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नयी दिल्ली। दिल्ली सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 1,228 रुपये टूटकर 52,946 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। मंगलवार को बंद भाव 54,174 रुपये प्रति 10 ग्राम था। चांदी भी 5,172 रुपये की हानि के साथ 67,584 रुपये प्रति किलोग्राम रह गयी जो पिछले कारोबारी सत्र में 72,756 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, दिल्ली में 24 कैरेट सोना की हाजिर कीमत में 1,228 रुपये की गिरावट आई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,930 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी की कीमत 25.70 डॉलर प्रति औंस थी। उन्होंने कहा, बुधवार को सुबह के कारोबार में सोना 1,900 डॉलर के नीचे गिर गया था जिसके बाद उसमें सुधार आया। पटेल ने कहा कि रूस के द्वारा कोरोना वायरस के टीके के संबंध में की गई घोषणा के बाद निवेश के सुरक्षित माने जाने वाले सर्राफा आस्तियों में बिकवाली बढ़ गई। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष (जिंस बाजार अनुसंधान) नवनीत दमानी ने कहा कि शेयर बाजारों के छितिज पर तेजी लौटने की आहट, अमेरिकी बांड बाजार में प्रतिफल सुधने और वहां ताजा आर्थिक आंकड़ों में सुधार और डालर की मजबूती से सोने तथा चांदी की कीमतों में भारी उथल पुथल दिख रही है। यही कारण है कि कम भीकारोबार में इन धातुओं में तेज गिरावट दर्ज की गयी थी। उन्होंने कि रूस में कोरोना वायर संक्रमण का पहला टीका विकसित होने की रपट से भी निवेशकों की धारणा बदली है। दमानी का अनुमान है कि सोने का बाजार भाव 51,500- 53,500 रुपये के बीच रह सकता है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कहा, डॉलर में मजबूत सुधार होने के कारण आरंभ में सोने की कीमत में गिरारवट आई। -
नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत सरकार को रिण के लिये पांच लाख आवेदन मिले हैं। इस योजना का लक्ष्य कोविड—19 लॉकडाउन के बाद रेहड़ी पटरी वालों को अपना कारोबार दोबारा शुरू करने के लिये 10,000 रुपये तक का रिण देना है। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को इसकी जानकारी दी गयी है । केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय ने बताया कि पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना' ने रेहड़ी पटरी वालों में काफी उत्साह पैदा कर दिया है । प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरूआत के 41 दिन के अंदर इसके तहत मंजूर रिणों की संख्या एवं प्राप्त आवेदनों की संख्या क्रमश: एक लाख एवं पांच लाख को पार कर चुकी है । इस योजना के तहत रेहड़ी पटरी वाले 10,000 रुपये तक के कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं जो एक वर्ष में मासिक किस्तों में चुकाने योग्य है।
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मुंबई। बीएसई सेंसेक्स में पिछले चार कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर बुधवार को विराम लग गया। सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय 38,125.81 तक गिर गया था। यह अंत में 37.38 अंक यानी 0.10 प्रतिशत की हल्की गिरावट के साथ 38,369.63 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 14.10 अंक यानी 0.12 प्रतिशत टूटकर 11,308.40 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान कोटक बैंक को हुआ। इसमें 2.10 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा, जिन अन्य प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, एल एंड टी, बजाज फाइनेंस, एचयूएल और टाइटन शामिल हैं। दूसरी तरफ एचसीएल टेक, एसबीआई, टेक महिंद्रा, मारुति, महिंद्रा एंड महिंद्रा और अल्ट्रा टैक सीमेंट में 4.86 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गयी। कारोबारियों के अनुसार कमजोर वृहत आर्थिक आंकड़े और कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर बाजार धारणा प्रभावित हुई। सरकार के मंगलवार को जारी आकंड़े के अनुसार कोराना वायरस संकट के कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने से देश का औद्योगिक उत्पादन जून महीने में 16.6 प्रतिशत घट गया।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान वेब पोर्टल की शुरूआत करेंगे। प्रत्यक्ष कर सुधारों की दिशा में सरकार के महत्वपूर्ण उपायों के अंतर्गत इस पोर्टल की शुरूआत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड -सी बी डी टी ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष कर प्रणाली के क्षेत्र में कई बड़े सुधार किए हैं। पिछले साल कॉरपोरेट कर की दरों को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत किया गया था। नई विनिर्माण इकाइयों पर कर की दर 15 प्रतिशत कर दी गई । लाभांश वितरण कर को समाप्त कर दिया गया है।कर सुधारों का मुख्य उद्देश्य कर की दरों में कमी लाना और प्रत्यक्ष कर कानूनों को सरल बनाना है। आय कर विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी सीबीडीटी ने कई प्रयास किए हैं। इनमें दस्तावेज पहचान संख्या - डी आई एन की शुरुआत के जरिए सरकारी संचार में पारदर्शिता बढाना शामिल है। इसके तहत विभाग के प्रत्येक संचार में विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या प्रदान की जाती है। इसी प्रकार करदाताओं के लिए अनुपालन आसान बनाने के लिए आय कर विभाग ने कर रिटर्न की ऐसी प्रक्रिया आरंभ की है जिसमें रिटर्न का फार्म पहले ही भरा रहता है। इससे व्यक्तिगत कर दाताओं को पूरा फार्म नहीं भरना पडता। स्टार्टअप के लिए अनुपालन प्रक्रिया भी सरल बनाई गई है।लंबित कर विवादों के समाधान के लिए प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम-2020 लाया गया। इसके तहत फिलहाल विवाद सुलझाने की प्रक्रिया चल रही है। करदाताओं की शिकायतों और मुकदमेबाजी को कम करने के लिए विभिन्न अपीली अदालतों में विभागीय अपील करने की मौद्रिक सीमा बढाई गई है। डिजिटल लेनदेन और भुगतान के इलेक्ट्रानिक माध्यमों को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए गए हैं।आय कर विभाग कोविड महामारी के दौरान करदाताओं के लिए अनुपालन आसान बनाने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत आय कर रिटर्न की वैधानिक समय सीमा बढाई गई है। लोगों के पास नगदी बढाने के लिए कर रिफंड की प्रक्रिया में भी अत्यधिक तेजी लाई गई है।पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान वेब पोर्टल शुरू होने से कर सुधारों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।इस अवसर पर केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन, वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और आय कर विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
