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- **अस्पताल में भर्ती राहुल को देखने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत और कोरबा सांसद श्रीमती महंत**बिलासपुर / विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत एवं कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने आज अपोलो अस्पताल का दौरा कर राहुल के स्वास्थ्य का जायजा लिया। लगभग 105 घंटे तक बोरवेल में फंसे जांजगीर जिले के पिहरिद निवासी राहुल साहू का इलाज अपोलो अस्पताल में चल रहा है।उन्होंने इलाज कर रहे डॉक्टरों से चर्चा कर उसके स्वास्थ्य एवं इलाज की जानकारी ली और बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल में राहुल के माता-पिता एवं परिजनों से भी मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत ने राहुल के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। इस दौरान विधायक श्री शैलेष पांडे, श्री विजय केशरवानी, श्री विजय पांडे, प्रभारी कलेक्टर श्री हरिस एस सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
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*मुख्यमंत्री ने तेलघानी नाके के समीप रेलवे अंडरब्रिज का किया लोकार्पण*
*समता कॉलोनी, अग्रसेन चौक से गुढ़ियारी, रामनगर, हीरापुर आवागमन हुआ सुविधाजनक**मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा कर रामनगर के निवासियों ने आभार जताया*रायपुर,/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अग्रसेन चौक से रामनगर मार्ग पर तेलघानी नाका के निकट रेलवे अंडर ब्रिज का फीता काटकर लोकार्पण किया और आवागमन सुविधा की सौगात के लिए लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ तेलघानी नाका की ओर से रामनगर तक पैदल चलकर नवनिर्मित अंडर ब्रिज की गुणवत्ता एवं सौदर्यीकरण का मुआयना किया। इस अवसर पर रामनगर वासियों ने मुख्यमंत्री का बहुत ही उत्साह पूर्वक स्वागत सम्मान किया और उन पर फूल बरसाकर आभार जताया।इस अंडर ब्रिज के शुरू हो जाने से समता कॉलोनी, अग्रसेन चौक से गुढ़ियारी रामनगर, हीरापुर आने-जाने वालों को सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी। लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित इस अंडर ब्रिज की लंबाई 272 मीटर और चौड़ाई 7.5 मीटर है। रामनगर निवासी श्री राधेश्याम कश्यप और श्री प्रेम कुमार लोधी ने बताया कि इस रेलवे अंडर ब्रिज के पूर्ण होने का बहुत दिनों से इंतजार था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हाथो लोकार्पण होने से लोगों में हर्ष का माहौल है। अब लोगों को ओवरब्रिज का लंबा सफर तय नहीं करना पड़ेगा। समता कॉलोनी, अग्रसेन चौक से गुढ़ियारी रामनगर, हीरापुर की ओर आने-जाने वाले लोग अंडर ब्रिज का उपयोग कर सकेंगे। इससे पैसे और समय की बचत भी होगी और यातायात सुगम होगा। - भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत बारिश पूर्व नाला सफाई का वृहद अभियान चलाया जा रहा है ताकि बारिश में कहीं भी जलजमाव की स्थिति न बने। महापौर नीरज पाल के निर्देश पर निगम के स्वास्थ्य विभाग का अमला बारिश का पानी बिना कोई अवरोध के गंतव्य की ओर निकल जाए इसके लिए नालों से झिल्ली, कंटीली झाड़ियों, पन्नी व मलबे को जेसीबी, चैन माउंटेन आदि से सफाई करने में जुटे हुए है। निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने बड़े नाले व नाली की सफाई व्यवस्था का लगातार मौके पर पहुंचकर मॉनिटरिंग कर रहे है। जहां नालों की सफाई कभी नहीं हुई वहां इस बार सफाई अभियान में कई वर्षों से बंद नालियों से भी जाम मलबे को निकालकर सफाई किया जा रहा है, वहीं छोटे नाली का मैनुअली सफाई कराया जा रहा है। नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत बारिश के पानी से कहीं भी जलभराव की स्थिति न हो इसके लिए निगम का स्वास्थ्य अमला जुटा हुआ है। सभी वार्डों के छोटे बड़े नाली की सघन स्तर पर सफाई की जा रही है ताकि पानी बिना कोई अवरोध गंतव्य की ओर निकल सके। निगम का सफाई कर्मी वार्डों के भीतर छोटी नाली से पानी निकासी करने झिल्ली, पन्नी, झाड़ियां व जलकुंभी के कचरे को निकालने में जुटे रहे। बारिश पूर्व सभी नाली व बड़े नालों की चैन माउंटेन एवं जेसीबी की सहायता से शीघ्रता से किया जा रहा है। भिलाई निगम क्षेत्र में बारिश के पानी को सुगमता से तालाब व बड़े नालो तक बिना अवरोध पहुंचाया जा सके इसके लिए निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बड़े नाली व वार्डों के भीतर जल निकासी वाले सभी नाली की सफाई कार्य में तेजी लाए। बारिश का पानी से कहीं भी जलभराव की स्थिति न हो और जल का प्रवाह तीव्र गति से बना रहे इसके लिए निगम के सफाई कर्मी वार्डों के जाम नाली से झिल्ली पन्नी, जलकुंभी एवं अन्य कचरो को निकालकर साफ किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर नाले व नाली जहां अतिक्रमण की वजह से बारिश का पानी अवरोध होता है उन स्थानों को चिन्हित कर तोड़फोड़ दस्ते द्वारा उक्त स्थानों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया ताकि जलभराव की स्थिति न बने।इन नालों की हो गई सफाई, जलभराव से मिलेगा निजातजोन स्वास्थ्य अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि बुद्धभूमि से रेशने कॉलोनी तक, गोठान से गांधी कॉलोनी तक, पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप नाला, नूर मस्जिद से टाटा मोटर्स, पीली मिट्टी, परियापारा से लालसेन पुलिया जुनवानी तक, इंदू आईटी से रूंगटा कॉलेज तक, हाउसिंग बोर्ड झूलेलाल मंदिर से इंदू आईटी तक, शांतिनगर सड़क 22 से इंदू आईटी तक, तैलिक भवन से जवाहर नगर तक, जवाहर पेट्रोल पंप से नाला तक, घासीदास नगर से बुद्ध विहार तक, रमाताई स्कूल से करूणा अस्पताल तक, बाबा बालकनाथ मंदिर से रमा ताई स्कूल तक, सिगड़ी दुकान से मौर्या लाईन तक, मेटाको कंपनी के सामने नाला से करूणा हास्पिटल तक, सर्विस रोड से एसएलआरएम सेंटर तक, तेल्हा नाला एसएससीएल कॉलोनी से सर्विस रोड तेल्हा नाला की सफाई हो चुकी है।
- -वेंडिंग एवं नान वेंडिंग जोन बनने से ट्रैफिक दबाव होगा कम, दुर्घटनाओं की संभावनाओ से भी मिलेगी राहत, शहर दिखेगा व्यवस्थितभिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई के सभागार में आज पथ विक्रेताओं के संरक्षण हेतु नगर विक्रय समिति का एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया। सर्वप्रथम महापौर नीरज पाल ने सरस्वती माता के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप जलाकर कार्यशाला की शुरुआत की। आयोजित कार्यशाला में पथ विक्रेताओं को एक बेहतर और सुव्यवस्थित तरीके से वेंडिंग जोन के माध्यम से प्लेटफार्म दिए जाने पर प्रेजेंटेशन दिया गया। प्रेजेंटेशन देने के बाद विधायक विद्यारतन भसीन एवं महापौर नीरज पाल सहित एमआईसी मेंबर तथा व्यापारियों ने वेंडिंग एवं नान वेंडिंग जोन बनाए जाने पर अपने-अपने सुझाव व्यक्त किए। महापौर ने इस दौरान अपने सुझाव में कहा कि पथ विक्रेताओं के लिए यह अच्छी योजना है, इसे पथ विक्रेताओं के साथ मिलकर उनके सुझावों के साथ अमलीजामा पहनाने की जरूरत है, धरातल पर इस कार्य योजना को लाने के लिए समय-समय पर इसकी बैठके भी जरूरी है, पथ विक्रेता रोज अपने व्यवसाय से गुजारा करते हैं, इन्हें सुव्यवस्थित करने के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार किए जाने की आवश्यकता है, पथ विक्रेताओं से भी रायशुमारी की जरूरत है तभी शहर में व्यवस्थित वेंडिंग एवं नॉन वेंडिंग जोन बनाए जा सकते हैं। विधायक विद्यारतन भसीन ने अपने सुझाव में कहा कि यह एक अच्छी कार्य योजना है इस विषय पर गंभीरता से कार्य करना होगा। वही