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- भिलाईनगर/ 70 प्लस वरिष्ठ नागरिकों का आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य नगर निगम भिलाई क्षेत्र में निरंतर चल रहा है। अभी तक 900 से अधिक 70 प्लस के बुजुर्ग व्यक्तियों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया। इसको और गति देने के लिए नगर निगम भिलाई की सभागार में मितानिन बहने, ट्रेनर एवं मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर की गई की ट्रेनिंग आयोजित की गई। उन्हें बताया गया कैसे हम मोबाइल के माध्यम से रजिस्टर्ड करने के बाद हितग्राहियों को घर घर जाकर आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं।70 प्लस आयुष्मान कार्ड सभी वर्ग के लोगों का बन रहा है, इसमें ₹500000 तक का नेशनल चिकित्सा बीमा प्रदान किया जाता है। आयुष्मान कार्ड द्वारा शासन द्वारा निर्धारित प्रमुख अस्पतालों में निशुल्क इलाज करवाया जा सकता है। आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय द्वारा आवाहन किया गया, कि सबसे पहले अपने घर के बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड बनाना शुरू करें। फिर उसके बाद अपने अड़ोस-पड़ोस, मोहल्ले के घर.घर जाएं आयुष्मान कार्ड बनाएं, हमारे नगर निगम में 26000 से अधिक लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाना है, इसमें शीघ्रता लाना है। निर्धारित अवधि के अंदर हम सब अपने लक्ष्य को पाना है।वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन एवं महापौर नीरज पाल आवाहन किया है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा बहुत ही अच्छी योजना लाई गई है। सभी बुजुर्गों के बहुत उपयोगी है 70 प्लस के बड़े बुजुर्गों को इलाज में बहुत लाभ मिलेगा। हम लोग वार्डों में शिविर लगाएंगे, घर.घर जाएंगे। आयुष्मान कार्ड बनवाएंगे भिलाई नगर के निवासियों से अपील है। कि अपने घर के बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवाने के लिए प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित रहे समन्वयक देवेश त्रिवेदी मैनेजर, अमन पटले आदि उपस्थित रहे।
- जगदलपुर । बस्तर ओलपिंक 2024 के तहत जगदलपुर में दिसंबर माह में आयोजित की जाने वाली संभाग स्तरीय प्रतियोगिता की तैयारियों की समीक्षा बैठक कमिश्नर श्री डोमन सिंह और आईजी श्री सुंदरराज पी. द्वारा किया गया। जिला कार्यालय के आस्था सभाकक्ष में प्रतियोगिता की रूपरेखा, प्रतियोगिता में विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र, मेडल और शील्ड और अन्य आवश्यक व्यवस्था का आंकलन किया।कमिश्नर श्री सिंह ने सभी जिलों के बस्तर ओलंपिक के नियुक्त नोडल से समन्वय कर खिलाड़ियों को लाने, ठहरने और भोजन व्यवस्था के संबंध में चर्चा करने के निर्देश दिए। बस्तर ओलंपिक के संभाग स्तरीय आयोजन में उद्घाटन और समापन समारोह की व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, परिवहन व्यवस्था, सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था, ब्रांडिंग की व्यवस्था सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं पर चर्चा किए। इसके उपरांत सभी अधिकारियों ने इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में पहुंचकर मुख्य मंच सहित अन्य कार्यक्रमों की तैयारियों का अवलोकन किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री हरिस एस, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिंहा, सीईओ जिला पंचायत सुश्री प्रतिष्ठा ममगाईं सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे ।
- धमतरी। राष्ट्रीय आयुष कार्यक्रम सुप्रजा, धमतरी ज़िले में गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भस्थ शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए शुरू की गई एक योजना है. इस योजना का मकसद है कि गर्भवती महिलाएं स्वस्थ रहें और उनका बच्चा निरोगी पैदा हो. इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं को आयुर्वेदिक दवाएं, योग, मेडिटेशन, पौष्टिक आहार और गतिविधियां दी जाती हैं। जिले में अब तक 202 ग्रामों में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें 1277 गर्भवती महिलाएं योजनान्तर्गत पंजीकृत हैं। वनांचल नगरी विकासखण्ड के गट्टासिल्ली की श्रीमती शारदा निषाद की प्रथम होने वाली संतान को IUGR (गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास सामान्य दर से न हो पाना) था, उनके द्वारा सुप्रजा कार्यक्रम के अंतर्गत बताए गए मासानुमासिक विहार, गर्भावस्थाक औषधि का प्रयोग, योग तथा मंत्र श्रवण किया गया। नतीजन उनका प्रसव बिल्कुल नॉर्मल तथा बच्चों का वजन 3.5 ग्राम रहा। इसी तरह श्रीमती प्रियंका मरकाम को गर्भावस्था के दौरान बार-बार खून की कमी होती थी, सुप्रजा कार्यक्रम के अंतर्गत पूरे गर्भावस्था के दौरान उन्होंने गर्भ संस्कार कार्यक्रम अपनाया तथा धात्री लोगों का सेवन साथ में किया उनका हीमोग्लोबिन पूरे गर्भावस्था के दौरान 11 से ऊपर था तथा उनके द्वारा स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया गया।भारत सरकार, आयुष मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत वर्ष 2023-24 से राष्ट्रीय कार्यक्रम सुप्रजा सचालित किया जा रहा है। सुप्रजा कार्यक्रम गर्भवती, नवजात शिशु की देखभाल एवं सुरक्षा हेतु प्रारंभ किया गया है। इन संस्थाओं में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को भारत सरकार की गाईडलाइन के तहत गतिविधियों जैसे प्रतिमाह गर्भवती जांच, शिशु विकास परीक्षण, गर्भवती महिलाओं को शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक रूप से स्वस्थ रखने हेतु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। उत्तम गुणयुक्त संतान प्राप्ति के लिए गर्भसंस्कार करवाया जा रहा है। गर्भावस्था अनुरूप आहार-विहार संबंधित सलाह (प्रत्येक माह अनुसार आयुर्वेद आहार) तथा प्रत्येक गर्भिणी को गर्भावस्था में किये जाने वाली उपयोगी योगासन की जानकारी योग प्रशिक्षक एवं आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है। ज्यादा से ज्यादा गर्भिणी महिला योग का लाभ ले सके इसलिए आयुष संस्थाओं में योगसत्र का आयोजन भी किया जा रहा है। गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं को आयुर्वेद औषधियां निःशुल्क प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत गर्भावस्था की जटिलताएं कम हुई हैं। साथ ही सिजेरियन डिलीवरी की संख्या घट रही है। जननी एवं नवजात शिशु की प्रसवोत्तर 06 माह तक चिकित्सक द्वारा फॉलोअप किया जा रहा है तथा नवजात शिशु को स्तनपान करवाने हेतु जननी को सलाह दी जा रही है।