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आत्मनिर्भर भारत की मुहिम में जेएसपीएल का बड़ा योगदान और उल्लेखनीय कदम
रायपुर/रायगढ़ । नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) ने पुनः भारत माता का सिर गर्व से ऊंचा किया है। कंपनी के रायगढ़ प्लांट में तैयार हेड हार्डेंड रेल, जो कि हाई स्पीड रेलों के लिए होती है, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित हुई है। कोलकाता की जोको-एसप्लैनेड मेट्रो में ये स्वदेशी पटरियां बिछाई जाएंगी जिसकी पहली खेप रायगढ़ प्लांट से वहां पहुंच चुकी है। इसके साथ ही भारत में तेज रफ्तार मेट्रो ट्रेन और मोनो रेल को स्वदेशी पटरियों पर दौड़ाने का नया अध्याय शुरू हो गया है।
जेएसपीएल, छत्तीसगढ़ के सीओओ डीके सरावगी ने बताया कि भारत में जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड एकमात्र कंपनी है, जिसके छत्तीसगढ़ स्थित रायगढ़ प्लांट में हेड हार्डेंड रेल का उत्पादन होता है। अभी तक जितनी भी मेट्रो लाइनें तैयार हुई हैं, उनमें जापान और यूरोप से लाई गईं हेड हार्डेंड रेल का इस्तेमाल हुआ है। इन पटरियों पर 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ेंगी क्योंकि रायगढ़ प्लांट में इन्हें विशेष तरीके से तैयार किया गया है। आम रेल की पटरियों के मुकाबले ये पटरियां बहुत मजबूत होती हैं। जोको-एस्प्लैनेड मेट्रो में जेएसपीएल द्वारा तैयार 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल पटरियां बिछाई जा रही हैं, जिन्हें तैयार करने में अतिरिक्त हीट ट्रीटमेंट प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है। देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में यह जेएसपीएल का बड़ा कदम है।
अब भारत में हेड हार्डेंड रेल की 20 फीसदी जरूरतों की आपूर्ति स्वदेशी स्रोतों से होगी, जो जेएसपीएल के लिए एक बड़ा अवसर है। श्री सरावगी ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि हेड हार्डेंड रेल की जरूरत पूरी करने के लिए जेएसपीएल हर तरीके से तैयार है।
रेल विकास निगम (आर.वी.एन.एल.) ने जेएसपीएल की हेड हार्डेंड रेल का चयन अंतरराष्ट्रीय मानकों पर कसने के बाद कड़ी नीलामी प्रक्रिया से किया है। रिसर्च डिजायन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आर.डी.एस.ओ.) और रेल इंडिया टेकनिकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (आर.आई.टी.ई.एस.) ने जेएसपीएल की रेल का अंतरराष्ट्रीय मानकों पर हर तरीके से सफलतापूर्वक परीक्षण किया है और अपनी स्वीकृति दी है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के लिहाज से यह बड़ी उपलब्धि है क्योंकि देश में ही इन पटरियों के निर्माण से न सिर्फ लागत में कमी आएगी बल्कि इनका परिवहन भी कम खर्चे और कम समय में किया जा सकेगा। इसके साथ ही विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
जेएसपीएल, छत्तीसगढ़ के सीओओ डीके सरावगी ने इस सफलता के लिए चेयरमैन नवीन जिन्दल, प्रबंध निदेशक वी.आर. शर्मा और शीर्ष प्रबंधन की ओर से पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। जेएसपीएल के प्रेसिडेंट एवं रेल एसबीयू हेड श्री विजय कुमार चामा ने जेएसपीएल के उत्पाद में विश्वास जताने के लिए रेल विकास निगम के प्रति आभार जताया है। जेएसपीएल अभी 3000 टन हेड हार्डेंड रेल की आपूर्ति कोलकाता मेट्रो को कर रही है। फिलहाल ये पटरियां कोलकाता मेट्रो के जोको से मोमिनपुर तक बिछाई जाएंगी। जेएसपीएल राष्ट्र निर्माण का यह क्रम जारी रखेगी।
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नई दिल्ली। ई-वाहन स्टार्टअप कंपनी ईबाइकगो ने भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है। कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी। बयान के मुताबिक सिंह को ब्रांड एंबेसडर बनाने के साथ कंपनी का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाना है। साथ उन्हें ई-वाहन अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है। कंपनी अभी मुंबई, बेंगलुरू, दिल्ली, अमृतसर, जयपुर और हैदराबादमें अपना परिचालन करती है। बयान में कहा है कि सिंह के जुडऩे से उसे पुणे और चेन्नई जैसे नए बाजारों में बढ़त बनाने में मदद मिलेगी। ईबाइकगो के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी टी. इरफान खान ने कहा कि हम अपने कारोबारों के साथ कारोबार (बी2बी) और ग्राहकों के साथ कारोबार (बी2सी) श्रेणियों के लिए कई कारोबारी मॉडल को लगातार परिपक्व बना रहे हैं। ऐसे में सिंह के जुडऩा ई-वाहनों को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करेगा। ईबाइकगो व्यक्तियों को किराये पर इलेक्ट्रिक बाइक उपलब्ध कराती है।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि सरकार जल्द खनन क्षेत्र में सुधार करेगी जिससे उद्योगों को बहुत फायदा होगा। एक वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री जोशी ने निवेशकों, अन्वेषकों और खनिकों से कहा कि वे भारतीय खनन क्षेत्र में उपलब्ध व्यापक अवसरों का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन, वन्य और पर्यावरण संबंधी मंजूरी जैसे मुद्दों पर विचार किया जाएगा और एक निश्चित अवधि में कानून के अनुरूप उचित कार्यवाही की जाएगी। श्री जोशी ने यह भी बताया कि खुली और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के ज़रिए पांच सौ खनन खण्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र आय और रोजगार के अवसरों का सृजन करने और देश को मजबूत बनाने में सक्षम है।श्री जोशी ने बताया कि इस क्षेत्र ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद में चार लाख दस हजार करोड़ रुपये का योगदान दिया और लगभग एक करोड़ दस लाख लोगों को रोजगार दिया। उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष साढ़े पांच करोड़ लोगों की आजीविका इस क्षेत्र पर निर्भर होती है। श्री जोशी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी से, आनेवाले समय में खनन उत्पादन बढ़ेगा।