महापौर परिषद के सदस्य संदीप निरंकारी एवं लालचंद वर्मा तथा व्यापारियों ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। आज की बैठक के अनुसार आगामी कार्य योजना तैयार की जाएगी। उल्लेखनीय है कि नगर पालिक निगम भिलाई द्वारा कुछ दिनों से शहर को सुव्यवस्थित करने के लिए अतिक्रमण एवं अवैध कब्जे के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है, लेकिन इनके व्यवस्थापन के बारे में भी भिलाई निगम गंभीरता पूर्वक विचार कर रहा है और इन्हें सुव्यवस्थित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसीलिए पथ विक्रेताओं के संरक्षण हेतु नगर विक्रय समिति का एक दिवसीय कार्यशाला आज आयोजित किया गया। इस योजना के तहत पथ विक्रेताओं को सुव्यवस्थित करने के लिए वेंडिंग जोन तैयार किया जाएगा, जहां पथ विक्रेता अपना खुलकर व्यवसाय कर सकेंगे, यही नहीं इन पथ विक्रेताओं को विशिष्ट पहचान पत्र नगर निगम भिलाई के द्वारा प्रदान किया जाएगा। वेंडिंग एवं नान वेंडिंग जोन बनने से ट्रैफिक दबाव कम होगा, दुर्घटनाओं की संभावनाओ से भी राहत मिलेगी और शहर व्यवस्थित दिखेगा। आज की कार्यशाला में प्रमुख रूप से निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे, सभापति गिरवर बंटी साहू, अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, महापौर परिषद के सदस्य एकांश बंछोर, नेहा साहू, मन्नान गफ्फार खान, चंद्रशेखर गवई, मालती ठाकुर, रीता सिंह गेरा, केशव चौबे, जोन अध्यक्ष राजेश चौधरी, रामानंद मौर्या, जालंधर सिंह, पार्षद के जगदीश, महेश वर्मा, रविशंकर कुर्रे, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की नोडल अधिकारी प्रीति सिंह, सभी जोन आयुक्त, चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी, व्यापारी गण, नगर विकास समिति के सदस्य, सहायक राजस्व अधिकारी आदि मौजूद रहे। मिशन मैनेजर नलनी तनेजा ने जानकारी देते हुए बताया कि 14000 विक्रेताओं को लेटर आफ रिकमेंडेशन जारी किया गया है, जिनमें से 8500 लोन स्वीकृत हुए हैं, इनमें से 1500 ने अपने परिवार की जानकारी देकर शपथ पत्र जमा किया है, शेष 7000 लोग अपना शपथ पत्र जमा नहीं किए हैं, यह अपने परिवार की जानकारी के साथ शपथ पत्र कक्ष क्रमांक 27 में मिशन मैनेजर तनेजा के पास संपर्क कर जमा कर सकते हैं।
- -जिला प्रशासन रायपुर द्वारा आयोजित निवेशक न्याय कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री-विपरीत परिस्थिति में राज्य सरकार हमेशा निवेशकों के साथ है: मुख्यमंत्री-निवेशकों की राशि वापसी के संबंध में प्रत्येक माह समीक्षारायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जिला प्रशासन रायपुर द्वारा मेडिकल कॉलेज रायपुर के सभागार में आयोजित निवेशक न्याय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। अनियमित वित्तीय कंपनी देव्यानी प्रापर्टी लिमिटेड की संपत्ति की नीलामी से प्राप्त 4.14 करोड़ रुपए की राशि निवेशकों के खाते में अंतरित की गई।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि विपरीत परिस्थिति में राज्य सरकार हर पल निवेशकों के साथ है। निवेशकों को उनका पैसा कैसे वापस मिले, इस संबंध में प्रत्येक माह समीक्षा की जा रही है। चिटफंड कंपनी के संचालकों, एजेंटों ने राज्य की भोली-भाली जनता को पैसा दो गुना, चार गुना करने के लालच में फंसाया। लोगो ने उनकी जिंदगी भर की कमाई, प्रॉपर्टी एवं गहना आदि बेचकर इसमें पैसा लगाया।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा अन्य किसी भी राज्य में निवेशकों का पैसा अभी तक उन निवेशकों को नहीं मिला है। उन्होंने कहा की कंपनी के संचालकों ,एजेंटों आदि के बारे में जो भी जानकारी है, उसे उपलब्ध कराएं। सभी के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने निवेशकों के पैसा वापसी के संबंध में विभिन्न अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्याे की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि सभी निवेशकों का पैसा वापस होना चाहिए ,इस कार्य में तेजी लाएं।गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि निवेशकों के लिए यह बेहद ही सुखद अवसर है कि उनकी राशि आज लौटाई जा रही है। कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने कहा की आने वाले समय में सभी निवेशकों का पैसा वापस कराया जाएगा। वरिष्ठ विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने असंभव कार्य को कर दिखाया। जन आकांक्षाओं का आदर करते हुए मुख्यमंत्री ने निवेशकों के हितों की रक्षा की है। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, विधायक श्रीमती अनिता योगेंद्र शर्मा, महापौर श्री एजाज ढेबर, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा और आईजी श्री ओपी पाल उपस्थित थे।कार्यक्रम में कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने बताया की अनियमित वित्तीय कंपनी देव्यानी प्रापर्टी लिमिटेड की संपत्ति की नीलामी से 4 करोड़ 14 लाख 97 हजार 304 रुपये राशि प्राप्त हुई है। देव्यानी प्रापर्टी लिमिटेड के निवेशकों के द्वारा निवेश की गई राशि का वितरण किये जाने से पूर्व निवेशक न्याय वेब लिंक के माध्यम से रसीद तथा दस्तावेज मंगाई गई थी। निर्धारित तिथी तक 13 हजार पांच सौ 66 लोगों ने ऑनलाईन दस्तावेज अपलोड किये। दस्तावेज जांच उपरांत 9 हजार 8 सौ 66 निवेशकों के द्वारा अपलोड किये गये रसीद और बॉड सही पाये गये।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत कुमार अग्रवाल ने अनियमित वित्तीय कंपनी (चिटफंड कंपनी) के निवेशकों को राशि वापसी हेतु किए जा रहे कार्यवाही का प्रशासकीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया की देव्यानी प्रापर्टी लिमिटेड की संपत्ति की नीलामी से प्राप्त राशि को 9 हजार आठ सौ 66 निवेशकों के द्वारा निवेश की गई राशि के समानुपातिक रुप से वितरण किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन से प्राप्त निर्देशानुसार अनियमित वित्तीय कंपनियों के निवेशकों को राशि वापसी हेतु जिला प्रशासन रायपुर के द्वारा अनियमित वित्तीय कंपनियों के संचालकों के संपत्तियों की जानकारी एकत्रित की गई। जिन वित्तीय कंपनियों की संपत्ति का चिन्हांकन हुआ है, ऐसे कुल 16 वित्तीय कंपनियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम की धारा 7 के तहत अंतःकालीन आदेश पारित किया जाकर विशेष न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश को अंत्यांतिक किये जाने हेतु प्रकरण प्रेषित किया गया। माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय के द्वारा 11 प्रकरणों में आदेश पारित किया गया है। आदेशानुसार 03 प्रकरणों में नीलामी की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है,उक्त प्रकरण में कुल 5 करोड़ 74 लाख रुपये प्राप्त हो चुकी है। तथा 06 प्रकरणों में नीलामी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 09 प्रकरणों में संपत्ति अन्य जिलों में होने के कारण संबंधित जिलों को प्रकरण प्रेषित किया गया है। अन्य जिलों के 03 प्रकरणों में संपत्ति इस जिले में होने के कारण कार्यवाही इस जिले से की जा रही है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने निवेशक गेंदलाल साहू ,राधाबाई साहू एवं चंदन साहू से बात भी की। गेंदालाल साहू ने बताया कि उन्होंने 6 लाख रूपए का निवेश किया था अभी उनके खाते में एक लाख 20 हजार रूपए की राशि जमा कर दी गई है। राधाबाई साहू ने बताया कि उन्होंने 5 लाख रूपए का निवेश किया था तथा एक लाख रूपए से खाते में जमा की गई है। तथा चंदन साहू ने बताया कि उनके खाते में 60 हजार रूपए की राशि जमा की गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भोजराज साहू, रघुवर प्रसाद, परमेश्वर निर्मलकर, घनश्याम, खेलन राम, पार्वती, कुमारी बाई, तोषण, शकुंतला सहित अन्य लोगों को सांकेतिक रूप से चेक भी प्रदान किया।
