हें मुकाबले के आखिरी 30 सेकंड में अंक गंवाने की आदत है। अगर वह बढ़त भी बना लेती है, तो वह उन अंकों को खो सकती है। मुकाबले के आखिर में ध्यान भटक जाना उनकी कमजोरी है।
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नयी दिल्ली भारत की पहली महिला पैरालंपिक पदक विजेता दीपा मलिक को एशियाई पैरालंपिक समिति (एपीसी) ने दक्षिण एशिया के लिए उप क्षेत्रीय प्रतिनिधि नियुक्त किया है। एपीसी की 34वीं कार्यकारी बोर्ड बैठक के दौरान इस नियुक्ति की पुष्टि की गई। यह नियुक्ति पैरा खेलों में लैंगिक विविधता और खिलाड़ियों के नेतृत्व के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। दीपा मलिक तुरंत पद की जिम्मेदारी संभालेंगी। मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार भारत की पूर्व पैरालंपिक समिति प्रमुख की नियुक्ति से कार्यकारी बोर्ड में महिला प्रतिनिधियों की संख्या पांच हो गई है जो एपीसी के इतिहास में बोर्ड में महिलाओं का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व है। एपीसी के अध्यक्ष माजिद रशीद ने कहा, ‘‘हमारे कार्यकारी बोर्ड की बैठकों में महिलाओं की संख्या में इजाफा होना सकारात्मक कदम है, विशेषकर जब डॉक्टर दीपा मलिक के अनुभव, कौशल और जानकारी रखने वाली कोई महिला इसमें शामिल हो। '' दीपा की भूमिका में दक्षिण एशियाई देशों का प्रतिनिधित्व करना और इस क्षेत्र में पैरा खेलों के विकास और इन्हें प्रोमोट करने की वकालत करना होगा। दीपा ने कहा, ‘‘दक्षिण एशिया का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है और मेरे लिए शानदार मौका है। भारत लंबे समय से ‘वसुधैव कुटुम्बकम' का नेतृत्वकर्ता रहा है और अब इस बड़े परिवार में योगदान देने के लिए आगे बढ़ने का सही समय है।
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नई दिल्ली। ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी का स्वर्णिम इतिहास रहा है। भारत को ओलंपिक में पहली बार हॉकी खेलने का मौका 1928 में मिला और टीम ने ध्यानचंद के 14 गोल के दम पर पहली बार में ही गोल्ड जीता। यहां से हॉकी इंडिया की ओलंपिक में स्वर्णिम दास्तान शुरू होती है, जिसके बाद टीम ने 1932 और 1936 में भी हॉकी का गोल्ड जीता। इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ओलंपिक खेलों की वापसी के बाद भारतीय हॉकी टीम ने 1948, 1952, और 1956 में लगातार तीन गोल्ड जीते।. भारत ने 1964 और 1980 में भी गोल्ड हासिल किया था।. इसके बाद से टीम हॉकी में गोल्ड नहीं जीत पाई है।. हालांकि टोक्यो ओलंपिक में टीम ने जिस तरह से कांस्य पदक जीतकर हॉकी में देश की भावना को जिंदा किया है।, उसके बाद गोल्ड की संभावना और महत्वाकांक्षा दोनों बढ़ गई हैं।
इस बार भारत की हालिया फॉर्म बहुत अच्छी नहीं होने के बावजूद टीम से ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है, तो इसका कारण महज खिलाड़ियों की कड़ी ट्रेनिंग। हार्ड वर्क और जोश ही नहीं है, बल्कि बड़े मंच पर यह टीम बड़ा प्रदर्शन करने का दिलचस्प रिकॉर्ड रखती है।. भारत ने एशियन गेम्स के फाइनल में जापान को 5-1 से हराकर यह बात साबित की थी। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भी जर्मनी जैसी मजबूत टीम को मात दी थी.।इस बार टीम को वरुण कुमार की कमी खलेगी, लेकिन टीम में युवाओं और अनुभवी खिलाड़ियों का बढ़िया मिश्रण है। गोलकीपर पीआर श्रीजेश और मिडफील्डर मनप्रीत सिंह अपना चौथा ओलंपिक खेलने के लिए तैयार हैं। वहीं डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह, फॉरवर्ड अभिषेक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो बिल्कुल नए हैं. टीम का यह संयोजन मैदानी प्रदर्शन में बड़ी अहम भूमिका निभाएगा।