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- नई दिल्ली। सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड-बीपीसीएल में हिस्सेदारी खरीदने के लिए आरंभिक बोली जमा कराने की समय सीमा डेढ़ महीने बढ़ा दी है। अब यह बोली 16 नवम्बर तक जमा कराई जा सकेंगी। मंत्रिमंडल ने पिछले वर्ष नवम्बर में बीपीसीएल में सरकार की बावन दशमलव नौ आठ प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की अनुमति दी थी। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने बताया कि इच्छुक बोलीदाताओं से प्राप्त हो रहे ज्यादा आवेदनों और कोविड महामारी से उत्पन्न मौजूदा स्थिति के मद्देनजर समय सीमा बढ़ाई गई है।
- नई दिल्ली। सरकार ने आकलन वर्ष 2019-2020 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि इस वर्ष 30 नवंबर तक बढ़ा दी है।31 मार्च 2019 को समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि इससे पहले बढ़ाकर 30 सितंबर की गई थी। आयकर विभाग ने एक वक्तव्य में कहा कि कोविड महामारी स्थिति के कारण करदाताओं के समक्ष कठिनाइयों को देखते हुए यह फैसला किया गया है।---
- नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कहा कि उसने 29 सितंबर तक पिछले छह महीने में 33 लाख करदाताओं को 1.18 लाख करोड़ रुपये रिफंड किये। इसमें व्यक्तिगत आयकर श्रेणी में 31.75 लाख करदाताओं को 32,230 करोड़ रुपये जारी किये गये। वहीं 1.78 लाख करदाताओं को 86,094 करोड़ रुपये कंपनी कर मद में जारी किये गये।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बहुधवार को ट्विटर पर लिखा है, सीबीडीटी ने एक अप्रैल, 2020 से 29 सितंबर, 2020 के दौरान 33.54 लाख करदाताओं को 1 लाख 18 हजार 324 करोड़ रुपये जारी किये। आयकर मामले में 31 लाख 75 हजार 358 करदाताओं को 32 हजार 230 करोड़ रुपये रिफंड किये गये। वहीं कंपनी कर श्रेणी में 1 लाख 78 हजार 540 करदाताओं को 86 हजार 94 करोड़ रुपये जारी किये गये। सरकार कोविड-19 संकट के दौरान करदताओं को सुगमता से कर संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है। इसी के तहत तेजी से लंबित कर राशि वापस की जा रही है।-
- नई दिल्ली। कमजोर हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों की कटान की जिससे वायदा बाजार में सोना बुधवार को 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50 हजार 380 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एमसीएक्स में अक्टूबर महीने में डिलिवरी वाले सोना अनुबंध की कीमत 301 रुपये यानी 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,380 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इसमें 70 लॉट के लिये कारोबार हुआ। सोना के दिसंबर महीने में डिलिवरी वाले सोना अनुबंध की कीमत 352 रुपये यानी 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50 हजार 300 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इसमें 15 हजार 194 लॉट के लिये कारोबार हुआ। न्यूयार्क में सोने का भाव 0.60 प्रतिशत घटकर 1,891.80 डॉलर प्रति औंस रह गया।इसी तरह कमजोर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को कम किया जिससे वायदा बाजार में चांदी की कीमत बुधवार को 1,486 रुपये की गिरावट ोके साथ 60 हजार 980 रुपये किलो रह गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में दिसंबर महीने की डिलिवरी के लिये चांदी 1,486 रुपये यानी 2.38 प्रतिशत की हानि के साथ 60 हजार 980 रुपये किलो रह गयी। इसमें 16,208 लॉट के लिये कारोबार हुआ। न्यूयार्क में चांदी की कीमत 2.03 प्रतिशत की हानि दर्शाती 23.95 डॉलर प्रति औंस बोली जा रही थी।----
- - देश की पहली निजी कंपनी जेएसपीएल, जिसे ये दर्जा मिला- यूआईसी-60 किलोग्राम, 880 ग्रेड प्राइम (क्लास-ए) रेल की फील्ड परफॉर्मेंस को मंजूरी- जेएसपीएल की 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल को आरडीएसओ पहले ही दे चुका है मंजूरी- 75 टन के वैगन का भार भी सह सकती है 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल, मेट्रो में भी इस्तेमालरायपुर। जाने-माने उद्योगपति नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। भारतीय रेलवे ने जेएसपीएल को अपनी चालू और भावी परियोजनाओं के लिए नियमित रेल सप्लायर का दर्जा प्रदान किया है। इसके साथ ही जेएसपीएल देश की पहली निजी कंपनी बन गई, जिसे भारतीय रेलवे की ओर से ये विशेष सम्मान प्राप्त हुआ है।जेएसपीएल, रायपुर कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रेलवे बोर्ड के अधीन कार्यरत अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने यूआईसी-60 किलोग्राम, 880 ग्रेड प्राइम (क्लास-ए) रेल की फील्ड परफॉर्मेंस को मंजूरी दी है। आरडीएसओ ने जेएसपीएल के रायगढ़ प्लांट में तैयार उपरोक्त रेल को उपयुक्त माना है। आरडीएसओ की मंजूरी जेएसपीएल रेल मिल की शानदार सफलता मानी जाएगी क्योंकि उसके मूल्यांकन की गुणवत्ता और सुरक्षा मानक बहुत सख्त हैं। दुनिया के कई रेल निर्माता आरडीएसओ द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानदंडों को पूरा नहीं कर पाते हैं।880 ग्रेड प्राइम (क्लास-ए) रेल के अलावा, जेएसपीएल देश में अनेक मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल की आपूर्ति कर रही है, जिनमें कोलकाता मेट्रो रेल परियोजना और पुणे मेट्रो शामिल हैं। आरडीएसओ ने 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल को मंजूरी पहले ही दे दी है। जेएसपीएल रेल पर काफी काम कर रही है। उसने भारी वजन ढोने वाली 75 टन वैगन इकाइयों को ले जाने के लिए विशेष रेल, एसिम्मेट्रिक रेल, आर-260 और 1175 एचटी ग्रेड भी विकसित किए हैं।जेएसपीएल फ्रांस को स्पेशल ग्रेड के रेल ब्लूम निर्यात करती है। आयातक कंपनी यूरोप की है और उसका नाम हायंज है। फ्रांस में अभूतपूर्व सफलता के बाद रायगढ़ में बनी जेएसपीएल की रेल को गुणवत्ता एवं सुरक्षा मानकों के लिहाज से पूरे यूरोप के लिए उपयुक्त माना गया है। जेएसपीएल ने बांग्लादेश, श्रीलंका और अफ्रीका के ग्राहकों को भी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों इरकॉन एवं एसटीसी के माध्यम से 2.5 लाख टन रेल का निर्यात किया है।---
