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- नयी दिल्ली। चालू रबी मौसम में देश में गेहूं बुवाई का रकबा 6.58 प्रतिशत बढ़कर 200.35 लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं कुल रबी फसलों का रकबा 4.13 प्रतिशत बढ़कर 428.84 लाख हेक्टेयर रहा। कृषि मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। सर्दियों की मुख्य फसल गेहूं आमतौर पर नवंबर से बोई जाती है और मार्च और अप्रैल के बीच काटी जाती है।इस रबी मौसम में दो दिसंबर तक दलहन का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 108.95 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल 105.14 लाख हेक्टेयर था। इसमें चना 78.52 लाख हेक्टेयर और मसूर 13.45 लाख हेक्टेयर में बोया गया है। मोटे अनाज की बुवाई भी 24.67 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28.24 लाख हेक्टेयर हो गई, जिसमें ज्वार 17.43 लाख हेक्टेयर और मक्का 6.87 लाख हेक्टेयर में बोया गया है। हालांकि, तिलहन की बुवाई पिछले वर्ष के 84.85 लाख हेक्टेयर की तुलना में घटकर 80.55 लाख हेक्टेयर रहा है। रेपसीड-सरसों का रकबा पहले के 84.85 लाख हेक्टेयर से घटकर 75.86 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि मूंगफली का रकबा पहले के 2.11 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.97 लाख हेक्टेयर रहा है।
- नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को बैंकों से कहा कि वे आवश्यक कदम उठाकर निष्क्रिय या ‘फ्रीज' किए गए खातों की संख्या को ‘तत्काल' कम करें और तिमाही आधार पर इनकी संख्या के बारे में भी जानकारी दें। ऐसे खातों में पड़ी धनराशि की बढ़ती मात्रा पर चिंता व्यक्त करते हुए आरबीआई ने कहा कि उसके पर्यवेक्षी निरीक्षणों से कई समस्याओं का पता चला है, जिसके कारण खाते निष्क्रिय हो रहे हैं या ‘फ्रीज' हो रहे हैं। आरबीआई के पर्यवेक्षण विभाग ने हाल ही में एक विश्लेषण किया, जिसमें पता चला कि कई बैंकों में निष्क्रिय खातों/ बिना दावा किए गए जमा की संख्या उनकी कुल जमा राशि के साथ-साथ निरपेक्ष रूप से भी अधिक थी। सभी बैंकों के प्रमुखों को जारी अधिसूचना में कहा गया, “बैंकों को निष्क्रिय/जमा किए गए खातों की संख्या में कमी लाने और ऐसे खातों को सक्रिय करने की प्रक्रिया को आसान और परेशानी मुक्त बनाने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी जाती है।” इसमें सुझाव दिया गया है कि बैंक मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग, विभिन्न शाखाओं और वीडियो ग्राहक पहचान प्रक्रिया के माध्यम से केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के निर्बाध अद्यतन को सक्षम करने पर विचार कर सकते हैं।
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नयी दिल्ली. रूपम रॉय ने अखिल भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी महासंघ (एआईएसबीओएफ) के महासचिव का पदभार संभाल लिया है। एआईएसबीओएफ ने रविवार को एक बयान में कहा कि 26-27 नवंबर, 2024 को चंडीगढ़ में आयोजित छठी कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान आम सहमति से इस संबंध में फैसला किया गया था। रॉय ने दीपक के शर्मा का स्थान लिया, जो 30 नवंबर को बैंक से सेवानिवृत्त हुए थे। रॉय अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओसी) के महासचिव भी हैं। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ (एसबीआईओए), भुवनेश्वर सर्कल के महासचिव अरुण कुमार बिशोई को एआईएसबीओएफ का नया अध्यक्ष चुना गया है। -
नयी दिल्ली, विमान ईंधन या एटीएफ 1.45 प्रतिशत महंगा हो गया है, जबकि होटल और रेस्तरां में इस्तेमाल होने वाले वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत में 16.5 रुपये प्रति 19 किलोग्राम सिलेंडर की वृद्धि हुई। सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन विपणन कंपनियों ने रविवार को कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार अपने मासिक संशोधन के तहत उक्त मूल्य वृद्धि की। राष्ट्रीय राजधानी में एटीएफ की कीमत 1,318.12 रुपये प्रति किलोलीटर या 1.45 प्रतिशत बढ़कर 91,856.84 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई। विमान ईंधन की कीमतों में यह लगातार दूसरी मासिक वृद्धि है। इससे पहले एक नवंबर को दरों में 2,941.5 रुपये प्रति किलोलीटर (3.3 प्रतिशत) की वृद्धि की गई थी। मुंबई में एटीएफ की कीमत 84,642.91 रुपये से बढ़कर 85,861.02 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई।
तेल कंपनियों ने वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत भी 16.5 रुपये बढ़ाकर 1818.50 रुपये प्रति 19 किलोग्राम सिलेंडर कर दी। वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत में यह लगातार पांचवीं मासिक बढ़ोतरी है। वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत अब मुंबई में 1771 रुपये प्रति सिलेंडर, कोलकाता में 1,927 रुपये प्रति सिलेंडर और चेन्नई में 1,980 रुपये प्रति सिलेंडर है। हालांकि, घरेलू इस्तेमाल वाली रसोई गैस की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर अपरिवर्तित रही। पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है। - हैदराबाद. दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी पॉल्ट्री प्रदर्शनी, 16वें पॉल्ट्री इंडिया एक्सपो 2024 का आयोजन 27 से 29 नवंबर तक किया जायेगा। आयोजकों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस कार्यक्रम में पॉल्ट्री किसानों, उद्योग के पेशेवरों और नीति-निर्माताओं सहित 40,000 से अधिक उपस्थित लोगों के आने की उम्मीद है। आईपीईएमए/पॉल्ट्री इंडिया के अध्यक्ष उदय सिंह ब्यास ने कहा कि 50 से अधिक देशों के 400 से अधिक प्रदर्शक नवीनतम तकनीकों और रुझानों का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘पॉल्ट्री क्षेत्र भारत की प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा करने और ग्रामीण आजीविका का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण है।'' सिंह ने कहा कि इस आयोजन से प्रतिभागियों को उभरती प्रौद्योगिकियों, टिकाऊ प्रथाओं और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों, पर्यावरण संबंधी चिंताओं और रोग प्रबंधन जैसी उद्योग चुनौतियों से निपटने की रणनीतियों के बारे में जानकारी मिलेगी।