- -नदी-नालों व पहाड़ी रास्तों को पार कर पहुंचे लंका, पदमेटा, कारंगुल, हांदावाड़ा और रासमेटा गांव-पहुंचविहीन होने से बीजापुर और दंतेवाड़ा जिला होकर पहुंचा अमला, लंका और हांदावाड़ा में मलेरिया जांच के साथ ही शिविर लगाकर 1500 लोगों का इलाज-नारायणपुर में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के छटवें चरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण, 1.42 लाख लोगों की मलेरिया जांचरायपुर। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की टीम अबूझमाड़ के घने जंगलों और दुर्गम क्षेत्रों में मलेरिया की जांच करने पहुंची है। नदी-नालों व पहाड़ी रास्तों को पार कर स्वास्थ्य अमले ने नारायणपुर जिले में घने जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे ओरछा विकासखंड के लंका, पदमेटा, कारंगुल, हांदावाड़ा और रासमेटा गांव पहुंचकर मलेरिया की जांच के साथ ही स्केबीज और मोतियाबिंद की भी स्क्रीनिंग की। नारायणपुर की ओर से पहुंचविहीन होने के कारण टीम लंबा रास्ता तय कर बीजापुर और दंतेवाड़ा जिला के रास्ते इन गांवों तक पहुंची। टीम ने लंका और हांदावाड़ा में मलेरिया जांच के साथ ही शिविर लगाकर 1500 लोगों का इलाज भी किया। नारायणपुर जिले में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के छटवें चरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। इस दौरान वहां एक लाख 42 हजार लोगों की मलेरिया जांच की गई।मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत मलेरिया की जांच करने स्वास्थ्य विभाग की टीम लंका और हांदावाड़ा क्षेत्र में नारायणपुर जिले के अबूझ कहे जाने वाले ओरछा विकासखंड (अबूझमाड़) के धुर नक्सल प्रभावित, घने जंगलों एवं पहाड़ों को पगडंडियों के सहारे पार करते हुए लंका, पदमेटा, कारंगुल और रासमेटा गांव पहुंची। रास्ता न होने के कारण टीम को बीजापुर जिला होते हुए वहां तक पहुंचना पड़ा। खण्ड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ. सुखराम डोरपा के नेतृत्व में सहयोगी डॉक्टरों डॉ. अनुराधा नेताम और डॉ. श्यामबर सिंह के साथ स्टॉफ नर्स कु. सरस्वती दुग्गा ने इन शिविर लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मलेरिया, स्केबीज और मोतियाबिंद की स्क्रीनिंग कर अन्य बीमारियों की भी जांच की। उन्होंने दवाईयां और आवश्यक स्वास्थ्य परामर्श भी दिया।हांदावाड़ा एवं लंका बीहड़ क्षेत्र जहां पहुंचने के लिए बीजापुर और दंतेवाड़ा जिला पार कर जाना पड़ता हैहांदावाड़ा और लंका नारायणपुर जिले के ऐसे बीहड़ एवं दुर्गम गांव हैं जहां जाने के लिए बीजापुर और दंतेवाड़ा की ओर से नदी-नालों को पार कर पहुंचना होता है। बारिश के दिनों में वहां स्थितियां और भी गंभीर होती है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इसी मार्ग के जरिए इन गांवों में पहुंची और ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार जीवनरक्षक दवाईयां निःशुल्क वितरित कीं।मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के छटवें चरण में 17 मई से 16 जून तक नारायणपुर जिले में एक लाख 42 हजार लोगों की मलेरिया जांच की गई। इनमें से पॉजिटिव पाए गए 2566 लोगों का मौके पर ही इलाज शुरू किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस दौरान कुल साढ़े 25 हजार घरों, स्कूलों, आश्रमों, छात्रावासों, पोटा-केबिनों और अर्द्ध-सैनिक बलों के कैंपों में पहुंचकर मलेरिया की जांच की। स्वास्थ्य परीक्षण में 234 लोग टीबी से ग्रस्त पाए गए तथा 181 लोगों की बलगम की जांच के लिए सैंपल लिया गया। मोतियाबिंद स्क्रीनिंग में 730 लोगों ने कम दिखाई देना बताया।नारायणपुर के कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत जांच का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। लेकिन जिले में यह अभियान अभी चलता रहेगा। लक्ष्य के अतिरिक्त भी लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी। ओरछा विकासखंड के अबूझमाड़ क्षेत्र में जहां घना जंगल और पहाड़ से घिरा क्षेत्र है, वहां हम प्राथमिकता से पहुंच रहे हैं। जिले में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकताओं के साथ मितानिनें और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मलेरिया की सघन जांच कर रही हैं। मलेरिया के साथ ही वे स्केबीज, मोतियाबिंद, टीबी, दाद-खाज-खुजली, सर्दी, खांसी सहित अन्य बीमारियों की भी जांच कर रही हैं।
- -रोशनी की उम्मीद लिये देश के सबसे बड़े अस्पताल चेन्नई के शंकरा नेत्रालय पहुंची दृष्टिहीन बहनें चंदा और रियारायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता जल्द ही किसी की अंधेरी दुनिया में उजेला बिखेर सकती है। मुख्यमंत्री के वादे के मुताबिक बलरामपुर जिले के बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली दृष्टिहीन बहनें चंदा और रिया इलाज के लिये चेन्नई के प्रख्यात शंकरा नेत्रालय अस्पताल पहुंच गईं हैं। शुक्रवार को नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टरों के निर्देशन में दोनों बच्चियों की आंखों की प्रारंभिक जांच हुई। वहां के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चियों को जेनेटिक बीमारी है जिसके लिये और भी विस्तृत जांचों की जरूरत है। शनिवार को भी बाकी की जांच की जाएंगी। आपको बता दें कि 5 मई को बलरामपुर के आरागाही गांव के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आर्थिक रूप से कमजोर अनती देवी मुख्यमंत्री से अपनी दोनों दृष्टिहीन बच्चियों की सहायता की मांग करते हुये रो पड़ी थीं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संवेदनशीलता दिखाते हुये अनती देवी से कहा था कि आप चिंता ना करें, आपके बच्चों के इलाज में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। देश के जिस अस्पताल में इलाज होगा हम वहां इलाज कराएंगे। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुये कहा था कि दिल्ली हो या चेन्नई जहां भी इलाज संभव होगा, बच्चियों का इलाज कराएंगे। गरीब परिवार की बच्चियों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद चंदा और रिया को सबसे पहले जांच के लिये रायपुर एम्स लाया गया। जहां डॉक्टरों ने चेन्नई के प्रख्यात शंकरा नेत्रालय जाने हेतु अनुशंसा की। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ दोनों बच्चियों को परिवार सहित चेन्नई भेजा गया है।इन जांचों के बाद तय होगा इलाज - डॉक्टरों के मुताबिक दोनों दृष्टिहीन बहनों को जेनेटिक बीमारी है। शुक्रवार सुबह दोनों की जांच नेत्र विशेषज्ञों द्वारा की गयी। डॉक्टरों का कहना है कि अभी प्रारंभिक जांच की गयी है शनिवार को यूएसजी, ईआरजी, एलवीए-1, ग्लूकोमा के विस्तृत जांच करायीं जाएंगी, उसके बाद ही तय किया जाएगा कि क्या इलाज करना है।