- -बैंक सखी के रूप में 10 करोड़ रुपए से अधिक का किया अब तक ट्रांसेक्शन, बैंक खाते खुलवाकर शासकीय योजनाओं से जोड़ने का भी कर रहीं हैं कार्य=बिहान से मिली बैंक सखी के काम की जानकारी, बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने का सपना होगा अब पूरा- बैंक सखी ममताअम्बिकापुर । उदयपुर के ग्राम राजबान की ममता जायसवाल तीन गांवों सलका, सरगवां और खोडरी में बैंक सखी के रूप में कार्य कर रहीं हैं और यहां के लोगों के लिए एक चलता-फिरता बैंक हैं। ममता के जरिए इन गांवों के निशक्त, दिव्यांग, बुजुर्ग, महिलाएं सभी को बैंकिग सुविधा अब घर तक मिल रहीं हैं। वहीं बैकिंग लेनदेन में भी लोग आसानी से सुविधाओं का लाभ ले पा रहे हैं। बैंक खाता ना होने की वजह से जिन लोगों तक शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता था, बैंक सखी ममता के जागरूक करने पर उनका भी अब घर बैठे बैंक खाता खुल गया है। वहीं ममता स्वयं भी बैंक सखी के रूप में कार्य कर आर्थिक रूप से सशक्त हुईं हैं और अपने सपनों को पूरा कर रहीं हैं।पेंशन, बीमा सहित अन्य बैंकिंग सुविधाओं का दिला रहीं हैं लाभ-ममता घर-घर जाकर लोगों तक बैंकिग सुविधा पहुंचा रहीं हैं। ममता बैंक सखी का कार्य कर रहीं हैं, और उन्होंने अब तक 10 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का ट्रांसेक्शन किया है। पेंशन, बीमा, महतारी वंदन योजना की राशि, मजदूरी भुगतान सहित अन्य सभी का लाभ ग्रामीणों तक आसानी से पहुंच रहा है। ग्राम सलका के ग्राम पंचायत राजबान कि दिव्यांग वर्षा बताती हैं कि दिव्यांगता के कारण उन्हें कई समस्या का सामना करना पड़ता है, कहीं आने जाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। वर्षा बताती हैं कि उन्हें दिव्यांग पेंशन की राशि लेने बैंक जाना पड़ता था, अब बैंक वाली दीदी स्वयं घर आकर पेंशन की राशि देकर जाती हैं।ग्राम राजबान की संतोषी जयसवाल बताती हैं कि मुझे शासन की महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है, हर माह एक हजार रुपए बैंक में आता है। जिसे निकालने के लिए कामकाज के बीच से समय निकालकर बैंक जाना पड़ता था। बैंक सखी ममता गांव में ही आकर अब हम महिलाओं को महतारी वंदन योजना की राशि देकर जाती हैं। इन पैसों से हम महिलाएं अपनी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा कर पा रहे हैं। इसी क्रम में विधवा पेंशन योजना से लाभान्वित बुजुर्ग मानोबाई ने बताया ग्राम पंचायत भवन में बैंक सखी ममता आतीं हैं और गांव वालों की मदद करती हैं।बिहान योजना से बैंक सखी बनीं ममता, हर माह 10 से 15 हजार रूपए कमाकर आर्थिक रूप से हुईं सशक्त, अब बच्चों को बेहतर शिक्षा का सपना भी हो रहा पूरा-स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद, ममता को बिहान योजना के अंतर्गत बैंक सखी बनने का अवसर मिला। ममता को आरसेटी में बैंकिंग सेवाओं के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया। ममता बताती हैं कि बैंक सखी का कार्य मुझे बहुत अच्छा लगता है, लोगों की मदद कर संतोष मिलता है। उन्होंने बताया कि बैंक सखी के रूप में उन्हें प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपए की आमदनी हो जाती है। आर्थिक रूप से सशक्त होकर उन्हें समाज में पहचान मिली है। उन्होंने बताया कि उनके पति का होटल और किराने के दुकान का व्यवसाय है, जिससे परिवार की जरूरतें तो पूरी जाती हैं। उन्होंने बताया कि उनके 4 बच्चे हैं, बैंक सखी से मिले पैसों को बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए जमा किया है और उनका यह सपना भी अब पूरा हो जाएगा।ममता ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का जताया आभार-बिहान योजना से जुड़कर ममता जायसवाल जैसी कई महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुईं हैं। ममता ने बताया कि बिहान योजना से जुड़कर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। उन्होंने इस हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का आभार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया। बता दें वर्तमान में सरगुजा जिले के 7 जनपद पंचायतों में 87 बीसी सखी कार्यरत हैं, जिनके द्वारा ग्रामीणों के घर-घर तक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रहीं है।
- -माओवाद प्रभावित गांवों में योजनाओं की पैठ हो रही मजबूतकांकेर । प्रधानमंत्री आवास योजना से जिले के गरीब परिवारों का पक्के आवास का सपना मूर्तरूप ले रहा है। जीवन में प्रत्येक व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना पक्का घर हो, जिसमें वह अपने परिवार को स्थायी रूप से सुरक्षा दे सके और पृथक रसोई कक्ष, शयन कक्ष, शौचालय की सुविधा के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर सकें। ऐसे में गरीबों के लिए पक्का घर का सपना प्रधानमंत्री आवास योजना से साकार हो रहा है।माओवाद प्रभावित एवं दुर्गम सुदूर क्षेत्र कोयलीबेड़ा विकासखण्ड के ग्राम कन्दाड़ी निवासी श्री मेशिया पद्दा भी उनमें से एक हैं जिन्होंने अपने सपने को जीवंत करने का हौसला रखते हैं। उनके इस सपने को आकर देने का काम कर रही है प्रधानमंत्री आवास योजना। श्री पद्दा ने बताया कि उनका परिवार सालों से कच्चे मकान में निवासरत है, जिसके चलते हर मौसम में अलग-अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में कच्चे, खदरनुमा एवं खपरैल का घर होने के कारण जगह-जगह पानी टपकना, जमीन में सीलन आना, सांप बिच्छू का डर सताते रहता है। वहीं सर्दी के मौसम में शीत और ठण्ड बढ़ जाने से तबीयत बिगड़ने का भय बना रहता है। कच्चे घर वन्य जीवों व कीड़े-मकोड़ों के प्रवेश करना भी आम बात है। श्री पद्दा ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् अब पक्का मकान बनने के बाद इन सभी परेशानियों से निजात मिलेगी।हितग्राही श्री मेशिया ने बताया कि शासन की जनकल्याणकारी योजना के तहत इस सुदूर क्षेत्र में आवास स्वीकृत होने से जीवन में आशातीत परिवर्तन आया है। प्रशासन की मदद से तत्काल आवास का ले-ऑउट करवाकर निर्माण सामग्री पहुंचाने में मदद मिली है, जिससे वर्तमान में नींव खुदाई कर कॉलम की ढलाई की गई है। हितग्राही ने कहा कि उनका स्वयं का पक्का मकान बनाने का सपना पूरा होने जा रहा है। नवीन आवास निर्माण से वे अत्यंत खुश एवं उत्साहित हैं कि अब मकान बनने से परेशानियां दूर होंगी और उनका परिवार पक्के मकान में निश्चिंत व निर्भीक होकर आराम के साथ रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का आवास मिलने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट किया।
- मनेन्द्रगढ़।आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा व्दारा 08 अक्टूबर 2024 के तहत प्राप्त स्वीकृति एवं निर्देशानुसार मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, जिला स्तरीय चयन समिति के अनुमोदन उपरांत अनुशंसा के आधार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत जिला स्तर पर समन्वयक (तकनीकी), कम्प्यूटर प्रोग्रामर एवं लेखापाल के संविदा 01-01 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इच्छुक एवं वांछित अर्हताधारी अभ्यर्थी अपना आवेदन 16 दिसम्बर 2024 को अपराह्न 5:30 बजे तक कार्यालय परियोजना निदेशक, ग्रामीण विकास प्रशासन योजना, जिला पंचायत (डीआरडीए), द्वितीय तल, कार्यालय सहायक आयुक्त राज्य कर, कोरिया वृत्त, मनेन्द्रगढ़, जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (छ.ग.) के नाम से पंजीकृत डाक / स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं। चयन प्रक्रिया, पदों की संख्या, निर्धारित शैक्षणिक योग्यता, आवेदन पत्र प्रारूप एवं अन्य विवरण संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए जिला कार्यालय परियोजना निदेशक ग्रामीण विकास प्रशासन योजना, जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के सूचना पटल अथवा जिले की आधिकारिक वेबसाइटhttps://manendragarh-chirmiri-bharatpur.cg.gov.in/notice_category/पर देखा जा सकता है। इच्छुक अभ्यर्थी समय सीमा का पालन करते हुए अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते है ।