भारत के पास ओलंपिक में ऐसा पूल है जिसमें बेल्जियम, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और आयरलैंड जैसी टीमें शामिल हैं.। इनमें बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमें भले ही आसान प्रतिद्वंदी नहीं हैं, लेकिन भारत न्यूजीलैंड, आयरलैंड और अर्जेंटीना जैसे प्रतिद्वंदियों के खिलाफ अनुकूल रिजल्ट की उम्मीद कर सकता है.। खास बात यह है कि भारत को शुरुआती तीन मैच न्यूजीलैंड, अर्जेंटीना और आयरलैंड के खिलाफ खेलने हैं।. भारत इन मैचों में सिर्फ अपेक्षित प्रदर्शन करके भी जीत सकता है.। भारत को अगले दौर में प्रवेश करने के लिए इन मैचों की तीन जीत काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.। उसके बाद वे ऊंचे मनोबल के साथ बाकी के दो मैच बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल सकते हैं.। - कोलंबो. भारतीय महिला क्रिकेट टीम 19 जुलाई से दाम्बुला में होने वाले एशिया कप टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलने के लिए मंगलवार को यहां पहुंची। श्रीलंका क्रिकेट ने भारत और बांग्लादेश की टीमों के आगमन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं।भारत को ग्रुप ए में रखा गया है और उसका पहला मैच 19 जुलाई को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होगा। इसी दिन इस ग्रुप की दो अन्य टीमों संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल के बीच भी मैच खेला जाएगा। मेजबान श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड और बांग्लादेश को ग्रुप बी में रखा गया है।बांग्लादेश में अक्टूबर में होने वाले विश्व कप को ध्यान में रखते हुए यह टूर्नामेंट महत्वपूर्ण है।
- ब्यूनस आयर्स । अपने कैरियर में पहली बार फुलटाइम से पहले कोपा अमेरिका फाइनल से चोट के कारण बाहर हुए लियोनेल मेस्सी अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सके और अपने ‘आखिरी किले' में से एक फतेह करने के बावजूद वह फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाये । मेस्सी को पैर की चोट के कारण कोलंबिया के खिलाफ फाइनल मैच से 64वें मिनट में बाहर जाना पड़ा । अर्जेंटीना ने लगातार दूसरी बार कोपा अमेरिका खिताब जीता । मेस्सी के फिटनेस टेस्ट में नाकाम रहने के कारण 2026 विश्व कप में उनकी भागीदारी को लेकर भी अनिश्चितता की स्थिति है । सैतीस वर्ष के मेस्सी चोट के कारण पिछले साल इंटर मियामी और अर्जेंटीना के काफी मैचों से बाहर रहे थे । कोपा अमेरिका में भी कई ग्रुप मैचों से उन्हें बाहर रहना पड़ा । इक्वाडोर के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में वह पेनल्टी चूके । उन्होने एकमात्र गोल कनाडा के खिलाफ सेमीफाइनल में किया । मेस्सी ने मैच के बाद मीडिया से बात नहीं की और ना ही उनकी टीम ने चोट की गंभीरता के बारे में बताया । अर्जेंटीना के 35 पार के धुरंधर एंजेल डि मारिया (36) और निकोलस ओटामेंडी (36) के अलावा स्थानापन्न गोलकीपर फ्रेंको अरमानी (37) का यह आखिरी टूर्नामेंट था । अब अर्जेंटीना को सितंबर में चिली और कोलंबिया के खिलाफ विश्व कप क्वालीफाइंग मैच खेलने हैं ।
- नई दिल्ली ।श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने शुक्रवार से दाम्बुला में शुरू हो रहे महिला एशिया कप के दौरान जनता के लिए मुफ्त प्रवेश की घोषणा की। एसएलसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।टूर्नामेंट में आठ टीमें - भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मेजबान श्रीलंका, थाईलैंड, यूएई, नेपाल और मलेशिया - रनगिरी दाम्बुला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खिताब के लिए भिड़ेंगी। एसएलसी ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘महिला एशिया कप 2024 आ गया है और प्रवेश निःशुल्क है!''टूर्नामेंट में कुल 15 मैच खेले जाएंगे जिनमें दो सेमीफाइनल और फाइनल शामिल हैं। भारत शुक्रवार को अपने अभियान की शुरुआत चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ करेगा।
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दुबई. भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर और सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल में समाप्त हुई श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन के दम पर आईसीसी टी20 रैंकिंग में क्रमशः 12वें और 15वें स्थान पर पहुंच गई हैं। हरमनप्रीत तीन पायदान आगे बढ़ी हैं। उनके कुल 613 रेटिंग अंक हैं। शेफाली को दो स्थान का फायदा हुआ है। वह न्यूजीलैंड की अमेलिया केर और इंग्लैंड की डैनी वायट के साथ 15वें स्थान पर हैं। सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना पांचवें स्थान पर बनी हुई हैं और वह भारतीय खिलाड़ियों में शीर्ष पर काबिज हैं। गेंदबाजों की सूची में अनुभवी दीप्ति शर्मा तीसरे स्थान पर बनी हुई हैं। राधा यादव आठ पायदान चढ़कर 15वें, पूजा वस्त्राकर छह पायदान ऊपर 23वें और श्रेयंका पाटिल नौ पायदान ऊपर चढ़कर 60वें स्थान पर पहुंच गईं हैं। इंग्लैंड की स्पिनर सारा ग्लेन ने 768 अंकों के साथ अपने करियर की नई सर्वोच्च रेटिंग हासिल की है। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के चार मैचों में आठ विकेट चटकाए हैं। वह पहले की तरह दूसरे स्थान पर बनी हुई हैं। उनकी साथी सोफी एक्लेस्टोन शीर्ष पर काबिज हैं।
- म्यूनिख (जर्मनी) । जर्मनी के फॉरवर्ड थॉमस मुलर ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की, जिससे उनके 14 साल तक चले करियर का अंत हो गया। वह 2014 में विश्व कप जीतने वाली जर्मन टीम के सदस्य थे। इस 34 वर्षीय खिलाड़ी ने जर्मनी की तरफ से 131 मैच खेले और 45 गोल किए।मुलर ने एक यूट्यूब चैनल से कहा,‘‘अपने देश की तरफ से खेलने में मुझे हमेशा गर्व महसूस हुआ। हमने मिलकर जश्न मनाया और कभी-कभी साथ में आंसू भी बहाए। मैं सभी प्रशंसकों और जर्मन टीम के अपने साथियों का इतने वर्षों तक मेरा समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त करता हूं।'' मुलर ने जर्मनी की तरफ से अपना आखिरी मैच यूरो 2024 के विजेता स्पेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल के रूप में खेला था। उन्होंने 2010 में अर्जेंटीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण किया था। उन्होंने चार विश्व कप और इतने ही यूरोपीय चैंपियनशिप में भाग लिया।
- मुंबई । शतरंज की वैश्विक संचालन संस्था फिडे 20 जुलाई को यहां होने वाले अंतरराष्ट्रीय शतरंज टूर्नामेंट में एक दिन में शतरंज की सबसे अधिक बाजियां खेलने का गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास करेगी। टूर्नामेंट में 350 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। नौ दौर का यह टूर्नामेंट 10 प्लस पांच टाइम कंट्रोल प्रारूप में खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट का आयोजन फीनिक्स मार्केटसिटी मॉल और चेसबेस इंडिया अखिल भारतीय शतरंज महासंघ और फिडे के सहयोग से कर रहे हैं। टूर्नामेंट की इनामी राशि एक लाख रुपये है जबकि प्रतिभागियों को 300 रुपये का प्रवेश शुल्क देना होगा।
- मुंबई. ऑफ स्पिनर मीनू मनि सात अगस्त से शुरू होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत ‘ए' महिला टीम की अगुआई करेंगी। श्वेता सेहरावत को उप कप्तान बनाया गया है। भारत को आगामी दौरे पर ऑस्ट्रेलिया ‘ए' के खिलाफ तीन टी20, तीन 50 ओवर के मैच और एक चार दिवसीय मैच खेलना है। टीम में साजना सजीवन, उमा छेत्री और साइका इशाक को भी जगह मिली है।शबनम शकील को भी टीम में शामिल किया गया है लेकिन उनका चयन फिटनेस पर निर्भर करेगा।सत्ताइस वर्षीय तेज गेंदबाज साइमा ठाकोर को स्टैंडबाय के तौर पर टीम में शामिल किया गया है।भारत ए टीम: मीनू मनि (कप्तान), श्वेता सेहरावत, प्रिया पूनिया, शुभा सतीश, तेजल हसबनिस, किरण नवगिरे, साजना सजीवन, उमा छेत्री, शिप्रा गिरी, राघवी बिष्ट, साइका इशाक, मन्नत कश्यप, तनुजा कंवर, प्रिया मिश्रा, मेघना सिंह, सायली सतघरे, शबनम शकील और एस यशश्री। स्टैंडबाय: साइमा ठाकोरकार्यक्रम:सात अगस्त - पहला टी20 (एलेन बॉर्डर फील्ड, ब्रिसबेन)नौ अगस्त - दूसरा टी20 (एलेन बॉर्डर फील्ड, ब्रिसबेन)11 अगस्त - तीसरा टी20 (एलेन बॉर्डर फील्ड, ब्रिसबेन)14 अगस्त - पहला 50 ओवर का मुकाबला (मैकाय)16 अगस्त - दूसरा 50 ओवर का मुकाबला (मैकाय)18 अगस्त - तीसरा 50 ओवर का मुकाबला (मैकाय)22-25 अगस्त - चार दिवसीय मुकाबला (गोल्ड कोस्ट)
