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इंदौर. भारत लगातार दूसरी बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में पहुंचने की राह पर है और अगर टीम बुधवार से यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट में जीत हासिल करती है तो जून में लंदन में होने वाले फाइनल मुकाबले की तैयारी के लिए अहमदाबाद में श्रृंखला के अंतिम मैच में तेज गेंदबाजों के अनुकूल पिच को तैयार किया जा सकता है। भारत को डब्ल्यूटीसी फाइनल में स्वत: जगह बनाने के लिए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया को 3-0 या 3-1 से हराना होगा। टीम दो मैचों के बाद 2-0 से आगे है। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा तीसरे टेस्ट से पहले अति आत्मविश्वास नहीं दिखाना चाहते लेकिन उन्होंने बताया कि टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहमदाबाद में खेले जाने वाले चौथे टेस्ट में इंग्लैंड की परिस्थितियों की तरह माहौल में खेलने को लेकर चर्चा की है। इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत डब्ल्यूटीसी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना कर सकता है।
रोहित ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, यह वास्तव में दोनों टीमों के लिए एक अलग माहौल (इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलिया का सामना करना) होगा। निश्चित रूप से इसकी संभावना है (अहमदाबाद डब्ल्यूटीसी फाइनल की तैयारी)। हम पहले ही इसके बारे में बात कर चुके हैं। हमारे खिलाड़ियों को उन परिस्थितियों के लिए तैयार रहने की जरूरत है।'' डब्ल्यूटीसी का फाइनल आईपीएल के ठीक बाद सात से 11 जून तक लंदन के द ओवल में खेला जाएगा। रोहित शर्मा ने कहा कि शारदुल ठाकुर विदेशी परिस्थितियों में टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य बन जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसी परिस्थितियों में शारदुल ठाकुर महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। वह हमारी योजना का हिस्सा है। हम नहीं जानते कि वह कितना तैयार है क्योंकि (हंसते हुए) उसने अभी-अभी उसने शादी की है। हमें नहीं पता कि उसने कितने ओवर फेंके हैं। लेकिन वह निश्चित रूप से हमारी योजना में शामिल है।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें यहां (इंदौर) मन माफिक परिणाम मिला तो हम निश्चित रूप से अहमदाबाद में कुछ अलग करने के बारे में सोच सकते हैं। लेकिन हम अभी तक वहाँ नहीं पहुंचे हैं। हम इस मैच को जीतने के बाद ही आगे का सोच सकते है।'' भारत अपने घर में लगातार 16वीं श्रृंखला जीतने की राह पर है। रोहित को लगता है कि डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंचना उनकी टीम के लिए बड़ी उपलब्धि होगी, क्योंकि अब घरेलू परिस्थियों में भी जीत दर्ज करना आसान नहीं रहा है। उन्होंने कहा, हां, घरेलू परिस्थितियां हैं लेकिन वे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां हैं, बल्लेबाजों के लिए लगातार रन बनाना आसान नहीं होता।' ऑस्ट्रेलिया की टीम दोनों टेस्ट मैचों की दूसरी पारी में लड़खड़ा गयी और रोहित ने कहा कि इससे पता चलता है कि भारतीय परिस्थितियों में खेलना कितना कठिन है। उन्होंने कहा, ‘‘हाँ यह इस खेल की सुंदरता है और जिन पिचों पर हम खेल रहे हैं। यह हमारे साथ भी हो सकता है, सिर्फ उनके साथ ही नहीं। मैंने नागपुर में 200 गेंदें खेली और कभी भी ऐसा नहीं लगा कि मैं सहज हूं। किसी भी गेंद ने अगर कम उछाल लिया तो आप आउट हो सकते है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हां, हमारे पास शानदार स्पिनर हैं जो चीजों को उसी तरह बदल सकते हैं लेकिन यह हमें गारंटी नहीं देता है कि हम टेस्ट जीतने जा रहे हैं या उन्हें एक सत्र में ऑल आउट कर रहे हैं। हमें अनुशासन बनाए रखना है।'' मौजूदा श्रृंखला में एकमात्र शतक बनाने वाले रोहित को शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों से अधिक रन की उम्मीद कर रहे है। उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले मैच में 139 रन पर सात विकेट गिरने के बाद 260 रन बनाना एक शानदार प्रयास था। इस टीम में अक्षर, जडेजा और अश्विन निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हैं, लेकिन अक्षर जब घरेलू क्रिकेट खेलते हैं तो वह पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं। वे सभी शानदार बल्लेबाज हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि शीर्ष या निचले क्रम से रन आते हैं, टीम के लिए अंतिम परिणाम मायने रखता है। हम इस चरण में हैं कि हम अपनी बल्लेबाजी में वह गहराई पैदा कर सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हां, शीर्ष क्रम से उम्मीद के मुताबिक रन नहीं बने हैं, लेकिन वहां जिस तरह की गुणवत्ता हैं वह हमारे लिए मायने रखता है।
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अहमदाबाद. ओलंपियन उदयन माने और एशियाई टूर के पूर्व विजेता खलिन जोशी उन शीर्ष भारतीय गोल्फरों में शामिल हैं जो बुधवार से यहां शुरू हो रही एक करोड़ रुपये इनामी गुजरात ओपन गोल्फ चैम्पियनशिप में भाग लेंगे। इस टूर्नामेंट में कुल 126 खिलाड़ी भाग लेंगे जिनमें 123 पेशेवर और तीन एमेच्योर खिलाड़ी शामिल हैं। माने और जोशी के अलावा जो अन्य भारतीय खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं उनमें विराज मडप्पा, युवराज सिंह संधू, ओम प्रकाश चौहान, क्षितिज नवीद कौल, अभिजीत सिंह चड्ढा और सचिन बैसोया भी शामिल हैं। विदेशी खिलाड़ियों में श्रीलंका के मिथुन परेरा, एन थंगराजा और के प्रबागरण, बांग्लादेश के जमाल हुसैन और बादल हुसैन, कनाडा के सुखराज सिंह गिल, ऑस्ट्रेलिया के कुणाल भसीन, अमेरिका के वरुण चोपड़ा और जापान के मकोतो इवासाकी भी प्रतियोगिता में अपना भाग्य आजमाएंगे।
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मुंबई। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने जिस वानखेड़े स्टेडियम में अपने क्रिकेट करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की उसी में अब उनकी आदमकद प्रतिमा लगेगी। तेंदुलकर का क्रिकेट करियर दिग्गज कोच रमाकांत आचरेकर की देखरेख में यहीं से परवान चढ़ा और इसी मैदान पर उन्होंने 2011 में एकदिवसीय विश्व कप खिताब जीतने का सपना पूरा किया।
उन्होंने इसी मैदान पर 2013 में अपना 200 और आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। उनकी प्रतिमा का अनावरण 24 अप्रैल को उनके 50वें जन्मदिन के मौके पर होने की उम्मीद है।