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नई दिल्ली। केंद्र ने मंगलवार को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटा अनुदान मद में मासिक किस्त के तहत 14 राज्यों को 6,195 करोड़ रुपये जारी किये। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्विटर पर लिखा है, सरकार ने 11 अगस्त, 2020 को 14 राज्यों को 6,195.08 करोड़ रुपये जारी किये। यह 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटा अनुदान के अंतर्गत पांचवीं किस्त है। इससे राज्यों को कोरोना वायरस संकट के दौरान अतिरिक्त संसाधन मिलेंगे। वित्त आयोग ने राज्यों को होने वाले किसी भी प्रकार के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये व्यवस्था दी है। इसे केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटा अनुदान कहा जाता है। जिन 14 राज्यों को अनुदान दिया गया है, वे आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल हैं। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान इतनी ही राशि जारी की गयी थी।
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-कीमत 77 हजार 999 रुपये से शुरू होगी
नई दिल्ली। स्मार्टफोन कंपनी सैमसंग को अपनी गैलेक्सी नोट 20 श्रृंखला के भारतीय बाजार में बेहतर प्रदर्शन का भरोसा है। भारतीय बाजार में यह श्रृंखला 28 अगस्त से उपलब्ध होगी।
सैमसंग के भारतीय मोबाइल कारोबार के निदेशक आदित्य बब्बर ने कहा कि इसकी बड़ी वजह पिछले दिनों में संभावित खरीदारों की ओर से गहरी रुचि दिखाना है। सैमसंग ने इस महीने की शुरुआत में अपनी नोट 20 श्रृंखला, फोल्ड 2 स्मार्ट फोन और तीन अन्य स्मार्ट उपकरणों को पेश किया था।
श्री बब्बर ने कहा, हम नोट20 को लेकर बहुत उत्साहित हैं। यह फोन ऐसे समय में बाजार में आया है जब काम और गेमिंग के लिए फोन के उपयोग का फर्क धुंधला पड़ रहा है। हमें भरोसा है कि नोट 20 एक ऐसा फोन है जो ग्राहकों की गेमिंग और काम की उत्पादकता से जुड़ी दोनों तरह की जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी की नोट श्रृंखला को पहले भी ग्राहकों ने पसंद किया है। नोट 20 के लिए प्री-बुकिंग की सूचना देने के लिए पंजीकरण पिछले हफ्ते शुरू किया गया और यह पिछले साल पेश नोट10 के मुकाबले दोगुना यानी पांच लाख है। प्री-बुकिंग की सूचना देने का पंजीकरण कंपनियों को फोन के बारे में रुचि रखने वाले ग्राहकों की जानकारी देता हैं। यह कंपनी के लिए संभावित ग्राहक होते हैं जिनके फोन बाजार में आते ही खरीदने की संभावना होती है। कंपनी का नोट 20 उसके स्टायलस एस पेन के साथ आता है। इसमें 6.7 इंच की स्क्रीन, पीछे तीन कैमरा 64 मेगा पिक्सल एवं दो 12 मेगापिक्सल और 10 मेगा पिक्सल का सेल्फी कैमरा है। इसकी कीमत 77,999 रुपये से शुरू होती है।
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नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 10 स्थानों की छलांग लगाकर फॉच्र्यून ग्लोबल 500 सूची की शीर्ष 100 कंपनियों में शामिल हो गयी है।
फॉच्र्यून पत्रिका ने मंगलवार को यह सूची जारी की। तेल, पेट्रोरसायन, खुदरा और दूरसंचार जैसे क्षेत्र में काम करने वाली रिलायंस को फॉच्र्यून की 2020 की इस वैश्विक कंपनियों की सूची में 96वां स्थान मिला है। फॉच्र्यून की शीर्ष 100 की सूची में शामिल होने वाली रिलायंस इकलौती भारतीय कंपनी है। इससे पहले रिलायंस इस सूची में 2012 में 99वें स्थान पर रही थी, लेकिन बाद के वर्षों में फिसलते हुए 2016 में 215वें स्थान पर पहुंच गयी थी। हालांकि उसके बाद से लगातार रिलायंस की रैंकिंग में सुधार हुआ है।
फॉच्र्यून ग्लोबल 500' में 34 अंक फिसलकर सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन 151वें स्थान पर रही। वहीं तेल एवं प्राकृतिक गैर निगम (ओएनजीसी) की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले 30 स्थान खिसकर 190वीं रही। देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक की रैकिंग में 15 का सुधार हुआ और यह 221वें स्थान पर रहा। इस सूची में शामिल होने वाली अन्य भारतीय कंपनियों में भारत पेट्रोलियम 309वीं, टाटा मोटर्स 337वीं और राजेश एक्पोट्र्स 462वीं रैंक पर रहीं। फॉच्र्यून ग्लोबल 500 में कंपनियों को उनके पिछले वित्त वर्ष की कुल आय के आधार पर शामिल किया जाता है। भारत की स्थिति में कंपनियों को 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के परिणामों के आधार पर इस सूची में शामिल किया गया है। फॉच्र्यून ग्लोबल 500 में इस साल शीर्ष पर वालमार्ट रही। इसके बाद तीन चीनी कंपनियों साइनोपेक समूह, स्टेट ग्रिड और चाइना नेशनल पेट्रोलियम का स्थान रहा। सूची में पांचवे स्थान पर रॉयल डच शेल और छठे पर सऊदी अरब की प्रमुख तेल कंपनी अरामको रही। सूची में वालमार्ट, साइनोपेक और चाइना नेशनल पेट्रोलियम के स्थान में कोई बदलाव नहीं हुआ। जबकि स्टेट ग्रिड ने दो स्थान की बढ़त हासिल की और शेल दो स्थान नीचे खिसक गयी।
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मुंबई। सकारात्मक वैश्विक रुख और विदेशी कोषों के प्रवाह के बीच एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, तथा रिलांयस इंडस्ट्रीज में लिवाली के अच्छे समथन से मंगलवार को सेंसेक्स 225 अंक और चढ़ गया। यह लगातार चौथा कारोबारी सत्र है जबकि बाजार लाभ के साथ बंद हुआ है।
कारोबारियों ने कहा कि रुपये में मजबूती, कंपनियों के उत्साहवद्र्धक तिमाही नतीजों तथा विदेशी कोषों के प्रवाह से बाजार की धारणा मजबूत हुई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान 38,556.27 अंक के उच्चस्तर तक गया। बाद में यह कुछ लाभ गंवाकर 224.93 अंक या 0.59 प्रतिशत की बढ़त के साथ 38,407.01 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 52.35 अंक या 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,322.50 अंक पर पहुंच गया। सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक का शेयर सबसे अधिक 3.96 प्रतिशत के लाभ में रहा। इंडसइंड बैंक, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स की बढ़ते में आधे से अधिक का योगदान एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज का रहा।