- हरारे. संजू सैमसन के अर्धशतक के बाद मुकेश कुमार की अगुआई में गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन से भारत ने रविवार को यहां जिंबाब्वे को पांचवें और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 42 रन से हराकर लगातार चौथी जीत के साथ श्रृंखला 4-1 से अपने नाम की। भारत के 168 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जिंबाब्वे की टीम मुकेश (22 रन पर चार विकेट) के करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी के सामने 18.3 ओवर में 125 रन पर सिमट गई। शिवम दुबे (25 रन पर दो विकेट) ने किफायती गेंदबाजी करते हुए दो विकेट चटकाए जबकि वाशिंगटन सुंदर (सात रन पर एक विकेट), अभिषेक शर्मा (20 रन पर एक विकेट) और तुषार देशपांडे (25 रन पर एक विकेट) को एक-एक विकेट मिला। जिंबाब्वे की ओर से डियोन मायर्स ने सर्वाधिक 34 रन बनाए जबकि सलामी बल्लेबाज ताडिवनाशे मरूमानी और फराज अकरम ने 27-27 रन का योगदान दिया। सैमसन ने इससे पहले 45 गेंद में चार छक्कों और एक चौके से 58 रन की पारी खेलने के अलावा रियान पराग (22) के साथ चौथे विकेट के लिए 65 रन जोड़े जिससे भारत ने छह विकेट पर 167 रन का स्कोर खड़ा किया। दुबे ने अंत में 12 गेंद में दो छक्कों और दो चौकों से 26 रन की तेजतर्रार पारी खेली। जिंबाब्वे की ओर से ब्लेसिंग मुजरबानी सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने 19 रन देकर दो विकेट चटकाए।लक्ष्य का पीछा करने उतरे जिंबाब्वे की शुरुआत खराब रही। वेस्ली माधेवेरे (00) मुकेश की पारी की तीसरी ही गेंद को विकेटों पर खेल गए। ब्रायन बेनेट (10) ने देशपांडे का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया लेकिन मुकेश के अगले ओवर में डीप बैडवर्ड प्वाइंट पर दुबे को आसान कैच दे बैठे। सलामी बल्लेबाज मरूमानी ने मुकेश पर लगातार दो चौके जड़े। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज अगली गेंद पर बोल्ड हो गया लेकिन वह नोबॉल हो गई। मरूमानी ने रवि बिश्नोई पर दो चौके मारे जबकि इसी ओवर में मायर्स ने भी गेंद को बाउंड्री के दर्शन कराए। जिंबाब्वे ने पावर प्ले में दो विकेट पर 47 रन बनाए।सुंदर ने मरूमानी को पगबाधा करके जिंबाब्वे को तीसरा झटका दिया।मायर्स ने बाएं हाथ के स्पिनर अभिषेक पर छक्का और चौका मारा लेकिन दुबे की गेंद पर शॉर्ट थर्ड मैन पर अभिषेक को ही आसान कैच दे बैठे। कप्तान सिकंदर रजा (08) 14वें ओवर में दुबे के सटीक निशाने पर रन आउट हुए।दुबे ने जॉनाथन कैंपबेल (04) को स्क्वायर लेग बाउंड्री पर देशपांडे के हाथों कैच कराया।जिंबाब्वे को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 74 रन की दरकार थी।अभिषेक ने क्लाइव मेडेंडे (01) को विकेटकीपर सैमसन के हाथों कैच कराके जिंबाब्वे को सातवां झटका दिया। मेजबान टीम के रनों का शतक 17वें ओवर में पूरा हुआ।फराज अकरम ने दुबे पर छक्का जड़ने के बाद देशपांडे की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारा। देशपांडे ने इस बीच ब्रेंडन मावुता (04) को अपनी ही गेंद पर लपका। मुकेश ने अकरम को सैमसन के हाथों कैच कराया और फिर रिचर्ड नगारवा (00) को बोल्ड करके भारत की जीत सुनिश्चित की। इससे पहले जिंबाब्वे के लिए नगारवा (29 रन पर एक विकेट), रजा (37 रन पर एक विकेट) और मावुता (39 रन पर एक विकेट) ने भी एक-एक विकेट चटकाया। रजा ने भारत को बल्लेबाजी का न्योता दिया। रजा ने पहली ही गेंद नोबॉल फेंकी जिस पर यशस्वी जायसवाल (12) ने छक्का जड़ने के बाद फ्री हिट को भी दर्शकों के बीच पहुंचाया। वह हालांकि पारी की चौथी ही गेंद पर बोल्ड हो गए। अभिषेक (14) ने अकरम पर छक्का मारा जबकि कप्तान शुभमन गिल (13) ने भी इस तेज गेंदबाज पर लगातार दो चौके जड़े। मुजरबानी की गेंद पर ब्रायन बेनेट ने प्वाइंट पर अभिषेक का कैच टपकाया लेकिन बाएं हाथ का यह बल्लेबाज दो गेंद बाद विकेटकीपर क्लाइव मेडेंडे को कैच दे बैठा। नगारवा की गेंद पर कैंपबेल ने थर्ड मैन पर गिल का मुश्किल कैच टपकाया लेकिन भारतीय कप्तान ने इस ओवर में रजा को कैच थमा दिया। भारत ने पावर प्ले में तीन विकेट पर 44 रन बनाए।सैमसन और पराग ने इसके बाद पारी को आगे बढ़ाया। सैमसन ने रजा पर छक्का जड़ा। पराग ने मावुता पर 107 मीटर का अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला छक्का मारा। सैमसन ने भी मावुता पर लगातार दो छक्के जड़े।भारत के रनों का शतक 13वें ओवर में पूरा हुआ।पराग इसके बाद मावुता की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में लॉन्ग ऑफ पर नगारवा को आसान कैच दे बैठे। दुबे ने आते ही मावुता पर छक्का जड़ा।सैमसन ने नगारवा पर छक्का जड़ने के बाद रजा की गेंद पर दो रन के साथ 39 गेंद में अर्धशतक पूरा किया।सैमसन हालांकि अर्धशतक पूरा करने के बाद मुजरबानी की गेंद पर मरूमानी को कैच दे बैठे।दुबे ने 19वें ओवर में नगारवा की लगातार गेंदों पर दो चौके और एक छक्का मारा। वह अंतिम ओवर में रन आउट हुए।
