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- रायपुर। कोरोना रोकथाम में छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों को न केवल देश भर में सराहना मिली, बल्कि आज रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देश व्यापी लॉकडॉउन के बावजूद छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में आर्थिक क्षेत्र में तेज़ी से वृद्धि देखी गयी जो कि देश में सुखद वातावरण बनाता है।रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, पिछले तीन हफ्तों में, घरेलू विकास पर कुछ आंकड़े जारी किए गए हैं, लेकिन वे अर्थव्यवस्था की स्थिति का व्यापक मूल्यांकन करने के लिए बहुत निराश करते है। इन सबके बावजूद छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा, असम, कर्नाटक जैसे राज्य तालाबंदी के बावजूद बुवाई गतिविधि में अग्रणी हैं। खाद्यान्न और बागवानी के उत्पादन में, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के सभी कार्य में निरन्तर तेज़ी बनी रहने के कारण इन राज्यों में देश के अन्य विकसित राज्यों के मुक़ाबले आर्थिक विकास की दर काफ़ी अच्छी है।---
- नई दिल्ली। रुपये में गिरावट और वित्तीय बाजार के अन्य क्षेत्रों में अस्थिरता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने कई नियामक उपायों की घोषणा की है। बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज रिवर्स रैपोरेट को चार प्रतिशत से घटाकर तीन दशमलव सात पांच प्रतिशत करने की घोषणा की। रैपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।रिजर्व बैंक के गवर्नर ने लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान से उबरने के लिये लघु और मध्यम उद्योगों के लिए पचास हजार करोड़ रुपये के पैकेज की भी घोषणा की। श्री दास ने यह भी घोषणा की कि बैंकों के फंसे कर्जों के लिए समाधान योजना की अवधि नब्बे दिन तक बढ़ा दी जायेगी। उन्होंने बताया कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा रियल एस्टेट कंपनियों को दिये गये ऋणों पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिये जाने वाले लाभ के समान लाभ दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इन उपायों से बाजार नकदी का प्रवाह बनाये रखने में मदद मिलेगी, बैंक ऋण सुविधा बढ़ेगी। वित्तीय दबाव कम होगा और बाजारों का औपचारिक संचालन हो सकेगा।श्री दास ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के अनुमान के अनुसार भारत की विकास दर जी-20 देशों में सबसे अधिक रहने की आशा है। उन्होंने कहा कि मॉनसून पूर्व खरीफ-बुवाई काफी अच्छी हुई है और मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य रहने का अनुमान व्यक्त किया है।----
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नई दिल्ली। सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (सीईएनएस) ने पानी में भारी धातु के आयनों का पता लगाने के लिए एक कॉम्पैक्ट सॉलिड-स्टेट सेंसर विकसित किया है। यह एक पोर्टेबल यंत्र है जो दूरदराज के क्षेत्रों में ऑनसाइट खोज में मदद कर सकता है।
सीसा, पारा और कैडमियम जैसे भारी धातु के आयन सजीव प्राणियों के लिए बेहद गंभीर खतरे पैदा करते हैं क्योंकि वे आसानी से उनके शरीर में जमा हो सकते हैं और किसी भी रासायनिक या जैविक प्रक्रियाओं द्वारा उन्हें बाहर (डीटोक्सीफाई) नहीं किया जा सकता है। पानी में भारी धातु के आयनों से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों को देखते हुए इन आयनों के तेजी से ऑनसाइट खोज के लिए कुशल और पोर्टेबल सेंसर विकसित करने की जरुरत है। ऐसे दृश्य सेंसरों के विकास की आवश्यकता है, जो परिवेश की स्थितियों के तहत भारी धातु के आयनों का तेजी से (चंद सेकंड के भीतर) प्रभावी ढंग से पता लगा सकें।डॉ. प्रलय के. संतरा की अगुवाई में सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक कॉम्पैक्ट सॉलिड - स्टेट सेंसर विकसित किया है। इस सेंसर की फिल्म को मैंगनीज डोप्ड जिंक सल्फाइड क्वांटम डॉट्स एवं एक ग्लास सब्सट्रेट पर रिड्यूस्ड ग्राफीन ऑक्साइड के बीच संश्लेषण करके तैयार किया गया है। ये विशेष क्वांटम डॉट्स पानी में घुलनशील हैं और इनमें उच्च मात्रा में फोटोलुमिनेसेंस (9 30त्न) क्वांटम हैं, जिसकी वजह से वे ल्यूमिनेन्स - आधारित सेंसिंग के लिए उपयुक्त हैं। ये क्वांटम डॉट्स 254 एनएम के हैंडहेल्ड यूवी प्रकाश से उद्दीप्त हो सकते हैं और इस प्रकार वे दूरदराज के क्षेत्रों में भी एक पोर्टेबल डिवाइस को संभव बना सकते हैं। अगर पारा, सीसा, कैडमियम आदि जैसे भारी धातु के आयनों वाली पानी की एक बूंद को इस मिश्रित फिल्म से जोड़ा जाता है, तो फिल्म का उत्सर्जन चंद सेकंडों के भीतर हो जाता है।