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मुंबई. स्थानीय शेयर बाजार में शुक्रवार को तेजी लौटी और बीएसई सेंसेक्स 1,961.32 अंक उछलकर 79,000 के स्तर को फिर से हासिल कर लिया। गिरावट के बाद निचले स्तर पर चौतरफा लिवाली से बाजार को समर्थन मिला। घरेलू संस्थागत निवेशकों की मजबूत लिवाली और अमेरिकी बाजार में मजबूत रुख से भी बाजार में तेजी रही।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,961.32 अंक यानी 2.54 प्रतिशत उछलकर 79,117.11 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 2,062.4 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 557.35 अंक यानी 2.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,907.25 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल सभी तीस शेयर लाभ में रहे।
साप्ताहिक आधार पर बीएसई सेंसेक्स 1,536.8 अंक चढ़ा जबकि एनएसई निफ्टी में 374.55 अंक की तेजी रही।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बड़ी कंपनियों के शेयरों की अगुवाई में बाजार में चौतरफा लिवाली देखने को मिली। इसका कारण उनका मूल्यांकन कुछ आकर्षक हुआ है। साथ ही वर्ष की दूसरी छमाही में उनका वित्तीय परिणाम बेहतर रहने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा, ‘‘जापान में अक्टूबर महीने में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट और 39,000 अरब येन के प्रोत्साहन पैकेज से वैश्विक बाजारों में तेजी रही, जिसका सकारात्मक असर घरेलू बाजार पर रहा। वैश्विक और घरेलू स्तर पर राजनीतिक स्तर पर स्थिति कुछ नरम होने घरेलू बाजार में राहत रही।'' सेंसेक्स में शामिल शेयरों में भारतीय स्टेट बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाइटन, आईटीसी, इन्फोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, रिलायंस इंडज्ञट्रीज और बजाज फाइनेंस प्रमुख रूप से लाभ में रहे। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेलज लि. के प्रमुख (शोध और संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि रिलायंस समेत प्रमुख कंपनियों के शेयरों में निचले स्तर पर लिवाली से बाजार को समर्थन मिला। रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटी और प्रौद्योगिकी शेयरों में तेज लिवाली देखने को मिली।
अदाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों में से ज्यादातर लाभ में रहे। अमेरिका में गौतम अदाणी तथा अन्य पर कथित रूप से रिश्वत देने के मामले में शामिल होने के आरोप के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में बृहस्पतिवार को बड़ी गिरावट आई थी। बीएसई में अंबुजा सीमेंट में 3.50 प्रतिशत, एसीसी 3.17 प्रतिशत, अदाणी एंटरप्राइजेज 2.16 प्रतिशत, अदाणी पोर्ट्स में 2.05 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस 1.18 प्रतिशत और एनडीटीवी में 0.65 प्रतिशत की तेजी रही। मझोली कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.26 प्रतिशत चढ़ा जबकि छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 0.90 प्रतिशत की तेजी रही। शेयर बाजार के आंकड़े के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 5,320.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 4,200.16 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया कॉस्पी और जापान का निक्की बढ़त में रहे जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को बढ़त के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.19 प्रतिशत चढ़कर 74.37 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर रहा। बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 422.59 अंक और एनएसई निफ्टी 168.60 नुकसान में रहे थे। -
नयी दिल्ली. शादी विवाह के कारण आभूषण एवं खुदरा विक्रेताओं की लिवाली से शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने का भाव 1,100 रुपये उछलकर दो सप्ताह के उच्च स्तर 84,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। पिछले सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
चांदी की कीमत भी 300 रुपये की तेजी के साथ 93,300 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। सर्राफा संघ के अनुसार 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में 1,100 रुपये की तेजी आई है। इसके साथ लगातार दूसरे दिन बढ़त दर्ज करते हुए यह 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। बृहस्पतिवार को सोने की कीमत 78,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने की खोई हुई स्थिति वापस आने के साथ ही तेजी का रुझान बरकरार है।'' वैश्विक स्तर पर जिंस बाजार में सोना वायदा 36 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,735.30 डॉलर प्रति औंस रहा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोने के व्यापारियों ने डॉलर की मजबूती को नजरअंदाज कर दिया, जिससे सर्राफा की ओर सुरक्षित निवेश प्रवाह बढ़ रहा है। एशियाई बाजार में चांदी 1.42 प्रतिशत बढ़कर 31.83 डॉलर प्रति औंस पर रही। -
