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- मुंबई।अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी (आईफा) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि ‘22वें आईफा वीकेंड एंड अवार्ड्स' का आयोजन अब 20 और 21 मई, 2022 को होगा। यह समारोह पहले मार्च में होना था। एक बयान में, आईफा ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 वायरस के प्रसार के कारण बदली परिस्थितियों और प्रशंसकों एवं आम लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तारीखों को आगे बढ़ा दिया गया है। बयान के अनुसार, @‘हम आईफा समारोह में हिस्सा लेने और आईफा के जादू का अनुभव करने के लिए दुनिया भर से यात्रा करने वाले नागरिकों और प्रशंसकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार और प्रतिबद्ध हैं।'' बयान में कहा गया है, ‘‘(समारोह को स्थगित करने के कारण हुई) असुविधा के लिए हमें दिल से खेद है और उम्मीद है कि इससे जुड़े सभी लोग स्थिति की संवेदनशीलता को समझेंगे।'' पुरस्कार समारोह अबू धाबी के यस द्वीप में आयोजित किया जाएगा।
- मुंबई।अभिनेत्री माधुरी दीक्षित नेने ने बृहस्पतिवार को कहा कि “द फेम गेम” नामक सीरीज में लोकप्रियता की “मूढ़ताओं” की गहराई से पड़ताल की गई है। उन्होंने कहा कि नेटफ्लिक्स पर प्रसारित होने वाली उनकी इस आगामी सीरीज में वह एक फिल्मी सितारे की भूमिका निभा रही हैं, जिसका किरदार उनके जीवन से एकदम भिन्न है। करन जौहर द्वारा समर्थित इस सीरीज में माधुरी एक बॉलीवुड अदाकारा अनामिका आनंद की भूमिका में हैं ,जो एक दिन गायब हो जाती है और उसके बाद उसका जीवन बदल जाता है। डिजिटल माध्यम से शो का ट्रेलर लांच किये जाने के दौरान, 54 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें सीरीज की पटकथा पसंद आई और उन्होंने तत्काल इसमें काम करने का फैसला ले लिया। माधुरी ने कहा, “मुझे पटकथा पसंद आई, मुझे उसका (किरदार) सफर अच्छा लगा। यह शोहरत के बारे में है। जब आपके जीवन में शोहरत होती है तो कौन सी जटिलताएं और मूर्खता हो सकती है, यह उसके बारे में है। यह कहानी एक महिला के बारे में है जिसकी जिंदगी सामान्य रूप से चल रही होती है लेकिन एक दिन वह गायब हो जाती है और सब सोचते हैं कि उसके साथ क्या हुआ होगा, वह कहां होगी?” उन्होंने कहा कि उन्हें इस सीरीज की कहानी रोचक लगी। माधुरी के अनुसार, उनके और इस सीरीज के किरदार में केवल यही समानता है कि दोनों फिल्मी सितारे हैं। उन्होंने कहा, बहुत सारी असमानताएं हैं। वह (किरदार) जिस तरह शोहरत को देखती है और जैसे मैं देखती हूं, दोनों बिलकुल अलग हैं। इसलिए इसका नाम ‘द फेम गेम' रखा गया है, क्योंकि यह कपट का रास्ता है। यह आपके दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। आपको इस शो से यही पता चलेगा कि जब आप शोहरत के गलत पक्ष की तरफ होते हैं तो आपको पता चलता है कि आपके साथ क्या होगा।” इस सीरीज का निर्माण जौहर, अपूर्वा मेहता, सोमेन मिश्रा और धरमाटिक एंटरटेनमेंट ने किया है। यह नेटफ्लिक्स पर 25 फरवरी से प्रदर्शित की जाएगी।
- मुंबई। जाने-माने अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर को पुणे के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रिपोट्र्स के मुताबिक, वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। हालांकि उनकी तबीयत अभी स्थिर बताई जा रही है।फिल्म 'छोटी सी बात' से लोगों का दिल जीतने वाले एक्टर अमोल पालेकर की सेहत को लेकर उनकी पत्नी संध्या गोखले ने बताया कि घबराने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि उनकी सेहत में सुधार हो रहा है। वे पहले से बेहतर हैं और उनकी तबीयत भी धीरे-धीरे ठीक हो रही है। संध्या गोखले ने बताया कि वे एक पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं। एक्टर की पत्नी के मुताबिक, अधिक धूम्रपान करने की वजह से 10 साल पहले भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।अमोल पालेकर ने फिल्म 'रजनीगंधा' के जरिए 1974 में फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। उनकी फिल्में चितचोर और 'छोटी सी बात' खूब लोकप्रिय हुईं। उनकी 'पहेली' फिल्म साल 2005 में अकादमी अवॉड्र्स में कदम रखने वाली भारत की पहली फिल्म थी।
- नयी दिल्ली। जेन कैम्पियंस वेस्टर्न की ‘द पावर ऑफ द डॉग' 2022 के ऑस्कर नामांकन की दौड़ में सबसे आगे है। यह एक मनोवैज्ञानिक ड्रामा है। वहीं, भारत ने भी सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फीचर श्रेणी में ‘राइटिंग विद फायर' के जरिए नामांकन पाया है। रिंटू थॉमस के निर्देशन में बना ‘राइटिंग विद फायर' दलित महिलाओं द्वारा संचालित समाचार पत्र ‘खबर लहरिया' के उभरने की गाथा बयां करता है। वृत्तचित्र की कहानी सुष्मित घोष ने लिखी है। निर्देशक और लेखक, दोनों की यह पहली डॉक्यूमेंटरी है। ‘द पावर ऑफ द डॉग' के जरिए न्यूजीलैंड की कैम्पियन पहली ऐसी महिला हो गई है जिन्हें सर्वश्रेठ निर्देशन श्रेणी में दो बार नामांकन मिला है।