यह अध्ययन पानी में भारी धातु आयनों की आसान पहचान को दर्शाता है। हालांकि, शोधकर्ताओं की टीम पहचान की चयनात्मकता में सुधार लाने की रणनीति विकसित कर रही है।-- - नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने लॉकडाउन के दौरान 15 दिन में भविष्य निधि (पीएफ) निकासी के करीब 950 करोड़ रुपये के 3.31 लाख दावे निपटाए हैं।श्रम मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान अंशधारकों को राहत देने के लिए ईपीएफ योजना से विशेष निकासी का प्रावधन 28 मार्च को जोड़ा गया था। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) पैकेज के तहत यह विशेष राहत दी गई थी। मंत्रालय ने कहा कि इस कार्यक्रम के 15 दिन के भीतर ईपीएफओ ने 946.49 करोड़ रुपये के 3.31 लाख निकासी दावों का निपटान किया है। इसके अलावा पीएफ न्यासों ने 284 करोड़ रुपये का वितरण किया है। इसमें टीसीएस भी शामिल है।
- नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि जिन यात्रियों ने तीन मई तक यात्रा करने के लिये लॉकडाउन के प्रथम चरण के दौरान विमान टिकट बुक कराये थे, उन्हें एयरलाइनों से पूरा पैसा वापस मिलेगा और टिकट रद्द होने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।दरअसल, कई यात्री सोशल मीडिया पर यह शिकायत कर रहे हैं कि घरेलू एयरलाइनों ने लॉकडाउन के चलते रद्द हो चुकी उड़ानों के लिये नकद में किराये की राशि नहीं देने का फैसला किया है और इसके बजाय उक्त राशि को भविष्य की यात्रा में समायोजित करने का प्रस्ताव कर रहा है। गौरतलब है कि भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू किया था। इसका दूसरा चरण 15 अप्रैल से तीन मई तक है। इस दौरान हवाई सेवाएं भी रद्द कर दी गई हैं।---
- नई दिल्ली / रायपुर। नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। देश में हेड हार्डेंड रेल की इकलौती और निजी क्षेत्र की एकमात्र रेल निर्माता कंपनी जेएसपीएल को रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) से कोलकाता मेट्रो कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए 2308 मीट्रिक टन हेड हार्डेंड रेल आपूर्ति का ऑर्डर मिलने के बाद फ्रांस से भी 12 हजार टन विशिष्ट रेल ब्लूम सप्लाई का ऑर्डर मिला है।ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने भी जेएसपीएल के प्रोडक्ट्स में रुचि दिखाई है और उन राष्ट्रों से भी कंपनी को शीघ्र ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।जे.एस.पी.एल. के प्रबंध निदेशक वी.आर. शर्मा ने पूरी टीम को इस सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के प्रति निष्ठा और समर्पण की कंपनी की नीतियों के कारण यह संभव हुआ है। कंपनी के चेयरमैन नवीन जिन्दल के दूरदर्शी नेतृत्व में जेएसपीएल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निर्यात संबंधी संकल्प को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने स्टील उत्पादन को आवश्यक वस्तु अधिनियम में रखे जाने के लिए भी इस्पात मंत्री का आभार जताया।श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया पहल को गेम चेंजर बताते हुए कहा कि इस्पात मंत्रालय और रेल मंत्रालय ने स्टील कंपनियों को जो कारगर रोडमैप दिया है, उसके लिए हम केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और केन्द्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आभारी हैं। यह सरकार के प्रोत्साहन से ही संभव हुआ है कि स्टील के जिन ग्रेड्स का आज तक आयात किया जाता था, उसे हम देश में ही बनाने लगे हैं।श्री शर्मा ने कहा कि जेएसपीएल विश्वास दिलाती है कि वह अपने अनुसंधान और परिश्रम के बल पर सभी ग्रेड के स्टील बनाने में सक्षम है और घरेलू ग्राहकों को विश्व स्तरीय क्वालिटी के प्रोडक्ट उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि फ्रांस से 12 हजार टन विशिष्ट रेल ब्लूम का ऑर्डर मिला है, जिसकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही जेएसपीएल फ्रांस रेलवे के नियमित सप्लायरों की सूची में आ गई है। अब फ्रांस से नियमित रूप से ऑर्डर मिलते रहेंगे।वी.