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लंदन. कैटरीना सिनियाकोवा और टेलर टाउनसेंड ने सीधे सेटों में जीत दर्ज करके विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट में महिला युगल का खिताब जीता। सिनियाकोवा और टाउनसेंड ने शनिवार को खेले गए फाइनल में गैब्रिएला डाब्रोवस्की और एरिन रूटलिफ को 7-6 (5), 7-6 (1) से हराया। सिनियाकोवा का विंबलडन में यह तीसरा महिला युगल खिताब है। उन्होंने लंबे समय तक अपनी युगल जोड़ीदार रही बारबोरा क्रेजिकोवा के विंबलडन एकल खिताब जीतने के कुछ देर बाद अपने नाम पर एक और ट्रॉफी जोड़ी। चेक गणराज्य की सिनियाकोवा ने हमवतन क्रेजिकोवा के साथ मिलकर सात ग्रैंडस्लैम महिला युगल खिताब जीते हैं। उन्होंने इस साल फ्रेंच ओपन में कोको गॉफ के साथ जोड़ी बनाकर खिताब जीता था। टाउनसेंड के साथ यह उनका पहला खिताब है। टाउनसेंड का यह पहला ग्रैंडस्लैम खिताब है।
- ला प्लाग्ने (फ्रांस)। भारतीय ग्रैंडमास्टर राजा ऋत्विक ने यहां ला प्लाग्ने शतरंज ओपन में रजत पदक जीता जबकि हमवतन पन्नीरसेल्वम इनियान ने कांस्य पदक जीता। ऋत्विक ने इनियान, ग्रैंडमास्टर प्रनीथ वुप्पला और अंतरराष्ट्रीय मास्टर धुलिपल्ला बाला चंद्र प्रसाद जैसे अन्य खिलाड़ियों के साथ दूसरे स्थान पर रहने के बाद टाई-ब्रेकर के माध्यम से रजत पदक जीता। इन सभी ने छह से 12 जुलाई के बीच यहां आयोजित प्रतियोगिता में नौ मैचों में सात अंक अर्जित किए थे। इनियान को प्रतियोगिता में छठी वरीयता दी गई थी। फ्रांस के ग्रैंडमास्टर जूल्स मूसार्ड ने 7.5 अंक के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। इस प्रतियोगिता में 17 देशों के 184 खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिनमें 17 ग्रैंडमास्टर और 40 अंतर्राष्ट्रीय मास्टर शामिल थे।
- लंदन.। इंग्लैंड ने तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के संन्यास के बाद ट्रेंट ब्रिज में वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए मार्क वुड को टीम में शामिल किया। एंडरसन ने श्रृंखला के पहले टेस्ट में इंग्लैंड के लिए अपना 188वां टेस्ट मैच खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। वुड (34 वर्ष) मंगलवार को नॉटिंघम में टीम से जुड़ेंगे। वह मार्च में भारत दौरे पर इंग्लैंड की टेस्ट टीम में शामिल थे। वह इंग्लैंड के तेज गेंदबाजी आक्रमण से जुड़ेंगे जिसमें गुस एटकिन्सन, क्रिस वोक्स और ‘अनकैप्ड' डिलन पेनिंगटन शामिल हैं। पिछले महीने इंग्लैंड के टी20 विश्व कप अभियान से लौटने के बाद से वुड ने डरहम के लिए अभी तक कोई प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला है। दूसरा टेस्ट गुरुवार से शुरू होगा।
- लंदन ।. कैंसर का उपचार करा रही ब्रिटेन की वेल्स की राजकुमारी केट मिडलटन विम्बलडन टेनिस चैम्पियनशिप में पुरूष एकल फाइनल के विजेता को ट्रॉफी प्रदान करेंगी । उनके कार्यालय ने शनिवार को यह जानकारी दी । खुद टेनिस खिलाड़ी रह चुकी मिडलटन आल इंग्लैंड लॉन टेनिस की संरक्षक के रूप में फाइनल देखने आयेंगी । इसके बाद वह कार्लोस अल्काराज और नोवाक जोकोविच के बीच होने वाले फाइनल के विजेता को ट्रॉफी प्रदान करेंगी । कैंसर के उपचार के लिये कीमोथेरेपी कराने की जानकारी देने के बाद 42 वर्ष की मिडलटन दूसरी बार ही सार्वजनिक तौर पर नजर आयेंगी । पिछले महीने वह किंग चार्ल्स के जन्मदिन की परेड में बकिंघम पैलेस की बालकनी में नजर आई थी ।