- नयी दिल्ली.।भारत के वृत्तचित्र “राइटिंग विद फायर” ने 94वें ऑस्कर पुरस्कारों की अंतिम नामांकन सूची में जगह बनाई है। ट्रेसी एलिस रॉस और लेसली जॉर्डन ने मंगलवार शाम को ‘एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज' के ट्विटर अकाउंट पर इस नामांकन की घोषणा की। रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष द्वारा निर्देशित “राइटिंग विद फायर” में ‘खबर लहरिया' के उत्थान की कहानी बयान की गई है, जो दलित महिलाओं द्वारा निकाला जा रहा भारत का एकमात्र अखबार है। इस वृत्तचित्र में दलित महिलाओं के एक समूह की कहानी दिखाई गई है, जिन्होंने अपनी मुख्य संवाददाता मीरा के नेतृत्व में अखबार को प्रासंगिक रखने के उद्देश्य से उसे प्रिंट से डिजिटल माध्यम में लाया। ऑस्कर पुरस्कार मार्च 27 को प्रदान किये जाएंगे। सह निर्देशक घोष ने कहा, ‘‘हम काफी खुश हैं। यह हमारे लिए और भारतीय सिनेमा के लिए एक बहुत बड़ा क्षण है...।
- मुंबई। सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की फिल्म 'झुंड' का टीजर रिलीज हो गया है। इसमें बिग बी अपने 'झुंड' के साथ दमदार नजर आ रहे हैं। 'झुंड फिल्म 4 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। फिल्म के टीजर में अमिताभ बच्चों की मंडली के साथ दिखाई दे रहे हैं। इसमें अमिताभ के अलावा कुछ यंगस्टर्स नजर आ रहे हैं जो अलग-अलग चीजों के जरिए म्यूजिक बना रहे हैं।यह फिल्म नागराज पोपटराव मंजुले के हिंदी निर्देशन की दूसरी फिल्म है। उन्हें मराठी ब्लॉकबस्टर फिल्म "सैराट" और "फैंड्री" के लिए जाना जाता है। झुंड फिल्म को लेकर कई बार ओटीटी रिलीज की बातें में सामने आ चुकी है। झुंड की कहानी 'स्लम सॉकर फाउंडेशन' के संस्थापक और कोच विजय बरसे की कहानी पर आधारित है। वह अखिलेश पॉल के कोच भी थे, जो स्लम सॉकर बने थे। फिल्म में अमिताभ बच्चन बिजय बरसे के रोल में नजर आएंगे। फिल्म का निर्माण टी-सीरीज, तांडव फिल्म्स एंटरटेनमेंट और आटपत के बैनर तले किया गया है।
- मुंबई। दिग्गज गायिका लता मंगेशकर बीती 6 फरवरी को दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से देश को बड़ी क्षति हुई और उनके जाने से लोगों ने अपने दुख को बयां किया है। अभिनेता धर्मेंद्र ने लता मंगेशकर के निधन पर सोशल मीडिया पर दुख जताया था लेकिन वह उनके अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे थे। अब धर्मेंद्र ने बताया है कि उनके ना जाने के पीछे का कारण क्या था। उन्होंने बताया कि वे तीन बार जाने के लिए तैयार हुए लेकिन हर बार खुद को पीछे कर लिया। वह काफी असहज महसूस कर रहे थे।धर्मेंद्र ने कहा, 'मैं बहुत अनकंफर्टेबल और असहज था। मैं दीदी के अंतिम संस्कार के लिए जाने के लिए एक बार नहीं बल्कि तीन बार तैयार हुआ लेकिन हर बार मैंने खुद को पीछे खींच लिया। मैं उन्हें हम सब को छोड़कर जाते हुए नहीं देखना चाहता था। लता मंगेशकर के निधन की खबर सुनने के बाद मैं बहुत असहज महसूस कर रहा था।'धर्मेंद्र ने लता मंगेशकर के साथ अपनी बॉन्डिंग की यादों को भी शेयर किया। धर्मेंद्र ने कहा वह उनको स्पेशल और कंफर्टेबल महसूस कराती थीं। वह उन्हें प्रेरित थी और कहती थीं कि मजबूत रहो। धर्मेंद्र ने कहा कि उन्हें याद कि उन्होंने एक बार ट्विटर पर इमोशनल पोस्ट किया और लता मंगेशकर का फोन किया और पूछा कि वह ठीक है और खुश करने के लिए काफी देर बात की थी। धर्मेंद्र ने एक घटना को याद करते हुए कहा कि लता मंगेशकर की काफी तेज याददाश्त थी। लता मंगेशकर ने धर्मेंद्र को उनकी शर्ट के कलर को याद कर चौंका दिया, जिसे उन्होंने सालों पहले एक अवॉर्ड फंक्शन में पहना था। गौरलतब है कि लता मंगेशकर का रविवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया था। वह करीब बीते 1 महीने से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं।
- नई दिल्ली। अभिनेत्रा और पूर्व खिलाड़ी प्रवीण कुमार सोबती अब इस दुनिया में नहीं हैं। वे बी. आर. चोपड़ा के सीरियल महाभारत में भीम का किरदार निभाकर लोकप्रिय हुए थे। हालांकि उन्होंने 50 से ज्यादा फिल्में की थीं, लेकिन उन्हें असली पहचान 'महाभारत' का 'भीम' बनकर मिली थी। लेकिन एक खिलाड़ी को यह रोल कैसे मिला था, इसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।महाभारत सीरियल में काम करने के बारे में प्रवीण कुमार ने एक साक्षात्कार में बताया था कि 'एक दिन मेरे एक करीबी दोस्त ने मुझे बुलाया और कहा कि बीआर चोपड़ा सर 'महाभारत' बना रहे हैं। उन्होंने सारे कैरेक्टर्स के लिए कास्टिंग कर ली है, बस भीम के रोल के लिए कोई नहीं मिल रहा। उसने कहा कि तुम्हारी फिजीक अच्छी है और ऐक्टिंग एक्सपीरियंस भी है तो ट्राई करना चाहिए। मैंने अपॉइंटमेंट लिया और बीआर चोपड़ा सर से मिलने चला गया। मैं उनसे मिला और उन्होंने मुझे तुरंत साइन कर लिया। भीम के रोल के लिए मेरी फिजीक तो थी, लेकिन आवाज बड़ी समस्या थी।'