आर. शर्मा ने कहा कि जेएसपीएल इनोवेशन में विश्वास करती है और रेल सेक्टर में अनेक सफल प्रयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि फ्रेट कॉरिडोर और देश में बढ़ती मेट्रो की मांग को देखते हुए जेएसपीएल ने रेल मंत्रालय के अधीन कार्यरत रिसर्च डिजायंस एंड स्टैंडड्र्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) का प्रमाणपत्र मिलने के बाद 1080 एचएच (हीट ट्रीटेड) ग्रेड पटरियों का उत्पादन शुरू किया, जिसका पहला ऑर्डर (2308 टन) रेल विकास निगम लिमिटेड से मिला है। हम इसकी आपूर्ति इसी महीने से शुरू कर देंगे। रेलवे की मांग को देखते हुए जेएसपीएल अब विशेष आर 260 ग्रेड की पटरियां भी बनाने जा रही है जो प्रति डिब्बे वर्तमान 64 के मुकाबले 75 टन भार सहने की क्षमता वाली होगी।हेड हार्डेंड रेल का इस्तेमाल मेट्रो रेल और तेज गति वाली फ्रेट कॉरिडोर में होता है क्योंकि इन ट्रेनों में न सिर्फ अधिक भार होता है बल्कि ये मार्ग अपेक्षाकृत अधिक व्यस्त होते हैं और पहिये-पटरियों के बीच घर्षण भी ज्यादा होती है। इसके अलावा इन ट्रेनों की गति अचानक बढ़-घट जाती है और बार-बार ब्रेक लेने की नौबत आती है इसलिए हेड हार्डेंड रेल को फौलाद की तरह बनाया जाता है ताकि पटरियों के पिघलने, टूटने की गुंजाइश न रहे।हेड हार्डेंड रेल का निर्माण विशेष हीट ट्रीटमेंट प्रक्रिया से किया जाता है जिस कारण सामान्य रेल पटरियों के मुकाबले लगभग 50 फीसदी अधिक कठोरता इसमें आ जाती है, जो मेट्रो रेल और मालगाडिय़ों, दोनों के लिए आवश्यक होती है और जिससे हादसे की आशंका न के बराबर रह जाती है।---
- नई दिल्ली। उद्योग मंडल फिक्की ने निजी सुरक्षा गार्ड, साफ-सफाई कर्मचारी और कारखानों में श्रमिकों की आपूर्ति करने जैसे आउटसोर्स सेवा कारोबार को वित्तीय मदद मुहैया कराने की जरूरत बतायी है।फिक्की ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इस क्षेत्र को जीएसटी में छूट और भविष्य निधि में अंशदान इत्यादि के रूप में वित्तीय सहायता देने की मांग की है। यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार देता है। इसमें एटीएम के लिए नकदी लाने ले जाने वाली सेवा भी शामिल है। फिक्की के अनुसार इन क्षेत्रों का सालाना कारोबार आकार करीब एक लाख करोड़ रुपये है। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के कुल संग्रह में योगदान देने वाला यह तीसरा बड़ा क्षेत्र है। पिछले साल इस क्षेत्र का जीएसटी संग्रह में योगदान करीब 25 हजार करोड़ रुपये था। इसके अलावा इस क्षेत्र ने सबसे कम इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावे भी दाखिल किए हैं। इस क्षेत्र में करीब 10 हजार लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं।इन कंपनियों ने अगले तीन महीने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत कार्यबल के पारिश्रमिक में 35 प्रतिशत सब्सिडी और अगले छह महीने के लिए 25 प्रतिशत कार्यबल के लिए इतनी ही सब्सिडी की मांग रखी है। फिक्की की निजी सुरक्षा उद्योग समिति के चेयरमैन रितुराज सिन्हा ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि इस उद्योग की कंपनियों के लिए मौजूदा कार्यबल स्तर को बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। इसलिए इनको वित्तीय मदद पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में इस उद्योग की आय में 25 से 50 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है। इससे नौकरियां में कटौती करनी होगी। यह कारोबार कम मार्जिन और अधिक कार्यशील पूंजी के आधार पर चलता है। अगर भविष्य में इन सेवाओं को लेने वाली कंपनियां अपनी मांग कम करती या उन सेवाओं का मूल्य कम लगाती है अथवा भुगतान में देरी होती है तो करीब एक करोड़ के कार्यबल को पारिश्रमिक देना कठिन हो जाएगा। इसके अलावा उन्होंने वित्त मंत्री से जीएसटी राहत देने की भी अपील की है। फिक्की ने 100 की संख्या तक कर्मचारी वाली कंपनियों के कर्मचारियों को दी रही भविष्य निधि अंशदान राहत को इस क्षेत्र की 100 से कम कर्मचारियों वाली सभी कंपनियों को भी दिए जाने की सिफारिश की है।---
- नई दिल्ली। भारत में लॉकडाउन को देखते हुए केंद्र/राज्य सरकारों ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं और आम लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया है। डाक जीवन बीमा/ग्रामीण डाक जीवन बीमा के ग्राहक अपने प्रीमियम के भुगतान के लिए नजदीकी डाकघर पहुंचने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। ऐसी स्थिति इस तथ्य के बावजूद है कि आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत कई डाकघर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।