- रायपुर।छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र (CGSCCC) द्वारा नवा रायपुर अटल नगर स्थित अरण्य भवन में ”सतत आवास और कृषि क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (APCC) के क्रियान्वयन” पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एयर कंडीशनर तापमान विनियमन पर पोस्टर और जलवायु परिवर्तन से संबंधित 100 सफलता कहानियों पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया गया।कार्यशाला में पद्मश्री उमा शंकर पांडे ने नवा रायपुर अटल नगर स्थित अरण्य भवन में आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में जल संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जल संकट आज विश्व की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। उन्होंने यह बात दोहराई कि पानी बनाया नहीं जा सकता, केवल बचाया जा सकता है। उन्होंने सभी से जल बचाने की अपील की और इस दिशा में ठोस व सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।उन्होंने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के लिए संग्रहालय और विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। साथ ही, उन्होंने यह सुझाव दिया कि छात्रों को पानी बचाने के उपायों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाए और ”पानी की पाठशाला” जैसी पहल शुरू की जाए, ताकि जल के महत्व और उसके संरक्षण की तकनीकों को लोगों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी पद्धतियां अपनाई जानी चाहिए, जिनसे घर का पानी घर में, गांव का पानी गांव में और जंगल का पानी जंगल में ही संरक्षित रहे। उन्होंने नया रायपुर में मौजूद जल संरचनाओं और जलाशयों की सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की प्रशंसा की और नदियों को स्वच्छ रखने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या को कम करने के लिए समुदाय की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस दिशा में ”प्लास्टिक का उपयोग न करने” और आम जनता के बीच जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी), हरित भवन (ग्रीन बिल्डिंग), और हरित इस्पात (ग्रीन स्टील) जैसे नवाचारी उपायों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समुदाय के प्रत्येक सदस्य को अपनी भूमिका समझनी होगी और पर्यावरण अनुकूल आदतें विकसित करनी होंगी। साथ ही, उन्होंने जोर दिया कि जागरूकता अभियानों और स्थानीय स्तर पर प्रयासों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पांडे ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सतत आवास और कृषि क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रभावी समाधान खोजने के साथ-साथ (APCC) के तहत बनाई गई रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा करना है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र (CGSCCC) राज्य की जलवायु परिवर्तन संबंधी समस्याओं को सुलझाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और वन मंत्री के नेतृत्व में तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख के मार्गदर्शन में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतियों और योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया जा रहा है।कार्यशाला में आबकारी विभाग की सचिव एवं आयुक्त आर. संगीता, आईआईटी मुंबई के क्लाइमेट स्टडीज विभाग के प्रोफेसर डॉ. रघु मर्तुगुडे, तमिलनाडु WTC के पूर्व निदेशक डॉ. पन्नीरसेल्वम, रायपुर नगर निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा, बेंगलुरु के वास्तुकार डॉ. सुजीत कुमार, अंबिकापुर नगर निगम के स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी रितेश सैनी और नर्मदा नैचुरल फार्म्स के संस्थापक संकल्प शर्मा सहित अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। इन विशेषज्ञों ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपने विचार और अनुभव साझा किए।कार्यशाला में दो तकनीकी सत्र और दो पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। कार्यशाला में विभिन्न विषय विशेषज्ञों, अधिकारियों और पर्यावरणविदों सहित पीसीसीएफ आनंद बाबू, अतिरिक्त पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) प्रेम कुमार, वानिकी विशेषज्ञ बी.पी. सिंह, आईएफएस अधिकारी अमिताभ बाजपेयी, और कई प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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*पीएम आवास की दूसरी किश्त का हुआ भुगतान
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में अब एक फोन से समस्या का निराकरण हो रहा है। आरंग के गुखेरा गांव के निवासी श्री राम स्नेही देंवागन ने प्रधानमंत्री आवास की दूसरी किश्त नहीं मिलने को लेकर शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उनको पहली किश्त तो मिल गई है, लेकिन समय अवधि पूरा होने के बाद भी दूसरी किश्त में मिलने में वाली राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। जिसके बाद उन्होंने कलेक्टोरेट के जन समस्या निवारण कॉल सेंटर में फोन किया। जहां से संबंधित विभाग को मामले की जानकारी दी गई। जिसके बाद संबंधित विभाग को प्रकरण की जानकारी दी गई। जिसके बाद तत्काल पीएम आवास योजना की दूसरी किश्त की राशि जारी कर दी गई। जिसकी जानकारी श्री देवांगन को दी गई। जिसके बाद उन्होनें प्रसन्न्ता जाहिर की साथ ही मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
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*एक कॉल में बन गया मूल निवास प्रमाण पत्र*
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में अब एक फोन से समस्या का निराकरण हो रहा है। धरसींवा ब्लाक के गावं गुमा पोस्ट तेदुआ निवासी श्रीमती आर्शी शर्मा ने मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने में देरी होने को लेकर शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2024 में शिविर में अपने बच्चे आर्शी शर्मा के द्वारा आशी शर्मा व आर्यन शर्मा का मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने आवेदन दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी अभी तक निवास प्रमाण पत्र नही बना। जिसके बाद उन्होंने कलेक्टोरेट के जन समस्या निवारण कॉल सेंटर में फोन किया। जहां से संबंधित विभाग को मामले की जानकारी दी गई। जिसके बाद संबंधित विभाग को प्रकरण की जानकारी दी गई। जिसके बाद तत्काल निवास प्रमाण पत्र बनाकर जारी कर दिया गया, जिसकी जानकारी श्रीमती शर्मा को दी गई। जिसके बाद उन्होनें प्रसन्न्ता जाहिर की साथ ही मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
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*जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम कर रही कार्रवाई*
*100 से अधिक स्कूलों के आस-पास की गई जांच, 2 से 3 लाख रूपये किया गया जुर्माना*
रायपुर। जिले की शैक्षणिक संस्थानों के करीब में नशे की सामाग्री का व्यापार करने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन नगर निगम की संयुक्त टीम ने आज 100 से अधिक स्कूलों के बाहर और नशे के सामान बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की और 2 से 3 लाख रूपये तक जुर्माना लगाया। जहां से लगभग दो कार्टून सिगरेट, 5 बोरी गुटखा और एक बॉक्स गुडाखू जब्त किया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने नशे के विरूद्ध अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। इसी तारतम्य कलेक्टर डॉ गौरव सिंह के निर्देश पर सयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई की जा रही है।