- नई दिल्ली। कंपनियों ने कैंपस प्लेसमेंट के तहत इस साल नए उत्तीर्ण चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को 2,923 नौकरियों की पेशकश की। सनदी लेखाकारों (सीए) की शीर्ष इकाई आईसीएआई ने मंगलवार को कहा कि इसमें छात्रों को औसत 8.91 लाख रुपये सालाना वेतन की पेशकश की गयी।इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने कहा कि इस बार अगस्त-सितंबर 2019 की अवधि के मुकाबले 37 प्रतिशत अधिक नौकरियों की पेशकश की गयी। आईसीएआई साल में दो बार फरवरी-मार्च और अगस्त-सितंबर में कैंपस प्लेसमेंट आयोजित करता है। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल केवल एक कैंपस प्लेसमेंट सत्र का आयोजन किया गया। आईसीएआई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि समीक्षावधि मे इस साल 2,923 नौकरी की पेशकश की गयी। कैंपस प्लेसमेंट में कुल 133 कंपनियों ने भाग लिया। छात्रों को औसत 8.91 लाख रुपये वेतन की पेशकश की गयी। जबकि अगस्त-सितंबर 2019 में 2,135 नौकरियों की पेशकश की गयी थी। उस दौरान छात्रों को औसत 7.43 लाख रुपये सालाना की पेशकश की गयी।
- नई दिल्ली। आयकर विभाग ने स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) प्रावधान के लागू होने को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए। इसके तहत ई- वाणिज्य आपरेटर को एक अक्ट्रबर से माल एवं सेवाओं की बिक्री पर एक प्रतिशत की दर से कर लेना है। वित्त अधिनियम 2020 में आयकर कानून 1961 में एक नई धारा 194-ओ जोड़ी गई है। इसके तहत ई- कामर्स आपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि एक अक्ट्रबर 2020 से उसके डिजिटल अथवा इलेक्ट्रानिक सुविधा अथवा प्लेटफार्म के जरिये होने वाले माल अथवा सेवा अथवा दोनों के कुल मूल्य पर एक प्रतिशत की दर से आयकर लेना होगा।वित्त अधिनियम 2020 में आयकर कानून की धारा 206सी में एक उप-धारा (1 एच) भी जोड़ी गई है। इसके तहत यदि बिक्री का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक है अथवा पिछले साल के दौरान सकल बिक्री मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक था उसमें विक्रेता को खरीदार से 0.1 प्रतिशत की दर से कर वसूलना होगा। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि उसे इस सबंध में ज्ञापन प्राप्त हुये थे कि कुछ एक्सचेंजों और क्लियरिंग कार्पोरेशन के स्तर पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) के प्रावधानों को अमल में लाने में परेशानी हो रही थी। यह बताया गया कि कई बार इस तरह के सौदों में खरीदार और विक्रेता के बीच सीधे संपर्क नहीं होता है।सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि टीसीएस का नया प्रावधान जो लागू किया गया है वह मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों में होने वाले जिंस अथवा प्रतिभूतियों के सौदों पर लागू नहीं होगा। यह प्रावधान बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों और ऊर्जा बचत प्रमाणपत्रों के लेनदेन पर भी लागू नहीं होगा।
- नई दिल्ली। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनसे यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि इस राष्ट्रीय परिवाहक से देश के शिल्पकारों को मिले 39 करोड़ रूपये का आपूर्ति आर्डर रद्द न हो क्योंकि इससे अपूरणीय क्षति होगी। यह पत्र ऐसे समय में आया है जब भारतीय रेलवे ने वातानुकूलित डिब्बों में सफर कर रहे यात्रियों को कोरोना वायरस महमारी के मद्देनजर बेडशीट, तकिया का खोल या कोई अन्य लिनेन नहीं देने का निर्णय लिया है।केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने 15 सितंबर को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी के यादव को पत्र लिखकर कहा कि खादी इंडिया को लिनेन उपलब्ध कराने का रेलवे से 39.25 करोड़ रूपये का आर्डर मिला था तथा ये आर्डर विभिन्न खादी संस्थानों को दे दिये गये। सक्सेना ने लिखा कि ये उत्पाद पोलीवस्त्र बेडशीट, तकिया का खोल, तौलिया एवं अन्य उत्पाद हैं जिन पर संबंधित रेलवे जोन के नाम और लोगो एवं निर्माण की तारीख हैं तथा वे आपूर्ति के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, मेरे संज्ञान में आया है कि कुछ मामलों में तो सामानों की आपूर्ति की जा चुकी है लेकिन आर-नोट जारी नहीं किया गया। कुछ मामलों में चीजें आपूर्ति के लिए तैयार हैं लेकिन रेलवे ने आपूर्ति अवधि अगले वित्त वर्ष तक बढ़ा दी है। उन्होंने कहा , आश्चर्य है कि कुछ मामलों में सामान आपूर्ति के लिए तैयार है लेकिन रेलवे ने आर्डर रद्द कर दिया है जबकि ये खादी सामान खासकर रेलवे के लिए बनाये गये है और उन पर उनके निशान एवं विनिर्माण तारीख हैं। ऐसे में केवीआईसी क पास उन्हें किसी और को बेचने का विकल्प नहीं है। यदि 39.25 करोड़ रूपये का इतना बार्ड आर्डर रद्द कर दिया जाता है या उसका सम्मान नहीं किया जाता है तो खादी शिल्पकारों और संस्थानों को अपूरणीय क्षति होगी। सक्सेना ने कहा कि रेलवे को इस कार्य से जुड़े बुनकर एवं अनय शिल्पकारों के प्रयासों एवं संघर्षों पर गौर करना चाहिए। इस पत्र पर रेलवे के प्रवक्ता डी जे नारायण ने कहा, कोविड-19 वैश्विक महामारी ने हमसभी खासकर राष्ट्र की जीवन रेखा कही जाने वाली रेलवे के सामने अप्रत्याशित एवं अकल्पित चुनौतियां पेश की हैं। उन्होंने कहा, '' ट्रेनों में लिनेन का वितरण रोकना ट्रेन यात्रा के दौरान इस वायरस को फैलने से रोकने के साधनों में एक है। केवल जनहित में यह निर्णय लिया गया है। रेलवे केवीआईसी एवं शिल्पकारों का सम्मान करता है तथा केवीआईसी के साथ परस्पर संवाद से यथासंभव हल निकाला जाएगा।
- नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड प्रबंधकों को और जवाबदेह बनाने के इरादे से उनके लिये आचार संहिता जारी करने का फैसला किया। साथ ही सूचीबद्ध कंपनियों के खातों की फारेंसिंक जांच के मामले में खुलासा नियमों को कड़ा किया है।भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने डिबेंचर ट्रस्टी की भूमिका को भी मजबूत किया और भेदिया कारोबार नियमों को संशोधित किया। नियामक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि सेबी निदेशक मंडल ने सीमित उद्देश्य वाले रेपो क्लीयरिंग कॉरपोरेशन के गठन को भी मंजूरी दी। इस पहल का मकसद कॉरपोरेट बांड में रेपो कारोबार को मजबूत बनाना है। निदेशक मंडल ने संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) के मुख्य निवेश अधिकारी और डीलर समेत कोष प्रबंधकों के लिये आचार संहिता पेश करने को लेकर म्यूचुअल फंड नियमन में संशोधन को मंजूरी दी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की यह जिम्मेदारी होगी कि वह यह सुनिश्चित करे कि इन सभी अधिकारियों द्वारा आचार संहिता का पालन किया जाये। वर्तमान में म्यूचुअल फंड नियमों के तहत एएमसी और ट्रस्टियों को आचार संहिता का पालन करना होता है। इसके साथ ही सीईओ को कई तरह की जिम्मेदारियां दी गईं हैं। बयान के अनुसार सेबी ने संपत्ति प्रबंधन कंपनियों को स्वयं क्लियरिंग सदस्य बनने की भी अनुमति दी है। इसके तहत वे म्यूचुअल फंड योजनाओं की तरफ से मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के बांड खंड में कारोबार का निपटान कर सकेंगे। इसके अलावा नियामक ने सूचना उपलब्धता में अंतर को पाटने के लिये कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों को उनके खातों की फारेंसिंक जांच शुरू होने के बारे में जानकारी देनी होगी। सूचीबद्ध कंपनियों को उनके खातों में फारेंसिक आडिट जांच शुरू होने के बारे में जानकारी के साथ ही आडिट करने वाली कंपनी का नाम और फारेंसिक आडिट होने की वजह भी शेयर बाजारों को बतानी होगी। इसके साथ ही कंपनियों को नियामकीय अथवा प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा फारेंसिंक आडिट शुरू किये जाने और प्रबंधन की टिप्पणी के साथ सूचीबद्ध कंपनी द्वारा अंतिम फारेंसिंक आडिट रिपोर्ट प्राप्त होने की पूरी जानकारी भी शेयर बाजारों को उपलब्ध करानी होगी।बयान के अनुसार नियामक ने सूचना देने की व्यवस्था के तहत जानकारी देने वाले को भेदिया कारोबार नियमों में किसी प्रकार का उल्लंघन होने पर सूचना देने के लिये तीन साल का समय दिया। सेबी ने डिबेंचर ट्रस्टी की भूमिका को भी मजबूत बनाया है। इसके तहत वे संबंधित संपत्ति की जांच-पड़ताल स्वतंत्र रूप से कर सकेंगे। साथ ही वे सुरक्षा व्यवस्था को लागू करने को लेकर डिबेंचर धारकों की बैठक बुला सकेंगे। इसके अलावा सेबी ने उस सूचीबद्ध अनुषंगी इकाई की सूचीबद्धता समाप्त करने को लेकर रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया से छूट देने का निर्णय किया है जब वह सूचीबद्ध मूल कंपनी की पूर्ण अनुषंगी इकई बन जाती है। इसके लिये जरूरी है कि सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी और सूचीबद्ध अनुषंगी एक ही तरह के कारोबार में हों। निदेशक मंडल ने वैकल्पिक निवेश कोष से संबंधित नियमों में संशोधन को भी मंजूरी दी है।
- नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन और श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने नीति आयोग के सदस्य वी. के. पॉल की उपस्थिति में कोविड-19-उद्योगों के लिए सुरक्षित कार्य स्थल दिशा-निर्देश के बारे में वर्चुअल रूप से एक पुस्तिका जारी की।इस अवसर पर डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि ये दिशा-निर्देश सराहनीय हैं और समय से जारी किये गये हैं तथा इससे औद्योगिक कामगारों की देखभाल में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ये निर्देश कामगारों और श्रमिकों के लिए व्यापक योजनागत निर्देश के रूप में काम करेंगे और इससे कार्य स्थल पर कोविड के जोखिम स्तर का पता लगाने में मदद मिलेगी और वे अपने परिसर में कोविड नियंत्रण के उपाय कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इन दिशा-निर्देशों में सभी महत्वपूर्ण उपायों के बारे में बताया गया है। इनमें सांस लेने संबंधी स्वच्छता, बार बार हाथ धोने, सुरक्षित दूरी बनाये रखने और कार्य स्थल को कई बार सेनिटाइज करने जैसे उपाय शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार कामगारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि औद्योगिक परिसरों में इन निर्देशों का कडाई से पालन किया जाए। डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि वैज्ञानिक तरीकों से रोकथाम, एहतियाती उपाय और सकारात्मक दृष्टिकोण से कोविड के खिलाफ लडऩे में मदद मिलेगी। उन्होंने ईएसआईसी अस्पतालों की सराहना की जो कोविड मरीजों को सेवाएं देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।----
- नई दिल्ली। मजबूत हाजिर मांग के कारण सटोरियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा बाजार में सोना मंगलवार को 187 रुपये की तेजी के साथ 50 हजार 320 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एमसीएक्स में अक्टूबर महीने में डिलिवरी वाले सोना अनुबंध की कीमत 187 रुपये यानी 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 50 हजार 320 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। इसमें 336 लॉट के लिये कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों की ताजा लिवाली से सोना वायदा कीमतों में तेजी आई। न्यूयार्क में सोने का भाव 0.20 प्रतिशत बढ़कर 1,886 डॉलर प्रति औंस हो गया।मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा बाजार में चांदी की कीमत मंगलवार को 330 रुपये की तेजी के साथ 60 हजार 726 रुपये किलो रह गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में दिसंबर महीने की डिलिवरी के लिये चांदी 330 रुपये यानी 0.55 प्रतिशत की तेजी के साथ 60 हजार 726 रुपये किलो हो गयी। इसमें 16,371 लॉट के लिये कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि घरेलू बाजार में तेजी के रुख के कारण कारोबारियों की ताजा लिवाली से मुख्यत: चांदी वायदा कीमतों में तेजी आई। न्यूयार्क में चांदी की कीमत 0.62 प्रतिशत की तेजी के साथ 23.75 डॉलर प्रति औंस बोली जा रही थी।6800 रुपये तक सस्ता हुआ सोना!पिछले महीने 7 अगस्त को सोने ने वायदा बाजार में अपना उच्चतम स्तर यानी ऑल टाइम हाई छुआ था और प्रति 10 ग्राम की कीमत 56 हजार 200 रुपये हो गई थी। वहीं पिछले हफ्ते शुक्रवार तक सोने ने 49 हजार 380 रुपये प्रति 10 ग्राम का न्यूनतम स्तर भी छू लिया। यानी तब से लेकर अब तक एक ऐसा भी वक्त आया जब सोने की कीमतों में करीब 6,820 रुपये की गिरावट आ गई।
