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नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने कहा कि उसने एस-क्रॉस मॉडल के पेट्रोल इंजन संस्करण की पेशकश की है। इसकी दिल्ली में शोरूम कीमत 8.39 लाख रुपये से 12.39 लाख रुपये के बीच है।
एस-क्रॉस अभी तक केवल डीजल इंजन में उपलब्ध था, अब 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ उपलब्ध होगा। इसमें मैनुअल और ऑटोमैटिक? ट्रांसमिशन का विकल्प मिलेगा। एस-क्रॉस पेट्रोल के मैनुअल संस्करण की शोरूम कीमत 8.39 लाख रुपये से 11.15 लाख रुपये के बीच है, जबकि 4-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रिम्स की कीमत 10.83 लाख रुपये से 12.39 लाख रुपये के बीच है। एमएसआई के एमडी और सीईओ केनिची अयुकावा ने संवाददाताओं से कहा, ''उन्नत स्मार्ट हाइब्रिट तकनीक के साथ 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन वाले नए एस-क्रॉस को पेश करने की मुझे खुशी है।'' उन्होंने कहा कि कंपनी के शोध में पता चला है कि उपभोक्ता ऑटोमैटिक संस्करण को तरजीह दे रहे हैं, इसलिए नए एस-क्रॉस को भी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ पेश किया जा रहा है।-- -
नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों और युवाओं को सहकारिता का लाभ उठाने को प्रोत्साहित करने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के यूट्यूब चैनल, सहकार कोपट्यूब एनसीडीसी इंडिया की शुरुआत की। उन्होंने हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में 18 राज्यों के लिए सहकारी समितियों के गठन और पंजीकरण के बारे में वीडियो भी जारी किए। वीडियो नए चैनल पर प्रसारित किए जाएंगे। तोमर ने इसे जारी करने के बाद कहा, सहकारिता हमारी संस्कृति का हिस्सा है। इस चैनल के माध्यम से हमारा प्रयास सहकारी आंदोलन में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई सहकारी समितियों का गठन सहकारी आंदोलन के दायरे में नए जीवन और समर्पण लाने की एक शर्त है। उन्होंने एक बयान में कहा, 18 राज्यों को अपने दायरे में लेने वाली विभिन्न भाषाओं में मार्गदर्शन वीडियो 10,000 किसान-उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को बढ़ावा देने और बनाने के लिए हमारी सरकार की प्रमुख पहल को मजबूत और गहरा करेगा। तोमर ने कहा कि सहकारी प्रारूप में एफपीओ के निर्माण में एनसीडीसी की प्रमुख भूमिका है, उन्होंने कहा कि समय के साथ यूट्यूब पर सहकार कॉपट्यूब एनसीडीसी इंडिया चैनल पर मार्गदर्शन वीडियो के संग्रह में आने वाले समय में और अधिक राज्यों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, मंत्री ने कहा कि एनसीडीसी ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक शीर्ष-स्तरीय वैधानिक संस्था के रूप में सहकारी समितियों को 1,54,000 करोड़ रुपये की संचयी वित्तीय सहायता के साथ जबरदस्त सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1963 में 2.36 करोड़ रुपये के संवितरण के साथ शुरुआत करने के बाद एनसीडीसी ने वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 28,000 करोड़ रुपये का वितरण किया है। सरकार के अनुसार, भारत में सहकारी समितियों ने एक लंबा सफर तय किया है और किसानों की दशा सुधारने और आर्थिक विकास में अपनी सफलता साबित की है। मोटे तौर पर छोटे और सीमांत किसानों और ग्रामीण गरीबों के संघों के रूप में, सहकारी समितियों ने 8.50 लाख से अधिक संगठनों और 29 करोड़ सदस्यों का एक बड़ा नेटवर्क हासिल कर लिया है। सहकारी समितियों ने कृषि और संबद्ध क्षेत्र में जोखिम को कम करने में किसानों का समर्थन किया है और शोषण के खिलाफ ढाल के रूप में कार्य किया है। -
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि बैंकों ने एमएसएमई क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत लगभग 1,37,586 करोड़ रुपए के कर्ज मंजूर किए हैं। कोविड-19 महामारी के चलते आई आर्थिक मंदी के दौरान एमएसएमई क्षेत्र की मदद के लिए सरकार की तरफ से इस योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को तीन अगस्त तक 92,090.24 करोड़ रुपये का कर्ज वितरित भी किया जा चुका है। यह योजना सरकार द्वारा कोविड-19 के प्रकोप से निपटने के लिए घोषित 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एक अहम हिस्सा है। वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, तीन अगस्त 2020 तक, 100 प्रतिशत आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी बैंकों द्वारा कुल 1,37,586.54 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए है, जिसमें से 92,090.24 करोड़ रुपये वितरित भी किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस आपात रिण सुविधा गारंटी योजना के तहत तीन अगस्त तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा स्वीकृत ऋण राशि 72,820.26 करोड़ रुपये थी, जिसमें से 52,013.73 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं। निजी क्षेत्र के बैंकों ने तीन अगस्त तक 64,766 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी गई जिसमें से 40,076 करोड़ रुपये की राशि वितरित कर दी गई। इससे पहले सरकार ने बीते शनिवार को इस योजना के दायरे को बढ़ाते हुए इसके दायरे में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए चिकित्सकों, वकीलों और चार्टर्ड एकाउंटेंट जैसे पेशेवरों को दिए व्यक्तिगत ऋणों को इसमें शामिल किया है। योजना के तहत अब 250 करोड़ रुपये कारोबार करने वाली कंपनियां भी आयेंगी।