- रायपुर। राज्य में एक जुलाई से रोका-छेका अभियान शुरू हो रहा है। प्रदेश में फसलों की सुरक्षा, किसानों की आय में वृद्धि और मवेशियों को सड़कों से दूर सुरक्षित रखने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीणों और किसानों के सहयोग से रोका छेका अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य आवारा पशुओं से फसल को बचाना है।इसके साथ ही अभियान में वर्षा ऋतु के दौरान पशुओं को होने वाली गलघोटू और एकटंगीया आदि बीमारियों से बचाने के इंतेजाम भी इस दौरान किए जा रहे हैं।पिछले 3 साल से रोका छेका अभियान का प्रत्यक्ष लाभ प्रदेश के किसानों को मिल रहा है पशुओं को रखने के उचित प्रबंधन से पशु खेतों में नहीं आ पा रहे हैं, जिससे फसलों का नुकसान नहीं हो रहा है। पशुओं के रखरखाव से जहां पशुओं की बीमारियां कम हो रही हैं वहीं दुग्ध उत्पादन बढ़ा है। पशुओं के स्वास्थ्य में भी सुधार हो रहा है।सड़कों पर पशुओं के न आ पाने से दुर्घटना में कमी आयी है।छत्तीसगढ़ में रोका-छेका की पुरानी परंपरा रही है, जिसमें ग्रामीण आपसी समन्वय से फसलों की सुरक्षा के लिए पशुओं के रख-रखाव का प्रबंधन करते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ दशकों में खेती में मशीनीकरण के फलस्वरूप किसानी में पशुधन अनार्थिक हो रहे थे, ज्यादातर पशुपालक अपने अपने पशुओं को सडकों पर आवारा छोड़ देते थे। इस समस्या के निदान की पहल करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने रोका-छेका अभियान को जनसहयोग से पुनर्जीवित किया।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार लगातार छत्तीसगढ़ की परम्परा एवं लोक रीतियों के संवर्द्धन और संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ा रही है। सुराजी गांव योजना के तहत मुख्यमंत्री ने गांवों में अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की ओर कई महत्वपूर्ण कदम बढ़ाएं हैं। इसी क्रम में नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के जरिए ग्रामीण व्यवस्था की नींव को पुनः मजबूत बनाया गया। किसानों को खेती के लिए इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। गोबर खरीदी योजना का लाभ भी सीधे पशुपालको को मिला है, अब हर गांव में गौठानों को पूर्ण रूप से सक्रिय किया जा रहा है और यहां महिलाओं को समूह के माध्यम से जोड़कर गोबर से वर्मी कम्पोस्ट समेत अन्य उत्पादन किए जा रहे हैं। गौठानों में आयमूलक गतिविधियां भी संचालित की जा रही है। परिणामस्वरूप गांवों में स्थानीय रोजगार के साधन बढ़े हैं, शहरों की ओर पलायन थमा है और समृद्धि आई है।पशुधन का संवर्द्धन और संरक्षणछत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य होने की वजह से यहां पशुपालको की संख्या भी अधिक है। पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती पशुओं के उचित देखरेख की थी। उचित प्रबंधन के अभाव में पशुपालन के क्षेत्र में लोगों की रुचि भी घट रही थी जिनके पास पशु होते थे वे इन्हें आवारा छोड़ देते थे लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों से अब परिस्थितियां बदल रही हैं, पशुधन अनार्थिक नहीं रहे। गोबर खरीदी, खाद निर्माण, गौठानों के बन जाने से राज्य में पशुधन की संख्या बढ़ी है। नवाचारी योजनाओं से अब पशुपालन की चुनौती कम हुई है, उन्हें अब गोबर खरीदी का प्रत्यक्ष लाभ मिला है। रोका-छेका अभियान से पशुओं को नियंत्रित रखा जा रहा है जिससे सड़क में दुर्घटना की संभावना और खेतों में फसल का नुकसान कम हुआ है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर गांवों में गौठानों में आवारा पशुओं को रखा जा रहा है, यहां पर्याप्त चारा, पैरा आदि की व्यवस्था करने के साथ-साथ ग्रीष्मकालीन धान की फसल के पैरादान के लिए कृषकों को प्रेरित करने की पहल भी की गई, गौठानों में चारागाह की स्थापना भी की जा रही है। यहां चारा का उत्पादन भी किया जा रहा है। रोका-छेका अभियान में स्थानीय एवं ग्रामीणों जनों की मदद से खेती को सुरक्षित रखने की कवायद को सफलता मिल रही है। यह खेती किसानी को मजबूत करने की दिशा में शुभ संकेत है।
- बिलासपुर। कलेक्टर बिलासपुर द्वारा जिले के विभिन्न शासकीय विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों एवं कर्मचारियों के मासिक एवं दैनिक न्यूनतम वेतन, परिवर्तनशील महंगाई भत्ते का पुनः निर्धारण किया गया है। यह निर्धारण 1 अप्रैल 2022 से 30 सितंबर 2022 तक के लिये किया गया है।जारी आदेश के अनुसार अकुशल श्रेणी जोन ब के श्रमिकों को अब प्रतिमाह 9800 रूपये, और जोन ‘स’ के श्रमिकों को 9540 रूपये प्राप्त होगा। पार्ट टाइम चार घंटे काम करने पर जोन ब के श्रमिकों को 327 रू. एवं जोन स के श्रमिकों को 318. रू. मिलेंगे। इसी प्रकार अर्द्धकुशल श्रेणी जोन ब के श्रमिकों को 10450 और जोन स के श्रमिकों को 10190 रूपये प्रतिमाह प्राप्त होंगे। पार्ट टाइम चार घंटे जोन ब के श्रमिकों को 348 और जोन स के श्रमिकों को 340 रूपये मिलेंगे। उच्च कुशल श्रेणी में श्रमिकों जोन ब के श्रमिकों को 12010 रूपये और जोन स के श्रमिकों को 11750 रूपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा।पार्ट टाईम चार घंटे काम करने पर जोन ब के श्रमिको को 400 रूपए तथा जोन स के श्रमिकों को 392 रूपए मिलेंगे।
- बिलासपुर । जिले के अंतर्गत दिवगंत शासकीय सेवक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए प्रस्तुत आवेदनों एवं दस्तावेजों का समान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नियमों के अनुरूप परीक्षण किया जा रहा है। इस क्रम में मस्तूरी विकासखंड के प्राथमिक शाला दलदली के दिवगंत शासकीय सेवक श्री अंजोर दास मोहले के आश्रित परिवार की सूची में से पत्नी श्रीमती सरिता बाई की नियुक्ति के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत दिवगंत शासकीय सेवक श्री स्व. मुरलीधर सिंह के आश्रित परिवार के सदस्य कोटा के बिरगहनी गांव के निवासी सावित्री बाई का आवेदन प्राप्त हुआ है। दिवगंत शासकीय सेवक सहायक शिक्षक स्व. श्री कपिलनाथ आर्मो के परिवार से चपोरा गांव की निवासी श्रीमती मीरा आर्मो ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया है। इसी प्रकार उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर कार्यरत दिवगंत शासकीय सेवक स्व. श्री मनोज कुमार भारद्ववाज के परिवार से मस्तूरी के गांव ध्रवाकारी निवासी श्री एम.लिंकन भारद्ववाज ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया है। इसी प्रकार भृत्य के पद पर कार्यरत शासकीय सेवक स्व. श्री संपत सिंह की मृत्यु पर कोटा के टेंगनमाड़ा निवासी पुत्र श्री यशवंत कुमार ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया है।जिला शिक्षा अधिकारी श्री डी.के. कौशिक ने आम जनता से अपील की है कि उपरोक्त दिवगंत शासकीय सेवको के आश्रित परिवार मे से किसी भी सदस्य के केंन्द्र या राज्य के शासकीय सेवा में कार्यरत होने की जानकारी मिलने पर तत्काल डाक के माध्यम से या स्वयं उपस्थित होकर बिलासपुर के पुराना कम्पोंजिट बिल्डिंग स्थित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को अवगत कराए।
- बिलासपुर । बारिश के दौरान मिनीमाता बांगो बांध का जल स्तर बढ़ने पर गेट खोला जा सकता है। इसके लिए आम जनता को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए है। मिनीमाता बांगो बांध कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान स्थिति में बांगो बांध में लगभग 50 प्रतिशत जल भराव है। अधिक वर्षा कीे स्थिति में जल स्तर बढ़ने पर गेट खोलकर हसदेव नदी में जल प्रवाहित किया जा सकता है।कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन संभाग मिनीमाता बांध माचाडोली द्वारा सभी आम जनता, ग्रामीणों, हसदेव नदी के किनारे बाढ़ क्षेत्र में आने वाले गांव बांगो, चर्रा, पोंड़ी उपरोड़ा, कोनकोना, लेपरा, टुनियाकछार, पाथा, गाड़ाघाट, छिनमेर, कछार, कल्मीपारा सिलयारीपारा, जुनापारा, तिलाईडांड, डुगुपारा, टुंगुमाड़ा, छिर्रापारा, मछलीबाटा, कोरियाघाट, धनगांव, डोंगाघाट, नरमदा, औराकछार, सोनमुड़ा, जेल गांव, झाबू, नवांगांव, तिलसाभाठा, लोतलोता, स्याहीमुड़ी, कोडा, हथमार, झोरा, सिरकीकला, के लोगो को अपनी स्थापित चल-अचल संपत्ति सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश जारी किए गए है। बाढ़ क्षेत्र में स्थापित खनिज खदान, ठेकेदार, औद्योगिक इकाईयों, संस्थानों व ट्रक, ट्रेक्टर इत्यादि वाहन मालिक को आगाह किया है कि वे अपनी परिसम्पत्तियों, सामग्री, वाहन मशीनरी को सुरक्षित रख लें ताकि किसी प्रकार की कोई क्षति न हो पाये।
- - आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 20 जूनरायपुर । इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, नवा रायपुर द्वारा ' हुनर से रोजगार तक ' थीम पर युवाओं को तीन पाठ्यक्रमों में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 20 जून और कोर्स प्रारंभ होने की निर्धारित तिथि 27 जून है।जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि मल्टी क्वीजिन प्रशिक्षण के लिए शैक्षणिक योग्यता 8 - 10 वीं पास है। इसका प्रशिक्षण 6 से 8 सप्ताह का होगा। स्कील टेस्टिंग एण्ड सर्टिफिकेशन प्रशिक्षण हॉटल स्टाफ के लिए होगा।इसकी अवधि 6 दिवस है। इंटरप्रोन्यूरशी प्रोग्राम 8वीं पास युवाओं के लिए है। इसकी अवधि4 सप्ताह है।पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या अधिक होना अनिवार्य है। ये पाठ्यक्रम पूर्णतः निःशुल्क है! संबंधित क्षेत्र में नौकरी या व्यापार करने वाले इच्छुक आवेदकों का चयन किया जावेगा। चयनित अभ्यर्थियों को निःशुल्क वर्दी व पाठ्य सामग्रियां प्रदान की जायेंगी। सफलतापूर्वक कोर्स संपन्न करने वाले अभ्यर्थियों को नियमानुसार स्टायपण्ड दिया जावेगा। इच्छुक व्यक्ति प्रवेश हेतु आवेदन पत्र इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, सेक्टर-40, उपरवारा, नवा रायपुर, अटल नगर अथवा वेबसाईट www.ibmraipur.com से प्राप्त कर सकते है। इन कोर्स की विस्तृत जानकारी दूरभाष क्र 0771 2972411/2990302 एवं संस्थान की वेबसाईट www.ibmraipur.com से भी प्राप्त की जा सकती है।
- दुर्ग । वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुये उन्हें संरक्षण देने हेतु राज्य में छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम-के तहत् 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को ’’बंद ऋतु क्लोज सीजन’’ के रूप में घोषित किया गया है।मत्स्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस बंद ऋतु में जिले के अन्तर्गत समस्त नदियों-नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों में जिन पर सिंचाई के तालाब जलाशय (बड़े या छोटे) जो निर्मित किये गये हैं। इनमें सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून से 15 अगस्त 2022 तक पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। उन्होंने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के अन्तर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास या पांच हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनो एक साथ होने का प्रावधान हैं। उन्होंने बताया कि यह नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी नाले से नहीं हैं उन पर लागू नहीं होगा।
- दुर्ग। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर नशापान करने की प्रवृत्ति की रोकथाम तथा समाज में नशामुक्ति के पक्ष में सकारात्मक वातावरण निर्मित करने 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस का आयोजन विभिन्न विभागों द्वारा किया जाएगा।नशा पीड़ितो की संख्या में सतत् वृद्धि होना चिन्ता का विषय है। इसके रोकथाम के लिए समुदाय की सहभागिता अनिवार्य है। नशापान के विरूद्ध व्यापक जनमत विकसित करने के लिए 26 जून को अंर्तराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर रेडियो एवं दूरदर्शन से नशामुक्ति कार्यक्रमों का प्रसारण, जिले के समस्त विभागों से समन्वय से नशापान के विरूद्ध समुचित कार्यवाही, जन सामान्य की सहभागिता से रैली, प्रदर्शनी, प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, परिचर्चा, गोष्ठियां, सेमीनार कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही यथासंभव नशा पीड़ितों से प्रत्यक्ष संवाद विकसित किया जाकर उन्हें नशापान के दुष्परिणामों की जानकारी देना, नशामुक्ति साहित्यों का वितरण, नशा तथा एड्स प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार, विद्यार्थियों में नशापान के विरूद्ध जागरूकता लाने हेतु विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालय में नशापान न करने हेतु प्रेरक उद्बोधन का आयोजन होगा। इसके अतिरिक्त स्थानीय संस्कृति एवं परम्पराओं के अनुरूप अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
- दुर्ग । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन 21 जून को कलेक्ट्रेट परिसर दुर्ग में स्थित शताब्दी गार्डन में किया जाएगा। बारिश की स्थिति में यह आयोजन खालसा पब्लिक स्कूल मालवीय नगर में होगा। कार्यक्रम के संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अधिकारियों के उत्तरदायित्व सुनिश्चित किए हैं संयुक्त कलेक्टर डॉ. प्रियंका वर्मा आयोजन की संयोजक एवं प्रभारी अधिकारी होंगी। एसडीएम दुर्ग श्री मुकेश रावटे को उत्तरदायित्व कार्यक्रम की तैयारियों का होगा। उपसंचालक समाज कल्याण कार्यक्रम से जुडे़ हुए विभागों से समन्वय कर कार्यक्रम समय सीमा पर पूरा कराएंगे। नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों में भी कार्यक्रम आयोजन के निर्देश दिए गए हैं इन निकायों में धार्मिक ऐतिहासिक, पर्यटन स्थल का चयन कर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ हाई स्कूल तथा हायर सेंकडरी स्कूलों में, महाविद्यालयों में तथा ग्राम पंचायत स्कूलों में यह आयोजन किया जाएगा
- -मुख्यमंत्री ने ‘बच्चों का नशे की आदत से बचाव, चुनौतियां व समाधान‘ विषय पर कार्यशाला का किया शुभारंभ-छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग का स्थापना दिवस-मुख्यमंत्री ने आयोग की नई वेबसाइट को किया लॉंचरायपुर। छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग का स्थापना दिवसबच्चों में नशे की बढ़ती आदतें न सिर्फ उनसे उनका बचपन छीन रही हैं, बल्कि उनका जीवन भी छीन रही हैं। नयी जीवन शैली में बहुत कुछ ऐसी चीजें शामिल होती जा रही हैं, जो सुविधाएं देने के साथ-साथ नये खतरे भी निर्मित कर रही हैं। इन्हीं में से एक मोबाइल फोन भी है। बड़े-बुजुर्गों की जिम्मेदारी है कि बच्चों को नशे से दूर रखें। बच्चे बड़ो को आदर्श मानते हैं और उनका अनुसरण करते है। बच्चों के सामने ऐसी छवि बनाएं, ताकि बच्चे नशे की तरफ आकर्षित न हों। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक दायित्व है। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।मुख्यमंत्री ने राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित इस कार्यशाला का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयोग की नई वेबसाइट को लॉंच किया। उन्होंने आम लोगों में नशे के प्रति जागरूकता लाने के लिए ब्रोशर और लईका मन के गोठ पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने प्रतिभाशाली बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेज कुंवर नेताम और सदस्यगण उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे समाज में बच्चों के अधिकारों का हनन इतना आम हो चुका है कि यह अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। उन्होंने पुराने दिनों के प्रसंग को याद करते हुए बताया कि बचपन में बच्चे किसी न किसी तरह से नशे के करीब जाते हैं। जब बच्चों की उम्र बढ़ती है तो उनका आकर्षण नशे के प्रति बढ़ते जाता है और वे नशे के आदी हो जाते हैं। यह नशा बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की परिस्थितियां ऐसी थी कि बच्चे घर से बाहर नहीं जा पाते थे इसने बच्चों में मोबाइल की लत को बढ़ावा दिया। बच्चे ऑनलाइन गेम के साथ ऐसी चीजे भी देखते हैं जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। मुख्यमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा बच्चों को मोबाइल से दूर रखना है तो बच्चों को व्यस्त रखें, उन्हें ऐसी गतिविधियों से जोडं़े जो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखे। उन्हें खेलने के लिए प्रेरित करें। बच्चे यदि घर में हों तो हमारे पारम्परिक खेल जैसे भौरा, कंचे जैसे खेल खिलाएं और सबसे बड़ी बात ये है कि बच्चों के माता-पिता बच्चों को समय दे, तथा बच्चों के साथ खेल तथा अन्य गतिविधियों में उनके सहभागी बने। मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ रायपुर, बिलासपुर और सूरजपुर में चल रहे अभियान को पूरे प्रदेश में लागू करने की भी आवश्यकता बताई।छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग का स्थापना दिवसस्कूल शिक्षा मंत्री श्री टेकाम ने कहा कि बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए स्कूलों में औपचारिक शिक्षा दी जा रही है। शासन का प्रयास है कि स्कूलों के पास नशे की दुकान न हों। फिर भी बच्चों में नशे की लत देखने को मिलती है। इसके लिए समाज और स्वैच्छिक संस्थानों की मदद जरूरत है। काउंसलिंग, शिविर और बच्चों को सचेत करने के लिए दृश्य-श्रव्य माध्यमों का प्रयोग कर नशे के नुकसान के बारे में बताया जाना चाहिए।छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग का स्थापना दिवसआयोग की अध्यक्ष श्रीमती नेताम ने आयोग द्वारा बच्चों के संरक्षण के लिए किए जा रहे कामों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए शासकीय प्रयासों के साथ-साथ समाज की भी जिम्मेदारी होनी चाहिए। माता-पिता के साथ परिवार के अन्य सदस्य बच्चों को जागरूक करें और नशे से होने वाली दुष्प्रभावों को बताएं। कार्यशाला में विभिन्न शासकीय विभागों और संस्थानों के अधिकारीगण शामिल हुए।
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*पौष्टिक आहार की कमी और कृमि से बच्चों में होता है एनीमिया*
रायपुर. . एनीमिया यानि रक्ताल्पता से एक बड़ी आबादी जिसमें महिलाओं से लेकर बच्चे शामिल हैं, लगातार पीड़ित हैं। आम बोलचाल की भाषा में एनीमिया का मतलब खून यानि हीमोग्लोबिन की कमी है। किसी व्यक्ति में एनीमिया तब होता है जब रक्त में लाल रूधिर कण यानि आरबीसी के नष्ट होने की दर उसके निर्माण के दर से अधिक हो। एनीमिया को गंभीरता से नहीं लेने पर आगे चलकर यह गंभीर रुप धारण कर लेता है। इसलिए इसके प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। महिलाओं में मासिक धर्म और गर्भावस्था में यदि एनीमिया का समुचित उपचार नहीं किया गया तो यह अनेक रोगों का कारण भी बनता है। एनीमिया की गंभीरता को देखते हुए सरकार द्वारा इसके बचाव और नियंत्रण के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
शासकीय आयुर्वेद कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि एनीमिया के अनेक प्रकार हैं। लेकिन सभी तरह की एनीमिया में त्वचा, जीभ, नाखूनों और पलकों के अंदर सफेद दिखाई देना, कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट, लेटकर या बैठकर खड़े होने पर चक्कर आना, सांस फूलना, हृदय गति का तेज होना, बेहोशी आना, चेहरे व पैरों पर सूजन आना, बालों का झड़ना जैसे मुख्य लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे ही किसी व्यक्ति में यह लक्षण दिखाई दें उन्हें तत्काल सरकारी स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
बच्चों में एनीमिया पौष्टिक आहार की कमी और कृमि के कारण होता है। महिलाओं में एनीमिया का प्रमुख कारण मासिक धर्म के समय अत्यधिक रक्तस्राव और गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार के सेवन का अभाव है। साथ ही हमारी सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियां जिसमें महिलाओं का परिवार में आखिर में बचा भोजन ग्रहण करने की परंपरा भी इसके लिए जिम्मेदार है। इसके चलते महिलाओं को सुपोषण नहीं मिल पाता। महिलाओं और बच्चों में एनीमिया के लिए कुपोषण की भी प्रमुख भूमिका है। सरकार द्वारा शिशु और महिला सुपोषण अभियान सतत रूप से चलाया जा रहा है। इन अभियानों में और अधिक जन-जागरूकता की आवश्यकता है।
डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि आयुर्वेद में एनीमिया को पांडुरोग कहा जाता है जो पित्त दोष की विषमता से होता है। सिकलसेल एनीमिया, रक्त कैंसर, अल्सर से रक्तस्राव, अत्यधिक रक्तस्राव सहित अन्य गंभीर बीमारियों के कारण होने वाले एनीमिया का उपचार चिकित्सा परामर्श, दवाओं एवं विभिन्न थैरेपी द्वारा विशेषज्ञ करते हैं। सामान्य तौर पर पौष्टिक आहार और जागरूकता से एनीमिया से बचाव संभव है। एनीमिया से बचाव के लिए नियमित रूप से प्रोटीन, आयरन, विटामिन-सी से परिपूर्ण आहार जैसे रोटी, दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, लालभाजी, मुनगा यानि सहजन, कद्दू, केला, शकरकंद, चुकंदर, अनार, आंवला, नींबू, संतरा, केला, सेब, अमरूद, अंडा, दूध, दही, अंजीर, किशमिश, खजूर, गुड़-चना, हल्दी मिला दूध, तिल, मेथी व अजवाइन को शामिल करते हुए नियमित व्यायाम और योग को शामिल करना चाहिए। साथ ही चाय, कॉफी, कोल्ड-ड्रिंक्स, शराब और धूम्रपान का परहेज करना चाहिए।
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कार दुर्घटना में चार की मौत, तीन घायल
बस्ती (उत्तर प्रदेश). बस्ती जिले के कप्तानगंज थाना अंतर्गत खजुहा गांव के पास सड़क दुर्घटना में कार सवार चार लोगों की मौत हो गई! पुलिस के अनुसार कार काफी तेज गति में थी और वह डिवाइडर से टकराने के बाद एक ट्रक से भी टकरा गई। कप्तानगंज की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतकों व घायलों को कार से निकाला। एक ही परिवार के तीन सदस्यों और चालक की मौके पर ही मौत हो गई । उन्होंने बताया कि पीड़ित लोग गोरखपुर जिले में शाहगंज थाना अंतर्गत पादरी बाजार के निवासी थे और फतेहपुर जनपद से गोरखपुर जा रहे थे। कार में एक ही परिवार के सात लोग सवार थे। पुलिस उपाधीक्षक कलवारी विनय चौहान ने दुर्घटना में चार मृतकों की पुष्टि करते हुए बताया कि तीनों घायलों को जिला अस्पताल से गोरखपुर भेजा गया है । - नयी दिल्ली भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के मध्य और पूर्वी भारत की ओर बढ़ने तथा एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के सभी हिस्सों में लू की स्थिति में नरमी आई है। विभाग का कहना है कि 29 जून तक लू के हालात में नरमी बने रहने का अनुमान है।उत्तर पश्चिमी भारत दो जून से जबकि मध्य भारत 10 जून से गर्म और शुष्क पश्चिमी हवाओं के कारण लू की चपेट में था। आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में तीन जून से शुरू हुई लू का असर 12 जून तक रहा। हालांकि, लू का प्रभाव कम होने के बाद भी 15 जून तक दिल्ली, दक्षिणी हरियाणा, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों पर यह हावी रहा। विभाग के मुताबिक, झारखंड, पश्चिम बिहार, उत्तरी ओडिशा और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में भी 10 जून से 15 जून तक लोगों को लू का सामना करना पड़ा। आईएमडी ने कहा, ‘‘लू का प्रकोप आज (16 जून) कम हो गया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के मध्य और पूर्वी भारत की ओर बढ़ने तथा एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण इसकी स्थिति में नरमी आई है।'' इसने कहा कि देश के उत्तर-पश्चिमी और मध्य भागों में अधिकतम तापमान में पांच से 10 डिग्री सेल्सियस तक की कमी आई है। मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 23 जून से 29 जून के बीच मध्य भारत के शेष हिस्सों और उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में पहुंचने की संभावना है।