- नई दिल्ली। स्मार्टफोन ब्रैंड सैमसंग की ओर से एक के बाद एक दमदार स्मार्टफोन्स लॉन्च किए जा रहे हैं और कंपनी एफ सीरिज का नया फोन गैलेक्सी एफ 41 लांच करने जा रही है। अपना नया फोन पेश करने के लिए कंपनी ने देश के घरेलू ई- कॉमर्स प्लेटफार्म फ्लिपकार्ट के साथ साझेदारी की है।इस प्रॉडक्ट के लिए कंपनी ने सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया है। खबर है कि लांच होने के कुछ ही मिनटों में यह कैंपन टॉप पर पहुंच गया है।फुलऑन गैलेक्सी एफ सीरिज का पहला मॉडल गैलेक्सी एफ 41 सैम्संग की बेहतरीन और इनेवेटिव टेक्नॉलॉजी पर बना है और फ्लिपकार्ट की कंज्यूमर्स को लेकर गहरी समझ के जरिए इसकी मार्केटिंग हो रही है।क्या है फोन की खासियतइसकी बैटरी 6000 mAh क्षमता की है, जो इसे फुलऑन पॉवर देता है। इसकी बैटरी लंबी चलती है और बेहतरीन काम करती है। इस फोन का एक और फीचर FullOnLit है, जो आपको FullOnFlex बनाएगा। फेस्टिवल सीजन और फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन सेल कुछ ही दिन दूर है, और भले ही आपकी पसंद मूवीज, गेम्स, म्यूजिक या एंटरटेनमेंट कुछ भी हो, निश्चित रूप से यह साझेदारी फुल ऑन फेस्टिवल एक्सपीरियंस देगी। फोन की कीमत के बारे में अभी खुलासा नहीं किया गया है।क्या आप इस फोन लेकर उत्साहित हैं? तो आपको 8 अक्टूबर शाम 5.30 बजे तक इंतजार रखना होगा, जब गैलेक्सी एफ 41 स्मार्टफोन फुल ऑन फेस्टिवल में ग्लोबल डेब्यू होगा। इसकी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग होगी।कुछ रिपोट्र्स के मुताबिक, फोन में 6.5-इंच एस एमोलेड इनफिनिटी यू डिस्प्ले मिलेगा। इसमें सैमसंग का एक्सोनोस 9 ऑक्टा 9611 प्रोसेसर, 4 जीबी रैम और 64 जीबी का स्टोरेज मिलेगा। वहीं, फोन में 64+8+5+5 मेगापिक्सल का क्वाड-रियर कैमरा मिलेगा। भारत में इसकी कीमत 15 हजार 999 रुपए हो सकती है।-----
- मुंबई। घरेलू और वैश्विक शेयर बाजारों से किसी ठोस संकेत के अभाव में प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी मंगलवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। शुरुआती कारोबार में 254 अंक से अधिक बढ़ने के बाद 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स में गिरावट देखने को मिली और यह 8.41 अंक या 0.02 प्रतिशत गिरकर 37,973.22 पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 5.15 अंक या 0.05 प्रतिशत गिरकर 11,222.40 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में सबसे अधिक तीन प्रतिशत की गिरावट ओएनजीसी में देखने को मिली। इसके अलावा इंडसइंड बैंक, पावरग्रिड, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, एनटीपीसी और आईटीसी भी गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल रहे। दूसरी ओर अल्ट्राटेक सीमेंट, टीसीएस, टाटा स्टील, टाइटन और एचडीएफसी में बढ़त हुई। कारोबारियों के मुताबिक घरेलू और वैश्विक बाजारों से स्पष्ट संकेतों की कमी के चलते सपाट कारोबार हुआ। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की द्विमासिक नीति समीक्षा बैठक स्थगित होने के बाद घरेलू निवेशक सतर्क हो गए। इसके अलावा दुनिया भर के बाजारों में कारोबारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन के बीच होने वाली पहली राष्ट्रपति पद की बहस का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान शंघाई, टोक्यो और सियोल में बाजार बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि हांगकांग में गिरावट हुई। यूरोप में शेयर बाजार शुरुआती सौदों के दौरान गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42.68 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।
- - जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिंदल ने अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने सरकार को दिए महत्वपूर्ण सुझाव- उद्योग-कारोबार को सीधे एक्सचेंज से बिजली खरीद की सुविधा मिले- क्रॉस सब्सिडी से उद्योग-धंधों को राहत दिलाना आवश्यक- नई शुल्क नीति में क्रॉस सब्सिडी की सीमा 20 फीसदी तय करने का सुझाव, कई राज्य दे रहे हैं 50 फीसदी से अधिक सब्सिडी- स्पॉट एक्सचेंज में बिजली उत्पादकों को एक ही दिन में मिलती हैं अलग-अलग दरें लेकिन उपभोक्ता रियल टाइम लाभ से वंचितरायपुर। कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद और जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) के चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल ने कोविड 19 महामारी के चंगुल से निकलने और अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के प्रयासों में जुटी सरकार को दो महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग-व्यवसाय के लिए सामान्य शर्तों के तहत न्यूनतम क्रॉस सब्सिडी के साथ सीधे एक्सचेंज से बिजली खरीद की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए और उपभोक्ताओं को भी रियल टाइम बिजली दरों का लाभ मिलना चाहिए।श्री जिन्दल ने ये सुझाव अपने ब्लॉग https://medium.com/@naveen.jindal/unlock-the-power-sector-to-make-bharat-aatmanirbhar-e915752f69c5 में दिये हैं। श्री जिन्दल ने लिखा है कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस के साथ जीना सीख रही है क्योंकि अभी तक इसका कोई टीका नहीं बना है। सभी देश अपनी आर्थिक स्थिति संभालने में जुट गए हैं। भारत ने भी आत्मनिर्भर बनने और देश को अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांगों के अनुरूप विशाल निर्माण-हब में बदलने का सपना देखा है। ये सपना साकार हो सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ बुनियादी उपाय किए जाने की जरूरत है, खासकर बिजली क्षेत्र में क्योंकि वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। बिजली की दरें कम होंगी तो औद्योगिक उत्पादों की लागत कम होगी और तभी वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।