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और सामान्य कारोबारी गतिविधियों में पेश आ रही दिक्कतों को देखते हुए बीमा नियामक इरडा ने जीवन बीमा कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बीमा पॉलिसी यानी ई-पॉलिसी जारी करने की मंगलवार को अनुमति दे दी। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक परिपत्र जारी कर जीवन बीमा कंपनियों को पॉलिसी दस्तावेज को प्रकाशित कर बीमाधारक के पास भेजने के नियम से छूट प्रदान कर दी। हालांकि, यह छूट सशर्त दी गयी है। इरडा ने कहा कि यह छूट 2020-21 के दौरान जारी की जाने वाली सभी बीमा पॉलिसियों के लिए मान्य रहेगी। विभिन्न बीमा कंपनियों के ग्राहकों तक पॉलिसी भेजने में आ रही दिक्कतों को लेकर चिंता व्यक्त करने के बाद इरडा ने यह निर्णय किया है। कंपनियों को ई-पॉलिसी को देखने-समझने के लिए ग्राहक को 30 दिन का समय देना होगा। साथ ही ग्राहकों से ई-पॉलिसी लेने को लेकर सहमति हासिल करनी होगी। यदि ग्राहक उसके बाद भी हार्ड कॉपी या दस्तावेज की मांग करता है तो कंपनियों को उसे वह भेजना होगा।
- नई दिल्ली। मासिक स्तर पर एनटीपीसी समूह का बिजली उत्पादन जून 2020 के 23.5 बिलियन यूनिट की तुलना में जुलाई महीने में 13.3 प्रतिशत की जोरदार बढ़त के साथ 26.73 बिलियन यूनिट हो गया।एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा जारी बयान के अनुसार उसकी कोयला संचालित बिजली इकाइयों ने जुलाई 2019 के 20.74 बिलियन यूनिट की तुलना में जुलाई 2020 में 21.89 बिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कर वार्षिक आधार 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित एनटीपीसी की इकाई (2600 मेगावाट) ने जुलाई 2020 के दौरान अपनी अधिकतम क्षमता का 100 प्रतिशत औसत उत्पादन हासिल किया।62 हजार 910 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ एनटीपीसी समूह के पास 24 कोयला, 7 गैस / तरल ईंधन, 1 हाइड्रो और 13 नवीकरणीय उूर्जा से संचालित स्टेशनों के अलावा 25 सहायक और जेवी पावर स्टेशन हैं। कुल मिलाकर इनकी संख्या 70 है।---
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नई दिल्ली। एनटीपीसी के मध्यप्रदेश के खरगौन स्थित बिजली संयंत्र की सुरक्षा कमान मंगलवार को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने अपने हाथ में ले ली। देश के इस पहले अल्ट्रा सुपर तापीय विद्युत संयंत्र की सुरक्षा में सीआईएसएफ के 130 सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं। राज्य की राजधानी भोपाल से करीब 320 किलोमीटर दूर सेल्दा गांव में स्थित इस संयंत्र को सीआईएसएफ की ओर से आतंकी गतिविधियों से निपटने में सक्षम सुरक्षा प्रदान की जायेगी। एनटीपीसी के इस संयंत्र ने पिछले साल अगस्त में ही काम करना शुरू किया है। सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सीआईएसएफ के 130 जवानों की टुकड़ी को संयंत्र की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। डिप्टी कमांडेंट स्तर का एक अधिकारी इनकी कमान सभालेगा। सुरक्षा अपने हाथ में लेने की औपचारिकता मंगलवार को संयंत्र पर पूरी की गयी। एनटीपीसी के मुताबिक यह देश का पहला अल्ट्रा सुपर तापीय विद्युत संयंत्र है। इसकी क्षमता 660 मेगावाट है। संयंत्र 41.5 प्रतिशत की परिचालन क्षमता पर काम करता है जो परंपरागत सुपर क्रिटीकल संयंत्रों की तुलना में 3.3 प्रतिशत अधिक है। मध्यप्रदेश में यह पांचवा बिजली संयंत्र है जिसकी सुरक्षा सीआईएसएफ के सुपुर्द की गई है।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि शत प्रतिशत आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना- ई सी एल जी के तहत सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों ने कल तक 92 हजार करोड़ रूपए से अधिक के ऋण वितरित किए।सरकार ने कुल एक लाख 37 हजार 586 करोड़ रूपए मंजूर किए हैं। यह योजना 23 मार्च से 31 अक्टूबर 2020 की अवधि या तीन लाख करोड़ रूपए की स्वीकृत राशि के खत्म होने तक ई सी एल जी के तहत स्वीकृत सभी ऋणों पर लागू होगी। कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट को कम करने तथा सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों को अतिरिक्?त ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस स्कीम की घोषणा की गई थी। इसका उद्देश्य उद्यमियों को अपनी देनदारियां पूरी करने और कारोबार को फिर से शुरू करने में मदद करना भी है।---
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नई दिल्ली। सरकारी इस्पात कंपनी सेल ने मंगलवार को कहा कि जुलाई 2020 में उसकी कुल बिक्री में पिछले साल इसी माह के मुकाबले लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 15.83 लाख टन रही है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने एक बयान में कहा, पिछले साल इसी महीने के दौरान कंपनी ने 10.59 लाख टन इस्पात की बिक्री दर्ज की थी। कंपनी ने कहा, सेल ने जुलाई 2020 में 15.83 लाख टन इस्पात की बिक्री की, जो जुलाई के महीने में इसका सबसे अच्छा प्रदर्शन है। यह जुलाई 2019 की बिक्री से लगभग 50 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने इस दौरान घरेलू बाजार में 12.73 लाख टन इस्पात की बिक्री की और 3.10 लाख टन इस्पात का निर्यात किया। घरेलू बाजार की बिक्री में साल भर पहले की तुलना में 29 प्रतिशत और निर्यात में 349 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कंपनी के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने कहा, सेल समग्र प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिये कड़ी मेहनत कर रही है। ये प्रयास रिकॉर्ड बिक्री, घटे भंडार, सुधरे संग्रह और कम हुए कर्ज के रूप में परिणाम दिखाने लगे हैं।