- कोलकाता । पूर्व ओलंपियनों का मानना है कि ओलंपिक खेलों के लिये भारत की तैयारी सतत चलने वाली प्रक्रिया होनी चाहिये और अधिकारियों को खेलों के कुछ महीने पहले ही नहीं जागना चाहिये । इंडियन चैंबर आफ कॉमर्स द्वारा शुक्रवार की रात यहां आयोजित परिचर्चा ‘ इन सर्च आफ ग्लोरी : इंडियाज प्रोस्पेक्टस इन द 2024 ओलंपिक' में पूर्व ओलंपियनों ने भाग लिया था । ओलंपिक 1964 की स्वर्ण पदक विजेता और 1968 की कांस्य पदक विजेता हॉकी टीम के सदस्य रहे गुरबख्श सिंह ने कहा ,‘‘ ओलंपिक आने पर ही हम जागते हैं , पूरा देश जागता है । यह रवैया बदलना चाहिये ।'' हॉकी में 2024 ओलंपिक में भारत की संभावना के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ हमें कठिन पूल मिला है । पहला लक्ष्य सेमीफाइनल में पहुंचना होना चाहिये । सिर्फ जीत की सोच के साथ मैदान पर उतरना होगा ।'' जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने कहा ,‘‘ अपने भीतर सब कुछ हासिल करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिये ।'' रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक से मामूली अंतर से चूकी करमाकर ने कहा ,‘‘ चौथे स्थान पर रहने के बाद मैचे कोच बिश्वेश्वर नंदी सर से कहा कि मुझ पर भरोसा करने वाले करोड़ों भारतीयों का सामना कैसे करूंगी । उन्हें मुझसे इतनी अपेक्षायें थी । मैं सीधे अगरतला जाना चाहती थी लेकिन उन्होंने कहा कि पूरा देश तुम्हारा इंतजार कर रहा है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ और मेरे आने के बाद जिस तरह से स्वागत हुआ, मैं दंग रह गई । मुझे याद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कितने प्रेरक शब्द कहे थे और उन्हें मेरे प्रदर्शन के हर मिनट की तफ्सील से जानकारी थी ।'' नंदी ने कहा ,‘‘ भारत में जिम्नास्टिक पांच या छह राज्यों में ही खेला जाता है । इसमें बदलाव जरूरी है ताकि दीपा के नक्शे कदम पर और भी युवा चल सकें।'' पूर्व ओलंपियन तीरंदाज राहुल बनर्जी ने कहा कि एक खिलाड़ी को हमेशा नाकामियों से सीखना चाहिये । उन्होंने कहा ,‘‘ अगर आप पहला टूर्नामेंट जीतते हैं तो जश्न मनाते हैं और दूसरा हारने पर आपको नाकाम करार दिया जाता है ।''
- चेन्नई। भारत के स्टार खिलाड़ी डी गुकेश और आर प्रज्ञानानंदा हंगरी के बुडापेस्ट में सितंबर में होने वाले आगामी शतरंज ओलंपियाड में भाग लेंगे। नवंबर में विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में चीन के मौजूदा विश्व चैम्पियन डिंग लिरेन को चुनौती देने वाले गुकेश के लिए यह टूर्नामेंट ‘ड्रेस रिहर्सल' की तरह होगा। गुकेश (18 वर्ष) ने इस साल शानदार प्रदर्शन किया है। वह अप्रैल में टोरंटो में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे। अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के अध्यक्ष नितिन नारंग ने पीटीआई को पुष्टि करते हुए बताया कि टीम में अर्जुन एरिगेसी, विदित गुजराती और पी हरिकृष्णा भी शामिल हैं। महिला टीम में डी हरिका, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल और तानिया सचदेव मौजूद हैं।ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी अज्ञात कारणों से टीम से बाहर हैं जिन्होंने 2022 में कांस्य पदक जीता था। भारत ने पहली बार 2022 में ओलंपियाड के पिछले चरण की मेजबानी की थी जिसमें मेजबान देश ने ओपन और महिला दोनों वर्गों में कांस्य पदक जीता था। यह ओलंपियाड का 45वां चरण होगा। हंगरी पहली बार आधिकारिक रूप से इसकी मेजबानी करेगा।
- लंदन,। चेक गणराज्य की बारबोरा क्रेजिसिकोवा ने शनिवार को यहां महिला एकल फाइनल में जैस्मीन पाओलिनी को हराकर विम्बलडन खिताब अपने नाम की और अपनी दूसरी ग्रैंडस्लैम ट्रॉफी जीती। तीन साल पहले क्रेजिसिकोवा ने 2021 में फ्रेंच ओपन में पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीता था। तब इस 28 साल की खिलाड़ी को वरीयता नहीं मिली थी। इस सत्र में पीठ की चोट के कारण आल इंग्लैंड क्लब में भी वह 32 वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों में 31वें नंबर पर थीं। क्रेजिसिकोवा ने आल इंग्लैंड के क्लब पर फाइनल में पाओलिनी पर 6-2, 2-6, 6-4 की जीत से अप्रत्याशित जीत दर्ज की। उन्होंने अपनी मेंटोर (दिवंगत) 1998 विम्बलडन चैम्पियन जाना नोवोत्ना का धन्यवाद किया जिन्होंने उन्हें पेशेवर टेनिस में आने के लिए प्रेरित किया था। क्रेजिसिकोवा ने कहा, ‘‘अभी जो हुआ यह अवास्तविक है, निश्चित रूप से मेरे टेनिस करियर का सर्वश्रेष्ठ दिन और मेरी जिंदगी का भी सर्वश्रेष्ठ दिन। '' अपनी चैम्पियन प्लेट पकड़ते हुए क्रेजिसिकोवा ने खुद को भाग्यशाली करार दिया कि वह पिछले महीने फ्रेंच ओपन में उप विजेता रहीं सातवीं वरीयता प्राप्त पाओलिनी को पराजित करने में सफल रहीं। टूर्नामेंट के