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैंने अपनी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत मुंबई का प्रतिनिधित्व करते की थी। भारत का 2011 में विश्व कप जीतना मेरे जीवन का सबसे बड़ा क्षण है। भारत के लिए मेरा आखिरी मैच भी बहुत यादगार था और यह मुंबई में भी हुआ था।'' उन्होंने कहा, ‘‘ वानखेड़े में मेरे लिए जीवन एक चक्र पूरा हुआ। यह मैदान मेरे कुछ बेहद खास पलों का गवाह रहा है।
जब मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने वानखेड़े में मेरी प्रतिमा के बारे में सुझाव दिया तो मुझे सुखद आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई क्रिकेट का प्रतिनिधित्व करने में मुझे हमेशा बहुत गर्व हुआ है और एमसीए के साथ मेरा अद्भुत जुड़ाव आज भी जारी है। मैं उनकी इस पहल के लिए बहुत आभारी हूं।'' एमसीए अध्यक्ष अमोल काले ने मंगलवार को तेंदुलकर के वानखेड़े दौरे से इतर यह घोषणा की।
तेंदुलकर को उनके अविश्वसनीय करियर के लिए खेल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उन्होंने 24 साल के अपने करियर के दौरान टेस्ट और एकदिवसीय में बल्लेबाजी के कई रिकॉर्ड अपने नाम किया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले इस खिलाड़ी के नाम वानखेड़े में पहले से ही एक स्टैंड है। लंदन स्थित मैडम तुषाद संग्रहालय में 2009 से उनकी मोम की प्रतिमा है। -
काकिनाड़ा (आंध्र प्रदेश). मध्य प्रदेश ने 13वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2023 के फाइनल में सोमवार को यहां महाराष्ट्र को 5-1 से शिकस्त दी। टूर्नामेंट के दौरान मध्य प्रदेश के दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि टीम ने पूरे सत्र के दौरान केवल तीन गोल गंवाये। मध्य प्रदेश के कोच परमजीत सिंह टीम की जीत से काफी संतुष्ठ दिखे। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, हम पिछले साल भोपाल में क्वार्टर फाइनल में हार गए थे लेकिन हम जानते थे कि ट्रॉफी उठाने के लिए हमें अपना सब कुछ झोंकना होगा। ऐसे में हमने पेनल्टी कॉर्नर में सुधार के लिए कुछ खिलाड़ियों के कौशल पर ध्यान केंद्रित किया। इसके साथ ही हमने अपनी रक्षापंक्ति को भी मजबूत किया।'
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चेन्नई। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा ने सोमवार को यहां कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत में चल रही चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला में स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन पर बहुत अधिक निर्भर है। उन्होंने कहा कि श्रृंखला में वापसी के लिए पूरे बल्लेबाजी क्रम को एकजुट होकर प्रदर्शन करना होगा।
भारत ने चार मैचों की श्रृंखला के शुरुआती दो मुकाबलों को जीत कर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। ‘एमआरएफ पेस फाउंडेशन' में कोचिंग के निदेशक मैकग्रा ने यहां कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वे इस समय (स्टीव) स्मिथ और मार्नस (लाबुशेन) पर बहुत अधिक निर्भर है। ट्रेविस हेड के लिए यह साल अच्छा रहा है और अब पूरी बल्लेबाजी इकाई को एकजुटता दिखानी होगी।''
ऑस्ट्रेलिया के लिए 124 टेस्ट में 563 विकेट लेने वाले 53 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि वे भारत में स्पिन से निपटने की योजना पर अडिग नहीं रहे। पहले टेस्ट में, वे बहुत रक्षात्मक थे जबकि दूसरे टेस्ट में, वे बहुत आक्रामक थे। उन्हें बीच का रास्ता निकाल कर क्रीज पर अधिक समय बिताने पर ध्यान देना होगा।'' मैकग्रा ने आगे कहा कि तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड, मिचेल स्टार्क और हरफनमौला कैमरून ग्रीन की गैरमौजूदगी ने टीम के संतुलन को प्रभावित किया, लेकिन साथ ही नागपुर में पहले टेस्ट के लिए हेड को बाहर करने जैसे चयन फैसलों पर भी सवाल उठाया। -
इंदौर। सलामी बल्लेबाज की भूमिका के दावेदार लोकेश राहुल और शुभमन गिल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां होने वाले तीसरे टेस्ट से पूर्व सोमवार को ट्रेनिंग सत्र के दौरान एक साथ बल्लेबाजी अभ्यास किया। पांच दिवसीय प्रारूप में लंबे समय से खराब प्रदर्शन के कारण उप कप्तानी छीने जाने के बाद राहुल ने बुधवार से शुरू हो रहे मैच से पहले संभवत: अंतिम ट्रेनिंग सत्र के दौरान जमकर पसीना बहाया। बेहतरीन फॉर्म में चल रहे गिल पर राहुल को तरजीह देने को लेकर क्रिकेट जगत में लोगों की राय बंटी हुई है।
राहुल 47 टेस्ट खेलने के बाद भी 33.44 की साधारण औसत से रन बना पाए हैं। दोनों बल्लेबाजों ने मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की निगरानी में एक साथ लगे दो नेट पर लगभग 30 मिनट बल्लेबाजी की। टीम प्रबंधन को राहुल की क्षमताओं पर भरोसा है और उन्हें अतिरिक्त मौके दिए जा रहे हैं लेकिन प्रत्येक विफलता के साथ इस बल्लेबाज पर दबाव बढ़ रहा है।
दूसरी तरफ गिल ने मौजूदा सत्र में सभी प्रारूपों में प्रभावित किया है और पूर्व क्रिकेटरों सहित उनके समर्थकों का मानना है कि अंतिम एकादश में उन्हें मौका देने का इससे सही समय नहीं हो सकता। गिल ने अभ्यास के दौरान आक्रामक रवैया दिखाया तो वहीं राहुल ने अपने डिफेंस पर अधिक ध्यान दिया।
राहुल ने शुरुआती 18 गेंदों को या तो छोड़ा या फिर ब्लॉक किया और फिर स्पिनरों के खिलाफ हवा में शॉट खेले। उन्होंने इसके बाद गिल के साथ जगह बदली और रविचंद्रन अश्विन का सामना किया। उन्होंने इस दौरान सीधे बल्ले से बल्लेबाजी की। गिल नेट पर बल्लेबाजी करने वाले टीम के पहले खिलाड़ी रहे जबकि अन्य खिलाड़ी वार्म अप और क्षेत्ररक्षण ड्रिल कर रहे थे। मुख्य नेट पर समय बिताने के बाद गिल और राहुल ने थ्रोडाउन का भी सामना किया।
दिल्ली में दूसरे टेस्ट के दौरान रोहित शर्मा और विराट कोहली अच्छी लय में दिखे लेकिन अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे। नेट पर एक साथ बल्लेबाजी के लिए उतरे इन दोनों बल्लेबाजों ने स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया। कोहली ने बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ सीधी बाउंड्री को निशाना बनाया तो रोहित ने पुल, स्वीप और रिवर्स स्वीप सहित चारों ओर शॉट खेले। श्रृंखला में बल्ले और गेंद दोनों से योगदान देने वाले अश्विन ने गेंदबाजी के बाद स्वीप शॉट खेलने का अभ्यास किया। पहले दो टेस्ट में अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित करने वाले अक्षर पटेल ने थ्रोडाउन का सामना किया। - केपटाउन। ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम के अभूतपूर्व छठा टी20 विश्व कप खिताब जीतने के बाद क्रिकेट जगत ने उसकी सराहना की। रविवार को यहां खचाखच भरे न्यूलैंड्स स्टेडियम में मेजबान दक्षिण अफ्रीका को 19 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा। मेग लेनिंग की अगुआई वाली आस्ट्रेलियाई टीम ने 157 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव करते हुए एक और विश्व खिताब जीता। एशेज विजेता इंग्लैंड की टीम के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ऑस्ट्रेलियाई टीम की उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देने वाले शुरुआती लोगों में शामिल थे। क्रिकेटर से कमेंटेटर बने वॉन ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया, ‘‘ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम बेहद शानदार है।'' वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज और अब कमेंटेटर इयान बिशप ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम काफी मजबूत है और इतने लंबे समय तक रही है। एक बार फिर से चैंपियन बनने के हकदार थे। यह देखकर खुशी हुई है कि दक्षिण अफ्रीका सही दिशा में जा रहा है।''जिम्बाब्वे के पूर्व तेज गेंदबाज से कमेंटेटर बने पोमी मबांग्वा ने ट्वीट किया, ‘‘क्या दिन है! न्यूलैंड्स में शानदार माहौल। ऑस्ट्रेलिया को बधाई और शुभकामनाएं।'' ऑस्ट्रेलिया इससे पहले 2010, 2012, 2014, 2018 और 2020 में भी टी20 विश्व कप खिताब जीत चुका है। इस बीच वेस्टइंडीज ने 2016 में भारत में ऑस्ट्रेलिया को हराकर खिताब जीता था। ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम 1978, 1982, 1988, 1997, 2005, 2013 और 2022 में एकदिवसीय प्रारूप का विश्व कप भी जीत चुकी है। संयुक्त अरब अमीरात के पूर्व कप्तान अहमद रजा ने लिखा, ‘‘जब आप ऑस्ट्रेलिया को इन बड़े टूर्नामेंटों में खेलते हुए देखते हैं तो उनका दबदबा साफ तौर पर जाहिर होता है और उन्हें हराने के लिए आपको उस दिन किसी भी तरह की चूक से बचना होगा। दक्षिण अफ्रीका ने पहली हार के बाद पूरे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया।'' इंग्लैंड की बाएं हाथ की स्पिनर एलेक्जेंड्रा हार्टले ने अपने ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘‘ऑस्ट्रेलिया ने फिर से दिखा दिया कि वे अब तक की सबसे महान टीम क्यों हैं। ऑस्ट्रेलिया को बधाई। दक्षिण अफ्रीका, आपने इतिहास रचा है, जो गर्व करने के लिए काफी है।'' पाकिस्तान की पूर्व क्रिकेटर मरीना इकबाल ने लिखा, ‘‘मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम- मेग लेनिंग फिर से राज कर रही हैं। ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट को बधाई।'' ऑस्ट्रेलिया की सफलता का काफी श्रेय उनकी दुनिया की दूसरे नंबर की बल्लेबाज बेथ मूनी को जाता है जिन्होंने फाइनल में नाबाद 74 रन बनाकर टीम को छह विकेट पर 156 रन तक पहुंचाया। मूनी को मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स से उनकी तुलना करते हुए पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने लिखा, ‘‘बेथ मूनी और बेन स्टोक्स में क्या समानता है, वे बड़े अवसर और विश्व कप फाइनल के खिलाड़ी हैं।'' ऑस्ट्रेलिया की विश्व चैंपियन टीम की पूर्व कप्तान लिसा स्थालेकर ने कहा, ‘‘मूनी पर ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम भरोसा करती है।'' दक्षिण अफ्रीका की हार का मतलब है कि टीम का सीनियर स्तर पर अपने पहले विश्व खिताब का इंतजार जारी रहेगा। पुरुष टीम के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने अपनी टीम की जमकर तारीफ की। उन्होंने लिखा, ‘‘महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका को गौरवांवित किया, एक अविश्वसनीय ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ इसने सब कुछ झोंक दिया। ऑस्ट्रेलिया टी20 महिला विश्व कप टीम को बधाई।'' इस पर पूर्व दिग्गज खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने लिखा, ‘‘गर्व।
- इंदौर । रविचंद्रन अश्विन के होलकर स्टेडियम में टेस्ट मैचों में शानदार रिकॉर्ड को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बेहद जोखिम भरे स्वीप शॉट खेलने की अपनी रणनीति पर पुन: विचार कर सकते हैं जिसके कारण पहले दो मैचों में मेहमान टीम को हार का सामना करना पड़ा। अश्विन ने इस मैदान पर दो टेस्ट मैच में 12.5 रन प्रति विकेट के प्रभावशाली औसत से 18 विकेट लिए हैं।दिल्ली में अपनी दूसरी पारी में घुटने टेकने के एक हफ्ते बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम निर्धारित समय से पहले ही नेट सत्र के लिए पहुंच गई। फिरोज शाह कोटला में भारतीय स्पिनरों के खिलाफ रणनीति के लिए टीम को आलोचना का सामना करना पड़ा जहां धीमी और नीची रहती गेंद के खिलाफ आधे बल्लेबाज स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में आउट हुए। बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी दोबारा जीतने का मौका गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने तीन घंटे से अधिक के प्रशिक्षण सत्र में अपनी गलतियों से सीखने के लिए उत्सुक नजर आई। गेंद को स्वीप करने के बजाय स्टीव स्मिथ और उनकी टीम ने मुख्य रूप से स्पिनरों के खिलाफ आगे बढ़कर शॉट खेलने के अलावा फ्रंट फुट डिफेंस का प्रयास किया। स्मिथ और उस्मान ख्वाजा नेट पर सबसे पहले आए और नाथन लियोन तथा मैथ्यू कुहनेमैन के खिलाफ एक घंटे से अधिक समय तक बल्लेबाजी की। ऑस्ट्रेलियाई टीम में स्पिन के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक स्मिथ का प्रदर्शन अभी तक निराशाजनक रहा है और वह बुधवार से शुरू हो रहे मैच में इसमें सुधार करना चाहेंगे। लियोन ने ख्वाजा और स्मिथ दोनों को परेशान किया जबकि दोनों अपने डिफेंस को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध दिखे। अधिकांश बड़े शॉट अनुभवहीन कुहनेमैन पर खेले गए। कोटला में एक घंटे की खराब बल्लेबाजी से ऑस्ट्रेलिया को हार का सामना करना पड़ा जबकि वे अच्छी तरह जानते थे कि भारतीय पिचों पर स्वीप जोखिम भरा और कम प्रभावी स्कोरिंग विकल्प है। उन्हें अपने डिफेंस पर अधिक भरोसा करने और अश्विन तथा उनके साथियों की लय खराब करने के लिए नियमित रूप से क्रीज से बाहर आकर खेलना होगा। सभी बल्लेबाजों के अभ्यास करने के बाद स्मिथ और ख्वाजा दोबारा नेट पर लौटे। ख्वाजा के अलावा स्वीप का अभ्यास करने वाले अन्य बल्लेबाज एलेक्स कैरी थे जो एक ही तरह का शॉट खेलते हुए चार बार आउट हो चुके हैं। मार्नस लाबुशेन, ट्रेविस हेड और पीटर हैंड्सकॉम्ब ने ऑफ स्पिनर टॉड मर्फी और लेग स्पिनर मिशेल स्वेपसन का सामना किया जो अपने बच्चे के जन्म के बाद टीम के साथ फिर से जुड़ गए हैं। हैंड्सकॉम्ब अब तक दौरे पर स्पिनरों के खिलाफ सबसे सहज दिखे हैं। दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के बीच सबसे अधिक आक्रामक बल्लेबाजी करने वाले हेड ने स्वेपसन के खिलाफ स्लॉग स्वीप खेले। अंगुली में चोट के कारण पहले दो टेस्ट से बाहर रहे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क तीसरे टेस्ट के लिए अंतिम एकादश में नियमित कप्तान पैट कमिंस की जगह लेंगे जो ऑस्ट्रेलिया में अपनी बीमार मां के साथ हैं। स्टार्क ने कहा कि वह अभी शत प्रतिशत फिट नहीं हैं लेकिन उन्होंने कैमरन ग्रीन को करीब एक घंटे तक गेंदबाजी की और अच्छी गति हासिल की। लांस मौरिस ने उनके साथ गेंदबाजी की और ग्रीन को कई मौकों पर अपनी गति और मूवमेंट से छकाया। सत्र में बाद में गेंदबाजी करने वाले ग्रीन अंगुली की चोट के कारण पहले दो टेस्ट से बाहर रहने के बाद श्रृंखला में अपना पहला टेस्ट खेलने की तैयारी कर रहे हैं। कमिंस और डेविड वार्नर के बाहर होने के बाद ग्रीन और स्टार्क उनकी जगह लेने के लिए स्वाभाविक विकल्प हैं।