- - छत्तीसगढ़ में उत्पादन एवं बिक्री में हुआ 35 प्रतिशत एवं 20 प्रतिशत का सुधारहैदराबाद। भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एवं विविध कार्य क्षेत्रों में विस्तृत खनन क्षेत्र में अग्रणी नवरत्न पीएसयू एनएमडीसी ने जुलाई 2020 में समग्र उत्पादन तथा बिक्री में जुलाई 2019 की पिछली अवधि के मुकाबले तीव्र वृद्धि दर्ज की।इस अवधि के दौरान, कोविड -19 के कारण उत्पन्न अनिश्चित स्थिति के बावजूद, एनएमडीसी उत्कृष्ट निष्पादन करने में सफल रहा। उच्च वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास के कारण इसका उत्पादन 2.19 एमटी रहा तथा बिक्री 2.57 एमटी रही जो कि विगत वर्ष की इसी अवधि से क्रमश: 13 प्रतिशत एवं 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।जुलाई 2020 में छत्तीसगढ़ स्थित परियोजनाओं ने विगत वर्ष के जुलाई माह के दौरान हुए 1.16 मिलियन टन के उत्पादन के मुकाबले 1.56 मिलियन टन उत्पादन किया जो 35 प्रतिशत की वृद्धि है। एनएमडीसी ने बिक्री में भी जुलाई 2019 के 1.60 मिलियन टन के मुकाबले जुलाई 2020 में 1.90 मिलियन टन लौह अयस्क की बिक्री की जो 20 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि है।श्री सुमित देब, अध्यक्ष -सह-प्रबंध निदेशक, एनएमडीसी ने कहा कि, समूचे उद्योग के लिए पिछले कुछ माह काफी चुनौतीपूर्ण रहे हैं जिसमें वैश्विक महामारी के कारण सभी प्रमुख उत्पादकों के निष्पादन पर प्रभाव पडा है। तथापि, इस चुनौती को हमने एक अवसर के रूप में लेते हुए अपने उत्पादन को सुस्थिर बनाने के प्रयासों में गति लाने का प्रयास किया और अपनी उत्पादन प्रक्रिया में निरंतर सुधार किया। आने वाले समय में एनएमडीसी अपने आधार को मजबूत बनाने के लिए लागत क्षमता को अभीष्टतम बनाने के प्रयत्न करेगा।----
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नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिकारी अजय जैन, विवेक जौहरी और संगीता शर्मा को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) का सदस्य नियुक्त किया गया है। कार्मिक मंत्रालय के आदेश के अनुसार जैन और जौहरी 1985 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क) अधिकारी हैं। शर्मा 1986 बैच के आईआरएस (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क) अधिकारी हैं। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सीबीआईसी के सदस्य के रूप में जैन, जौहरी और शर्मा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। अप्रत्यक्ष कर से जुड़ी नीति बनाने की जिम्मेदारी सीबीआईसी के पास है। इसकी अगुवाई चेयरमैन करते हैं जबकि इसमें अधिकतम छह सदस्य हो सकते हैं। -
नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को प्रतिनिधि सलाहकारों (प्रॉक्सी एडवाइजर) के लिये प्रक्रियात्मक दिशानिर्देश जारी किए। इसके तहत उन्हें मतदान की सिफारिश करने के संदर्भ में नीतियां बनानी होगी और उसमें किसी प्रकार की नई व्यवस्था के बारे में अपने ग्राहकों को जानकारी देनी होगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नये दिशानिर्देश एक सितंबर से अमल में आएंगे। सेबी ने कहा, प्रतिनिधि सलाहकार मतदान की सिफारिश के बारे में नीतियां बनाएंगे और उसमें कुछ भी नया जोड़ा जाता है, उसके बारे में अपने ग्राहकों को जानकारी देंगे। प्रतिनिधि सलाहाकर यह सुनिश्चित करेंगे नीतियों में साल में कम-से-कम एक बार समीक्षा हो। इसमें कहा गया है कि सिफारिश की गयी नीतियों में यह भी खुलासा होना चाहिए कि किन परिस्थितियों में वोटिंग सिफारिश उपलब्ध नहीं करायी जाएगी। इन सलाहकारों को अपने अनुसंधान और ग्राहकों को की गयी सिफारिशों के लिये अपनाये गये तौर-तरीकों और प्रक्रियाओं का भी खुलासा करना होगा। प्रतिनिधि सलाहकार किसी भी प्रकार की तथ्य संबंधी गड़बड़ी या सामग्री में समीक्षा के बारे में 24 घंटे के भीतर अपने ग्राहकों को सतर्क करेंगे। सेबी के अनुसार उन्हें अपने ग्राहकों और कंपनी को प्रक्रियाओं के बारे में बताना होगा।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वित्तीय समावेशन की व्यापक पहल ने 40 करोड़ बैंक खातों के साथ एक नया कीर्तिमान बनाया है।श्री ठाकुर ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत देशभर में 40 करोड़ बैंक खाते खोलना ऐतिहासिक उपलब्धि है। मोदी सरकार वित्तीय समावेश को आखऱिी व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के दौर में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से सरकार ने लाभार्थियों तक सरकारी मदद का एक-एक पैसा पहुंचाने के लिए वित्तीय तंत्र को पूरी तरह सुरक्षित बनाया है।

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नई दिल्ली। पेंट कंपनी कंसाई नेरोलैक का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 79.42 प्रतिशत गिरकर 29.64 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी को 144.69 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