वहीं दूसरी ओर टाइटन, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक और ओएनजीसी के शेयर 3.73 प्रतिशत तक टूट गए।
अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज पर सहमति बनने की संभावना के बीच वैश्विक बाजार करीब पांच माह के उच्चस्तर पर पहुंच गए। इस बीच, बाजार भागीदारों की निगाह रूस से आ रही इन खबरों पर है कि वह आधिकारिक रूप से कोरोना वायरस के टीके का पंजीकरण कराने वाला पहला देश हो गया है। रूस ने घोषणा की है कि यह टीका इस्तेमाल के लिए तैयार है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको लेकर कुछ संदेह जताया जा रहा है। दुनिया में कोविड-19 संक्रमण के मामले दो करोड़ को पार कर गए हैं। भारत में संक्रमण का आंकड़ा 22.68 लाख हो गया है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, दिन में उतार-चढ़ाव तथा कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बावजूद भारतीय बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। अमेरिका की ओर से प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की उम्मीद, चीन के आर्थिक आंकड़ों में सुधार तथा रूस द्वारा कोरोना वायरस के पहले टीके का पंजीकरण कराने की खबरों से वैश्विक रुख सकारात्मक रहा। इससे स्थानीय बाजारों में भी तेजी आई।'' हालांकि, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 0.23 प्रतिशत तक के नुकसान में रहे। अन्य एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहे। चीन के शंघाई कम्पोजिट में नुकसान रहा। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार लाभ में चल रहे थे। वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.73 प्रतिशत की बढ़त के साथ 45.32 डॉलर प्रति बैरल पर था।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 12 पैसे की बढ़त के साथ 74.78 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
- नई दिल्ली। बिजली मंत्रालय के अंतर्गत एक महारत्न कम्पनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) और देश की सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी (सीटीयू) ने वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में कर देने के बाद 2,048 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है और समेकित आधार पर कुल आय 9,817 करोड़ रुपये है।कंपनी ने अकेले अपने दम पर वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में कर देने के बाद क्रमश: 1,979 करोड़ रुपये का लाभ और 9,620 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। इस तिमाही के दौरान, कंपनी को एक असाधारण वस्तु के रूप में मान्यता दी गई, अंतिम उपभोक्ता तक पहुंच के लिए कोविड-19 महामारी के कारण अप्रैल 20 और मई 20 की बिलिंग के बजाय राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की वितरण कम्पनियों/ बिजली विभागों को 1,075 करोड़ रुपये की एक बार की समेकित छूट दी गई। इस एकमुश्त छूट के प्रभाव को छोड़कर, अकेले दम पर वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में कंपनी के लाभ में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।पावरग्रिड द्वारा जारी किए गए एक बयान के अनुसार, तिमाही के लिए, कंपनी ने समेकित आधार पर लगभग 1,906 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया और 1,184 करोड़ रुपये (एफईआरवी को छोड़कर) की पूंजीगत परिसंपत्ति अर्जित की। समेकित आधार पर पावरग्रिड की सकल स्थिर परिसम्पत्ति 30 जून 2020 तक लगभग 2 लाख 28 हजार 856 करोड़ रुपये थी।तिमाही के दौरान कमीशन किए गए प्रमुख ट्रांसमिशन आधार में 400केवी डी/सी हिरीयूर-मैसूर लाइन और पावरग्रिड की मेरठ, कोटेश्वर और बलिपारा सब स्टेशनों पर आईसीटी शामिल हैं। इसके अलावा, लंबे समय से लंबित 400 केवी डी/सी राजरहाट-गोकर्ण ट्रांसमिशन लाइन को भी जुलाई 2020 में चालू कर दिया गया था।आठ सहायक टीबीसीबी काम कर रही थी और ग्यारह टीबीसीबी सहायक कंपनियां 30 जून 2020 के अंत में कार्यान्वयन के अंतर्गत थीं। अत्याधुनिक रख-रखाव तकनीकों, स्वचालन और डिजिटलीकरण के उपयोग के साथ पावरग्रिड ने वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में औसतन 99.83त्न की उपलब्धता बनाए रखी। वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही के अंत में, पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल ट्रांसमिशन परिसम्पत्तियों में 163,695 सीकेएम ट्रांसमिशन लाइनें, 248 सब स्टेशन और 413,950 एमवीए से अधिक परिवर्तन क्षमता रही।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार तथा विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार सामरिक महत्व के दूर दराज वाले क्षेत्रों तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रयास कर रही है ताकि यहां जीवन सुगम बनाया जा सके और उन लोगों के लिए बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके जो इन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।श्री प्रसाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1,224 करोड़ रुपये की लागत से चेन्नई और अंडमान निकोबार के बीच 2300 किलोमीटर की एक पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल के उद्घाटन के बाद सोमवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे।श्री प्रसाद ने दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रणनीतिक, दूरस्थ और सीमावर्ती क्षेत्रों में 354 गांवों में ऐसी कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एक निविदा को अंतिम रूप दिया गया है और बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात के अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के 144 गांवों में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में इसे लागू किया जा रहा है। इन गांवों को रणनीतिक रूप से मोबाइल पर सीमा क्षेत्र कनेक्टिविटी को कवर करने के लिए चुना गया है। इन गांवों में चालू होने के बाद, मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में कोई भी ऐसा गांव नहीं होगा जहां मोमाइल कनेक्टिवविटी उपलब्ध नहीं होगी। सेना, बीआरओ, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी आदि के लिए 1347 साइटों पर उपग्रह आधारित डीएसपीटी (डिजिटल सैटेलाइट फोन टर्मिनल) भी प्रदान किए जा रहे हैं, जिनमें से 183 साइटें पहले से ही चालू हैं और शेष चालू होने की प्रक्रिया में हैं।केन्द्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि दूरसंचार विभाग बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के 24 आकांक्षी जिलों के गाँवों में मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने पर काम कर रहा है और छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश में बचे हुए 44 आकांक्षी जिलों के 7287 के गांवों को भी कवर किया जाएगा जिसके लिए सरकार की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