सभी पीएलआई/आरपीएलआई ग्राहकों को सुविधा प्रदान करने के उपाय के रूप में डाक जीवन बीमा निदेशालय, डाक विभाग, संचार मंत्रालय ने मार्च ,अप्रैल और मई के नियत प्रीमियम के भुगतान की अवधि को 30 जून, 2020 तक का विस्तार दिया है और इसके लिए कोई विलंब या अन्य शुल्क भी नहीं लगाया जाएगा। विभाग ने पोर्टल पर पंजीकृत ग्राहकों को सुझाव दिया है कि वे पीएलआई कस्टमर पोर्टल का उपयोग करके प्रीमियम का ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बैंक बोर्ड ब्यूरो के वर्तमान सदस्यों का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया है। सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के निदेशक मंडल स्तर के अधिकारियों के चयन में पारदर्शिता और पेशेवराना रुख बढ़ाने के उद्देश्य से यह निकाय स्थापित किया है।वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग की बुधवार को एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गयी। नए निर्णय के अनुसार बोर्ड के इस समय कार्यरत अंशकालिक चेयरमैन और सदस्यों की सेवा अवधि 11 अप्रैल से दो साल के लिए बढ़ा दी गई है। यह अधिसूचना तब तक प्रभावी रहेगी जब तक कि इस बारे में आगे कोई और आदेश न जारी किया जाए।इस परिपत्र के अनुसार पूर्व सचिव बीपी शर्मा बोर्ड के अंशकालिक सदस्य के पद पर आगे बने रहेंगे। बोर्ड के अन्य अंशकालिक सदस्यों में क्रडिट सुइस की पूर्व प्रबंध निदेशक वेदिका भंडारकर, भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक पी. प्रदीप कुमार और क्रिसिल रेटिंग के संस्थापक सदस्य प्रदीप पी. शाह शामिल हैं।--
- नई दिल्ली। कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में आयी गिरावट को देखते हुए भारत अपने रणनीतिक भूमिगत भंडारों को भरने की तैयारी कर रहा है। बताया जाता है कि इसके लिये भारत अब सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और इराक से कच्चा तेल खरीदेगा।सूत्रों के अनुसार भारत ने कर्नाटक के मंगलुरू और पादुर तथा आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 53.33 लाख टन का आपातकालीन भूमिगत भंडार तैयार किया है। यह भारत की 9.5 दिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी है। अभी मंगलुरू और पादुर के भंडार आधे खाली हैं जबकि विशाखापत्तनम वाले भंडार में भी कुछ जगह रिक्त है।सूत्रों ने कहना है कि अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने मंगलुरू की 15 लाख टन भंडारण क्षमता में आधी हिस्सेदारी खरीदी थी। उसने अपने व्यावसायिक इस्तेमाल के लिये 7.5 लाख टन तेल इसमें रखा है और शेष स्थान रिक्त है। इसे यूएई के अपर जकुम क्रूड से भरा जाएगा। पादुर भंडार इन तीनों में सबसे बड़ा है और इसकी कुल क्षमता 25 लाख टन है। अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने इसके भी आधे हिस्से के लिये करार किया था, लेकिन कंपनी ने इसे कभी भरा नहीं। सूत्रों ने बताया कि इसमें अभी आधा भंडार ही भरा हुआ है। शेष भंडार को भरने के लिये सऊदी अरब से 12.5 लाख टन कच्चा तेल खरीदने की योजना है। इसी तरह विशाखापत्तनम में खाली भंडार को इराक से तेल खरीदकर भरा जाएगा।-
- नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुए व्यावसायिक उद्यमों और व्यक्तियों को तत्काल राहत प्रदान करने के उद्देश्य से 5 लाख रुपये तक के सभी लंबित आयकर रिफंड को तत्काल जारी करने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 14 लाख करदाता लाभान्वित होंगे।यही नहीं, सभी लंबित जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और कस्टम (सीमा शुल्क) रिफंड भी जारी करने का निर्णय लिया गया है जिससे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सहित लगभग 1 लाख व्यावसायिक उद्यम लाभान्वित होंगे। इस प्रकार स्वीकृत कुल रिफंड लगभग 18 हजार करोड़ रुपये का होगा।---
- नई दिल्ली। बाइक के शौकीनों के लिए हार्ली डेविडसन ने अपनी लो - लो राइडर एस बाइक को उतारा है, जो भारतीय बाजार में उपलब्ध हो गई। हार्ली डेविडसन लो राइडर एस की कीमत है 14.69 लाख रुपये है। यह कीमत बाइक के विविड ब्लैक कलर स्क्रीम की है।वेबसाइट पर हार्ली-डेविडसन की यह बाइक बैरकूड सिल्वर कलर ऑप्शन में भी है, लेकिन इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया गया है। ब्लैक मॉडल के मुकाबले सिल्वर कलर मॉडल की कीमत 400 डॉलर, यानी करीब 30 हजार रुपये ज्यादा है।स्टैंडर्ड हार्ली-डेविडसन लो राइडर की तुलना में लो राइडर एस में कुछ आधुनिक फीचर दिए गए हैं। बाइक की फ्रेम रैक को 30 डिग्री से घटाकर 28 डिग्री कर दिया गया है। इसमें काउल के साथ सर्कुलर एलईडी हेडलैम्प, 4-इंच राइजर्स के साथ मोटो-स्टाइल हैंडलबार और ट्विन-पॉड इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर दिए गए हैं। बाइक में ब्लैक फिनिश ट्विन साइड-माउंटेड एग्जॉस्ट और कास्ट ऐल्युमिनियम वील्ज हैं।लो राइडर एस में 1,74 सीसी, वी-ट्विन इंजन दिया गया है। यह 5,020 आरपीएम पर 86 बीएचपी का पावर और 145 एनएम टॉर्क जेनरेट करता है। इंजन 6-स्पीड ट्रांसमिशन से लैस है।हार्ली-डेविडसन लो राइडर एस के फ्रंट में अपसाइड डाउन फोर्क और रियर में मोनोशॉक सस्पेंशन दिए गए हैं। बाइक के फ्रंट में ट्विन डिस्क और रियर में सिंगल डिस्क्र ब्रेक हैं।