शेयर बाजार को दी जानकारी में कंपनी ने सोमवार को कहा कि समीक्षा में उसकी कुल आय 58.23 प्रतिशत गिरकर 647.08 करोड़ रुपये रही। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी की आय 1,549.18 करोड़ रुपये थी। कंपनी के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एच. एम. भरुका ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के चलते अप्रैल-जून तिमाही में मांग में अभूतपूर्व कमी देखी गयी। इससे कंपनी के बिक्री प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि अप्रैल में बिलकुल बिक्री नहीं हुई। जबकि मई-जून में इसमें सुधार देखा गया। दोनों महीनों में कंपनी की पेंट बिक्री की मात्रा दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज की गयी।
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नई दिल्ली। ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन इंडिया ने अपनी प्राइम डे सेल शुरू होने से कुछ दिन पहले पंजाब के लुधियाना में नया पूर्ति केंद (बिक्रेतओं के लिए गोदाम की सुविधा) खोला है।
कंपनी देशभर में अपने आपूर्ति केंद्रों (गोदामों) के नेटवर्क का विस्तार कर रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा यह नया आपूर्ति केंद्र उसकी भंडारण विस्तार योजना का हिस्सा है। इसकी भंडारण क्षमता तीन लाख घन फीट है। यह दोराहा इलाके में है। यहां फर्नीचर जैसे बड़े सामान भी रखे जा सकते हैं। इसी के साथ अमेजन इंडिया के लुधियाना में दो आपूर्ति केंद्र हो गए हैं। इनकी कुल भंडारण क्षमता साढ़े चार लाख घन फीट से अधिक है। कंपनी की परिवहन सेवा के निदेशक अभिनव सिंह ने कहा कि कंपनी के गोदाम राज्यभर के हजारों विक्रेताओं की मदद करेंगे और उन्हें राज्यभर में अपने ग्राहक बनाने में सहायता करेंगे। कंपनी की प्राइम डे सेल छह-सात अगस्त 2020 को है।
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नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी मोदी ने कर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी आयकरदाताओं के करों के आकलन का काम अगस्त के अंत तक पूरा कर लें। इसके अलावा सभी फील्ड अधिकारियों के लिए अपीलों के निपटान का मासिक लक्ष्य भी तय किया गया है। संग्रहण में कमी के बीच कर राजस्व के लक्ष्य को पाना चुनौती नजर रहा है, जिसके मद्देनजर सीबीडीटी प्रमुख ने यह निर्देश जारी किया है। आयकर विभाग के प्रधान मुख्य आयुक्तों को लिखे पत्र में मोदी ने कहा है कि कई करदाता ‘विवाद से विश्वास' योजना के तहत आवेदन करने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उनको कर विभाग से उनपर बने कर ही सही मांग के बारे में सूचना का इंतजार है। सीबीडीटी प्रमुख ने अधिकारियों के लिए लंबित अपीलों के निपटान का मासिक लक्ष्य भी तय किया है। अधिकारियों से कहा गया है कि वे ई-फाइलिंग पोर्टल या सिर्फ ई-मेल के जरिये जानकारी भेजकर अपीलों का निपटान करें। सीबीडीटी के प्रमुख ने नौ जुलाई को लिखे पत्र में कहा है, बोर्ड चाहता है कि विवाद से विश्वास योजना के तहत आने वाले करदाताओं की कर मांग और कर भुगतान की गणना या रिफंड से संबंधित कामकाज प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। मोदी ने कर अधिकारियों से कहा है कि वे विवाद से विश्वास योजना के तहत आवेदनों पर तत्काल गौर करें। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, इस योजना के तहत आवेदन मिला हो या नहीं मिला हो, सभी आकलन अधकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले आयकरदाताओं के कर भुगतान या कर रिफंड की गणना का काम तेजी से निपटाना होगा। -
नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से लगाए गए लॉकडाउन के तेज झटके के बाद अब भारतीय इस्पात बाजार में सुधार दिखाई दे रहा है। आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया के चेयरमैन आदित्य मित्तल ने यह राय व्यक्त की है। आदित्य मित्तल इस्पात क्षेत्र के दिग्गज उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल के पुत्र हैं। उन्होंने कहा कि आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया (पूर्व में एस्सार स्टील) का गुजरात के हजीरा का संयंत्र अपनी पूरी क्षमता पर परिचालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से घरेलू मांग बुरी तरह प्रभावित हुई थी। विशेषरूप से अप्रैल में। हालांकि, अब इस बाजार में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। घरेलू मांग के बारे में मित्तल ने कहा, हम घरेलू मांग में सुधार देख रहे हैं। यहीं वजह है कि हमारा हजीरा का संयंत्र पूरी क्षमता पर परिचालन कर रहा है। दुनिया की दिग्गज इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल ने दिसंबर, 2019 में कर्ज के बोझ से दबी एस्सार स्टील के अधिग्रहण तथा जापान की निप्पन स्टील के साथ संयुक्त उद्यम एएम/एनएस के गठन की घोषणा की थी। मूल कंपनी आर्सेलरमित्तल के अध्यक्ष एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) आदित्य मित्तल को एएम/एनएस का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। दिलीप ओम्मेन को कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया था। आर्सेलरमित्तल को 30 जून को समाप्त दूसरी तिमाही में 55.9 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ है। कंपनी ने इसे अपने इतिहास की सबसे कठिन तिमाही बताया है। एएम/एनएस के प्रदर्शन के बारे में निवेशकों के समक्ष प्रस्तुतीकरण में मित्तल ने कहा कि दूसरी तिमाही में कंपनी का कच्चे इस्पात का उत्पादन घटकर 12 लाख टन रह गया, जो जनवरी-मार्च की तिमाही में 17 लाख टन था। इसके अलावा कंपनी की ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन (ईबीआईटीडीए) से पहले आय घटकर 10.7 करोड़ डॉलर रही, जो पहली तिमाही में 14 करोड़ डॉलर रही थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से कंपनी का कारोबार प्रभावित हुआ। यह पूछे जाने पर कि क्या एएम/एनएस इंडिया अपनी वृद्धि के लिए निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगी, मित्तल ने कहा कि कंपनी कारोबार बढ़ाने के लिए घरेलू बाजार पर ही ध्यान देगी।