प्रवीण कुमार ने आगे कहा था, 'कुछ दिनों तक मैंने कुछ डायलॉग बोले, लेकिन क्रू ने आकर कहा कि वो किसी और से डबिंग करवा लेंगे। यह सुनकर मुझे गुस्सा आ गया और कहा- मैं कोई मूर्ति नहीं हूं। मैं डायलॉग के बिना रोल नहीं करूंगा। मैंने उनसे रिक्वेस्ट की कि मुझे एक हफ्ते का टाइम दे दें। तो चोपड़ा साहब ने कहा कि ठीक है एक हफ्ते का टाइम ले लो, पर उसके बाद हम फाइनल फैसला लेंगे। मेरे पास बस एक हफ्ते का टाइम था। मैंने 'महाभारत ग्रंथ' खरीदा और जोर-जोर से लाइनें बोलकर घर में प्रैक्टिस करने लगा। उनमें कुछ मुश्किल शब्द भी थे। मैं उन्हें पेपर पर लिखकर, जोर-जोर से रिपीट करता था। एक हफ्ते बाद मैं जब 'महाभारत' के सेट पर गया तो सबको प्रभावित कर दिया।'प्रवीण कुमार ने अपने करियर की शुरुआत 1981-82 में की थी। उन्होंने 50 से ज्यादा फिल्में कीं, जिनमें जितेंद्र से लेकर अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गजों के साथ काम किया। प्रवीण कुमार ने फिल्मों में ज्यादातर खलनायक का किरदार निभाया। इसके बाद प्रवीण कुमार 2013 में राजनीति में भाग्य आजमाया, लेकिन वे सफल राजनेता नहीं बन पाए।वे पेंशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से काफी नाराज थे। उन्होंने हाल ही में बताया था कि उन्हें केवल बीएसएफ की पेंशन मिलती है। उन्होंने कहा था कि पंजाब की जितनी भी सरकारें आईं, सभी से उनकी शिकायत है। जितने भी एशियन गेम्स या मेडल जीतने वाले प्लेयर थे, उन सभी को पेंशन दी, लेकिन उन्हें वंचित रखा गया, जबकि सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीते। वो अकेले एथलीट थे, जिन्होंने कॉमनवेल्थ को रिप्रेजेंट किया। फिर भी पेंशन के मामले में उनके साथ सौतेला व्यवहार हुआ।
- नई दिल्ली। फिल्मकार बीआर चोपड़ा के सीरियल महाभारत में भीम का किरदार निभाने वाले अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती का हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। प्रवीण कुमार 74 साल के थे। अभिनेता ने सोमवार देर रात को दिल्ली में अशोक विहार स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी, बेटी, दो छोटे भाई और एक बहन है। प्रवीण कुमार के एक रिश्तेदार ने बताया कि उन्हें छाती में इन्फेक्शन की समस्या थी। सोमवार की रात को जब उन्हें बेचैनी होने लगी, तो हमने डॉक्टर को घर पर बुलाया। हृदय गति रुक जाने के कारण रात सवा दस बजे से साढ़े दस बजे के बीच उनका निधन हो गया।प्रवीण अपने विशाल कदकाठी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया। साढ़े 6 फीट लंबे अभिनेता और खिलाड़ी पंजाब के रहने वाले थे। एक्टिंग में आने से पहले प्रवीण एक हैमर और डिस्कस थ्रो एथलीट थे। वह एशियाई खेलों में चार मेडल (2 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य) जीत चुके थे। उन्होंने दो ओलंपिक खेलों (1968 मैक्सिको खेलों और 1972 म्यूनिख खेलों) में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें अर्जुन अवार्ड भी दिया गया था। । खेल के कारण ही प्रवीण कुमार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी मिली।पिछले साल दिसंबर में प्रवीण कुमार ने बताया था कि वे काफी समय से घर में ही रहते हैं। उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती है और खाने में भी कई तरह के परहेज हैं। स्पाइनल प्रॉब्लम है। घर में पत्नी वीना, प्रवीण कुमार की देखभाल करती है। एक बेटी की मुंबई में शादी हो चुकी है।
- मुंबई। काफी दिनों से अभिनेता रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी की तारीख का इंतजार किया जा रहा है। दोनों ने अपने रिश्ते को स्वीकार किया है और परिवार वाले भी उनके इस फैसले के साथ हैं। हालांकि दोनों की शादी की तारीख को लेकर कई खबरें सामने आ चुकी हैं। खबरों के अनुसार रणबीर कपूर और आलिया भट्ट इस साल अप्रैल में शादी की योजना बना रहे हैं। कपूर और भट्ट फैमिली ने दोनों की शादी की तैयारियों की शुरुआत कर दी है।कहा जा रहा है कि रणबीर-आलिया राजस्थान के रणथंभौर में शादी कर सकते हैं क्योंकि यह दोनों की पसंदीदा जगह है। विक्की कौशल और कटरीना कैफ ने भी रणथंभौर को अपनी शादी के फंक्शन के लिए चुना था। दोनों ने सिक्स सेंस रिसॉर्ट फोर्ट बरवारा में सात फेरे लिए थे। हालांकि यदि अप्रैल में शादी होती है, तो उस समय राजस्थान में काफी गर्मी होती है। अब देखना ये है कि इस बार रणबीर और आलिया की शादी को लेकर की जा रही अटकलें सच साबित होती हंै या नहीं।
- मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और गौरी खान की बेटी सुहाना खान इन दिनों सुर्खियां बटोर रही हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें फिल्म डायरेक्टर जोया अख्तर के ऑफिस के बाहर देखा गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वो जोया अख्तर की अगली फिल्म में अभिनय कर सकती हैं। सुहाना खान डायरेक्टर जोया अख्तर के ऑफिस के बाहर टैंक टॉप और कार्गो पैंट में नजर आईं।वैसे भी सुहाना खान के बॉलीवुड डेब्यू का फैंस बड़ी बेताबी से इंतजार कर रहे हैं। रिपोट्र्स के मुताबिक जोया की अगली फिल्म आर्ची कॉमिक्स का रूपांतरण होगी। फिल्म के लिए श्रीदेवी और बोनी कपूर की छोटी बेटी खुशी कपूर और अमिताभ बच्चन के पोते अगस्त्य नंदा के नामों पर भी विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि ये प्रोजेक्ट इन स्टारकिड्स का लॉन्चिंगपैड हो सकता है।सुहाना खान अपनी पढ़ाई के लिए न्यूयॉर्क में हैं। वह न्यूयॉर्क से अक्सर अपनी फोटोज शेयर करती रहती हैं। वह पहले ही 'द ग्रे पार्ट ऑफ ब्लू' नाम की एक शॉर्ट फिल्म के साथ अभिनय की शुरुआत कर चुकी हैं। सोशल मीडिया पर सुहाना काफी सक्रिय रहती है और अपनी फोटो शेयर करती रहती हैं। उनके फालोयर्स की संख्या भी काफी है। सुहाना की फोटो का उनके प्रशंसकों को काफी बेसब्री से इंतजार रहता है।------------
- मुंबई। छोटे परदे की लोकप्रिय अभिनेत्री किशोरी शहाणे हाल ही में एक हादसे में बाल- बाल बच गईं। उनकी कार का जबरदस्त एक्सीडेंट हो गया, लेकिन उन्हें और उनके परिवार के किसी सदस्य को किसी प्रकार की चोट नहीं लगी।'गुम है किसी के प्यार में' भवानी काकू का रोल निभाने वालीं ऐक्ट्रेस किशोरी शहाणे का हाल ही कार ऐक्सिडेंट हो गया था, जिसकी तस्वीरें उन्होंंने सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। इन तस्वीरों को देख फैंस का दिल भी दहल गया है। इस हादसे में उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। किशोरी शहाणे खुद को खुशकिस्मत मान रही हैं कि इस भयानक ऐक्सिडेंट में वे और उनका परिवार सुरक्षित बच गया। किशोरी शहाणे की कार की ट्रक के साथ टक्कर हो गई। यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार पूरी तरह डैमेज हो गई।किशोरी शहाणे ने लिखा है, 'हमारी कार का ऐक्सिडेंट हो गया था। कार डैमेज हो गई पर जानें बच गईं। भगवान का आशीर्वाद है। जाको राखे साइंया, मार सके ना कोय।'किशोरी शहाणे मराठी सिनेमा में एक जाना-माना नाम हैं। वह एक इंडियन क्लासिकल और फोक डांसर है। उन्होंने 'गुम है किसी के प्यार में' के अलावा कई टीवी शोज में काम किया है और शिरडी के साईं बाबा पर एक फिल्म भी बना चुकी हैं। किशोरी शहाणे ने फिल्मों से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 'कर्मा', 'प्यार का देवता' और 'हफ्ता बंद' जैसी फिल्में कीं।----
- मुंबई। महान गायिका लता मंगेशकर की अस्थियों के संचय के लिए सोमवार को उनके भतीजे आदिनाथ शिवाजी पार्क पहुंचे। जहां लता जी की अस्थियों को विधि विधान के साथ तीन कलशों में रखा गया। मंगेशकर परिवार की तरफ से दो पंडितों ने आदिनाथ के साथ अस्थि संचय की प्रकिया पूरी की।देशवासियों के लिए 6 फरवरी का दिन दुखों का पहाड़ लेकर आया जब प्रात: ये खबर सामने आई कि महान गायिका और स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर ने इस संसार को अलविदा कह दिया है। मुंबई के शिवाजी पार्क में हजारों नम आंखों ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने उन्हें मुखाग्नि दी।आज प्रात: भतीजे आदिनाथ मंगेशकर लता जी की अस्थियां लेने शिवाजी पार्क पहुंचे। पंडितों द्वारा विधि प्रक्रिया पूरी करने के बाद लता मंगेशकर जी की अस्थियां उनके भाई और संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर के बेटे आदिनाथ मंगेशकर को सौंप दी गईं। जिसके बाद आदिनाथ अस्थियों को लेकर लता मंगेशकर के निवास स्थान पेडर रोड स्थित प्रभु कुंज पहुंचे। इसके बाद अब परिवार के लोग निर्णय लेंगे की अस्थियों का विसर्जन कहां किया जाएगा। आदिनाथ, पिता और बुआ की तरह सिंगर हैं।इस बीच वहीं लता मंगेशकर के करोड़ों फैंस और संगीत प्रेमियों ने महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चि_ी लिखकर मांग की है कि दिवंगत भारत रत्न लता दीदी का अंतिम संस्कार जिस जगह पर किया गया, वहीं पर उनका स्मृति स्थल बनाया जाए।बता दें कि शिवाजी पार्क में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का स्मृति स्थल बना हुआ है। बाल ठाकरे के बाद लता मंगेशकर दूसरी हस्ती हैं, जिनका शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार किया गया। उनका अंतिम संस्कार उस जगह से थोड़ी ही दूरी पर हुआ, जहां बाल ठाकरे का अंतिम संस्कार किया गया था।---