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गुरुग्राम. अनुभवी वैदेही चौधरी ने रविवार को यहां बलियावास में 15 हजार डॉलर इनामी आईटीएफ महिला टेनिस टूर्नामेंट के एकल फाइनल में संदीप्ति सिंह राव को हराकर खिताब जीता। सेमीफाइनल में महिला युगल विजेता जील देसाई को हराने वाली 19 साल की संदीप्ति ने सकारात्मक शुरुआत करते हुए पहला सेट जीता लेकिन वैदेही ने इसके बाद जोरदार वापसी करते हुए 4-6 6-2 6-0 से जीत दर्ज की। जील और थाईलैंड की उनकी जोड़ीदार पुनिन कोवापितुकटेड ने शनिवार को युगल खिताब जीता था।
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सोफिया. भारतीय मुक्केबाज अनामिका को रविवार को यहां स्ट्रेंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट के लाइटवेट फाइनल में चीन की ह्यू मेइयी के खिलाफ शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा। गत राष्ट्रीय चैंपियन अनामिका को 50 किग्रा वर्ग के खिताबी मुकाबले में 1-4 के खंडित फैसले से हार झेलनी पड़ी। अनामिका ने आक्रामक शुरुआत की लेकिन मेइयी के मजबूत डिफेंस को नहीं भेद पाईं। चीन की खिलाड़ी ने पहला दौर सर्वसम्मत फैसले से जीता। अनामिका ने पहले दौर की तुलना में दूसरे में बेहतर प्रदर्शन किया। अंतिम दौर में अनामिका बेहतर मुक्केबाज थीं। उन्होंने चीन की खिलाड़ी को कई मुक्के जड़े और पांच में से चार जज ने उनके पक्ष में फैसला दिया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
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कोलकाता। मुंबई के स्टार बल्लेबाज सरफराज खान दिल्ली कैपिटल्स के शिविर में बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली में लगी चोट के कारण ईरानी कप से बाहर हो गए हैं जहां उन्हें शेष भारत का प्रतिनिधित्व करना था। सरफराज ने रविवार को ईडन गार्डन्स में अभ्यास मैच में हिस्सा नहीं लिया। ईरानी कप मुकाबला एक मार्च से ग्वालियर में खेला जाएगा। चोट के कारण सरफराज ने अपनी अंगुली पर फाइबर का सुरक्षात्मक कास्ट पहन रखा था और उन्होंने बल्लेबाजी या क्षेत्रक्षण नहीं किया। वह हालांकि एनर्जी ड्रिंक देकर टीम के अपने साथियों की मदद कर रहे थे।
सरफराज के मुंबई की टीम के साथी पृथ्वी साव ने अभ्यास मैच के दौरान आक्रामक रवैया अपनाया और मार्गदर्शक सौरव गांगुली तथा सहायक कोच प्रवीण आमरे की मौजूदगी में मैदान में चारों तरफ शॉट खेले। पृथ्वी हालांकि बल्लेबाजी सत्र के बाद मैदान से चले गए और बेंगलुरु जाने के लिए हवाई अड्डा चले गए। उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में शिविर में हिस्सा लेना है।
भारतीय टीम से बाहर और चोट के कारण बामुश्किल घरेलू क्रिकेट खेलने वाले अनुभवी इशांत शर्मा अभ्यास मैच के दौरान लय में नहीं दिखे। उन्होंने अभ्यास मैच में दोनों टीम की ओर से गेंदबाजी की। मौजूदा सत्र में सिर्फ एक रणजी मुकाबला खेलने वाले इशांत मांसपेशियों में खिंचाव के कारण बाकी सत्र से बाहर हो गए थे। उनका वजन भी कुछ बढ़ा हुआ दिखा। उन्होंने गेंदबाजी के बीच में राष्ट्रीय और कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के अपने पूर्व साथी गांगुली से लंबी चर्चा की।
बल्लेबाजों ने इशांत की गेंदबाजी का आसानी से सामना किया। आईपीएल की शुरुआत में अब लगभग एक महीने का समय बचा है और ऐसे में इशांत को मैच फिट होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। उनकी गेंदबाजी की गति में कमी भी चिंता का विषय है।कम जाने पहचाने खिलाड़ियों में बंगाल के अभिषेक पोरेल ने बड़े शॉट खेलने की अपनी क्षमता से प्रभावित किया। -
बेंगलुरू. भारत में अनिरुद्ध चंद्रशेखर और एन विजय सुंदर प्रशांत को शनिवार को यहां बेंगलुरु ओपन टेनिस टूर्नामेंट के युगल फाइनल में युनसियोंग चुंग और यू सिओ सू सू से हार का सामना करना पड़ा। दक्षिण कोरिया और चीनी ताइपे की जोड़ी ने फाइनल में भारतीय जोड़ी को 3-6 7-6 (7) 11-9 से हराकर खिताब जीता। इससे पहले मैक्स परसेल ने हमद मेद्जेदोविच को हराकर एकल के फाइनल में जगह बनाकर लगातार दूसरे एटीपी चैलेंजर खिताब जीतने की तरफ मजबूत कदम बढ़ाए। पिछले रविवार को चेन्नई ओपन का खिताब जीतने वाले परसेल ने सेमीफाइनल में सर्बिया के मेद्जेदोविच को 6-2 5-7 7-6 (4) से हराया। ऑस्ट्रेलिया के परसेल का फाइनल में सामना दूसरी वरीयता प्राप्त और हमवतन जेम्स डकवर्थ से होगा। डकवर्थ ने ऑस्ट्रेलिया के ही अपने एक अन्य साथी खिलाड़ी जेम्स मैककेबे को 6-3 6-3 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
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इंदौर. ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम के बल्लेबाज पीटर हैंड्सकॉम्ब ने भारत के पूर्व उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ उस बातचीत को याद किया जिससे उन्हें उपमहाद्वीप में स्पिन गेंदबाजी का सामना करने में मदद की। हैंड्सकॉम्ब ने 2016 में आईपीएल के दौरान रहाणे के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया था। रहाणे ने इस दौरान हैंड्सकॉम्ब को स्पिनरों को बल्लेबाजी के दौरान पैर और कलाई के उपयोग करने के बारे में बताया था। हैंड्सकॉम्ब ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से कहा, वह अपने पिछले पैर का इस्तेमाल करते हुए स्पिनरों को आसानी से मिडविकेट की ओर खेल रहे थे। इससे मैं आश्चर्यचकित हो रहा था। उन्होंने कहा, स्पिनरों के खिलाफ रहाणे की बल्लेबाजी देख कर मैं सोच रहा था कि मुझे यह सिखाने के लिए किसी की जरूरत है। मैंने उनसे स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजी में कदमों के इस्तेमाल के तरीके पर बातचीत की।