पिछले आठ चरण से नयी महिला चैम्पियन निकली हैं और तब से क्रेजिसिकोवा विम्बलडन चैम्पियन बनने वाली आठवीं महिला खिलाड़ी हैं। पिछले साल का खिताब भी चेक गणराज्य की ही खिलाड़ी के नाम रहा था जो गैर वरीय मार्केटा वोंद्रोयूसोवा थीं जो पिछले हफ्ते यहां पहले दौर में हार गयी थीं। पाओलिनी 2016 में सेरेना विलिम्यस के बाद एक ही सत्र रोलां गैरों और विम्बलडन के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं। शांत चित्त होकर खेलते हुए क्रेजिसिकोवा ने पहले 11 में से 10 प्वाइंट हासिल करते हुए जल्द ही 5-1 बढ़त बना ली। दर्शक पाओलिनी का उत्साहवर्धन कर रहे थे। लेकिन क्रेजिसिकोवा डगमगाई नहीं।
- लंदन। डिएडे डि ग्रूट ने शनिवार को यहां आल इंग्लैंड क्लब में महिला व्हीलचेयर फाइनल में अपनी छठी विम्बलडन एकल ट्रॉफी जीतकर लगातार 15वां ग्रैंड स्लैम खिताब हासिल किया। उन्होंने हमवतन नीदरलैंड की अपनी साथी खिलाड़ी एनीक वैन कूट को 6-4, 6-4 से हराया। डिएडे डि ग्रूट ने अपने लगातार मेजर खिताबों के रिकॉर्ड में इजाफा करते हुए अपनी ट्रॉफियों की कुल संख्या 23 कर दी। उन्होंने 2020 के अमेरिकी ओपन के बाद से हर ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट जीता है और उनके नाम 19 मेजर युगल खिताब भी हैं।
- हरारे। सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (नाबाद 93) के ताबड़तोड़ और कप्तान शुभमन गिल (नाबाद 58) के संयमित अर्धशतक तथा दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 156 रन की अटूट साझेदारी से भारत ने शनिवार को यहां चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में जिम्बाब्वे को 10 विकेट से रौंदकर पांच मैच की श्रृंखला में 3-1 से अजेय बढ़त हासिल की। भारत ने इस तरह जिम्बाब्वे पर दूसरी दफा 10 विकेट के अंतर से जीत हासिल की। 2016 में इसी स्थल पर भारत ने मेजबान टीम को 10 विकेट से हराया था। भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला करते हुए कामचलाऊ गेंदबाज शिवम दूबे और अभिषेक शर्मा के शानदार प्रदर्शन से जिम्बाब्वे को सात विकेट पर 152 रन पर रोक दिया। फिर जायसवाल और गिल की मदद से उछाल भरी पिच पर यह लक्ष्य महज 15.2 ओवर में 156 रन बनाकर हासिल कर लिया।टी20 विश्व कप में जायसवाल को खेलने का मौका नहीं मिला था, उन्होंने 53 गेंद की नाबाद पारी में विकेट के चारों ओर शॉट लगाये। उनकी पारी में 13 चौके और दो छक्के जड़े थे। गिल ने संयम से खेलते हुए जायसवाल को ताबड़तोड़ रन जुटाने दिये तथा 39 गेंद की नाबाद पारी के दौरान छह चौके और दो छक्के जमाये। जायवाल का जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा पर बैक-ड्राइव शॉट दर्शनीय था और रिचर्ड नगारवा की गेंद पर छक्का भी उतना ही आकर्षक था। जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाजों की खामियों का पूरा फायदा उठाते हुए जायसवाल ने नौ चौकों से अपना अर्धशतक पूरा किया जबकि तब शुभमन 15 रन पर ही थे। जिम्बाब्वे के कप्तान रजा के पास इन दोनों के चौकों छक्कों को रोकने का कोई विकल्प नहीं था। बस सवाल था कि जायसवाल अपना शतक पूरा कर पायेंगे या नहीं। या फिर गिल अपना अर्धशतक बनायेंगे। गिल ने अपना अर्धशतक पूरा किया। इससे जायसवाल के पास शतक पूरा करने के लिए रन नहीं बचे। लेकिन उन्होंने शानदार पुल-शॉट के साथ मैच खत्म किया। इससे पहले जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा ने 28 गेंद में 46 रन की पारी खेली।लेकिन भारत के पांचवें गेंदबाज अभिषेक (तीन ओवर में 20 रन देकर एक विकेट) और छठे विकल्प दूबे (दो ओवर में 11 रन देकर एक विकेट) ने अच्छे गेंदबाजी प्रयास से जिम्बाब्वे को दबाव में रखा। इन्होंने खतरनाक दिख रही वेस्ले माधेवेरे (24 गेंद में 25 रन) और टाडीवानाशे मारूमनी (31 गेंद में 32 रन) की सलामी जोड़ी को आउट करके मध्य ओवरों में लगाम कसी। कप्तान रजा ने हालांकि अपनी पारी में तीन छक्के और दो चौके लगाकर जिम्बाब्वे को 150 से अधिक रन के स्कोर तक पहुंचाया। लेग स्पिनर रवि बिश्नोई को छोड़कर सभी भारतीय गेंदबाजों को विकेट मिले।