- नई दिल्ली। इस वर्ष जुलाई में वस्तु एवं सेवा कर-जीएसटी के रूप में कुल 87 हजार 422 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ। इसमें केंद्रीय जीएसटी का हिस्सा 16 हजार 147 करोड़ रुपये और राज्यों के जीएसटी का हिस्सा 21 हजार 418 करोड़ रुपये है। इसमें आईजीएसटी 42 हजार 592 करोड़ रुपये है। इसमें माल के आयात पर उपकर के रूप में प्राप्त किए गए 7 हजार 265 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने नियमित निपटान के तहत आईजीएसटी से सीजीएसटी के लिए 23 हजार 320 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 18 हजार 838 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। जुलाई महीने में नियमित निपटान के बाद केंद्र सरकार का सीजीएसटी संग्रह 39 हजार 467 करोड़ रुपये और राज्य सरकारों द्वारा प्राप्त एसजीएसटी 40 हजार 256 करोड़ रुपये रहा। पिछले महीने की तुलना में जुलाई महीने में जीएसटी संग्रह में कमी आई है।---
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सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा भी बदली
नई दिल्ली। कोरोना आपदा से निपटने के लिए शुरू की गई 3 लाख करोड़ रुपए की एमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम का सरकार ने दायरा बढ़ा दिया है। अब इस स्कीम के तहत एमएसएमई के अलावा डॉक्टर, वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) भी अपने कारोबार को बढ़ावा देने के लिए गारंटी मुक्त लोन ले सकते हैं। साथ ही सरकार ने इस स्कीम में लोन आउटस्टैंडिंग की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। कोरोनावायरस संक्रमण का कारोबारों और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। इस आपदा से निपटने के लिए व्यापारिक संगठनों ने सरकार से राहत की मांग की थी। इसके बाद ही सरकार ने मई में एमएसएमई के लिए ईसीएलजीएस स्कीम की घोषणा की थी। इस स्कीम के तहत एमएसएमई को कम ब्याज दर पर गारंटी मुक्त 3 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया जाना है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा कारोबारों को इस स्कीम का लाभ देने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने जून में एमएसएमई की परिभाषा में भी बदलाव किया था। नई परिभाषा 1 जुलाई से लागू हो गई है।
कारोबारी मकसद से लिया जा सकता है व्यक्ति लोन
इन बदलावों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अब इस स्कीम के तहत कारोबारी मकसद से व्यक्तिगत लोन भी लिया जा सकता है। हालांकि, लोन लेने के लिए स्कीम के तहत सभी पात्रताएं पूरी करनी होंगी। वित्तीय सेवाओं के सचिव देबाशीष पांडा ने कहा कि हमने इस योजना में अब डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट और वकील जैसे प्रोफेशनल्स को भी शामिल किया है। इन प्रोफेशनल्स को लोन देने के लिए भी वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जो कारोबारियों के लिए अपनाई जाती है।
लोन आउटस्टैंडिंग की सीमा दोगुनी की
वित्तीय सेवाओं के सचिव देबाशीष पांडा ने बताया कि इस स्कीम का ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को फायदा देने के मकसद से सरकार ने लोन आउटस्टैंडिंग की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। अब जिन एमएसएमई पर 29 फरवरी को 50 करोड़ का लोन आउटस्टैंडिंग था, वह भी इस स्कीम के तहत लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस स्कीम के तहत गारंटेड एमरजेंसी क्रेडिट लाइन (जीईसीएल) फंड को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए कर दिया है। इसके अलावा अब 250 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाली कंपनियों को भी स्कीम का लाभ मिलेगा। अभी तक यह सीमा 100 करोड़ रुपए थी।
स्कीम के तहत अब तक 1.37 लाख के लोन को मंजूरी
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 29 जुलाई तक बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज (एनबीएफसी) ने 1.37 लाख करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दे दी है। इसमें से 87,227 करोड़ रुपए का वितरण कर दिया गया है। देबाशीष पांडा ने बताया कि इस स्कीम के तहत छोटी कंपनियों को पर्याप्त रूप से कवर किया गया है। अब बड़ी कंपनियों को शामिल करने की तैयारी है। पांडा ने बताया कि 31 अक्टूबर तक इस स्कीम के तहत लोन लिया जा सकता है। वित्त मंत्री ने बताया कि योजना के विस्तार के लिए इसमें 1 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया गया है। इस स्कीम में 9.25 फीसदी की दर पर लोन मिलता है। - हैदराबाद। श्री सुमित देब ने आज एनएमडीसी लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) का कार्यभार ग्रहण किया। एनएमडीसी के सीएमडी पद पर कार्यग्रहण से पूर्व श्री देब एनएमडीसी में निदेशक (कार्मिक) पद पर कार्यरत थे । आईएएस श्री एन.बैजेंद्र कुमार की कल कॉरपोरेशन से सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्होंने इस पद पर कार्यभार ग्रहण किया है। उन्हें इससे पूर्व आर. आईएनएल और एनएमडीसी में कार्य करने का वृहद अनुभव रहा है। वे एनएमडीसी को सफलता के नए शिखर पर ले जाने की आकांक्षा रखते हैं।