- मुंबई। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का गोवा से गहरा रिश्ता था। उनके पिता और दादा इसी तटवर्ती राज्य के मंगेशी गांव से थे और भगवान मंगेश उनके परिवार के कुल देवता हैं। यही कारण है कि परिवार ने 'मंगेशकर' उपनाम रख लिया। लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर संगीतकार और मंच कलाकार थे। दीनानाथ, मंगेशी निवासी गणेशभट भीकाजी अभिषेकी और येसुबाई राणे के पुत्र थे। वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘लता: सुर गाथा'में यतींद्र मिश्रा लिखते हैं कि दीनानाथ मंगेशकर का मूल नाम दीनानाथ अभिषेकी था। मिश्रा के अनुसार दीनानाथ गांव और देवता के साथ संपर्क बनाने के लिए परिवार का नाम 'मंगेशकर' रखना चाहते थे। इस उपनाम को उनकी सबसे बड़ी संतान लता ने अपनी बेजोड़ प्रतिभा से दुनियाभर में प्रसिद्ध कर दिया।
- नयी दिल्ली। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने एक समय कहा था कि उनकी गायिकी किसी तरह का चमत्कार या कोई असाधारण चीज नहीं है और जो कुछ है वह ईश्वर की इच्छा है क्योंकि कई ने उनसे बेहतर गाया, लेकिन उन लोगों को वह सब कुछ नहीं मिला जो मुझे मिला ।उनका यह भी मानना था कि किसी को सफलता को सिर पर चढ़ कर नहीं बोलने देना चाहिए। लता ने कहा था, मैं ईश्वर की शुक्रगुजार हूं कि मेरी सफलता ने मुझ पर नुकसानदेह प्रभाव नहीं डाला। उन्होंने कहा था, यदि मुझे कुदरत का तोहफा मिला है तो यह ईश्वर का ही आशीर्वाद है। किसने सोचा था कि मैं इतनी मशहूर हो जाउंगी। ठीक है, मैं गा सकती हूं लेकिन मेरी गायिकी किसी तरह का चमत्कार नहीं है। मेरी गायिकी कोई असाधारण चीज नहीं है। कई लोगों ने मुझसे बेहतर गाया था लेकिन शायद उन्हें वह सब कुछ नहीं मिला जो मुझे मिला।यह टिप्पणी लता मंगेशकर...इन हर आउन वॉयस पुस्तक में की गई है जिसे टीवी कार्यक्रम निर्माता एवं लेखिका नसरीन मुन्नी कबीर ने लिखी है और जिसे 2009 में नियोगी बुक्स ने प्रकाशित किया था। लता का रविवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं।
- मुंबई। मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन ने रविवार को महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनकी आवाज को सदी की सबसे बेहतरीन आवाज करार दिया। बच्चन ने मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए ब्लॉग लिखा। उन्होंने लिखा, ''वह हमें छोड़कर चली गईं...सदियों की सबसे बेहतरीन आवाज खामोश हो गई... उनकी आवाज अब स्वर्ग में गूंजती रहेगी। उनकी आत्मा की शांति की कामना करता हूं।''लता जी के निधन की खबर लगते ही अमिताभ बच्चन बेटी श्वेता के साथ लता दीदी के अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। अमिताभ का लताजी के साथ गाया एक गाना काफी लोकप्रिय हुआ था ये कहां आ गए हम...। फिल्म सिलसिला का यह गाना जब रिकॉर्ड किया गया था, तब अमिताभ और लताजी ने अलग-अलग जाकर स्टुडियो में यह गाना रिकॉर्ड किया था। बाद में मिक्सिंग के जरिए इसे अंतिम रूप दिया गया। इस बात का जिक्र लता जी ने एक मंच में किया था। उन्होंने बताया था कि स्टुडियो में तो उन्हें अमिताभ के साथ यह गाना गाने का मौका नहीं मिला, लेकिन इस कार्यक्रम में वे साथ में ये गाना गा रहे हैं।
- मुंबई। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताते हुए प्रसिद्ध गीतकार गुलजार ने कहा कि वह एक चमत्कार हैं, जिन्हें शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए तो जैसे गीतकार का शब्द भंडार खाली हो गया था। गुलजार और लता दीदी ने पहली बार 1963 में आयी फिल्म ‘बंदिनी’ के गीत ‘मोरा गोरा रंग लेइले’ में पहली बार काम किया था और दोनों ने अंतिम बार 2021 ‘ठीक नहीं लगता’ में काम किया था। इस गीत को 26 साल पहले एक फिल्म के लिए रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन वह कभी रिलीज नहीं हुई।अनुभवी गीतकार ने कहा, ‘‘लताजी अपने-आप में करिशमा हैं और यह करिशमा हमेशा नहीं होता है और आज यह करिशमा मुक्कमल हो गया। वह चली गईं। वह चमत्कारिक गायिका थीं, जिनकी आवाज में चमत्कार था। उनके लिए विशेषण खोजना कठिन है। हम उनके बारे में चाहे कितनी भी बातें कर लें, वह कम होगा। उन्हें शब्दों में नहीं बांधा जा सकता।’’गुलजार और लता ने ‘खामोशी’, ‘किनारा’, ‘लेकिन’, ‘रूदाली’, ‘मासूम’, ’लिबास’, ‘दिल से...’, ‘सत्या’, ‘हु तू तू’ और ‘माचिस’ सहित तमाम फिल्मों में साथ काम किया।गुलजार निर्देशित फिल्म ‘किनारा’ का गीत ‘नाम गुम जाएगा’ आज मंगेशकर के ब्रह्मलीन होने को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर रहा है। गुलजार ने कहा कि उनके बारे में बात करते हुए यह गीत बिल्कुल ‘उचित’ है।उन्होंने याद किया, ‘‘हमने एक फिल्म के लिए गीत लिखा था। मुझे याद है, मैंने उनसे कहा था कि जब आप ऑटोग्राफ देंगी तो इसका इस्तेमाल (गीत की लाइनों का) कर सकती हैं। ‘मेरी आवाज ही मेरी पहचान है, अगर याद रहे।’’उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा नहीं था कि ऐसा होगा (यह उनकी पहचान बन जाएगा), लेकिन यह उनकी पहचान बन गया और उनकी पहचान इसी से होने लगी।’गुलजार का कहना है कि जिस दिन यह गीत रिकॉर्ड हुआ था, उन्हें वह दिन और लता के साथ हुई बातचीत अच्छी तरह याद है। गौरतलब है कि लता मंगेशकर का रविवार की सुबह ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। 92 वर्षीय गायिका को कोविड से ग्रस्त होने के बाद आठ जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