मुंबई. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को जनरली समूह के साथ संयुक्त उद्यम के जरिये बीमा कारोबार में प्रवेश करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजरों को भेजी सूचना में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 21 नवंबर 2024 के पत्र के जरिये मंजूरी दे दी है। कंपनी सूचना के अनुसार, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 21 नवंबर 2024 के अपने पत्र के जरिये एफजीआईआईसीएल और एफजीआईएलआईसीएल के तहत जनरली समूह के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से बीमा कारोबार में बैंक के प्रवेश को मंजूरी दे दी है। इसके द्वारा निर्धारित शर्तों के निरंतर अनुपालन और बीमा नियामक इरडा के अनुमोदन के अधीन है।'' भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अक्टूबर में फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एफजीआईआईसीएल) और फ्यूचर जनरली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एफजीआईएलआईसीएल) में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी थी। एफजीआईआईसीएल अन्य बीमा के अलावा व्यक्तिगत बीमा, वाणिज्यिक बीमा, सामाजिक और ग्रामीण बीमा प्रदान करता है। एफजीआईएलआईसीएल बचत बीमा, निवेश योजना (यूएलआईपी), टर्म बीमा योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, बाल योजना, सेवानिवृत्ति योजना, ग्रामीण बीमा योजना और समूह बीमा योजना प्रदान करता है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त की शुरुआत में घोषणा की कि वह जीवन तथा साधारण बीमा उद्यम में कर्ज में डूबी फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) की हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए सफल बोलीदाता के रूप में उभरा है।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (एमएमए) ने बृहस्पतिवार को सीमापार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं- भारतीय रुपया (आईएनआर) और मालदीव रूफिया (एमवीआर) के उपयोग को बढ़ावा देने को एक रूपरेखा तैयार करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास और मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के गवर्नर अहमद मुनव्वर ने हस्ताक्षर किए। आरबीआई ने बयान में कहा, “समझौता ज्ञापन चालू खाता लेनदेन, स्वीकार्य पूंजी खाता लेनदेन और दोनों देशों द्वारा सहमत किसी भी अन्य आर्थिक और वित्तीय लेनदेन में रुपया और एमवीआर के उपयोग को बढ़ावा देता है।” यह ढांचा निर्यातकों और आयातकों को अपनी-अपनी घरेलू मुद्राओं में चालान बनाने और निपटान करने में सक्षम बनाएगा, जिससे विदेशी मुद्रा बाजार में आईएनआर-एमवीआर जोड़ी में व्यापार का विकास संभव हो सकेगा। आरबीआई ने कहा कि स्थानीय मुद्राओं के उपयोग से लेनदेन की लागत और निपटान समय में बचत होगी।
आरबीआई ने कहा, “यह सहयोग आरबीआई और एमएमए के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।” -
नयी दिल्ली. खाद्य एवं पेय पदार्थों की आपूर्ति करने वाले ऑनलाइन वितरण मंच जोमैटो के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल ने अपने ‘चीफ ऑफ स्टाफ' पद के लिए संभावित उम्मीदवारों से पहले वर्ष के लिए 20 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा है। गोयल ने बुधवार को कहा कि इस राशि को गैर-लाभकारी संस्था फीडिंग इंडिया को दान किया जाएगा। इसके बदले कंपनी उम्मीदवार की पसंद के किसी चैरिटी को 50 लाख रुपये का योगदान देने की पेशकश करेगी। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर गोयल ने लिखा, एक ‘चीफ ऑफ स्टाफ' की तलाश कर रहे हैं, जिसका पद विवरण इस प्रकार है ‘‘जो जोमैटो (ब्लिंकिट, डिस्ट्रिक्ट, हाइपरप्योर और फीडिंग इंडिया सहित) के भविष्य के निर्माण के लिए सब कुछ कर सके।'' उन्होंने दावा किया कि यह भूमिका ‘‘ किसी शीर्ष प्रबंधन स्कूल से प्राप्त दो-वर्षीय डिग्री की तुलना में 10 गुना अधिक सीखने का अवसर प्रदान करेगी। इसमें मेरे और उपभोक्ता प्रौद्योगिकी के कुछ सबसे विचारशील लोगों के साथ काम करने का अवसर मिलेगा।'' हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘ यह भूमिका कोई पारंपरिक भूमिका नहीं है, जिसमें ऐसी नौकरियों के साथ मिलने वाले सामान्य भत्ते शामिल हों।'' वेतन विवरण पर गोयल ने लिखा, ‘‘ पहले वर्ष में इस पद के लिए कोई वेतन नहीं मिलेगा। बल्कि आपको इस अवसर के लिए 20 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। इस ‘फीस' का 100 प्रतिशत सीधे फीडिंग इंडिया को दान के रूप में दिया जाएगा (यदि आपको यह पद दिया जाता है और आप इसे स्वीकार करते हैं)।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपनी ओर से यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम यहां पैसा बचाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हम आपकी पसंद के किसी ‘चैरिटी' में 50 लाख रुपये (चीफ ऑफ स्टाफ के वेतन के बराबर) का योगदान देंगे।'' गोयल ने कहा कि दूसरे वर्ष से ‘‘ हम आपको सामान्य वेतन देना शुरू कर देंगे (निश्चित रूप से 50 लाख रुपये से अधिक), लेकिन इस बारे में हम दूसरे वर्ष की शुरुआत में ही बात करेंगे।'' गोयल ने उम्मीदवारों से कहा कि वे इस पद के लिए केवल इसलिए आवेदन करें क्योंकि इससे उन्हें ‘‘ सीखने का अवसर मिलेगा, न कि किसी ऐसी आकर्षक, अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी के लिए जो आपको स्वयं या उन लोगों के सामने अच्छा दिखाएगी जिन्हें आप प्रभावित करना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि दूसरे शब्दों में कहें तो, ‘‘ इसे एक शिक्षण कार्यक्रम के तौर पर देखें जिसमें व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक विकास दोनों है... चाहे आप इस भूमिका में सफल हों या नहीं। हम इस भूमिका के लिए सीखने वाले लोगों को चाहते हैं, ‘बायोडाटा' बनाने वालों को नहीं।'' गोयल ने कहा कि इस पद के लिए ऐसा व्यक्ति चाहिए जिसमें कुछ सीखने की ललक हो, सामान्य समझ हो, सहानुभूति होनी चाहिए तथा इसके लिए अधिक अनुभव की जरूरत नहीं है ... ताकि किसी चीज का कोई बोझ उस पर न हो। उन्होंने कहा कि वह ऐसे व्यक्ति की तलाश में हैं जो ‘‘ जमीन से जुड़ा हो...सही काम करना चाहता हो, भले ही इसके लिए दूसरों को नाराज करना पड़े...और सबसे महत्वपूर्ण बात, वह सीखने की ललक रखता हो।