- नई दिल्ली। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि छोटे उद्योगों को राहत देने के लिए सरकार ने हाल में कई कदम उठाए हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों की परिभाषा में बदलाव, पूंजी उपलब्ध कराने की योजना, चैम्पियन पोर्टल और छोटे उद्योगों को उधारी देने से निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था की रफ्तार मंद पड़ी है।श्री गडकरी ने सोमवार को फिक्की के छोटे उद्योगों के एक सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि छोटे उद्योगों के लिए घोषित किए गए तीन लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में से एक लाख बीस हजार करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सभी मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को छोटे उद्योगों के लम्बित भुगतान 45 दिन के भीतर चुकाने को कहा गया है। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से छोटे उद्योगों के सभी भुगतान प्राथमिकता के आधार पर चुकाने के निर्देश देने का अनुरोध भी किया।----
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नई दिल्ली। दबाव झेल रहे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को समर्थन देने के लिये 50,000 करोड़ रुपये तक का इक्विटी समर्थन उपलब्ध कराने के वास्ते प्रधानमंत्री के 21 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज में घोषित फंड आफ फंड्स को जल्द ही परिचालन में लाया जायेगा। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी कहा। ऐसा कोष शेयरपूंजी निवेश करने वाले कोषों की मदद करते हैं। इस 10,000 करोड़ रुपये के फंड आफ फंड्स योजना का उद्देश्य वृद्धि के बेहतर संभावनाओं वाले एमएसएमई को मौजूदा कठिन समय में मदद उपलब्ध कराना है। ऐसे समय जब ये छोटी इकाइयां कम राजस्व और इक्विटी पूंजी की कमी से जूझ रहीं हैं। एमएसएमई की मदद के लिये उठाये गये विभिन्न कदमों के बारे में बताते हुये रजनीश कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित ऐसे व्यवसायों की नकदी की स्थिति में सुधार लाने के लिये बैकों ने आपात ऋण सुविधा की घोषणा की है। मुश्किल में फंसे एमएसएमई के लिये एक अन्य उपाय सरकार की तरफ से दी गई गारंटी के साथ तरलता विस्तार के तौर पर अधीनस्थ रिण के जरिये समर्थन देने का किया गया है। फिक्की द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में कुमार ने कहा, फंड आफ फंड्स, मैं समझता ह्रं कि जल्द ही परिचालन में आ जायेगा। इस तरह के उपायों से वित्त के लिहाज से मदद की जा सकेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में 21 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत फंड आफ फंड्स की घोषणा की थी। इसके जरिये वहनीय और वृद्धि की संभावना वाले एमएसएमई की मदद की जा सकेगी। इक्विटी की भारी तंगी के बावजूद इस फंड के जरिये उन्हें मदद मिल सकेगी। रजनीश कुमार ने बैंकों के अन्य प्रयासों के बारे में बताया कि बैंक ने हाल ही में एमएसएमई के लिये एक ‘गोल्ड लोन' योजना की शुरुआत की है। एक महीने के भीतर ही इस योजना के तहत 88 करोड़ रुपये का रिण मंजूर किया गया है। उन्होंने कहा, यह एक प्रकार से बेकार रखे गये सोने का व्यवसाय के लिये मौद्रीकरण करने के समान है। आपके आभूषण और सोने की सुरक्षा हम सुनिश्चित कर रहे हैं, आपको लॉकर के लिये भी भुगतान नहीं करना है। इस योजना को अच्छा समर्थन मिल रहा है और हम इस उत्पाद को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
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अमरावती। आंध्र प्रदेश सरकार ने सोमवार को नई औद्योगिक नीति 2020-23 पेश की। इसमें आर्थिक वृद्धि को गति देने और विनिर्माण के जरिये बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने के लिये खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा समेत 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गयी है। सरकार ने नियोजित औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने और राज्य में पर्यावरण प्रभावित किये बिना उद्योग स्थापित करने के लिये जोखिम मुक्त, निवेश अनुकूल माहौल सृजित करने को लेकर औद्योगिक क्षेत्रों की पहचान की है। राज्य के उद्योग और बुनियादी ढांचा मंत्री मेकापित गौतम रेड्डी ने नई नीति पेश करते हुए कहा, नई औद्योगिक नीति में निवेश को जोखिम मुक्त करना उसकी महत्वपूर्ण विशेषता है। हम वाईएसआर एपी वन ला रहे हैं। यह अधिकार प्राप्त बहुआयामी व्यापार केंद्र होगा। यह उद्योगों के लिये एक ही जगह संसाधन और मदद मुहैया कराने के केंद्र के रूप में काम करेगा। मंत्री ने कहा, वाईएसआर एपी वन निवेशकों को औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के मामले में हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा। औद्योगिकी इकाई स्थापित होने के बाद उन्हें बाजार पहुंच, नई प्रौद्योगिकी समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत संभावित निवेशकों के लिये प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसमें मझोले और बड़े उद्योगों के लिये पांच साल तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर की वापसी (स्थिर पूंजी निवेश के अनुपात में निर्धारित) शामिल है, जो रोजगार सृजन से जुड़ा है। -
नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार भूमि बैंक और सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने जैसे विचारों पर काम कर रही है। ताकि लोगों के छोटी दुकानों और कारोबारों को चलाने में मदद की जा सके। उद्योग मंडल फिक्की की कर्नाटक इकाई द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन एमएसएमई सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि हमें भारत का निर्यात बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने को लेकर विचार करने की भी जरूरत है। चीन के निर्यात के बारे में गडकरी ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था का कुल 30 प्रतिशत विनिर्माण चीन में होता है। करीब 10 ऐसी बड़ी निर्यात श्रेणियां हैं जो कुल निर्यात में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और उपकर इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा, अब समय गया है कि हम उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां हम आयात पर निर्भरता कम कर सकते हैं। हमें सोचना होगा कि अपने उद्योग और एमएसएमई को कैसे विकसित कर सकते हैं कि जिसका लाभ दुनिया की मौजूदा आर्थिक स्थिति में उठाया जा सके। वेबिनार में मंत्री ने कहा कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए हमें कृषि, कृषि प्रसंस्करण, हथकरघा, हस्तशिल्प, खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने की दिशा में सोचना होगा। गडकरी ने कहा, हम भूमि बैंक और सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने के विचार पर काम कर रहे हैं। यह छोटी दुकानें या कारोबार चलाने वाले उद्यमियों के लिए बड़ा सहायक होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्न आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि हथकरघा, हस्तशिल्प, खादी ग्रामोद्योग और कृषि आधारित कारोबारों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है, विशेषकर 115 आकांक्षी जिलों में। हमें कृषि, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र के लिए विशेष नीतियां बनानी होंगी क्योंकि इन क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत अब तक 1,20,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है।
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नई दिल्ली। तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने आज विश्व जैविक ईंधन दिवस के अवसर पर जैविक ईंधन की ओर आत्मनिर्भर भारत विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया ।
विश्व जैविक ईंधन दिवस प्रतिवर्ष जैव खनिज तेल की उपयोगिता के संबंध में जागरूकता के लिए दस अगस्त को मनाया जाता है। मंत्रालय के सचिव तरुण कपूर ने इस अवसर पर कहा कि देश में भारी मात्रा में कृषि अवशेष उपलब्ध है और इसलिए जैविक ईंधन के उत्पादन का बड़ा क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि एथनॉल, जैव डीज़ल और जैव गैस तीन प्रमुख जैविक ईंधन हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन तीनों स्रोतों का दोहन किया जाए, तो कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटेगी और गैस पर निर्भरता भी बहुत हद तक कम होगी।
- नई दिल्ली। भारत में होंडा कार्स इंडिया की प्रीमियम हैच बैक जैज के अपडेटेड मॉडल की प्री-बुकिंग शुरू हो गई है। होंडा जैज कार को आप सिर्फ 5 हजार में बुक कर सकते हैं वो भी ऑनलाइन। होंडा की डीलरशिप से बुकिंग करवाने में आपको 21 हजार रुपये देने होंगे। यह कार इसी महीने लांच की जा रही है।क्या है खास- कंपनी ने दावा किया है कि पुराने मॉडल के मुकाबले नई होंडा जैज ( होंडा जैज बीएस 6) ज्यादा स्टाइलिश और स्पोर्टी है। अपडेटेड होंडा जैज सिर्फ पेट्रोल इंजन के साथ पेश की जा रही है। कंपनी ने इस मॉडल में डीजल इंजन बंद कर दिए हंै।होंडा ने अपनी इस प्रीमियम हैचबैक की स्टाइलिंग अपग्रेड की है। इसमें क्रोम ऐक्सेंट्स के साथ नई ब्लैक ग्रिल, एलईडी हेडलाइट्स, एलईडी फॉग लैम्प्स और नए फ्रंट व रियर बंपर दिए गए हैं, जो कार को नया लुक देते हैं। नई होंडा जैज में इलेक्ट्रिक सनरूफ भी दिया गया है।होंडा की इस प्रीमियम कार में क्रूज कंट्रोल, स्मार्ट एंट्री और पुश बटन स्टार्ट/स्टॉप सिस्टम जैसे नए फीचर डाले गए हैं। अपडेटेड जैज के सीवीटी वेरियंट्स में स्टीयरिंग-वील माउंटेड ड्यूल-मोड पैडल शिफ्ट फीचर दिया गया है। इस फीचर के साथ आने वाली अपने सेगमेंट की यह इकलौती कार है। कार की अनुमानित कीमत 7 लाख 75 हजार रुपए है।
- -राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का शीघ्र गठन किया जायेगानई दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में पूरी तरह योगदान देने के लिए व्यापारिक समुदाय की प्रशंसा की है।रविवार को एक वर्चुअल तरीके से परस्पर संवाद के जरिये राष्ट्रीय व्यापारी दिवस के अवसर पर व्यापारी समुदाय से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें ग्राहक जागरूकता अभियान आरंभ करना चाहिए, जिससे कि लोग मेक इन इंडिया वस्तुओं को खरीदें। उन्होंने उनसे भ्रष्ट व्यवसायायों तथा व्यापारियों का पर्दाफाश करने में व्हिसिल ब्लोअर के रूप में कार्य करने को कहा जो शत्रु देशों से घटिया गुणवत्ता वाली वस्तुओं का आयात करने पर आमादा है।श्री गोयल ने कहा कि व्यापारिक समुदाय आत्मनिर्भर भारत अभियान से काफी लाभान्वित होंगे क्योंकि भारत में बनी अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तुएं बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देशों में बिकेगी, जिससे कीमतों में कमी आयेगी और हमारे उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनायेगी। इससे अधिक रोजगार अवसरों का सृजन होगा तथा लोगों में समृद्धि आयेगी और उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही कई आयातित मदों जैसे- अगरबत्ती, खेल के सामान, टीवी, टेलीफोन, टॉयर आदि पर प्रतिबंध लगा रखा है जिन्हें हमारे देश में आसानी से उत्पादित किया जा सकता है। उन्होंनें अनुमान लगाया कि लगभग 10 लाख करोड़ रूपये के बराबर के आयातों का आसानी से स्वदेशी रूप से उत्पादित वस्तुओं के साथ प्रतिस्थापन किया जा सकता है। उन्होंने व्यापारियों से प्रधानमंत्री की वोकल फॉर लोकल की अपील को आगे बढ़ाने को कहा।श्री गोयल ने कोविड महामारी के दौरान और विशेष रूप से लॉकडाउन अवधि में इस अवसर पर खरे उतरने तथा देश के प्रत्येक हिस्से में अनिवार्य वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में व्यापारियों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कठिन समय में व्यापारियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया है तथा मन की बात में इसका उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने उपभोक्ताओं एवं उत्पादकों के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में काम किया है।मंत्री ने व्यापारियों से टीमों के गठन करने की अपील की जो देश के विभिन्न हिस्सों तथा विभिन्न व्यापारों से सुझाव एकत्रित कर सकें। उन्होंने कहा कि एक ही फार्मूला हर जगह लागू नहीं किया जा सकता इसलिए विशिष्ट अनुशंसाएं की जानी चाहिए। सरकार ऐसी सभी अनुशंसाओं पर सहानुभूतिपूर्ण एवं विवेक सम्मत तरीके से गौर करेगी।श्री गोयल ने व्यापारिक समुदाय को आश्वासन दिया कि जल्द ही राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन किया जायेगा। उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि वे अपने कर्मचारियों को भी व्यापारी पेंशन स्कीम में शामिल करें। मंत्री ने व्यापारियों को सरकारी खरीद पोर्टल जीईएम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।---