ब्लॉग के अनुसार बिजली उत्पादक कंपनियों को औसतन प्रति यूनिट 2.50 रुपये मिलते हैं जबकि बिजली वितरण कंपनियां यही बिजली उद्योगों और व्यवसायियों को 6 से 9 रुपये प्रति यूनिट बेचती हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाती है और उसका भार कई गुना अधिक शुल्क के रूप में औद्योगिक-वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर डाल दिया जाता है। इसे क्रॉस सब्सिडी कहते हैं जो बाजार में नकारात्मक असर डालता है क्योंकि भारी बिजली शुल्क से लागत बढऩे के कारण उद्योग लाचार हो जाते हैं और उनकी उत्पादकता पर गंभीर असर पड़ता है। कुटीर, लघु और मध्यम उद्योग तो 4-4.50 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदने की भी स्थिति में नहीं हैं। परिणाम यह होगा कि ये उद्योग भारी बिजली लागत के कारण बंद हो जाएंगे जिसका असर सीधे पावर प्लांट पर पड़ेगा जो मांग घटने के कारण मंदी और बंदी की चपेट में चले जाएंगे और परिणामस्वरूप पूरी अर्थव्यवस्था का कचूमर निकल जाएगा।श्री जिन्दल ने लिखा है कि उद्योगों-व्यवसायों को सीधे एक्सचेंज से बिजली खरीदने की सुविधा देकर राहत पहुंचाई जा सकती है। एक सामान्य शर्त के तहत उनपर प्रति यूनिट 25 पैसे क्रॉस सब्सिडी का भार लादा जा सकता है। इसके बावजूद उन्हें औसतन 2.50 रुपये प्रति यूनिट बिजली पड़ेगी, जिससे वे न सिर्फ प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे बल्कि पूरे देश की आर्थिक तस्वीर भी बदल सकेंगे। हालांकि सरकार भी क्रॉस सब्सिडी कम करने के मुद्दे पर गंभीर है। सैद्धांतिक रूप से क्रॉस सब्सिडी हटाने पर सभी सहमत हैं। राष्ट्रीय शुल्क नीति-2016 में यह सीमा 20 फीसदी रखने की सिफारिश की गई है लेकिन कई राज्यों में 50 फीसदी से अधिक सब्सिडी है। नीति आयोग भी 20 फीसदी सीमा के पक्ष में है। नए विद्युत विधेयक के मसौदे में भी सिफारिश की गई है सब्सिडी हटाकर लागत आधार पर बिजली शुल्क तय किया जाए। नई शुल्क नीति पर मंत्री समूह ने भी सिफारिश की है कि क्रॉस सब्सिडी घटाई जाए। इससे उद्योगों के लिए प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा होगा और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो सकेगा।श्री जिन्दल ने दूसरा सुझाव यह दिया है कि सभी उपभोक्ताओं को रियल टाइम दरों का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बिजली उत्पादक कंपनी को स्पॉट एक्सचेंज में दिन भर में कई दरें मिलती हैं लेकिन उपभोक्ताओं को फिक्स दर पर भुगतान करना पड़ता है इससे वे शुल्क में गिरावट का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। साथ ही साथ इससे मांग-आपूर्ति संतुलन भी प्रभावित होता है। सुखद यह है कि कुछ राज्यों ने टाइम ऑफ डे मीटरिंग के तहत औद्योगिक-व्यावसायिक उपभोक्ताओं को यह सुविधा देनी शुरू की है और कुछ राज्य इस पर प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह का जोर रियल टाइम दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने पर है इसलिए स्मार्ट प्री-पेड मीटर को इससे जोड़ा गया है। स्वीडन, स्पेन, ग्रेट ब्रिटेन, डेनमार्क और नॉर्वे में रियल टाइम शुल्क व्यवस्था लागू है जिसका लाभ वहां के सभी वर्गों को मिल रहा है।ब्लॉग में कहा गया है कि ये दोनों उपाय अपनाए गए तो न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र की समस्याएं खत्म होंगी बल्कि प्रति व्यक्ति बिजली खपत बढ़कर 3 किलोवाट से 5 किलोवाट हो जाएगी जो देश की आम जनता की जीवन शैली में बड़े बदलाव लाने और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का पुख्ता आधार प्रदान करेंगे।
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नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि उसने कोयले से मेथेनॉल बनाने के संयंत्र लगाने को लेकर वैश्विक बोलियां आमंत्रित की है। प्रस्तावित संयंत्र के लिये पश्चिम बंगाल में दानकुनी कोल काम्प्लेक्स (डीसीसी) को परियोजना स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है। फिलहाल डीसीसी का जिम्मा कोल इंडिया की अनुषंगी साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. के पास है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने एक बयान में कहा, कोल इंडिया लि. ने पिछले शुक्रवार को खुली वैश्विक निविदा जारी की। इसके जरिये कोयले से मेथेनॉल बनाने (सीटूएम) का संयंत्र सतही कोयला गैसीकरण के जरिये लगाने को लेकर बोलियां आमंत्रित की गयी हैं। यह कारखाना बनाओ-अपनाओ-चलाओ (बीओओ) मॉडल पर आधारित होगा। कोल इंडिया ने बीओओ परिचालक के चयन को लेकर व्यवहार्यता पूर्व अध्ययन के आधार पर यह निविदा जारी की है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह सरकार के मेथेनॉल आधारित अर्थव्यवस्था कार्यकम के क्रियान्वयन का हिस्सा है। इसका मकसद देश के आयात बिल में कमी लाना है। संयंत्र के लिये पूंजी व्यय करीब 6,000 करोड़ रुपये आकलित किया गया है। बीओओ परिचालक संयंत्र का डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, उत्पादन और भंडारण के अलावा उसे पट्टे पर भी दे सकेंगे। कोल इंडिया प्रस्तावित संयंत्र के लिये परिचालक को जमीन, बिजली और पानी उपलब्ध कराएगी। योजना के अनुसार संयंत्र से सालाना 6.76 लाख टन मेथेनॉल उत्पादन का लक्ष्य है। इसका उपयोग पेट्रोल में 15 प्रतिशत तक मिश्रण में किया जाएगा। संयंत्र इस क्षमता के आधार पर चार पूर्वी राज्यों पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, झारखंड और बिहार की जरूरतों को पूरा करेगा। बोली जमा करने की अंतिम तिथि 17 दिसंबर है। सफल बोलीदाता को संयंत्र को चालू करने के लिये 41 महीने का समय दिया जाएगा।