- मुंबई. देश में दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती अब बीते दिनों की बात है। त्योहारों के दौरान खर्च से निजी खपत मांग को गति दे रही है और मध्यम अवधि का परिदृश्य मजबूत बना हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को जारी अपने बुलेटिन में यह कहा है। नवंबर माह के बुलेटिन में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर एक लेख में यह भी कहा गया है कि चुनौतियों और बढ़ते संरक्षणवाद के बीच 2024 की चौथी तिमाही के दौरान वैश्विक आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं। इसमें कहा गया, ‘‘देश में, 2024-25 की दूसरी तिमाही में जो कुछ सुस्ती देखी गयी थी, वह अब पीछे छूट गई है। इसका कारण यह है कि निजी खपत घरेलू मांग को गति दे रही है और त्योहारों के दौरान खर्च ने तीसरी तिमाही में वास्तविक गतिविधियों को बढ़ाया है। लेख में कहा गया, ‘‘मध्यम अवधि का दृष्टिकोण तेजी का बना हुआ है क्योंकि वृहद आर्थिक बुनियाद की स्वाभाविक ताकत खुद को फिर से स्थापित कर रही है।'' आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के नेतृत्व वाली टीम के लिखे इस लेख में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है। इसका कारण त्योहार से जुड़ी खपत और कृषि क्षेत्र में सुधार है। खरीफ फसल के रिकॉर्ड उत्पादन अनुमान के साथ-साथ रबी फसल को लेकर बेहतर संभावनाएं आने वाले समय में कृषि आय और ग्रामीण मांग के लिए अच्छा संकेत हैं। लेख में कहा गया, ‘‘औद्योगिक मोर्चे पर, विनिर्माण और निर्माण में गतिशीलता बरकरार रहने की उम्मीद है। ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) अपनाने, अनुकूल नीतियां, सब्सिडी और बढ़ता बुनियादी ढांचा भारत को टिकाऊ परिवहन के क्षेत्र में अग्रणी बना रहा है। साथ ही उभरते स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रहा है।'' लेखकों के अनुसार, भारत के सेवा क्षेत्र में विकास की गति के साथ मजबूत रोजगार सृजन और उच्च उपभोक्ता और कारोबारी भरोसा बने रखने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेश से बॉन्ड और शेयर बाजारों पर दबाव के बावजूद, वित्तीय स्थितियां अनुकूल रहने की संभावना है। कंपनियों के बॉन्ड जारी करने और एफडीआई प्रवाह से यह पता चलता है। लेखकों ने यह भी कहा कि निजी निवेश कमजोर बना हुआ है। कॉरपोरेट आय में कमी के कारण जुलाई-सितंबर, 2024 के दौरान तिमाही आधार पर कम निवेश से यह पता चलता है। आरबीआई ने साफ कहा है कि बुलेटिन में प्रकाशित लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और उससे केंद्रीय बैंक का कोई लेना-देना नहीं है।
- नयी दिल्ली. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने मॉडल सिटी लॉजिस्टिक योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इसका मकसद शहरी क्षेत्रों में माल ढुलाई व्यवस्था को कुशल बनाना और लॉजिस्टिक लागत में कमी लाना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही है। भारत-जर्मन तकनीकी सहयोग के तहत, डॉयचे गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनल जुसामेनरबीट (जीआईजेड) की ‘ग्रीन फ्रेट प्रोजेक्ट' ने मॉडल सिटी लॉजिस्टिक योजना (सीएलपी) की तैयारी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर गतिविधियों को अपनाने को लेकर संबंधित राज्य अधिकारियों की मदद की है। यह शहरों में जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करते हुए भीड़भाड़, प्रदूषण और लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। डीपीआईआईटी में अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने यहां कहा कि दिल्ली और कर्नाटक दोनों सरकारों ने इन योजनाओं को विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की है। उन्होंने संवाददाताओं से, ‘‘इसपर काम प्रगति पर है। वे समर्थन देने के लिए सहमत हो गए हैं। यह एक मॉडल योजना है जिसका उपयोग इन शहरों या किसी अन्य शहर द्वारा किया जा सकता है। यह लॉजिस्टिक पर ध्यान देने के लिए एक व्यापक और सैद्धांतिक योजना है।'' डीपीआईआईटी के अनुसार, इससे व्यापार करने में सुगमता को लेकर केंद्र सरकार के एजेंडा को आगे बढ़ाने और 2070 तक शुद्ध रूप से कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर पर लाने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। यह दिशानिर्देश शहरों और राज्यों में काम कर रही इकाइयों के लिए भी है, ताकि शहर के लॉजिस्टिक परिवेश को कुशल और टिकाऊ बनाया जा सके। यह दिशानिर्देश एक ऐसा दस्तावेज है जो संबंधित पक्षों से मिली प्रतिक्रिया और सुझाव के माध्यम से विकसित होता रहेगा और डीपीआईआईटी शहर लॉजिस्टिक योजनाएं तैयार करने के लिए इच्छुक राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को अपना समर्थन देगा।
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नयी दिल्ली. चार औद्योगिक गलियारों... अमृतसर-कोलकाता, चेन्नई-बेंगलुरु, पूर्वी तट आर्थिक गलियारा और बेंगलुरु-मुंबई ने भारत को दुनिया में एक वैश्विक विनिर्माण शक्ति बनने में मदद की है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) इन नये औद्योगिक गलियारों... अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा, चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा, पूर्वी तट आर्थिक गलियारा और बेंगलुरु-मुंबई औद्योगिक गलियारा की आठवीं वर्षगांठ मना रहा है। डीपीआईआईटी ने कहा, ‘‘इन गलियारों की स्थापना भारत के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।'' देश के प्रमुख क्षेत्रों में फैले प्रत्येक गलियारे को रणनीतिक रूप से उद्योग और बुनियादी ढांचे को एकीकृत करने, विश्वस्तरीय संपर्क सुविधा स्थापित करने के लिए तैयार किया गया है। ये गलियारे तेजी से औद्योगीकरण का समर्थन करते हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘उच्च गति के रेल नेटवर्क, आधुनिक बंदरगाह, अलग से लॉजिस्टिक केंद्र और अत्याधुनिक हवाई अड्डों के साथ, ये गलियारे बुनियादी ढांचे के विकास में नए मानक स्थापित कर रहे हैं।'' मंत्रिमंडल ने 28 अगस्त को 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी। विभाग ने कहा, ‘‘ये औद्योगिक स्मार्ट शहर, भारत के आर्थिक विकास में रत्नों की तरह हैं। ये अगली पीढ़ी के ‘कनेक्टेड', आत्मनिर्भर केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो स्थानीय समुदायों का समर्थन करेंगे और भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाएंगे।