आज अटारी सहित अन्य स्कूलों के आस-पास जांच टीम पहुंची कार्रवाई से साथ समझाईश भी दी गई। साथ ही जोन 10 के अमलीडीह मुख्य मार्ग में स्कूल के समीप की दुकानों 9 दुकानों, पान ठेलों का प्राप्त जनशिकायत की वस्तुस्थिति की जानकारी लेने प्रत्यक्ष अवलोकन किया। स्थल पर प्राप्त जनशिकायत सही मिली. जोन कमिश्नर के निर्देश पर विभिन्न दुकानों के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान दुकानदारों से लगभग 2 कार्टून सिगरेट, लगभग 5 बोरी गुटखा, लगभग 1 बॉक्स गुडाखू तत्काल जब्त करने की कार्यवाही सम्बंधित दुकानदारों को भविष्य के लिए कड़ी चेतावनी देते हुए की गयी एवं प्राप्त जनशिकायत का जोन के स्तर पर त्वरित निदान किया गया। सोनडोंगरी वार्ड, फुंडहर चौक स्थित स्कूल, फूल चौक इत्यादि स्थानों पर आज कार्रवाई की गई है।
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भिलाईनगर/नगर पालिका निगम भिलाई के भिलाई स्टील प्लांट क्षेत्र में स्थित सेक्टर 4 बोरिया मार्केट में आधुनिक सर्व सुविधायुक्त सार्वजनिक शौचालय का कार्य प्रारंभ हो गया है। जिले में पहली बार इस प्रकार का 10 सीट वाला शौचालय बन रहा है, जो बायोडिग्रेडेबल, पूरी तरह से आधुनिक, प्रदूषण मुक्त होगा। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इसका निर्माण किया जा रहा है। बोरिया मार्केट के पास सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से लोगों को तकलीफ हो रहा था। विशेष करके मार्केट के व्यवसायी, आने जाने वाले नागरिक, भिलाई स्टील प्लांट में कार्य करने वाले कर्मी, ठेका कर्मचारी, वहां पर गाड़ी खड़ा करने वाले ट्रक, डंपर आदि को परेशानी हो रही थी।
गौरतलब है कि नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी आधुनिक शौचालय के निर्माण हेतु ले-आउट करने जाते थे। कुछ स्थानीय लोगों द्वारा अनावश्यक रूप से विरोध किया जा रहा था। आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय के आने के बाद उनके द्वारा पहल किया गया। भिलाई स्टील प्लांट एवं पुलिस बल की सहयोग हेतु पत्र लिखा गया। आज पुलिस बल के सहयोग से लेआउट करके कार्य प्रारंभ कराया गया। स्थानी व्यापारियों एवं लोगों को जो परेशानी थी उसके बारे में उन्हें समझाया गया। केंद्र सरकार के सहयोग से सर्व सुविधा युक्त आधुनिक शौचालय निर्मित हो रहा है। इस प्रकार का शौचालय सबके लिए बहुत उपयोगी होगा। भिलाई-दुर्ग क्षेत्र मंर नई पद्धति से आधुनिक प्रकार का शौचालय पहली बार बन रहा है। अंत में सबके सहमति से शौचालय के ले-आउट करके निर्माण शुरू किया गया।कार्यवाही के दौरान जोन आयुक्त कुलदीप गुप्ता, अभियंता बसंत साहू, दीपक देवांगन, भिलाई स्टील प्लांट के अतिक्रमण हटाओ दल, भट्टी थाने से पुलिस बल की उपस्थिति में कार्य संपादित करवाया गया। -
*500 मुर्गियों से कमा रही सालाना लाख रूपये से अधिक*
*कमाई से खरीदी गाड़ी, बच्चों को पढ़ा रहीं, अब हजार मुर्गियों की फार्म बनाने की कर रहीं तैयारी*
रायपुर/ कभी गृहणी थी नागेश्वरी, लेकिन आज है लखपति दीदी। ग्राम कठिया की रहने वाली श्रीमती नागेश्वरी वर्मा आज से 5 साल पहले सामान्य गृहिणी थी। जो घर के चूल्हा-चौके तक ही सीमित थी, लेकिन आज वह अपने पैरों पर खड़ी और घर गृहस्थी संभालने के साथ ही सालाना डेढ़ से दो लाख रूपये कमा रही है वह भी मुर्गीपालन जैसे व्यवसाय से। नागेश्वरी के बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहें है और वह अपने दम पर एक हजार मुर्गियों को पालने की तैयारी भी कर रही है। आज नागेश्वरी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का बार बार धन्यवाद देते हुए कह रही है कि आज जो भी कुछ हूं उन्ही के बदौलत हूं। मुझ जैसी अन्य महिलाएं भी इस योजना से आत्मनिर्भर हुई हैैं। थैंक्यू पीएम मोदी।
श्रीमती वर्मा बताती हैं कि कुछ वर्ष पहले बिहान के सहयोग से करीब डेढ़ लाख रूपए लोन प्राप्त की। इसके बाद मुर्गीपालन का व्यवसाय शुरू की। मनरेगा से उन्हें मुर्गी शेड की सहायता मिली। शुरूआत में कम संख्या में मुर्गीपालन किया फिर धीरे-धीरे मुनाफा देखते हुए आज 500 मुर्गियों तक पहंुच गई। इन मुर्गियों को आस-पास के बड़े पोल्ट्री फार्म वालों को बेंचना शुरू किया था, अब वो खुद आकर ले कर जाते है।
*लखपति दीदी के घर में मां लक्ष्मी के साथ-साथ मां सरस्वती का भी वास*
श्रीमती वर्मा बताती है कि मुर्गीपालन व्यवसाय में अच्छी सफलता मिलने की विगत पांच वर्षों मंे अच्छी आय होने पर नया घर बनाया, दुपहिया वाहन खरीदी अब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हूं, बेटा बीबीए कर रहा है और बेटी की अच्छी करियर का भी प्लान कर रही हूं। इस प्रकार उनके घर में मां लक्ष्मी के साथ-साथ मां सरस्वती की कृपा भी बनी हुई है। -
हर साल कार्तिक दीपोत्सव आयोजित करती है आंध्र महिला मंडली
टी सहदेव
भिलाई नगर। बालाजी मंदिर में गुरुवार को आंध्र महिला मंडली के तत्वावधान में दक्षिण भारतीयों का प्रमुख त्यौहार कार्तिक दीपोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। आंध्र साहित्य समिति के सहयोग से आध्यात्मिक वातावरण में आयोजित इस उत्सव में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। इनमें न केवल आंध्रभाषी महिलाएं, बल्कि अन्य प्रांतों की महिलाएं भी थीं। इस उत्सव में पुरुषों की तादाद भी अच्छी खासी रही। पंडित गोपालाचारी के नेतृत्व में सनातन विधि विधान से शाम को लगभग छह बजे कार्तिक दीपोत्सव की शुरुआत हुई। इस दौरान मंदिर के कपाट खुले रहे, ताकि भक्तगणों को भगवान बालाजी का दर्शनलाभ मिल सके। बता दें कि महिला मंडली हर साल कार्तिक माह में दीपोत्सव आयोजित करती है।
*ध्वजस्तंभ पर आकाशदीप प्रज्वलित*
सबसे पहले मुख्य मंदिर और गोपुरम के मध्य में स्थित ध्वजस्तंभ की वैदिक मंत्रों के बीच पूजा-अर्चना की गई। उसके बाद ध्वजस्तंभ पर कार्तिक मास का मुख्य दीपक आकाशदीप को प्रज्वलित किया गया। आकाशदीप के प्रज्वलन के पश्चात ध्वजस्तंभ के सामने कार्तिक दीप जलाकर दीपोत्सव का विधिवत आरंभ किया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने देवी लक्ष्मी की पूजा कर अपने और परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना भी की। लक्ष्मी पूजन के उपरांत पंडित ने यजमानों से नवनिर्मित शीशालय में स्थापित हनुमंत वाहन, शेष वाहन तथा गरुड़ वाहन की आराधना कराई। इसके बाद यजमानों ने शीशालय के सामने निर्मित स्टैंड में साल के 365 दिनों के प्रतीक के रूप में रखे इतने ही दीये प्रकाशित किए। उधर मंदिर प्रांगण में बेसब्री से इंतजार कर रहीं महिलाओं ने पांच सौ से ज्यादा दीप जलाए, जिनकी रोशनी से सारा मंदिर परिसर जगमगा उठा।
*इनकी रही खास मौजूदगी*