- नई दिल्ली। आयकर विभाग ने व्यक्तिगत लोगों को चालू वित्त वर्ष के लिए 15 जी और 15एच फॉर्म भरने के लिए 30 जून के बाद और समय देने की घोषणा की है। ये फॉर्म ब्याज आय पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) से छूट के लिए भरने होते हैं।कोविड-19 के मद्देनजर लोगों को आ रही दिक्कतों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। फॉर्म 15जी और 15एच उन लोगों को भरना होता है जिनकी आमदनी कर योग्य सीमा से कम है। ये फॉर्म ब्याज आय पर टीडीएस छूट के लिए भरने होते हैं। आमतौर करदाता ये फॉर्म बैंकों और वित्तीय संस्थानों के पास अप्रैल में जमा कराते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष में जमा कराए गए 15जी और 15एच फॉर्म 30 जून, 2020 तक वैध रहेंगे। कोविड-19 से सभी क्षेत्रों का सामान्य कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुए है। इनमें बैंक और अन्य संस्थान शामिल हैं। सीबीडीटी ने कहा कि ऐसी स्थिति में कुछ लोग समय पर फॉर्म जमा नहीं करा पाए है। ऐसे में कोई कर देनदारी नहीं होने पर उनका टीडीएस कट जाएगा।सीबीडीटी ने कहा कि ऐसे में लोगों को परेशानी से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। यदि किसी व्यक्ति ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों के पास वैध 15जी और 15एच फॉर्म जमा कराया है तो ये वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 30 जून, 2020 तक वैध रहेंगे। जहां फॉर्म 15एच वरिष्ठ नागरिकों को जमा कराना होता है, फॉर्म 15जी ऐसे लोगों को जमा कराना होता है जिनकी करयोग्य आय छूट की सीमा से कम होती है। सीबीडीटी ने एक अन्य आदेश में कहा कि जिन आयकरदाताओं ने 2019-20 में निचली दर-शून्य कटौती-स्रोत पर कर कटौती के संग्रह या स्रोत पर कर संग्रह के लिए प्रमाणपत्र जारी करने को आवेदन किया है, अब उन्हें इस तरह के प्रमाणपत्र के लंबित रहने की सूचना आयकर अधिकारी को ई-मेल के जरिये देनी होगी।
- मुंबई। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने कोरोना वायरस संकट के कारण नकदी को लेकर संकट की आशंका को देखते हुए बैंकों से वित्तपोषण की अतिरिक्त व्यवस्था करने की मांग की है।उद्योग संगठन फिक्की ने एनबीएफसी की ओर से बैंकों से वित्तपोषण की अतिरिक्त व्यवस्था करने की मांग की। इसके अलावा फिक्की ने रिजर्व बैंक से रेपो दर आधारित दीर्घकालिक नीलामी (टारगेटेड एलटीआरओ) में एनबीएफसी के लिये विशेष प्रबंध करने की भी मांग की। फिक्की ने कहा कि यह दो तरीके से किया जा सकता है। उसने कहा, बैंक विशेष कोविड-19 व्यवस्था के तहत 10 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण दें तथा एनबीएफसी के पास मौजूदा सूचीबद्ध गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) के एवज में कुल कर्ज के 10 प्रतिशत के बराबर राशि पुनर्वित्तपोषण के तौर पर दें। फिक्की ने इनके अलावा एनबीएफसी को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों संबंधी प्रावधानों में भी ढील देने की मांग की।
- नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के मद्देनजऱ रिज़र्व बैंक ने बाज़ार की समय अवधि में परिवर्तन की अधिसूचना जारी की है। सरकारी प्रतिभूतियों, कॉल-नोटिस-टर्म मनी, कॉर्पोरेट बॉण्ड, विदेशी मुद्रा, भारतीय रुपये, वाणिज्यिक पत्र और जमा प्रमाण पत्रों से संबंधित बाज़ार सात अप्रैल से सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक काम करेंगे।रिज़र्व बैंक की मुम्बई से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि लॉकडाउन, सामाजिक दूरी, कर्मचारियों के आवागमन पर प्रतिबंध, घर से काम करने की व्यवस्था और कार्य जारी रखने की योजनाओं से संचालन और लॉजिस्टिक संबंधी जोखिम बढ़ गये हैं। रिजर्व बैंक ने कहा है कि गतिविधियां कम होने से बाज़ार में तरलता पर बुरा असर पड़ रहा है और वित्तीय कीमतों में उतार-चढाव तेज़ हो गया है।रिज़र्व बैंक ने कहा कि नया कार्यसमय सत्रह अप्रैल तक लागू रहेगा। यह स्पष्ट किया गया है कि ग्राहकों के लिए आर.टी.जी.एस., एन.ई.एफ.टी., ई-कुबेर और अन्य भुगतान प्रणालियों सहित सभी नियमित बैंकिंग सेवाएं मौजूदा समय के अनुसार ही काम करती रहेंगी। शेयर बाज़ार का समय भी नहीं बदला गया है।