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नयी दिल्ली. वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के कारण मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 600 रुपये की तेजी के साथ 78,050 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। सोमवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 77,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि शादी-विवाह के लिए स्थानीय आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की खरीदारी बढ़ने से भी सोने की कीमतों में तेजी आई। सोमवार को चांदी 1,500 रुपये उछलकर 93,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। इसका पिछला बंद भाव 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 600 रुपये बढ़कर 77,650 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले सत्र में यह 77,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 19.50 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,634.10 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। एलकेपी सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई है। साथ ही रूस-यूक्रेन संघर्ष में परमाणु जोखिमों को लेकर नए सिरे से आशंकाएं पैदा हुई हैं, जिससे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की मांग बढ़ी है।'' एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी के अनुसार, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल, डॉलर और सुरक्षित निवेश की मांग में गिरावट के कारण मंगलवार को सोना एक सप्ताह के उच्चस्तर 2,615 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गया। एशियाई कारोबारी घंटों में कॉमेक्स चांदी वायदा का भाव 0.79 प्रतिशत बढ़कर 31.47 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। इस वर्ष सोने में जोरदार तेजी आई और इसने कई रिकॉर्ड बनाए, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर के मजबूत होने के कारण सर्राफा कीमतों पर असर पड़ा है।
- नयी दिल्ली. भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का उद्योग बनने की राह पर हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि उद्योग में 25 लाख से अधिक पेशेवर काम करेंगे।भारत का जीसीसी परिदृश्य: मध्यम आकार के आकांक्षी कंपनियों के लिए आगे बढ़ने का एक रणनीतिक मार्ग' शीर्षक वाली रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में 1,700 से अधिक जीसीसी हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 64.6 अरब डॉलर का वार्षिक राजस्व आर्जित करते हैं। उद्योग फिलहाल 19 लाख पेशेवरों को रोजगार देता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘भारत के जीसीसी न केवल संख्या में बढ़ रहे हैं, बल्कि जटिलता और रणनीतिक महत्व में भी बढ़ रहे हैं। पिछले पांच साल में इनमें से आधे से अधिक केंद्र पारंपरिक सेवा भूमिकाओं से आगे बढ़कर पोर्टफोलियो और रूपांतरण केंद्रों के रूप में काम करने लगे हैं।'' रिपोर्ट में आगे बताया गया कि 2030 तक भारत में जीसीसी बाजार 100 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, और कार्यबल की संख्या 25 लाख से अधिक होगी। अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 2026 तक इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक केंद्र उन्नत एआई क्षमताओं को एकीकृत करेंगे।
- नयी दिल्ली. नगर निगमों को गैर-कर राजस्व बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण सार्वजनिक सेवाएं मुहैया कराने के लिए जल आपूर्ति और स्वच्छता जैसी जरूरी सेवाओं के लिए पर्याप्त उपयोगकर्ता शुल्क लेना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। 'नगर निगम वित्त पर रिपोर्ट' 2019-20 से 2023-24 (बजट अनुमान) में 232 नगर निगमों (एमसी) की राजकोषीय स्थिति पर गहराई से विचार किया गया है। इसमें खासतौर से 'नगर निगमों में राजस्व सृजन के अपने स्रोत: अवसर और चुनौतियां' विषय पर ध्यान दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, ''नगर निगम जल आपूर्ति, स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए उचित और पर्याप्त शुल्क लगाकर गैर-कर राजस्व काफी बढ़ा सकते हैं। ऐसा करके उच्च गुणवत्ता वाली सार्वजनिक सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।'' रिपोर्ट में कहा गया कि ये उपाय, अधिक पारदर्शी और जवाबदेह शासन प्रथाओं के साथ मिलकर, नगर निगमों की वित्तीय सेहत को मजबूत करने में योगदान दे सकते हैं। आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक अगर ऐसा हो सका तो जनता के लिए बेहतर सेवाओं, मजबूत राजस्व और शहरी बुनियादी ढांचे के लगातार उन्नयन का एक चक्र शुरू होगा। मुख्य गैर-कर राजस्व स्रोतों में उपयोगकर्ता शुल्क, व्यापार लाइसेंस शुल्क, लेआउट/ भवन मंजूरी शुल्क, विकास शुल्क, बेहतरी शुल्क, बिक्री और किराया शुल्क, बाजार शुल्क, बूचड़खाना शुल्क, पार्किंग शुल्क, जन्म और मृत्यु पंजीकरण शुल्क शामिल हैं। कर राजस्व के स्रोतों में संपत्ति कर, खाली भूमि कर, जल लाभ कर, विज्ञापन कर, सीवरेज लाभ कर, पशुओं पर कर और गाड़ियों पर कर शामिल हैं।