दीपोत्सव में आंध्र साहित्य समिति के अध्यक्ष पीवी राव, सचिव पीएस राव, उपाध्यक्ष के सुब्बाराव, कोषाध्यक्ष टीवीएन शंकर, सह सचिव बीए नायडु एवं एनएस राव, प्रबंधकारिणी सदस्य के लक्ष्मीनारायण, तेलुगु सेना के प्रदेशाध्यक्ष नीलम चन्ना केशवुलु, जिलाध्यक्ष डी मोहन राव, मीडिया प्रभारी टी सहदेव, जी रामाराव, महिला मंडली की अध्यक्ष पेरी पद्मा, समाजसेविका बी पोलम्मा, पी मंजूश्री, नीलम माला, अनंत लक्ष्मी, तृप्ति लक्ष्मी, पावनी मोहन, वर लक्ष्मी, नागकुमारी, विजया निर्मला, सरस्वती, शशि, महेश्वरी, राजलक्ष्मी, बी तुलसी, श्यामला, हैमावती, पूनम, विमला, शिव कुमारी, विजया, लक्ष्मी, पद्मजा, ज्योति महेश, राजकुमारी, महालक्ष्मी, नारायणी, मीना, आदि तथा देवकी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। - किसान छोटे लाल एवं दुजलाल ने बताया मुख्यमंत्री श्री साय का किसानों के मेहनत को सम्मानित करने का अभिनव कार्यसमय पर टोकन, इलेक्ट्राॅनिक तौल मशीन औैर खाता में त्वरित राशि के अंतरण होने पर किसानों ने जताया आभारबालोद /समर्थन मूल्य पर धान खरीदी योजना के अंतर्गत जिले के धान खरीदी केन्द्रों में सुगमतापूर्वक धान खरीदी हेतु चाक-चैबंद व्यवस्था की बालोद जिले के किसानों ने भूरी-भूरी सराहना की है। जिले के किसानों ने धान खरीदी केन्द्रों में शासन द्वारा की गई जरूरी व्यवस्था के अलावा 3100 रुपये की दर पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी के निर्णय को अत्यंत दूरदर्शी एवं किसान हितैषी बताया है। छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए जिले के बालोद विकासखण्ड के ग्राम खैरतराई के किसान श्री छोटेलाल साहू एवं पाररास के किसान श्री दुजराम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा 3100 रुपये की दर पर धान खरीदी का निर्णय लेकर राज्य के मेहनतकश किसानों के श्रम को सम्मानित करने का अभिनव कार्य किया गया है। किसान छोटेलाल एवं दुजलाल ने कहा कि हम किसान काफी मेहनत कर फसल उगाते हंै जिसे कटाई और मिंजाई के पश्चात विक्रय हेतु धान खरीदी केन्द्र लाते हैं। धान खरीदी केन्द्र में इस बार की गई व्यवस्था से हम किसानों को काफी खुशी हुई है। धान खरीदी केन्द्र पाररास में अपने धान की बिक्री करने के पश्चात् व्यवस्था की सराहना करते हुए इन दोनों किसानों ने खुशी-खुशी बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से किसानों को धान विक्रय करने में काफी सहुलियत मिली है। शासन द्वारा किए गए चाक-चैबंद व्यवस्था से हम किसानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नही करना पड़ रहा है।ग्राम खैरतराई के किसान श्री छोटेलाल साहू ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने अपनी फसल पर काफी मेहनत किया था, जिससे इस बार उनके धान की उपज काफी अच्छी हुई है। उसने बताया कि धान खरीदी केन्द्र में की गई बेहतर व्यवस्था से उसने समय पर अपना धान विक्रय किया है। धान विक्रय करने के 02 दिन के भीतर ही उसके बैंक खाते में राशि भी प्राप्त हो गई है। किसान छोटेलाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में धान खरीदी केन्द्र में अच्छी व्यवस्था है, यहाॅ पेयजल, बैठक, शौचालय सहित विश्राम करने हेतु भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जिससे हम किसानों को धान विक्रय में सुविधा हुई है। किसान श्री छोटेलाल साहू ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे जब से धान विक्रय कर रहे हैं, उसमें इस वर्ष का धान विक्रय का कार्य सबसे अच्छा और बेहतर ढंग से हुआ है।धान विक्रय हेतु पहुॅचे पाररास के किसान श्री दुजराम ने धान विक्रय हेतु टोकन को दिखाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय अपनी घोषणा के अनुरूप हम किसानों से प्रति एकड़ 21 क्ंिवटल के मान से धान खरीदी कर रहे हैं। हम किसानों को हमारी उपज का सही दाम देने और उसे खरीदने का काम मुख्यमंत्री श्री साय ने किया है। टोकन तुंहर हाथ एप्प के माध्यम से हम किसानों को अब घर बैठे ही धान विक्रय हेतु टोकन लेने की सुविधा मिली है। जो हम किसानों के हित में है, अब हमें टोकन के लिए बार-बार खरीदी केन्द्र का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है, मोबाईल के माध्यम से आसानी से टोकन मिल जाता है, जिससे समय पर हम अपने धान का विक्रय निर्धारित तिथि में कर पा रहे हैं। इस डिजीटल सुविधा के लिए हम किसान मुख्यमंत्री श्री साय का धन्यवाद करते हैं, इससे हम किसानों और खरीदी केन्द्र के कर्मचारियों का काफी समय बचा है और काम में भी काफी आसानी हुई है।किसान श्री ईश्वर लाल साहू ने कहा कि वे 21 क्विंटल के मान से धान विक्रय कर रहे हैं। वे इस वर्ष अपना दुसरी बार धान विक्रय हेतु धान खरीदी केन्द्र आए हुए हैं। किसान श्री ईश्वर ने बताया कि इस बार धान खरीदी केन्द्र में इलेक्ट्रानिक तौल मशीन का उपयोग धान को तौलने में किया जा रहा है। इसके उपयोग से कम समय में ही धान की तौल पूरी हो पा रही है, जो हम किसानों और कर्मचारियों के लिए काफी सहुलियत भरी सुविधा है। इलेक्ट्रानिक तौल मशीन के उपयोग होने से धान के तौल में पारदर्शिता भी आई है, जो कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन की अच्छी पहल है। किसानों के हित में शासन द्वारा किए जा रहे है कार्य किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया है, जिसके लिए हम किसान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
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बालोद/ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपानल अधिकारी डॉ. संजय कन्नौजे ने द्वारा बताया कि जिले के सभी ग्राम पंचायतों के जनसंख्या के आधार पर ग्राम पंचायतों के मूलभूत विकास कार्य हेतु कुल 194.41 लाख रूपये की राशि जारी की गई है। जिसके अंतर्गत बालोद विकासखण्ड के 60 ग्राम पंचायतों में मूलभूत कार्य हेतु 24.28 लाख रुपये, डौण्डी विकासखण्ड के 62 ग्राम पंचायतों के लिए 40.86 लाख रुपये, विकासखण्ड डौण्डीलोहारा के 120 ग्राम पंचायतों के लिए 49 लाख रुपये एवं विकासखण्ड गुण्डरदेही के 117 ग्राम पंचायतों के लिए 46.87 लाख रुपये तथा विकासखण्ड गुरूर के 78 ग्राम पंचायतों के लिए 33.38 लाख रुपये की राशि ग्राम पंचायतों के खाते में हस्तांतरित किया गया है।
- पति की आकस्मिक मृत्यु एवं निर्धनता के कारण पक्का घर बनाना उनके लिए था केवल कोरी कल्पनासपने के साकार होने पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के प्रतिजताया आभारबालोद/ देश के प्रत्येक गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों को सुरक्षित एवं पक्का आवास प्रदान करने हेतु प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री आवास योजना आवासहीन अनेक परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस योजना के फलस्वरूप अनेक आवासहीन परिवार जिनके लिए घोर गरीबी एवं विकट परिस्थितियों के कारण अपने लिए सुरक्षित आवास का निर्माण करना केवल सपना जैसा था। यह योजना ऐसे जरूरतमंद परिवारों को बेहतर आवास प्रदान कर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के साथ-साथ उनके सपने को पंख देने का कार्य किया है। केन्द्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के फलस्वरूप जिले के आदिवासी बाहुल्य डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के सुदूर वनांचल के ग्राम बंजारी के 30 वर्षीय गरीब विधवा महिला श्रीमती कुंती बाई का अपने लिए सुरक्षित आशियाना बनाने का सपना साकार हुआ है। इस योजना की सराहना करते हुए श्रीमती कुंती बाई ने बताया कि अपने पति की आकस्मिक मृत्यु एवं घोर गरीबी के चलते उनके लिए पक्का घर का निर्माण कर पाना केवल कोरी कल्पना जैसी थी। उन्होंने बताया कि पक्का घर के निर्माण करने का सामथ्र्य नही होने के कारण वे अपने दो छोटे बच्चों के साथ पुराने मिट्टी के खपरैल वाले मकान में ही रहने के लिए विवश थीं। जहाँ पर निवास करने में उन्हें एवं उनके परिवार को बहुत सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। बारिश के दिनों में खपरैल वाले मकान में पानी भी टपकने जैसे अनेक प्रकार की परेशानियां होती थी। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के फलस्वरूप उनके नए घर के निर्माण होने से उनके एवं उनके परिवार के लिए सुरक्षित आवास बनाने का सपना साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके लिए सुरक्षित पक्का आवास का निर्माण करना किसी बड़े सपने का साकार होने जैसा है। आज वे इस आवास में अपने दोनो बच्चों के साथ निश्चिंत होकर सुखमय जीवन यापन कर रही हैं। श्रीमती कुंती बाई ने प्रधानमंत्री आवास योजना के फलस्वरूप उन्हें एवं उनके नन्हें-मुन्हें बच्चों के लिए सुरक्षित आशियाना मिलने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति विनम्र आभार व्यक्त करते हुए हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होेंने कहा कि यह योजना उनके जैसे अनेक गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के लिए किसी वरदान से कम नही है।
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बैगा, बिरहोर विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए बनी वरदान
पहुंचविहीन इलाकों में सरपट पहुंच रही बाईक एम्बुलेंस
अब तक चार हजार से ज्यादा लोगों को मिला फायदा
रायपुर। बिलासपुर जिले के कोटा के सुदूर वनांचलों में बसे गांवों में वो दिन लद गए जब अस्पताल तक न पहुँच पाने की वजह से किसी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया न हो पाए। अब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीणों को त्वरित स्वास्थ्य सेवा मिल पा रही है। सुदूर एवं पहुंचविहीन गांवों में जहां एंबुलेंस तक का पहुंच पाना संभव नहीं है वहां के जंगल से लगे गांवों की सड़कों पर अब बाईक एंबुलेंस सरपट दौड़ रही है। वनांचल के गांवों में रहने वाले बैगा, बिरहोर आदिवासियों के लिए बाईक एंबुलेंस वरदान साबित हो रही है। चार बाईक एम्बुलेंस के जरिए 4089 मरीजों को अब तक अस्पताल ले जाया गया है।
मौसम कोई भी हो चाहे गर्मी, बरसात या सर्दी सभी मौसम में बाईक एम्बुलेंस की सुविधा चौबीसों घंटे आदिवासियों को मिल रही है। कोटा ब्लॉक के एक बड़े हिस्से में विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते सड़क मार्ग से पहुच पाना संभव नहीं होता है। ग्रामीणों को आपातकाल स्थिति में घर से अस्पताल आने-जाने के लिए बाईक एम्बुलेंस निःशुल्क परिवहन का एक अच्छा माध्यम बन गया है। संगवारी एक्सप्रेस बाईक में बनाई गई एक मिनी एम्बुलेंस की तरह है, जिसमें एक मरीज को बिना असुविधा के अस्पताल तक पहुचाँया जा सकता है। यह बिल्कुल निःशुल्क सुविधा है। कोटा ब्लॉक के सुदूर वनांचलों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं सहित अन्य लोगों के लिए बाईक एम्बुलेंस संजीवनी साबित हो रही है।
विकासखंड कोटा में बाईक एम्बुलेंस की सुविधा मार्च महीने से शुरू होने से अब तक 4089 मरीजों को इसका सीधा लाभ मिला है। इसमें सभी वर्ग के मरीज शामिल है। शिवतराई पीएचसी में 1108 कुरदर में 850, केंदा 1310, आमागोहन 821 मरीजों को बाईक एम्बुलेंस की सुविधा मिली है।
बाईक एम्बुलेंस गर्भवती महिलाओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, बच्चों के टीकाकरण एवं मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए भी उपयोग में लाया जा रहा है। बाईक एंबुलेंस के जरिये वनांचल क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए केन्द्र तक लाया जाता है और शिशुवती माताओं को प्रसव के बाद सुरक्षित घर भी पहुचाँया जाता है। ग्रामीण इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहते है की जहां वे पहले इलाज के लिए कई मीलों दूर पैदल चल कर अनेक कठिनाईयों का सामना कर अस्पताल पहुंचते थे, वहीं आज बाईक एंबुलेंस की सुविधा मिलने से अब कठिनाईयां उनके आड़े नहीं आ पाती है और मरीजों को बिना देरी के तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। मंजगवा की श्रीमती मनीषा को बाईक एम्बुलेंस के जरिए प्रसव के लिए केंदा अस्पताल लाया गया था, वे कहती हैं कि इस सुविधा के चलते ही मैं और मेरा बच्चा भी पूरी तरह स्वस्थ है। छतौना की 35 वर्षीय श्रीमती मंदाकनी को भी बाईक एम्बुलेंस के जरिए केंदा अस्पताल लाया गया था, उन्होंने इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा की यह सुविधा आदिवासियों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। -
मुख्यमंत्री ने जनजातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास विषय पर आयोजित संगोष्ठी को किया संबोधित
रायपुर। जनजातीय समाज का इतिहास धरती पर मनुष्य के पहले पदचाप के साथ जुड़ा हुआ है। जनजातीय संस्कृति ने भगवान श्रीराम को अपने हृदय में बसा रखा है। भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में ही वनवास बिताया, यहीं पर उन्होंने माता शबरी के जूठे बेर खाए। जनजातीय अस्मिता का प्रश्न भारत की सनातन परंपरा की अस्मिता से जुड़ा हुआ प्रश्न है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में जनजातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज हमें जनजातीय समुदायों की अस्मिता और विरासत के प्रति संवेदनशील यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का नेतृत्व मिला है। आज जनजातीय समुदाय की हमारी बहन श्रीमती द्रौपदी मुर्मु भारत के सर्वाेच्च पद पर आसीन हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनजाति समाज सांस्कृतिक रूप से समृद्ध समाज है। यह समाज कुप्रथाओं का मुखर विरोध करता है। भारत की संस्कृति और देश की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जनजातीय जननायकों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पूरे देश में 13 से 15 नवम्बर तक जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज की परंपराओं, संस्कृति रीति-रिवाज, तीज-त्यौहार और शासन द्वारा जनजातीय उत्थान के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 13 नवंबर को जशपुर जिले में आयोजित पदयात्रा इतनी सफल रही कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसकी खुलकर तारीफ की और ऐसे आयोजनों को जनजातीय समाज के विकास और उत्थान में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर हुए राष्ट्रीय आयोजन ने अन्य प्रांतों से आए आदिवासी समुदाय को एक दूसरे की संस्कृति को जानने-समझने का सुंदर अवसर दिया। श्री साय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी ने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे पहले पृथक जनजातीय कल्याण मंत्रालय बनाया और आदिवासियों के विकास के लिए एक मजबूत नींव रखी।