- मुंबई। भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर की पार्थिव काया रविवार को शाम सवा सात बजे पंचतत्व में विलीन हो गई। मुंबई के शिवाजी पार्क में पंडितों ने मंत्र उच्चारण किया और उसके बीच लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने मुखग्नि दी। उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। 6 दशकों तक अपनी मखमली और सुरीली आवाज से करोड़ों दिलों पर राज करने वालीं लता मंगेशकर को यूं खामोश देख हर किसी का दिल रो रहा था। आंखों से आंसू उमड़ रहे थे।अंतिम संस्कार से पहले लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को रविवार दोपहर उनके घर 'प्रभु कुंज' लाया गया था, जहां अंतिम दर्शन करने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। बाद में अंतिम संस्कार के लिए उन्हें शिवाजी पार्क लाया गया।अमिताभ बच्चन से लेकर अनुपम खेर, जावेद अख्तर, राज ठाकरे, पंकज उधास, संजय लीला भंसाली, श्रद्धा कपूर समेत कई दिग्गज हस्तियां लता मंगेशकर के घर उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचीं। अंतिम संस्कार से पहले लता मंगेशकर की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से शिवाजी पार्क के लिए निकाली गई। लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को पहले तिरंगे में लपेटा गया और फिर उन्हें फूलों से सजे ट्रक में रखकर अंतिम यात्रा निकाली गई। इस ट्रक में लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर, आशा भोसले और परिवार के अन्य सदस्य बैठे थे। लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर जब शिवाजी पार्क पहुंचा, तो वहां उनके गाने बज रहे थे। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लता मंगेशकर के अंतिम दर्शन को शिवाजी पार्क पहुंचे थे। उन्होंने लता जी को श्रद्धांजलि दी और हाथ जोड़कर आखिरी प्रणाम किया। राष्ट्रीय ध्वज में लिपटी महान गायिका को श्री मोदी ने पुष्प चक्र अर्पित किया। इस दौरान शाहरुख खान, सचिन तेंदुलकर , आमिर खान, शंकर महादेवन, रणबीर कपूर, मधुर भंडारकर, अनुराधा पौडवाल, श्रद्धा कपूर जैसी बॉलीवुड हस्तियां भी लता मंगेशकर के अंतिम दर्शन के लिए पहुंची। उन्होंने लता जी को फूल अर्पित करने के बाद हाथ जोड़कर नमन किया।लता मंगेशकर पिछले एक साल से शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो गई थीं। उन्होंने सबसे मिलना-जुलना भी बंद कर दिया था। लता मंगेशकर की देख-रेख के लिए नर्सिंग स्टाफ रखा गया था और डॉक्टरों ने उनके लिए अलग से डायट प्लान बनाया था। लता मंगेशकर बेहद सादा खाना खा रही थीं और सिंपल रूटीन फॉलो कर रही थीं।
- मुंबई। अपनी आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाली दिग्गज गायिका लता मंगेशकर का 6 फरवरी, 2022 को निधन हो गया है। उनके तमाम चाहने वालों को गहरा सदमा लगा है। लता मंगेशकर ने दुनिया को अलविदा जरूर कह दिया है लकिन उनके गाए गए गाने हमेशा अमर रहेंगे। अपनी सुरीली आवाज से लोगों का ध्यान खींचने वालीं लता मंगेशकर को फिल्म इंडस्ट्री ने रिजेक्ट भी किया था।बताया जाता है कि लता मंगेशकर ने जब फिल्म इंडस्ट्री में प्लेबैक सिंगर के तौर पर एंट्री की तो वह रिजेक्ट हो गई थीं क्योंकि उस समय नूरजहां और शमशाद बेगम जैसे गायकों का युग चल रहा था। इन लोगों की भारी आवाज के सामने लता मंगेशकर की पतली आवाज की नहीं चली। लता मंगेशकर को कहा गया था कि उनकी पतली आवाज हिरोइन पर शूट नहीं करेगी।लता मंगेशकर ने साल 1938 में 9 साल की उम्र में शोलापुर के नूतन थिएटर में पहली बार पब्लिक के सामने गाया था। साल 1942 में 13 साल की उम्र में पिता के निधन से उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इसके बाद उन्होंने साल 1942-1948 तक आठ से अधिक फिल्मों में एक्टिंग की। लता मंगेशकर ने अपना पहला गाना साल 1942 में मराठी फिल्म 'किटी हसाल' के लिए रिकॉर्ड किया था, लेकिन वह कभी रिलीज नहीं हुआ। दरअसल, इस गाने को फाइनल कट में हटा दिया गया था। इसके बाद उन्होंने साल 1949 में फिल्म 'महल' के लिए 'आनेवाला आएगा' गाया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।गौरलतब है कि लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर थिएटर में एक्टर और क्लासिकल सिंगर थे। इस तरह से उन्हें संगीत विरासत में मिला है। लता मंगेशकर का रूझान संगीत की तरफ हुआ और उन्होंने 5 साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था। लता मंगेशकर ने अपनी 70 साल से ज्यादा गायकी में 36 भाषाओं की फिल्मों में गाने गाए हैं।---