- नयी दिल्ली. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने रविवार को कहा कि देशभर में आपूर्ति में सुधार के कारण टमाटर की खुदरा कीमतों में मासिक आधार पर 22.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। आधिकारिक बयान के अनुसार, 14 नवंबर को टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 52.35 रुपये प्रति किलोग्राम रहा, जो 14 अक्टूबर को 67.50 रुपये प्रति किलोग्राम था। इसी अवधि के दौरान, दिल्ली की आजादपुर मंडी में बढ़ती आवक के कारण मॉडल थोक मूल्य में लगभग 50 प्रतिशत की तीव्र गिरावट देखी गई, जो 5,883 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2,969 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। मंत्रालय ने कहा कि पिंपलगांव (महाराष्ट्र), मदनपल्ले (आंध्र प्रदेश) और कोलार (कर्नाटक) जैसे प्रमुख बाजारों से भी इसी तरह की कीमत में सुधार की सूचना मिली। मंत्रालय ने कहा, “हालांकि मदनपल्ले और कोलार के प्रमुख टमाटर केंद्रों पर आवक कम हो गई है, लेकिन महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात से मौसमी आपूर्ति के कारण कीमतों में कमी आई है, जिससे देश भर में आपूर्ति की कमी पूरी हो गई है।” बयान में कहा गया है कि मौसम की अनुकूल स्थिति ने पैदावार और खेतों से उपभोक्ताओं तक आपूर्ति श्रृंखला के सुचारू संचालन, दोनों को समर्थन दिया है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश का टमाटर उत्पादन चार प्रतिशत बढ़कर 213.20 लाख टन होने का अनुमान है।
- नयी दिल्ली.सरकार ने बृहस्पतिवार को सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के चौथे चरण की शुरुआत की घोषणा की, जिसमें अतिरिक्त 18 जिले शामिल हैं। अनिवार्य हॉलमार्किंग का काम 23 जून, 2021 को शुरू हुआ था। उसके बाद से अबतक 40 करोड़ से अधिक सोने के आभूषणों की विशिष्ट पहचान (आईडी) के साथ हॉलमार्किंग की गई है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए अधिक विश्वास और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि चौथा चरण पांच नवंबर से प्रभावी है, जिसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 18 जिले शामिल हैं। चौथे चरण के कार्यान्वयन के साथ, अनिवार्य हॉलमार्किंग के अंतर्गत आने वाले जिलों की कुल संख्या अब 361 हो गई है। सरकार की पहल से पंजीकृत ज्वेलर्स की संख्या 34,647 से बढ़कर 1,94,039 हो गई है और परख और हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या 945 से बढ़कर 1,622 हो गई है। उपभोक्ता ‘बीआईएस केयर मोबाइल ऐप' का उपयोग करके हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की प्रामाणिकता को सत्यापित कर सकते हैं और उत्पाद की गुणवत्ता या बीआईएस के निशान के दुरुपयोग के बारे में शिकायत दर्ज कर सकते हैं
- नयी दिल्ली.देश का वस्तु निर्यात अक्टूबर में 17.25 प्रतिशत बढ़कर 39.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। प्रतिशत के लिहाज से देखें तो यह दो साल में निर्यात के आंकड़े में सबसे बड़ा उछाल है। एक साल पहले इसी महीने में निर्यात 33.43 अरब डॉलर था। आलोच्य महीने में व्यापार घाटा 27.14 अरब डॉलर रहा। बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में देश का आयात भी 3.9 प्रतिशत बढ़कर 66.34 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले इसी माह में 63.86 अरब डॉलर था। मुख्य रूप से कच्चे तेल के आयात में 13.34 प्रतिशत की वृद्धि से कुल आयात बढ़ा है। व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच अंतर आलोच्य महीने में 27.14 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल इसी महीने में 30.42 अरब डॉलर के मुकाबले कम है। हालांकि, यह इस साल सितंबर महीने के 20.78 अरब डॉलर से अधिक है। इससे पहले, देश के वस्तु निर्यात में जून, 2022 में 30.12 प्रतिशत का उछाल आया था।देश का वस्तु निर्यात सितंबर महीने में मामूली 0.5 प्रतिशत बढ़कर 34.85 अरब डॉलर रहा था।आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर) के दौरान देश का निर्यात 3.18 प्रतिशत बढ़कर 252.28 अरब डॉलर और आयात 5.77 प्रतिशत बढ़कर 416.93 अरब डॉलर रहा है। इस अवधि में व्यापार घाटा 164.65 अरब डॉलर रहा जो बीते वर्ष 2023 में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 149.67 अरब डॉलर था। आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान सेवा निर्यात लगभग 215.98 अरब डॉलर का रहा जो पिछले साल की इसी अवधि में 191.97 अरब डॉलर था। इसी अवधि में आयात 114.57 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले अप्रैल-अक्टूबर में 102.32 अरब डॉलर था। अक्टूबर में कच्चे तेल का आयात बढ़कर 18.2 अरब डॉलर रहा। पिछले साल के इसी महीने में यह 16.1 अरब डॉलर था। वहीं, समीक्षाधीन महीने के दौरान सोने और चांदी का आयात थोड़ा कम होकर क्रमशः 7.13 अरब डॉलर और 0.33 अरब डॉलर रहा। अक्टूबर, 2023 में यह क्रमशः 7.23 अरब डॉलर और 1.31 अरब डॉलर था। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, ‘‘यह निर्यात के लिए काफी अच्छा महीना रहा है...अगर यह गति बनी रही, हम इस साल 800 अरब डॉलर के निर्यात (वस्तु और सेवा) के आंकड़े को पार कर जाएंगे।'' उन्होंने कहा कि छह क्षेत्रों... इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, औषधि, रसायन, प्लास्टिक और कृषि... के साथ-साथ 20 देशों पर ध्यान केंद्रित करने की सरकार की रणनीति सकारात्मक परिणाम दे रही है। इन 20 देशों की कुल वैश्विक आयात में हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है और इन छह खंडों की वैश्विक आयात में हिस्सेदारी 67 प्रतिशत है। वाणिज्य मंत्रालय ने बाजार पहुंच पहल, ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने, गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने और व्यापार संवर्धन कार्यक्रम आयोजित करने के माध्यम से इन देशों में आर्थिक पैठ बढ़ाने को कदम उठाया है। बर्थवाल ने यह भी कहा कि वे निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इन इन देशों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रणनीति बना रहे हैं और मुझे भरोसा है कि इस रणनीति से हमें इस साल के अंत तक बेहतर परिणाम मिलेगा।'' अक्टूबर में निर्यात में दहाई अंक की वृद्धि दर्ज करने का एक कारण क्रिसमस मांग का बेहतर होना हो सकता है। निर्यातकों के शीर्षक संगठन फियो (फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच वस्तु निर्यात में दहाई अंक की वृद्धि निश्चित रूप से उत्साहजनक संकेत है। उन्होंने कहा कि हालांकि इजराइल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संबंध में लगातार लॉजिस्टिक चुनौतियां बनी हुई हैं। इसका कारण यूरोप, अफ्रीका, सीआईएस और खाड़ी क्षेत्र में हमारा अधिकांश व्यापार लाल सागर मार्ग या खाड़ी क्षेत्र के जरिये हो रहा ह
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नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने अपने यूजर्स के लिए बेहद सस्ता प्लान लॉन्च किया है। इस प्लान का रिचार्ज करने पर यूजर अनलिमिटेड डेटा का भरपूर लाभ उठा सकेगा। अगर आप कम कीमत वाला प्लान तलाश रहे हैं, तो आइए जानते हैं जियो के इस नए प्लान के बारे में…
कितने का है प्लान?जियो के इस प्लान की कीमत मात्र 11 रुपये है। इस प्लान को रिचार्ज करते ही यूजर को 10 GB हाई-स्पीड 4G डेटा ऑफर मिलेगा।जियो के 11 रुपये वाले डेटा एड-ऑन प्लान की वैलिडिटी सिर्फ एक घंटा यानी 60 मिनट है। यानी 1 घंटे के अंदर जियो यूजर को यह प्लान पूरी तरह से यूज करना होगा, क्योंकि उसके बाद ये प्लान इनवैलिड हो जाएगा। कंपनी ने यह प्लान उन लोगों के लिए लॉन्च किया है जिनको किसी बड़ी फाइल को डाउनलोड या अपलोड करने के लिए ज्यादा डेटा की जरूरत होती है और हाई-स्पीड वाई-फाई नेटवर्क नहीं है, तो यह प्लान ऐसे यूजर्स को काफी मदद कर सकता है।किसी भी प्लान के साथ कर सकते हैं रिचार्जजियो यूजर्स इस नए डेटा प्लान को अपने मौजूदा प्रीपेड प्लान के साथ रिचार्ज कर सकते हैं। इस प्लान की खास बात यह है कि इसमें मिलने वाला डेटा सिर्फ 1 घंटे के लिए वैध रहेगा। यानी यूजर्स को इस डेटा का इस्तेमाल एक घंटे के भीतर ही करना होगा।जियो का दूसरा डेटा प्लानइसके अलावा, जियो एक और डेटा प्लान भी ऑफर करता है, जिसमें 25GB 4G डेटा मिल रहा है। इस प्लान की वैलिडिटी 1 दिन है और इसे खासतौर पर उन यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया है, जो लाइव स्पोर्ट्स देखते हैं या बड़ी फाइल्स डाउनलोड और अपलोड करते हैं। इस प्लान का नाम Cricket Offer Plan रखा गया है। इसकी कीमत मात्र 49 रुपये है। - नयी दिल्ली.टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि विस्तारा की ‘सर्वश्रेष्ठ गुणों' को एयर इंडिया में लाया जा रहा है और कंपनी ‘बहुत ज्यादा उम्मीदों' को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि टाटा ने जब दो साल पहले विस्तारा का अधिग्रहण किया था, तब कई प्रणालीगत कारणों से इसमें गिरावट में थी। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि नई एयर इंडिया से उम्मीदें बहुत अधिक हैं। हम इससे कम की उम्मीद नहीं करते हैं और हम इससे कम कुछ भी नहीं देने की उम्मीद करते हैं।” उन्होंने कहा कि विलय के बाद बनने वाली इकाई देश की आगामी विमानन क्रांति के लिए तैयार हो जाएगी।विलय की घोषणा के लगभग दो साल बाद 12 नवंबर को एयर इंडिया के साथ विस्तारा का एकीकरण पूरा हो गया। अब विस्तारित एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस की 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है। विस्तारा का स्वामित्व टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस के पास था। चंद्रशेखरन ने पेशेवरों के सोशल मीडिया मंच ‘लिंक्डइन' पर पोस्ट किया, “हमारी महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए इस विलय को एक यात्रा के हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए। विलय शुरू होने पर कारोबार के विभिन्न हिस्से परिपक्वता के अलग-अलग बिंदुओं पर थे, इसलिए उन्हें पूरी तरह से संरेखित होने में समय लगेगा।” उन्होंने स्वीकार किया कि अभी और काम किया जाना बाकी है तथा यह विलय विस्तारा के सर्वोत्तम गुणों को सामने ला रहा है। उन्होंने कहा कि वह एयर इंडिया के भविष्य के प्रति आशावादी हैं।l
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नई दिल्ली। थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर चार महीने के उच्च स्तर 2.36 प्रतिशत पर पहुंच गयी। खाद्य वस्तुओं खासकर, सब्जियों तथा विनिर्मित वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी इसकी मुख्य वजह रही। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति सितंबर 2024 में 1.84 प्रतिशत थी। इसमें अक्टूबर 2023 में 0.26 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 13.54 प्रतिशत हो गई, जबकि सितंबर में यह 11.53 प्रतिशत थी।सब्जियों की मुद्रास्फीति में 63.04 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि सितंबर में यह 48.73 प्रतिशत थी। आलू तथा प्याज की मुद्रास्फीति अक्टूबर में क्रमशः 78.73 प्रतिशत और 39.25 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही। ईंधन और बिजली श्रेणी की मुद्रास्फीति अक्टूबर में 5.79 प्रतिशत रही जो सितंबर में 4.05 प्रतिशत की थी। विनिर्मित वस्तुओं में अक्टूबर में मुद्रास्फीति 1.50 प्रतिशत रही, जबकि पिछले महीने यह एक प्रतिशत थी।थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति में अक्टूबर में लगातार दूसरे महीने वृद्धि देखी गई। अक्टूबर से पहले जून 2024 में यह सर्वाधिक 3.43 प्रतिशत रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को बयान में कहा, ‘‘ अक्टूबर 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, अन्य विनिर्माण, मशीनरी तथा उपकरणों के विनिर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलर और अर्ध-ट्रेलरों आदि के विनिर्माण की कीमतों में बढ़ोतरी रही।’’ इस सप्ताह के प्रारंभ में जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तीव्र वृद्धि के साथ खुदरा मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह स्तर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तय सीमा से अधिक है, जिससे दिसंबर में नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करना मुश्किल हो सकता है। आरबीआई मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर या रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था।