श्री सुमित देब ने वर्ष 2015 में एनएमडीसी में महाप्रबंधक (वाणिज्य) के रूप में कार्य ग्रहण किया था। उसके बाद अधिशासी निर्देशक (कार्मिक और प्रशासन) के रूप में पदोन्नत हुए। वर्ष 2019 में उन्होंने निदेशक (कार्मिक) का पदभार संभाला और वे कार्मिक और प्रशासन, मानव संसाधन विकास, विधि, नैगम संचार, सीएसआर, राजभाषा आदि विभागों के प्रमुख रहे। उन्होंने कंपनी के विजन और उद्देश्यों को एक नया आयाम प्रदान किया।श्री सुमित देब ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। एनएमडीसी से पूर्व वे राष्ट्रीय इस्पात निगम (आरआईएनएल) में थे। उन्होंने प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में कार्य ग्रहण किया था और 25 वर्षों तक आरआईएनएल में कार्यरत होकर इस्पात उद्योग का वृहद और बहुविध अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने देश के विभिन्न वर्गों के साथ कार्य करने और मानव संसाधन, विपणन और वितरण जैसे कार्य क्षेत्रों का विशद अनुभव प्राप्त किया।श्री सुमित देब को मानव शक्ति तथा सक्सेशन योजना, प्रशिक्षण और विकास तथा मानव संसाधन के अन्य क्षेत्रों का विशद अनुभव है। उन्हें इस्पात और लौह अयस्क, स्पॉज ऑयरन, पैलेट्स तथा हीरे के विपणन और वितरण का भी अनुभव है। अपने कॅरिअर के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण सफलताएं अर्जित करते हुए उन्होंने अपनी क्षमता को सिद्ध किया। उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वर्ष 2007-08 में जवाहर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।आईएएस श्री एन. बैजेन्द्र कुमार ने एनएमडीसी में अपने कार्यकाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि - मैं इस गतिशील और जीवंत कंपनी का एक हिस्सा होने पर स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं जो कि विनिर्माण क्षेत्र में अपने कार्य का विस्तार करते हुए तथा कोयला, स्वर्ण आदि जैसे अन्य खनिजों में विविधीकरण करते हुए प्रगति पथ पर अग्रसर है। मुझे विश्वास है कि श्री सुमित देब के नेतृत्व में एनएमडीसी निश्चय ही तेजी से प्रगति करेगा।श्री सुमित देब ने कार्यभार ग्रहण करते हुए कहा कि- श्री एन. बैजेन्द्र कुमार के मजबूत नेतृत्व में हमने एनएमडीसी को उद्योग के अगुआ संगठन के रूप में स्थापित किया और कंपनी को कार्यनीतिक विविधीकरण के लिए तैयार करते हुए लाभप्रदता के साथ प्रगति की। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनके साथ कार्य करने का अवसर मिला और सीखने के लिए यह एक अनुभव था। हम एक अविश्सनीय अवसर की स्थिति में हैं और मैं प्रदित और मूल्य सृजन पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। इस नवरत्न कंपनी का नेतृत्व करना सम्मान की बात है और हम अपनी कार्यनीतिक योजनाओं का निष्पादन करने और अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं।
- - अगले 5 वर्षों में 11.50 लाख करोड़ रु.के उत्पादन और 7 लाख करोड़ रु. के निर्यात की उम्मीदनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में और डिजिटल इंडिया तथा मेक इन इंडिया कार्यक्रमों जैसी दूरदर्शी पहल के कारण भारत में पिछले पांच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिकीविनिर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इलेक्ट्रॉनिकी पर राष्ट्रीय नीति 2019 में आकार और पैमाने पर ध्यान केंद्रित करके, निर्यात को बढ़ावा देकर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उद्योग के लिए समर्थनकारी परिवेश बनाकर घरेलू मूल्य संवर्धन करके भारत को इलेक्ट्रॉनिकी प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) के लिए वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को1 अप्रैल, 2020 को अधिसूचित किया गया था । पीएलआई योजना लक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत भारत में विनिर्मित और वस्तुओं की वृद्धिशील बिक्री (आधार वर्ष पर) पर पात्र कंपनियों कोआधार वर्ष (वित्त वर्ष 2019-20) के बाद पांच वर्ष की अवधि के लिए4त्न से 6त्न तक की प्रोत्साहन राशि देगी । यह योजना आवेदन करने के लिए 31.7.2020 तक खुली थी । योजना के अंतर्गत ये प्रोत्साहन 01.08.2020 से लागू हैं।अपने संबोधन में योजना के अंतर्गत एप्लीकेशन विंडो का निष्कर्ष करते हुए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, कानून और न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि वैश्विक तथा घरेलू मोबाइल विनिर्माण कंपनियों तथा इलेक्ट्रॉनिकी संघटक-पुर्जा विनिर्माताओं से प्राप्त आवेदनों की दृष्टि से पीएलआई योजना बहुत सफल रही है । उद्योग ने एक विश्व स्तरीय विनिर्माण स्थल के रूप में भारत की प्रगति में अपना विश्वास जताया हैतथा यह प्रधानमंत्री केआत्म-निर्भर भारत-ए सेल्फ-रिलायंट इंडिया के आह्वान के साथ ठोस रूप से प्रतिध्वनित होता है ।पीएलआई योजना के तहत कुल 22 कंपनियों ने अपना आवेदन दिया है। मोबाइल फोन (इनवॉइस वैल्यू आईएनआर 15,000 और इससे अधिक) खंड के तहत आवेदन करने वाली अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल फोन विनिर्माण कंपनियां इस प्रकार हैं- सैमसंग, फॉक्सकॉन हॉन हाय, राइजिंग स्टार, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉनहै। इनमें से 3 कंपनियां, अर्थात् फॉक्सकॉन हॉन हाय, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन, एप्पल आईफोन के लिए अनुबंध पर विनिर्माता हैं। एप्पल (37 प्रतिशत ) और सैमसंग (22 प्रतिशत ) मिलकरमोबाइल फोन की वैश्विक बिक्री के राजस्व का लगभग 60 प्रतिशत हैं और इस योजना से देश में उनके विनिर्माण आधार में कई गुना वृद्धि होने की उम्मीद है।