- नई दिल्ली। नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने औद्योगिक और कारोबारी मंदी के बीच एक बड़ा मोर्चा फतेह किया है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में कदम दर कदम चुनौतियों के बावजूद अपने घरेलू और विदेशी संयंत्रों से स्टील उत्पादन और बिक्री में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।जिन्दल सेंटर, नई दिल्ली से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक जेएसपीएल ने रायगढ़, अंगुल और ओमान स्थित अपने संयंत्रों से अब तक का सर्वाधिक स्टील उत्पादन किया है। इसके साथ ही स्टील और अन्य संबंधित उत्पादों की बिक्री के क्षेत्र में भी कंपनी ने नया कीर्तिमान बनाया है।जेएसपीएल देश में अपने संयंत्रों का बेहतरीन संचालन कर रही है और स्टील का उत्पादन निरंतर बढ़ा रही है। कंपनी की घरेलू इकाइयों ने पिछले वर्ष के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक लगभग 63 लाख टन स्टील का उत्पादन किया जबकि 60 लाख टन स्टील की बिक्री कर पिछले वर्ष के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक की कारोबारी वृद्धि दर्ज की।पूरे जेएसपीएल समूह की बात करें तो कंपनी ने 2019-20 में 82 लाख टन स्टील और अन्य संबंधित वस्तुओं का उत्पादन कर 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जबकि 80 लाख टन स्टील की बिक्री कर उसने 10 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की।गौरतलब है कि जेएसपीएल भारत में निजी क्षेत्र की इकलौती कंपनी है जो रेल पटरियों का निर्माण करती है। रेल उत्पादन में कंपनी की परफॉर्मेंस और प्रोडक्ट क्वालिटी को देखते हुए उसे हाल ही में अत्याधुनिक हेड हार्डेंड रेल (1080 एचएच ग्रेड) आपूर्ति के लिए रिसर्च डिजायंस एंड स्टैंडड्र्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है। कंपनी के प्रति देशवासियों का यह विश्वास ही है कि वर्ष 2020 में जेएसपीएल की रेल मिल ने 5.7 लाख टन रेल का उत्पादन किया है।जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वीआर शर्मा ने इन उपलब्धियों का श्रेय दुनिया भर के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे कंपनी के कर्मचारियों को दिया है। उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियां शानदार हैं। ओडिशा के अंगुल में स्थापित नए प्लांट से 30 लाख टन उत्पादन का हमारा सपना था, जो 2020 में ही साकार हो गया। रायगढ़ में यह जादुई लक्ष्य हम पहले ही दो बार हासिल कर चुके हैं। यह गर्व की बात है कि देश का सबसे बड़ा अंगुल स्थित हमारा ब्लास्ट फर्नेस प्रतिदिन 10 हजार टन से अधिक हॉट मेटल का उत्पादन कर रहा है और विश्व का एकमात्र सिनगैस आधारित अंगुल का हमारा डीआरआई प्लांट उम्दा प्रदर्शन कर रहा है, जिससे हमें रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है।श्री शर्मा ने बताया कि ओमान स्थित जिन्दल शदीद प्लांट का प्रदर्शन भी अतुलनीय है। ओमान में इलेक्ट्रिक आर्क फरनेस के माध्यम से कंपनी ने एक महीने में दो लाख टन स्टील का उत्पादन किया है। ऐसे प्लांट के लिए यह एक कीर्तिमान है। उन्होंने कहा कि नए वित्त वर्ष में जेएसपीएल बहुत कुछ करने का इरादा रखती है।
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मुंबई। देश में कोरोना वायरस संक्रमण पर रोकथाम के लिये लागू 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान टीवी दर्शकों की संख्या 37 प्रतिशत उछलकर रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गयी है। ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि पूरी दुनिया में लॉकडाउन की वजह से टीवी दर्शकों की संख्या बढ़ी है। बार्क ने कहा कि 27 मार्च से शुरू सप्ताह के दौरान बढ़े दर्शकों में पुरुषों की संख्या अधिक है। लोग खबरों तथा इंफोटेनमेंट श्रेणी को देखना अधिक पसंद कर रहे हैं। उसने कहा कि दैनिक दर्शकों की संख्या औसतन 6.2 करोड़ रोजाना बढ़ी है। लोगों ने सप्ताह के दौरान टीवी देखने में 1,200 अरब मिनट खर्च किये।
- नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई)ने भारत में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन के कारोबार में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और टोटल एस.ए. के बीच संयुक्त उद्यम के गठन को मंजूरी दे दी है।प्रस्तावित संयुक्त उद्यम में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को अपनी सहायक कंपनियों में से कुछ को एक नई निगमित कंपनी (जेवी) में स्थानांतरित करने की परिकल्पना की गई है। इसके बाद, टोटल एस.ए.प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जेवीकी इक्विटी शेयर पूंजी का 50 प्रतिशत प्राप्त कर लेगा। टोटल एस.ए.टोटल ग्रुप की बुनियादी उत्पादक कम्पनी है। टोटल ग्रुप एक अंतरराष्ट्रीय एकीकृत ऊर्जा उत्पादक है जिसका तेल और गैस उद्योग के हर क्षेत्र में परिचालन है। टोटल ग्रुप भारत में अक्षय ऊर्जा और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में भी शामिल है। लक्षित कंपनियां भारत में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन के व्यवसाय में सक्रिय हैं। सीसीआईके विस्तृत आदेश का पालन होगा।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने सभी बैंकों से अपनी शाखाओं को खुले रखने और ए.टी.एम. नकदी से भरे रहने को सुनिश्चित कराने को कहा है।एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि सुरक्षित दूरी का अनुपालन किया जा रहा है और सेनिटाइजर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।----
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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम सोमवार को 17 साल के निचले स्तर तक पहुंच गए। विश्व बाजार में ब्रेंट क्रुड तेल का भाव गिर कर 23 डालर प्रति बैरल तक आ गया है। यह नवंबर 2002 के बाद का सबसे कम भाव है। वहीं अमेरिका का कच्चा तेल कुछ समय के लिये 20 डालर से भी नीचे चल रहा था। दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से आवाजाही पर सख्त पाबंदियों के चलते कच्चे तेल की मांग में भारी कमी आई है जबकि इसका भंडार काफी बढ़ गया है। देश में फिलहाल पेट्रोल, डीजल के दाम पिछले 14 दिन से लगातार रुके हुये हैं। आखिरी बार 16 मार्च को दाम संशोधित किये गये थे और तब से तेल कंपनियां सरकार द्वारा दोनों ईंधनों में तीन रुपये प्रति लीटर की उत्पाद शुल्क वृद्धि को समायोजित करने में लगीं हैं। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 69.59 रुपये लीटर पर है जबकि मुंबई में यह 75.30 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है। इसी प्रकार दिल्ली में डीजल का दाम 62.29 रुपये लीटर है जबकि मुंबई में यह 65.21 रुपये लीटर बिक रहा है।
- नई दिल्ली। सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने कहा है कि देश में रसोई गैस सहित ईंधन की कोई कमी नहीं है। कंपनियों ने कहा कि लॉकडाउन के बाद कम कर्मचारियों के बावजूद रसोई गैस की आपूर्ति औसतन प्रतिदिन 35-40 प्रतिशत बढ़ गई है।इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए किए गए 21 दिनों के बंद के चलते उपभोक्ताओं को आश्वासन दिया है कि सभी तेल उत्पादों, और खासतौर से रसोई गैस (एलपीजी) की आपूर्ति बिना की बाधा के जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण बंद के शुरुआती दिनों में कुछ देरी हुई, लेकिन अब इसे सामान्य कर दिया गया है। ओएनजीसी के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान पेट्रोलियम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार सुराणा ने मुंबई में बताया कि उपभोक्ताओं को एलपीजी की कमी के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सुराणा ने कहा, मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी तेल उत्पादों की कमी नहीं है। इतना ही नहीं, मैं खासतौर से यह भरोसा देता हूं कि एलपीजी की बिल्कुल कमी नहीं है। वास्तव में, हमारे एलपीजी संयंत्र मांग में किसी भी बढ़ोतरी के लिए अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि रसोई गैस की घबराहट में बुकिंग न करें। श्री सुराणा ने कहा कि एचपीसीएल ने अपने सभी डिलीवरी कर्मियों को मास्क, सैनिटाइजर दिया है और उन्हें कोरोना वायरस से जरूरी सतर्कता के लिए प्रशिक्षित किया गया है।वहीं बीपीसीएल के प्रवक्ता ने बताया कि महाराष्ट्र में उसकी दैनिक एलपीजी आपूर्ति 32 प्रतिशत बढ़ गई है, जबकि मुंबई में 40 प्रतिशत और नवी मुंबई तथा ठाणे में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पहले इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा था कि भारत में पेट्रोल डीजल और रसोई गैस का पर्याप्त भंडार है और लोगों को गैस की कमी के डर से बुकिंग बढ़ाकर आपूर्ति प्रणाली पर अनावश्यक दबाव नहीं पैदा करना चाहिए।----