- नयी दिल्ली. भारत ने तीनों प्रमुख बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) - पेटेंट, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिजायन के लिए शीर्ष-10 में स्थान हासिल किया है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि भारत 2023 में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ट्रेडमार्क आवेदन में विश्वस्तर पर चौथे स्थान पर है। मंत्रालय ने कहा, “इनमें से लगभग 90 प्रतिशत आवेदन निवासियों द्वारा किए गए, जिसमें स्वास्थ्य, कृषि और वस्त्र जैसे प्रमुख क्षेत्र अग्रणी रहे।” बयान के अनुसार, “भारत का ट्रेडमार्क कार्यालय दुनियाभर में सक्रिय पंजीकरणों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या रखता है। इसमें 32 लाख से अधिक ट्रेडमार्क प्रभावी हैं, जो वैश्विक ब्रांड संरक्षण में देश की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।” मंत्रालय ने कहा, “डब्ल्यूआईपीओ (विश्व बौद्धिक संपदा संगठन) के विश्व बौद्धिक संपदा संकेतक 2024 के निष्कर्ष नवाचार और आईपी में भारत की प्रगति दिखाते हैं।
- नयी दिल्ली. अच्छी मांग और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर अंकुश हटने से देश का कृषि निर्यात चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 50 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही। अधिकारी ने कहा कि चावल, गेहूं और चीनी पर निर्यात अंकुशों से कृषि निर्यात पर लगभग 6-7 अरब डॉलर का असर पड़ता है। अधिकारी ने कहा, ‘‘लेकिन अब चावल पर प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, हमें उम्मीद है कि कृषि निर्यात 50 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। अबतक का रुझान अच्छा है। हालांकि, वृद्धि अभी सकारात्मक नहीं है लेकिन अब चावल खुल गया है, दिसंबर के अंत तक हम सकारात्मक क्षेत्र में होंगे।'' चावल का निर्यात पिछले साल के 1.4-1.5 करोड़ टन के मुकाबले इस वित्त वर्ष में 1.7-1.8 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है। अधिकारी ने कहा, ‘‘इससे निर्यात को काफी बढ़ावा मिलेगा।'' उन्होंने कहा कि बासमती चावल की खेप 55 लाख टन तक पहुंच सकती है, जबकि उष्णा चावल की खेप 70-80 लाख टन और गैर-बासमती चावल की खेप 40 लाख टन से अधिक हो सकती है। जिन मुख्य वस्तुओं में अच्छी वृद्धि दर्ज की जा रही है, उनमें फल, सब्जियां, मांस और इसके उत्पाद, पेय पदार्थ और खाद्य प्रसंस्करण शामिल हैं। गेहूं पर निर्यात प्रतिबंध हटाने पर किसी चर्चा के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई योजना नहीं है। वाणिज्य मंत्रालय वर्ष 2030 तक कृषि निर्यात को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।अक्टूबर में सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल की विदेशी खेप पर लगे प्रतिबंध हटा दिए और उष्णा चावल तथा भूरा चावल को निर्यात शुल्क से छूट दे दी। ये उपाय ऐसे समय में किए गए हैं, जब देश में सरकारी गोदामों में चावल का पर्याप्त स्टॉक है और खुदरा कीमतें भी नियंत्रण में हैं। इस वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त के दौरान देश ने 20.1 करोड़ डॉलर मूल्य का गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात किया। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 85 करोड़ 25.2 लाख डॉलर था। हालांकि निर्यात पर प्रतिबंध था, लेकिन सरकार मालदीव, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अफ्रीकी देशों जैसे मित्र राष्ट्रों को निर्यात खेप भेजने की अनुमति दे रही थी। चावल की इस किस्म का भारत में व्यापक रूप से सेवन किया जाता है और वैश्विक बाजारों में भी इसकी मांग है, खासकर उन देशों में जहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी हैं। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध उन कारकों में से एक है जिसने खाद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया है
- नयी दिल्ली. रूस, जो उड़द और तुअर उत्पादन में विविधता लाने पर विचार कर रहा है, भारत के साथ दलहन व्यापार सहयोग को बढ़ाना चाहता है। सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। रूस के उप मंत्री मैक्सिम टिटोव के नेतृत्व में एक रूसी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे से मुलाकात की, जिसमें दलहन के क्षेत्र में व्यापार सहयोग बढ़ाने की संभावना पर विस्तार से चर्चा की गई। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बयान में कहा कि रूस हाल के दिनों में भारत के मसूर (दाल) और पीली मटर के आयात का एक प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है। बयान के अनुसार, इन दो दालों के अलावा, रूस अपनी दालों के उत्पादन में उड़द (काली मटर) और तुअर (अरहर) तक विविधता लाने पर भी विचार कर रहा है। भारत 30-40 लाख टन की घरेलू कमी को पूरा करने के लिए दालों के आयात पर निर्भर है।देश में दालों की उपलब्धता के बारे में सरकार ने कहा कि बेहतर खरीफ संभावना और निरंतर आयात के कारण जुलाई, 2024 से तुअर, उड़द और चना जैसी प्रमुख दालों की आपूर्ति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसमें कहा गया है, ‘‘इस साल तुअर, उड़द, चना और पीली मटर के आयात के मजबूत प्रवाह के साथ दालों की समग्र उपलब्धता आरामदायक रही है।'' तुअर की फसल अच्छी बताई जा रही है और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में तुअर की फसल की शुरुआती कटाई शुरू हो गई है। नवंबर के पहले सप्ताह तक कैलेंडर वर्ष 2024 के लिए तुअर और उड़द का आयात क्रमशः 10 लाख टन और 6.40 लाख टन था, जो पिछले पूरे साल के आयात के आंकड़ों को पार कर गया है। सरकार ने कहा कि नवंबर से ऑस्ट्रेलिया से थोक माल में चना आयात की आवक की उम्मीद है।उसने कहा कि दालों के लिए स्रोत देशों के हालिया विविधीकरण ने बढ़ती प्रतिस्पर्धी दरों पर निरंतर प्रवाह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस बीच, चना, मसूर, उड़द और मूंग की रबी बुवाई की शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि लंबे समय तक बारिश के कारण कुछ राज्यों में शुरुआती देरी के बाद अब बुवाई के रकबे में सुधार हो रहा है। बयान में कहा गया है, ‘‘अच्छी कीमत प्राप्ति के कारण समग्र धारणा और बुवाई का माहौल उत्साहजनक है।''