- नई दिल्ली। देश का कोयला आयात जुलाई में 43.2 प्रतिशत घटकर 1.11 करोड़ टन रह गया। खान के पास, संयंत्रों और बंदरगाहों पर कोयले का काफी भंडार पड़ा है, जिसकी वजह से आयात में गिरावट आई है। एमजंक्शन सर्विसेज ने यह जानकारी दी है।ये आंकड़े जहाजों की स्थिति तथा पोत-परिवहन कंपनियों से मिले आंकड़ों पर आधारित हैं। जुलाई, 2019 में कोयले का आयात 1.96 करोड़ टन रहा था। एमजंक्शन टाटा स्टील और सेल का संयुक्त उद्यम है। यह एक बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) ई-कॉमर्स कंपनी है, जो कोयला और इस्पात पर शोध रिपोर्ट प्रकाशित करती है।एमजंक्शन के अनुसार, जुलाई, 2020 मे कोयले का आयात 1.11 करोड़ टन (अस्थायी) रहा। जुलाई, 2019 में कोयले ओर कोक का आयात 1.96 करोड़ टन रहा था। चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह अप्रैल-जुलाई, 2020 के दौरान कुल कोयला आयात 5.72 करोड़ टन रहा। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के आंकड़े 8.91 करोड़ टन से 35.76 प्रतिशत कम है।एमजंक्शन के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कोयला आयात के मौजूदा रुख पर कहा, कोयला खानों, संयंत्रों तथा बंदरगाहों पर कोयले के भारी भंडार की वजह से आयात मांग कमजोर है। बाजार भागीदार देखो और इंतजार करो की नीति अपना रहे हैं। निकट भविष्य में हमें आयात की मात्रा में कोई बड़ा बदलाव आने की संभावना नहीं दिखती।अप्रैल-जुलाई, 2020 के दौरान गैर-कोकिंग कोयले का आयात घटकर 3.88 करोड़ टन पर आ गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 6.09 करोड़ टन रहा था। इसी तरह कोकिंग कोयले का आयात घटकर 1.06 करोड़ टन रहा गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1.77 करोड़ टन रहा था।--
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नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सोमवार से अपने ग्राहकों के लिए अधिकतम डेटा स्पीड को 10 गुना बढ़ाकर 100 एमबीपीएस करेगी और 20 गुना अधिक तक डेटा डाउनलोड सीमा की पेशकश करेगी। कंपनी ने रविवार को यह जानकारी दी। बीएसएनएल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2,312 किलोमीटर लंबे चेन्नई-अंडमान निकोबार द्वीप समूह (सीएएनआई) सामुद्रिक ऑप्टिकल फाइबर केबल परियोजना की शुरुआत से एक दिन पहले यह घोषणा की। बीएलएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद यह परियोजना निर्धारित समयसीमा में और लागत में किसी बढ़ोतरी के बिना पूरी हुई। भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना के तहत बीएसएनएल ने वैश्विक दिशानिर्देशों के अनुसार समुद्र के अंदर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम पूरा किया।
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ओमप्रकाश जिंदल (बाबूजी) जन्मदिवस, सीएसआर सप्ताह का द्वितीय दिवस
मान सम्मान, देश की अभियान हो तुम। सब कुछ तेरे हाथ में, हिंद की पहचान हो तुम।।
तमनार। ऐ मेरे कोरोना वीरों, चरण वंदन है आपका।
मान हो, सम्मान हो तुम देश की अभियान हो, सब कुछ तेरे हाथ में, हिंद की पहचान हो।।
ये पंक्तियां हैं, जिंदल पावर लिमिटेड तमनार द्वारा श्री ओमप्रकाश जिंदल बाबूजी के 90वें जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित सीएसआर सप्ताह के दूसरे दिन का, जब जिंदल पावर लिमिटेड तमनार द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना काल एवं सम्पूर्ण लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों एवं आम जनमानस को जागरूक कर कोविड-19 के संक्रमण के सम्पूर्ण रोकथाम में सराहनीय सहयोग देने वाले समर्पित कर्मचारियों को कोरोना योद्धा सम्मान से नवाजा गया।
इस दौरान योद्धाओं द्वारा किए गए अभूतपूर्व व साहसिक कार्यों को स्मरण किया गया और उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम नगीन कोठारी, प्रेसिडेंट एवं सीओओ, जिंदल पावर लिमिटेड तमनार के मुख्य आतिथ्य एवं आर.डी.कटरे, उपाध्यक्ष गजेंद्र रावत, सहायक उपाध्यक्ष, भूषण सिंह, उपाध्यक्ष, मानव संसाधन एवं कर्मचारी सेवाएं, अजित राय, सहायक उपाध्यक्ष के विशिष्ठ आतिथ्य एवं रामनिवास सरोया, महाप्रबंधक, सुनील अग्रवाल, उप महाप्रबंधक, ऋषिकेष शर्मा, उप महाप्रबंधक, आर.पी. पाण्डेय, उप महाप्रबंधक, सुदीप सिन्हा, उप महाप्रबंधक जेपीएल तमनार एवं समस्त विभागों के विभागाध्यक्षों, संस्थान में कार्यरत कर्मचारी एवं कोरोना योद्धाओं के गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के शुभारंभ में उपस्थित अतिथियों द्वारा बाबूजी के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को प्रथमतया सम्बोधित करते हुए भूषण सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि जब सभी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से भयाक्रांत थे, ऐसे समय में संस्थान के ये कारोना योद्धा अपने आपको जोखिम में डालकर सम्पूर्ण संयंत्र के साथ साथ आवासीय कालोनी सावित्रीनगर में निवासरत कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों को सुरक्षित रखने में सराहनीय योगदान दिया। इनके कार्य नि:संदेह सराहनीय व अवर्चनीय हैं। इस अवसर पर आर.डी. कटरे एवं अजित राय ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल के इस विपरित परिस्थितियों में इन योद्धाओं ने अदम्य साहस का परिचय दिया और संस्थान के साथ क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने का कार्य लगन एवं समर्पण के साथ किया सचमुच इनके प्रयास सदैव प्रशंसनीय हैं। गजेंद्र रावत ने सीएसआर एवं सुरक्षा विभाग के कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन विभागों के कर्मचारियों ने विपरित परिस्थितियों में संयंत्र में कार्य करने वाले कर्मचारी एवं उनके परिवारों के जरूरत को पूर्ण किया।