- नई दिल्ली। बैंक ऑफ इंडिया ने बाह्य मानक आधारित ब्याज दर में 75 आधार अंकों की कमी करते हुए इसे सात दशमवल दो पांच प्रतिशत कर दिया है। नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।बैंक की बाह्य मानक आधारित ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक की रेपो दर से जुड़ी है। रिज़र्व बैंक ने 27 मार्च को रेपो दर में 75 आधार अंकों की कमी करते हुए इसे चार दशमलव चार प्रतिशत किया था। ंबैंक ने एक माह से लेकर एक साल तक की अवधि वाले ऋण के लिए सीमांत लागत आधारित ब्याज दरों में भी शून्य दशमलव दो पांच प्रतिशत की कटौती की है। एक दिन की अवधि के ऋण पर ब्याज दर में शून्य दशमलव एक पांच प्रतिशत की कमी की गई है।----
- नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि पहली अप्रैल से दस सरकारी बैंकों के विलय के बाद चार बैंक काम करने लगेंगे। विलय होने वाले बैंकों की शाखाएं उस बैंक के रूप में काम करेंगी जिसमें उन्हें मिलाया गया है। सरकार ने चार मार्च को सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े और मजबूत बैंक बनाने की सुदृढ़ीकरण योजना के एक भाग के रूप में इन दस सरकारी बैंकों के विलय की अधिसूचना जारी की थी।इस योजना के अनुसार ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जायेगा, सिंडीकेट बैंक को केनरा बैंक में मिलाया जायेगा, इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में और आंध्रा तथा कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में मिलाया जायेगा। इसके बाद पहली अप्रैल से ओरिएंटल ऑफ कॉमर्स और यूनाईटेड बैंक की शाखाएं पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के तौर पर काम करेगी। सिंडीकेट बैंक की शाखाएं केनरा बैंक की शाखाएं हो जायेंगी। यह बताया गया है कि अगले वित्त वर्ष 2020-21 से इलाहाबाद बैंक की शाखाएं इंडियन बैंक की शाखा के रूप में और आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक, यूनियन बैंक के रूप में काम करेंगी। विलय होने वाले बैंकों के ग्राहक और जमाकर्ता पहली अप्रैल 2020 से उन बैंकों के ग्राहक माने जायेंगे जिनमें इनका विलय किया गया है।
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस और उसके कारण हुए लॉकडाउन से नुकसान को देखते हुए अब रिजर्व बैंक ने राहत भले ऐलान किए हैं। आरबीआई ने रीपो रेट में कटौती कर ईएमआई और घटने का रास्ता साफ कर दिया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश को आश्वस्त करते हुए कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है। आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों में बड़ी कटौती की है। उन्होंने आज रीपो रेट में 75 बीपीएस (बेसिक प्वाइंट ) की कटौती का ऐलान किया है, अब नया रेट 4.4 प्रतिशत होगा। आम लोगों के लिए राहत की बात है कि इस ऐलान से लोन की मासिक किस्तें घटेंगी।इसके साथ ही आरबीआई ने रिवर्स रीपो रेट 4 प्रतिशत घटा दिया गया है। गवर्नर ने कहा कि कच्चे तेल के घटे भाव के कारण अर्थव्यवस्था पर दबाव घटा है। पिछले दो पॉलिसी रिव्यू में रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था।गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस की इस महामारी से निबटने के लिए सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, आरबीआई के इस कदम से होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह की ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को काफी राहत मिल सकती है। आम लोगों के साथ कारोबार पर कोरोना के असर को देखते हुए सरकार कर्ज की ईएमआई पर राहत देने की तैयारी कर चुकी है।क्या है मुख्य बातें-रीपो रेट में 75 बीपीएस की कटौती, नया रीपो रेट हुआ 4.4 प्रतिशत।-रिवर्स रीपो रेट में 90 बीपीएस की कटौती, नया रेट 4 प्रतिशत-सभी बैंकों के लिए कैश रिजर्व रेशो में 100 बीपीएस की कटौती, नया रेशो नेट डिमांड का 3 प्रतिशत , यह 28 मार्च से शुरू हो रही फोर्टनाइट से लागू, एक साल के लिए।-सीआरआर में 100 बीपीएस की कटौती, इससे बाजार में 1.37 लाख करोड़ रुपये आएंगे।-आरबीआई ने व्यावसायिक और क्षेत्रीय बैंकों को तीन महीने तक कर्ज और ब्याज पर राहत देने की सलाह दी है।--- - नई दिल्ली। देश का कच्चा इस्पात उत्पादन इस साल फरवरी में 1.5 प्रतिशत बढ़कर 95.6 लाख टन रहा। इस्पात उद्योग की वैश्विक इकाई वल्र्डस्टील ने इसके आंकड़े जारी किए हैं।पिछले साल इसी अवधि में देश का कच्चा इस्पात उत्पादन 94.2 लाख टन था। वल्र्ड स्टील एसोसिएशन (वल्र्डस्टील) की नवीनतम रपट में कहा कि वैश्विक कच्चा इस्पात उत्पादन इस दौरान 14.32 करोड़ टन रहा। यह पिछले साल फरवरी के मुकाबले 2.8 प्रतिशत अधिक है। कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित चीन का कच्चा इस्पात उत्पादन भी फरवरी 2019 के मुकाबले पांच प्रतिशत बढ़कर 7.47 करोड़ टन रहा।