भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रचा इतिहास, ओलंपिक में 4 दशक बाद जीता पदक
तोक्यो। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को हराकर तोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है। भारत ने 1980 के बाद पहली बार ओलंपिक में कोई पदक अपने नाम किया है। सिमरनजीत सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने दो बार पिछडऩे के बाद जोरदार वापसी करते हुए गुरुवार को यहां रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर ओलंपिक में 41 साल बाद कांस्य पदक जीता।
आठ बार की ओलंपिक चैंपियन और दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी, लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही। भारत के लिए सिमरनजीत सिंह (17वें मिनट और 34वें मिनट) ने दो जबकि हार्दिक सिंह (27वें मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वें मिनट) और रुपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किया। दुनिया की चौथे नंबर की टीम जर्मनी की ओर से तिमूर ओरूज (दूसरे मिनट), निकलास वेलेन (24वें मिनट), बेनेडिक्ट फुर्क (25वें मिनट) और लुकास विंडफेडर (48वें मिनट) ने गोल दागे। आखिरी वक्त में जिस तरह गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने जर्मन के हर हमले को कुंद कर दिया, वह फैन्स के जेहन में लंबे समय तक रहेगा। जीत के बाद सबसे ज्यादा मस्ती में श्रीजेश ही नजर आए।
आठ बार की चैंपियन भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में जीता था।
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