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*मुख्यमंत्री ने ‘बच्चों का नशे की आदत से बचाव, चुनौतियां व समाधान‘ विषय पर कार्यशाला का किया शुभारंभ**छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग का स्थापना दिवस*
*मुख्यमंत्री ने आयोग की नई वेबसाइट को किया लॉंच*
रायपुर . बच्चों में नशे की बढ़ती आदतें न सिर्फ उनसे उनका बचपन छीन रही हैं, बल्कि उनका जीवन भी छीन रही हैं। नयी जीवन शैली में बहुत कुछ ऐसी चीजें शामिल होती जा रही हैं, जो सुविधाएं देने के साथ-साथ नये खतरे भी निर्मित कर रही हैं। इन्हीं में से एक मोबाइल फोन भी है। बड़े-बुजुर्गों की जिम्मेदारी है कि बच्चों को नशे से दूर रखें। बच्चे बड़ो को आदर्श मानते हैं और उनका अनुसरण करते है। बच्चों के सामने ऐसी छवि बनाएं, ताकि बच्चे नशे की तरफ आकर्षित न हों। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक दायित्व है। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित इस कार्यशाला का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयोग की नई वेबसाइट को लॉंच किया। उन्होंने आम लोगों में नशे के प्रति जागरूकता लाने के लिए ब्रोशर और लईका मन के गोठ पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने प्रतिभाशाली बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेज कुंवर नेताम और सदस्यगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे समाज में बच्चों के अधिकारों का हनन इतना आम हो चुका है कि यह अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। उन्होंने पुराने दिनों के प्रसंग को याद करते हुए बताया कि बचपन में बच्चे किसी न किसी तरह से नशे के करीब जाते हैं। जब बच्चों की उम्र बढ़ती है तो उनका आकर्षण नशे के प्रति बढ़ते जाता है और वे नशे के आदी हो जाते हैं। यह नशा बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की परिस्थितियां ऐसी थी कि बच्चे घर से बाहर नहीं जा पाते थे इसने बच्चों में मोबाइल की लत को बढ़ावा दिया। बच्चे ऑनलाइन गेम के साथ ऐसी चीजे भी देखते हैं जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। मुख्यमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा बच्चों को मोबाइल से दूर रखना है तो बच्चों को व्यस्त रखें, उन्हें ऐसी गतिविधियों से जोडं़े जो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखे। उन्हें खेलने के लिए प्रेरित करें। बच्चे यदि घर में हों तो हमारे पारम्परिक खेल जैसे भौरा, कंचे जैसे खेल खिलाएं और सबसे बड़ी बात ये है कि बच्चों के माता-पिता बच्चों को समय दे, तथा बच्चों के साथ खेल तथा अन्य गतिविधियों में उनके सहभागी बने। मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ रायपुर, बिलासपुर और सूरजपुर में चल रहे अभियान को पूरे प्रदेश में लागू करने की भी आवश्यकता बताई।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री टेकाम ने कहा कि बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए स्कूलों में औपचारिक शिक्षा दी जा रही है। शासन का प्रयास है कि स्कूलों के पास नशे की दुकान न हों। फिर भी बच्चों में नशे की लत देखने को मिलती है। इसके लिए समाज और स्वैच्छिक संस्थानों की मदद जरूरत है। काउंसलिंग, शिविर और बच्चों को सचेत करने के लिए दृश्य-श्रव्य माध्यमों का प्रयोग कर नशे के नुकसान के बारे में बताया जाना चाहिए।
आयोग की अध्यक्ष श्रीमती नेताम ने आयोग द्वारा बच्चों के संरक्षण के लिए किए जा रहे कामों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए शासकीय प्रयासों के साथ-साथ समाज की भी जिम्मेदारी होनी चाहिए। माता-पिता के साथ परिवार के अन्य सदस्य बच्चों को जागरूक करें और नशे से होने वाली दुष्प्रभावों को बताएं। कार्यशाला में विभिन्न शासकीय विभागों और संस्थानों के अधिकारीगण शामिल हुए।
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वित्त मंत्रालय ने बैंकों से ‘अग्निवीर' के लिये रोजगार के अवसर तलाशने को कहा
नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को ‘अग्निवीर' के लिये रोजगार के अवसर तलाशने को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 जून को सशस्त्र बलों के लिये एक अल्प अवधि की नियुक्ति योजना ‘अग्निपथ' को मंजूरी दी। इस योजना के तहत चयनित युवाओं को ‘अग्निवीर' के रूप में जाना जाएगा। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह भी निर्णय किया गया कि बैंक कौशल बढ़ाने, कारोबार स्थापित करने के लिये शिक्षा और स्वरोजगार को लेकर उपयुक्त कर्ज सुविधाओं के माध्यम से ‘अग्निवीर' को मदद देने की संभावनाएं तलाशेंगे। बयान के अनुसार ‘अग्निवीर' को इस तरह का समर्थन देने के लिये मुद्रा और ‘स्टैंड अप इंडिया' जैसी मौजूदा सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जाएगा। वित्तीय सेवा सचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, सरकारी बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक की। बैठक का मकसद इस बात का पता लगाना था कि ये संस्थान सेवा अवधि समाप्त होने पर ‘अग्निवीर' की मदद कैसे कर सकते हैं। बैठक में सैन्य मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव ने अग्निपथ योजना के मुख्य पहलुओं पर जानकारी दी।बयान के अनुसार, बैठक के दौरान यह निर्णय किया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, सरकारी बीमा कंपनियां और वित्तीय संस्थान उपयुक्त लाभ / छूट आदि के माध्यम से शैक्षणिक योग्यता और कौशल के आधार पर ‘अग्निवीर' के लिये रोजगार के अवसर तलाशेंगे। -
शासकीय बालक खेल परिसर गोगांव में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी जाएगी प्रवेश
फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून तक निर्धारितचयन परीक्षा 10 बैटरी टेस्ट के आधार पर किया जाएगारायपुर . शासकीय बालक खेल परिसर गोगांव, रायपुर में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रवेश दी जाएगी। प्रवेश पंजीयन फार्म भर कर जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून को शाम 4 बजे तक निर्धारित की गई है।आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री तारकेश्वर देवांगन ने बताया कि संस्था में प्रवेश केवल अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिये है। प्रवेश हेतु पंजीयन फार्म निःशुल्क है। प्रवेश हेतु कक्षा 6वीं के लिये- 11वर्ष तथा कक्षा 7वीं के लिये 12 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है। खिलाड़ी छात्र एवं ऊंचे कद के छात्रों को प्राथमिकता दी जावेगी। प्रवेश पंजीयन फार्म बालक खेल परिसर (अन्य पिछड़ा वर्ग) छात्रावास शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गोगांव बाजार चौक रायपुर से कार्यालयीन दिवस में समय 11 बजे से 3 बजे तक प्राप्त किया जा सकता है।उन्होंने बताया कि अंतिम चयन 6 एवं 7 जुलाई को पूर्व माध्यमिक शाला बाजार चौक गोगांव रायपुर में सुबह 9 बजे से किया जाएगा। चयन प्रक्रिया 10 बैटरी टेस्ट के आधार पर किया जाएगा। जिसमें उछाल परीक्षण, सिट अप, पुश अप, शरीर के ऊपरी भाग को मोड़ना, शटल दौड़, दृसहन शक्ति परीक्षण (400 मीटर, 800 मीटर दौड़), लम्बी कूद, बॉल थ्रो, स्टेड़डीग ब्राँड जम्प, 50/100 मीटर दौड़ शामिल है। छात्रों को चयन प्रक्रिया में सम्मिलित होने के लिये उत्तीर्ण कक्षा की अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाते की छायाप्रति एवं दो पासपोर्ट साईज का फोटो लाना अनिवार्य है। चयन प्रक्रिया हेतु छात्रों को स्पोर्ट किट (टी शर्ट, निकर, जूता) में उपस्थित होना होगा।उन्होंने बताया कि चयनित छात्रों को प्रतिदिन सुबह 6 बजे से 8.30 बजे तक एवं शाम 4 बजे से सूर्यास्त तक खेल मैदान में अभ्यास करना अनिवार्य होगा। प्रवेशीत छात्रों को निःशुल्क सुविधाएः- आवास, नाश्ता, भोजन, गणवेश, ट्रेक-सूट, जूता-मोजा, एवं शिष्यवृत्ति तथा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली अन्य सुविधाए प्रदान की जाएगी। विस्तृत जानकारी के लिये गोगांव खेल परिसर के कोच से मो.नं. 9752126662 एवं अधीक्षक से मो. नं 91-8839143320 पर कार्यालयीन अवधि में सम्पर्क किया जा सकता है। -
भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए निगम प्रशासन पूरी तरीके से तैयार है। महापौर नीरज पाल के निर्देश पर भिलाई निगम ने इसके लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है। निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने आपदा प्रबंधन को लेकर निगम के आला अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली। उन्होंने आपदा से निपटने नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति कर दी है वही अलग-अलग कार्यों की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी है। निगम में आपदा प्रबंधन से निपटने कंट्रोल रूम भी तैयार किया जाएगा। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अधिकारी सदैव अलर्ट रहेंगे। बैठक में निगम आयुक्त ने कहा कि यदि आपदा में अतिक्रमण बाधा बन रही हो तो अभी से क्लियर कर ले, उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि शहर में जलभराव की स्थिति निर्मित नहीं होनी चाहिए। आपदा से संबंधित सारी तैयारियां अधिकारी अभी से कर ले। हालाकि मानसून की शीघ्रता को देखते हुए निगम प्रशासन ने तैयारियां पुख्ता कर ली है। निगम आयुक्त ने निर्देश दिए कि जहां भी मुख्य सड़कों के किनारे नाली के समीप मलबा रखा हो उसे शीघ्र अति शीघ्र हटाने की कार्यवाही करें। बारिश के दिनों में मलबा नाली में चले जाने से नाली जाम होने का खतरा बढ़ सकता है। आपदा में किसी प्रभावित को शरण देने के लिए भवन भी चिन्हित किए जा रहे हैं। सक्शन यूनिट, सक्शन कम जैटिंग यूनिट, जेसीबी, डंपर, एप्पे, ट्रैक्टर आदि वाहने हमेशा तैयार रहेंगे। बैठक में अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, उपायुक्त रमाकांत साहू, सभी जोन आयुक्त, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, जोन स्वास्थ्य अधिकारी, सभी सहायक अभियंता, सभी सहायक राजस्व अधिकारी, वाहन शाखा के अधिकारी सहित अन्य मौजूद रहे।
*पाइपलाइन लीकेज में ढिलाई बरती तो होगी कार्रवाई* आयुक्त ने बैठक में कहा कि पाइप लाइन लीकेज जहां पर भी नजर आए तत्काल उसका स्थाई रूप से समाधान करें। पाइप लाइन लीकेज का अस्थाई समाधान कोई हल नहीं है उन्होंने कहा कि यदि स्थाई समाधान नहीं किया गया तो संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए उन्होंने स्वयं भी निरीक्षण करने की बात बैठक में कही।
*सभी जोन आयुक्त से तैयारियों के ली जानकारी* निगम आयुक्त ने सभी जोन आयुक्त से उनके क्षेत्रों में होने वाले जलभराव वाले स्थानों के बारे में सभी से जानकारी ली। इन क्षेत्रों पर विशेष सावधानी रखने के निर्देश उन्होंने दिए। जोन आयुक्तों ने बताया कि आपदा से निपटने सभी तैयारियां की जा रही है। वाहन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को विशेष रुप से अलर्ट रहने के निर्देश बैठक ने दिए गए हैं।
*आपदा से निपटने 24 घंटे अलर्ट रहें-आयुक्त* निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने कहा कि आपदा के समय आपदा से निपटने सभी को विशेष रूप से 24 घंटे अलर्ट रहने की आवश्यकता है, सभी के मोबाइल नंबर सदैव चालू रहना चाहिए ताकि किसी प्रकार की विपरीत स्थितियों से निपटा जा सके, उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के संसाधनों को अद्यतन कर ले।
*सभी जोन से पानी की होगी टेस्टिंग* निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने बैठक में निर्देश दिए कि सभी जोन क्षेत्र से पानी का सैंपल लैब में परीक्षण हेतु भेजा जाए और रिपोर्ट के आधार पर इस अनुसार से आगे की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बारिश के दिनों में जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है जिसको देखते हुए पानी की सैंपलिंग आवश्यक है। - *मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ मॉडल पर हुआ प्रस्तुतिकरण**मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने शिक्षा, कृषि और नगरीय विकास के बारे में दी जानकारी**विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की नीति आयोग ने भी की सराहना*रायपुर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 15 से 17 जून तक आयोजित मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने छत्तीसगढ़ मॉडल के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने शिक्षा, कृषि और नगरीय विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल के बारे में विस्तार से बताया। यह सम्मेलन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ मॉडल की नीति आयोग ने भी सराहना की है। मुख्य सचिव श्री जैन ने छत्तीसगढ़ मॉडल के तहत राज्य के शिक्षा, कृषि और नगरीय विकास की योजनाओं, नवाचारों तथा इनके क्रियान्वयन से हो रहे परिणाममूलक बदलावों के विषय में जानकारी दी। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, कलेक्टर दंतेवाड़ा श्री दीपक सोनी, कलेक्टर गरियाबंद श्री प्रभात मलिक भी मुख्य सचिव के साथ थे।
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राजधानी में फ्लाईओवर और अंडरब्रिज का लोकार्पण और चार पुल व पहुंच मार्ग का होगा शिलान्यास
रायपुर,/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 17 जून को रायपुर शहर व जिले के आम नागरिकों की सुविधाओं के लिए अनेक विकास कार्यों की सौगात देने जा रहे हैं। यहां कमल विहार रायपुर के निकट एनएच-30 पर फ्लाई ओवर एवं अग्रसेन चौक से रामनगर मार्ग पर तेलघानी नाका के निकट रेलवे अंडरब्रिज के निर्माण कार्य का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री बघेल करेंगे। साथ ही आरंग से खपरी पहुंच मार्ग में अकोली खुर्द के पास नाला में पुलिया निर्माण कार्य, टेकारी-पलौद मार्ग पर पलौद नाला में उच्चस्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग, बिरोदा से सिंगारभाठा मार्ग पर कोलर नाला एवं टंकी नाला पर उच्चस्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग तथा लखना-चम्पारण मार्ग में शक्ति नाला पर उच्चस्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग के निर्माण कार्य के लिए शिलान्यास किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में होने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गृह एवं लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में संसदीय कार्य मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, रायपुर लोकसभा सांसद श्री सुनील सोनी व राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, संसदीय सचिव लोक निर्माण विभाग श्री चिंतामणि महाराज, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, विधायक श्री धनेन्द्र साहू, विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल एवं रायपुर नगर पालिक निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर मौजूद रहेंगे।