हैंड्सकॉम्ब ने कहा, जब आप अपने पिछले पैर का इस्तेमाल करते है तो इससे रन बनाने में मदद मिलती है। अगर गेंद विकेट के करीब टप्पा खा रही है तो आप अगले पैर का इस्तेमाल कर सकते हैं। अच्छी गेंदों पर रक्षात्मक खेल के साथ आपको उसका सम्मान करना होगा।'' दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 142 गेंद में नाबाद 72 रन बनाने वाले हैंड्सकॉम्ब दूसरी पारी में स्वीप शॉट लगाने की कोशिश में बिना खाता खोले पगबाधा हो गये। हैंड्सकॉम्ब ने कहा,‘‘ भारत ने इन परिस्थितियों में मुझे गच्चा खाने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने मुझे दौड़ कर रन बनाने का मौका नहीं दिया लेकिन चौका लगाने का लालच दिया। मैं उनकी इस चाल में फंस गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे लिए यह मजबूत बने रहने और नयी शुरुआत करने के बारे में है। मैं क्रीज पर शायद इस सोच के साथ उतरा था कि मैं अब भी 72 रन पर नाबाद हूं और वहीं से अपनी पारी शुरू कर रहा हूं जहां मैंने पहली पारी में छोड़ा था। '' हैंड्सकॉम्ब ने कहा कि श्रृंखला के शुरुआती दो मैचों में हार से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया के खेमे में सकारात्मकता है। उन्होंने कहा, हमारे समूह में हर खिलाड़ी दूसरे का समर्थन करता है। हम दिल्ली में खेले गए मैच से सकारात्मक पहलुओं को देख रहे हैं। पहली पारी में हमारे पास बढ़त थी और दूसरी पारी में भी हम एक समय अच्छी स्थिति में थे।' इस बल्लेबाज ने कहा, हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें अधिक देर तक मैच पर अपनी पकड़ बनाये रखनी होगी।
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काकिनाड़ा (आंध्र प्रदेश). महाराष्ट्र ने पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए हरियाणा को पेनल्टी शूटआउट में 2-1 से जबकि मध्य प्रदेश ने झारखंड को 2-0 से शिकस्त देकर शनिवार को यहां 13वीं सीनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह पक्की की। देविका सेन ने मैच के आठवें मिनट में गोलकर हरियाणा को बढ़त दिला दी लेकिन भावना खाड़े ने 43वें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। शूटआउट में एच लालरुआतफेली और आकांक्षा सिंह ने गोल करके महाराष्ट्र को फाइनल में पहुंचा दिया।
दूसरे सेमीफाइनल में मध्य प्रदेश ने आखिरी पांच मिनट में दो गोल कर फाइनल का टिकट कटाया। टीम के लिए करिश्मा सिंह (56वें मिनट) और दीक्षा तिवारी (58वें मिनट) ने गोल दागे। टूर्नामेंट का फाइनल रविवार को खेला जायेगा। -
नयी दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का खिताब नहीं जीतने पर विशेषज्ञों और प्रशंसकों के एक वर्ग ने उन्हें ‘विफल' कप्तान करार दिया। कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम 2017 में चैम्पियन्स ट्रॉफी, 2019 में विश्व कप, 2021 में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के अलावा 2021 में टी20 विश्व कप का खिताब जीतने में विफल रही थी।
कोहली ने कहा कि इन सभी हार पर बात का बतंगड़ बनाया गया क्योंकि वह 2011 में विश्व कप और 2013 में चैम्पियन्स ट्रॉफी जीतने वाली उस टीम का हिस्सा थे जिसके कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी थे। कोहली से जब पूछा गया कि क्या टीम की अगुवाई करते हुए क्या उन्हें कभी आईसीसी ट्रॉफी नहीं उठाने का मलाल है तो उन्होंने कहा, ‘‘देखिए आप टूर्नामेंट जीतने के लिए खेलते हैं।
इससे काफी कुछ हुआ (कप्तान के रूप में आईसीसी ट्रॉफी नहीं उठाना)। मैंने 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में कप्तानी की थी, मैंने 2019 विश्व कप टीम की कप्तानी की, मैंने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के पहले सत्र के फाइनल में भारत की कप्तानी की।'' कोहली ने ‘आरसीबी पोडकास्ट' के दूसरे सत्र में कहा, ‘‘ इन तीनों आईसीसी टूर्नामेंटों के बाद हम पिछला (2021) टी20 विश्व कप हार गये।
हम क्वालीफाई (नॉकआउट चरण) नहीं कर सके। हम 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचे, विश्व कप (2019) के सेमीफाइनल, (विश्व) टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे और इसके बाद भी मुझे एक असफल कप्तान माना गया।'' इस पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें टीम में ‘सांस्कृतिक परिवर्तन' के लिए खुद पर गर्व है ।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने खुद को उस दृष्टिकोण से कभी नहीं आंका (आईसीसी टूर्नामेंट में हार)। एक टीम के रूप में हमने जो हासिल किया और मेरे लिए एक सांस्कृतिक बदलाव है। यह हमेशा गर्व की बात होने वाली है क्योंकि एक टूर्नामेंट एक निश्चित अवधि के लिए होता है। लेकिन एक संस्कृति लंबी अवधि की होती है और उसके लिए आपको निरंतरता की आवश्यकता होती है।'' कोहली ने कहा, ‘‘ उसके (सांस्कृतिक परिवर्तन) लिए, आपको टूर्नामेंट जीतने की तुलना में अधिक जज्बे की आवश्यकता होती है।
इसलिए, मैंने एक खिलाड़ी के रूप में (2011) विश्व कप जीता, मैंने एक खिलाड़ी के रूप में (2013) चैंपियंस ट्रॉफी जीती, मैं उस टीम का हिस्सा रहा जिसने पांच टेस्ट ज्यादा जीते हैं।'' इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ अगर आप इसे उस दृष्टिकोण से देखते हैं, तो ऐसे खिलाड़ी भी रहे हैं जिन्होंने कभी विश्व कप नहीं जीता है। मेरे पास जो कुछ भी है उसके लिए मैं हमेशा आभारी हूं।''
उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ तुलना करते हुए कहा कि इस महान खिलाड़ी ने अपने छठे प्रयास में विश्व कप जीता था, जबकि वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने विश्व कप को उनकी पहली मौजूदगी में ही जीता था। कोहली ने कहा, ‘‘अगर मैं गलत नहीं हूं तो सचिन तेंदुलकर अपना छठा विश्व कप खेल रहे थे, और वह वही था जो उन्होंने जीता था। मैं पहली बार टीम का हिस्सा बनने में सक्षम था और मैं एक विजेता टीम का हिस्सा बन गया।'' इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘ ऐसे में अगर आप मेरे करियर में खामियां ढूंढेंगे तो ऐसा करना बहुत आसान है।
लेकिन मुझे यह देखना होगा कि मेरे करियर में क्या सही हुआ है और मैं इसके लिए आभारी हूं।'' कोहली ने कहा, ‘‘ मैं अपनी ट्रॉफी कैबिनेट के भरने को लेकर बहुत जज्बाती नहीं हूं। मेरे लिए यह हमेशा काम का परिणाम रहा है कि आप खुद को कैसे संचालित करते हैं, किस तरह का अनुशासन है और आप दैनिक आधार पर उत्कृष्टता की ओर कैसे प्रयास कर रहे हैं। मुझे लगता है कि मैं उस पहलू के प्रति बहुत ईमानदार रहा हूं।''
उन्होंने इसके साथ ही मुश्किल समय में साथ देने के लिए भारत के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को याद करते हुए कहा कि क्रिकेट के मैदान पर जब वह खराब दौर से गुजर रहे थे तब यह करिश्माई विकेटकीपर बल्लेबाज उनसे से संपर्क करने वाला इकलौता व्यक्ति था। कोहली ने पिछले महीने चार-एकदिवसीय मैचों में तीन शतकीय पारी खेल अपनी पुरानी लय हासिल की।