उन्होंने कहा कि हम मैदानी और जनजातीय क्षेत्रों में अवसरों की समानता स्थापित करने के लिए अपनी योजनाएं और नीतियां बना रहे हैं ताकि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक समुदाय के पास विकास के समान अवसर हों और जनजातीय समाज अपनी प्राकृतिक और भौगोलिक जटिलताओं पर जीत हासिल करते हुए समग्र भारत के विकास की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। जब हम जनजातीय समुदायों की अस्मिता की रक्षा करेंगे, उनकी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करेंगे, उनके इतिहास और उनके नायकों का गौरवगान करेंगे तो निश्चित रूप से मां भारती का यश बढ़ेगा, उसका गौरव गान होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत के जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए मोदी जी पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाएं चला रहे हैं। ये योजनाएं जनजातीय समुदायों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए क्रांतिकारी योजनाएं साबित हो रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी अनेक योजनाओं से जनजातीय समुदायों को बड़ा संबल मिला है। पिछले 11 महीने में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर अंचल में शांति स्थापित करने के लिए तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से शासन की योजनाओं को दूरस्थ अंचलों तक पहुंचाने की अनूठी पहल की गई है। बस्तर अंचल में सुरक्षाबलों के 34 नए कैंप खोले गए हैं और लगभग 96 गांवों में शासकीय योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि जनजातीय महानायकों के गौरवशाली इतिहास की जानकारी आने वाली पीढ़ी को हो इसलिए ऐसे आयोजन आवश्यक हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके मूल्यों को अगली पीढ़ी तक ले जाएं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज ने सदैव प्रकृति के संरक्षण की दिशा में कार्य किया है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता श्री अतुल जोग ने कहा कि बिना स्वार्थ के जनजातीय समाज ने मानव सेवा का काम किया है। इसका सुंदर उदाहरण पद्म पुरस्कारों की घोषणाओं में भी देखने को भी मिला, जिसमें बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग शामिल रहे हैं।
संगोष्ठी को श्री पवन साय और श्री अनुराग जैन ने भी संबोधित किया। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी। -
मुख्यमंत्री श्री साय सड़क सुरक्षा परिदृश्य की विस्तार से करेंगे समीक्षा
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक 29 नवंबर 2024 को आयोजित की गई है। बैठक का आयोजन नवा रायपुर अटल नगर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में दोपहर 2 बजे से किया गया है।
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में सड़क सुरक्षा परिदृश्य के संबंध में विस्तार से समीक्षा होगी। इनमें समग्र सड़क सुरक्षा परिदृश्य, गत बैठक के विभागवार निर्णय, अनुपालन तथा क्रियान्वयन और सड़क दुर्घटनाओं के कारण, नियंत्रण के उपाय, सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान आदि विषयों पर भी चर्चा होगी। -
तिलहन फसलों को मिलेगा बढ़ावा : तिलहन उत्पादक कृषकों को मिलेगा लाभ
रायपुर। कृषक समग्र विकास योजना के तहत अक्ती बीज संवर्धन योजना के अंतर्गत तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर अनुदान में वृद्धि के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर तिलहनी फसलों के लिए बीज उत्पादन और वितरण अनुदान को प्रति क्विंटल 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की स्वीकृति दी गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से विशेष रूप से तिलहन उत्पादक किसानों को लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि अक्ती बीज संवर्धन योजना की शुरुआत से अब तक बीज उत्पादन और वितरण अनुदान में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। अब तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर प्रति क्विंटल 500 रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा, जो किसानों को बीज की गुणवत्ता सुधारने और उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की इस पहल का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ तिलहन फसलों की खेती को बढ़ावा है। इस वृद्धि से किसान तिलहन फसलों की कृषि के लिए प्रोत्साहित होंगे और तिलहन की अधिक उपज सुनिश्चित करने के लिए बेहतर बीज का भी इस्तेमाल करेंगे। इस पहल से तिलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। -
छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात
चित्रोत्पला फिल्म सिटी से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, नाटकों के साथ पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पद्मश्री विभूतियों की सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने की घोषणा
रायपुर/ छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में दिए गए अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा फिल्म सिटी के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए राशि की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, छत्तीसगढ़ी नाटकों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों को दी जाने वाली सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो हमें आपस में दिल से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्में काफी लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भी बड़ा योगदान है। मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाए। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास का लेखन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना सम्बोधन दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के रूप में वे छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवें अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम में पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., संचालक संस्कृति एवं राजभाषा श्री विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में सम्बोधन दिया। राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आयोग द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा की 1400 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है। -
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित 12 पुस्तकों का किया विमोचन
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने की। पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने में योगदान देने वाले 6 वरिष्ठ साहित्यकारों धमतरी के श्री सुरजीत नवदीप, रायपुर के डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र, धमतरी के श्री पुनीत गुरुवंश, रायपुर के डॉ. सुखदेव राम साहू सरस, सरगुजा के श्री शिवब्रत सिंह पावले, दंतेवाड़ा की श्रीमती शकुंतला शेंडे को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में डॉ. पी. सी. लाल यादव की पुस्तक ‘‘लोरिक चंदा’’, श्री सुशील भोले की पुस्तक ‘‘कोंदा-भैरा के गोठ’’, श्री अनिल जांगड़े की रचना ‘‘चहकत चिरइया’’, डॉ. जय भारती चन्द्राकर की पुस्तक ‘‘छत्तीसगढ़ी महिला कलमकार ले मुहांचाही’’, श्री सेवकराम बांधे की पुस्तक ‘‘डोकरी दाई के कहिनी’’, श्री गिरवर दास मानिकपुरी की पुस्तक ‘‘गिरवर गोठ गीत गजल’’, डॉ. शैलचन्द्रा की पुस्तक ‘‘गोदावरी’’, डॉ. किशन टंडन की पुस्तक ‘‘कठवा’’, श्री ओमप्रकाश साहू की पुस्तक ‘‘पुरखा के सुरता’’, श्री लोकनाथ साहू ललकार की पुस्तक ‘‘पुरखौती’’, श्रीमती धनेश्वरी सोनी गुल की पुस्तक ‘‘रिया के चाय’’, श्री अमोलदास टंडन की पुस्तक ‘‘सौंजिया के दिन बहुरेंगे’’ की पुस्तक का विमोचन किया। -