पदार्पण करने वाले मध्यम गति के गेंदबाज तुषार देशपांडे (तीन ओवर में 30 रन देकर एक विकेट) का पहला स्पैल काफी अधिक फुल लेंथ वाली गेंद या बहुत शॉर्ट गेंद लेंथ वाला रहा। इससे दोनों सलामी बल्लेबाज माधेवेरे और मारूमनी आसानी से बाउंड्री बनाने में सफल रहे। पर देशपांडे के लिए अच्छा रहा कि वह रजा का विकेट लेने में सफल रहे।पहले तीन मैच में जिम्बाब्वे के लिए पहले विकेट की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी नौ रन की थी लेकिन माधेवेर और मारूमनी ने 63 रन की साझेदारी निभायी, हालांकि यह इतनी तेज नहीं थी। बायें हाथ के स्पिनर अभिषेक ने पहले विकेट की साझेदारी तोड़ी। उनकी गेंद पर मारूमनी पुल शॉट को टाइम नहीं कर सके और रिंकू सिंह के हाथों कैच आउट हुए। दूबे ने फिर माधेवेरे को आउट किया। उनका कैच भी रिंकू ने ही लपका।दूसरे मैच में अच्छी बल्लेबाजी करने वाले ब्रायन बेनेट (14 गेंद में नो रन) को वाशिंगटन ने अपना शिकार बनाया। दूबे और अभिषेक ने ‘विकेट टू विकेट' गेंदबाजी करते हुए स्कोर गति पर लगाम कसी।
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नई दिल्ली। स्पेन के कार्लोस अल्काराज ने रूस के दानिल मेदवेदेव को हराकर विम्बलडन फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उनका सामना नोवाक जोकोविच से होगा । अपना 21वां जन्मदिन मनाने से कुछ महीने दूर अल्काराज अगर जीत जाते हैं तो उनका लगातार दूसरा विम्बलडन और चौथा ग्रैंडस्लैम खिताब होगा । उन्होंने मेदवेदेव को 6 . 7, 6 . 3, 6 . 4, 6 . 4 से हराया । जीत के बाद उन्होंने कहा ,‘‘ लग रहा है कि अब मैं नया नहीं हूं । मुझे पता है कि फाइनल में कैसा लगता है । मैं पहले भी खेल चुका हूं और उसी प्रदर्शन को दोहराऊंगा ।’’पिछली बार भी फाइनल में उनका सामना जोकोविच से ही था । जोकोविच ने 25वीं वरीयता प्राप्त इटली के लोरेंजो मुसेत्ती को 6 . 4, 7 . 6, 6 . 4 से हराया । जोकोविच के 2014 और 2015 में रोजर फेडरर को हराने के बाद से पहली बार लगातार दो फाइनल समान प्रतिद्वंद्वियों के बीच होगा ।
जोकोविच इस सत्र में किसी भी टूर्नामेंट के फाइनल में नहीं पहुंच सके हैं । जून में उन्होंने दाहिने घुटने का आपरेशन भी कराया । उन्हें यहां क्वार्टर फाइनल में वॉकओवर मिला था जब उनके प्रतिद्वंद्वी एलेक्स डि मिनौर ने कूल्हे की चोट के कारण नाम वापिस ले लिया ।एटीपी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाले और ग्रास , क्ले और हार्ड तीनों कोर्ट पर खिताब जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी अल्काराज अब 22 वर्ष की उम्र से पहले दो विम्बलडन खिताब जीतने वाले बोरिस बेकर और ब्योर्न बोर्ग के बाद तीसरे खिलाड़ी बनने से एक जीत दूर है । - लाहौर।: पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी पिता बनने वाले हैं. अफरीदी और उनकी पत्नी अंशा अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं. इस जोड़े ने पिछले साल फरवरी में कराची में शादी की थी. कपल का निकाह फरवरी में हुआ था, लेकिन शादी का रिसेप्शन सितंबर में हुआ था.पाकिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के रेड-बॉल कोच जेसन गिलिसपी ने जियो टीवी के हवाले से बताया है कि शाहीन बच्चे के जन्म के कारण बांग्लादेश के टेस्ट मैचों से बाहर हो सकते हैं. अगर वह तब तक अपनी पत्नी के साथ रहना चाहते हैं, तो हम उन्हें आराम दे सकते हैं.
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लंदन.अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से कुछ दिन में संन्यास लेने वाले इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन का कहना है कि उन्होंने अपने लंबे करियर के दौरान भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के खिलाफ गेंदबाजी का सबसे ज्यादा लुत्फ उठाया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ लॉर्ड्स में इंग्लैंड के लिए अपना 188वां टेस्ट खेल रहे एंडरसन इस मैच के बाद संन्यास ले लेंगे। एंडरसन ने भले ही तेंदुलकर को नौ मौकों पर आउट किया हो लेकिन वह भारतीय मास्टर ब्लास्टर के खिलाफ कोई तय योजना नहीं बना सके थे। जब एंडरसन से पूछा गया कि गेंदबाजी के लिए सबसे मुश्किल बल्लेबाज कौन रहा तो उन्होंने ‘स्काई स्पोर्ट्स' से कहा, ‘‘मुझे कहना ही होगा कि सचिन तेंदुलकर सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। ''