उन्होंने इससे पहले सितंबर 2022 में एशिया कप टी-20 टूर्नामेंट में शतक लगाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों के तीन साल के सूखे को खत्म किया था। कोहली और धोनी के बीच मजबूत रिश्ता है। कोहली की ये बातें इसका तस्दीक करती हैं।
कोहली ने कहा, ‘‘उस समय अनुष्का मेरी सबसे बड़ी ताकत थी क्योंकि वह मेरे साथ रह रही थी और उसने बहुत करीब से देखा कि मैंने कैसा महसूस किया है... इस दौरान मेरे बचपन के कोच और परिवार के अलावा एमएस धोनी इकलौते व्यक्ति थे, जिन्होंने मुझसे संपर्क किया था।'' कोहली ने 2008 से 2019 के बीच 11 साल तक धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया है। उन्होंने रांची के करिश्माई क्रिकेटर को अपना हमेशा का ‘कप्तान' बताया । कोहली ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे खुद संपर्क किया, क्योंकि धोनी से संपर्क करना काफी मुश्किल है।
अगर मैं उन्हें किसी भी दिन फोन करता हूं, तो 99 प्रतिशत वह (फोन) नहीं उठा पाते हैं, क्योंकि वह फोन से दूर रहते है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में उनकी तरफ से संपर्क किया जाना और वह भी दो बार (किया जाना), अच्छा रहा। उन्होंने मुझे समझाया था, ‘‘जब आपसे मजबूत होने की उम्मीद की जाती है और आपको मजबूत व्यक्ति के रूप में देखा जाता है तो लोग यह पूछना भूल जाते हैं कि आप कैसे हैं?'' कोहली ने बताया, ‘‘उनकी (धोनी की) बातों का मुझपर गहरा असर हुआ, क्योंकि मुझे हमेशा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा गया है जो बहुत आत्मविश्वासी है, मानसिक रूप से बहुत मजबूत है, जो किसी भी परिस्थिति को सहन कर सकता है और रास्ता निकाल सकता है, साथ ही हमें रास्ता दिखा सकता है।''
इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, ‘‘कभी-कभी, आप जो महसूस करते हैं वह यह है कि जीवन में किसी भी समय एक इंसान के तौर पर आपको कुछ कदम पीछे खींचने और यह समझने की जरूरत होती है कि आपकी खुद की भलाई किन चीजों से है।'' कोहली ने जब जनवरी 2022 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे के बाद अचानक टेस्ट कप्तानी छोड़ दी, तब भी उन्होंने कहा था कि सिर्फ धोनी ने ही उन्हें संदेश (मैसेज) भेजा था। - सोफिया (बुल्गारिया) । राष्ट्रमंडल खेलों के दो बार के कांस्य पदक विजेता मोहम्मद हुसामुद्दीन और 2021 एशियाई युवा चैम्पियन बिस्वामित्र चोंगथाम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गुरूवार को यहां स्ट्रैंड्जा मेमोरियल अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। हुसामुद्दीन ने 57 किग्रा वर्ग के राउंड 16 मैच में इटली के मिचेले बालडासी पर 4-1 से जीत दर्ज की और अब उनका सामना शुक्रवार को क्वार्टरफाइनल में अर्मेनिया के बाजेयान आर्टुर से होगा। वहीं 51 किग्रा वर्ग में बिस्वामित्र ने कजाखस्तान के केंजे मुराटुली को 5-0 से जीत हासिल की और अब वह अमेरिका के रोच जोर्डन से भिड़ेंगे। रांउड 16 के अन्य मुकाबलों में एशियाई चैम्पियन संजीत को पहले दौर में हार मिली।
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नयी दिल्ली. युवा निशानेबाज अनीश भानवाला ने गुरूवार को काहिरा में आईएसएसएफ विश्व कप राइफल/पिस्टल के अंतिम दिन कांस्य पदक जीतकर किसी भारतीय के 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में पदक नहीं जीतने के मिथक को तोड़ दिया। यह 20 वर्षीय निशानेबाज का पहला सीनियर व्यक्तिगत विश्व कप पदक है जो तीन शूट-ऑफ के बाद मिला।
भानवाला से पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस स्पर्धा में पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय निशानेबाज विजय कुमार थे, जिन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था और विश्व कप में दो पोडियम स्थान हासिल किए थे। इटली के मैसिमो स्पिनेला ने पदक मैच में 32 हिट लगाकर स्वर्ण पदक जीता जबकि विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता फ्रांस के क्लेमेंट बेसागुएट 40 शॉट के बाद दो हिट से पीछे रह गए और उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा। अनीश के कांस्य से भारत चार स्वर्ण सहित सात पदकों के साथ विश्व कप समाप्त करके तालिका में शीर्ष पर रहा। भानवाला ने यह पदक अपने निजी कोच हरप्रीत सिंह को समर्पित किया। महिलाओं के 50 मीटर राइफल थ्री पाजिशंस में भारत पदक दौड़ से बाहर रहा। मानिनी कौशिक 22वें और अंजुम मौदगिल 27वें स्थान पर रहीं। -
काकीनाडा .झारखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश ने गुरुवार को यहां 13वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। झारखंड ने अल्का डुंगडुंग (48वें मिनट) और अलबेला रानी टोप्पो (52वें मिनट) के गोल से पंजाब को 2-0 से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई। हरियाणा ने बंगाल को 5-0 से हराया। बंगाल की ओर से देविका सेन (चौथे और 34वें मिनट) और अमनदीप कौर (नौवें और 60वें मिनट) ने दो-दो जबकि मानिका सिहाग ने एक गोल किया। महाराष्ट्र और ओडिशा के बीच मुकाबला बेहद कड़ा रहा। महाराष्ट्र ने गत चैंपियन टीम को अंतत: पेनल्टी शूट आउट में 5-4 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। नियमित समय में ओडिशा की ओर से जनहाबी प्रधान (36वें मिनट) जबकि महाराष्ट्र की ओर से अश्विनी कोलेकर (37वें मिनट) ने गोल दागा था। एक अन्य क्वार्टर फाइनल में मध्य प्रदेश ने कर्नाटक को 6-0 से हराया। मध्य प्रदेश की ओर से दीक्षा तिवारी (10वें और 39वें मिनट) और प्रीति दुबे (35वें और 41वें मिनट) ने दो-दो जबकि अंजलि गौतम (12वें मिनट) और ऐश्वर्या चव्हाण (53वें मिनट) ने एक-एक गोल किया। सेमीफाइनल शनिवार को खेले जाएंगे।
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बेंगलुरू. सुमित नागल ने गुरूवार को यहां बेंगलुरू ओपन के प्री क्वार्टरफाइनल में आस्ट्रेलिया के मैक्स पर्सेल से 4-6, 6-3, 6-3 से हारने से पहले कड़ी चुनौती पेश की। हालांकि भारतीय खेमे के लिये खुशी की खबर अनिरूद्ध चंद्रशेखर और एन प्रशांत की युगल जोड़ी के सेमीफाइनल में पहुंचने की रही। इस भारतीय जोड़ी ने जिम्बाब्वे के बेंजामिन और आस्ट्रेलिया के अकीरा सैंटीलान को 3-6, 6-4, 12-10 से पराजित किया। पिछले दौर में वियतनाम के नाम होआंग लि के खिलाफ तीन सेट में जीत दर्ज करने वाले नागल ने पहला सेट 6-4 से जीत लिया। पर आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पर्सेल ने दूसरे सेट में अपना दमदार प्रदर्शन करते हुए वापसी की। गत विम्बलडन युगल चैम्पियन पर्सेल ने तीसरे सेट में भी यही दबदबा बनाया और मैच जीत लिया। पांचवें वरीय लुका नार्डी और दिमितार कुजमानोव ने भी विपरीत अंदाज में जीत दर्ज कर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। नार्डी ने जेसन जंग को 7-5, 5-7, 6-2 से हराया जबकि कुजमानोव ने अलीबेक काचमाजोव को 6-3, 6-4 से पराजित किया।