रायपुर/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा-2023 में हुए सफल अभ्यर्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं के कंधे पर छत्तीसगढ़ के विकास की महती जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने उम्मीद जताई कि राज्य सेवा परीक्षा में चयनित युवा शासकीय सेवा में आकर पूरी ईमानदारी से जनता की सेवा करेंगे। उन्होंने चयनित युवाओं को पूरी तन्मयता से कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान देने की अपील की है।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने समाज सुधारक, विचारक, लेखक और दार्शनिक महात्मा ज्योतिबा फुले की 28 नवम्बर को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने कहा है कि महात्मा फुले समाज को अंधविश्वास और कुप्रथाओं से मुक्त करना चाहते थे। वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति व्यवस्था और उस पर आधारित भेदभाव के प्रबल विरोधी थे। उन्होंने महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिए कई कार्य किए। दलितों के प्रति भेद-भाव समाप्त कर उन्हें समाज में स्थान दिलाने के लिए महात्मा फुले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना की।श्री साय ने कहा कि महात्मा फुले ने समाज को कुरीतियों से मुक्ति दिलाने के लिए सभी वर्गों की शिक्षा पर बल दिया। उन्होंने महिला शिक्षा को भी बढ़ावा दिया और अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सावित्रीबाई फुले को शिक्षा प्रदान की, जो भारत की पहली अध्यापिका बनीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले की सेवा भावना और विचार मूल्य हमें सदा दीन-दुखियों की सेवा और समाज में समता स्थापित करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
- डौंडी में आयोजित तहसील साहू संघ के अभिनंदन समारोह में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री, विकास कार्यों की दी सौगातबालोद। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि साहू समाज एक मेहनतकश समाज है जो कि अपने मेहनत एवं ईमानदारी के बदौलत शिक्षा, शासकीय सेवा, व्यापार-व्यवसाय एवं राजनीति आदि प्रत्येक क्षेत्रों में निरंतर प्रगति कर रहा है। श्री साव आज विकासखंड मुख्यालय डौंडी के पुलिस मैदान में आयोजित तहसील साहू संघ के अभिनंदन समारोह के अवसर पर अपना उदगार व्यक्त कर रहे थे। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री साव ने विकासखंड मुख्यालय डौंडी में साहू समाज के सामाजिक भवन निर्माण हेतु 20 लाख रुपए की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने 01 करोड़ 43 लाख रुपए लागत के महतारी घाट डोम शेड, डामरीकरण, नाली निर्माण कार्य तथा 37 लाख रूपये लागत के ट्यूबलर पोल विद्युतीकरण कार्य का भी शिलान्यास किया। इस अवसर पर श्री साव ने कहा कि नगर पंचायत डौंडी के विकास हेतु अब तक वे कुल 04 करोड़ रुपए की लागत के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दे चुंके हंै और आने वाले समय में भी विकास कार्यों के लिए राशि की कमी नहीं होने दी जाएगी। कार्यक्रम में प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष श्री टहल सिंह साहू, राज्य हस्तशिल्प विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री दीपक ताराचंद साहू, पूर्व विधायक श्री प्रीतम साहू, वरिष्ठ जनप्रतिनिधि एवं प्रदेश साहू संघ के सलाहकार श्री पवन साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष श्री सोमेश सोरी, जिला साहू संघ के अध्यक्ष श्री सोमन साहू, तहसील अध्यक्ष सोमेश साहू सहित कलेक्टर श्री इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री एसआर भगत एवं अन्य अतिथिगण उपस्थित थे।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने साहू समाज के महत्व एवं विशेषताओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ईमानदारी और मेहनत साहू समाज की ताकत है। श्री साव ने कहा कि साहू समाज मेहतनकश, स्वाभिमान, ईमानदार एवं कठिन श्रम कर अपना जीवन यापन करने वाला समाज है। उन्होंने कहा कि साहू समाज की इन विशेषताओं को पूरी दुनिया जानती है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि साहू समाज की इसी विशेषताओं के बदौलत आज साहू समाज का बेटा श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के पद पर सुशोभित हैं। उनके कुशल नेतृत्व में भारत आज पूरी दुनिया में अपना डंका बजाकर विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश साहू संघ द्वारा वर्तमान परिस्थिति के अनुरूप सामाजिक रीति-रिवाजों में किए गए परिवर्तन की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय एवं परिस्थिति के अनुरूप जो चीजें सामायिक एवं प्रासंगिक नही है इन रीति-रिवाजों में परिवर्तन भी आवश्यक है। इस अवसर पर उन्होंने साहू समाज के लोगों को शिक्षित एवं संगठित होकर और एक-दूसरे के सुख-दुख में सहभागी बनकर विकास पथ पर निरंतर अग्रसर होने की अपील की। इसके अलावा उन्होंने सभी समाज के लोगों से अपनत्व भाईचारा के साथ एक-दूसरे का परस्पर सहयोग करते हुए छत्तीसगढ़ एवं देश के विकास में अपना योगदान देने को कहा।इस अवसर पर श्री साव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में राज्य में हो रहे विभिन्न विकास कार्यों के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में आज छत्तीसगढ़ का पहचान तेज गति से विकास करने वाले राज्यों में है। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा हमारे अन्नदाता किसानों का सम्मान करते हुए प्रति एकड़ 21 क्विंटल, 3100 रुपये की दर से धान खरीदी करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा राज्य के माताओं एवं बहनों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु महतारी वंदन योजना प्रारंभ कर प्रतिमाह उन्हंे 01 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मोदी की गारंटी के तहत की गई प्रत्येक वादों को पूरा करने के लिए कृतसंकल्पित है। इस अवसर पर उन्होंने गर्भवती माताओं को सुपोषण किट भेंट कर उनके गोद भराई रस्म को पूरा किया। इसके अलावा उन्होंने नन्हें-मुन्हें बच्चों को स्वादिष्ट मिष्ठान खिलाकर उनका अन्नाप्राशन कराया। श्री साव ने कार्यक्रम स्थल में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टाॅलों का भी निरीक्षण किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष श्री टहल सिंह साहू ने साहू समाज के लोगों को आपसी भाईचारा, प्रेम एवं परस्पर सहयोग के साथ तथा शिक्षित एवं संस्कारवान बनकर समाज के प्रगति में अपना योगदान देने की अपील की। वरिष्ठ जनप्रतिनिधि एवं प्रदेश साहू संघ के सलाहकार श्री पवन साहू ने समाज के लोगों को भक्तमाता कर्मा, भामाशाह आदि विभूतियों से प्रेरणा लेकर समाज के विकास में अपना योगदान देने को कहा। इस अवसर पर स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए तहसील साहू संघ के अध्यक्ष श्री सोमेश साहू ने साहू समाज के मांगों की ओर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव का ध्यान आकृष्ट कराया। समारोह में साहू समाज के लोगों के द्वारा कार्यक्रम स्थल में पहुँचने पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव का छत्तीसगढ़ के परंपरागत राउत नाचा के सुमधुर धुन पर भव्य एवं आत्मीय स्वागत किया गया। समारोह में साहू समाज के सामाजिक प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या स्वजातिजन एवं आम नागरिक उपस्थित थे।