- चेन्नई। मशहूर संगीतकार ए आर रहमान ने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्होंने उनके साथ गाने रिकॉर्ड किए और उनके साथ गाया तथा उनसे रियाज का महत्व सीखा।मंगेशकर का रविवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं। रहमान ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए बहुत दुखद दिन है। लताजी सिर्फ एक गायिका नहीं थीं, न केवल एक प्रतीक, बल्कि भारत की चेतना, भारतीयता, हिंदुस्तानी संगीत, उर्दू और हिंदी कविता का हिस्सा थीं। उन्होंने कई भाषाओं में गीत गाए। हम सभी के लिए यह खालीपन हमेशा बना रहेगा।’’रहमान ने कहा कि उनके दिवंगत पिता के बिस्तर के पास मंगेशकर की एक तस्वीर थी और वह उनकी छवि को देखकर जाग जाते थे और रिकॉर्डिंग के लिए जाने से पहले प्रेरणा लेते थे। रहमान के पिता आर के शेखर संगीतकार थे।रहमान ने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्होंने उनके साथ कुछ गाने रिकॉर्ड किए, उनके साथ गाने गाए तथा उनके शो का हिस्सा बने। संगीतकार ने कहा, ‘‘मुझे इनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण चीज मंच पर प्रस्तुति के बारे में उनसे जानने को मिला।’’ रहमान ने कहा कि मंगेशकर को अपने शो के पहले रियाज करते देख उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला। मंगेशकर ने रहमान के साथ फिल्म ‘दिल से’ के ‘जिया जले’ और ‘रंग दे बसंती’ के ‘लुका छुपी’ जैसे गीतों में काम किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि उनके गीतों से सैकड़ों और हजारों गायक प्रेरित हुए हैं। हम बस इतना कर सकते हैं कि इस किंवदंती से सीखें। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’
- मुंबई। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के साथ अपने दोस्ताना संबंधों को याद करते हुए अभिनेत्री वहीदा रहमान ने कहा कि वह महान गायिका को अक्सर चॉकलेट, कबाब और बिरयानी भेजा करती थीं, जिसके बदले में अपने आशीर्वाद के रूप में लता उन्हें सुंदर साड़ियां भेजती थीं। वहीदा के लिए लता ने ‘आज फिर जीने की तमन्ना है’ और ‘पिया तो से नैना लागे रे’ जैसे सदाबहार गीत गाये थे।अभिनेत्री ने सुर साम्राज्ञी के निधन पर रविवार को शोक प्रकट किया और कहा, ‘‘मैंने अपनी एक सहेली खो दी, सबसे सुंदर इंसान। ’’ उन्होंने लता के साथ अपने दशकों के संबंध को याद करते हुए यह बात कही। वहीदा ने कहा, ‘‘यह हर किसी के लिए विभिन्न तरह से सचमुच में एक नुकसान है। मेरे लिए, मैं नहीं जानती कि क्या कहना है, हम एक दूसरे से रोज बातचीत नहीं किया करते थे लेकिन हम दोनों ने एक दूसरे के साथ का बहुत अच्छा समय बिताया, हम एक दूसरे को बखूबी जानते थे। लेाग अक्सर सोचते हैं कि वह एक शर्मीली महिला थी लेकिन मैंने उन्हें चुटकुले सुनाते देखा। हमने जो वक्त साथ गुजारा है, वह मेरे साथ सदा रहेगा। ’’वहीदा को लता (92) से हुई अपनी पहली मुलाकात का साल याद नहीं है लेकिन उन्होंने कहा कि अंतिम बार वे चार पांच साल पहले दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार के उपनगरीय मुंबई स्थित आवास पर मिली थीं। अभिनेत्री ने कहा, ‘‘चूंकि मेरा घर भी बांद्रा में है, तो मैंने बाद में लता जी को अपने घर पर आमंत्रित किया और वह राजी हो गईं। हमने जीवन, खाने-पीने के बारे में बातें करते हुए और चुटकुले सुनाते हुए तीन घंटे बिताएं।’’वहीदा ने कहा, ‘‘हम अक्सर एक दूसरे को काफी चीजें भेजा करते थे, जैसे कि मैं उन्हें चॉकलेट, कबाब, जो उन्हें सबसे ज्यादा पसंद थे, और बिरयानी भेजती थी, जिसके बदले में वह मुझे साड़ियां भेजा करती थीं। ’’ अभिनेत्री ने कहा, ‘‘सुर साम्राज्ञी के बारे में सर्वश्रेष्ठ बात यह थी कि वह गीत गाते वक्त अभिनेत्री के व्यक्तित्व को ध्यान में रखती थीं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनके गीत बरसों बरस याद रहेंगे। ’’