श्री रावत ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि इन कर्मचारियों की सक्रियता ऐसी रही कि बिना थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क व सैनिटाइजर के उपयोग बिना किसी भी कर्मचारियों को संस्थान में प्रवेश वर्जित कर दिया। साथ ही सभी विभागों में नियमित रूप से मास्क एवं सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित किया। और यही वे कारण रहें, जिससे संम्पूर्ण संयंत्र संक्रमण से बचा रहा। इस दौरान नगीन कोठारी ने अपने मुख्य आतिथ्य सम्बोधन में कोरोना योद्धाओं के प्रयास को स्तुत्य बताते हुए कहा कि सामाजिक विकास के पुरोधा बाबूजी ओ.पी. जिंदल के जन्मदिवस सप्ताह के अवसर पर कोरोना वीरों को सम्मानित करना अपने आप में गौरवान्वित करने वाला क्षण है। आज इन योद्धाओं के समर्पण एवं प्रतिबद्धता के कारण हम सभी सुरक्षित हैं। यदि आज हम कोविड 19 के प्रकोप से सुरक्षित है तो नि:संदेह इसमें इन योद्धाओं की जागरूकता एवं अपने कार्य के प्रति कटिबद्धता को दर्शाता है। श्री कोठारी ने कोविड 19 के बचाव में सुरक्षा विभाग के महिला कर्मचारियों द्वारा बढ़चढ़ कर सहभागी बनने एवं उनके समर्पण को भी साुधुवाद कहा। उन्होनें कोरोना योद्धाओं से पुन: आग्रह किया कि वे अपने मिशन में लगे रहे और संयंत्र व क्षेत्रीय लोगों को जागरूक करते रहें। यहीं एकमात्र निराकरण है, कोविड 19 से सम्पूर्ण सुरक्षा की। इस दौरान उन्होनें सभी कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे इन कोरोना योद्धाओं के प्रयासों का पालन एवं सम्मान करें। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में गरिमामय उपस्थिति प्रदान कर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ऋषिकेश शर्मा, विभागाध्यक्ष, सीएसआर, जेपीएल तमनार ने आभार ज्ञापन एवं कार्यक्रम का सफल मंच संचालन सीएसआर के राजेश रावत ने किया। - नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बीबा और अरविंद मिल्स जैसे बड़े वाणिज्यिक ब्रांडों को सीधे बुनकरों से कपड़ा खरीदने को कहा है। यह एक ऐसा कदम होगा जिससे बिचौलिये समाप्त होंगे और बुनकरों को बेहतर कीमत मिल सकेगी।स्मृति ईरानी ने कहा, हम वाणिज्यिक श्रेणी के बड़े ब्रांडों जैसे बीबा और अरविंद से बुनकरों के साथ खड़े होने तथा सीधे उनसे ही कपड़े खरीदने की अपील करते हैं। इससे एक ऐसा तालमेल सुनिश्चित होगा, जो इस क्षेत्र में लंबे समय से अनुपस्थित था। कपड़ा व महिला एवं बाल विकास मंत्री ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु के साथ बातचीत में यह टिप्पणी की। यह बातचीत भारत के कपड़ा उद्योग में नयी जान फूंकने पर केंद्रित है और इसके जरिये स्वदेशी बुनकरों की स्थिति बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह बातचीत इन कन्वर्सेशन विद द मिस्टिक श्रृंखला का एक हिस्सा है। इसका प्रसारण राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उपलक्ष्य में सात अगस्त को किया गया। सद्गुरु ने पिछले साल सेव द वीव मुहिम की शुरुआत की थी।बातचीत के दौरान, सद्गुरु ने स्कूलों, पर्यटन सर्किट और विमानन उद्योग में हथकरघा उत्पादों को पेश करके भारतीय कपड़ा उद्योग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता के बारे में बताया।---
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नई दिल्ली। केंद्र ने कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा देने की योजना के तहत राज्यों को 553 करोड़ रुपए जारी किए हैं। कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम) अप्रैल 2014 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए कृषि मशीनीकरण की समावेशी विकास करना था। एक सरकारी बयान में कहा गया, वर्ष 2020-21 में, इस योजना के लिए 1,033 करोड़ रुपये का बजट प्रदान किया गया है, जिसमें से 553 करोड़ रुपये राज्य सरकारों को जारी किए गए हैं। कृषि मशीनीकरण समय पर खेत को तैयार करने के कामकाज को समय में निपटाने और इसमें लगने वाले समय में कटौती करने के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है और लागतों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करता है। मशीनीकरण प्राकृतिक संसाधनों की उत्पादकता को भी बढ़ाता है और विभिन्न कृषि कार्यों से बुरी प्रथाओं को कम करता है। कृषि मंत्रालय ने बताया कि धान के पुआल को जलाना देश के उत्तरी क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं में से एक है। फसल अवशेष जलाने की प्रथा से इस क्षेत्र के किसानों को रोकने के उद्देश्य से, फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) की योजना वर्ष 2018 में शुरू की गई थी, जिसमें किसानों को सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर) की स्थापना के माध्यम से फसल अवशेषों के उसी स्थान पर प्रबंधन करने के लिए मशीनरी प्रदान की जाती है। अलग-अलग किसानों को मशीनरी की खरीद के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। इसके तहत वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को कुल 1,178.47 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। बयान में कहा गया है, वर्ष 2020-21 में, इस योजना के लिए बजट में 600 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं और 548.20 करोड़ रुपये समय से पहले राज्यों को जारी कर दिये गए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे इस काम को पहले से पूरा करने के लिए तैयार हों। कृषि मंत्रालय ने एक बहुभाषी मोबाइल ऐप, सीएचसी- फार्म मशीनरी भी विकसित किया है, जो किसानों को उनके इलाके में स्थित कस्टम हायरिंग सर्विस सेंटरों से जोड़ता है। यह ऐप छोटे और सीमांत किसानों को खेती के कामकाज के लिए किराये के आधार पर मशीनें लेने के लिए प्रोत्साहित करके देश में कृषि मशीनीकरण की सुविधा प्रदान कर रहा है, ताकि उन्हें ऐसी उच्च कीमत वाली मशीनों की खरीद न करनी पड़े। ऐप को और संशोधित किया गया है। बयान में कहा गया है कि संशोधित संस्करण अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल है और ऐप का दायरा भी बढ़ाया गया है।