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नयी दिल्ली. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि सिर्फ लोकेश राहुल की आलोचना करना थोड़ा अनुचित होगा क्योंकि क्योंकि प्रत्येक खिलाड़ी अपने करियर में बुरे दौर से गुजरता है। पिछली 10 टेस्ट पारियों में राहुल का औसत सिर्फ 12.5 रहा है और इस दौरान वह बार भी 25 रन के आंकड़े को नहीं छू पाए। पिछली 10 पारियों में उन्होंने 08, 10, 12, 22, 23, 10, 02, 20, 17 और 01 रन बनाए हैं जिससे अंतिम एकादश में उनकी जगह पर सवाल उठाने लगे हैं। शुभमन गिल को अंतिम एकादश में शामिल किए जाने की मांग हो रही है।
गंभीर ने लखनऊ सुपर जाइंट्स द्वारा आयोजित आईपीएल सत्र पूर्व शिविर के दौरान कहा, ‘‘लोकेश राहुल को भारतीय टीम से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। किसी एक खिलाड़ी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। सभी बुरे दौर से गुजरते हैं। किसी को भी, किसी क्रिकेट विशेषज्ञ या किसी को भी उसे यह नहीं कहना चाहिए कि वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा और टीम से बाहर कर दिया जाएगा।'' गंभीर लखनऊ की टीम के मार्गदर्शक और राहुल इसी टीम के कप्तान हैं।
गंभीर ने भारत के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा का उदाहरण दिया कि कैसे पूर्ववर्ती टीम प्रबंधन ने उनका समर्थन किया जिससे कि वह टेस्ट क्रिकेट में सफल हो सकें। रोहित ने जब पारी का आगाज शुरू किया तो पारंपरिक प्रारूप में उन्हें सफलता मिलने लगी। उन्होंने कहा, ‘‘आपको ऐसे खिलाड़ियों का समर्थन करना होता है जिसमें प्रतिभा है। रोहित शर्मा को देखिए। वह भी खराब दौर से गुजरा। देखिए जिस तरह उसने अपना करियर शुरू किया। उसने देर से सफलता हासिल की। उसके पहले के प्रदर्शन की तुलना अब के प्रदर्शन से कीजिए। सभी उसकी प्रतिभा को देख सकते थे और उसका समर्थन किया। अब नतीजा देखिए। वह शानदार प्रदर्शन कर रहा है। राहुल भी ऐसा ही कर सकता है।'' गंभीर का मानना है कि अगर टीम आसानी से मैच जीत रही है तो फिर विजयी संयोजन से छेड़छाड़ करने और किसी एक खिलाड़ी को निशाना बनाने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत 2-0 से आगे है और 0-2 से पीछे नहीं है। इसलिए किसी को बाहर मत कीजिए और टीम के प्रदर्शन की सराहना कीजिए। मुझे लगता है कि भारतीय टीम प्रबंधन लोकेश राहुल का समर्थन करके सही कर रहा है। वह शानदार खिलाड़ी है। उसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रन बनाए हैं।'' आईसीसी टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सेमीफाइनल मुकाबले पर गंभीर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत के पास ऑस्ट्रेलिया को हराने की प्रतिभा है। बेशक ऑस्ट्रेलिया की टीम अच्छी है लेकिन मुझे यकीन है कि भारतीय महिला टीम में ऑस्ट्रेलिया को हराने की क्षमता है। अगर आप उन 240 गेंद को ऑस्ट्रेलिया से बेहतर खेलते हैं तो टीम उन्हें हरा सकती है। -
काहिरा. ओलंपियन ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने बुधवार को यहां आईएसएसएफ निशानेबाजी विश्व कप में पुरुषों की व्यक्तिगत 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जिससे भारत ने इस प्रतियोगिता में अपना दबदबा बनाए रखा। पिछले साल चांगवोन विश्वकप में भी स्वर्ण पदक जीतने वाले 22 वर्षीय तोमर ने फाइनल में ऑस्ट्रिया के अलेक्जेंडर शमिरल पर 16-2 से आसान जीत दर्ज की। तोमर ने रैंकिंग राउंड में 400 6.4 अंक बनाकर दूसरा स्थान हासिल किया था जबकि शमिरल 407.9 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहे थे। इससे पहले भारतीय निशानेबाज ने क्वालीफाइंग दौर में 588 अंक बनाकर पहला स्थान हासिल किया था। इस स्पर्धा में भाग ले रहे एक अन्य भारतीय अखिल शेरोन ने क्वालिफिकेशन में 587 अंक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था। भारत ने इस प्रतियोगिता में अब तक चार स्वर्ण सहित छह पदक हासिल कर लिए हैं और उसने पदक तालिका में शीर्ष पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
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कोलकाता। कोविड-19 का कहर जब अपने चरम पर था तब कबाड़ का काम करने वाले राजकुमार जायसवाल का परिवार दिन में केवल एक समय का भोजन कर पा रहा था। उनकी दुकान बंद थी और जल्द ही उनका घर भी पानी में डूब गया क्योंकि चक्रवाती तूफान अम्फान ने बंगाल में तबाही मचा दी थी। कोरोनावायरस और तूफान की यह दोहरी मार हालांकि उनकी बेटी अदिति के दृढ़ संकल्प को नहीं डिगा पाई जिन्होंने हाल में विश्व कप, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों के लिए भारतीय तीरंदाजी टीम में जगह बनाई।
इस बीच उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता राहुल बनर्जी का साथ भी मिला जो कि अब पूर्णकालिक कोच हैं। बागुईआटी में कबाड़ी का काम करने वाले की बेटी अदिति मेधावी छात्रा रही है और उन्होंने आईएससी परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक हासिल किए जिससे उन्हें सेंट जेवियर कॉलेज में अर्थशास्त्र ऑनर्स में प्रवेश मिल गया।
राजकुमार और उनकी पत्नी उमा चाहते थे कि अदिति भी अपने बड़े भाई आदर्श की तरह पढ़ाई पर ध्यान दें। उनके बड़े भाई वेल्लोर में इंजीनियरिंग कर रहे हैं। तब बनर्जी ने उन्हें समझाया कि अदिति इससे भी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के लिए पैदा हुई है।
सोनीपत में तीरंदाजी ट्रायल्स में भाग लेने के बाद वापस लौटी अदिति ने कहा,‘‘एक समय था जबकि लॉकडाउन के दौरान मेरे पिताजी की दुकान लगभग दो साल तक बंद रही और हम किसी तरह से एक वक्त का भोजन ही जुटा पा रहे थे।'' उन्होंने कहा,‘‘अम्फान के कारण हमारे घर में बाढ़ आ गई और हमें कई दिनों तक बिना बिजली के रहना पड़ा।
किसी तरह से हम संघर्ष के इन दिनों से बाहर निकले और अब लगता है कि अच्छे दिन वापस आ गए हैं।'' अदिति ने कहा,‘‘ मेरे माता-पिता को अब विश्वास हो गया है कि तीरंदाजी में भी भविष्य है। उम्मीद है कि मैं अपने खेल में सुधार जारी रखूंगी। प्रत्येक खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करे और पदक जीते लेकिन इसके लिए अभी मुझे लंबा रास्ता तय करना है।'' यह पहला अवसर है जबकि इस 20 वर्षीय खिलाड़ी ने भारत की पहली पसंद की टीम में जगह बनाई।