- -शरीर के कई अंग खराब हो गए थे-डॉक्टरमुंबई। महान गायिका लता मंगेशकर के निधन से देशभर में गम का माहौल है। केंद्र सरकार ने 6 व 7 फरवरी को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। 92 वर्षीय लता जी का रविवार सुबह मुंबई के ब्रीचकैंडी अस्पताल में निधन हो गया। रविवार शाम 6.30 बजे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रद्धांजलि देने मुंबई जाएंगे।आज सुबह लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर उनके पेडर रोड स्थित निवास 'प्रभुकुंज' लाया गया। इससे पहले लता मंगेशकर को अंतिम विदाई देने सचिन तेंदुलकर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मुंबई में ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे। प्रसिद्ध फि़ल्म लेखक जावेद अख्तर मुंबई में लता मंगेशकर के घर पहुंचे।उनका इलाज कर रहे ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉ. प्रतीत समदानी ने बताया कि आज सुबह 8:12 मिनट पर लता दीदी(लता मंगेशकर) का निधन हो गया है। मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर और उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि 92 वर्षीय गायिका के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके कारण रविवार सुबह 8.12 बजे उनका निधन हो गया।
- नई दिल्ली। महान गायिका लता मंगेशकर को क्रिकेट का बहुत शौक थे। वे इस खेल में अच्छी जानकारी भी रखती थीं। वे अकसर मैचों पर अपनी टिप्पणियां करती थीं। सचिन तेंदुलकर से उनका बेहद खास रिश्ता था। सचिन तेंदुलकर के लिए लता मंगेशकर मां की तरह थीं। इन दोनों के बीच बहुत खास रिश्ता था। लता मंगेशकर ने ही सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिए जाने की वकालत की थी। सचिन ने भी कई बार सार्वजनिक तौर पर लताजी के प्रति अपना सम्मान जाहिर किया।साल 2014 में जब सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया, इससे पहले ही लता ने कई बार उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की वकालत की। साल 2010 में ही उन्होंने सचिन के लिए कहा था, 'मेरे लिए वह असली भारत रत्न हैं। उन्होंने जो देश के लिए किया है वह बहुत कम लोग कर पाते हैं। वह इस सम्मान के हकदार हैं। उन्होंने हम सबको गर्व महसूस करवाया है।' उन्होंने सचिन के बारे में अपने रिश्तों के बारे में कहा था, 'सचिन मुझे मां की तरह मानते हैं और मैं हमेशा मां की तरह उनके लिए प्रार्थना करती हूं। मैं वह दिन कभी नहीं भूल सकती जब उन्होंने पहली बार मुझे आई (मां) कहा था। मुझे इसकी उम्मीद नहीं थीं। यह मेरे लिए हैरान करने वाला था। और उन जैसा बेटा पाकर मैं खुद को खुशकिस्मत समझती हूं।'लताजी के पिता दीनानाथ मंगेशकर की पुण्य तिथि और सचिन का जन्मदिन दोनों 24 अप्रैल को होते हैं। लता ने याद करते हुए कहा था, 'सचिन का जन्मदिन 24 अप्रैल को होता है और उसी दिन मेरे पिता दीनानाथ मंगेशकर की पुण्य तिथि होती है।' जब सचिन तेंदुलकर की बायोपिक - 'सचिन: अ बिलियन ड्रीम्स' 2017 में रिलीज हुई थीं तब भी सोशल मीडिया के जरिए लता मंगेशकर ने सचिन को शुभकामनाएं दी थीं।
- मुंबई। जर्मन फिल्म ‘रन लोला रन' में मुख्य किरदार निभाने वाली अभिनेत्री फ्रैंका पोटेंटे ने इसके आधिकारिक हिंदी रीमेक ‘लूप लपेटा' के लिए तापसी पन्नू सहित टीम के अन्य सदस्यों को शुभकामनाएं दीं। साल 1998 में प्रदर्शित ‘रन लोला रन' में फ्रैंका अभिनेता मोरित्ज ब्लेबट्रेयू के साथ नजर आई थीं। यह फिल्म एक ऐसी युवती की कहानी बयां करती है, जिसे अपने प्रेमी को बचाने के लिए 20 मिनट में 1,00,000 डॉयचे मार्को का इंतजाम करना होता है।चार फरवरी को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई ‘लूप लपेटा' में ताहिर राज भसीन ने भी अहम किरदार निभाया है।‘द बॉर्न आइडेंटिटी', ‘द बॉर्न सुप्रीमेसी‘, ‘द कॉन्ज्यूरिंग-2' और ‘एनाटॉमी' में दमदार अभिनय के लिए जमकर वाहवाही लूटने वाली फ्रैंका ने एक वीडियो संदेश के जरिये तापसी व टीम के अन्य सदस्यों को शुभकामनाएं दीं। सैंतालीस वर्षीय अभिनेत्री ने कहा, ‘हाय दोस्तों, मैं फ्रैंका हूं। यह बेहद रोमांचक है कि आप इतने वर्षों के बाद 'रन लोला रन' के रीमेक की शूटिंग कर रहे हैं। मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं, मुझे लगता है कि यह वास्तव में शानदार है, इसलिए मैं आप सभी को शुभकामनाएं देना चाहती हूं। तापसी को शुभकामनाएं, मुझे यकीन है कि आप अद्भुत होंगी। मैं फिल्म देखने के लिए और इंतजार नहीं कर सकती।' तापसी ने ट्विटर पर फ्रैंका का वीडियो साझा करते हुए उनका आभार जताया।उन्होंने लिखा, ‘यह इसे कई गुना खास बनाता है! शुक्रिया फ्रैंका! यह #लूपलपेटा के प्रदर्शन का दिन है और यहां हमारे साथ ओजी सावी हैं, जो हमारा दिल जीतने के लिए तैयार हैं।' सोनी पिक्चर्स फिल्म्स इंडिया और एलिप्सिस इंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी ‘लूप लपेटा' का निर्देशन नवोदित आकाश भाटिया ने किया है।
- मुंबई। तेलुगू अभिनेता रवि तेजा अभिनीत फिल्म ''खिलाड़ी'' 11 फरवरी को हिंदी में प्रदर्शित होगी। निर्माताओं ने शनिवार को यह जानकारी दी। रमेश वर्मा की इस एक्शन-थ्रिलर फिल्म में तेजा दोहरी भूमिका में नजर आएंगे। निर्माता जयंतीलाल गाडा ने कहा कि उन्होंने तेजा की लोकप्रियता को देखते हुए फिल्म को हिंदी में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है। तेजा के अलावा इस फिल्म में मीनाक्षी चौधरी और डिंपल हयाती ने अहम किरदार निभाएं हैं।