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नई दिल्ली। नीति आयोग सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिये ग्रेट निकोबार द्वीप के समग्र विकास के लिये योजना तैयार करने को लेकर परामर्शदाताओं की नियुक्ति करेगा। आयोग ने नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। नीति आयोग ने अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) में कहा है कि तकनीकी परामर्शदाता नियम एवं शर्तों के तहत मास्टर प्लान, प्रारंभिक इंजीनियरिंग डिजाइन रिपोर्ट, वित्तीय व्यवहार्यता और परियोजना पुनर्गठन रिपोर्ट तैयार करेंगे। आवेदन देने की अंतिम तिथि छह अक्टूबर है। ग्रेट निकोबार करीब 1,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और यह द्वीपसमूह के बड़े द्वीपों में से एक है। नीति आयोग की वेबसाइट पर डाले गये आरएफपी के अनुसार संबंधित केंद्र शासित प्रशासन और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों से विचार-विमर्श के बाद ग्रेट निकोबार द्वीप के समग्र विकास का निर्णय किया गया है। दस्तावेज के अनुसार, देश में करीब 1,382 चिन्हित द्वीप हैं। ये प्रचूर जैव-विविधता के साथ हमारे समृद्ध संसाधनों का आभिन्न हिस्सा है जिन्हें अभी पूरी तरह खोजा जाना बाकी है। इसमें कहा गया है, इन द्वीपों की संभावना का अभी तक पूरी तरह से उपयोग होना बाकी है। भारत सरकार का मकसद प्राकृतिक परिवेश और समृद्ध जैवविविधता का संरक्षण करते हुए कुछ चिन्हित द्वीपसमूह के समग्र विकास के लिये एक मॉडल निर्धारित करना है।
- नई दिल्ली। हाजिर मांग कमजोर पडऩे के कारण कारोबारियों ने अपने जमा सौदे को कम किया जिससे वायदा बाजार में सोना सोमवार को 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49 हजार 520 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एमसीएक्स में अक्टूबर महीने में डिलिवरी वाले सोना अनुबंध की कीमत 98 रुपये यानी 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49 हजार 520 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इसमें 2,370 लॉट के लिये कारोबार हुआ। सोना के दिसंबर माह में डिलिवरी वाले अनुबंध की कीमत 131 रुपये यानी 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49 हजार 519 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इसमें 14 हजार 348 लॉट के लिये कारोबार हुआ। न्यूयार्क में सोने का भाव 0.38 प्रतिशत गिरकर 1,859.30 डॉलर प्रति औंस रह गया।वहीं कमजोर मांग के बीच कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को घटाया जिससे वायदा बाजार में चांदी की कीमत सोमवार को 789 रुपये टूटकर 58 हजार 238 रुपये किलो रह गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में दिसंबर महीने की डिलिवरी के लिये चांदी 789 रुपये यानी 1.34 प्रतिशत टूटकर 58 हजार 238 रुपये किलो रह गयी। इसमें 15 हजार 826 लॉट के लिये कारोबार हुआ। न्यूयार्क में चांदी की कीमत 1.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22.72 डॉलर प्रति औंस बोली जा रही थी।
- - कृषि अवशेषों को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने में मदद करेगी को-फायरिंगनई दिल्ली। केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम और देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम-एनटीपीसी लिमिटेड ने अपने संयंत्रों में को-फायरिंग के लिए जैव ईंधन पैलेट्स (पराली) की खरीद के लिए घरेलू प्रतिस्पर्धी निविदा (डीसीबी) पर बोलियां आमंत्रित की हैं।फसल के अवशेषों को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है।एनटीपीसी ने वर्तमान वर्ष में अपने 17 विद्युत संयंत्रों में 50 लाख टन पराली की खपत होने का अनुमान लगाया है। इनमें एनटीपीसी कोरबा (छत्तीसगढ़), एनटीपीसी फरक्का (पश्चिम बंगाल), एनटीपीसी दादरी (उत्तर प्रदेश), एनटीपीसी कुडग़ी (कर्नाटक), एनटीपीसी सीपत (छत्तीसगढ़) और एनटीपीसी रिहंद (उत्तर प्रदेश) संयंत्र भी शामिल हैं।एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उसने पहली बार वर्ष 2017 में प्रायोगिक तौर पर इस अनूठी पहल के तहत एनटीपीसी दादरी उत्तर प्रदेश संयंत्र में कोयले के स्थान पर बायोमास पैलेट्स का इस्तेमाल को-फायरिंग के लिए किया था। इस योजना के सफल कार्यान्वयन के बाद एनटीपीसी ने अपने 17 अत्याधुनिक संयंत्रों में इसी प्रक्रिया को दोहराने की योजना बनाई है। इसी क्रम में निविदा का निमंत्रण एसआरएम पोर्टल पर ई-टेंडरिंग के माध्यम से दिया जाएगा। बोली प्रक्रिया एकल चरण में दो लिफाफा बोली प्रणाली द्वारा पूरी की जाएगी।एनटीपीसी का विश्वास है कि को-फायरिंग से प्रसंस्करण में बड़े पैमाने पर ग्रामीण रोजगार के अवसरों के साथ-साथ जैव ईंधन के लिए आपूर्ति श्रृंखला बनाने में भी मदद मिलेगी। एनटीपीसी पंजाब और हरियाणा के आपूर्तिकर्ताओं से निविदाओं को वरीयता देंगे। बोली लगाने वालों को अपनी निविदा प्रस्तुत करने से पहले एनटीपीसी को बोली दस्तावेजों के प्रासंगिक प्रावधानों के बारे में सूचित करना होगा। एनटीपीसी ने 2017 में उत्तर प्रदेश के दादरी संयंत्र में 100 टन कृषि अवशेषों को जलाया था। कोयले के साथ फसल अवशेष की 2.5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक की क्रमिक वृद्धि के साथ, चार चरणों में टेस्ट-फायरिंग की गई थी। अब तक, कंपनी ने 7 हजार टन से अधिक कृषि अवशेषों को जलाया है।अनुमान के अनुसार, फसल अवशेषों का लगभग 145 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमपीटीए) अप्रयुक्त रहता है और इसका अधिकांश हिस्सा भारत के खुले खेतों में जलाया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है और यह स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को जन्म देता है। कटाई के बाद के मौसम में उत्तर भारत में पीएम 2.5 की वृद्धि में कृषि अवशेषों को जलाना एक प्रमुख कारण माना जाता है। बिटुमिनस कोयले की तुलना में इसके सकल ऊष्मीय मूल्य के साथ, कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में को-फायरिंग के माध्यम से पूरे 145 एमएमटीपीए जैव ईंधन की बिजली उत्पादन क्षमता 28 हजार से 30 हजार मेगावॉट के बराबर है जो कि 1 लाख 25 हजार-1 लाख 50 हजार मेगावॉट की सौर क्षमता से उतने ही विद्युत ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है। 62.9 गीगावॉट की कुल स्थापित क्षमता के साथ एनटीपीसी समूह में 70 बिजली स्टेशन हैं, जिनमें 24 कोयला आधारित, 7 संयुक्त गैस और तरल ईंधन आधारित, 1 हाइड्रो स्टेशन और 13 नवीकरणीय सयंत्रों के साथ 25 सहायक तथा संयुक्त उद्यम वाले पावर स्टेशन शामिल हैं। समूह में 20 से अधिक गीगावॉट क्षमता निर्माणाधीन है, जिसमें 5 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा भी शामिल है।----