मोबाइल फोन (घरेलू कंपनियां) खंडके तहत भारतीय कंपनियों जिसमें लावा, डिक्सन टेक्नोलॉजीज़, भगवती (माइक्रोमैक्स), पैडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स, सोजो मैन्युफैक्चरिंगसर्विसेज़ और ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं, ने इस योजना के तहत आवेदन किया है। उम्मीद है कि ये कंपनियां बड़े पैमाने पर अपने विनिर्माण कार्यों का विस्तार करेंगी और मोबाइल फोन उत्पादन के क्षेत्र में राष्ट्रीय चैंपियन कंपनियों के रूप में विकसित होंगी।10 कंपनियों ने विनिर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक संघटक पुर्जाखंड के तहत आवेदन किए हैं, जिसमें एटीएंडएस, एसेंट सर्किट्स, विजिकॉन, वाल्सिन, सहस्रा, विटेस्को और नियोलिंक शामिल हैं। अगले 5 वर्षों में, इस योजना से लगभग आईएनआर 11 लाख 50 हजार करोड़ (आईएनआर 11.5 लाख करोड़) का कुल उत्पादन होने की उम्मीद है। कुल उत्पादन में से, मोबाइल फोन (इनवॉइस वैल्यू आईएनआर 15 हजार और इससे अधिक) खंड के तहत कंपनियों ने आईएनआर 9 लाख करोड़ से अधिक के उत्पादन का प्रस्ताव किया है, और मोबाइल फोन (घरेलू कंपनियां)खंड के तहत कंपनियों ने लगभग आईएनआर 2 लाख करोड़ का उत्पादन प्रस्तावित किया है और विनिर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक संघटक पुर्जाखंड के तहत आने वाली कंपनियों ने आईएनआर 45 हजार करोड़ से अधिक के उत्पादन का प्रस्ताव किया है।इस योजना से निर्यात को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अगले 5 वर्षों में आईएनआर 11 लाख 50 हजार करोड़ के कुल उत्पादन में से 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान निर्यात द्वारा दिया जाएगा, जो आईएनआर 7 लाख करोड़ है । इस योजना से इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण में आईएनआर 11 हजार करोड़ का अतिरिक्त निवेश होगा।इस योजना से अगले 5 वर्षों में लगभग 3 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसरपैदा होंगेऔर इसके साथ प्रत्यक्ष रोजगार के लगभग 3 गुना अतिरिक्त अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा ।घरेलू मूल्य संवर्धन मोबाइल फ़ोनों के मामले में वर्तमान 15-20त्न से 35-40त्न तक और इलेक्ट्रॉनिक संघटक पुर्जों के लिए 45-50त्न तक बढऩे की उम्मीद है।भारत में इलेक्ट्रॉनिकी की मांग में वर्ष 2025 तक कई गुना बढऩे की उम्मीद है, माननीय मंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना और अन्य पहलें भारत को इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण के लिए एक प्रतिस्पर्धी स्थल बनाने में मदद करेंगी औरआत्मनिर्भर भारतको प्रोत्साहन देंगी । इस योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण में घरेलू चैंपियन कंपनियों का निर्माण होने से वैश्विक स्तर का लक्ष्य रखते हुए देश में विनिर्मित वस्तुओं के इस्तेमालको प्रोत्साहन मिलेगा।
- -एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने रेशम के मास्क का केवीआईसी का उपहार बॉक्स लॉन्च कियानई दिल्ली। अब आप अपने परिवार और दोस्तों को उपहार में खास तौर पर तैयार किए गए खादी रेशम फेस मास्क का एक आकर्षक उपहार बॉक्स दे सकते हैं। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कल खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी)द्वारा विकसित उपहार बॉक्स का शुभारंभ किया।उपहार बॉक्स में विभिन्न रंगों और प्रिंटों में चार दस्तकारी रेशम के मास्क होते हैं। मास्क को सुनहरा उभरे हुए मुद्रण के साथ एक सुंदर रूप से तैयार किए गए हस्तनिर्मित काले रंग के पेपर बॉक्स में पैक किया गया है।श्री गडकरी ने उपहार बॉक्स की सराहना करते हुए कहा कि यह सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ त्योहारों का जश्न मनाने का एक उपयुक्त उत्पाद है। उन्होंने केवीआईसी की मास्क बनाने की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे कारीगरों को कोरोना महामारी के सबसे कठिन समय के दौरान स्थायी आजीविका मिलती है।रेशम मास्क उपहार बॉक्स की कीमत सिर्फ 500 रुपये प्रति बॉक्स है और अब दिल्ली एनसीआर में केवीआईसी के सभी आउटलेट्स पर उपलब्ध है। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि उपहार बॉक्स लॉन्च करने के पीछे का विचार विदेशी बाजार और त्योहारों के मौसम के दौरान अपने प्रियजनों के लिए उचित मूल्य के उपहारों की तलाश कर रहे एक बड़ी भारतीय आबादी की मांग को पूरा करना है।उपहार बक्से में एक मुद्रित रेशम मास्क और तीन अन्य मास्क ठोस आकर्षक रंगों में होंगे। ये तीन स्तरीय रेशम मास्क त्वचा के अनुकूल,धोने योग्य, पुन: उपयोग योग्य, और स्वाभिवक रूप से सडऩशील हैं। सिल्क मास्क में तीन चुन्नट होते हैं और कान में लगाने वाले लूप को आसानी से समायोजित किया जा सकता है। इसमें 100 प्रतिशत खादी सूती कपड़े की दो आंतरिक परतें और रेशम कपड़े की एक शीर्ष परत है।----