इससे पहले पिछले साल जम्मू में सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक जीतने के कारण उन्हें कोलंबिया के मेडलिन में विश्वकप के चौथे चरण के लिए दूसरी पसंद की भारतीय टीम में चुना गया था। मेडलिन में वह पहले दौर में ही बाहर हो गई। वहां व्यक्तिगत वर्ग में दीप्ति कुमारी से हार गई थी जबकि टीम स्पर्धा में उन्हें दूसरे दौर में कोरिया से हार का सामना करना पड़ा था।
अदिति को 2018-19 से कोचिंग देने वाले बनर्जी ने कहा,‘‘ उसके माता-पिता का उस पर काफी दबाव था कि कब वह पदक जीतेगी ताकि उसे नौकरी आसानी से मिल जाए। मैं उनसे कहता रहा सब्र कीजिए आप रातों-रात विश्व चैंपियन नहीं बन सकते हैं।'' अदिति की सबसे बड़ी परीक्षा दो चरण के ट्रायल्स थे जिनमें वह शीर्ष चार खिलाड़ियों में जगह बना कर भारतीय टीम में अपना स्थान पक्का करने में सफल रही। -
दुबई. भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने मंगलवार को यहां डब्ल्यूटीए दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पहले दौर में अपनी अमेरिकी जोड़ीदार मैडिसन कीज के साथ सीधे सेटों में हारकर अपने चमकदार करियर का अंत किया। सानिया और कीज की जोड़ी रूस की वेरोनिका कुदेरमेतोवा और ल्यूडमिला सैमसोनोवा से ठीक एक घंटे तक चले मैच में 4-6, 0-6 से हार गईं। वेरोनिका एकल में 11वें और युगल रैंकिंग में पांचवें नंबर पर हैं जबकि ल्यूडमिला युगल में 13वें स्थान पर हैं। छत्तीस वर्षीय सानिया 2003 में पेशेवर बनी थी। उन्होंने अपने करियर में छह ग्रैंडस्लैम खिताब जीते जिनमें तीन महिला युगल और इतने ही मिश्रित युगल के खिताब शामिल है। महिला युगल में उन्होंने अपने तीनों ग्रैंडस्लैम खिताब मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर जीते। अपने तीन मिश्रित युगल ग्रैंडस्लैम खिताब में से दो खिताब उन्होंने हमवतन महेश भूपति (2009 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन और 2012 में फ्रेंच ओपन) के साथ मिलकर जीते। उन्होंने ब्रूनो सोरेस के साथ मिलकर अमेरिकी ओपन का खिताब जीता था। दुबई ओपन में दोनों टीमों ने शुरू में एक दूसरे की सर्विस तोड़ी जिससे एक समय स्कोर 4-4 से बराबरी पर था। इसके बाद हालांकि रूसी जोड़ी ने सानिया और कीज की सर्विस तोड़ी और फिर अपनी सर्विस बचाकर पहला सेट अपने नाम किया। सानिया और उनकी जोड़ीदार ने दूसरे सेट के शुरू में ही अपनी सर्विस गंवा दी और इसके बाद वापसी करने में नाकाम रही।
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काहिरा. गत विश्व चैंपियन रुद्रांक्ष पाटिल ने मंगलवार को यहां आईएसएसएफ निशानेबाजी विश्व कप की पुरुष 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जबकि तिलोत्तमा सेन ने इसी स्पर्धा के महिला वर्ग में कांस्य पदक जीतकर भारत का दबदबा बनाए रखा। भारत अब प्रतियोगिता में तीन स्वर्ण सहित चार पदक जीत चुका है।
दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी रुद्रांक्ष ने स्वर्ण पदक के मुकाबले में जर्मनी के मैक्समिलियन उल्बरिच को 16-8 से हराया। रुद्रांक्ष रैंकिंग दौर में भी 262.0 अंक के साथ शीर्ष पर रहे थे जबकि उल्बरिच ने 260.6 अंक जुटाए थे। तिलोत्तमा ने 262.0 के स्कोर के साथ रैंकिंग राउंड में शीर्ष आठ में जगह बनाई लेकिन वह 0.1 के न्यूनतम संभावित अंतर से स्वर्ण पदक मैच में जगह बनाने से चूक गई। उनका पदक प्रतियोगिता में भारत का दूसरा कांस्य पदक है। ग्रेट ब्रिटेन की सियोनैड मैकिंटोश ने स्वर्ण पदक के मुकाबले में स्विट्जरलैंड की ओलंपिक चैंपियन नीना क्रिस्टन को 16-8 से हराया। इससे पहले रुद्रांक्ष ने क्वालीफिकेशन दौर में 629.3 अंक के साथ सातवें स्थान पर रहते हुए रैंकिंग दौर में जगह बनाई थी। पुरुष 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में हिस्सा ले रहे अन्य भारतीय निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार और हृदय हजारिका रैंकिंग दौर में जगह बनाने से मामूली अंतर से चूक गए। रैंकिंग दौर में शीर्ष आठ क्वालीफायर पांच शॉट की पांच सीरीज में चुनौती पेश करते हैं जिससे स्वर्ण पदक के मुकाबले में हिस्सा लेने वाले शीर्ष दो निशानेबाजों का फैसला होता है। पहली सीरीज के बाद इजराइल के अनुभवी निशानेबाज सर्गेई रिकटर शीर्ष पर थे जबकि रुद्रांक्ष उनसे 1.2 अंक पीछे थे। रुद्रांक्ष ने दूसरी सीरीज में वापसी की और अपने 10वें शॉट में 10.9 के परफेक्ट स्कोर के साथ पहली बार बढ़त बनाई। तीसरी सीरीज के अंत तक उन्होंने क्रोएिशया के मिरान मारिसिच पर 0.2 अंक की मामूली बढ़त बना रखी थी। रुद्रांक्ष ने चौथी सीरीज के अंत तक 1.1 अंक की बढ़त हासिल कर ली। रिकटर तीसरे स्थान पर बरकरार थे। सिर्फ चार निशानेबाज दौड़ में थे। विश्व चैंपियन रुद्रांक्ष ने 25 शॉट के बाद 262 अंक से शीर्ष स्थान हासिल किया और उल्बरिच 260.6 अंक के साथ मारिसिच और रिकटर को पछाड़कर दूसरे स्थान पर पहुंचने में सफल रहे। मारिसिच ने 260.5 अंक के साथ कांस्य पदक जीता। जर्मनी के निशानेबाज ने रुद्रांक्ष के साथ स्वर्ण पदक के मुकाबले में जगह बनाई। शुरुआती सात शॉट के बाद मुकाबला 7-7 से बराबर था। भारतीय निशानेबाज ने हालांकि अगली तीन सीरीज जीतकर 13-7 की बढ़त बना ली। उल्बरिच ने 11वीं सीरीज ने टाई किया लेकिन रुद्रांक्ष ने 12वीं सीरीज जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। भारतीय निशानेबाजों ने सोमवार को मिश्रित टीम एयर पिस्टल और राइफल स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते थे।
आर नर्मदा नितिन और रुद्रांक्ष ने 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। रविवार को व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले वरूण तोमर ने इसके बाद रिदम सांगवान के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। -
नयी दिल्ली. भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने दौरे के अपने अंतिम मैच में दक्षिण अफ्रीका की अंडर-21 टीम के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से जीत दर्ज की। अंडर-21 दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ अपने सभी मैच जीतने के बाद भारत अब मेजबान देश की ‘ए' टीम से दो मैच खेलने की तैयारी कर रहा है। नियमित समय में दोनों टीम गोल करने में नाकाम रही जिसके कारण शूट आउट का सहारा लिया गया जिसमें भारतीय टीम ने 4-3 से बाजी मारी। दक्षिण अफ्रीका दौरा महत्वपूर्ण अंडर-21 एशिया कप के लिए टीम की तैयारियों का हिस्सा है जो आगामी एफआईएच महिला हॉकी जूनियर विश्व कप का क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट है। भारतीय टीम 24 और 25 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका ‘ए' के खिलाफ दो मैच खेलेगी जहां मेहमान टीम का लक्ष्य जीत की लय को बरकरार रखना होगा।