- नई दिल्ली। सरकार ने चीनी मिलों को इस साल के लिए आवंटित चीनी कोटे का अनिवार्य निर्यात करने के लिए समयसीमा तीन महीने बढ़ाकर दिसंबर तक कर दी है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकार ने सितंबर को समाप्त होने वाले 2019-20 के विपणन वर्ष के लिए अतिरिक्त चीनी के निपटान में मदद के लिए कोटा के तहत 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने मीडिया को बताया, 60 लाख टन में से 57 लाख टन चीनी का अनुबंध हो गया है और मिलों से लगभग 56 लाख टन चीनी निकल चुकी है। उन्होंने बताया कि इस समय कोविड-19 महामारी के दौरान आवाजाही में कठिनाई के चलते कुछ मिलें अपना स्टॉक भेज नहीं सकीं। सिंह ने कहा, महामारी के दौरान कई मिलों को लॉजिस्टिक संबंधी मुद्दों का सामना करना पड़ा। इसलिए, हमने उन्हें अपना कोटा निर्यात करने के लिए दिसंबर तक कुछ और समय देने का फैसला किया है। चीनी मिलों ने ईरान, इंडोनेशिया, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों को चीनी का निर्यात किया है। आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि इंडोनेशिया में चीनी के निर्यात को लेकर गुणवत्ता संबंधी कुछ मुद्दे थे, जिसका अब समाधान हो गया है और जिससे भारत के निर्यात को बढ़ावा मिला है। सरकार विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान 60 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए 6,268 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है, ताकि अतिरिक्त घरेलू स्टॉक को खत्म किया जा सके और किसानों को गन्ने का भारी बकाया चुकाने में मिलों को मदद मिल सके।
- नयी दिल्ली। व्यापारियों के संगठन कैट ने रविवार को कहा कि भारत में बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के कथित गलत व्यवहार पर रोक लगाने के लिए ई-कॉमर्स नीति को जल्द लागू करना चाहिए। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दावा किया कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने देश के ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है। कैट ने एक बयान में कहा कि घरेलू कारोबार में ई-कॉमर्स की बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी के मद्देनजर एक मजबूत और अच्छी तरह से परिभाषित नीति सभी के लिए जरूरी है, ताकि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के हाथों छोटे व्यवसायों को नुकसान न हो। सरकार ने पिछले साल राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति का मसौदा जारी किया था।
- नयी दिल्ली। गिफ्ट सिटी के प्रबंध निदेशक तपन राय ने कहा कि अधिक संख्या में वित्तीय सेवा उत्पादों और खुदरा निवेशकों की भागीदारी से गिफ्ट आईएफएससी को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए आकर्षक बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अधिक उत्पादों की पेशकश और खुदरा निवेशकों की भागीदारी से गिफ्ट सिटी में देश के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में मात्रा और नकदी बढ़ेगी। इस समय कारोबार के लिए सिर्फ डेरिवेटिव उत्पाद उपलब्ध हैं और खुदरा निवेशकों को भाग लेने की अनुमति नहीं है। बाजार नियामक सेबी ने हाल ही में आईएफएससी में निवेश सलाहकार सेवाओं की अनुमति दी थी और रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (आईईआईटी) और ढांचागत निवेश ट्रस्ट को आईएफएससी में परिचालित शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने की इजाजत दी थी।रे ने बताया, हमें अधिक उत्पादों, प्रतिभागियों और मुकाबले के लिए बराबरी के मौके की जरूरत है, जो अन्य वैश्विक आईएफएससी के समान हो, ताकि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यहां आकर्षित हों। उन्होंने कहा कि खुदरा क्षेत्र की भागीदारी से भागीदारों की संख्या और मात्रा में इजाफा होगा, जिससे यहां काम कर रहे बैंकों, बीमा और अन्य संस्थाओं की लागत में कमी आएगी। इसके साथ ही रे ने कहा कि गिफ्ट सिटी ने मौजूदा 10,000 रोजगार के स्तर को अगले तीन साल में 30,000 तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। आईएफएससी घरेलू अर्थव्यवस्था के अधिकार क्षेत्र से बाहर के ग्राहकों को सेवाएं देता है। गिफ्ट-आईएफएससी की शुरुआत अप्रैल 2015 में हुई थी और यहां 14 बैंक, 19 बीमा फर्म और लगभग 100 पूंजी बाजार की संस्थाएं हैं। इसके अलावा यहां दो अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार संचालित हैं, जो दिन में 22 घंटे चलते हैं।
- नयी दिल्ली। प्रमुख नकदी प्रबंधन सेवा प्रदाता कंपनी सीएमएस अगले दो महीनों में एक हजार कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना बना रही है। कंपनी अपने साझेदार बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा सूक्ष्म वित्त संस्थानों के लिये नकदी वसूली के काम में भी उतरने की तैयारी में है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। सीएमएस इंफो सिस्टम्स (सीएमएस) ने महिंद्रा फाइनेंस, एलएंडटी फाइनेंस और हीरो फिनकॉर्प समेत कई कंपनियों के साथ नकदी व चेक संग्रह करने का करार किया है। सीएमएस की नकदी कारोबार इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रमुख अनुष राघवन ने कहा कि देश में 115,000 एटीएम और रिटेल आउटलेट्स के नेटवर्क के साथ कंपनी 98.3 प्रतिशत जिलों में उपस्थिति रखती है। यह कंपनी को अर्थव्यवस्था में अहम स्थिति प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘‘सीएमएस ने एनबीएफसी की सेवाओं को आगे बढ़ाया है। हम अब वरिष्ठ नागरिकों के लिये घर के दरवाजे पर बैंकिंग सेवा के अलावा यात्रा, शिक्षा, बीमा उद्योग के लिये चेक संग्रह, तथा अन्य उद्योगों के लिये नकदी संग्रह पर भी गौर कर रहे हैं। इसके लिये हम अगले दो महीने में एक हजार लोगों को नियुक्त करने पर विचार कर रहे हैं। हम चालू वित्त वर्ष में और विस्तार करेंगे तथा अतिरिक्त नियुक्तियां करेंगे।