- नई दिल्ली। ऐपल की स्मार्टवॉच लेटेस्ट फीचर्स के साथ आती हैं। पिछले सालों में ऐपल ने नए हार्डवेयर और काम के सॉफ्टवेयर फीचर्स के साथ अपनी प्रॉडक्ट लाइन को बेहतर बनाया है। अब एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि एपल वॉच सीरिज 6 ब्लड ऑक्सीजन लेवल मॉनिटरिंग और स्लीप ट्रैकिंग फीचर्स के साथ आएगी। ऐपल आईफोन 12 सीरीज के साथ नई ऐपल स्मार्टवॉच लेकर आएगी।कई धांसू फीचर्स के साथ आएगी ऐपल की नई वॉचडिजी टाइम्स की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि नेक्स्ट जेनरेशन ऐपल स्मार्टवॉच इन सारे फीचर्स के साथ आ सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान की एएसई को आने वाली ऐपल वॉच के लिए बड़े सिप ऑर्डर मिले हैं। ऐपल की नई स्मार्टवॉच में स्लीपिंग कंडीशंस मॉनिटर करने, ब्लड ऑक्सीजन डिटेक्ट करने, पल्स रेट, हार्टबीट और एट्रिअल फाइब्रलेशन के लिए बायोसेंसर्स होंगे।पहले भी स्पॉट किए गए हैं ये फीचर्सऐपल की इस नई स्मार्टवॉच में सटीक डेटा के लिए एमईएमएस बेस्ड एक्सेलेरोमीटर और जायरोस्कोप हो सकते हैं। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब यह सुनने में आ रहा है कि ऐपल वॉच ब्लड ऑक्सीजन लेवल मॉनिटरिंग को सपॉर्ट करेगी। इस फीचर को मार्च में आईओएस 14 लीक्ड कोड में भी स्पॉट किया गया था।डिस्कवर्ड कोड के मुताबिक जब ब्लड ऑक्सीजन लेवल, हेल्दी लिमिट के नीचे जाएगा तो ऐपल तुरंत नोटिफिकेशंस भेजेगी। हालांकि, लीक कोड से यह क्लीयर नहीं है कि यह फीचर केवल नई ऐपल वॉच सीरीज 6 डिवाइसेज के लिए लिमिटेड होगा या यह वॉचओएस 7 में सॉफ्टवेयर अपडेट के रूप में आएगा।--
- नई दिल्ली। मारुति सुजुकी भारतीय बाजार में अपने पोर्टफोलियो में कई नए प्रॉडक्ट्स लाने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में कंपनी 4 मीटर यूवी,, एक्सएल 5और 5 डोर डोर जिम्नी लाने की योजना बना रही है। कंपनी अगले 2 साल में ये प्रॉडक्ट्स बाजार में उतारेगी। अब खबर है कि कंपनी इन मॉडल्स अलावा कंपनी 800 सीसी की एंट्री लेवल कार भी लॉन्च करेगी।एंट्री लेवल सेगमेंट में मारुति सुजुकी भारत के सबसे सफल ब्रैंड्स में से एक है। कंपनी की मारुति सुजुकी 800 कार भारत की सबसे सफल बज कारों में से एक है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी भारत में बीएस 6 डीजल इंजन मॉडल भी फिर से लाने की प्लानिंग कर रही है। कंपनी ब्रेजा, सियाज, अर्टिगा और एसएल 6 को बीएसवीआई कंप्लायंट डीजल इंजन के साथ लाने की तैयारी कर रही है। इन मॉडल्स मं 1.5 लीटर डीजल इंजन दिया जा सकता है।मारुति सुजुकी ऑल्टो हैचबैक को रिप्लेस करेगी नई 800 सीसी कारमारुति सुजुकी की नई 800 सीसी इंजन वाली कार भारतीय बाजार में ऑल्टो 800 को रिप्लेस करेगी। भारत में यह कार 2022 तक लॉन्च की जा सकती है।--
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष में कृषि कंपनियों को बढावा देने के अंतर्गत 112 स्टार्टअप की वित्तीय सहायता के लिए करीब 12 करोड़ रूपए खर्च करेगी। कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि यह वित्तीय सहायता कृषि-प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी और मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में विभिन्न ज्ञान आधारित भागीदारों और कृषि व्यापार से जुड़ी नई कंपनियों को दी जाएगी।उन्होंने कहा कि धन की यह व्यवस्था नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत की जाएगी। इन स्टार्ट अप कंपनियों को देशभर में फैले 29 कृषि व्यापार इंक्यूबेशन केन्द्रों पर दो महीने का प्रशिक्षण दिया गया था।मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप कपंनियों को प्रोत्साहित करने के पीछे सरकार का उद्देश्य किसानों की आय में बढ़ोतरी करना और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि स्टार्टअप और कृषि उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है ताकि कृषि और अनुषंगिक क्षेत्रों में नवाचार और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके।---
- नई दिल्ली। भारत सरकार माइगॉव डॉट इन पर आत्मनिर्भर भारत लोगो डिजाइन प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है, जिसके माध्यम से वह देश के नागरिकों से आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए रचनात्मक और अभिनव आदानों पर आधारित लोगो विकसित करवाकर, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक अलग पहचान देने की कोशिश कर रही है।इसके लिए प्रविष्टियों को जमा करने की अंतिम तिथि, 5 अगस्त 2020 को रात 11.45 बजे तक है। जिस भी लोगो को चुना जाएगा उसे 25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।माइगॉव, देश के शासन और विकास में भारतीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक जन सहभागिता मंच है। माइगॉव ने विभिन्न विभागों और स्वच्छ भारत, देखो अपना देश, लोकपाल और कई अन्य पहलों के लिए लोगो को क्राउडसोर्स किया है।प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अंतर्गत, भारत ने यह प्रदर्शित किया है कि वह किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ता है और उसके द्वारा प्रस्तुत किए गए अवसरों को उजागर करता है। भारत ने धैर्य और आत्मनिर्भरता की भावना के साथ कोविड-19 की विकट परिस्थितियों का सामना किया है, जो इस तथ्य के माध्यम से स्पष्ट होता है कि मार्च 2020 से पहले भारत में व्यक्तिगत संरक्षण उपकरण (पीपीई) का उत्पादन शून्य था जो कि बढ़कर वर्तमान समय में रोजाना 2 लाख पीपीई किट का उत्पादन करने की क्षमता हो गई है, और यह लगातार बढ़ रही है।इसके अतिरिक्त, भारत ने यह प्रदर्शित किया है कि वह किस प्रकार से चुनौतियों से आगे बढ़ता है और उसको अवसरों में बदलता है, जो कि जीवन रक्षक वेंटिलेटर का निर्माण में सहयोग के लिए विभिन्न ऑटोमोबाइल क्षेत्र के उद्योगों के पुन: प्रयोजन से भी प्रकट होता है।---



















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