- नयी दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रमुख आर एस शर्मा ने कहा है कि विभिन्न मंचों, ऐप स्टोर, ऑपरेटिंग प्रणाली और उपकरणों पर भी निरपेक्षता का सिद्धान्त लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूरसंचार नेटवर्कों पर निरपेक्षता का सिद्धान्त लागू होता है, ऐसे में अन्य के लिए भी निरपेक्षता जरूरी है। ट्राई के चेयरमैन शर्मा का कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा हो रहा है। शर्मा ने कहा कि डिजिटल दौर में प्लेटफॉर्म या मंचों, ऐप स्टोर, ऑपरेटिंग प्रणाली और उपकरणों की निरपेक्षता एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसकी समीक्षा किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह एक ‘नया मोर्चा' है जिसपर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उपकरण, ऑपरेटिंग प्रणाली या डिजिटल मंच किसी तरह का मनमाना नियंत्रण नहीं कर पाएं, इसके लिए निरपेक्षता महत्वपूर्ण है। शर्मा ने कहा, ‘‘इन क्षेत्रों पर कौन गौर करेगा। मैं यह नहीं कह रहा ट्राई को यह करना चाहिए या किसी और को। मैं यह कहना चाहता हूं कि उपकरणों, ऑपरेटिंग प्रणाली और डिजिटल मंचों की निरपेक्षता जरूरी है जिसकी समीक्षा की जानी चाहिए और इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए।'' शर्मा ने कहा कि ऐसे समय जबकि इंटरनेट व्यापक हो गया है, स्मार्टफोन और उपकरण...सॉफ्टवेयर, ऑपरेटिंग प्रणाली और ऐप स्टोर तक पहुंचने का माध्यम बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि मंच, ऑपरेटिंग प्रणाली और उपकरण यदि निरपेक्ष नहीं होंगे, तो उनका नियंत्रण मनमाना हो जाएगा। दूरसंचार सेवा प्रदाता नेट निरपेक्षता के सिद्धान्त की वजह से इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते।
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नई दिल्ली। जानीमानी अर्थशास्त्री और भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित इशर जज अहलूवालिया का शनिवार को निधन हो गया। वह 74 वर्ष की थीं। उनके पति मोंटेक सिंह अहलूवालिया योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष हैं। अहलूवालिया के साथ काम करने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि शनिवार को उनका निधन हो गया। उन्होंने खराब स्वास्थ्य के कारण पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर भारतीय अनुसंधान परिषद (इक्रियर) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके दो बेटे हैं। इक्रियर ने निदेशक और मुख्य कार्यकारी रजत कथूरिया ने कहा, मैं बिना संदेह के कह सकता हूं कि इक्रियर उनके डीएनए में था। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (एमआईटी) से पीएचडी, दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से एमए और कोलकाता के प्रेजिडेंसी कॉलेज से बीए (इकनॉमिक्स ऑनर्स) किया था। उनका शोध भारत में शहरी विकास, वृहद-आर्थिक सुधार, औद्योगिक विकास और सामाजिक क्षेत्र के विकास के मुद्दों पर केंद्रित था। उनके निधन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ट्वीट किया, इशर अहलूवालिया, जिनका अभी-अभी निधन हुआ है, वह भारत के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों में से एक थीं, उन्होंने एमआईटी से पीएचडी की थी और वह एक प्रभावशाली पुस्तक ‘इंडस्ट्रियल ग्रोथ इन इंडिया' की लेखक थीं। उन्होंने इक्रियर को खड़ा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जो एक बेहतरीन आर्थिक शोध संस्थान है।
- नयी दिल्ली । केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के असम परिसर का उद्घाटन किया और कहा कि इस संस्थान की स्थापना से पूर्वोत्तर में कृषि शिक्षा और अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि शुक्रवार को मंत्री ने असम के गोगामुख में नए आईएआरआई के परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मई 2017 में असम में 155 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) की स्थापना किये जाने को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में कृषि-शिक्षा को बढ़ावा देना और दूसरी हरित क्रांति को हासिल करना है। बयान में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 के सत्र से भर्ती होने वाले छात्रों की कक्षाएं आरंभ में आईएआरआई, असम परिसर में शुरू की जाएंगी। इसमें तीन प्रभाग कार्य करेंगे जैसे कि फसल सुधार , बागवानी प्रभाग और पशुविज्ञान एवं मत्स्यपालन प्रभाग। इस अवसर पर बोलते हुए, तोमर ने घोषणा की कि आईएआरआई, असम का नाम दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना से असम के अलावा अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम राज्यों में कृषि शिक्षा और अनुसंधान के विकास को गति मिलेगी। बयान में कहा गया है कि सरकार बढ़ती आबादी और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने और हर समय पर्याप्त खाद्य भंडार सुनिश्चित करने के लिए कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। तोमर ने किसानों की आय और निर्यात के अवसरों को बढ़ाने के लिए स्थानीय रूप से विकसित फसलों के महत्व पर जोर दिया। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आईएआरआई, असम की स्थापना के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि संस्थान अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम होगा। उन्होंने छोटे और सीमांत किसानों की कृषि आय बढ़ाने के लिए क्षेत्र की स्थानीय रूप से विकसित बागवानी फसलों पर अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया।